ताजा खबर
आरपीएफ का बिलासपुर, रायपुर और नागपुर में अभियान, सभी रिजर्वेशन रद्द
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर , 15 अक्टूबर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों की बहाली और त्योहारों के मौसम के मद्दे नजर आरक्षित बर्थ की मांग बढ़ी है । इस बात को ध्यान में रख आरपीएफ ने टिकट दलालों के खिलाफ तीनों मंडलों बिलासपुर, रायपुर तथा नागपुर में दलालों के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
रेलवे सुरक्षा बल की मंडल इकाइयों ने मुख्यालय के दिशा निर्देश में डिजिटल और साइबर दुनिया से जानकारी इकट्ठा की। फिर सूचनाओं का मिलान, सत्यापन और विश्लेषण के बाद अभियान शुरू कर दिया है।
इसके परिणामस्वरूप अभी तक 96 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया गया है। इन टिकट दलालों द्वारा अवैध रूप से खरीदे गए लगभग 2000 से अधिक टिकटों को जब्त किया गया । इन अवैध जब्त टिकट, जिसमे एडवांस टिकट भी शामिल हैं, इनका मूल्य 53 लाख रुपये से अधिक है। इन रेलवे टिकटों को बरामद कर रद्द कर दिया गया है, जिससे ये सीटें सही मायने में हकदार रेलवे यात्रियों को उपलब्ध हो ।
ऑपरेशन उपलब्ध के विगत महीनों से व्यापक अभियान ने दलालों की गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने और आम आदमी को रेलवे टिकट उपलब्ध कराने में समर्थ बनाया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे आम जनता और यात्रियों को अनाधिकृत व्यक्तियों से टिकट न खरीदने की सलाह देता है क्योंकि यह न केवल एक बार पता चलने के बाद रद्द हो सकता है, बल्कि टिकट लेने वाले को कानूनी परेशानी में भी डाल सकता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापर, 15 अक्टूबर। शनिवार की शाम अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुंदरपुर लोधीमा के पास एक ट्रक ने दो मोटरसाइकिल सवार युवकों को पीछे की ओर से जबरदस्त टक्कर मारते हुए पलट गया। इस हादसे में मोटरसाइकिल सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे मार्ग 130 पर महाराष्ट्र से केला लोड ट्रक नगर उटारी जा रही थी, इसी दौरान रायपुर की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने ग्राम सुन्दरपुर के पास दो मोटरसाइकिल में 4 सवार युवकों को पीछे की ओर से टक्कर मार दी, जिससे केला लोड ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया, जहां एक की मौके पर मौत हो गई, वहीं दो की हालत गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में भर्ती कराया गया है। इधर मृतक का साथी घटनास्थल से फरार हो गया है, जिसकी पुलिस खोजबीन कर रही है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी में रखवा दिया गया है और परिजनों के बारे में पता लगाने में जुटी हुई है।
इधर मणिपुर पुलिस चौकी इस पूरी घटना की जांच में जुट गई है, वहीं केला लोड ट्रक पलटने से केला सडक़ पर बिखर गया था, जिसे आसपास के ग्रामीण केला उठाने पहुँच गए थे।
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कानूनी पेशे को और अधिक समावेशी और सुलभ बनाये जाने की वकालत करते हुए कानून के छात्रों को शनिवार को सलाह दी कि कानून के किसी पहलू पर विचार करते समय उन्हें अपने भीतर नारीवादी सोच को समाहित करना चाहिए।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यहां राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को कानूनी पेशे को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको विशेष रूप से सलाह दूंगा कि आप कानून के किसी पहलू पर विचार करते समय अपने भीतर नारीवादी सोच को समाहित करें।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘बेशक, मेरा मानना है कि हम सभी को, जिनमें मैं भी शामिल हूं, कानून को देखने और सामाजिक अनुभवों को लागू करने के मामले में बहुत कुछ सीखना है।’’
उन्होंने कहा कि महिला वकीलों को पुरुष-प्रधान पेशे में काम करना चुनौतीपूर्ण लग सकता है, जो अक्सर उनकी चिंताओं और विचारों को समायोजित करने में विफल रहता है, लेकिन समय बदल रहा है और प्रौद्योगिकी ने कानूनी पेशे तक महिलाओं की पहुंच को सुलभ बनाने में बड़ी भूमिका निभायी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी की एक बड़ी सीख यह है कि जब हम सुनवाई डिजिटल तरीके से करने लगे, तो अदालत में पेश होने वाली महिला वकीलों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई।’’
उन्होंने कहा कि कानून का शासन केवल संविधान या कानून पर निर्भर नहीं है और यह काफी हद तक राजनीतिक संस्कृति और नागरिकों की आदतों पर निर्भर करता है, विशेष रूप से कानून के युवा पेशेवरों के।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘एक तरह से आप सभी हमारी संवैधानिक और लोकतांत्रिक परंपराओं के रखवाले हैं। जब आप इसका हिस्सा बनते हैं तो आपको कानूनी व्यवस्था को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने का प्रयास करना चाहिए और यह न्याय के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का एक तरीका है।’’(भाषा)
कोलकाता, 15 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मवेशियों की तस्करी से जुड़े मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुव्रत मंडल की बेटी को पूछताछ के लिए नयी दिल्ली स्थित अपने दफ्तर में उपस्थित होने को कहा है। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सुकन्या मंडल द्वारा पिछले कुछ वर्षों में संचित की गई अकूत संपत्ति के स्रोत के बारे में पूछताछ की जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि बीरभूम जिले में प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका सुकन्या को 27 अक्टूबर को ईडी के नयी दिल्ली स्थित दफ्तर में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया गया है।
ईडी के अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को टेलीफोन पर बताया, ‘‘यह समन, बहुत कम समय में उनके द्वारा संचित की गई अकूत संपत्ति के बारे में सवालों के जवाब पाने के लिए जारी किया किया गया है। हम आय का स्रोत जानना चाहते हैं।’’
उल्लेखनीय है कि वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के एक दल से नहीं मिली थी, जो मवेशी तस्करी की जांच के सिलसिले में अगस्त में उनके बोलपुर आवास गया था।
केंद्रीय एजेंसी को संदेह है कि सुकन्या के कई बैंक खातों का इस्तेमाल मवेशी तस्करी में वित्तीय लेनदेन के लिए किया गया था।
