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नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी है। ऐसे में सीबीआई मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर सभी साक्ष्य और बीते दो महीनों में लिए गए बयान की रिकॉर्ड सौंपने के लिए जल्द कह सकती है। सीबीआई के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, जांच में जुटाए गए सभी साक्ष्य को साझा करने के लिए एजेंसी मुंबई पुलिस को पत्र लिखेगी।
सीबीआई मुंबई पुलिस से ऑटोप्सी रिपोर्ट, अपराध स्थल की तस्वीरों का विवरण मांगेगी और इसे सीएफएसएल में तैनात फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ साझा किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी उन सभी व्यक्तियों के बयानों की मांग करेगी जिनके बयान पिछले दो महीनों में दर्ज किए गए थे और साथ ही दिवंगत अभिनेता के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की भी मांग करेगी जो मुंबई पुलिस के पास हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले की जांच कर रही सीबीआई की आईटी सेल की एक टीम जल्द ही मुंबई का दौरा करेगी और क्राइम सीन को फिर से रीक्रिएट करेग। साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो वह अधिक कर्मियों के लिए मुंबई की सीबीआई शाखा से मदद भी लेगी।
सीबीआई इस बात की भी जांच करेगी कि अभिनेता के परिवार द्वारा इस साल की फरवरी में व्हाट्सएप के माध्यम से मुंबई पुलिस में की गई शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं की। सूत्र ने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारियों की भी सीबीआई एसआईटी द्वारा जांच की जाएगी।
सुशांत की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच का आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
गौरतलब है कि 34 वर्षीय अभिनेता को 14 जून को मुंबई के बांद्रा में अपने फ्लैट में मृत पाया गया था। सीबीआई ने सुशांत के पिता के.के. सिंह और उनकी बड़ी बहन रानी सिंह का पिछले सप्ताह ही बयान दर्ज किया था।
एजेंसी ने सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की सिफारिश के आधार पर दिवंगत अभिनेता की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती, उसके भाई शोविक, उसके पिता इंद्रजीत, उसकी मां संध्या, सुशांत के घर के मैनेजर सैमुअल मिरांडा और पूर्व प्रबंधक श्रुति मोदी और अन्य लोगों के खिलाफ 6 अगस्त को मामला दर्ज कर लिया है।
चेतन शर्मा
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय महिला पहलवान दिव्या काकरान ने बुधवार को कहा कि अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामित होने से वह बेहद खुश और सम्मानित महसूस कर रही हैं। राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समिति ने अर्जुन अवॉर्ड के लिए दिव्या के नाम की सिफारिश की है।
दिव्या के अलावा तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा, पिस्टल निशानेबाज मनु भाकेर और सौरभ चौधरी तथा रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक सहित 25 खिलाड़ियों के नामों की सिफारिश इस साल के अर्जुन अवॉर्ड के लिए की गई है।
राष्ट्रीय पुरस्कार समिति की मंगलवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक हुई, जिसमें इस पुरस्कार के लिए खिलाड़ियों के नामों की सिफारिश की गई।
दिव्या ने आईएएनएस से कहा, " मैं अपनी भावनाओं को बयां नहीं कर सकती। अर्जुन पुरस्कार पाना हर खिलाड़ी का सपना होता है। मैं अभी चांद के ऊपर हूं। मेरे परिवार और मुझे बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ा और यह पुरस्कार हमारी उसी सारी मेहनत का परिणाम है।"
उन्होंने भावुक अंदाज में कहा, "यह अवार्ड खासकर मैं अपने परिवार को समर्पित करना चाहती हूं, अपनी मां को। मैं एक गरीब परिवार से आती हूं। मेरे पिता पुरुषों के लिए कुश्ती जॉकस्ट्रैप बेचते थे, जिसे मेरी मां पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव में हमारे किराए के घर में सिलाई करती थी। सबकुछ अब मेरे दिमाग में वापस आ रहा है।"
दिव्या ने कहा, "मुझे अब भी याद है कि जब एक बार मेरी मां ने मेरी ट्रेनिंग के लिए अपनी शादी की चेन (मंगलसूत्र) तक बेच दी थी। पिछले साल नौकरी मिलने तक जीवन बहुत कठिन था। लेकिन वह अब अतीत है। इस पुरस्कार के साथ, मैं अपनी ओलंपिक तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं और दुनिया के सामने अपनी योग्यता साबित करना चाहती हूं।"
