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नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने बुधवार को रिया चक्रवर्ती और दो अन्य लोगों के खिलाफ प्रतिबंधित मादक पदार्थ के कथित लेनदेन के सिलसिले में एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सुशांत मौत मामले की जांच ड्रग एंगल से करने के लिए पत्र लिखा था, जिसके एक दिन बाद ही एनसीबी ने ईडी की सूचना के आधार पर मामला दर्ज किया है।
एनसीबी प्रमुख राकेश अस्थाना ने आईएएनएस से कहा, हमने ईडी से मिले पत्र के आधार पर एक केस दर्ज किया है।
अस्थाना ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और एजेंसी जल्द ही जांच शुरू करेगी व संबंधित लोगों से पूछताछ करेगी।
अधिकारी ने कहा कि ईडी को सुशांत मौत मामले में वित्तीय दृष्टि से जांच के संबंध में कथित रूप से रिया चक्रवर्ती को ड्रग आपूर्ति किए जाने का एंगल दिखा।
रिया व अन्य के बीच चैट रिकार्ड में कथित रूप से ड्रग्स के प्रयोग से संबंधित लीड मिलने पर, ईडी ने मंगलवार शाम को एनसीबी को पत्र लिखा था।
ईडी ने बुधवार को रिया के टैलेंट मैनेजर जया साहा को तलब किया, जिससे अभिनेत्री की ड्रग्स से संबंधित कुछ बातचीत हुई थी।
इस बीच, रिया के वकील सतीश मनशिंदे ने मंगलवार रात को एक बयान में कहा, रिया ने अपने जीवन में कभी भी ड्रग्स नहीं लिया। वह कभी भी ब्लड टेस्ट के लिए तैयार हैं।
एनसीबी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिया और दो अन्य पर मादक पदार्थ और साइकोट्रॉपिक पदार्थ अधिनियम के धारा 20 (बी), 28 और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ईडी ने सुशांत के पिता के. के सिंह द्वारा दायर बिहार पुलिस की एफआईआर के आधार पर 31 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें ऐसे कुछ बैंक खातों के साथ 15 करोड़ रुपये के लेन-देन का आरोप लगाया गया था, जिनके साथ सुशांत के कोई संबंध नहीं थे।
ईडी ने इससे पहले रिया और उनके परिवार के साथ सुशांत से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है। ईडी ने रिया, उनके पिता इंद्रजीत, भाई शोविक, श्रुति मोदी, सैमुअल मिरांडा, सिद्धार्थ पिठानी, अकाउंटेंट रजत मेवाती, सुशांत के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) संदीप श्रीधर और रिया के सीए रितेश शाह के बयान दर्ज किए हैं।
ईडी ने सुशांत के पिता सिंह के साथ ही बहनों प्रियंका और मीतू के बयान भी दर्ज किए हैं।
भुवनेश्वर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| ओडिशा के स्कूल और कॉलेज दुर्गा पूजा की छुट्टियों तक बंद रहेंगे। ऐसा कोरोनावायरस से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए किया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य में कोरोना सम्बंधी हालात का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की।
पटनायक ने कहा कि राज्य में स्कूल एवं कॉलेज अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बंद रहेंगे। यह फैसला पैरेंटेस और छात्रों की चिंता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
राज्य में कोरोना के कराण 17 मार्च से ही शिक्षण संस्थाएं बंद हैं।
नई दिल्ली/जम्मू, 27 अगस्त (आईएएनएस)| जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को पुलवामा आतंकी हमले का वीडियो तैयार करने के लिए कहा था, जिसमें भारतीय सैनिकों के विकृत (क्षत-विक्षत) शरीर दिखें, ताकि इनकी मदद से कश्मीरी युवाओं को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
जेईएम कमांडरों ने मार्च 2019 में सुरक्षा काफिले पर पुलवामा जैसे एक और हमले की भी योजना बनाई थी और यहां तक कि इसके लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ 'फिदायीन' (आत्मघाती हमलावर) की पहचान भी की गई थी। लेकिन 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद योजना विफल हो गई।
जम्मू में विशेष एनआईए अदालत में दायर एक 13,800 पन्नों के आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह खुलासा किया गया। इस आरोप पत्र में जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक (आईसी 814 फ्लाइट अपहरणकर्ता इब्राहिम अतहर का बेटा) के साथ 19 लोगों के नाम शामिल हैं।
जांच से जुड़ी एक शीर्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ करने वाले और पुलवामा हमले की साजिश में शामिल फारूख ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स से भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शवों की वीडियो क्लिप तैयार करने के लिए कहा था।"
अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर को 'शहीद' करार देते हुए कश्मीरी युवाओं को बरगलाते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए कहा गया था।
अधिकारी ने कहा कि जेईएम आतंकवादी घाटी में युवकों को प्रेरित करने के लिए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार पर कश्मीरी भाषा में एक ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाना चाहते थे, जिसने विस्फोटकों से भरी कार से 14 फरवरी 2019 को सुरक्षा काफिले की बस में टक्कर मार दी थी।
संदेशों को पाकिस्तानी सिम काडरें में व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप के रूप में साझा किया गया था, जिसे फारूक ने भारत में प्रवेश के बाद इस्तेमाल किया था।
अधिकारी ने कहा कि हालांकि, बालाकोट हवाई हमलों के कारण इस योजना को समाप्त कर दिया गया था।
अधिकारी ने कहा कि यह अदालत में आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का हिस्सा है।
पुलवामा जिले के लेथपोरा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसमें हमलावर की भी मौत हो गई थी।
एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जेएम आतंकवादियों को एक अन्य एनआईए अधिकारी ने कहा कि जैश आतंकियों को बुरहान वानी के समर्थन (सपोर्ट) के बारे में भी अच्छी तरह से पता था, जिसे आठ जुलाई 2016 को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उस समय वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के खिलाफ तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काफी प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी देखने को मिली थी।
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में जैश कमांडर आदिल को कश्मीरी युवकों का समर्थन हासिल करने के लिए वानी की तरह ही शहीद के रूप में भी प्रदर्शित करना चाहते थे।
चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलवामा हमले के लिए 5.7 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जिसका खुलासा फारूक और पाकिस्तान में एक जेईएम हैंडलर के बीच हुई बातचीत में हुआ। इस बातचीत (चैट) की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है।
एनआईए की चार्जशीट में दावा किया गया है कि मसूद अजहर के भाई असगर ने भी बालाकोट हमले के बाद फारूक से कश्मीर में लड़ाकू जेट की आवाजाही के बारे में भी पूछा था।
चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक अपने सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होना चाहिए ताकि सीमा पर घुसपैठ करने वालों को भारत में धकेला जा सके।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजमार्गो पर वाहनों के संचालन के दौरान टोल शुल्क में सभी तरह की छूट के लिए फास्टैग का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। अगर वाहन चालक 24 घंटे के भीतर वापसी करने के लिए छूट चाहते हैं तो उन्हें वाहन पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन करने के लिए 24 अगस्त को इस बारे में एक अधिसूचना मंत्रालय ने जारी की है। जिसके बाद से अब सभी तरह की छूट के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जुटा है। इस दिशा में यह पहल की गई है। किसी भी तरह की छूट हासिल करने के लिए टोल फीस का भुगतान केवल स्मार्ट कार्ड, फास्टैग या ऑनबोर्ड यूनिट या इसी तरह के किसी अन्य उपकरण के जरिए किया जाएगा।
नियमों में संशोधन के बाद 24 घंटे के भीतर रिटर्न यात्रा पर डिस्काउंट प्राप्त करने के लिए फास्टैग के स्थान पर किसी पास की जरूरत नहीं होगी। अन्य सभी मामलों में छूट या डिस्काउंट प्राप्त करने के लिए, एक वैध फास्टैग होना अब अनिवार्य कर दिया गया है। जिन मामलों में 24 घंटे के भीतर वापसी के लिए डिस्काउंट उपलब्ध है, उनमें पूर्व रसीद या सूचना की कोई जरूरत नहीं होगी।
एक सितम्बर से प्रतिदिन 20 हजार सैम्पलों की टेस्टिंग का लक्ष्य-सिंहदेव
रायपुर, 26 अगस्त। छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में आज प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति, रोकथाम और बचाव तथा प्रबंधन पर विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर सदन में 4 घंटा 40 मिनट तक चर्चा की गई। सदन में समवेत स्वर में कोरोना वारियर्स की कर्त्तव्य निष्ठा की सराहना करते हुए उनके प्रति आभार प्रकट किया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि सदन में हुई चर्चा में आए महत्वपूर्ण सुझावों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ओर से और सदन की ओर से सभी कोरोना वारियर्स की कत्र्तव्य निष्ठा की सराहना करता हूं और उन्हें सम्मानित करना चाहता हूं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना से लड़ाई हम सबकी लड़ाई है। हम सभी इसे लेकर चिंतित हैं। पक्ष-विपक्ष के सदस्य कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम तथा प्रबंधन के संबंध में जो सुझाव देंगे, उन्हें केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। उन सुझाव को मानना या न मानना केन्द्र सरकार पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नेशनल डिजास्टर एक्ट प्रभावी है। राज्य सरकार केन्द्र सरकार द्वारा तय दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए कार्य कर रही है। हम केन्द्र सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा क्वारेंटाईन सेंटरों की व्यवस्था, आइसोलशन सेंटर और अस्पतालों की व्यवस्था तथा प्रवासी मजदूरों के संबंध में जो निर्देश जारी किए थे, राज्य सरकार उसका पालन कर रही है। सैम्पलों की टेस्टिंग भी केन्द्र की गाईडलाइन के अनुसार की जा रही है। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रबंधन के लिए सभी मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की गई कि कौन किस राज्य और किन कलेक्टरों से बात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों से आने से प्रदेश में संक्रमण नहीं बढ़ा है, बल्कि हवाई अड्डे और सडक़ मार्ग खोलने से संक्रमण बढ़ रहा है। अधिकतर मजदूर गांवों में हैं। ग्रामीणों ने संक्रमण रोकने की बड़ी अच्छी व्यवस्था की है। बाहर से आने वालों को क्वारेंटाईन सेंटरों में रखा जा रहा है। इससे हमारे गांव बचे हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश में एक सितम्बर से प्रतिदिन 20 हजार सैम्पलों की टेस्टिंग का लक्ष्य है। वर्तमान में 10 से 12 हजार सैम्पलों की टेस्टिंग की जा रही है। अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में सिंगल सैम्पल की टेस्टिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रतिदिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। राज्य सरकार द्वारा संक्रमित लोगों के इलाज की सभी व्यवस्थाएं की जा रही है। भविष्य में सुविधाएं बढऩे के साथ-साथ सैम्पलों की टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ायी जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों की तुलना में छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है, जल्द ही बेहतर परिणाम आएंगे। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गाईडलाइन का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पक्ष-विपक्ष से इस विश्वव्यापी संकट से निपटने के लिए सुझाव देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में बिस्तरों और वेंटिलेटर की व्यवस्था है, जरूरत के अनुसार इसमें इजाफा किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ने कहा कि राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 80 बिस्तरों का आईसीयू जल्द ही तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 22 हजार 375 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए, जिनमें 778 शहरी क्षेत्रों में हैं। क्वारेंटाईन सेंटरों में 7 लाख 7 हजार 286 लोगों को रखा गया और उनके लिए सभी के सहयोग से दिन-रात मेहनत कर सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई। वर्तमान में क्वारेंटाईन सेंटर में 2422 लोग हैं। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सहित पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने कोरोना वारियर्स, स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, शहरी विकास विभागों सहित सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों, समाजसेवी संस्थाओं, पंचायत प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों और कोरोना संकट के दौर में कार्य करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया।
इंडिया अगेन्स्ट प्राइवेटाईजेशन की लड़ाई
केन्द्र जीएसटी राज्यों को नहीं दे रही ऐसी स्थिति में उत्पादन टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को मिले
सोनिया की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस
रायपुर, 26 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज देश के सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडिया कॉन्फें्रस में मौजूद इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के फेडरल स्ट्रक्चर को बचाए रखने के लिए हम सबको सामूहिक लड़ाई लडऩी होगी। मुख्यमंत्री ने देश में सार्वजनिक उपक्रमों को केन्द्र सरकार द्वारा एक-एक कर बेचे जाने की स्थिति का विरोध करते हुए कहा कि इंडिया अगेन्स्ट प्राईवेटाईजेशन के विरूद्ध लड़ाई के लिए एक साथ आगे आना होगा। उन्होंने केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति को राज्यों के लिए बहुत ही घातक बताया साथ ही उद्योगों की स्थापना के लिए नया पर्यावरण कानून पर भी अपनी असहमति जताई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बात की शुरूआत जीएसटी के मुद्दे से शुरू की। उन्होंने कहा कि जहां तक जीएसटी का मामला है, हम उत्पादक राज्य हैं। उत्पादक राज्यों को 2022 तक जीएसटी का कम्पनसेशन देने की बात थी। पिछले चार महीने से किसी भी राज्य को कम्पनसेशन का एक भी पैसा नही दिया गया है, जबकि आवश्यकता