सीबीआई ने मामले की अपनी जांच के सिलसिले में अगस्त में अनुव्रत मंडल को गिरफ्तार किया था, जो तृणमूल कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा)। विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) तथा बंदरगाहों से आंकड़े जुटाने में हुई देरी की वजह से सितंबर के निर्यात वृद्धि दर के आरंभिक और अंतिम परिणामों में अंतर आया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को यह कहा।
तीन अक्टूबर को जारी आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक भारत का निर्यात पिछले साल के सितंबर महीने के 33.81 अरब डॉलर की तुलना में 3.52 फीसदी घटकर इस साल सितंबर में 32.62 अरब डॉलर का रह गया। वहीं 14 अक्टूबर को जारी अंतिम आंकड़ों में कहा गया कि भारत का निर्यात सितंबर में 4.82 प्रतिशत बढ़कर 35.45 अरब डॉलर हो गया।
निर्यात वृद्धि दर के आंकड़ों में बदलाव पहले के महीनों में भी नजर आए थे। मसलन, अगस्त महीने के लिए तीन सितंबर को जारी आरंभिक आंकड़ों में कहा गया कि देश का निर्यात 1.15 फीसदी घटकर 33 अरब डॉलर रहा है जबकि 14 सितंबर के आंकड़ों में बताया गया कि निर्यात 33.92 अरब डॉलर रहा।
इसी तरह वाणिज्य मंत्रालय के आरंभिक आंकड़ों में जुलाई का निर्यात 0.76 फीसदी की गिरावट के साथ 35.24 अरब डॉलर बताया गया जबकि बाद में इसे 2.14 फीसदी की वृद्धि के साथ 36.27 अरब डॉलर बताया गया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ एसईजेड तथा बंदरगाहों के आंकड़े मिलने में विलंब हुआ, ऐसे में महीने के आखिरी दिनों में हमें जो आंकड़े मिलते हैं, हम इन्हें आरंभिक बताकर जल्द ही अनुमान जारी कर देते हैं। इसी वजह से वृद्धि के आंकड़ों में बाद में बदलाव आते हैं।’’
निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने भी कहा कि निर्यात आंकड़ों के संग्रह में देरी ही निर्यात वृद्धि के आरंभिक और अंतिम आंकड़ों में अंतर आने की वजह है।’’
(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 15 अक्टूबर। सिंगापुर में कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर के लिए नवंबर मध्य में चरम पर पहुंचने और इस दौरान रोजाना 15 हजार से अधिक नए मामले आने की आशंका जतायी गई है। सिंगापुर में कोरोना वायरस के एक्सबीबी उपस्वरूप को बढ़ रहे मामलों का जिम्मेदार माना जा रहा है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हालांकि, संक्रमण की पिछली लहरों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि सिंगापुर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए देश का स्वास्थ्य ढांचा पर्याप्त है।
न्यूज एशिया चैनल की खबर के अनुसार सिंगापुर में फिलहाल कोरोना वायरस के एक्सबीबी उपस्वरूप के कारण मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। देश में तीन से नौ अक्टूबर के बीच सामने आए संक्रमण के कुल मामलों के 54 प्रतिशत मामले एक्सबीबी उपस्वरूप के ही हैं।
कोरोना वायरस के एक्सबीबी उपस्वरूप का पहली बार अगस्त महीने में पता चला था। यह अब तक ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, भारत और जापान समेत दुनिया के 17 देशों में फैल चुका है।
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग यी कुंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संक्रमण की मौजूदा लहर कोरोना वायरस के एक्सबीबी उपस्वरूप के कारण है। इस लहर के नवंबर के मध्य तक चरम पर पहुंचने की आशंका है।
ओंग ने कहा, “ यह लहर थोड़े समय रहेगी, लेकिन मामले काफी अधिक सामने आएंगे। देश में नवंबर के मध्य तक प्रतिदिन कोविड-19 के करीब 15 हजार मामले सामने आ सकते हैं।”
सिंगापुर में अब तक कोविड-19 के 1,997,847 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 1,641 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। (भाषा)
रायपुर, 15 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल को अनुसूचित जनजाति आरक्षण में कटौती के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरूण साव, श्रीमती गोमती साय, सुनील सोनी, मोहन मंडावी, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
सैकड़ों ने रि-ट्वीट किया
रायपुर, 15 अक्टूबर। पूर्व सीएम रमन सिंह को उनके जन्मदिन पर सीएम भूपेश बघेल ने एक ट्वीट कर उन्हें ( रमन) भ्रष्टाचार का अंतर्राष्ट्रीय पितामह कहे जाने को सैकड़ों लोगों ने रि- ट्वीट किया है। सीएम बघेल ने इस ट्वीट के साथ इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में एक करोड़ रुपए दिए जाने संबंधी नार्को टेस्ट का वीडियो भी अटैच किया है। इसके बाद रि- ट्वीट में छत्तीसगढ़ के साथ साथ आगरा और अन्य शहरों से भी लोगों ने अपनी टिप्पणियां की हैं। विजय सा ने कहा कि दोषियों को सजा दिलाएं।
यह पूरी टिप्पणियां देखें ----
Here is a special pre diwali gift for "भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह"
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 14, 2022
pic.twitter.com/eUxJpMVSFs
टेबलेट और बाइक जब्त
रायपुर, 15 अक्टूबर। राजधानी के चूनाभट्टी अंडरब्रिज के पास स्थित मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित नशीली टेबलेट बेचने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पहले अंडर ब्रिज के पास ये टेबलेट बिक्री करते दीपक राव को रंगे हाथ पकड़ने के बाद उसकी जानकारी पर मेडिकल स्टोर संचालक आरोपी मनोज बंसल को भी गिरफ्तार किया। बंसल का महासमुंद के पिथौरा में बंसल मेडिकल स्टोर है। इनके के कब्जे से 1200 नाईट्रोटेन टेबलेट, 600 लोमोटिल टेबलेट, 240 स्पास्मों टेबलेट, बिक्री रकम तीन हजार के साथ होण्डा साईन मोटर सायकल क्रमांक सी जी 04 जे एफ 8361 ( कीमत 1,00,000/- रूपए) जब्त किया ।
इनके विरुद्ध गंज पुलिस ने धारा 21(क), 22(8) नारकोटिक्स एक्ट अपराध दर्ज किया।
मुखबिर की सूचना पर गंज पुलिस ने नर्मदा पारा अंडर ब्रिज के पास
दीपक राव निवासी विकास नगर गुढ़ियारी ने बताया कि वह ये टैबलेट पिथौरा निवासी मनोज बंसल की मेडिकल दुकान से लाना बताया। इस पर पुलिस टीम पिथौरा जाकर मनोज बंसल के बंसल मेडिकल स्टोर में रेड किया। इस पर मनोज ने बिना किसी वैध दस्तावेज के दीपक राव को बेचने नशीली टेबलेट देना स्वीकार किया । इसके पूर्व भी 12 अक्टूबर को आजाद चौक पुलिस ने 06आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे 12 लाख रूपये कीमत की 02 लाख नग अल्प्राजोलम एवं स्पास्मों प्रतिबंधित नशीली टेबलेट जप्त किया था।कार्यवाही की गई थी।
