खेल
नई दिल्ली, 4 फरवरी | भारत में जारी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पॉप सिंगर रिहाना की सचिन तेंदुलकर और कप्तान विराट कोहली समेत कई दिग्गजों ने जमकर खिंचाई की है। दिल्ली के आस-पास इंटरनेट सेवा पर रोक - शीर्षक से एक टीवी चैनल की खबर को ट्वीट करते हुए रिहाना ने अपने टाइमलाइन पर फार्मर्स प्रोटेस्ट हैशटैग के साथ लिखा कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?।
इसके जवाब में अब सचिन ने सोशल मीडिया पर कहा, "भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं, लेकिन प्रतिभागी नहीं। भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला करना चाहिए। आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें।"
कप्तान कोहली ने ट्वीट करते हुए कहा, " असहमति के इस समय में हम सभी एकजुट रहें। किसान हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा हैं और मुझे यकीन है कि सभी पक्षों के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान मिल जाएगा, ताकि शांति रहे और सभी मिलकर आगे बढ़ सकें।"
शिखर ध्वन ने लिखा, " हमारे महान देश को फायदा हो ऐसे समाधान तक पहुंचना अभी सबसे जरूरी चीज है। आइए साथ खड़े रहें और एक बेहतर व सुनहरे भविष्य की तरफ आगे बढ़ें।"
पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले ने लिखा, " दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने आंतरिक मुद्दों को सौहार्दपूर्ण समाधानों तक ले जाने में सक्षम है।"
पूर्व तेज गेंदबाज आर पी सिंह ने लिखा, " भारत में हमेशा सभी विचारों की एक महान परंपरा है। हम एक दूसरे से सहमत और असहमत हो सकते हैं, लेकन हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करना और कमेंट करना हम कतई पसंद नहीं करते। क्योंकि हम शायद ही कभी ऐसा करते हों।"
प्रज्ञान ओझा ने कहा, " मेरा देश हमारे किसानों पर गर्व करता है और जानता है कि वो कितने अहम हैं। मुझे यकीन है कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। हमें हमारे अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी शख्स के दखल की जरूरत नहीं हे।"
गौरतलब है कि इंग्लैंड के बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मोंटी पानेसर ने भी भारत में किसानों के आंदोलन पर बहस के लिए पॉप स्टार को आमंत्रित किया था।
रिहाना के ट्वीट के जवाब में मोंटी पानेसर ने भी ट्वीट किया और लिखा, " मेरे शो-दि फुल मोंटी पर इस शनिवार किसान आंदोलन के विषय पर आपका साक्षात्कार करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।"
तीन नए कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर अड़े किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही दिल्ली से सटे बॉर्डर इलाकों में डटे हुए हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक लगा दी है। (आईएएनएस)
चेन्नई, 4 फरवरी | पितृत्व अवकाश के बाद लौटे कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार से यहां एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट में विजयी लक्ष्य लेकर मैदान पर उतरेगी। कोहली आस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज अंतिम तीन टेस्ट में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे और अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण वह स्वदेश लौट आए थे। उनकी गैर मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे ने टीम की कमान संभाली थी।
कोहली के न होने और फिर कई सीनियर खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद टीम इंडिया ने रहाणे की कप्तानी में आस्ट्रेलिया को 2-1 हराकर कंगारूओं की धरती पर लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज जीती थी।
लेकिन रहाणे का कहना है कि अब वह बैकसीट लेने से खुश हैं और जब भी जरूरत पड़ती है तो वह कप्तान विराट कोहली की मदद करने के लिए तैयार होते हैं।
रहाणे ने कहा था, "मेरा काम बैकसीट लेना है और जब भी जरूरत हो तो विराट की मदद करना है। जब भी उन्हें (विराट) मेरी मदद की आवश्कता होगी, मैं उनकी मदद करूंगा। जब मैं उप-कप्तान होता हूं तो मैं आमतौर पर बैकसीट लेता हूं।"
भारत चेन्नई में जीत के दावेदार के रूप में अपनी शुरुआत करेगा क्योंकि चेन्नई की विकेट स्पिनरों को रास आने वाली है। इंग्लैंड की पिछली बार 2016 में जब भारत दौरे पर आई थी तो पांच मैचों की सीरीज में उसे 0-4 से शिकस्त खानी पड़ी थी।
हालांकि मेहमान टीम ने हाल में श्रीलंका को उसके घर में 2-0 से हराया और इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। वहीं, भारत ने आस्ट्रेलिया में चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती है।
इंग्लैंड के बल्लेबाजी कोच ग्राहम थोरपे और सलाहकार जोनाथन ट्रॉट दोनों ही पहले ही कह चुके हैं कि इंग्लैंड की योजना पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने और खेल पर नियंत्रण रखने की होगी।
भारत को फिलहाल आलराउंडर रवींद्र जडेजा, तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव की कमी खलेगी, जोकि चोटिल हैं। भारत को अब जसप्रीत बुमराह और ईशांत शर्मा तथा रविचंद्रन अश्विन पर निर्भर रहना पड़ेगा।
एक साल में यह पहली बार होगा जब कोहली और रोहित शर्मा एक साथ खेलेंगे। इसके अलावा हार्दिक पांड्या की भी वापसी होगी। पांड्या ने ऑस्ट्रेलिया में एक बल्लेबाज के रूप में वनडे मैच खेले थे, लेकिन गेंदबाजी नहीं कर सके थे। कोहली ने पहले कहा था कि पांड्या एक आलराउंडर के रूप में टेस्ट टीम में जगह बना सकते हैं।
चेपक के नाम से मशहूर चेन्नई का एम.ए चिदंबरम स्टेडियम मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ मेजबान भारत का शानदार रिकॉर्ड रहा है।
भारत और इंग्लैंड ने इस मैदान पर अब तक नौ टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से मेजबान भारत ने पांच जीते हैं, जबकि इंग्लैंड के हिस्से में तीन जीत नसीब हुई है। वहीं, दोनों टीमों के बीच 1982 में खेला गया मैच ड्रॉ रहा था।
भारत ने पिछली बार यहां इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में खेला था, जब उसने पारी और 75 रन से शानदार जीत दर्ज की थी।
मेजबान भारत को जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के इंग्लैंड के साथ इस सीरीज में कम दो टेस्ट मैच जीतने की जरूरत है।
इंग्लैंड के होने वाली सीरीज में भारत की 1-0 की जीत हालांकि ऑस्ट्रेलिया के लिए फाइनल में जाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
भारत को अगर फाइनल में जाना है तो उसे अब चार टेस्ट मैचों की सीरीज में इंग्लैंड को कम से कम 2-0 से हराना ही होगा। 2-1, 3-0, 3-1 या 4-0 की जीत अधिक सुरक्षित होगी।
इंग्लैंड की टीम अगर 3-0, 3-1, 4-0 के अंतर से जीतती है तो वह फाइनल में पहुंच जाएगी।
भारत अगर केवल 1-0 के एक अंतर से जीतता है या इंग्लैंड अगर 1-0, 2-0 या 2-1 से जीत जाता है तो आस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच जाएगी। यही नहीं यह सीरीज अगर 0-0, 1-1 या 2-2 से ड्रॉ भी होती है तो ऑस्ट्रेलिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल खेलने का हक मिल जाएगा।
टीमें : (संभावित:)
भारत : विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, शुभमन गिल, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, लोकेश राहुल, रिद्धिमान साहा, ईशांत शर्मा, रोहित शर्मा, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, कुलदीप यादव
इंग्लैंड : जो रूट (कप्तान), मोइन अली, जेम्स एंडरसन, जोफ्रा आर्चर, डॉम बेस, स्टुअर्ट ब्रॉड, रोरी बर्न्स, जोस बटलर, जैक क्रॉले, बेन फॉक्स, डैन लॉरेंस, जैक लीच, डोम सिबली, बेन स्टोक्स, ओली स्टोन, क्रिस वोक्स, ओली पोप। (आईएएनएस)
भारत की सबसे कम उम्र की पिस्टल शूटर ईशा सिंह को खेल-कूद के प्रति लगाव परिवार से विरासत में हासिल हुआ है. उनके पिता सचिन सिंह मोटरस्पोर्ट्स में नेशनल रैली चैंपियन रहे हैं.