एवं परिस्थिति को देखते हुए जीएसटी कम्पनसेशन को 2027 तक किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को जीएसटी कम्पनसेशन के तहत 2828 करोड़ मिलना चाहिए था, नहीं मिला है। इस कारण दिनोदिन स्थिति भयावह होती जा रही है। मुझे जानकारी मिली है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री कल बैठक ले रहे हैं। बैठक का एजेंडा कुछ भी नहीं है। मैं समझता हूॅ कि जो खबरें आ रही हैं, वह डरावनी है। बैठक में यदि यह फैसला ले लिया जाता है कि चार महीने का पैसा नहीं देना है, तो उत्पादक राज्यों की हालत बहुत खराब हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्योगों की स्थापना को लेकर पर्यावरण नीति बहुत भयावह है। उद्योग लग जाएं, उसके बाद वह सारे नियम कानून का पालन करेंगे, यह स्थिति ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे एक घटना याद आ रही है कि यमुना नदी के किनारे एक मंदिर बना था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यह कहा कि जो हुआ उसमें नियमों की अनदेखी हुई है, परंतु निर्माण में 150 से 200 करोड़ खर्च हो चुकें हैं यदि इसे हटाया जाता है तो राष्ट्रीय धन का अपव्यय होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में पर्यावरण कानून की अनदेखी कर उद्योग की स्थापना में भी यही बात आएगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना के संबंध में जो नया कानून बना है, वह बिल्कुल गलत है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कृषि मंडी के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने भी इसका विरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की किसी भी मंडी किसी भी राज्य का किसान अपने उत्पाद बेच सकता है। राज्यों को मंडी शुल्क लेने का अधिकार नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 80 प्रतिशत लघु सीमांत किसान है। वे अपने फसल उत्पाद को बेचने के लिए पंजाब, हरियाणा नही जा सकते। वे अपनी फसलों को यही बेचेंगे। इसका लाभ बिचौलिए और व्यापारी उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी आवश्यकता नही है, इसलिए इसको वापस लिया जाना चाहिए।
श्री बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति से वे सहमत नहीं है। इसके लिए राष्ट्रपति के पास जाना पड़े, प्रधानमंत्री के पास जाना पड़े, कोर्ट जाना पड़े, हमे जाना चाहिए। जो शिक्षा नीति लाए हैं, राज्यों के लिए बहुत ही घातक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली से लेकर पांचवीं तक प्रायमरी तक की शिक्षा की व्यवस्था है। नई शिक्षा नीति में तीन क्लास उसके पहले और जोड़ दिए गए हैं। आंगनबाड़ी को जोड़ा गया है। ऐसे में इन्फ्रॉस्ट्रक्चर कैसे होगा। शिक्षकों की भर्ती कैसी होगी। भारत सरकार ने इस मामले में कुछ भी नही कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के आदिवासी अंचल में गांव दूर-दूर हैं। ऐसे में व्यवस्था कैसी होगी। उन्होंने कहा कि पूरी नीति भ्रामक है। उन्होंने कहा कि जो नीति बनाई हैं, उसका विरोध किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने जो नई शिक्षा नीति बनाई है, उसके तहत छात्र किसी भी संकाय के विषय का चुनाव अध्ययन के लिए कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक यह व्यवस्था रही है कि हायर सेकेण्डरी स्तर पर आर्टस के विषय अध्ययन करने वाले विद्यार्थी बी.ए. करते हैं और साइंस के विद्यार्थी बीएससी करते हैं। स्कूली शिक्षा के दौरान यदि विद्यार्थी साइंस, कामर्स, आर्टस के विषय चयन करते हैं तो इनके अध्यापन के लिए शिक्षकों की व्यवस्था किस तरह से होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के वनांचल के इलाकों में आज भी शिक्षक नही मिल पाते हैं। ऐसी स्थिति में उन इलाकों में सभी विषयों का अध्यापन कराने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था कैसे होगी। भारत सरकार इस मामले में मौन है। नई शिक्षा नीति को लेकर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री बघेल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरे भारत में निजीकरण (प्राइवेटाईजेशन) चल रहा है। जितने भी सार्वजनिक उपक्रम है, उनको भारत सरकार एक-एक कर बेचते जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इंडिया अगेंस्ट प्राइवेटाईजेशन की लड़ाई लडऩी होगी। उन्होंने कहा कि केरल से लेकर जम्मू कश्मीर तक सार्वजनिक उपक्रम बेचे जा रहे हैं। इसका कही-कही विरोध भी हो रहा है। हमें भी लड़ाई लडऩी होनी। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा में प्राइवेटाईजेशन के विरूद्ध प्रस्ताव पारित हुआ है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थित बालको एल्युमिनियम कम्पनी का उल्लेख करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में बालको को निजी हाथों में बेच दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के नगरनार में स्टील प्लांट का निर्माण अभी हो रहा है। यह प्लांट बना नही है और इसको बेचने की सूची में रख दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में कोल ब्लॉक हैं। जिसकी नीलामी की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार के जिम्मे एक भी कोल ब्लॉक नहीं है। केन्द्रीय मंत्री नीलामी में छत्तीसगढ़ राज्य को कोल ब्लॉक लेने की बात कहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे बढक़र हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है कि हमारी ही खदाने हैं और हमे ही उसे नीलामी में लेने को कहा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का कहना है कि आगामी 50 सालों में कोयला, रिलेवेन्ट नहीं रह जाएगा। ऊर्जा उत्पादन के और नये संसाधन आ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम रॉकेट युग में आ गए हैं, फिर भी बैल गाड़ी की महत्ता समाप्त नहीं हुई है। इसी तरह कोयला आधारित पावर की महत्ता बनी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में प्रजातांत्रिक मूल्यों को लेकर सभी चिंता कर रहे हैं। सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने अपनी चिंता जताई है। मुख्यमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को बधाई देते हुए कहा कि प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए उन्होंने एक महीने तक लड़ाई लड़ी और इसमें कामयाब भी हुए। अवैधानिक कृत्य में जुटे लोगों को पटखनी भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नार्थ-ईस्ट और कर्नाटक में प्रजातांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने में यह शक्तियां सफल रही, परन्तु राजस्थान में परास्त हुए हैं। उनके अवैधानिक कृत्यों को रोकने में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी और उनके साथियों को सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि हमें देश के फेडरल स्ट्रक्चर को बनाए रखने की सामूहिक लड़ाई लडऩी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बैंकों को आम जनता के लिए खोला गया था, अब बैंक बंद हो रहे हैं। बैंक बड़े लोगों के लिए रह जाएंगे। आर्थिक मुद्दों से ध्यान हटाने की पुरजोर कोशिश भारत सरकार कर रही है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से केन्द्र सरकार के नए टेक्स सिस्टम के बारे में उनके विचार जानने के लिए उनका ध्यान आकर्षण करते हुए कहा कि नए टेक्स सिस्टम में बड़ा झोल है। इसमें बड़ी गड़बड़ी है। कम्प्यूटर के माध्यम से करदाताओं का चयन होगा। इसमें छोटे व्यापारी ही फसेंगे। यह टैक्स चोरी करने के लिए किया जा रहा है और इससे बड़े व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को बचाने की योजना है। उन्होंने कहा कि नया टैक्स सिस्टम डकैती डालने की तैयारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री सोरेन के इस ध्यान आकर्षण का उत्तर देते हुए कहा कि यदि कहीं सरकार जीएसटी की राशि राज्यों को नहीं दे सकती है तो उत्पादन पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा आईटी, सीबीआई, ईडी जैसी संस्थाओं के दुरूपयोग का भी मामला उठाया।