रायपुर, 15 अक्टूबर। यूनियन बैंक की प्रियदर्शिनी नगर शाखा में 5.59 करोड़ रूपए की घपलेबाजी करने वाले प्रधान खजांची के बाद पुलिस ने शनिवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया है।
अप्रैल 22 में हुए इस गबन के खुलासे के बाद बैंक मैनेजर सरोज टोप्पो की रिपोर्ट पर न्यू राजेन्द्र पुलिस ने धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120बी भादवि. का अपराध दर्ज किया था। करीब सात महीने बाद खजांची किशन बघेल ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर किया था। रिमांड पर लेकर उससे हुई पूछताछ के बाद
बैंक में कार्य करने के दौरान अपने साथी अविनाश मंधानी एवं संजय लालवानी के साथ मिलकर करोड़ों रूपए की घपलेबाजी की घटना को अंजाम देना बताया । पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार किया ।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना से संबंधित 03 पासबुक, 2 ए.टी.एम. कार्ड एवं 3 मोबाईल फोन को जप्त करने के साथ ही 01 करोड़ रूपए को फ्रीज्ड कराया । पुलिस ने बताया कि किशन बघेल पिता वेणुगोपाल बघेल उम्र 36 साल जगन्नाथ नगर गुरू गोविंद सिंह वार्ड नंबर 14, अविनाश मंधानी पिता पवन मंधानी उम्र 32 साल और संजय लालवानी पिता गुरूमुख दास लालवानी उम्र 31 साल झण्डा चौक पण्डरी सिविल लाईन रायपुर के निवासी हैं।
अहमदाबाद, 15 अक्टूबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अनिवासी गुजरातियों (एनआरजी) ने गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बार बार जीत में बड़ी भूमिका निभाई है तथा उनसे राज्य के गांवों में पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश फैलाने के लिए संदेशवाहक बनने की अपील की।
तीन दिवसीय ‘प्रवासी गुजराती पर्व 2022’ की शुरुआत पर एनआरजी की एक सभा को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जहां भी गुजराती बसे हैं, उन्होंने उन राष्ट्रों को गौरवान्वित किया है और न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के विकास में योगदान दिया है।
शाह ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘1990 से, जब भी चुनाव हुए, गुजरात के लोगों ने भाजपा को जीत दिलाई। इस जीत में एनआरजी ने बड़ी भूमिका निभाई है। मुझे पता है कि आपके संदेश का आपके गांव में बहुत महत्व है।’’
शाह ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने गुजरात को विकसित करने के लिए काम किया है, और नरेंद्रभाई ने गुजरात को वैश्विक पहचान दी है। आइए हम सभी इस यात्रा को जारी रखें। 2022 के चुनाव में, मैं आपसे भाजपा और नरेंद्रभाई के संदेश और देश के विकास के संदेश को भाजपा के दूत बनकर गांवों में फैलाने की अपील करता हूं।’’
शाह ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने विकास को एक नयी दिशा दी और यह विश्वास जगाने के लिए काम किया कि वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण की बुराइयों के बिना चुनावी राजनीति संभव है। उन्होंने कहा कि मोदी ने दिखाया कि कैसे संकट को अवसर में बदलना है, कैसे कानून-व्यवस्था में सुधार करना है और आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ के साथ राज्य को कर्फ्यू मुक्त बनाना है तथा बिना किसी हिचकिचाहट के दुनिया के सामने अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करना है।
शाह ने कहा, ‘‘जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तो देश के एक बड़े हिस्से ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास खो दिया था। कई क्षेत्र अविकसित रह गए थे, और कई लोगों ने महसूस किया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था उनके लिए नहीं थी। मोदी ने हमारे संविधान के निर्माताओं के कल्याणकारी राज्य के सपने को साकार किया।’’
शाह ने कहा कि मोदी ने समझा कि राज्य को सभी के कल्याण के लिए, विशेष रूप से सबसे गरीब लोगों के होना चाहिए, उन्होंने इसके लिए काम किया। उन्होंने प्रधानमंत्री की उपलब्धियों में सभी के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना और कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज के प्रावधान का उल्लेख किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने दावा किया, ‘‘उन्होंने (मोदी) प्रदर्शन की राजनीति की शुरुआत की। जो प्रदर्शन करेंगे उन्हें जनता द्वारा चुना जाएगा। आज सभी वंशवादी दल भाजपा से हार रहे हैं। जातिवाद को भी हटा दिया गया और यह उत्तर प्रदेश में दूसरी बार भाजपा की जीत से स्पष्ट हो गया।’’
गुजरात को आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ का सबसे बड़ा उदाहरण बताते हुए शाह ने राज्य की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित नहीं करने के लिए कांग्रेस और अन्य ‘‘तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों’’ पर भी हमला किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी ने उनसे मिलने आए विश्व नेताओं को गीता भेंट की। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि राम जन्मभूमि विवाद शांतिपूर्ण, संवैधानिक और बिना किसी हिंसा के हल हो। 2024 से पहले, हम सभी एक विशाल राम मंदिर देखेंगे।’’
उन्होंने भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा, ‘‘इस प्रक्रिया में हम उनकी तुलना में बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गए जिन्होंने हम (ब्रिटेन) पर शासन किया।’’
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), निर्यात, स्टार्ट-अप, गरीबों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए बैंक खाते खोलने में मजबूती से काम किया, जिसने भारत को निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बना दिया। शाह ने दावा किया कि भारत अब दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है, जबकि कांग्रेस की सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ‘नीतिगत जड़ता’ की शिकार थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन में जहां आतंकवादी नियमित रूप से हमले करते थे, वहीं आज भारत की सीमाओं का उल्लंघन संभव नहीं है क्योंकि इसका सामना जवाबी हवाई हमले और ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से किया जाएगा। शाह ने कहा, ‘‘एक गुजराती होने के नाते मुझे भी गर्व है कि गुजरात ने देश में बदलाव की शुरुआत की है। गुजरात ने देश में समग्र विकास की नींव रखने का काम किया है, जो मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।’’ टीवी9 नेटवर्क और एआईएएनए द्वारा तीन दिवसीय ‘प्रवासी गुजराती पर्व 2022’ का आयोजन किया गया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ का नया शंकराचार्य बनाने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा पीठ को यह सूचित करने के बाद आदेश पारित किया कि पुरी में गोवर्धन मठ के शंकराचार्य ने एक हलफनामा दायर किया है कि अविमुक्तेश्वरानंद की ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में नियुक्ति का समर्थन नहीं किया गया है।