हालांकि उन्हें मोटर ड्राइविंग से ज़्यादा पिस्टल आकर्षित करती थी. ईशा सिंह अभी 16 साल की हैं लेकिन उन्होंने महज़ नौ साल की उम्र से निशानेबाज़ी की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी.
वो कहती हैं कि पिस्टल की गोली की आवाज़ उनके कानों में किसी संगीत की तरह लगती है और इस खेल में जिस हिम्मत की ज़रूरत होती है, उससे उन्हें प्यार था.
उन्होंने 2014 में पहली बार बंदूक थामी थी और साल 2018 में उन्होंने नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया. वो उस वक्त भी एक किशोरी ही थीं. सिर्फ़ 13 साल की उम्र में उन्होंने मनु भाकर और हिना सिद्धू जैसे अंतरराष्ट्रीय मेडल विजेताओं को मात दे दी थी. उन्होंने इसके साथ ही यूथ, जूनियर और सीनियर कैटेगरी में तीन गोल्ड मेडल जीते.
उन्होंने अपनी क्षमता साबित करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में शिरकत की और जूनियर वर्ल्ड कप में सिल्वर और एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया.
किसी खेल को लेकर आकर्षण ही सिर्फ़ आपकी कामयाबी की गारंटी नहीं हो सकती है. आपको कामयाब होने के लिए कई तरह की बाधाओं से होकर गुज़रना पड़ता है.
ईशा सिंह को ऐसी ही बाधाओं से गुज़रना पड़ा है. तेलंगाना में जहाँ वो रहती थीं वहाँ कहीं नज़दीक में ट्रेनिंग के लिए कोई शूटिंग रेंज नहीं था.
जब प्रतियोगिता होने वाली होती थी तब उन्हें ट्रेनिंग के लिए घर से एक घंटे की दूरी तय करके गाचीबॉली स्टेडियम तक जाना होता था. उन्हें मैनुअल रेंज पर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी.
उनके लिए पढ़ाई, ट्रेनिंग और ट्रैवल इन तीनों के बीच समय का संतुलन बनाने को लेकर जूझना पड़ता था.
किसी नौ साल की बच्ची के लिए बच्चों की तरह मस्ती वाली एक्टिविटी की तरफ आकर्षित होना बहुत स्वभाविक था. उनके लिए अपने आप को इन सबसे ध्यान हटाकर खेल पर फोकस करना इतना आसान नहीं था.
हालांकि उन्होंने अपने लिए एक लक्ष्य तय कर रखा था और वो इस खेल से प्यार करती हैं इसलिए उन्हें इन चुनौतियों से निपटने में मदद मिली.
चुनौतियाँ
ईशा सिंह अपने करियर में आज जहाँ पहुँची हैं, इसमें सिर्फ अकेले उनकी कुर्बानियाँ ही नहीं हैं. उनके पिता को अपनी मोटर ड्राइविंग का करियर छोड़ना पड़ा ताकि वो अपनी बेटी पर ध्यान दे सकें.
ईशा सिंह के माता-पिता दोनों ने ही उनका करियर बनाने के लिए बहुत समर्पण दिखाया.
एक युवा खिलाड़ी को लगातार हौसला देते रहने की ज़रूरत पड़ती है और ईशा सिंह को कभी भी इसकी कमी नहीं हुई. उनके पिता हमेशा उनके साथ खड़े रहे.
ये कुर्बानियाँ बेकार नहीं गईं. चार सालों के अंदर ही ईशा सिंह नेशनल चैंपियन बनकर उभरीं.
इस कामयाबी ने उनके करियर की नींव रख दी. इससे उनमें यह आत्मविश्वास आया कि वो थोड़ी और कोशिश करें तो अंतरराष्ट्रीय मेडल भी जीत सकती हैं. (bbc.com)
चेन्नई, 3 फरवरी | भारतीय उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि वह बैकसीट लेने से खुश हैं और जब भी जरूरत पड़ती है तो वह कप्तान विराट कोहली की मदद करने के लिए तैयार होते हैं। कोहली आस्ट्रेलिया दौरे पर अंतिम तीन टेस्ट में नहीं खेले थे और उनकी जगह रहाणे ने टीम इंडिया की कप्तानी संभाली थी और सीरीज 2-1 से जीती थी। भारतीय टीम अब कोहली की कप्तानी में शुक्रवार से इंग्लैंड के साथ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी।
रहाणे ने बुधवार को मीडिया से कहा, "मेरा काम बैकसीट लेना है और जब भी जरूरत हो तो विराट की मदद करना है। जब भी उन्हें (विराट) मेरी मदद की आवश्कता होगी, मैं उनकी मदद करूंगा। जब मैं उप-कप्तान होता हूं तो मैं आमतौर पर बैकसीट लेता हूं।"
उन्होंने कहा, "कप्तान के दिमाग में बहुत सारी चीजें हैं, इसलिए एक उप-कप्तान के रूप में, आपको स्थितियों की कल्पना करनी होगी, इस बारे में सोचें कि खेल में क्या हो सकता है और अगर कप्तान आपसे सुझाव मांगता है तो आपको तैयार होना चाहिए। मेरा काम वास्तव में आसान है। मैं बैकसीट लेता हूं। जब भी वह मुझसे कुछ चीजों के बारे में पूछते हैं, मैं जाता हूं और उन्हें बताता हूं। मेरे लिए, जब भी वह कप्तान होता है, मैं आमतौर पर बैकसीट लेता हूं।"
उपकप्तान ने कहा, "विराट कप्तान हैं। उन्होंने पारिवारिक कारणों से ऑस्ट्रेलिया से वापस आए थे। मूल रूप से वह कप्तान हैं और मैं उप-कप्तान हूं। मैं वास्तव में खुश हूं कि वह वापस आ गए हैं। एक टीम के रूप में हम अपनी ताकत से खेलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
उन्होंने स्वीकार किया कि नंबर पांच पर वापस बल्लेबाजी करने लिए थोड़ा समायोजन की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "थोड़े से समायोजन की जरूरत है। लेकिन मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं। यह उस विशेष परिस्थिति में टीम को किस चीज की जरूरत है और उसके अनुसार बल्लेबाजी करनी है। टीम को जो भी जरूरत होगी, उसमें मैं अपना 100 प्रतिशत दूंगा।" (आईएएनएस)
वॉस्को (गोवा), 3 फरवरी | हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी के लिए एक समय सभी उम्मीदें खत्म हो रही थी। लेकिन खालिद जमील के अंतरिम कोच नियुक्त होने के बाद से टीम ने खुली हवा में सांस लेनी शुरू कर दी है। मुख्य कोच गेरार्ड नुस के जाने के बाद हाइलैंडर्स के नाम से मशहूर नॉर्थईस्ट तालिका में खराब स्थिति में थी और प्लेआफ में पहुंचने की उसकी उम्मीदों पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। लेकिन जमील के मार्गदर्शन में विजयी हैट्रिक लगा चुकी नॉर्थईस्ट फिर से टॉप-4 में पहुंचने की रेस में लौट आया है।
अपने पिछले मैच में टेबल टॉपर मुंबई सिटी को हरा चुकी नॉर्थईस्ट युनाइटेड को अब गुरुवार को वॉस्को के तिलक मैदान स्टेडियम में एफसी गोवा से भिड़ना है।
दोनों टीमों के 14-14 मैचों के बाद 21-21 अंक है। पांचवें स्थान पर काबिज हाइलैंडर्स अपने प्रतिद्वंद्वी गोवा से एक पायदान नीचे है। ऐसे में जबकि नॉर्थईस्ट पिछले चार मैचों से अजेय है तो वहीं गोवा पिछले सात मैचों से एक भी मैच नहीं हारी है। ऐसे में यह काफी दिलचस्प मुकाबला होगा।
नॉर्थईस्ट युनाइटेड के सहायक कोच एलिसन ने कहा, "हमने उनका विश्लेषण किया है। हमें मैच को अच्छे से लेना होगा और जीत के लिए बेस्ट देना होगा।"
जमील के मार्गदर्शन में विजयी हैट्रिक लगा चुकी नॉर्थईस्ट युनाइटेड आईएसएल के इतिहास में पहली बार लगातार तीन मैच जीतने में सफल रही है।
उन्होंने कहा, "मैं इसका श्रेय कोच खालिद, तकनीकी निदेशक, कोचिंग स्टाफ और उन सभी खिलाड़ियों को देना चाहूंगा जिन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने कुछ भी नहीं बदला है। हमने केवल अपनी अटैकिंग और डिफेंस को मजबूत किया है और यह एकमात्र चीज है। हम रचनात्मक फुटबॉल खेलने की कोशिश कर रहे हैं।"