नई दिल्ली, 26 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने ईएमआई बाद में चुकाने की सहूलियत देकर ब्याज वसूलने की नीति पर सरकार को जमकर फटकार लगाई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की आड़ लेकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकती है। कोर्ट ने सरकार से कहा, आप अपना पूरा ध्यान सिर्फ कारोबार पर नहीं रख सकते, आपको लोगों के दुखों का भी ख्याल रखना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार को आपदा प्रबंधन कानून के तहत वह अधिकार प्राप्त है जिसका इस्तेमाल कर वह लोगों को टाली हुई लोन ईएमआई पर ब्याज माफ कर सकती है। लॉकडाउन के कारण उपजे भयावह हालात में ब्याज वसूलने या नहीं वसूलने का फैसला आरबीआई पर नहीं छोड़ा जा सकता है।मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।
ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन के कारण रोजगार छिनने से लोन वालों को राहत देने के मकसद से ईएमआई वसूलने में नरमी दिखाई है। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वो अपने ग्राहकों को 31 अगस्त तक ईएमआई नहीं भरने का ऑफर दें। हालांकि, इस दौरान ग्राहकों से सामान्य दर से ब्याज वसूलने की भी अनुमति बैंकों को दी गई है।
आरबीआई की इस नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लोन मोराटोरियम के दौरान ब्याज माफ किए जाने की मांग रखी गई है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि भारत सरकार की तरफ से सुनवाई को बार-बार टालने की मांग की जा रही है, अभी तक कोई भी हलफनामा नहीं दाखिल किया गया है, ना तो एसबीआई ना ही आरबीआई ने कुछ कहा है।
कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार से कहा, ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर आरबीआई के फैसले की आड़ ले रही है जबकि उसके पास आपदा प्रबंधन कानून के तहत यह निर्णय लेने की पर्याप्त शक्तियां हैं कि बैंकों को डेफर्ड ईएमआई पर मोरोटोरियम पीरियड में जमा हुए ब्याज पर ब्याज वसूलने से रोका जाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार लोन लेने वालों को मुश्किलों से राहत देने की दिशा में आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का नजरिया आरबीआई से अलग नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से एक सप्ताह में ऐफिडेविट फाइल करने का आदेश दिया और कहा कि केंद्र शपथपत्र में लोन मोरेटोरियम के मसले पर अपना स्टैंड क्लियर करे।
जस्टिस अशोक भूषण ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपको अपना पक्ष एकदम साफ रखना चाहिए। जस्टिस भूषण ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था। जस्टिस भूषण ने कहा कि सरकार को हमें आपदा प्रबंधन अधिनियम पर अपना रुख बताना होगा और यह भी बताना होगा कि क्या ब्याज पर ब्याज का हिसाब किया जाएगा। बेंच के दूसरे जज जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि यह केवल व्यवसाय के बारे में सोचने का समय नहीं है। (navbharattimes.indiatimes.com)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 अगस्त। राज्य शासन के रात 8.15 बजे के आंकड़ों के मुताबिक 1045 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है। जिला रायपुर से 514, दुर्ग 112, रायगढ़ 70, राजनांदगांव 47, महासमुंद 36, बीजापुर 28, बिलासपुर 24, बस्तर 23, नारायणपुर 21, बेमेतरा और सरगुजा 20-20, धमतरी 18, बालोद व बलौदाबाजार 13-13, जांजगीर-चांपा व मुंगेली 12-12, सूरजपुर 11, कबीरधाम 9, कोण्डागांव व सुकमा 7-7, दन्तेवाड़ा 6, बलरामपुर व अन्य राज्य 3-3, जीपीएम व जशपुर 1-1 मरीज मिले हैं।
राज्य में कुल 10012 एक्टिव मरीज हैं। आज 213 पॉजिटिव स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। कोरोनाग्रस्त 8 मरीजों की मृत्यु हुई है।
चेन्नई, 26 अगस्त। फिडे ऑनलाइन शतरंज ओलम्पियाड में इंटरनेट समस्या की वजह से हारने वाले भारतीय खिलाड़ियों को इस संबंध में कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। इस मामले से संबंध रखने वाले शख्स ने इस बात की जानकारी दी। इंटरनेटस समस्या के कारण विदित संतोष गुजराती और के.हम्पी मंगोलिया से अपना मैच हार गए थे और इससे पहले दिव्या देशमुख भी अपना मैच हार गई थीं।
टूर्नामेंट के नियमों के मुताबिक, खिलाड़ी को इंटरनेट समस्या के संबंध में पहली और आखिरी चेतावनी दो मिनट के लिए दी जाती है।
अगर इंटरनेट समस्या के कारण दूसरी बार दो मिनट या उससे कम की दिक्कत आती है, तो उसे पीला कार्ड मिलता है जबकि दूसरी बार पीला कार्ड मिलने पर लाल कार्ड दे दिया जाता है।
मामले से संबंध रखने वाले सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "इंटरनेट समस्या कुछ सेकेंड के लिए थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को इस संबंध में किसी तरह की चेतावनी नहीं मिली।"
कई और ऐसे पैमाने हैं जहां खिलाड़ियों को पहली और आखिरी चेतावनी, पीला कार्ड और लाल कार्ड दिया जाता है और यहां तक की बैन भी लगाया जाता है।
भारतीय टीम ने हालांकि अपनी इंटरनेट व्यवस्था को और मजबूत कर लिया है।(IANS)
न्यूयॉर्क, 26 अगस्त। पूर्व गोला फेंक खिलाड़ी और एशियाई चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता इकबाल सिंह ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि उन्होंने अमेरिका के पेसिंलवेनिया में अपनी पत्नी और मां की हत्या की है। अमेरिका में स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंह ने पुलिस को खुद फोन करके बताया कि उन्होंने अपनी मां और पत्नी की हत्या कर दी है।
एनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इकबाल ने रविवार सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर डेलवेयर काउंटी 911 सेंटर को फोन करके अपना जूर्म कबूल किया कि उन्होंने ही अपनी पत्नी और मां की हत्या की है।
पुलिस जब न्यूटाउन टाउनशिप में इकबाल के आवास पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि वह खून से लथपथ है और उसने खुद को भी चोट पहुंचायी है। घर के अंदर दो महिलाओं के शव पड़े थे।
सिंह गोला फेंक के एथलीट थे और उन्होंने 1983 में कुवैत में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। यह उनके खेल करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद वह अमेरिका जाकर बस गए थे। वह टैक्सी कैब ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। फ्लाइट में कोविड-19 संक्रमण होने की संभावना बहुत कम है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही।