पीठ ने कहा, ‘‘अर्जी में किये गये अनुरोध के मद्देनजर इस आवेदन को मंजूर किया गया है।’’
उच्चतम न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिवंगत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें नियुक्त किए जाने का झूठा दावा किया है।
यह मामला 2020 से उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
याचिका में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने का एक जानबूझकर प्रयास किया गया है कि इस अदालत के समक्ष कार्यवाही निष्फल हो जाये और एक व्यक्ति जो योग्य नहीं है और अपात्र है, अनधिकृत रूप से पद ग्रहण करता है।
इसमें कहा गया है, ‘‘इस तरह के प्रयासों को अदालत के अंतरिम आदेश से रोकने की जरूरत है और इसलिए इस आवेदन को स्वीकार किया जा सकता है।’’
याचिका में कहा गया है, ‘‘यह दिखाने के लिए आवश्यक दस्तावेज दाखिल किए जा रहे हैं कि नए शंकराचार्य की नियुक्ति पूरी तरह से झूठी है क्योंकि यह नियुक्ति की स्वीकृत प्रक्रिया का पूर्ण उल्लंघन है।’’ (भाषा)
श्रीनगर, 15 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरन कृष्ण भट्ट पर दक्षिण कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाके में उनके आवास के निकट हमला किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि जख्मी भट्ट को शोपियां अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया जहां, चिकित्सकों उन्होंने मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
कश्मीर परिक्षेत्र पुलिस ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘आतंकवादियों ने एक अल्पसंख्यक नागरिक श्री पूरन कृष्ण भट पर गोली चलाई, जब वह चौधरी गुंड शोपियां में बाग की तरफ जा रहे थे। उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इलाके की घेराबंदी कर दी गई। तलाशी अभियान जारी है।’’
केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत राजनीतिक दलों ने इस हत्या की निंदा की।
सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘शोपियां में आतंकवादियों द्वारा पूरन कृष्ण भट्ट पर हमला कायरतापूर्ण कृत्य है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराधियों और आतंकवादियों की सहायता और उकसाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।’’
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने ट्वीट किया, ‘‘हम शोपियां में पूरन कृष्ण भट्ट पर निर्लज्ज, कायरतापूर्ण हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, जिसमें उनकी जान चली गई। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम. वाई. तारिगामी ने कहा कि सरकार को घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पूरन कृष्ण भट्ट के जीवन को छिन्न-भिन्न करने वाले घृणित हमले से बेहद दुखी हूं। निर्दोष लोगों की हत्या के मामलों में कमी नहीं आ रही। सरकार को अल्पसंख्यकों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने भी कृष्ण की हत्या की निंदा की है।
कौल ने एक बयान में कहा ‘‘यह कश्मीरी पंडितों पर एक और कायरतापूर्ण हमला है। राष्ट्र विरोधी तत्व अपने गलत कार्यों में कभी सफल नहीं होंगे।’’
कौल ने हत्या को ‘‘बर्बर’’ करार दिया और परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘इन चीज़ों को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि इन हमलों का मकसद क्षेत्र में शांति भंग करना है।’’
अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने भी अल्पसंख्यक समुदाय पर ‘‘अमानवीय हमले’’ की निंदा की। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में प्रारंभिक योग्यता परीक्षा (पीईटी) में 37 लाख से अधिक युवाओं के आवेदन करने को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंखें मूंदकर बैठे हैं और नौजवान ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
उन्होंने ट्रेन की एक बोगी के अभ्यर्थियों से खचाखच भरे होने से जुड़ी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उप्र पीईटी फॉर्म - 37 लाख, खाली पद - गिनती के!इन युवाओं को सालाना 2 करोड़ रोज़गार का झांसा दिया गया था, लेकिन इस तस्वीर में देश के शिक्षित बेरोज़गार युवाओं की बेबसी दिख रही है।’’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘ये साफ़ है कि प्रधानमंत्री आंखें मूंद कर बैठे हैं और नौजवान ठोकरें खाने पर मजबूर हैं।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘उप्र पीईटी परीक्षा में भारी अव्यवस्था के चलते छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, लेकिन भाजपा सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा। युवा विरोधी सरकार युवाओं से परीक्षा के लिए मोटी फीस तो वसूलती है, लेकिन न नौकरी दे पाती है, न अव्यवस्था से मुक्ति।’’
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से पीईटी का आयोजन किया गया। 37 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय ने माओवादियों से कथित संबंध के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को शनिवार को निलंबित कर दिया।
शीर्ष न्यायालय ने साईबाबा के उनकी शारीरिक अशक्तता तथा स्वास्थ्य स्थिति के कारण उन्हें जेल से रिहा करने तथा घर में नजरबंद करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र सरकार ने इस अनुरोध का विरोध करते हुए कहा था कि आज कल ‘‘शहरी नक्सलियों’’ के घर में नजरबंद होने की मांग करने की नयी प्रवृत्ति पैदा हो गयी है।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस मामले में साईबाबा तथा अन्य को बरी किया था।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने साईबाबा के इस अनुरोध को खारिज कर दिया कि उनकी शारीरिक अशक्तता और स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उन्हें घर में नजरबंद किया जाए। पीठ ने गैर-कामकाजी दिन भी इस मामले की सुनवाई की।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा यह मानना है कि यह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 390 के तहत शक्ति के इस्तेमाल और उच्च न्यायालय के आदेश को निलंबित करने का उपयुक्त मामला है।’’
