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कोच्चि, 17 सितंबर। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर शनिवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि विजयन कम से कम अब पर्दे के पीछे से खेल खेलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।.
राज्यपाल के बयान से एक दिन पहले, विजयन ने खान द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों की नियुक्ति प्रक्रिया में कथित भाई-भतीजावाद पर दिए बयान को ‘‘बेतुका’’ बताते हुए उनकी आलोचना की थी।. (भाषा)
हजारीबाग, 18 सितंबर। झारखंड के हजारीबाग में ट्रैक्टर के लिए लिये गये कर्ज की किश्त न चुका पाने पर जबरन ट्रैक्टर उठाने आये फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा भगाये जा रहे ट्रैक्टर से कुचल कर मारी गयी महिला के पिता ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है। .
महिला के पिता मिथिलेश मेहता ने आज मीडिया से कहा, ‘‘मुझे सरकार से कुछ नहीं चाहिए, न तो कोई हर्जाना चाहिए न ही कोई सरकारी लाभ चाहिए। मुझे तो सिर्फ अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहिए और वह इंसाफ हत्यारों और जालिमों को मौत की सजा से कम कुछ भी नहीं हो सकता है।’’. (भाषा)
हाईकोर्ट ने 3 माह से निलंबित कर्मचारी को किया बहाल
बिलासपुर, 18 सितंबर। हाईकोर्ट ने निलंबित एक फार्मासिस्ट को वहाल करने का आदेश दिया है, जिसके विरुद्ध 90 दिन की निलंबन अवधि में कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई।
कलेक्टर बेमेतरा के आदेश पर फार्मासिस्ट ग्रेड 2 को सस्पेंड किया गया था। 90 दिन के भीतर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में रिट याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व घनश्याम शर्मा के माध्यम से उन्होंने डिवीजन बेंच में अपील दायर की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले अजय कुमार चौधरी विरुद्ध यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसी शासकीय कर्मचारी को सेवा से निलंबित किया जाता है तो उसे आरोप पत्र जारी किया जाता है। इसके बावजूद यह भी आवश्यक है कि निलबंन के 90 दिन की अवधि के बाद ठोस एंव विशेष कारण बताते हुए निलंबन को जारी (विस्तारण) रखने का आदेश जारी करे, जिसमें यह बताया जाए कि 90 दिन के बाद भी निलंबन जारी रखना क्यों आवश्यक है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया है।
चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच ने फार्मासिस्ट का निलंबन आदेश निरस्त किया और उक्त आदेश को नजीर घोषित किया।
ड्राइवर विधायक निवास में घुसा, कार में भीड़ ने की तोड़फोड़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 सितंबर। विश्वकर्मा जयंती पर शोभा यात्रा निकालने के दौरान हादसा हो गया है। एक तेज रफ़्तार कार ने शोभा यात्रा में शामिल हुई महिला को घायल कर दिया है। इससे गुस्साए लोगों ने कार में तोड़फोड़ कर दी। वहीं कार चालक मौका देखकर भाग निकला। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक यह घटना आजाद चौक थाना इलाके की है। हादसे के बाद कार चालक रामसागर पारा स्थित विधायक बृजमोहन अग्रवाल के निवास के अंदर घुस गया। हादसे से आक्रोशित स्थानीय रहवासियों ने विधायक निवास के बाहर कार में जमकर तोड़फोड़ की। बड़ी संख्या में रहवासी एकत्रित हुए हैं। क्षेत्र में तनाव का माहौल है। रामसागर पारा में भीड़ ने विधायक निवास को घेरा हुआ है। पुलिस भी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। यह भी बताया जा रहा है कि कार ने विश्वकर्मा जी की झांकी को ठोककर क्षतिग्रस्त किया है।
रायपुर, 17 सितंबर। सेंट्रल जेल में महिला जेल प्रहरी पर हमला किया। एनडीपीएस एक्ट में महिला बंदीगृह में बंद महिला कैदी मोनिका सचदेव ने हमला किया। महिला जेल प्रहरी माधुरी वर्मा को हाथ में चोट आई। उसका हाथ फ्रैक्चर हुआ है मोनिका के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा, मारपीट और गाली गलौज की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। गंज थाना इलाके का मामला है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 17 सितंबर। बस्तर जिला प्रशासन द्वारा तेलंगाना में बंधक बनाए गए 24 श्रमिकों को सकुशल छुड़ाकर लाया गया। ये श्रमिक तेलंगाना के विकाराबाद और रंगारेड्डी जिले में हैदराबाद प्लाईवुड कंपनी में काम कर रहे थे। श्रमिकों को छुड़ाने की यह कार्यवाही संसदीय सचिव रेखचंद जैन को मिली शिकायत के बाद की गई।
संसदीय सचिव श्री जैन को जगदलपुर के नेतानार ग्राम के संजय नाग ने सूचना दी कि हैदराबाद प्लाईवुड कंपनी में बस्तर के कुछ मजदूर काम कर रहे हैं, जिनका एटीएम, आधार कार्ड आदि मालिक द्वारा जमा कर लिया गया है, वहीं मजदूरी भी नहीं दी जा रही है।
संसदीय सचिव ने इस मामले में की जानकारी कलेक्टर चंदन कुमार को देते आवश्यक कार्यवाही के संबंध में कहा। इस पर कलेक्टर श्री कुमार ने राजस्व निरीक्षक जगन्नाथ चालकी, श्रम निरीक्षक नमिता जॉन, पुलिस हवलदार धनसिंह बघेल और सिपाही जयंती कश्यप की अगुवाई में एक दल का गठन किया और उन श्रमिकों को छुड़ाने के लिए तेलंगाना भेजा।
इस दल के सदस्यों ने विकाराबाद के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी विकाराबाद से सम्पर्क किया और हैदराबाद प्लाईवुड कंपनी मे कार्यरत बस्तर संभाग छत्तीसगढ़ के सभी 24 श्रमिकों को 17 सितंबर को सकुशल जगदलपुर वापस लाने में सफल हुई।
श्रमिकों को नियोजकों द्वारा उनकी बकाया मजदूरी 2 लाख 63 हजार 100 रुपए का भुगतान भी दल द्वारा कराया गया। इनमें बस्तर और कोंडागांव के पांच-पांच दंतेवाड़ा और नारायणपुर के चार-चार श्रमिक, बीजापुर और काकेंर के तीन-तीन श्रमिक शामिल थे।
छुड़ाए गए सभी श्रमिकों ने जगदलपुर पहुंचकर कलेक्टर चंदन कुमार से भेंट की और सकुशल घर वापसी के लिए जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रम पदाधिकारी पंकज बिचपुरिया ने अन्य जिलों के श्रमिकों को उनके गृह ग्राम तक रवानगी के लिए संबंधित जिलों के श्रम विभाग को सौंपने की कार्यवाही की। इसके साथ ही श्रमिको को समझाइश दी गई कि भविष्य मे ग्राम सचिव को बिना किसी पूर्व सूचना के अन्य प्रान्तों अथवा जिले से बाहर न जाएं।
ब्रह्मलीन जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दी श्रद्धांजली