नागरिक उड्डयन की संयुक्त सचिव उषा पाढे ने आईएएनएस को बताया कि घरेलू उड़ानें फिर से शुरू होने के बाद 24 अगस्त तक लगभग 60 लाख से अधिक लोगों के अपने गंतव्य तक पहुंचने के बाद लगभग 2,000 यात्रियों के ही कोविड पॉजिटिव होने की सूचना मिली है।
उन्होंने कहा, "इस आंकड़े में ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं, जिन्हें संपर्क ट्रेसिंग के माध्यम से पहचाना गया है।"
अधिकारी ने कहा, "यदि आप प्रयोग सिद्ध (एम्पिरिकल) डेटा देखते हैं, तो हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि हवाई यात्रा सफर का सबसे सुरक्षित और तीव्र माध्यम है।"
25 मई से 24 अगस्त तक कुल 65 लाख यात्रियों ने सफर किया है।
फिलहाल केंद्र ने 27 जून से घरेलू क्षेत्र में केवल 45 प्रतिशत क्षमता के उपयोग की अनुमति दी है।
इसके अलावा, विशेष और चार्टर उड़ानें भारतीयों को स्वदेश लाने और विदेशी नागरिकों को वापस भेजने के लिए सरकार की अनुमति के साथ संचालित की जा रही है।
उषा ने कहा, "जब और स्थिति में सुधार होगा तो अधिक क्षमता की अनुमति दी जाएगी। अब तक, यात्री यातायात में एक क्रमिक वृद्धि देखी जा सकती है।"
उन्होंने कहा, "वर्तमान में औसतन 90,000 से अधिक यात्री दैनिक रूप से यात्रा कर रहे हैं। यह संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। हमने एक किराया बैंड भी बनाया है, जो यात्रियों के साथ-साथ उद्योग के लिए भी एक जीत है।"
पिछले महीने, केंद्र ने सीमित घरेलू यात्री उड़ान संचालन और हवाई किराया कैप की समय अवधि 24 नवंबर तक बढ़ा दी थी।
किराया संरचना के संदर्भ में, हवाई मार्गो को यात्रा के समय के आधार पर सात वर्गो में विभाजित किया गया है। ऐसे प्रत्येक खंड का अलग न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित किया गया है।(IANS)
बेंगलुरु, 26 अगस्त। बेंगलुरु के एक चिड़ियाघर ने एक नवजात हथिनी का नाम इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के नाम पर रखा है। वन्यजीव संरक्षण में उनके योगदान के प्रति सम्मान के तौर पर ऐसा किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। शावक सुधा को एक 45 वर्षीय हथिनी ने जन्म दिया।
कार्यकारी निदेशक वनश्री विपिन सिंह ने आईएएनएस को बताया, "बेंगलुरु बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के योगदान के प्रति सम्मान के तौर पर हथिनी सुवर्णा की 20 अगस्त को पैदा हुई शावक का नाम 'सुधा' रखा जाएगा।"
2016 और 2017 में, मूर्ति ने चिड़ियाघर में जेबरा, जिराफ और बाघों के लिए बाड़ों के निर्माण में योगदान दिया, जिसमें एक भंडारण टैंक का निर्माण और कर्मचारियों के कल्याण के लिए धन शामिल था।(IANS)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 अगस्त। प्रदेश में आज शाम 7 बजे तक 971 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं इनमें से आधे से अधिक, 502, अकेले रायपुर जिले के हैं। ये आंकड़े केन्द्र सरकार के संगठन आईसीएमआर के हैं। राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक 455 कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि की है। रात तक राज्य के आंकड़े आगे बढ़ते रहते हैं।
आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक रायपुर जिले के 502 के अलावा राज्य में दो और जिलों में आज 100 से अधिक पॉजिटिव मिले हैं। दुर्ग 129 और रायगढ़ 103। इसके अलावा राजनांदगांव 40, बिलासपुर 38, बेमेतरा 18, बलौदाबाजार 15, जांजगीर-चांपा 14, सुकमा 13 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ जिलों में कम संख्या में पॉजिटिव मिले हैं। कांकेर 8, सरगुजा 7, कोरबा 7, कोरिया 3, बलरामपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर 2-2, बस्तर, बीजापुर, गरियाबंद, मुंगेली और सूरजपुर 1-1 पॉजिटिव मिले हैं।
राज्य शासन के शाम 7 बजे के आंकड़ों के मुताबिक 455 कोरोना पॉजिटिव में से रायपुर 219, दुर्ग 92, रायगढ़ 52, राजनांदगांव 25, महासमुंद 17, बिलासपुर 12, बेमेतरा और बस्तर 7-7, धमतरी 5, बलौदाबाजार 4, कांकेर 4, कोंडागांव 3, सरगुजा व अन्य 2-2, जांजगीर-चांपा, जशपुर, नारायणपुर और बीजापुर 1-1 पॉजिटिव मिले हैं।
नई दिल्ली, 26 अगस्त। भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी ने नेटफ्लिक्स की आने वाली वेब सीरीज 'बैड ब्वॉय बिलेनियर्स : इंडिया' के खिलाफ बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति नवीन चावला की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने इसे 28 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। नेटफ्लिक्स का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने अदालत से उन्हें कुछ समय दिए जाने का आग्रह किया।
चोकसी ने अधिवक्ता विजय अग्रवाल के माध्यम से दायर याचिका में की। याचिका में ओटीटी मंच को अदालत के निर्देश दिए जाने की मांग की गई है कि वह आने वाली वेब सीरीज 'बैड ब्वॉय बिलेनियर्स : इंडिया' के किसी भी एपिसोड/भाग को जारी न करे।
उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में मेहुल चोकसी को भी शामिल किया गया है और उनके खिलाफ जांच और ट्रायल के दौरान का उल्लेख किया गया है, जो कि चोकसी के अधिकारों का हनन करता है।
उन्होंने अदालत और याचिकाकर्ता के वकीलों के लिए डॉक्यूमेंट्री की प्री-स्क्रीनिंग करने के लिए नेटफ्लिक्स को अदालत के निर्देश की भी मांग की।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील विजय अग्रवाल ने दलीद दी कि वे नहीं चाहते कि डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाई जाए, लेकिन वह चाहते हैं कि एक प्रीव्यू दिखाया जाए।
अग्रवाल ने कहा, "माई लॉर्डस, मामले की जांच चल रही है और उक्त डॉक्यूमेंट्री अभियुक्तों (याचिकाकर्ता) के अधिकारों का हनन करेगी।"
दूसरी ओर, नेटफ्लिक्स की तरफ से पेश हुए वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में करीब दो मिनट तक नीरव मोदी के बारे में फिल्माया गया है, जिसमें मेहुल चौकसी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है। पूरे मामले को अदालत ने शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।
चोकसी ने अपनी दलील में कहा है कि डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने से उनकी प्रतिष्ठा पर गंभीर असर पड़ेगा।(IANS)
बीजिंग, 26 अगस्त। 25 अगस्त को तिब्बत की पहली पर्यटन-थीम वाली हाई-स्पीड रेलगाड़ी शांगहाई से रवाना हुई। यह रेलगाड़ी पर्यटन-थीम पर आधारित है। जिसका मकसद तिब्बत में पर्यटन संसाधनों का प्रसार करना है। तिब्बत की पर्यटन-थीम वाली हाई-स्पीड रेलगाड़ी में फोटो, चित्र, पोस्टर और वीडियो आदि के माध्यम से तिब्बत के शाननान क्षेत्र में पर्यटन संसाधन का परिचय दिया गया है। इसमें सवार होकर यात्री तिब्बत के शाननान क्षेत्र के विशेष प्राकृतिक ²श्यों का आनन्द उठा सकते हैं।
इस साल महामारी की रोकथाम में भारी प्रगति हासिल करने की स्थिति में तिब्बत के विभिन्न पर्यटन विभागों ने सभी पर्यटन क्षेत्रों में 83.3 लाख पर्यटकों का सत्कार किया। मई और जून माह में तिब्बती पर्यटन की सकारात्मक वृद्धि साबित की गयी है।(IANS)