दोनों टीमें इस सीजन की शुरुआत में जब एक दूसरे से भिड़ी थी तो उन्हें 1-1 से ड्रॉ खेलना पड़ा था। लेकिन गोवा के कोच जुआन फेरांडो को एक कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
फेरांडो ने कहा, "वे (नॉर्थईस्ट) खिलाड़ी खुश हैं। वे हर खेल, हर मिनट का आनंद ले रहे हैं। उनके ड्रेसिंग रूम में माहौल अच्छा होगा। उन्होंने कठिन मैच जीते। खिलाड़ी पिच पर फ्री हैं। उन्होंने बहुत सारी सकारात्मकता हासिल की है।"
गोवा को इस मैच में इदु बेदिया की सेवाएं नहीं मिल पाएंगी, जो निलंबित हैं जबकि ब्रैंडन फर्नांडीज चोटिल हैं।
फेरांडो ने स्वीकार किया कि उन्हें ऐसा लगता है कि प्लेआफ की रेस में बने रहने की उनकी उम्मीदों को थोड़ा झटका लगा है, लेकिन उन्हें लगता है कि यह उसके पक्ष में सकारात्मक रहा है।
उन्होंने कहा, "मुझे हर समय दबाव महसूस होता है। यह भारतीय लीग के लिए अच्छा है, क्योंकि कमोबेश सभी टीमों के बीच अधिकतम 3-4 अंकों का अंतर है। यह हमारे लिए अच्छा है। हर मैच महत्वपूर्ण है और हमारी मानसिकता तीन अंक प्राप्त करने की है।" (आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 फरवरी। प्रदेश स्तरीय प्रथम तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन 31 जनवरी को बेमेतरा में आयोजित किया गया। राजनांदगांव जिले के संस्कारधानी तीरंदाजी संघ के तीरंदाजों ने अपनी क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन करते प्रदेश स्तरीय जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण एवं कांस्य पदक पर निशाना साधा। जिसमें रश्मि साहू एवं चंदन साहू प्रदेश स्तर पर चुने गए एवं आगामी राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता हेतु चयनित किए गए हैं।
संस्कारधानी तीरंदाजी संघ के कोच राहुल साहू और कुशल रजक के प्रशिक्षण और निर्देशन में तीरंदाजी टीम बेमेतरा में जुटे करीब सवा सौ तीरंदाजों को मात देते स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाते राजनांदगांव का दबदबा बरकरार रखा।
प्रथम स्थान में स्वर्ण पदक के लिए रश्मि साहू एवं चतुर्थ स्थान में चंदन साहू प्रदेश स्तर पर चुने गए एवं आगामी राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता हेतु चयनित किए गए हैं। राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन देहरादून में मार्च माह में आयोजित किया जाना है। खिलाडिय़ों की इस प्रतिभा और उपलब्धि पर खेलप्रेमियों ने बधाई दी। उक्त जानकारी लोकेश शर्मा ने दी।
राजनांदगांव, 3 फरवरी। वनांचल के ग्राम घोटिया में न्यू स्टॉर क्लब द्वारा गत दिनों एक दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजगामी संपदा न्यास अध्यक्ष विवेक वासनिक ने रिबन काटकर किया।
साथ ही खिलाडिय़ों से मैदान में परिचय प्राप्त किया। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत सरपंच संजय उईके व शिक्षक दावेन्द्र नागर समेत ग्रामीणों ने किया। इस अवसर पर राजगामी संपदा अध्यक्ष श्री वासनिक ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार निरंतर नई खेल प्रतिभाओ के लिए सजग और प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इसी सोच को हम बढ़ावा देने के सदैव तैयार हैं।
रोम, 3 फरवरी | करिश्माई फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के दो गोलों की मदद से जुवेंतस ने कोपा इटालिया सेमीफाइनल के पहले चरण में इंटर मिलान को 2-1 से हरा दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को खेले गए इस मैच में जुवेंतस को 23वें मिनट में पेनाल्टी मिल गई, जिसपर कि रोनाल्डो ने गोल करते हुए जुवेंतस को 1-0 की बढ़त दिला दी।
रोनाल्डो ने इसके बाद 35वें मिनट में दूसरा गोल करते हुए जुवेंतस की लीड को 2-0 तक पहुंचा दिया। इंटर मिलान ने इसके बाद दूसरे हाफ में वापसी करने की काफी कोशिश की, लेकिन टीम सफलता हासिल नहीं पाई और उसे हार झेलनी पड़ी।
जुवेंतस और इंटर मिलान के बीच कोपा इटालिया सेमीफाइनल का दूसरा चरण नौ फरवरी को खेला जाएगा। (आईएएनएस)
मेलबर्न, 3 फरवरी | इटली ने फ्रांस को हराकर एटीपी कप टेनिस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। इटली के माटिओ बेरेटिनी ने फ्रांस के जाएल मोंफिल्स को 6-4, 6-2 से हराया और इटली ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। बेरेटिनी का मेलबर्न पार्क में दबदबा रहा है और उन्होंने ग्रुप-सी में फ्रांस का प्रतिनिधित्व कर रहे टॉप-11 में शामिल डॉमिनीक थिएम और मोंफिल्स को मात दी।
बेरेटिनी ने जीत के बाद कहा, "यह एक शानदार टीम है, शान खिलाड़ी हैं। हम कोर्ट पर अपने खेल का आनंद ले रहे हैं। मुझे लगता है कि जब आप अपने देश के लिए, अपनी टीम के लिए खेल रहे होते हैं, तो यह बहुत खास होता है।"
उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से इस प्रतियोगिता को मैंने पिछले साल बहुत मिस किया था और इस साल मैं वास्तव में खेलना चाह रहा था। मैं यहां आकर खुश हूं और अपनी टीम के लिए वास्तव में खुश हूं क्योंकि हम सेमीफाइनल में हैं।"
इससे पहले, दिन के एक अन्य मुकाबले में फेबियो फोगनिनी ने मंगलवार को एटीपी कप के अपने पहले मुकाबले में बेनोइट पियरे को 6-1, 7-6(2) से हराकर इटली को 1-0 की लीड दिला दी। उन्होंने एक घंटा और 19 मिनट में यह मैच जीता।
इटली के माटिओ बेरेटिनी ने फ्रांस के जाएल मोंफिल्स को 6-4, 6-2 से हराया और इटली ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
युगल वर्ग के मैच में निकोलस मेहुत और एडोर्ड रोजर वेसलिन की जोड़ी ने सिमोने बोलेली और एंद्रिया वावासोरी को 67 मिनट तक चले मुकाबले में 6-3, 6-4 से शिकस्त दी। हांलांकि, इटली ने अंतत: फ्रांस को 2-1 से हराया।
2021 एटीपी कप में एटीपी रैंकिंग में टॉप 15 में से 14 खिलाड़ी भाग लेंगे। प्रत्येक देश से चार खिलाड़ी इसमें खेलेंगे।
स्पेन के अलावा आस्ट्रिया, रूस, यूनान, जर्मनी, अर्जेंटीना, इटली, जापान, फ्रांस और कनाडा की टीमें भी इसमें भाग लेंगी। मेजबान होने के नाते आस्ट्रेलिया को वाइल्ड कार्ड से इस टूनामेंट में प्रवेश दिया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | भारत में किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पॉप सिंगर रिहाना की पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा ने जमकर खिंचाई की है। उन्होंने कहा है कि हम नहीं चाहते कि कोई भी बाहरी हमारे अंदरूनी मामलों में दखल दे। दिल्ली के आस-पास इंटरनेट सेवा पर रोक - शीर्षक से एक टीवी चैनल की खबर को ट्वीट करते हुए रिहाना ने अपने टाइमलाइन पर फार्मर्स प्रोटेस्ट हैशटैग के साथ लिखा कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?!