रायपुर 17 सितंबर। ब्रह्मलीन जगतगुरू शंकराचार्य द्वि पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करने शनिवार शाम टाउन हॉल में आयोजित शोक सभा आयोजित की गई। सभा में ब्रह्मलीन शंकराचार्य को नमन करते हुये स्वस्ति वाचन एवं शांति पाठ किया गया । सभा में मुख्यमंत्री समेत नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये । इस अवसर पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी का विराट व्यक्तित्व था, उनके वचन हम सबके लिये अमृत समान हैं । उनके युग में हम सब पैदा हुये ये हम सभी का सौभाग्य है । उनके बताये मार्ग पर हम सभी चलें यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पुरानी स्मृतियों को याद करते हुये कहा कि जब भी महारज जी छत्तीसगढ़ आते थे उनके दर्शन का पुण्य लाभ जरूर लेता था । उन्होंने अपना पूरा जीवन , धर्म और समाज के लिये समर्पित कर दिया था । शंकराचार्य जी बाल्यकाल से ही मेधावी थे और उन्हें सभी धर्म ग्रंथ कंठस्थ थे । उन्होंने आजादी के आंदोलन में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया , अंग्रेजो से लड़ाई भी लड़ी। मैं सौभाग्यशाली हूं कि जब मैं राजस्व मंत्री था तब मेरे हस्ताक्षर से छत्तीसगढ़ में उनके आश्रम के लिये जमीन आवंटित हुई, फिर हमारी सरकार आने पर आश्रम के लिये निशुल्क जमीन का पट्टा सौंपा।
श्रद्धांजलि सभा में मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, मंत्री कवासी लखमा, छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, विधायक कुलदीप जुनेजा, विधायक बृजमोहन अग्रवाल एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।
रायपुर, 17 सितंबर। आईएमएस रायपुर चैप्टर द्वारा विश्व ओज़ोन दिवस (16 सितम्बर) शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक शाला नरदहा (रायपुर) में मनाया गया। इस कार्यक्रम में डॉ जी के दास , विभागाध्यक्ष , प्राध्यापक जे एल चौधरी, कृषि विवि, अखिलेश वर्मा उपसंचालक जल मौसम विज्ञान , जयंत दास वरिष्ठ अभियंता , उत्तम के सूरज अभियंता जल संसाधन विभाग , एच पी चंद्रा मौसम विज्ञानी , एन एस मेहता, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी शामिल हुए। अपने-अपने वक्तव्य में सभी ने ओज़ोन परत के क्षरण के कारण मानव जीवन और पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव पर बच्चों तथा शिक्षकों को जागरूक किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य श्रीमती पी मेहता, संचालन व्याख्याता अनिल शर्मा ने किया । इस अवसर पर ओज़ोन पर ड्राइंग और पेंटिंग , भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें ड्राइंग एवं पेंटिंग में तनु दहीरे प्रथम, भूमिका बंजारे द्वितीय , नीलाक्षी वर्मा अन्नु बर्मा- तृतीय, भाषण प्रतियोगिता में प्रिया साहू - प्रथम , लक्ष्मी यादव द्वितीय , तृविकिल साहू तृतीय प्रथम द्वितीय , तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले और भाग लेने वाले सभी बच्चों को पारितोषिक प्रदान किया ।
रायपुर, 17 सितंबर। प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने बस्तर के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार में भारी भ्रष्टाचार की परतें उधड़ने का हवाला देते हुए कहा है कि जिस मंदिर से लाखों भक्तों की आस्था जुड़ी है, वहां भी कांग्रेस भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आई। कांग्रेस की भ्रष्टतम सरकार ने भगवान को भी नहीं बख्शा।
केदार ने कहा कि इनके चापलूस दरबारी मंत्री भूपेश बघेल को भगवान का ही दर्जा दे रहे हैं और ये जगत के स्वामी भगवान जगन्नाथ के मंदिर के काम में भी कारनामे दिखा रहे हैं।
कश्यप ने कहा कि यदि इस भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण प्राप्त नहीं है तो भगवान के घर में डाका डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। लोक निर्माण मंत्री और विभाग प्रमुख पर कार्यवाही की जाये। विभाग में भ्रष्टाचार के लिए सीधे तौर पर विभागीय मंत्री व विभाग के नौकरशाह जिम्मेदार हैंऔर सरकार के मुखिया होने के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दें लेकिन उनकी सरकार तो भ्रष्टाचार के नरवा में लोट रही है। हर काम में कमीशन बंधा है। भूपेश बघेल कमीशन सरकार चला रहे हैं। उनकी सरकार में किसी भी लोक निर्माण में इतना कमीशन डकारा जा रहा है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता सम्भव ही नहीं है।
चीतो का भारत आना पूर्ववर्ती सरकारो की मेहनत का नतीजा
रायपुर, 17 सितंबर। पीएम मोदी के जन्मदिन के दिन जिस प्रकार से पूरी भाजपा, केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने चीता इवेंट किया वह बड़ा हास्यास्पद और देश के लोगों को गुमराह करने वाला है। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि चीता भारत लाने का प्रोजेक्ट 50 साल पहले शुरू हुआ था। 1972 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम लेकर आईं। उसके बाद आईएएस अधिकारी एमके रंजीत सिंह ने चीतों को बचाने के लिए एक प्रोजेक्ट का आइडिया पेश किया। उस समय प्रस्ताव रखा गया था कि चीते ईरान से आएंगे। 1973 में दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट हुआ। भारत को ईरान से चीते चाहिए थे और ईरान को भारत से शेर चाहिए थे। हालांकि कुछ समय बाद वहां सरकार बदल गई और यह मामला खटाई में पड़ गया। पहले चीतों के लिए सेंचुरी गुजरात में बननी थी लेकिन बाद में पाया गया कि वहां माहौल अनुकूल नहीं है। फिर इसकी जगह बदल कर मध्यप्रदेश की गई। इस इस दौरान पाया गया कि ईरान में चीतों की संख्या तेजी से कम हो गई है। प्रोजेक्ट फिर अटक गया।
मरकाम ने कहा कि रंजीत सिंह रिटायर हो गए लेकिन इस प्रोजेक्ट पर वे लगे रहे। 2008-09 में उन्होंने नए सिरे से प्रस्ताव पेश किया। यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक कमेटी बनाई और रंजीत सिंह को इसका अध्यक्ष बनाया। 2009 अफ्रीकन चीता लाने का प्रस्ताव बनाया तथा 2010 में मनमोहन सरकार ने प्रस्ताव स्वीकृत किया। 25 अप्रैल 2010 को तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश अफ्रीका गए और चीता देखा। 2011 में भारत सरकार द्वारा 50 करोड़ रु. चीतों के लिए दिए गए। 2012 सुप्रीम कोर्ट से चीता प्रोजेक्ट पर रोक लगा दिया तथा 2019 में सुप्रीम कोर्ट से रोक हटी उसके बाद अब चीते भारत आ सके। मोदी एंड कंपनी ने सिर्फ अपना टैग लगाकर वाहवाही लेने और प्रचार करने का काम किया है। मोदी सरकार और भाजपा जिन चीतों को भारत लाना मोदी जी को ऐतिहासिक उपलब्धि बता रही उन चीतो को भारत लाने का आइडिया प्रस्ताव और मेहनत देश की पूर्ववर्ती सरकारों का है।
पीएम के जन्मदिन पर टिप्पणी , गैरजिम्मेदाराना हरकत