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 अगस्त। छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोना की वजह से रोकी गई बस सेवा फिर शुरू करने की छूट दी है। आज जारी एक आदेश के मुताबिक दूसरे राज्यों के लिए भी बसें जा सकेंगी, और देश भर में कहीं भी परमिट लेकर विशेष बस भी जा सकेगी।
प्रदेश के परिवहन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह के जारी किए हुए आदेश के मुताबिक बसों को पहले जिस तरह चलने के परमिट दिए गए थे, वे उस हिसाब से चल सकेंगे। बसों में कर्मचारियों और सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना होगा। मुसाफिरों से किसी भी तरह के ई-पास लेने की कोई जरूरत नहीं रहेगी। लेकिन मुसाफिरों की पूरी जानकारी लेकर रखना होगा ताकि जरूरत पडऩे पर उन्हें ढूंढा जा सके। बस के ड्राइवर का केबिन बाकी मुसाफिरों से अलग रहेगा, केबिन न रहने पर उसे प्लास्टिक अथवा पर्दे से बनाया जाएगा।
इस आदेश में साफ-सफाई रखने और शारीरिक दूरी के शासन व जिला प्रशासन के आदेशों को मानने की बात भी कही गई है। लेकिन इस आदेश में शारीरिक दूरी का जिक्र नहीं है।
पटना, 26 अगस्त। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। एक ओर जहां राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में प्रवेश की सुगबुहाट के बीच पहले से ही नाराज बताए जा रहे हैं, वहीं बुधवार को रामा सिंह ने रघुवंश सिंह पर 'नकारात्मक राजनीति' करने का आरोप लगा दिया। इधर, पूर्व मंत्री तेजप्रताप भी रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी छोड़ने की चर्चा के बीच पार्टी को समुद्र कहते हुए सिंह को 'एक लोटा पानी' बता दिया। इस बीच, तेजप्रताप बुधवार को अपने पिता लालू प्रसाद से मिलने रांची रवाना हो गए। राजद के सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप अपनी महुआ सीट को छोड़कर हसनपुर से लड़ने को लेकर लालू प्रसाद से भेंट करने गए हैं। इधर, सूत्र यह भी कहते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ तेजप्रताप के दिए गए बयान से लालू प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं और इसी को लेकर उन्हें रांची बुलाया गया है।
रांची रवाना होने के पहले तेजप्रताप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, लालू जी के स्वास्थ्य का हाल लेने रांची जा रहा हूं। पार्टी की रणनीति बनाने के लिए हम और तेजस्वी जी लगातार चर्चा करते हैं।"
उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह को चाचा बताते हुए कहा कि सब लोग साथ में हैं। रघुवंश प्रसाद अभी बीमार हैं। पिता लालू की नाराजगी पर तेजप्रताप ने कहा कि यह अफ वाह मीडिया द्वारा फैलाया गया है।
इधर, लोजपा से सांसद रह चुकी रामा सिंह राजद की सदस्यता को लेकर इंतजार में हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, पार्टी किसी की जागीर नहीं होती है और पार्टी से ऊ पर कोई नहीं होता है। हमने कुछ दिन पहले राजद में शामिल होने की अर्जी लगाई थी जिसके बाद मुझे इसकी अनुमति मिल गई। कौन मेरे आने का विरोध करता है इसको लेकर मुझे कुछ ज्यादा नहीं कहना है।
उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह प्रारंभ से ही नकारात्मक राजनीति करते हैं।
इस बीच रामा सिंह के इस बयान के बाद तय माना जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और बढेगी। सिंह फि लहाल दिल्ली में हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। सिंह कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हुए थे।
सूत्र कहते हैं कि लालू प्रसाद खुद रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में जुटे हैं। लालू चारा घोटाले के मामले में फिलहाल रांची में सजा काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों रामा सिंह के राजद की सदस्यता ग्रहण करने की खबरों के मीडिया में आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफो दे दिया था।
गौरतलब है कि तेजप्रताप ने दो दिन पहले एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि राजद एक समुद्र है। रघंवुश प्रसाद सिंह एक लोटा (एक प्रकार का बर्तन) पानी की तरह है, जिससे निकल जाने से समुद्र पर कोई फ र्क नहीं पड़ता।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में राजद सफ ल नहीं होता है, तो वे जदयू का दामन भी थाम सकते हैं।(IANS)
न्यूयॉर्क, 26 अगस्त। व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कानूनी आव्रजन के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए बड़े ही नाटकीय अंदाज में एक भारतीय सॉफ्टवेयर डेवलपर महिला का 'नागरिकों के महान अमेरिकी परिवार' में स्वागत किया।
ट्रंप ने मंगलवार को सुंदरी नारायणन के एक अमेरिकी नागरिक के रूप में शपथ लेने के बाद उन्हें 'एक प्रतिभाशाली सॉफ्टवेयर डेवलपर' के रूप में पेश किया।
ट्रंप ने कहा कि सुंदरी नारायणन अमेरिका में बीते 13 सालों से रह रही हैं और उनके परिवार में उनके पति और दो खूबसूरत और प्यारे बच्चे हैं।
ट्रंप ने उनकी ओर सिर घुमाकर पूछा, "वे आपके जीवन की बेशकीमती चीज हैं, सही कहा?" इस पर नारायणन ने 'हां' में सिर हिलाया।
सुनहरे बॉर्डर वाले हल्के गुलाबी रंग की साड़ी पहने सुंदरी नारायणन ने समारोह में रंग भर दिया। वहीं उनके साथ होमलैंड सिक्योरिटी सेकेट्ररी चाड वुल्फ ने सूडान की एक पशुचिकित्सक, जिन्होंने हिजाब पहना था, सहित चार अन्य लोगों को पद की शपथ दिलाई। अन्य तीन बोलिविया, लेबनान और घाना के थे।
उन्होंने बहुसांस्कृतिक मिश्रित कार्यक्रम के माध्यम से अमेरिका के बदलते चेहरे को दिखाया, जिसमें दुनियाभर के विभिन्न धर्मो के अश्वेत प्रवासी भी थे।
डेमोक्रेट्स और आव्रजन कार्यकर्ताओं द्वारा आलोचना का शिकार होने के बावजूद राष्ट्रपति भिन्नताओं को सशक्त बनाने और कानूनी छूट के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए कार्यक्रम का इस्तेमाल कर रहे थे।
कानूनी रूप से अमेरिका में आने और नागरिकता प्राप्त करने के नियमों का पालन करने को लेकर उन्होंने कहा, "आपने नियमों का पालन किया, आपने कानूनों का पालन किया, आपने अपने इतिहास के बारे में जाना, हमारे मूल्यों को अपनाया और खुद को सत्यनिष्ठ पुरुष और महिला साबित किया।"
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कानूनों का पालन किया, हालांकि यह आसान नहीं था।
वहीं कन्वेंशन सत्र के बाद में एक अन्य प्रवासी ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए उन्हें फिर से राष्ट्रपति चुनने की अपील की।
वह ट्रंप की पत्नी मेलानिया थीं, जो स्वयं स्लोवेनिया की हैं और उन्होंने अमेरिका की नागरिकता ली।
गौरतलब है कि ट्रंप ने अवैध आप्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने प्रवासियों को रोकने के लिए दक्षिणी सीमा पर एक दीवार का निर्माण किया है और उन अवैध आप्रवासियों को निर्वासित किया जो आपराधिक बैकग्राउंड वाले थे। इसके साथ ही उन्होंने अस्थायी रूप से ग्रीन कार्ड या इमिग्रेंट वीजा और एच 1- बी व्यावसायिक कार्य वीजा देना बंद कर दिया है, जिसका प्रयोग ज्यादातर भारतीय करते थे।
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने इसे योग्यता-आधारित बनाने और इसके लिए लंबी प्रक्रिया को खत्म करने के लिए आव्रजन में सुधार का प्रस्ताव दिया है।(IANS)