इसके जवाब में ओझा ने कहा कि हमारे देश को अपने किसानों पर गर्व है। देश यह भी जानता है कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही इसका समाधान निकलेगा। हमारे अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी को नाक घुसड़ने की कोई जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि इंग्लैंड के बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मोंटी पानेसर ने भी भारत में किसानों के आंदोलन पर बहस के लिए पॉप स्टार को आमंत्रित किया था।
रिहाना के ट्वीट के जवाब में मोंटी पानेसर ने भी ट्वीट किया और लिखा, मेरे शो - दि फुल मोंटी पर इस शनिवार किसान आंदोलन के विषय पर आपका साक्षात्कार करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।
तीन नए कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर अड़े किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही दिल्ली से सटे बॉर्डर इलाकों में डटे हुए हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक लगा दी है। (आईएएनएस)
मौजूदा विश्व नंबर पांच और महिलाओं की 54 किलोग्राम वर्ग में भारत की नंबर एक मुक्केबाज़ जमुना बोरो ने एक लंबा सफ़र तय किया है.
असम के छोटे से कस्बे ढेकियाजुली के पास बेलसिरी गाँव में पलीं-बढ़ीं बोरो बचपन से ही बहुत जिज्ञासु थी. एक दिन जब वो स्कूल से लौट रही थीं, तो खेलते हुए कुछ युवाओं पर उनकी नज़र पड़ी. उन्होंने तुरंत वुशु नाम के उस खेल में हाथ आज़माने का फ़ैसला किया.
लेकिन शुरुआती दिनों में, उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन किसी खेल में वो देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. वुशु ने उन्हें आगे की राह दिखाई.
लेकिन कुछ समय के बाद उन्होंने मुक्केबाज़ी में कदम रखा, क्योंकि इस खेल में आगे बढ़ने की संभावनाएं अधिक थीं.
रिंग के बाहर की लड़ाई
छोटी जगह से आने के कई नुकसान होते हैं, खासकर संसाधनों के मामले में, बोरो के शुरुआती साल बिना औपचारिक कोचिंग के चले.
जिन्हें ये खेल पसंद था, वो बिना किसी पेशेवर मार्गदर्शन के अभ्यास करते थे. छोटी सी बोरो का संपर्क भी उन्हीं से हुआ.
व्यक्तिगत मोर्चे पर बोरो को कई लड़ाइयां लड़नी पड़ीं. छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया, मां को अपने बच्चों को पालने के लिए अकेले ही खेती करनी पड़ी, उन्होंने चाय और सब्ज़ियां बेचीं.
सुविधाओं की कमी एकमात्र चुनौती नहीं थी, रिंग के बाहर अलग-अलग मोर्चों पर भी लड़ना था ताकि खेल को जारी रखा जा सका. रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उन्हें खेल से दूर करने की कोशिश की, तर्क दिया कि ये खेल महिलाओं के लिए नहीं हैं, क्योंकि एक चोट पूरा चेहरा बिगाड़ सकती है जिसके कारण शादी में दिक्कतें आ सकती हैं.
बोरो भाग्यशाली थीं कि परिवार उनके साथ खड़ा रहा, लगातार प्रैक्टिक करने के लिए प्रेरित करता रहा और आत्मविश्वास की कभी कमी नहीं होने दी.
सफलता का सफ़र
बोरो की प्रतिभा, परिश्रम और परिवार के सहयोग की मदद से बोरो ने 2010 में तमिलनाडु में सब जूनियर महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. ये उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था.
राष्ट्रीय स्तर पर एक्सपोज़र का मतलब था बेहतर कोचिंग और मुश्किल गेम के लिए खेल में सुधार. इसके बाद कई स्पर्धाओं के दरवाज़े खुले और बोरो राष्ट्रीय शिविर तक पहुंचीं.
2015 में उन्होंने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की. उन्होंने ताइपे में विश्व युवा मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता. इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव से निपटने के लिए तैयार किया.
54 किलो वर्ग श्रेणी में 2018 में बोरो ने 56वें बेलग्रेड इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता. एक साल बाद उन्होंने रूस में एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया.
एक साधारण पृष्ठभूमि से अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी के क्षेत्र तक की यात्रा ने उन्हें बहुत सम्मान दिलाया, ख़ासतौर पर उन्हें गृह राज्य असम में.
2019 में उन्हें राज्य के प्रमुख मीडिया समूह सैदिन-प्रतिदिन ने खेल में उत्कृष्टता के लिए अचीवर अवॉर्ड से नवाज़ा.
बोरो का सपना ओलंपिक पदक जीतने का है. वो कहती हैं कि जो लोग सोचते हैं कि महिलाएं खेल के लिए नहीं बनीं, उन्हें अपनी मानसिकता बदलने की ज़रूरत है.
ओलंपिक पदक पर निशाना लगा रहीं निशानेबाज राही सरनोबत
अपने अनुभव के आधार पर बोरो कहती हैं कि देश के ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाकों में सुविधाओं की कमी है लेकिन प्रतिभा की नहीं. उनके मुताबिक खेल से जुड़े विभागों को ऐसी जगहों पर स्काउट भेजकर टैलेंट की पहचान करनी चाहिए.