2017 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली दिव्या ने महिलाओं की 68 किग्रा भार वर्ग में देश में अपना दबदबा कायम कर रखा है।
उन्होंने फरवरी में एशियाई चैंपियनशिप में राउंड रोबिन के आधार पर सभी चार मुकाबले जीते थे।
दिव्या ने आगामी एक सितंबर से शुरू होने वाली नेशनल कैम्प को लेकर कहा, "मैं लंबे समय से इसका इंतजार कर रही थी। नियमित तौर पर अभ्यास पर लौटने का यह एक अच्छा मौका होगा।"
सुमित सक्सेना
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच का आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट को एक मामले के रूप में याद किया जाएगा, जहां एक एकल न्यायाधीश की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग किया।
न्यायाधीश हृषिकेश रॉय ने न्यायाधीश एल. एस. पेंटा निर्णय को उद्धृत करते हुए कहा, "संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत, यह न्यायालय अपने अधिकार क्षेत्र की कवायद में इस तरह के निर्णय पारित कर सकता है या ऐसा आदेश दे सकता है, जो किसी भी विषय या मामले के सामने लंबित होने पर पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक है। किसी भी विषय या मामले में अदालत में लंबित कोई भी कार्यवाही शामिल होगी और यह अदालत में लगभग हर तरह की कार्यवाही को शामिल करेगी, जिसमें नागरिक (सिविल) या अपराध (क्रिमिनल) जैसे मामले शामिल हैं।"
शीर्ष अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 142 (1) के तहत पूर्ण न्याय करने की उसकी शक्ति पूरी तरह से अलग स्तर की है और एक अलग गुणवत्ता की है।
न्यायाधीश रॉय ने पेंटा के फैसले का हवाला देते हुए कहा, "पूर्ण न्याय करने के लिए अनुच्छेद 142 (1) के तहत न्यायालय की यह शक्ति पूरी तरह से अलग स्तर की है और एक अलग गुणवत्ता की है। किसी विषय या मामले में पूर्ण न्याय की क्या आवश्यकता होगी, यह प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। साथ ही उस शक्ति का प्रयोग करते हुए न्यायालय ने एक ठोस कानून के प्रावधानों पर विचार किया है।"
पेंटा के फैसले का हवाला देते हुए, न्यायमूर्ति रॉय ने कहा, "यह अनुपात (रेशो) स्पष्ट करता है कि एक योग्य मामले में सुप्रीम कोर्ट न्याय प्रदान करने के लिए अनुच्छेद 142 में प्रदत्त शक्तियों को लागू कर सकता है। इस मामले में अजीब परिस्थितियों के लिए आवश्यक है कि इस मामले में पूर्ण न्याय किया जाए। यह कैसे हासिल किया जाना है, यह अब तय किया जाना चाहिए।"
न्यायाधीश रॉय ने कहा कि बिहार और महाराष्ट्र सरकारें एक-दूसरे के खिलाफ राजनीतिक हस्तक्षेप के तीखे आरोप लगा रही हैं और जांच संदेह के घेरे में आ गई है। न्यायमूर्ति रॉय ने कहा, "दुर्भाग्य से इन घटनाओं में देरी और जांच को गलत ठहराने की प्रवृत्ति है। ऐसी स्थिति में सत्य के हताहत होने और न्याय के शिकार होने की उचित आशंका है।"
न्यायमूर्ति रॉय ने कहा कि जांच में जनता का विश्वास सुनिश्चित करना और मामले में पूर्ण न्याय करते हुए न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 142 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को लागू करना उचित समझता है।
न्यायमूर्ति रॉय ने महाराष्ट्र सरकार की उस दलील को ठुकरा दिया कि है, जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा जांच किए जाने पर जोर दिया जा रहा था।
न्यायमूर्ति रॉय ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को सीबीआई को हस्तांतरित करने को कहा है।
बीजिंग, 19 अगस्त (आईएएनएस)| कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में आतंक मचा रखा है। वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे कई देशों में लगातार संक्रमण और मौत के मामले सामने आ रहे हैं। अब तक विश्व में 2 करोड़ बीस लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मरने वालों की तादाद 7 लाख 72 हजार से अधिक हो गयी है। वायरस की दहशत के बीच कुछ विशेषज्ञों ने हर्ड इम्यूनिटी की बात की। जिससे लगा कि शायद पहले वायरस को फैलने दीजिए और इस तरह लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो जाएगी। पहले की रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हर्ड इम्यूनिटी के लिए कम से कम 70 फीसदी लोग वायरस से प्रभावित होने चाहिए। हालांकि अब कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि 50 फीसदी में भी हर्ड इम्यूनिटी वाले चरण में पहुंचा जा सकता है। लेकिन विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने हर्ड इम्यूनिटी का इंतजार करने या उससे वायरस पर काबू पाने जैसे दावों के खिलाफ चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइक रयान के मुताबिक अब तक हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने के लिए कोई भी आवश्यक स्तर के बारे में नहीं जानता है।