बीजिंग, 26 अगस्त। इंटरनेट कंपनी टिकटॉक ने कैलिफोर्निया न्यायालय को अभियोगपत्र देकर औपचारिक रूप से अमेरिकी सरकार पर आरोप लगाया है। टिकटॉक ने वक्तव्य जारी कर कहा कि अपने कानूनी हितों की रक्षा करने के लिए कंपनी ने यह फैसला किया है, क्योंकि अमेरिकी सरकार द्वारा जारी कार्यकारी आदेश अवैध है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को कार्यकारी आदेश जारी कर कहा कि टिकटॉक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। कोई भी अमेरिकी व्यक्ति या उद्यम 45 दिनों में टिकटॉक और इसकी मूल कंपनी बाइट डांस के साथ कोई व्यापार नहीं कर सकता। 14 अगस्त को ट्रंप ने फिर से कार्यकारी आदेश जारी कर बाइट डांस से 90 दिनों में अमेरिका में टिकटॉक के सभी अधिकारों और हितों को त्यागने का आग्रह किया। लेकिन अमेरिका में टिकटॉक की मैनेजर वैनेसा पप्पस ने 20 अगस्त को कहा कि अब तक कोई सबूत नहीं मिला है कि टिकटॉक अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
अंत में टिकटॉक ने अमेरिकी सरकार पर अभियोग लगाने का फैसला किया। टिकटॉक ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि 10 करोड़ अमेरिकी लोग टिकटॉक का प्रयोग करते हैं, कंपनी में अमेरिकी कर्मचारियों की संख्या 1,500 से अधिक है और भविष्य में अमेरिका में रोजगार के 10 हजार से अधिक अवसर प्रदान किए जाएंगे। एक वाणिज्य कंपनी के लिए अमेरिकी सरकार पर अभियोग लगाना आसान नहीं है, लेकिन टिकटॉक के पास और कोई चारा नहीं था।
टिकटॉक ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सरकार के कार्यकारी आदेश जारी करने की कार्यविधि अवैध है, जिससे कंपनी के संवैधानिक अधिकार को नुकसान पहुंचा है। अमेरिकी सरकार ने कहा कि कार्यकारी आदेश अंतर्राष्ट्रीय आपात आर्थिक अधिकार कानून के अनुसार जारी किया गया, लेकिन वास्तव में यह कानून का दुरुपयोग है। टिकटॉक ने अमेरिकी उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और डेटा की रक्षा करने में कारगर कदम उठाए। सभी उपयोगकतार्ओं के डेटा अमेरिका और सिंगापुर में संरक्षित हैं। टिकटॉक ने इसे साबित करने के लिए अमेरिकी सरकार को तमाम दस्तावेज दिए। ट्रंप सरकार कोई सबूत नहीं दे सकती।
लेकिन कानून विशेषज्ञों का मानना है कि मुकदमा जीतना आसान नहीं है। क्योंकि इससे पहले विदेशी सरकारों और उद्यमों ने अमेरिका सरकार को चुनौती दी है, लेकिन सिर्फ थोड़ा समर्थन मिला। इसके अलावा, टिकटॉक और बाइट डांस पर दबाव डालने का ट्रंप सरकार का सही इरादा पूरी दुनिया में टिकटॉक पर पाबंदी लगाकर बाइट डांस के अंतर्राष्ट्रीय कंपनी बनने को रोकना है। ऐसी परिस्थिति में टिकटॉक अमेरिकी न्यायालय में अपने अधिकार को नहीं जीत सकता।
अमेरिका में आम चुनाव होने वाला है। इसकी पृष्ठभूमि और समय में चीनी उद्यमों पर दबाव डालने से जाहिर है कि ट्रंप बस राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने मतदाताओं को जीतना चाहते हैं।(IANS)
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
मुंबई, 26 अगस्त। जॉन अब्राहम और अदिति राव हैदरी ने अपनी एक आगामी शीर्षकहीन फिल्म से अपने फर्स्ट लुक को जारी किया है, जिसमें अर्जुन कपूर और रकुल प्रीत सिंह भी हैं। तस्वीर में अदिति कुर्ता व शरारा में नजर आ रही हैं जबकि जॉन पगड़ी के साथ दाढ़ी में दिखाई पड़ रहे हैं।
इंस्टाग्राम पर इस तस्वीर को साझा करते हुए अदिति लिखती हैं, "नई शुरुआत की ओर।"
दीया मिर्जा इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखती हैं, "शानदार अदु। ऑल द बेस्ट।"
एक यूजर ने भी कमेंट करते हुए लिखा, "लुक काफी पसंद आया।"
बताया जा रहा है कि जॉन और अदिति इस क्रॉस बॉर्डर लव स्टोरी में मुख्य किरदारों के दादा-दादी के किरदार में नजर आएंगे।
दिग्गज अभिनेत्री नीना गुप्ता भी फिल्म में शामिल हैं जिसे काशवी नायर द्वारा निर्देशित किया जा रहा है।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की गुरुवार को बैठक होने जा रही है जिसमें केद्र सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने पर विचार-विमर्श होगा। यह बात बैठक के एजेंडा की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कही। यह बैठक पहले जुलाई में ही होने वाली थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में जून में जीएसटी की बैठक के बाद इसकी घोषणा भी की थी।
अधिकारी ने बताया, परिषद का सिंगल प्वाइंट एजेंडा जीएसटी के मुआवजे पर विचार-विमर्श है। जीएसटी की दरों या उपकर की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव का मसला भी इस बात से जुड़ा होगा कि राज्यों को किस प्रकार समय से मुआवजे का भुगतान हो।
कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन और उससे देशभर में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते जीएसटी संग्रह में भारी कमी आई है। इसलिए केंद्र सरकार के पास एक विकल्प यह है कि वह अपनी उधारी का एक हिस्से का उपयोग राज्यों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के रूप में कर सकती है।
मार्च के बाद राज्यों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। यहां तक कि मार्च के मुआवजे के भुगतान में भी विलंब हुआ और जुलाई के आखिर में ही भुगतान हो पाया।
केंद्र सरकार ने इस मसले पर कानूनी राय भी मांगी थी जिसमें सुझाव दिया गया था कि केंद्र पर राज्यों को जीएसटी मुआवजे में कमी का भुगतान करने का कोई दायित्व नहीं है, बलिक जीएसटी परिषद पर्याप्त राशि की व्यवस्था करके वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा कोष में कमी को पूरा करने का निर्णय ले सकती है।
सूत्रों ने बताया कि न्यायविदों के सुझाव के अनुसार, जीएसटी परिषद केंद्र को मुआवजा कोष से राज्यों को उधारी लेने की अनुमति देने की सिफारिश कर सकती है।
हालांकि संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत इस मामले में आखिरी फैसला केंद्र सरकार को लेना होगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। पाकिस्तानी फिल्म निर्माता आसिम अब्बासी न केवल असल जिंदगी में, बल्कि पर्दे पर भी महिलाओं को कम तवज्जो मिलते देख काफी हैरान रहे हैं। निर्देशक को लगता है कि विषैली मर्दानगी के बिना संस्कृति का निर्माण करना महत्वपूर्ण है। वह यह भी कहते हैं ऐसी संस्कृति के निर्माण में पुरुष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि अब्बासी की अपनी जिंदगी एक मजबूत महिला और एक सहानुभूतिपूर्ण पिता से संपन्न रही है।
अब्बासी ने आईएएनएस को बताया, "ईमानदार से कहूं तो मैं मजबूत महिलाओं से घिरा हुआ था। मैं ऐसे परिवार से हं,ू जिसमें बहुत सारी बहनें हैं और मेरी मां एक बहुत ही बोल्ड महिला हैं। मेरे पिता बहुत नरम मिजाज के थे। वह नियमों और रूढ़िवादी ²ष्टिकोण वाले नहीं, बल्कि बहुत उदार, खुले और सौम्य पिता थे। जिस सहानुभूति को मैंने अपने पिता में देखा वह अन्य पुरुषों में नहीं देखी और इसीलिए कई बार मैं आश्चर्यचकित रह जाता था।"
मैं हमेशा सोचता था कि "पुरुष बड़े होकर अपनी भावनाओं को दिखाने में इतने असमर्थ क्यों हो जाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से किसी ऐसी महिला से नहीं मिला, जिसे परेशान किया गया हो या उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया हो, लेकिन ऐसा चारों ओर हो रहा है। बस, आपको एक न्यूजपेपर लेने की जरूरत है। 50 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद महिलाओं को अल्पसंख्यक की तरह माना जाता है।"