रायपुर, 17 सितंबर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नलिनीश ठोकने ने कहा कि कांग्रेस संचार विभाग के अध्य्क्ष सुशील आनंद शुक्ला के बयान पर तीखा पलटवार किया है। ठोकने के कहा कि शुक्ला ने पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर जिस तरह का बयान जारी किया है,वह बेहद निंदनीय,गैरजिम्मेदाराना और शर्मनाक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को एक परिवार की सेवा करना ही आदत है, इसलिए उन्हें जरूरतमंदों के लिए आयोजित सेवा पखवाड़ा जैसे आयोजन की समझ नही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते हैं शायद कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्य्क्ष को इतनी भी संमझ नहीं रह गई है। जिस तरह वह अपने बयानों के जरिये भाजपा को नसीहत दे रहे हैं, उन्हें कम से कम यह नसीहत सीएम भूपेश बघेल को देनी चाहिए कि महंगाई कम करने सरकार ने क्या प्रयास किया? पेट्रोल-डीजल पर कितना वैट कम किया?
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का जो मुद्दा वह केंद्र सरकार के लिए उठाते है,उन्हें कम से कम अपनी राज्य की कांग्रेस सरकार से पूछना चाहिए कि 2,500 का बेरोजगारी भत्ता 10 लाख युवाओं को क्यों नही दिया ? किसानो को जिस तरह भूपेश सरकार ने बारदाना, धान खरीदी और खाद- बीज के लिए तरसाया है,उन्हें किसान आने वाले समय मे माफ नही करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का जन्मदिवस किस दिन के रूप मे कांग्रेस मनाना चाहेगी इस ओर भी कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए । क्योंकि भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ उड़ता छत्तीसगढ़ के रूप मे भारत में जाना जाने लगा है ।
श्री ठोकने ने कहा कि कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्य्क्ष ने महापुरुष का जिक्र किया है, उन्हें यह भी नहीं पता है कि प्रधानमंत्री खुद को प्रधानसेवक कहते है, इसलिए उनका जन्मदिन सेवा पखवाड़ा के रूप में आज से नहीं विगत 8 सालों से मनाया जा रहा है।
नयी दिल्ली, 17 सितंबर। आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को कहा कि पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी के विधायकों को निशाना बनाने तथा दिल्ली में ‘आप’ सरकार को गिराने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा है।
अधिकारियों के मुताबिक ओखला से ‘आप’ के विधायक खान को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड में हुई भर्तियों में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था।
खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रत्यक्ष तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘ऐसा लगता है कि वे गुजरात में काफी परेशान हैं।’’ उन्होंने आने वाले दिनों में और विधायकों को गिरफ्तार किए जाने की आशंका जताई।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘पहले वे (दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री) सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार करते हैं। अदालत के लगातार कहने के बावजूद वे सबूत नहीं दे पा रहे हैं। इसके बाद मनीष (उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया) के आवास पर छापे मारे गए वहां उन्हें कुछ नहीं मिला। अब अमानतुल्लाह को गिरफ्तार किया गया और विधायकों को गिरफ्तार किया जा सकता है।’’
सिसोदिया ने अमानतुल्लाह की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को तोड़ने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ को जारी रखे हुए है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पहले इन्होंने सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया लेकिन अदालत में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इन्होंने मेरे घर पर छापेमारी की। कुछ नहीं मिला। फिर कैलाश गहलोत के खिलाफ एक फर्जी जांच शुरू की, और अब अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया है। ‘आप’ के प्रत्येक नेता को तोड़ने के लिए ऑपरेशन लोटस जारी है।’’
इससे पहले ‘आप’ नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा ‘आप’ के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है और उन्हें 20-20 करोड़ रुपये की पेशकश कर रही है।
केजरीवाल ने यहां तक पिछले महीने विधानसभा में विश्वासमत भी पेश किया था ताकि साबित कर सके कि ‘आप’ के विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा था कि ‘‘ऑपरेशन लोटस’’ दिल्ली में असफल है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने खान की गिरफ्तारी के लिए भाजपा की आलोचना की और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा पर भाजपा के इशारे पर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के खिलाफ मीडिया में गुमराह करने वाली खबरें जारी करने का आरोप लगाया।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की छापेमारी में 12 लाख रुपये की नकदी और हथियार बरामद होने के बाद ‘आप’ के विधायक अमानतुल्लाह खान के करीबी सहयोगी हामिद अली को गिरफ्तार किया है।
एसीबी ने शुक्रवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में चार परिसरों पर छापेमारी की थी और इसके अध्यक्ष खान को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि एसीबी की छापेमारी के बाद तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं जिनमें से एक मामला अली (54) के खिलाफ दर्ज किया गया है जो बिना लाइसेंस वाले हथियार और कुछ कारतूस बरामद होने के संबंध में दर्ज किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अली को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि दूसरा मामला शस्त्र अधिनियम के तहत जोगाबाई एक्सटेंशन निवासी कौशर इमाम सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज किया गया है। अधिकारी ने कहा कि सिद्दीकी के परिसर से एक देसी पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद हुए थे। उन्होंने कहा कि उसे अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
एसीबी ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा था कि वक्फ बोर्ड के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ने खान के खिलाफ बयान दिया था और अवैध भर्ती के खिलाफ एक ज्ञापन भी जारी किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि एसीबी की टीम जैसे ही खान को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर पहुंची, उनके रिश्तेदारों और परिचितों ने उस पर हमला कर दिया।
तीसरा मामला एसीबी अधिकारियों के कामकाज में बाधा डालने से संबंधित है। पुलिस ने कहा कि इसमें शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। (भाषा)
रांची, 17 सितंबर। झारखंड के हजारीबाग जिले में शनिवार को करीब 50 यात्रियों को लेकर जा रही एक बस के पुल से नीचे गिर जाने से कम से कम छह यात्रियों की मौत हो गयी, जबकि कई अन्य घायल हो गये।
पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने बताया कि गिरिडीह से रांची जा रही यह बस टाटीझरिया थानाक्षेत्र में पुल का रेलिंग तोड़ते हुए शिवानी नदी में गिर गयी।
उन्होंने कहा , ‘‘ दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि चार अन्य को हजारीबाग के सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कुछ यात्री गंभीर रूप से घायल हैं। हम उन्हें बेहतर उपचार के लिए रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान भेजने की तैयारी कर रहे हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि यदि बस नदी के मध्य पानी में गिरती, तो नुकसान अधिक हो सकता था।
उन्होंने कहा, ‘‘अब भी कुछ यात्री बस के अंदर फंसे हैं और गैस कटर की मदद से निकास द्वार बनाकर हम उन्हें बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘टाटीझरिया में पुल से बस के गिरने से यात्रियों के हताहत होने से मन व्यथित है। परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारों को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे। जिला प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ।’’
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी एवं तीन थाना प्रभारियों को बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए दुर्घटना स्थल पर तैनात किया गया है।(भाषा)
चेन्नई, 17 सितंबर। दुबई से यहां पहुंचे एक विमान के शौचालय से सीमा शुल्क अधिकारियों ने 1.64 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की लगभग तीन किलोग्राम सोने की छड़ें बरामद कीं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सीमा शुल्क के प्रधान आयुक्त एम. मैथ्यू जॉली की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शुक्रवार को एक निजी कंपनी का विमान दुबई से यहां हवाई अड्डे पर पहुंचा।
विज्ञप्ति में कहा गया कि सीमा शुल्क विभाग की विमानतल इकाई ने विमान की तलाशी के दौरान उसके शौचालय में छिपाकर रखी गई सोने की 32 छड़ें बरामद कीं।
विभाग ने कहा, “सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत 1.64 करोड़ रुपये मूल्य की 3.73 किलोग्राम छड़ें जब्त की गई और इस संबंध में जांच जारी है।” (भाषा)
लखीमपुर खीरी, 17 सितंबर। जिले के भीरा थाना क्षेत्र के एक गांव में दो युवकों द्वारा छेड़खानी में असफल होने पर कथित तौर धारदार हथियार से किए गए हमले में घायल 20 वर्षीय एक युवती की शुक्रवार को मौत हो गई, जिसके बाद से पूरे गांव में संप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि युवती 12 सितंबर को कथित तौर पर दो मुस्लिम युवकों द्वारा धारदार हथियार से किए गए हमले में घायल हो गई थी। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को महिला को अस्पताल से छुटटी दे दी गयी थी बाद में घर में उसकी मौत हो गयी।
पुलिस ने कहा कि पीड़िता के परिवार द्वारा महिला से कथित छेड़खानी की शिकायत किए जाने के बाद भी गौर नहीं करने के आरोप में एक पुलिस चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
खीरी पुलिस ने शनिवार को जारी एक प्रेस बयान में बताया कि मामले में पुलिस जांच और युवती की मौत के बाद मूल प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता(भादंसं) की धारा 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) जोड़ी गई है।
बयान के मुताबिक शुक्रवार को युवती की मौत के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर परिवार के सदस्यों के वीडियो आने के बाद उसे प्राथमिकी में ‘छेड़छाड़’ करने की जानकारी मिली।
उन्होंने बताया कि ‘‘ सोशल मीडिया के जरिये शनिवार को संज्ञान में आया कि परिवार के सदस्यों ने उनके द्वारा की गई शिकायत में कथित बदलाव का आरोप लगाया है जिसके बाद संबंधित पुलिस चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया।’’
पुलिस ने कहा कि मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह को सौंपी गई है।
मृतका की मां और बड़े भाई ने शुक्रवार को दो (मुस्लिम) युवकों पर छेड़खानी के प्रयास में विफल रहने के बाद महिला पर धारदार हथियार से हमला करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने बताया कि मां की शिकायत पर 12 सितंबर को भादंसं की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत दोनों युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इस बीच, परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों के विरोध के बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक गोला राजेश कुमार और अन्य अधिकारियों ने गांव पहुंचकर नाराज ग्रामीणों को प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए शांत कराया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बातचीत के बाद अधिकारियों ने परिवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए राजी किया।
पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शनिवार को यहां जलसंरक्षण के महत्व को प्रदर्शित करने वाले एक संग्रहालय का उद्घाटन किया गया।
सुलभ इंटरनेशनल के परिसर में स्थित इस संग्रहालय का लक्ष्य जल संबंधी शिक्षण एवं अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं को प्रमुखता से सामने रखना एवं लोगों के बीच जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस संग्रहालय का उद्घाटन किया। एक बयान के अनुसार, इस संग्रहालय का मकसद आंगुतकों को जल संसाधनों के महत्व के बारे में बताना तथा संभावित हल, पारंपरिक एवं आधुनिक जल प्रबंधन पद्धतियों के बारे में सिखाना भी है।
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा, ‘‘ जल संबंधी शिक्षण एवं संसाधन क्षेत्र के विशेषज्ञों से इस परियोजना पर संपर्क किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सूचनाएं, तस्वीरें एवं आंकड़ा जुटाने के लिए दुनियाभर के विभिन्न जल संसाधन संगठनों से संपर्क करेंगे।’’ (भाषा)
बदायूं (उप्र) 17 सितंबर। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र में एक दलित नाबालिग किशोरी का शव रेलवे स्टेशन के पीछे जंगल से पुलिस ने बरामद किया है। किशोरी के परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।
हालांकि इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी और उसके बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
पुलिस के अनुसार फैजगंज बेहटा थाना इलाके के एक गांव में रेलवे स्टेशन के पीछे 15 वर्षीय दलित किशोरी का शव मिलने की सूचना पर पुलिस ने उसे बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों का आरोप है कि किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है। मृतका की मां ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में आरोप लगाया कि उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया है और इस साजिश में पुलिस चौकी का स्टाफ तथा बैंक के बाहर ड्यूटी करने वाले गार्ड सभी शामिल हैं।