(यह लेख बीबीसी को ईमेल के ज़रिए जमुना बोरो के भेजे जवाबों पर आधारित है.) (bbc.com)
बोम्बोलिम (गोवा), 2 फरवरी | केरला ब्लास्टर्स का हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में मुंबई सिटी एफसी के खिलाफ बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है। ब्लास्टर्स ने आइसलैंडर्स के नाम से मशहूर मुंबई के खिलाफ पिछले पांच मैचों में एक भी जीत हासिल नहीं की है। ब्लास्टर्स को उन पांच मैचों में तीन में हार मिली है जबकि दो ड्रॉ रहे हैं। केरला ब्लास्टर्स अब बुधवार को यहां बोम्बोलिम के जीएमसी स्टेडियम में टेबल टॉपर मुंबई सिटी से भिड़ेगी। केरला के कोच किबु विकुना इस मैच को लेकर आशावादी हैं।
विकुना ने कहा, " वे (मुंबई सिटी) टूर्नामेंट के लीडर हैं। वे बहुत ही अच्छी टीम है, उनके पास अच्छे खिलाड़ी और अच्छे कोच हैं। हमारे लिए वापसी करना और जीत दर्ज करना बहुत बड़ी चुनौती है। लेकिन हम मुंबई सिटी का सामना करने के लिए तैयार हैं। वे अच्छी टीम है और हम तीन अंक लेने की कोशिश करेंगे।"
केरला ब्लास्टर्स बीते समय से सर्जियो लोबेरा की टीम के खिलाफ संघर्ष करती हुई आ रही है। एफसी गोवा के पूर्व कोच लोबेरा का केरला के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने केरला के खिलाफ छह मैच जीते हैं जबकि केवल एक ही ड्रॉ रहा है।
विकुना की टीम अपने पिछले मैच में एटीके मोहन बागान के खिलाफ एक समय दो गोलों से आगे चल रही थी। लेकिन कुछ विवादस्पद फैसले उनके खिलाफ रहे और टीम को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, " हमें मैच पर ध्यान देना होगा क्योंकि हम केवल यही चीज कर सकते हैं। हम और बेहतर कर सकते हैं और बेहतर खेल सकते हैं।"
दूसरी तरफ, मुंबई सिटी हाल के अपने खराब फॉर्म से बाहर निकलना चाहेगी। टीम सीजन का अपना पहला मैच नॉर्थईस्ट युनाइटेड से हारने के बाद 13 मैचों से अजेय चल रही थी। लेकिन अपने पिछले मैच में नॉथईस्ट के हाथों ही उसे सीजन की अपनी दूसरी हार झेलनी पड़ी। आइसलैंडर्स ने अपने पिछले चार मैचों में केवल एक ही जीत दर्ज की है।
लोबेरा ने कहा, " हम जानते थे कि ऐसी स्थिति संभव थी क्योंकि सीजन के दौरान किसी भी मैच में नहीं हारना असंभव था। हम नॉर्थईस्ट से अपना पहला मैच हारे। इससे पहले कोई भी टीम 12 मैचों से अजेय नहीं थी।"
उन्होंने कहा, " हम मुकाबले के लिए तैयार हैं क्योंकि हम जानते हैं कि यह लीग प्रतिस्पर्धात्मक है और ऐसी ऐसी स्थिति संभव थी। हमें सुधार जारी रखने की जरूरत है। हमें अपनी गलतियों से सीख लेने की जरूरत है और मैं इसे लेकर चिंतित नहीं हूं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 फरवरी | सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा की मिश्रित युगल भारतीय जोड़ी बीडब्ल्यूएफ की ताजा विश्व रैंकिंग में टॉप-20 में पहुंच गए हैं। अश्विन-रेंकीरेड्डी की मिश्रित युगल जोड़ी ने मंगलवार को 16 स्थानों की लंबी छलांग लगाते हुए 19वां स्थान हासिल कर लिया। अश्विन-रेंकीरेड्डी जोड़ी की यह करियर की बेस्ट रैंकिंग है। इससे पहले उनकी बेस्ट रैंकिंग 23 थी, जोकि उन्होंने 30 जुलाई 2019 को हासिल किया था।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए कहा, " सात्विकसाइराज रेंकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा की मिश्रित युगल भारतीय जोड़ी बीडब्ल्यूएफ की ताजा विश्व रैंकिंग में टॉप-20 में पहुंच गए हैं। उन्होंने 16 स्थानों की लंबी छलांग लगाते हुए करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल कर ली है।"
बीडब्ल्यूएफ की ताजा विश्व रैंकिंग में चीन की झेंग सेवइ और हुआंगा योकियोंग की मिश्रित युगल जोड़ी टॉप पर है।
अश्विन-रेंकीरेड्डी मिश्रित युगल जोड़ी योनेक्स थाईलैंड ओपन के क्वार्टर फाइनल में और टॉयोटा थाईलैंड ओपन के सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
पुरुष एकल वर्ग के रैंकिंग में किदांबी श्रीकांत को एक पायदान का फायदा हुआ है और अब वह 13वें नंबर पर पहुंच गए हैं जबकि बी साई प्रणीत एक स्थान नीचे लुढ़ककर 17वें नंबर पर खिसक गए हैं।
महिला वर्ग में मौजूदा विश्व चैम्पियन पीवी सिंधु सातवें नंबर पर कायम है जबकि सायना नेहवाल एक स्थान ऊपर उठकर 19वें नंबर पर पहुंच गई हैं।
पुरुषों के युगल वर्ग में चिराग शेटटी और रेंकीरेड्डी 10वें नंबर पर बरकरार हैं। (आईएएनएस)
साउथ अफ्रीकी क्रिकेट के लिए 2000 के दशक का शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. दिग्गज कप्तान हैंसी क्रोनये के मैच फिक्सिंग कांड ने पूरे देश को बदनाम किया था. फैंस का इस खेल से भरोसा खत्म होने लगा था. फिर 2003 में अपनी ही जमीन पर हुए वर्ल्ड कप में टीम का शर्मनाक प्रदर्शन रहा और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई. ऐसे में साउथ अफ्रीका में क्रिकेट की लोकप्रियता अपने सबसे निचले स्तर पर थी. इन हालातों में अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने 22 साल के युवा बल्लेबाज ग्रेम स्मिथ को टीम की कमान दे दी, जिसने पूरी क्रिकेट बिरादरी को चौंका दिया. यही स्मिथ पिछले 16 सालों से क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान हैं.
साउथ अफ्रीकी क्रिकेट में ‘लेजेंड’ का रुतबा रखने वाले स्मिथ का जन्म 1981 में आज ही के दिन हुआ था. जोहानसबर्ग में जन्मे स्मिथ ने उसी किंग एडवर्ड-II स्कूल में दाखिला लिया, जहां से कई बड़े क्रिकेटर और नामी अफ्रीकी खिलाड़ी निकले थे. स्मिथ भी उन्हीं में से एक निकले. लंबी-चौड़ी कद-काठी वाले स्मिथ ने 2002 में सिर्फ 21 साल की उम्र में डेब्यू किया, लेकिन एक साल के अंदर ही उनको सबसे कठिन जिम्मेदारी दे दी गई.
साउथ अफ्रीका के सबसे युवा कप्तान
स्मिथ ने 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी टीम को सेमीफाइनल में भारत के खिलाफ ‘चोक’ करते देखा था. युवराज सिंह ने उस मैच में स्मिथ का शानदार कैच लिया था. फिर एक साल बाद अपने घर पर हुए वर्ल्ड कप में टीम को गर्त में जाते देखा. ऐसे में जैक कैलिस, मार्क बाउचर, लांस क्लूजनर और हर्शेल गिब्स जैसे अनुभवी धुरंधरों की मौजूदगी के बावजूद 22 साल के स्मिथ को जब टीम की कमान दी गई, तो ये किसी को रास नहीं आया, लेकिन ये फैसला अफ्रीकी क्रिकेट को रास आया और यहां से पूरी टीम की तस्वीर और तकदीर बदल गई. स्मिथ साउथ अफ्रीका क्रिकेट इतिहास के सबसे युवा कप्तान हैं.
कप्तानी और बल्लेबाजी से शानदार शुरुआत, सारे शक किए दूर
स्मिथ के टेस्ट करियर की शुरुआत शानदार हुई थी और बतौर कप्तान ये धारदार रही. अपने पहले 12 टेस्ट मैचों में ही 3 दोहरे शतक समेत 4 शतक स्मिथ जड़ चुके थे. इनमें से लगातार 2 दोहरे शतक तो इंग्लैंड के खिलाफ उसके ही मैदान एजबेस्टन और लॉर्ड्स में लगाए. बड़ी बात ये थी कि ये बतौर कप्तान स्मिथ का सिर्फ दूसरा और तीसरा टेस्ट था. ये स्मिथ की सिर्फ दूसरी ही सीरीज थी.
साउथ अफ्रीका ने 1965 के बाद से इंग्लैंड में सीरीज नहीं जीती थी, लेकिन स्मिथ इस करिश्मे के करीब पहुंचे. हालांकि, सफलता हासिल नहीं हुई, लेकिन 2-2 से सीरीज जरूर ड्रॉ कराई. इस सीरीज में स्मिथ ने 700 से ज्यादा रन बनाए और उनकी कप्तानी को शक की नजरों से देखने वालों को चुप कराया.