मीडिया के साथ ऑनलाइन बातचीत में उन्होंने कहा, अभी हम उस जगह पहुंचने से बहुत दूर हैं और जब तक प्रभावी वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक राह आसान नहीं होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि वैश्विक आबादी के रूप में अभी हम इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक प्रतिरक्षा के स्तर के बिल्कुल भी नजदीक नहीं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस दावे के बाद हर्ड इम्यूनिटी की आस लगाए बैठे लोगों को मायूस होना पड़ेगा। क्योंकि हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने में काफी वक्त लग सकता है, तब तक न जाने कितने लोग अपनी जान गंवा चुके होंगे।
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार को दिए इंटरव्यू में कई वैज्ञानिकों ने दावा किया कि हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने की सीमा 70 फीसदी से बहुत कम होने की संभावना है। कहा गया है कि 50 फीसदी या शायद उससे भी कम।
उधर कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि जब लोग हर्ड इम्यूनिटी के बारे में बात करते हैं, तो इसका मतलब है कि वैक्सीन का उपयोग करना। वहीं कितने लोगों को टीके लगाने की जरूरत होगी ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके।
(अनिल पांडेय-चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग )
इस्लामाबाद, 19 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के संस्थापक कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि जब तक फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते, तब तक पाकिस्तान, इजरायल को मान्यता नहीं दे सकता। खान ने मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार के दौरान ये विचार व्यक्त किए।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने पाकिस्तान की विदेश नीति, पाकिस्तान-चीन दोस्ती, इजरायल, कश्मीर मुद्दा, अफगान शांति प्रक्रिया, अर्थव्यवस्था, क्षेत्र की स्थिति, राष्ट्रीय मुद्दों और राजनीति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
इजरायल के बारे में सवाल पूछने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी अंतरात्मा कभी भी इजरायल को स्वीकार नहीं करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, इजरायल पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। पाकिस्तान कभी भी इजरायल को मान्यता नहीं दे सकता है। हमें इजरायल और फिलिस्तीन के बारे में सर्वशक्तिमान (ईश्वर) को भी जवाब देना होगा।
चीन के बारे में खान ने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि हमारा भविष्य चीन के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि चीन हर अच्छे और बुरे समय में पाकिस्तान के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, हम चीन के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर रहे हैं। चीन को भी पाकिस्तान की बहुत जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल मई में पाकिस्तान का दौरा करने वाले थे, लेकिन कोरोनावायरस के कारण उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई। अब सर्दियों में उनके पाकिस्तान की यात्रा करने की उम्मीद है।
सऊदी अरब के साथ संबंधों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की भूमिका मुस्लिम दुनिया को विभाजित करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की अपनी विदेश नीति है। उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी अरब ने हर मुश्किल समय में पाकिस्तान की मदद की है।
इमरान खान ने कहा कि पहले अमेरिका युद्ध के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल करता था, लेकिन आज दोनों शांति में भागीदार हैं। उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया में भागीदार हैं।