पीड़िता की मां ने कहा कि उसकी लड़की के कपड़ो को देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है।
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस बिना सूचना दिए शव उठा लाई और हमलोगों को उसकी शिनाख्त करने के लिये बदायूं पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।
लड़की के चाचा ने बताया कि हमें एक पुलिसकर्मी ने सूचना दी कि आपकी बेटी का एक्सीडेंट हो गया है और हम जब मौके पर पहुंचे तो वहां लाश नही थी। पता चला कि शव बदायूं भेज दिया गया है।
उन्होंने भी दोहराया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है । पीड़िता के चाचा ने कहा कि हमारे गांव से घटना स्थल की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से सारे सबूत मिटा दिए और हमें आशंका है कि लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गयी है।
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ओपी सिंह ने बताया कि संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है और इस मामले में कठोर कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के एक पैनल से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और पूरी पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
एसएसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले में धाराएं बढ़ा कर कार्रवाई की जाएगी और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार कर घटना का शीघ्र अनावरण किया जाएगा।
परिजनों द्वारा स्थानीय पुलिस चौकी और बैंक में तैनात गार्ड पर संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के सवाल पर एसएसपी ने कहा कि परिजन जो आरोप लगा रहे हैं उन्हें भी विवेचना में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और उसके बाद ही इस मामले पर कुछ कहा जा सकता है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 17 सितंबर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए शनिवार को यहां एक अदालत का रुख किया।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जांच एजेंसी की अर्जी पर यादव को नोटिस जारी कर 28 सितंबर तक उनका जवाब मांगा।
यह मामला एक निजी कंपनी को आईआरसीटीसी के दो होटल का परिचालन अनुबंध देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। अदालत ने अक्टूबर 2018 में मामले में जारी समन के आलोक में पेशी के बाद तेजस्वी यादव को जमानत दे दी थी। (भाषा)
भुवनेश्वर, 17 सितंबर। ओडिशा में संबलपुर-झारसुगुड़ा बीजू एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसे में तीन और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
झारसुगुड़ा शहर में शुक्रवार को एक बस और ट्रक के बीच हुई टक्कर में एक निजी इस्पात और बिजली संयंत्र के चार श्रमिकों की मौत हो गई थी।
पुलिस ने बताया कि इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों में से तीन लोगों ने शनिवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
यह हादसा उस वक्त हुआ जब श्रमिक संयंत्र स्थल से झारसुगुड़ा कस्बे की ओर बस से लौट रहे थे। बस में कुल 60 श्रमिक सवार थे। घायलों के इलाज का खर्च जिला प्रशासन उठा रहा है।
झारसुगुड़ा के जिलाधिकारी सरोज सामल ने कहा कि लगभग 18 श्रमिकों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है जबकि गंभीर रूप से घायल छह अन्य लोगों को बुर्ला के ‘विमसार’ में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि चार अन्य घायल मजदूरों का इलाज जिला मुख्यालय अस्पताल में चल रहा है। (भाषा)
पटना, 17 सितंबर। जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर बिहार में पैठ बनाने के वास्ते भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘‘पेशकश’’ को ठुकराने के किशोर के दावे को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि किशोर ‘‘राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं, बल्कि व्यवसायी’’ हैं, जो ‘‘मार्केटिंग’’ रणनीति का सहारा लेते हैं।
जद(यू) अध्यक्ष ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हम जानते हैं कि प्रशांत किशोर कुछ समय से भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा का एक एजेंट हाल में मजिस्ट्रेट चेकिंग के दौरान पकड़ा गया था।’’
सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा बिहार में साजिशों पर भरोसा कर रही है। पहले उसने आर सी पी सिंह का इस्तेमाल किया और अब वह प्रशांत किशोर का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन हम सतर्क हैं। हम इन साजिशों को सफल नहीं होने देंगे।’’
जद (यू) अध्यक्ष की टिप्पणी के कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की बैठक हुई थी। इसके बाद किशोर ने दावा किया था कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के साथ सीधी स्पष्ट बात की थी। किशोर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि शराबबंदी, जो उनके सबसे पसंदीदा कदमों में से एक है, राज्य में पूरी तरह से विफल रहा है और इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
किशोर ने हाल में ‘जन सुराज’ अभियान शुरू किया, जिसके तहत वह अगले महीने 3,500 किलोमीटर लंबी राज्यव्यापी ‘पदयात्रा’ शुरू करेंगे। किशोर ने कुमार के एक खास प्रस्ताव को भी ठुकराने का दावा किया।
सिंह ने दावा किया, ‘‘बिहार में नयी राजनीतिक स्थिति बनने के बाद प्रशांत किशोर नीतीश कुमार से मिलना चाहते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की, जिन्होंने उन्हें पहले पार्टी अध्यक्ष से बात करने के लिए कहा। इसलिए वह नयी दिल्ली में मुझसे मिलने आए।’’
जद(यू) अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘मैंने उनसे कहा कि पार्टी में उनकी वापसी पर विचार किया जा सकता है, अगर वह पार्टी के अनुशासन का पालन करने के लिए सहमत हों। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात का समय लिया, जो उनसे मिलने के लिए राजी हुए और समय दिया। लेकिन, अपनी ‘मार्केटिंग’ रणनीति के तहत, उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया है, लेकिन वह नहीं जाएंगे।’’
सिंह ने कहा, ‘‘बाद में, पवन वर्मा के नीतीश कुमार से मिलने के बाद, वर्मा ने किशोर के साथ बात की। किशोर ने फिर से मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा व्यक्त की और वे मिले। लेकिन कोई उन्हें कोई प्रस्ताव क्यों देगा? वह कौन हैं?’’