वनडे इतिहास का सबसे बड़ा चेज
यहां से स्मिथ की कप्तानी वाली साउथ अफ्रीकी टीम के क्रिकेट जगत में दबदबे की वापसी होने लगी. सबसे मजबूत टीम उस वक्त भी ऑस्ट्रेलिया ही थी, लेकिन अफ्रीकी टीम की आहट शुरू हो गई थी. इसका बड़ा सबूत था मार्च 2006 में जोहानसबर्ग का ऐतिहासिक वनडे मैच. ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में 434 रन बनाए. वनडे क्रिकेट में ये पहला मौका था, जब 400 का आकंड़ा भेदा गया था. हार तय थी, लेकिन स्मिथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया और सिर्फ 55 गेंदों में 90 रन जड़कर बुनिया तैयार की. साउथ अफ्रीका ने दुनिया को चौंकाते 438 रन बनाकर मैच जीत लिया.
2008 में दिलाई साउथ अफ्रीका क्रिकेट की सबसे बड़ी जीत
2008-09 का सीजन स्मिथ की कप्तानी का सबसे शानदार साल रहा. इस सीजन में उन्होंने अफ्रीकी क्रिकेट को सबसे यादगार जीत दिलाई. 2003 में इंग्लैंड में इतिहास रचने के करीब आए स्मिथ ने आखिर 2008 में ये काम कर ही दिया. 43 साल के इंतजार के बाद साउथ अफ्रीका ने पहली बार इंग्लैंड को उसके ही घर में 2-1 से टेस्ट सीरीज में मात दे दी.
स्मिथ यहीं नहीं रुके और अगला शिकार किया विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का. उस दौर की सबसे मजबूत टीम थी ऑस्ट्रेलिया, लेकिन स्मिथ ढीठ, जुझारू और लोहे जैसी मजबूती वाले कप्तान थे. पहले स्मिथ और एबी डिविलियर्स के शतकों की मदद से उनकी टीम ने पर्थ के मैदान में 414 रनों का लक्ष्य हासिल किया. फिर बॉक्सिंग डे टेस्ट में जीत दर्ज कर पहली बार ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर 2-1 से सीरीज अपने नाम की.
नंबर-1 टेस्ट टीम, विदेशों में सबसे सफल टीम
स्मिथ की कप्तानी में साउथ अफ्रीका ने खास तौर पर टेस्ट क्रिकेट में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं. इसमें सबसे खास थी टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 रैंक टीम बनना. इतना ही नहीं, 2006 से 2015-16 के बीच साउथ अफ्रीकी टीम विदेशी जमीन पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी. इसमें 2014 तक कप्तानी स्मिथ के कंधों पर थी.
सबसे सफल कप्तान, सबसे ढीठ बल्लेबाज
स्मिथ के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी का रिकॉर्ड है. स्मिथ ने अपने करियर में 109 टेस्ट मैचों (108 साउथ अफ्रीका, 1 ICC इलेवन) में कप्तानी की, जिसमें से 53 मैचों में उन्हें जीत मिली. ये भी अपन आप में रिकॉर्ड है. इसी तरह बतौर कप्तान सबसे ज्यादा 8659 रनों का रिकॉर्ड भी उनके ही नाम है. हालांकि, साउथ अफ्रीका के बाकी कप्तानों की तरह ICC टूर्नामेंटों में उनका खाता भी नहीं खुल सका.
स्मिथ ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 345 मैच खेले, जिसमें उनके नाम 17 हजार से ज्यादा रन, 37 शतक और 90 अर्धशतक आए. इनमें से 9 हजार से ज्यादा रन और 27 शतक उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बनाए. वहीं अपने पूरे करियर में स्मिथ ने 24 हजार से ज्यादा रन और 52 शतक जड़े. इस तरह सिर्फ अपनी बेहतरीन कप्तानी के साथ ही अपनी बल्लेबाजी के कारण भी स्मिथ साउथ अफ्रीकी क्रिकेट के महानतम क्रिकेटरों में से एक हैं. (tv9hindi.com)
स्वस्थ तन और सकारात्मक मन के लिए व्यायाम जरूरी- भूपेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 2 फरवरी। देश और प्रदेश की प्रगति में महती भागीदारी निभाने वाले युवाओं को उनकी सेहत को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही अच्छे और सकारात्मक विचार का वास होता है। जिससे इंसान अपनी दिनचर्या के साथ ही पूरे जीवन का भरपूर आनंद ले सकता है। उन्होंने सफल दिनचर्या के लिए प्रतिदिन व्यायाम और योग को महत्वपूर्ण बताया। श्री बघेल ने वनांचल आदिवासी क्षेत्र सुकमा के स्वामी विवेकानंद परिसर में कल फिटनेस सेंटर के अवलोकन के दौरान जिम में स्वयं कसरत कर युवाओं को प्रेरित किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद बस्तर दीपक बैज सहित विधायक मोहन मरकाम भी उपस्थित थे।
स्वामी विवेकानंद परिसर में 11 लाख की लागत से निर्मित सर्व सुविधा युक्त फिटनेस सेंटर में ट्रेडमिल, साइकिलिंग, मल्टीजिम, ट्राइसेप मशीन, लेग प्रेस, बेंच प्रेस आदि उपकरण उपलब्ध हैं। फिटनेस सेंटर में रोजाना वर्जिश के लिए आने वाले युवा अभिषेक शर्मा ने बताया कि सुकमा में सर्व सुविधा युक्त जिम के संचालन से वे बहुत खुश हैं। वे खुद को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए रोजाना शाम को फिटनेस सेंटर आते हैं। उन्हे फिटनेस सेंटर में उपलब्ध विभिन्न उपकरणों के साथ ही कुशल प्रशिक्षकों का सहयोग मिलने से कसरत करने में बहुत आनंद आता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 फरवरी। ओपन राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता 31 जनवरी को बेमेतरा में संपन्न हुआ। जिसमें अलग - अलग क्षेत्रों के 150 से अधिक खिलाडिय़ों ने भाग लिए थे। प्रतियोगिता में कोण्डागांव के 23 बच्चों ने भाग लिए थे, जिसमें इंडियन रीर्कब राउंड और कंपाउंड राउंड के खिलाड़ी मौजूद थे। कोण्डागांव के 6 खिलाड़ी विजेता रहे, जिन्हें 1 रजत पदक और 5 कांस्य पदक प्राप्त हुआ। इन 6 खिलाडिय़ों का चयन राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में हुआ है।
जानकारी अनुसार, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल आइटीबीपी 41वी वाहिनी कोण्डागांव के कमांडेंट पवन कुमार के मार्गदर्शन में हवलदार जीडी त्रिलोचन महान्त के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को तीरंदाजी प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। जिसमें 41वी वाहिनी के माध्यम से लगातार बच्चों को राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए तैयार किया जा रहा है। इसी के चलते 31 जनवरी को बेमेतरा में आयोजित ओपन राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में कोण्डागांव के 23 खिलाडिय़ों ने भाग लिया। जिनमें से कोण्डागांव के 6 खिलाड़ी रमिता सोरी, नेहा मरकाम, रोशन अराम, मुकेश कोर्राम ने रिकार्ड राउंड में भाग लिए वही कंपाउंड राउंड में सनीला नेताम और स्मिता महान्त ने भाग लिया था, जिन्हें एक रजत पदक और 5 कांस्य पदक प्राप्त हुआ। इन 6 छात्राओं का चयन राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में हो चुका है जो छत्तीसगढ़ राज्य से प्रतिनिधित्व करेंगे। यहां राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता देहरादून में 7 से 15 मार्च तक आयोजित होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा. 2 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज सुकमा के कुम्हाररास स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लोकार्पण के दौरान वहां परंपरागत खेल पिट्टूल खेल रहे बच्चों को देखकर खुद को रोक नहीं सके और बच्चों के हाथों से गेंद लेकर पिट्टूल खेलने लगे। मुख्यमंत्री ने अपनी अचूक निशानेबाजी का जौहर दिखाते हुए एकदम सटीक निशाना साधा।
बच्चों ने अपने हाथों से बनाई मुख्यमंत्री की पेंटिंग उन्हें भेंट की