पीठ ने मामले में साईबाबा समेत सभी आरोपियों की जेल से रिहाई पर रोक लगा दी। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने साईबाबा, अन्य से उन्हें बरी करने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर जवाब मांगा है।
न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के संबंध में विस्तारपूर्वक समीक्षा करने की आवश्यकता है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने दोषियों के खिलाफ लगे आरोप की गंभीरता समेत मामले के गुण-दोष पर गौर नहीं किया।
पीठ ने उच्च न्यायालय के 14 अक्टूबर के आदेश को निलंबित करते हुए कहा, ‘‘आरोपियों को सबूतों के गुण-दोष की विस्तृत विवेचना के बाद दोषी ठहराया गया था। अपराध बहुत गंभीर हैं, जो भारत के समाज, संप्रभुता एवं अखंडता के हितों के खिलाफ हैं। उच्च न्यायालय ने इन सभी पहलुओं पर गौर नहीं किया और यूएपीए के तहत अनुमति के आधार पर आदेश पारित किया।’’
साईबाबा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि उनका मुवक्किल पक्षाघात के साथ शारीरिक रूप से 90-95 फीसदी अक्षम है और पूरी तरह व्हीलचेयर पर निर्भर है।
बसंत ने कहा, ‘‘उनकी 23 साल की बेटी और पत्नी है। उनकी हड्डियां फेफड़ों तक फैल रही है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं। इन पहलुओं पर गौर करते हुए कृपया उन्हें वापस जेल में मत भेजिए। कृपया उन्हें जेल से रिहा कीजिए और घर पर नजरबंद करिए तथा वह अदालत द्वारा लगायी किसी भी शर्त का पालन करेंगे।’’
घर में नजरबंद करने का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘‘‘आजकल शहरी नक्सलियों के घर पर नजरबंद होने की मांग करने प्रवृत्ति हो गयी है, लेकिन घर से सबकुछ किया जा सकता है। घर पर नजरबंदी विकल्प नहीं हो सकता।’’
इस पर बसंत ने कहा कि अदालत साईबाबा की फोन लाइन काटने का आदेश दे सकती है।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि मामले में कुछ परेशान करने वाली बातें हैं और साईबाबा जम्मू कश्मीर में एक सशस्त्र अलगाववादी आंदोलन चलाने, देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के खिलाफ युद्ध छेड़ने और माओवादी कमांडरों की बैठकों की व्यवस्था करने समेत विभिन्न गतिविधियों में शामिल था।’’
मेहता ने कहा, ‘‘वह उनका मास्टरमाइंड था और उनकी विचारधारा को लागू करता था।’’
इस पर बसंत ने कहा कि साईबाबा का माओवादी विचारधारा के प्रति झुकाव हो सकता है, लेकिन वह निश्चित तौर पर उनका मास्टरमाइंड नहीं था।
उच्चतम न्यायालय ने मेहता की उस दलील को भी माना कि उच्च न्यायालय ने बरी करने का नहीं, बल्कि आरोपमुक्त करने का आदेश दिया और निचली अदालत के फैसले को नहीं पलटा।
बंबई उच्च न्यायालय ने माओवादियों से कथित जुड़ाव के मामले में डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा को गिरफ्तारी के करीब आठ साल बाद शुक्रवार को बरी कर दिया था।
अदालत ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मामले में आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने का आदेश ‘‘कानून की दृष्टि से गलत एवं अवैध’’ था।
अदालत ने साईबाबा के अलावा महेश करीमन तिर्की, पांडु पोरा नरोते (दोनों किसान), हेम केशवदत्त मिश्रा (छात्र), प्रशांत सांगलीकर (पत्रकार) और विजय तिर्की (मजदूर) को भी बरी कर दिया था। विजय तिर्की को 10 साल की जेल की सजा सुनायी गयी, जबकि बाकी लोगों को उम्रकैद की सजा दी गयी थी। नरोते की मौत हो गयी है।
साईबाबा (52) शारीरिक अक्षमता के कारण व्हीलचेयर की मदद लेते हैं। वह अभी नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद है। उन्हें फरवरी 2014 में गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)
(मोनाश विश्वविद्यालय से करिन हैमरबर्ग, यूएनएसडब्ल्यू से जॉर्जीना चेम्बर्स और हडसन संस्थान से रॉब मैकलाचलन)
मेलबर्न, 15 अक्टूबर। पहली बार, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आईवीएफ क्लिनिक ने प्रक्रिया से जुड़े युगलों में पुरुष प्रजनन संबंधी समस्याओं के स्तर और सीमा के बारे में डेटा की सूचना दी है। ‘ऑस्ट्रेलिया एंड न्यूजीलैंड असिस्टेड रिप्रोडक्शन डेटाबेस’ (एएनजेडएआरडी) द्वारा जारी किए गए नए डेटा से आज पता चला है कि 2020 में किए गए सभी आईवीएफ चक्रों में से एक-तिहाई का कारण पुरुष बांझपन था।
हालांकि पुरुषों से संबंधित अधिकतर प्रजनन समस्याओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन पुरुष शुक्राणु की गुणवत्ता और महिलाओं के प्राकृतिक गर्भाधान की संभावना में सुधार के लिए कुछ चीजें कर सकते हैं।
पुरुष बांझपन के मामले में अधिकांश समस्या वृषणों के कोई भी या पर्याप्त सामान्य शुक्राणु बनाने में विफल होने के कारण होती है जो महिलाओं के गर्भधारण के लिए आवश्यक होते हैं। शुक्राणुओं की कम संख्या, शुक्राणु का सामान्य रूप से आगे न बढ़ना या असामान्य आकार के शुक्राणुओं की अधिक संख्या महिलाओं के अंडाणुओं को निषेचित करने की क्षमता को कम कर देती है।
ज्यादातर मामलों में, पुरुष बांझपन का कारण अस्पष्ट है। लगभग 40 प्रतिशत पुरुषों में ही बांझपन के एक विशिष्ट कारण का पता लगाया जा सकता है।
इनमें आनुवंशिक असामान्यताएं, पिछला संक्रमण, अंडकोष को आघात और शुक्राणु उत्पादन को नुकसान शामिल हैं - उदाहरण के लिए कैंसर के उपचार से। कुछ पुरुषों के स्खलन में शुक्राणु नहीं होते हैं (एक स्थिति जिसे एज़ोस्पर्मिया कहा जाता है)। यह अवरुद्ध शुक्राणु नलियों के कारण हो सकता है, जो जन्मजात दोष हो सकता है, या पुरुष नसबंदी या अन्य क्षति कारण हो सकती है।
कुछ मामलों में, कम या खराब समय पर संभोग, या यौन समस्याएं जैसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या फिर स्खलन विफलता बांझपन का कारण बनती है।
सबसे कम आम समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि (मस्तिष्क में एक ग्रंथि जो हार्मोन बनाती है, भंडारण करती है और जारी करती है) से हार्मोनल संकेतों की कमी है। यह अनुवांशिक हो सकता है या पिट्यूटरी ट्यूमर जैसे मुद्दों की वजह से हो सकता है। हार्मोन इंजेक्शन के साथ उपचार का उद्देश्य प्राकृतिक प्रजनन क्षमता को बहाल करना होता है।
मोटापा या मधुमेह जैसी दीर्घकालीन बीमारियाँ, पर्यावरणीय जोखिम (जैसे कार्यस्थल पर रसायन) और जीवनशैली कारक (जैसे धूम्रपान और नशीली दवाओं का उपयोग) जैसे कारक शुक्राणुओं की गुणवत्ता को खराब कर सकते हैं।