उल्लेखनीय है कि किशोर 2014 में तब चर्चा में आए, जब उनकी कंपनी आईपैक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शानदार सफल प्रचार अभियान को संभाला, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।
एक साल बाद, कुमार ने किशोर की कंपनी की सेवाएं लीं, जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे। कुमार के चिर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ गठबंधन ने प्रधानमंत्री के सघन अभियान के बावजूद महागठबंधन ने भाजपा को पछाड़ दिया।
किशोर को बाद में बिहार के मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। यह कैबिनेट मंत्री रैंक का पद था। हालांकि, इस दौरान किशोर ने अन्य राजनीतिक हस्तियों के लिए पेशेवर तरीके से काम करना जारी रखा।
कुमार जब 2018 में जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उन्होंने किशोर को पार्टी में शामिल किया और उन्हें कुछ हफ्तों के भीतर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया।
हालांकि, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए)-राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर)-राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ किशोर की मुखरता के कारण उन्हें 2020 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। (भाषा)
-नासिरुद्दीन
पिछले दिनों एक वीडियो चारों ओर ख़ूब घूमा. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के एक बड़े से अपार्टमेंट में एक महिला सुरक्षा गार्ड से भिड़ी हुई है.
वह उसे लगातार धमकी दे रही है. धुआँधार गालियाँ दे रही है. गालियाँ माँ-बहन के नाम से जुड़ी हैं. गार्ड बचने की कोशिश कर रहा है. वह महिला बदन और ज़ुबान दोनों से हमलावर है.
इसी के कुछ दिनों बाद कानपुर के एक स्कूल का वीडियो सामने आया. तीन स्कूली लड़कियाँ लड़ रही हैं. एक-दूसरे को पटक रही हैं. बाल नोंचे जा रही हैं. एक लड़की गाली भी दे रही है. गाली माँ के नाम से जुड़ी है.
ये वीडियो वायरल क्यों हुए?
क्या भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में पहली बार गालियों का इस्तेमाल हो रहा था?
हम बतौर समाज पहली बार गालियाँ सुन रहे थे?
क्या स्त्रियाँ पहली बार गालियाँ दे रही थीं?
क्या पहली बार दबंगई करती हुई लड़कियाँ/ स्त्रियाँ दिखीं?
गालियों की संस्कृति
भारतीय मर्दाना समाज में गालियों की ख़ास जगह है. ख़ुश हुए तो गाली. ग़ुस्साये तो गाली. खुलेआम गाली. मन में गाली. गालियों की संस्कृति है और संस्कार भी. यह किसी स्कूल में नहीं सिखायी जाती. घर में या बाहर सुनकर और देखकर सीखी जाती है.
उसके असर से मुतास्सिर होकर हर नयी पीढ़ी इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल करती है. इस तरह लगता है, यह सदियों से हमारे बीच श्रुति और वाचिक परम्परा का हिस्सा है. बाप बेटे-बेटियों को गाली देता है. पति, पत्नी को गाली देता है. दोस्त, दोस्त को गालियाँ देता है. दुश्मन, दुश्मन को गालियों से नवाज़ता है.
निशाना महिलाओं का यौन अंग
दुनिया का तो पता नहीं लेकिन भारतीय और ख़ासकर हिन्दी पट्टी की गालियों की एक ख़ासियत है. 90 फ़ीसदी से ज़्यादा गालियाँ महिलाओं से जुड़ी हैं. महिलाओं में भी महिला रिश्तेदारों से जुड़ी हैं. इनमें भी वे रिश्तेदार जिनसे गाली का निशाना बने शख़्स का सीधा जैविक रिश्ता है.
इन रिश्तेदारों को भी चलते-चलते कुछ नहीं कहा जाता है. बल्कि इन पर निशाना साधते हुए यह ख़ास ध्यान रखा जाता है कि गालियों का जुमला इनके यौन अंग पर सीधे हमलावर हो. विशेषणों के साथ हमलावर हो.
लफ़्ज़ों से बलात्कार
स्त्री के देह में बलात घुसपैठ, बलात्कार है. पुरुष बलात प्रवेश की ताक में रहता है. वह नज़रों से बलात्कार करता है. गालियों के ज़रिये वह लफ़्ज़ों से बलात्कार करता है. बल्कि यह कहना ज़्यादा बेहतर होगा कि वह इस 'बलात्कार' का आनंद लेना चाहता है.
महिलाओं को घर-परिवार, जाति-समाज, समुदाय, धर्म की 'इज़्ज़त' से भी जोड़कर देखा जाता है. तो जब किसी को माँ-बहन-बेटी से जुड़ी यौनिक गालियाँ दी जाती है तो इसके पीछे घर-परिवार, जाति, समाज, समुदय या धर्म की 'बेइज़्ज़ती' का भाव भी होता है.
ठीक उसी तरह जैसे महिला का बलात्कार कर घर-परिवार, समाज, समुदाय, जाति, धर्म से बदला या 'बेइज़्ज़त' करने का मक़सद होता है. यानी 'बेइज़्ज़त' करने के लिए यौनिकता पर श्ब्दों से चोट करो.
गालियों के इस्तेमाल की वजहें
जितनी वजहें बलात्कार की हो सकती हैं, उतनी वजहें गालियों के लिए भी हैं. यानी गालियों का इस्तेमाल मज़े के लिए होता है. किसी को नीचा दिखाने, बेइज़्ज़त करने के लिए होता है. बदला लेने के लिए होता है. किसी को क़ाबू में रखने के लिए होता है. किसी को डराने के लिए होता है. किसी को सरेआम अपनी ही नज़रों में नीचा गिराने के लिए होता है.
गालियों का वर्ग है. जाति है. धर्म है. जिस तरह बलात्कार सबका नहीं किया जा सकता, उसी तरह गालियाँ भी सबको नहीं दी जा सकती हैं. गालियाँ देने वाला ख़ुद को श्रेष्ठ, ताक़तवर- मज़बूत, ऊँचा मानता है. सामने वाले को वह कमतर, नीचा और कमज़ोर मानता है. यही नहीं, वह यह भी मानता है कि इसकी नियति ही गाली सुनने की है.
हिंसक मर्दानगी और गालियाँ
गाली देने वालों के ये सारे भाव मर्दाना हैं. ये भाव 'मर्दानगी' के लक्षण माने जाते हैं. आजकल इन्हें ही 'दबंग मर्दानगी' या 'हिंसक मर्दानगी' या 'ज़हरीली मर्दानगी' भी कहते हैं.