खान ने कहा, मैंने अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया है। जब मैं नौ साल का था, तब से संघर्ष कर रहा हूं। मैंने एक अस्पताल का निर्माण किया, लेकिन राजनीति एक बड़ा संघर्ष है। मैंने दो-पार्टी प्रणाली (टू पार्टी सिस्टम) के बाद पीटीआई का गठन किया। जब आप कोशिश करते हैं तो उतार-चढ़ाव का कोई डर नहीं होता।
उन्होंने कहा, जब मैं सत्ता में आया था, तो अर्थव्यवस्था दिवालियापन की कगार पर थी और संस्थान नष्ट हो गए थे। पाकिस्तान में व्यवस्था ऐसी है कि सब कुछ पैसे देकर किया जा सकता है; छोटे व्यापारियों के लिए बाधाएं हैं।
खान ने कहा, संभ्रांत (एलीट) वर्ग खुद को कानून से ऊपर समझता है। जब एनएबी (जवाबदेही ब्यूरो) उन्हें बुलाता है, तो वे कहते हैं कि देश बर्बाद हो गया है। इसीलिए कुलीन वर्ग लगातार दो वर्षों से सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश में है।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान का भविष्य उद्योग पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, जब तक हम एक औद्योगिक देश नहीं बन जाते हैं, हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
नई दिल्ली, 19 अगस्त। कोरोना वायरस महामारी ने ना सिर्फ अर्थव्यवस्था बल्कि नौकरी पेशा वालों की भी कमर तोड़कर रख दी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कोरोना काल के बीच यानी अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। ये अपने आप में हैरान करने वाले आंकड़े हैं। उधर, लगातार बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर बढ़ती बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार को घेरा है।
4 महीनों में क़रीब 2 करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवाई: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक समाचार पोर्ट की खबर का हवाला देते हुए केंद्र में बैठी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पिछले 4 महीनों में क़रीब 2 करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवायी हैं। राहुल गांधी ने कहा कि 2 करोड़ परिवारों का भविष्य अंधकार में है। राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि फेसबुक पर झूठी खबरें और नफ़रत फैलाने से बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था के सर्वनाश का सत्य देश से नहीं छुप सकता है। आपको बता दें, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। रिपोर्ट की माने तो पिछले महीने यानी जुलाई में लगभग 50 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में 1.77 करोड़ और मई में लगभग 1 लाख लोगों की नौकरी गई। जून में लगभग 39 लाख नौकरियां मिली लेकिन जुलाई में करीब 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई।
‘वेतनभोगी नौकरियां 2019-20 के औसत से लगभग 1.90 करोड़ कम हैं'
जिस खबर का हवाला कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिया है उसमें लिखा गया है कि सीएमआईई के सीईओ महेश व्यास ने कहा है कि, ‘वेतनभोगियों की नौकरियां जल्दी नहीं जाती, लेकिन जब जाती है तो, दोबारा पाना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए ये हमारे लिए चिंता का विषय है।’ उन्होंने कहा, ‘वेतनभोगी नौकरियां 2019-20 के औसत से लगभग 1.90 करोड़ कम हैं।’ अनुमानों के मुताबिक देश में कुल रोजगार में वेतनभोगी रोजगार का हिस्सा केवल 21 फीसदी है। अप्रैल में कुल जितने लोग बेरोजगार हुए उनमें इनकी संख्या केवल 15 फीसदी थी। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर विभिन्न सेक्टर की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन काटे या फिर उन्हें बिना भुगतान के छुट्टी दे दी। (navjivan)
माली, 19 अगस्त। माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने मंगलवार देर शाम अपने इस्तीफे की घोषणा की. इससे पहले हथियारबंद विद्रोही सैनिकों ने कीता को उनके आवास से हिरासत में ले लिया था. यह सब कुछ बड़े ही नाटकीय अंदाज में हुआ. पिछले कुछ महीने से उनको पद से हटाने की मांग हो रही थी. कीता के इस्तीफे की घोषणा के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी जश्न मनाने लगे. इस बीच फ्रांस और अन्य सहयोगी देश इस सैन्य विद्रोह से सावधान हो गए हैं.