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लोकार्पण के बाद विद्यालय परिसर का अवलोकन किया और वहां विद्यार्थियों द्वारा बनाई गईं सुंदर कलाकृतियां भी देखीं। इस दौरान कक्षा नवमी की छात्रा प्रीति सेठिया ने मुख्यमंत्री को अपने हाथों से बनाई उनकी सुंदर पेंटिंग भेंट की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 2 फरवरी। जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत सिरौली में आयोजित कोरिया कप क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच सोमवार को खेला गया जिसमें पोंड़ी की टीम ने विजेता का खिताब जीता।
एक माह तक चली इस क्रिकेट प्रतियोगिता में अंचल की 20 टीमों ने भाग लेकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता का फाइनल मैच सविप्रा उपाध्यक्ष भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो के मुख्य आतिथ्य में डोमनहिल एवं पोंड़ी की टीम के मध्य खेला गया। विधायक ने दोनों टीमों के खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त कर टॉस किया जिसमें डोमनहिल की टीम ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला लिया। पोंड़ी की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 12 ओवरों में 170 रनों का विशाल लक्ष्य डोमनहिल की टीम के सामने रखा। जीत के लिए 171 रनों का पीछा करते हुए डोमनहिल की टीम 155 रन ही बना सकी और 15 रन से मैच हार गई।
इस तरह पोंड़ी की टीम कोरिया कप की विजेता बनी। विधायक गुलाब कमरो ने विजेता और उपविजेता टीम को बधाई दी। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य उषा सिंह करयाम, जनपद अध्यक्ष डॉ. विनय शंकर सिंह, उपाध्यक्ष राजेश साहू, जिला महामंत्री रामनरेश पटेल, जनपद सदस्य रोशन सिंह, पिंटू भास्कर, कृष्णा राय, नगीना साहू, प्रमोद कुमार सहित काफी संख्या में खेल प्रेमी व आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 2 फरवरी। ग्राम पंचायत मुक्तियार पारा में आयोजित जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता के मुख्य अथिति सविप्रा उपाध्यक्ष विधायक गुलाब कमरो ने विजयी टीम को पुरस्कार वितरण कर एवं शुभकामनायें देकर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अथिति पूर्व संसदीय सचिव चंपा देवी पावले, जिला पंचायत सभापति उषा सिंह सहित अन्य अथितियों की उपस्थिति में प्रतियोगिता में विजेता टीम ग्राम पंचायत बुंदेली एवं उप विजेता ग्राम पंचायत आमाडांड़ की टीम को पुरस्कृत किया गया। विधायक कमरो ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ खेलों का भी विशेष महत्व है। खेलों के माध्यम से भी आगे बढ़ा जा सकता है। विधायक ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को उभारने एवं उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने शासन की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी।
दुबई, 2 फरवरी | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड के लिए मंगलवार को विजेताओं के नामों की घोषणा की। भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और इंग्लैंड के कप्तान जो रूट इस अवॉर्ड के लिए चुने गए हैं। पंत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 97 रन की पारी और ब्रिस्बेन में नाबाद 89 रन की पारी के चलते इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किए गए है जबकि रूट ने श्रीलंका के खिलाफ 228 और 186 रन की पारी खेली थी। तीसरे उम्मीदवार आयरलैंड के पॉल स्टर्लिग हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ तीन और यूएई के खिलाफ दो वनडे मैच खेला है।
महिलाओं में पाकिस्तान की डियाना बैग और दक्षिण अफ्रीका की शबनिम इस्माइल हैं। बैग ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन वनडे और दो टी20 मैचों में नौ विकेट लिए हैं जबकि इस्माइल ने अपनी टीम की तरफ से सात विकेट चटकाए हैं।
तीसरा नाम दक्षिण अफ्रीका की ऑलराउंडर मरिजाने कैप का है, जिन्होंने 110.57 के स्ट्राइक रेट से 115 रन बनाए और तीन विकेट भी पाकिस्तान के खिलाफ चटकाए हैं।
आईसीसी ने पूरे साल हर प्रारूप में शानदार प्रदर्शन करने वाले महिला और पुरूष क्रिकेटरों के प्रदर्शन को एक नई पहचान देने के लिए आईसीसी प्लेयर आफ द मंथ अवॉर्ड की शुरूआत करने की पिछले महीने शुरुआत की थी।
आईसीसी की पुरस्कार नामांकन समिति हर वर्ग के लिए तीन नामांकन तय करेगी। विजेता की घोषणा महीने के दूसरे सोमवार को की जाएगी। (आईएएनएस)
ब्यूसन आयर्स, 2 फरवरी | भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का मानना है कि अर्जेटीना दौरे से यह पता चल गया है कि उनकी टीम किस स्तर पर है। उन्होंने साथ ही कहा कि अपने खेल में थोड़ा और बदलाव लाने से उनकी टीम किसी भी टॉप टीमों को हरा सकती है। भारतीय टीम ने रविवार को अर्जेटीना के साथ 1-1 का ड्रॉ खेला है। अर्जेटीना दौरे पर सीनियर टीम के साथ भारतीय टीम का यह चौथा मैच था जबकि तीसरा मैच लगातार बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था। अर्जेंटीना की सीनियर टीम के खिलाफ भारत पहले दो मैच 2-3, 0-2 से हार गई थी।
इससे पहले, भारत ने अर्जेंटीना की जूनियर टीम से 2-2 और 1-1 से ड्रॉ खेला जबकि अर्जेंटीना की बी टीम से 1-2, 2-3 से हार गई।
रानी ने कहा, " 2017 में जब हम वल्र्ड लीग सेमीफाइनल में अर्जेटीना के खिलाफ खेले थे तो हमारे पास उनके करीब पहुंचने का मौका नहीं था। हम उनके सर्कल में नहीं जा सकते थे, हम मौके नहीं बना पा रहे थे और ना ही पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर पा रहे थे।"
उन्होंने कहा, " मुझे याद है, अर्जेंटीना जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ मैच में जाने से पहले, हम एक-दूसरे को बताएंगे कि हमें बस कोशिश करनी चाहिए और स्कोर कम रखना चाहिए लेकिन अब हम इन मैचों में जीत हासिल करना चाहते हैं। अब यह एक बड़ा अंतर है और हमारे खेल में थोड़े और बदलाव के साथ, हम निश्चित रूप से शीर्ष टीमों को हरा सकते हैं। पूरे दौरे का अनुभव शानदार था। हमें पता है कि हम कोविड-19 के कारण प्रतियोगिताओं में एक साल के लंबे ब्रेक के बावजूद किस स्तर पर हैं।"
भारतीय टीम बुधवार शाम को स्वदेश लौटेगी। भारतीय टीम के मुख्य कोच शुअर्ड मरिने ने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि अर्जेंटीना दौरा ओलंपिक खेलों के लिए आगामी दिनों में सुधार करने के लिए एक आदर्श बेंचमार्क होगा।
उन्होंने कहा, " हम इस तरह के हालात में इस दौरे के आयोजन के लिए हॉकी इंडिया और साई का बहुत आभारी हैं। बेंगलुरु लौटने के बाद हम इन मैचों का फिर से मूल्यांकन करेंगे और अपने प्रदर्शन में और प्रगति करने के लिए बेंचमार्क के रूप में इसका उपयोग करेंगे। इस दौरे से निश्चित रूप से मदद मिली है।" (आईएएनएस)
मेलबर्न, 2 फरवरी | विश्व रैंकिंग पुरुष एकल वर्ग में दूसरे नंबर के खिलाड़ी राफेल नडाल पीठ के निचले हिस्से में चोट के कारण मंगलवार शाम को आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले टीम मुकाबले से हट गए हैं। इस मुकाबले में नडाल को स्पेन की टीम का प्रतिनिधित्व करना था। नडाल ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने लिखा, " पीेठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण मैंने अपनी टीम स्पेन के साथ मिलकर यह फैसला किया है कि मैं यहां मेलबर्न में एटीपी कप के पहले मैच में नहीं खेल पाऊंगा। मुझे उम्मीद है कि मैं गुरुवार तक फिट हो जाऊंगा। हमारे पास एक मजबूत टीम है।"