मर्दाना लोगों के दबदबे वाले समाज यानी पितृसत्तात्मक समाज के मूल्य इन्हें फलने-फूलने के लिए ज़रूरी खाद-पानी देते हैं. यानी अगर किसी को घर-परिवार या समाज में दबदबा बनाना है, तो वह हिंसा के अलग-अलग रूपों का सहारा लेता है. इन हिंसा में गालियाँ भी शामिल हैं.
लड़कों और पुरुषों के साथ काम करने वाले सतीश सिंह अपने एक अनुभव का ज़िक्र करते हैं. वे कहते हैं कि एक गाँव में 10-11 साल के लड़कों के साथ काम करने के दौरान पता चला कि 99 फ़ीसदी गालियाँ महिलाओं और लड़कियों से जुड़ी थीं. वह लड़की और महिला की गरिमा को ध्वस्त करती हैं. लड़के और पुरुष गालियों के ज़रिये दूसरे व्यक्ति के सम्मान को चोट पहुँचाते हैं.
लड़कियाँ क्या गालियाँ देती हैं
दिलचस्प तो यह है कि लड़कियाँ और स्त्रियाँ भी जब गालियों के ज़रिये दबंगई करती हैं, तो वे वही गालियाँ होती हैं जो बेटी, बहन, माँ के नाम पर लड़के या पुरुष देते हैं. वे भी अपने शरीर को अकड़ने की कोशिश करती हैं. चिल्लाती हैं. झगड़े करती हैं. गालियाँ देती हैं. मौक़ा मिले तो मारपीट का सहारा लेती हैं.
लड़कियों और स्त्रियों को भी लगता है कि अगर उन्हें अपनी ताक़त या सत्ता का अहसास कराना है तो उन्हें भी वह सब करना चाहिए जो सदियों से 'दबंग मर्दाना' करते आये हैं. वे लड़कों जैसा दबंग बनना चाहती हैं. वे उन मूल्यों को आत्मसात कर रही होती हैं, जो लड़कों को सदियों से दबंग बनाता आया है. अनजाने में वे उसी मर्दाना विचार को मज़बूत करती हैं, जो सदियों से उनकी यानी स्त्री जाति को हर तरह से दबाता आया है. बेइज़्ज़त करता आया है.
पितृसत्तात्मक विचार ने सबको अपने शिकंजे में ले रखा है. इसीलिए यह ताज्जुब की बात नहीं है कि लड़कों की ही तरह लड़कियों के बीच गालियों में बात करना अब फ़ैशन का हिस्सा बनता जा रहा है. वे बहुत धड़ल्ले से माँ-बहन-बेटी से जुड़ी गालियाँ बोलती हैं.
लड़कियाँ क्या कहती हैं
एमए में पढ़ने वाली एक लड़की पूजा का कहना है कि दोस्तों संग बात करते-करते वो कब गालियाँ देने लगीं, पता ही नहीं चला. इसमें लड़कियों के जननांग पर हमला करने वाली गालियाँ भी हैं. उनके लिए यह सब बातचीत का सहज हिस्सा बन गया है.
बीए में पढ़ने वाली अरुंधति बताती हैं कि लड़कियाँ वे सभी गालियाँ देती हैं, जो लड़के देते हैं. शहरी माहौल में पली-बढ़ी यह लड़की एक और इशारा करती है. उसका कहना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली फ़िल्मों और सीरियलों ने गालियों को 'कूल' बना दिया है. यानी गालियाँ बातचीत का सहज हिस्सा बन गयी हैं. अगर गालियों का इस्तेमाल न हो तो लगता है कि हम नये ज़माने के नहीं हैं.
लड़कों का नहीं तो लड़कियों का गाली देना बुरा क्यों
ज़रा कोशिश करते हैं. गूगल या यूट्यूब पर तलाश करते हैं. हमें अनेक ऐसे वीडियो मिलते हैं. हालाँकि ख़ास बात इनके शीर्षक में दिखी- औरतें गालियाँ देती हुईं, शॉकिंग! महिला ने डंडे से ऐसे धोया कि..., देखिये ये औरत एक बार में कैसे 100 गाली देती है, नोएडा की गालीबाज़ महिला… वग़ैरह… वग़ैरह!
इसलिए एक बड़ा सवाल है. हमें लड़कों और मर्दों का गाली देना अटपटा या बुरा नहीं लगता. वे सुबह से शाम तक माँ-बहन-बेटी कर रहे होते हैं और कहीं कोई वीडियो वायरल नहीं हो रहा था. क्यों? क्योंकि मर्दों का यह सहज बर्ताव मान लिया गया है. या यों कहें, उनके गुणों में यह शामिल है- दबंगई और गालियाँ देना. स्त्री जाति पर शब्दों और शरीर से हमला करना. शायद इसीलिए गाली देते मर्दों के ऐसे वीडियो शायद ही मिलें. वायरल तो न के बराबर मिलेंगे.
यह सवाल ही ग़लत है. अगर गालियाँ हिंसा है तो लड़का दे या लड़की- ग़लत है. गालियाँ बेहतर इंसान नहीं बनातीं. वह क्रूर बनाती हैं. हिंसक बनाती हैं. नफ़रत पैदा करती हैं… और सबसे बढ़कर बुराइयों में समानता की तलाश ही क्यों?
गालियों को न कहना होगा
इसलिए अगर लड़कियों और स्त्रियों को 'पितृसत्ता' को ध्वस्त करना है या 'ज़हरीली मर्दानगी' से निजात पाना है तो महज़ अधिकारों पर दावे से काम नहीं चलेगा उन्हें नयी जीवन संस्कृति के लिए भी काम करना होगा. संवाद की नयी भाषा भी गढ़नी होगी. (bbc.com/hindi)
गुजरात के वडोदरा से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां शादी के 8 साल बाद जब एक महिला को अपने पति के ‘खौफनाक’ सच का पता चला, तो उसके पैरों के नीचे से मानो जमीन ही खिसक गई. दरअसल, शादी से पहले उसका पति भी एक महिला ही था. उसने ब्याह रचाने के लिए अपना जेंडर चेंज कराया था. पति की सच्चाई जानने के बाद महिला ने थाने में लिखित में शिकायत की है. इसके साथ ही एफआईआर में खुद के घरवालों का भी नाम दर्ज कराया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 40 साल की महिला ने बुधवार को गोत्री पुलिस में पति विराज वर्धन पर धोखाधड़ी और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाने के साथ एफआईआर दर्ज कराई है. महिला ने पुलिस को बताया, विराज से उसकी मुलाकात 9 साल पहले एक मैट्रीमोनियल साइट के जरिए हुई थी. जिसकी पहचान पहले विजेता के रूप में हुई थी. महिला ने बताया कि 2011 में एक सड़क हादसे में उसके पहले पति की मौत हो गई थी. वे अपने पीछे 14 साल की बेटी छोड़ गए थे.
