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![एनजीटी ने पटाखों पर प्रतिबंध के फैसले को 9 नवंबर तक सुरक्षित रखा एनजीटी ने पटाखों पर प्रतिबंध के फैसले को 9 नवंबर तक सुरक्षित रखा](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/1604593914ational_Green_Tribunal.jpg)
नई दिल्ली, 5 नवंबर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार को पटाखों पर रोक वाली याचिका पर नौ नवंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। एनजीटी ने 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को प्रदूषण के संकट और कोविड-19 महामारी की दोहरी मार के बीच सुरक्षित रखा है। इस सप्ताह की शुरुआत में एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से सात से 30 नवंबर तक पटाखे प्रतिबंधित किए जाने को लेकर जवाब मांगा था।
बुधवार को ट्रिब्यूनल ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से परे पटाखों के उपयोग से प्रदूषण के मामलों की सुनवाई के दौरान अपने दायरे का विस्तार किया और 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए, जहां हवा की गुणवत्ता मानदंडों से परे है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेनानिवृत्त) आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पटाखों के इस्तेमाल से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करने की विभिन्न दलीलों पर सुनवाई की।
इस पीठ में न्यायिक सदस्य एस.के. सिंह, और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. नागिन नंदा और एस. एस. गरब्याल भी शामिल रहे। सुनवाई में ऐसे समय के दौरान, जब हवा पहले से ही अपेक्षाकृत प्रदूषित होती है, उस वक्त पटाखों के इस्तेमाल से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करने की विभिन्न दलीलें रखी गईं।
एनजीटी ने बुधवार को 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऐसे 122 शहरों की ओर इशारा करते हुए, जिनमें लगातार खराब वायु गुणवत्ता रही है, कहा था कि इस अवधि के दौरान पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की दिशा पर विचार करना पड़ सकता है।
इन शहरों में दिल्ली, वाराणसी, भोपाल, कोलकाता, नोएडा, मुजफ्फरपुर, मुंबई, जम्मू, लुधियाना, पटियाला, गाजियाबाद, वाराणसी, कोलकाता, पटना, गया, चंडीगढ़ आदि शामिल हैं। (आईएएनएस)