पुरुष बांझपन से संबंधित मामलों में महिलाओं के अंडाणुओं को निषेचित करने और ऐसे युगलों को बच्चों की किलकारियों का सुख प्रदान करने के लिए इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) की आवश्यकता होती है।
आईसीएसआई में आईवीएफ के समान ही प्रक्रिया होती है, सिवाय इसके कि आईसीएसआई में तकनीकी रूप से उन्नत उपकरणों का उपयोग करके प्रत्येक अंडाणु के लिए एक शुक्राणु का प्रत्यक्ष इंजेक्शन दिया जाता है। वहीं, आईवीएफ में प्रत्येक अंडाणु से हजारों शुक्राणु जोड़े जाते हैं, इस उम्मीद में कि कोई न कोई तो इसे निषेचित करेगा ही।
हाल में जारी एएनजेडएआरडी की रिपोर्ट से पता चलता है कि पुरुषों से संबंधित बांझपन के मामले में एक बच्चे की संभावना अन्य बांझपन निदान के सदृश्य है। हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि जिन जोड़ों में पुरुषों से संबंधित बांझपन कारक नहीं है, उनके लिए बच्चा होने की संभावना को लेकर आईवीएफ के मुकाबले आईसीएसआई से कोई लाभ नहीं होता।
हालांकि पुरुष बांझपन को अधिकांशत: रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ चीजें हैं जो पुरुष अपने शुक्राणु को स्वस्थ रखने के लिए कर सकते हैं। शुक्राणु को परिपक्व होने में लगभग तीन महीने लगते हैं, इसलिए बच्चे के लिए प्रयास करने से कम से कम तीन महीने पहले स्वस्थ बदलाव करने से गर्भधारण और स्वस्थ बच्चा होने का सबसे अच्छा मौका मिलता है। यहां पांच चीजें हैं जो आप अपने शुक्राणु की देखभाल के लिए कर सकते हैं।
सिगरेट के धुएं में हजारों हानिकारक रसायन होते हैं जो शुक्राणु सहित शरीर के सभी हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं। अधिक धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कम शुक्राणु बनते हैं। धूम्रपान असामान्य आकार के शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि कर सकता है और शुक्राणु की तैरने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे शुक्राणु के लिए अंडे तक पहुंचना और उसे निषेचित करना कठिन हो जाता है।
धूम्रपान शुक्राणु में डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है, जो बच्चे में स्थानांतरित हो जाता है। इससे गर्भपात और जन्म दोष का खतरा बढ़ सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि गर्भधारण के समय पिता द्वारा अधिक धूम्रपान (एक दिन में 20 से अधिक सिगरेट) करना बच्चे के लिए बचपन में ल्यूकेमिया का जोखिम बढ़ाता है।
धूम्रपान की कोई सुरक्षित सीमा नहीं है - अपने आप को और अपने अजन्मे बच्चे को नुकसान से बचाने का एकमात्र तरीका इसे छोड़ना है। अच्छी खबर यह है कि धूम्रपान का शुक्राणुओं पर प्रभाव और प्रजनन क्षमता प्रतिवर्ती होती है, और इसे छोड़ने से गर्भधारण करने और स्वस्थ बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है।
औसतन, अधिक वजन वाले या मोटे पुरुषों में स्वस्थ वजन वाले पुरुषों की तुलना में शुक्राणु की गुणवत्ता कम होती है। बहुत अधिक वजन उठाने से भी सेक्स में आपकी रुचि कम हो सकती है और इरेक्शन की समस्या हो सकती है।
अच्छी खबर यह है कि कुछ किलो वजन कम करने से भी शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें प्राप्त करने के लिए खुद को पर्याप्त समय देना, पोषण और स्वस्थ भोजन के बारे में सीखना, और नियमित रूप से व्यायाम करने से वजन घटाने और इसे दूर रखने की संभावना बढ़ जाती है।
किसी आदमी की प्रजनन क्षमता को भांग, कोकीन और हेरोइन जैसी अन्य चीजों से भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि वे टेस्टोस्टेरोन के स्तर और कामेच्छा को कम करती हैं।
अल्कोहल कम मात्रा में ठीक है, लेकिन अधिक शराब पीने से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता कम हो सकती है।
हम सभी ने पुरुषों के बारे में उनके 80 और 90 साल की उम्र में पिता बनने के बारे में भी सुना है, लेकिन यह दुर्लभ और जोखिम भरा होता है।
वृद्ध पुरुषों के भागीदारों को गर्भधारण करने में अधिक समय लगता है, और शुक्राणु की गुणवत्ता उम्र के साथ कम हो जाती है तथा इससे गर्भपात और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए, यदि आपके पास यह विकल्प है कि बच्चे के लिए कब प्रयास करना है, तो बाद की तुलना में जल्द करना ही बेहतर है।
यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई), विशेष रूप से अनुपचारित गोनोरिया और क्लैमाइडिया, शुक्राणु की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं और शुक्राणु नलियों में रुकावट पैदा कर सकते हैं। इसका मतलब है कि शुक्राणु स्खलन के लिए अंडकोष (जहां वे पैदा होते हैं) से वीर्य में आगे नहीं बढ़ सकते।
कंडोम का उपयोग करके सुरक्षित यौन संबंध बनाना ही एकमात्र ऐसी चीज है जो एसटीआई को साथी को या उससे खुद के पीड़ित होने से रोक सकती है। कंडोम का उपयोग करने से आपके ट्यूब ब्लॉकेज और आपकी प्रजनन क्षमता को नुकसान होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।
अगर आपको लगता है कि आपको एसटीआई है, तो डॉक्टर से मिलें और तुरंत इलाज कराएं। जितनी जल्दी आप उपचार प्राप्त करेंगे, भविष्य में प्रजनन समस्याओं का जोखिम उतना ही कम होगा। (द कन्वरसेशन)
मरकाम ने मांगे 5 सवालों के जवाब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अक्टूबर । आदिवासी आरक्षण में कटौती पर भाजपा का पैदल मार्च घडिय़ाली आंसू है। इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा पर पलटवार किया है। चौबे ने कहा कि भाजपा राजनीति कर रही है।
उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वे हाईकोर्ट में जमा अपनी सरकार के दस्तावेजों को लेकर मार्च करें। भाजपा की लापरवाही के कारण आदिवासी आरक्षण रद्द हुआ है। मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा के षडय़ंत्र और पूर्ववर्ती रमन सरकार की लापरवाही के कारण हाईकोर्ट ने आरक्षण की सीमा को घटाकर 58 से 50 फीसदी किया है। एक बयान में मरकाम ने भाजपा नेताओं से 5 सवालों के जवाब मांगे हैं।
जब आरक्षण की सीमा को 50 से बढ़ाकर 58 करने के खिलाफ अदालत में याचिका लगी तो रमन सरकार ने कोर्ट को आरक्षण बढ़ाने के तर्कसंगत कारणों को कोर्ट के समक्ष क्यों नहीं रखा?
तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर की कमेटी की सिफारिशों को अदालत के समक्ष क्यों नहीं रखा गया? तत्कालीन मुख्य सचिव की कमेटी की सिफारिशों को अदालत में क्यों छुपाया गया?
रमन सरकार ने आरक्षण के संदर्भ में दो कमेटियां बनाई थी तो इन कमेटियों के बारे में आरक्षण संबंधी मुकदमे के लिए हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में इसका जिक्र क्यों नहीं किया?