पुलिस के मुताबिक, महिला ने फरवरी 2014 में परिवार की मौजूदगी में विराज से शादी की. इसके बाद हनीमून मनाने कश्मीर भी गए. हालांकि, इस दौरान दोनों में फिजिकल रिलेशन नहीं बने. विराज हमेशा बहाने बनाता रहा. लेकिन जब महिला ने दबाव डाला, तो उसने दावा किया कि कुछ साल पहले रूस में एक हादसे ने उसे फिजिकल रिलेशन बनाने में असमर्थ बना दिया. आरोपी का कहना था कि एक सर्जरी के बाद सबकुछ पहले जैसा ठीक हो जाएगा.
महिला ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2020 में विराज उससे वजन कम करने के लिए सर्जरी करवाने की बात कहकर कोलकाता चला गया. इसके बाद उसके पति ने खुद कबूला कि उसने जेंडर चेंज कराने के लिए सर्जरी कराई है. महिला का आरोप है कि सर्जरी कराने के बाद विराज ने उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना शुरू कर दिया. इसके साथ ही वह महिला को धमकाता था कि अगर वह इसके बारे में किसी से बात करती है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. आरोपी दिल्ली का रहने वाला है. पुलिस उसे वडोदरा लेकर आ चुकी है.(tv9hindi.com)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 सितंबर। सालासार धाम मंदिर में चल रहा फैशन शो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बंद करवाया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि मंदिर परिसर में ऐसे शो की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। उन्होंने प्रश्न किया कि मंदिर परिसर में फैशन शो की अनुमति देना कितना सही है।
जिला संयोजक बजरंग दल रवि वाधवानी ने कहा कि अनुमति लेने वाला अमित अग्रवाल है। आयोजन एफडीसीए नामक कम्पनी है। इसके कर्ताधर्ता आरिफ, मनीष सोनी, प्रशांत सोनी, नवीन तलवार, राशि बहल, पर बजरंग दल ने थाने में पत्र देकर कार्यवाही की माँग की है। वाधवानी का कहना है कि अगर एफआईआर नहीं होती तो बजरंग उग्र आंदोलन करेगा।
उल्लेखनीय है कि बजरंग दल ने दो माह पहले शहर के दो होटलों में रूसी नर्तकों का डांस नाइट और कार्ल गल्र्स को पकड़वाया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 सितंबर। जन संस्कृति मंच का16 वां राष्ट्रीय सम्मेलन रायपुर में 8-9 अक्टूबर को पंजाब केसरी भवन में हो रहा है। दो दिवसीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सहित देशभर के लगभग पांच सौ लेखक, साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी अपनी हिस्सेदारी दर्ज करेंगे।
मंच के छत्तीसगढ़ संयोजक सियाराम शर्मा ने बताया कि यह सम्मेलन फासीवाद के खिलाफ प्रतिराध, आजादी और लोकतंत्र की संस्कृति के लिए जैसे महत्वपूर्ण विषय पर केन्द्रित है। सम्मेलन में लेखक-संस्कृतिकर्मी फासीवाद के खिलाफ सांस्कृतिक शक्तियों को एकजुट करने और सांस्कृतिक प्रतिरोध के रूपों पर गहनता से विचार विमर्श कर योजना व रणनीति बनाएंगे।
उन्होंने बताया कि 8 अक्टूबर को अपरान्ह चार बजे सम्मेलन का उद्घाटन होगा। दूसरे दिन दोपहर 12 बजे फासीवाद के खिलाफ प्रतिरोध के रूप विषय पर वैचारिक सत्र होगा। इसके अलावा सम्मेलन के दोनों दिन शाम छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के सत्र होगा जिसमें बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, यूपी, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल आदि स्थानों से आए कलाकार, रंगकर्मी अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे? कविता पाठ का भी आयोजन किया गया है।
गौरतलब है कि जन संस्कृति मंच की स्थापना 26 अक्टूबर 1985 को हुई थी। प्रसिद्ध नाटककार गुरूशरण सिंह इसके पहले अध्यक्ष और क्रांतिकारी कवि गोरख पांडेय संस्थापक महासचिव थे। तीन दशक से अधिक समय में जन संस्कृति मंच के 15 राष्ट्रीय सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला सम्मेलन जुलाई 2017 को पटना में हुआ था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 सितंबर। आज दोपहर अग्रवाल समाज के कार्यक्रम की तैयारियों के दौरान उस वक्त अफरा-तफरी फैल गई, जब गुब्बारे में गैस भरने वाला सिलेंडर धमाके के साथ फट गया और गुब्बारा में गैस भरने वाले एक युवक का एक पैर शरीर से अलग होकर दूर गिरा और उसके अन्य हिस्सो में भी गंभीर चोटें आई है।
सूचना मिलने के बाद सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और गुब्बारे फुलाने वाले युवक को एंबुलेंस के जरिये मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। वहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
रायगढ़ के नटवर स्कूल में शनिवार से अग्रवाल समाज द्वारा अग्रसेन जयंती कार्यक्रमों की शुरूआत की जा रही थी और इसी तैयारियों में मैदान को गुब्बारे से सजाने के लिये गुब्बारे फुलाने वाले को बुलाया गया था। इसी दौरान दोपहर करीब 2 बजे तेज धमाके के साथ सिलेंडर फट गया, जिससे गुब्बारा फुलाने वाला युवक का एक पैर शरीर से अलग हो गया और शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोट आई है।
वहां मौजूद लोगों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि आसपास के लोगों में भी अफरा-तफरी फैल गई।
ज्ञात हो कि इस वर्ष से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल संचालित किया जा रहा है लेकिन वहां बच्चे नहीं होने के चलते एक और बड़ी घटना टल गई ।
बहरहाल पुलिस ने अग्रसेन जयंती के संचालकों से पूछताछ करते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है, वहीं घायल गुब्बारा फुलाने वाला युवक अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है।