एटीपी टूर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, स्पेन के रोबटरे बतिस्टा अगुट को पहले एकल वर्ग मैच में एलेक्स डी मिनाउर से खेलना है जबकि वर्ल्ड नंबर-16 पॉब्लो कुरैनो बुस्टा दूसरे मैच में जॉन मिलमैन से भिड़ेंगे।
2021 एटीपी कप में एटीपी रैंकिंग में टॉप 15 में से 14 खिलाड़ी भाग लेंगे। प्रत्येक देश से चार खिलाड़ी इसमें खेलेंगे।
स्पेन के अलावा आस्ट्रिया, रूस, यूनान, जर्मनी, अर्जेंटीना, इटली, जापान, फ्रांस और कनाडा की टीमें भी इसमें भाग लेंगी। मेजबान होने के नाते आस्ट्रेलिया को वाइल्ड कार्ड से इस टूर्नामेंट में प्रवेश दिया गया है।
एटीपी कप के पहले संस्करण में सर्बिया ने स्पेन को 2-1 से हराया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 फरवरी | पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने आस्ट्रेलिया सीरीज से पहले अजिंक्य रहाणे को सलाह दी थी कि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नेट्स में ज्यादा बल्लेबाजी न करें और कप्तानी करते हुए भी खुद पर दबाव हावी न होने दें। रहाणे ने मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ बातचीत के दौरान इसका खुलासा किया है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट में मिली आठ विकेट की हार के बाद कप्तान विराट कोहली पितृत्व अवकाश पर भारत लौट आए थे। इसके बाद सीरीज के बाकी तीन टेस्ट मैचों में रहाणे ने टीम की कमान संभाली थी।
रहाणे ने कहा, "राहुल भाई ने मुझे सीरीज से पहले फोन किया था, जब हम दुबई से ऑस्ट्रेलिया जा रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा, 'कोई भी दबाव न लेना, मैं जानता हूं कि तुम पहले टेस्ट के बाद कप्तानी कर रहे हो। किसी भी बात की चिंता मत करना। बस मानसिक रूप से मजबूत रहना। नेट्स में ज्यादा बल्लेबाजी मत करना, राहुल भाई से ऐसी सलाह (बल्लेबाजी का अभ्यास न करने) की आप उम्मीद नहीं करते।"
रहाणे के टीम की कमान संभालने के बाद भारत ने दूसरे टेस्ट में आठ विकेट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद सिडनी में मैच ड्रॉ रहा था और ब्रिस्बेन में भारत ने तीन विकेट से ऐतिहासिक जीत के साथ सीरीज 2-1 से जीत ली।
रहाणे ने आगे कहा, " राहुल भाई को बल्लेबाजी करना पसंद है, और वह खुद ऐसे थे कि मैंने यह गलती की। और उन्होंने मुझे कहा, 'नेट्स में ज्यादा बैटिंग मत करना, तुम्हारी तैयारी सही है, तुम अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हो। तो कोई दबाव मत लेना। बस इतना ही सोचो कि तुम टीम का नेतृत्व कैसे करोगे, खिलाड़ियों को तुम कैसे विश्वास दोगे। परिणाम की चिंता मत करना, यह खुद ही सही होंगे।' द्रविड़ से हुई इस बातचीत ने मेरा काम और आसान कर दिया।" (आईएएनएस)
मेलबर्न, 2 फरवरी | पूर्व तेज गेंदबाज मर्व ह्यूज को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग के शीर्ष पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की वापसी का एक अभिन्न हिस्सा रह चुके ह्यूज ने 1985-94 तक करियर में 53 टेस्ट और 33 वनडे मैचों में 28.38 की औसत से 212 टेस्ट विकेट लिए हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम के अध्यक्ष ने एक बयान में कहा, "मर्व ह्यूज हम में से कई लोगों के लिए ऑस्ट्रेलियाई समर का एक प्रतीक था। एक बड़ा-व्यक्तित्व, एक शानदार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर, खेल के लिए एक राजदूत और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में एक योग्य प्रेरक।"
1994 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर रहे तेज गेंदबाज प्रथम श्रेणी में 14 सीजन तक विक्टोरिया और एसेक्स का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष अर्ल एडिंग्स ने कहा, "मर्व ह्यूज ऑस्ट्रेलियाई खेल के दिग्गज हैं, जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय खेल को खेलने वाले महान गेंदबाजों में से एक था।"
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पहली बार 1995 में मेलबर्न क्रिकेट क्लब द्वारा प्रस्तावित किया गया था। हॉल ऑफ फेम आधिकारिक तौर पर 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड द्वारा शुरू किया गया था।
ह्यूज के पूर्व टीम साथी और आस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ग्रेड डायर ने कहा, "मर्व ने मैदान पर वह सब कुछ दिया, जो पहली गेंद से लेकर आखिरी तक था। आप निश्चित रूप से जानते थे कि आप एक प्रतियोगिता में थे, यदि आप उनके खिलाफ खेल रहे थे और आपके पास 100 प्रतिशत प्रयास करने के लिए एक टीम साथी था था।" (आईएएनएस)
चेन्नई, 2 फरवरी | भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने शुक्रवार से इंग्लैंड के साथ होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच की तैयारियों के लिए मंगलवार से अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। मुख्य कोच रवि शास्त्री ने उत्साहवर्धक भाषण के साथ पूरी टीम का स्वागत किया और फिर उसके बाद टीम ने सीरीज की तैयारियों के लिए नेट्स पर अपना अभ्यास शुरू किया।
बीसीसीआई ने ट्विटर पर अभ्यास की कई फोटो पोस्ट की है और उसने इसके कैप्शन में लिखा," चेन्नई में अभ्यास सत्र का पहला दिन। मुख्य कोच रवि शास्त्री ने पूरी टीम का स्वागत किया और फिर उसके बाद उन्होंने उत्साहवर्धक भाषण भी दिया।"
गौरतलब है कि सोमवार को दोनों टीमों का कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें आउटडोर ट्रेनिंग करने की इजाजत दी गई थी। छह दिन का क्वारंटीन अवधि पूरा होने के बाद भारतीय टीम ने सोमवार शाम को अपनी पहली आउटडोर ट्रेनिंग की थी।
कप्तान विराट कोहली और तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा भी आस्ट्रेलिया से लौटने वाली भारतीय टीम से जुड़ गए हैं। कोहली पितृत्व अवकाश पर थे जबकि ईशांत चोट से उबर रहे थे। उनके अलावा तेज जसप्रीत बुमराह और आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी टीम से जुड़ गए हैं।
भारत दौरे पर इंग्लैंड को शुरूआती दोनों टेस्ट चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेलना है। पहला टेस्ट पांच से नौ फरवरी तक जबकि दूसरा टेस्ट 13 से 17 फरवरी तक खेला जाएगा।
चेन्नई के चिदंबरम स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड ने अब तक नौ टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से मेजबान भारत ने पांच जीते हैं, जबकि इंग्लैंड के हिस्से में तीन जीत नसीब हुई है। वहीं, दोनों टीमों के बीच 1982 में खेला गया मैच ड्रॉ रहा था।
भारत को आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए इंग्लैंड के साथ पांच फरवरी से होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-0 के अंतर से जीतने की जरूरत है। अगर वह एक टेस्ट हार जाता है तो उसे इंग्लैंड के खिलाफ बाकी तीन टेस्ट जीतने होंगे।
दूसरी तरफ, इंग्लैंड को भारत को 3-0 से हराना होगा। इंग्लैंड अगर 2-2 से ड्रॉ भी खेलता है तो वह आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की अंकतालिका में भारत से आगे नहीं निकल सकता। (आईएएनएस)