जब रमन सरकार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर रही थी तो अनुसूचित जाति के आरक्षण में 4 प्रतिशत की कटौती करने के बजाय आरक्षण सीमा को 58 प्रतिशत से 62 क्यों नहीं किया? इससे लोग अदालत नहीं जाते, बढ़ाया गया आरक्षण यथावत् रहता। आज भी देश के अनेक राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण है, रमन सरकार ने जानबूझकर यह गलती किया ताकि बढ़ा आरक्षण अदालत में रद्द होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अक्टूबर। मानसून ने न्यायधानी बिलासपुर को भी बाय- बार कह दिया है। शुक्रवार को इसने पेंड्रा का साथ छोड़ा था। वेदर बुलेटिन के मुताबिक मानसून की विदाई रेखा लुमडिंग, कैलाशहर, बहरामपुर, कानके, बिलासपुर, ब्रम्हपुरी, बुलढाणा और डहानु है।
अगले दो-तीन दिनों में प्रदेश के कुछ और भाग से मानसून की विदाई संभव है। इधर शनिवार को दिन भर हल्की बदली के साथ धूप भी रही। प्रदेश में नमी युक्त हवाएं आने के कारण कल रविवार को एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात भी होने की संभावना है।
मामले की जांच चल रही है-वन अफसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 अक्टूबर। रायगढ़ जिले के छाल रेंज में एक बार फिर से जंगली हाथी की तीन दिन पुरानी लाश मिली है। हाथी शव मिलने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार छाल रेंज के हाटी सर्किल के कंपार्टमेंट 555 पीएफ कोल्हियामुडा में आज गांव के ग्रामीणों ने एक जंगली हाथी की लाश मिलने की सूचना वन विभाग को दी। उक्त जंगली हाथी का शव दो से तीन दिन पुरानी बताई जा रही है। हाथी शव मिलने की सूचना मिलते ही आनन-फानन में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे और एक बार फिर मीडिया से घटना स्थल से दूर रखा गया।
हाथी की मौत के कारणों के संबंध में वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि पूरे मामले की जांच चल रही है और जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि हाथी की मौत किन कारणों से हुई है।
छाल रेंज में जंगली हाथी के तीन दिन पुराना शव मिलने की घटना से एक बार फिर इस क्षेत्र के बीट गार्ड की लापरवाही को उजागर किया है। तीन दिन पुराना हाथी का शव मिलने की घटना से पता चलता है कि विभाग जंगल ओर यहां रहने वाले वन्य प्राणियों के प्रति कितना गंभीर है। इससे पहले भी धरमजयगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम जमाबीरा में 27 सितंबर को एक जंगली हाथी का सात दिन पुराना शव मिला था। यहां भी क्षेत्र के बीटगार्ड की लापरवाही खुलकर सामने आई थी।
विदित रहे कि रायगढ़ जिले में लगातार बढ़ते जंगली हाथियों की संख्या से पिछले कुछ सालों से हाथी और मानव के बीच द्वंद्व भी जारी है। हाथी प्रभावित क्षेत्र के गांव से कभी इंसान तो कभी हाथी की मौत की खबर मिलती रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अक्टूबर। दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में चल रहे आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल में शनिवार सुबह देश के प्रसिद्ध श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी के जीवन संघर्षों पर निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म लाल जोहार की स्क्रीनिंग हुई।
लगभग 45 मिनट की यह डाक्यूमेंट्री पूरे समय दर्शकों को बांधकर रखती हैं. फिल्म में नियोगी के आंदोलन से जुड़ी पृष्ठभूमि को बेहद सरल और कलात्मक ढंग से समझाया गया है। फिल्म में नियोगी की हत्या के बाद उपजे सवाल मन को बेचैन और उद्वेलित करते हैं। जो लोग भी शंकर गुहा नियोगी के कामकाज को जानते-समझते हैं उनके लिए यह फिल्म एक दस्तावेज की तरह हैं। पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए भी यह फिल्म इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि फिल्म में विचार के साथ अच्छी-खासी डिटेल मौजूद है।
इस फिल्म का निर्माण व निर्देशन पत्रकार राजकुमार सोनी ने किया है।पिछले साल 28 सितंबर को जब नियोगी की शहादत को 30 साल पूरे हुए थे तब यह फिल्म जारी की गई थीं। इस फिल्म का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के अनेक गांवों में किसान और मजदूरों के बीच किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में जहां-जहां भी शंकर गुहा नियोगी का आधार क्षेत्र है वहां-वहां अब भी यह फिल्म दिखाई जा रही है।
इस फिल्म के बारे में सोनी का कहना है कि पूंजीपति चाहे कितने ही ताकतवर क्यों न हो जाय खेत-खलिहानों में सोना उगाने वाले किसानों और कल-कारखानों-खदानों में पसीना बहाने वाले मजदूरों के दिलों से शंकर गुहा नियोगी के कामकाज और उनकी स्मृति को कभी मिटा नहीं पाएंगे।
फिल्म में भिलाई के रंगकर्मी जय प्रकाश नायर, सुलेमान खान, अप्पला स्वामी, संतोष बंजारा, शंकर राव, राजेंद्र पेठे के अलावा राजहरा के कलाकार कुलदीप नोन्हारे, ईश्वर, गांधीराम और किशन ने काम किया है।बैकग्राउंड म्यूजिक पुष्पेंद्र साहू ने दिया है। फिल्म में कैमरे व सहायक निर्देशन की जिम्मेदारी तत्पुरुष सोनी ने संभाली है। फिल्म की शूटिंग दल्ली राजहरा व भिलाई में की गई हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अक्टूबर । आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण की पुनर्बहाली की मांग को लेकर प्रदेश भाजपा के नेताओं ने एकात्म परिसर से राजभवन तक पैदल मार्च किया। इसका नेतृत्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने किया। 70वीं सालगिरह की वजह से डॉ.रमनसिंह शामिल नहीं हो पाए। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर भाजपा नेताओं ने उनसे संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर 32 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग की। इस मुद्दे पर साव छह बजे पत्रकार वार्ता भी लेंगे।
सरकार को बदनाम किया जा रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अक्टूबर । कांग्रेस ने नारायण चंदेल के पत्रकारवार्ता में लगाए आरोपों पर पलटवार किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के पास कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनहित के मुद्दे उठाने को नहीं बचे है, तो वह केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम का दुरुपयोग कर रही है।
शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कहते है। ईडी की कार्यवाही को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिये लेकिन रमन सिंह तो ईडी के आधार पर ही अपनी राजनीति चमका रहे है। नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम नेता जिस प्रेस नोट का हवाला दे रहे वह संदिग्ध लग रहा। जिस तथाकथित प्रेस नोट को ईडी का बताकर विभिन्न समाचार माध्यमों में प्रचारित किया गया वह प्रेस नोट सबसे पहले रमन सिंह ने रात को लगभग 9 बजे अपने ट्विटर और फेसबुक में डाला है।
शुक्ला ने कहा कि ईडी के अधिकृत वेबसाइट पर आखिरी प्रेस नोट 13 अक्टूबर की जो किसी अन्य मामले में है। ईडी ने छत्तीसगढ़ के छापे के संबंध में अपने ट्वीट पर 4 फोटो और दो तीन लाईन की पोस्ट किया है अर्थात् ईडी के द्वारा अधिकृत तौर पर कहीं भी उस प्रेस नोट को जारी करने का कोई साक्ष्य सार्वजनिक तौर पर नहीं दिख रहा, फिर यह तथाकथित प्रेस नोट रमन सिंह के पास कहा से आया जिसमें तमाम कहानियां गढ़ी गयी है। रमन सिंह ने ही फर्जी प्रेस नोट बनाकर प्रचारित किया है।
रमन सिंह ने दो दिन पहले पत्रकार वार्ता में जिन बातों को कहा था ईडी के तथाकथित प्रेस नोट में उन्हीं बातों दुहराया गया, इनके बयानों से ऐसा लग रहा इडी ने रमन सिंह और भाजपा के द्वारा लिखी गयी पटकथा काम कर रही? एक अखबार ने फ्रंट पेज पर छापा है कि ईडी ने रात 1 बजे तक प्रेस नोट अधिकृत रूप से नहीं जारी किया था। डॉ.रमन सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ईडी का प्रेस नोट जारी किया। यह बताता है कार्यवाही राजनैतिक षड्यंत्र हैं छापे में क्या मिलने वाला है यह रमन सिंह को छापे के पहले से पता था क्या यह संयोग है या प्रयोग।
पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, विकास तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, अजय गंगवानी, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।
सिकल सेल संस्थान के अधिकारी को हाईकोर्ट से राहत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के बाद निर्णय दिया है कि किसी शासकीय कर्मचारी को 90 दिन बाद बिना ठोस कारण और विस्तृत आदेश के निलंबित नहीं रखा जा सकता।
सिकल सेल संस्थान रायपुर के स्टोर कम मेंटेनेंस ऑफिसर पंकज उपाध्याय को उनके विरुद्ध मिली शिकायतों के बाद महानिदेशक ने 13 जून 2022 को सेवा से निलंबित कर दिया। उन्हें 22 जुलाई 2022 को आरोप पत्र दिया गया। इसके बाद निलंबन की अवधि 90 दिन पूरी हो जाने के बावजूद उन्हें सेवा में बहाल नहीं किया गया। इस पर उन्होंने अधिवक्ता अभिषेक पांडे और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिका में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अजय कुमार चौधरी विरुद्ध यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रकरण में सिद्धांत प्रतिपादित किया है कि किसी निलंबित अधिकारी, कर्मचारी को बिना कोई ठोस कारण बताए और विस्तृत आदेश जारी किए बिना 90 दिन से अधिक समय तक निलंबित नहीं रखा जा सकता। अनुशासन अधिकारी को इसका पालन करना अनिवार्य है। प्रस्तुत प्रकरण में इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इस रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने महानिदेशक सिकल सेल संस्थान को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए याचिकाकर्ता को बहाल करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर । महिला टी20 एशिया कप टूर्नामेंट के फ़ाइनल में भारत ने श्रीलंका को 8 विकेट से हराकर ट्रॉफ़ी पर 7वीं बार क़ब्ज़ा कर लिया है. एशिया कप के 8 आयोजनों में भारत केवल एक बार चैंपियन नहीं बन सका है.
बांग्लादेश के सिलहट में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट के फ़ाइनल मुक़ाबले में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते तय 20 ओवरों में 9 विकेट के नुक़सान पर महज़ 65 रन ही बना सकी.
भारत ने केवल 8.3 ओवर में 2 विकेट के नुक़सान पर 71 रन बनाकर जीत दर्ज कर ली. भारत की ओर से स्मृति मंधाना ने नाबाद रहते हुए सबसे ज़्यादा 51 रन बनाए. मंधाना ने छक्का मारकर टीम को यह जीत दिलाई.
भारत की रेणुका सिंह 'मैन ऑफ़ द मैच' घोषित की गईं, जबकि दीप्ति शर्मा 'मैन ऑफ़ द सिरीज़' बनीं.
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने नाबाद 11 रन बनाए. शेफाली वर्मा ने 5 और जेमिमा रॉड्रिग्स ने 2 रनों का योगदान दिया. श्रीलंका के लिए इनोका रणवीरा और कविशा दिलहारी ने 1-1 विकेट लिए.
बिखरी श्रीलंका की पारी
इससे पहले श्रीलंका की कप्तान चमारी अट्टापट्टू ने ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया. हालांकि श्रीलंका की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसके दोनों ओपनर चौथे ओवर तक रन आउट हो गईं.
सबसे पहले, तीसरे ओवर में 8 रन के स्कोर पर 6 रन बनाकर कप्तान चमारी अट्टापट्टू रन आउट हुईं.
उसके बाद हर्षिता समरविक्रमा 9 रन के स्कोर पर आउट हो गईं. एक अन्य ओपनर और विकेटकीपर अनुष्का संजीवनी भी 2 रन बनाकर इसी स्कोर पर रन आउट हो गईं. इसी स्कोर पर श्रीलंका का चौथा विकेट हसिनी परेरा आउट हो गईं.
इस तरह चौथे ओवर में 9वें रन पर श्रीलंका ने कुल तीन विकेट खो दिए. इन शुरुआती झटकों के बाद श्रीलंका की टीम संभल नहीं पाई और लगातार विकेट गिरते गए.
श्रीलंका की ओर से सबसे ज़्यादा ओशादी रणसिंघे ने 13 रन बनाए, लेकिन उनके अलावा कोई और बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकीं. श्रीलंकाई पारी का हाल यह रहा कि टीम की सबसे बड़ी साझेदारी आख़िरी विकेट के लिए हुई, जो 22 रनों की रही.
भारत की ओर से सबसे ज़्यादा रेणुका सिंह ने तीन विकेट लिए, जबकि राजेश्वरी गायकवाड़ और स्नेह राणा ने 2-2 विकेट लिए.
महिला एशिया कप का इतिहास
महिलाओं के एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत 2004 में श्रीलंका से हुई थी, लेकिन तब यह वनडे टूर्नामेंट था.
2022 में पहली बार इसका फ़ॉर्मेट वनडे से बदलकर टी20 हो गया है.
2022 का एशिया कप कुल 8वीं बार हो रहा है और 2018 को छोड़कर भारत ने हर बार टूर्नामेंट पर क़ब्जा जमाया. कोरोना के चलते 2020 का एशिया कप आयोजित नहीं हो सका था. (bbc.com/hindi)
सीएम भूपेश बघेल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बेल्लारी पड़ाव में शामिल हुए। उनके साथ राज्यसभा में नेता मल्लिकार्जुन खडग़े भी थे। सीएम ने बेल्लारी के म्युनिसिपल स्कूल ग्राउंड में राहुल के साथ सभा भी ली। इस मौके पर सीएम ने ट्वीट किया इसमें उन्होंने विजयी होने का संकल्प व्यक्त किया है।
संकल्प बोल के, हम तो निकल पड़े
हर द्वार खोल के, गगन कहे
विजयी भव:
विजयी भव: