राष्ट्रीय
भारतीय सेना प्रमुख जरनल मनोज मुकुंद नरवणे अगले महीने नेपाल का दौरा करेंगे. भारत और नेपाल के बीच हाल में सीमा विवाद बढ़ने के बाद यह भारत की तरफ़ से किसी उच्च अधिकारी की पहली नेपाल यात्रा होगी.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के अनुसार नेपाल की सेना ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना प्रमुख नवंबर में नेपाल जाएंगे. अभी तारीख़ों की घोषणा नहीं की गई है.
नेपाल के अनुसार नेपाल ने फ़रवरी में ही इस यात्रा की मंज़ूरी दे दी थी लेकिन कोरोना के कारण भारतीय सेना प्रमुख नहीं जा सके. नेपाली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष तारीख़ तय करने के लिए एक दूसरे के संपर्क में हैं.
इस यात्रा के दौरान नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनरल नरवणे को नेपाली सेना के ऑनरेरी जनरल के पद से सम्मानित करेंगी. 1950 से ही भारत और नेपाल एक दूसरे के सेना प्रमुखों को इस तरह से सम्मानित करते रहे हैं.
जनरल नरवणे का नेपाल दौरा इसलिए बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि नेपाल से तनाव के समय इसी साल मई में जनरल नरावणे ने बयान दिया था कि नेपाल किसी और के कहने पर ऐसा कर रहा है. उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया था, लेकिन उनका इशारा चीन ही था.
नेपाल के रक्षा मंत्री ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि सेना प्रमुख का बयान नेपाल के इतिहास, उनकी सामाजिक बनावट और उनकी आज़ादी को ख़ारिज करते हुए नेपाल की बेइज्ज़ती करने वाला है.
नेपाल ने एक नया राजनीतिक नक़्शा जारी कर लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया है जबकि यह तीनों जगह फ़िलहाल भारत में हैं. इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते इतने ख़राब हो गए थे कि आधिकारिक स्तर पर कोई संपर्क भी नहीं हो रहा था.
लेकिन हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बीच फ़ोन पर बातचीत हुई है और दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की कोशिश हो रही है.(बीबीसी)