अब्बासी तब चर्चा में आए, जब 2018 में उनकी पहली फीचर फिल्म 'केक' को 91वें ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में पाकिस्तानी प्रविष्टि के रूप में चुना गया था।
हाल ही में उनकी नई वेब सीरीज 'चुड़ैल्स' भारत में ओरिजनल जिंदगी कंटेंट के तौर पर रिलीज हुई है। इस फिल्म में अब्बासी महिलाओं और उनके अधिकारों को लेकर पितृसत्तात्मक समाज के पाखंड को चुनौती देते हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने दिल्ली के आर के पुरम में पुलिस द्वारा एक किशोर की पिटाई करने के वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। डीसीपीआर ने कहा, एसएचओ आरके पुरम पुलिस को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें वीडियो में दिख रहे दोनों पुलिसकर्मियों की पहचान करने और आईपीसी की धारा 166, 321, 322 और धारा 75, जेजे एक्ट, 2015 के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह का कार्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ है और बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ट्विटर पर प्रकाशित एक स्टोरी का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया। डीसीपीसीआर ने कहा, ट्विटर पर संलग्न किए गए इस वीडियो से पता चला है कि आरके पुरम एरिया में एक पुलिसकर्मी द्वारा एक किशोर के साथ मारपीट की गई है और पूरे घटनाक्रम को एक अन्य पुलिसकर्मी खड़ा देख रहा है। कथित तौर पर लड़का भोजन की तलाश में देर रात सड़क पर भटक रहा था।
आयोग ने पुलिस अधिकारियों की इस तरह की मनमानी और उदासीनता की कड़ी निंदा की है। डीसीपीसीआर ने एसएचओ आरके पुरम को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें इस घटना में शामिल दोनों अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है। किसी लोक सेवक द्वारा नियमों की अवहेलना करने के आरोप में उन पुलिस कर्मियों पर आईपीसी की धारा-166 के तहत केस दर्ज करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही, किसी को चोट पहुंचाने के लिए आईपीसी की धारा 321, 322 (स्वेच्छा से गंभीर रूप से आहत) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75, बच्चे को क्रूरता के लिए दंड से संबंधित धारा भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
डीसीपीसीआर ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह के कृत्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ हैं और बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। इस तरह की हरकतें पुलिस बल की छवि को धूमिल करती हैं। आयोग इस मामले को आगे बढ़ाएगा और न्याय दिलाएगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। देशभर के जिन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश है, वे गुरुवार से 'किरण' के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह एक फ्री हेल्पलाइन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व इसके सहयोगियों द्वारा तैयार हेल्पलाइन 1800-599-0019 का मकसद शुरुआती जांच, प्राथमिक उपचार, मनोवैज्ञानिक समर्थन, तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी, विचलित व्यवहार के रोकथाम और मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में संकट प्रबंधन को उपलब्ध कराना है।
मानसिक स्वास्थ्य पुनर्सुधार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही हेल्पलाइन का उद्देश्य तनाव, चिंता, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एडजस्टमेंट डिस्ऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, सब्सटेंस एब्यूज, सुसाइडल थॉट्स, महामारी के चलते पैदा हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है।
यह हेल्पलाइन 13 भाषाओं में किसी भी एक व्यक्ति, परिवार, एनजीओ, डीपीओ, अभिभावक संघ, प्रोफेशनल एसोसिएशन, पुनर्वास केंद्र, अस्पतालों के साथ ही साथ लद्दाख, जम्मू व कश्मीर, आठ उत्तर-पूर्वी राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीपपुंज और लक्ष्यदीप सहित पूरे देश में जरूरत में पड़े किसी के लिए भी उपलब्ध होगा।
देश के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत गुरुवार को वर्चुअली 'किरण' को लॉन्च करेंगे। इस दौरान हेल्पलाइन के पोस्ट, ब्रोशर और रिसोर्स बुक भी जारी किए जाएंगे।
प्रति घंटे 300 लोगों को संभालने की क्षमता के साथ 660 वॉलेंटियर्स नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, 668 वॉलेंटियर मनोचिकित्सकों के साथ-साथ 75 विशेषज्ञ हेल्पलाइन के 25 केंद्रों में शामिल किए जाएंगे।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश आर्थिक स्थिति की हालत केंद्र द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण खराब हुई है और केंद्र ने अपने पास शक्तियां होने के बावजूद ऐसे कदम नहीं उठाए जिससे हालात सुधरते। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र ने कर्ज वसूली को स्थगित तो कर दिया लेकिन इस पर लगने वाले ब्याज और ब्याज पर ब्याज को लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है।
देश की आर्थिक स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान कर्ज वसूली स्थगित किए जाने पर केंद्र सरकार की निष्क्रियता की बात की और एक सप्ताह में इस पर अपना रुख साफ करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए सख्त लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्खा की हालत खराब हुई है।
सुप्रीम के जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कर्ज स्थदन के बाद ब्याज पर ब्याज लगाए जाने को लेकर केंद्र का रुख साफ करने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के पास आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां उसके साथ उपलब्ध थीं फिर भी सरकार ने इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया।
सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार आरबीआई के साथ मिलकर इस विषय पर कोआर्डिनेट कर रही है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह समस्या आपके (केंद्र सरकार) लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई है। यह समय व्यवसाय करने का नहीं है, बल्कि इस वक्त तो लोगों की दुर्दशा पर विचार करना होगा। मेहता ने कहा, माय लॉर्ड आप ऐसा मत कहिए। हम आरबीआई के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं।
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह ने भी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि केंद्र आपदा प्रबंधन अधिनियम पर रुख स्पष्ट करें और बताएं कि क्या मौजूदा ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज लिया जा सकता है।
तुषार मेहता ने तर्क दिया कि सभी समस्याओं का एक समान हल नहीं हो सकता। वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि कर्ज स्थगन की समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगी। सिब्बल ने इसके विस्तार की मांग की। सिब्बल ने कहा, मैं केवल यह कह रहा हूं कि जब तक इस याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक कर्ज स्थगन की अवधि खत्म नहीं होनी चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई अब एक सितंबर को होगी। (navjivanindia)