कीता ने राष्ट्रीय प्रसारक ओआरटीएम पर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, ''मैं नहीं चाहता कि मेरे सत्ता में बने रहने के लिए खून बहे.'' संबोधन के दौरान कीता ने चेहरे पर मास्क लगाए रखा था. वे चिंतित भी नजर आ रहे थे. उन्होंने कहा कि वे अपना इस्तीफा कार्यकाल के पूरा होने के तीन साल पहले दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ''मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.'' साथ ही उन्होंने संसद भंग करने की घोषणा भी की. देश में विद्गोह उस समय में हुआ जब वह पिछले आठ सालों से इस्लामिक चरमपंथियों से जूझता आ रहा है और वहां कोरोना वायरस महामारी भी फैली हुई है.
2013 में कीता को लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया था और पांच साल बाद वे दोबारा निर्वाचित हुए. विद्रोही सैनिकों की कार्रवाई के बाद उनके पास विकल्प कम ही बचे थे, विद्रोही सैनिकों ने मंगलवार को काती में सैन्य अड्डे के शस्त्रागार से हथियार अपने कब्जे में ले लिए और उसके बाद राजधानी बामाको की ओर निकल पड़े. जिसके बाद विद्रोहियों ने राष्ट्रपति कीता और प्रधानमंत्री बाउबो सिसे को बंधक बना लिया.आठ साल पहले भी इसी तरह का तख्ता पलट हुआ था और उस समय भी इसी बैरक के सैनिकों ने तख्ता पलट को अंजाम दिया था. बुधवार तक सेना की ओर से इस पर कोई बयान नहीं जारी किया गया है.
दूसरी ओर माली में राजनीतिक संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की बिना शर्त तत्काल रिहाई की मांग की है. गुटेरेश के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, "महासचिव ने माली के हालात की निंदा की है और देश में कानून के नियमों और संवैधानिक व्यवस्था की तुरंत बहाली के आदेश दिए हैं." इसके अलावा अफ्रीकी संघ और अमेरिका ने भी इस घटना की आलोचना की है.
माली में राजनीतिक उठापटक विवादित संसदीय चुनाव के बाद से ही शुरू हो गया था. चरमपंथ को संभालने में नाकाम रहने पर देश की जनता कीता की आलोचना करती आई है. सेना को पिछले एक साल से इस्लामिक स्टेट और अल कायदा से जुड़े समूहों की वजह से मुंह की खानी पड़ी है.
कीता की हिरासत और उसके बाद इस्तीफे की घोषणा के बाद राजधानी में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी खुशी से झूम उठे. जून के महीने में पहली बार प्रदर्शनकारियों ने कीता के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. कीता के इस्तीफे की घोषणा के बाद एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ''माली की जनता थक चुकी है. हमने बहुत कुछ सहा है.''
मंगलवार दोपहर को ही राजधानी में सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया था. दोपहर में बामाको में विद्रोहियों ने फायिरंग की थी. विद्रोहियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा देश के वित्त मंत्री, वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों को भी हिरासत में ले लिया है.(DW)
नई दिल्ली, 19 अगस्त(भाषा)। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत फेफड़ों में संक्रमण होने के बाद बुधवार को और खराब हो गई. सेना के ‘रिसर्च एंड रेफरल’ अस्पताल ने यह जानकारी दी. 84 वर्ष के मुखर्जी को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दिमाग में जमे खून के थक्के को निकालने के लिए उनका ऑपरेशन किया गया था और तब से वह कोमा में हैं. इससे पहले कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी.
मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि वह अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं. प्रणब मुखर्जी के बेटे एवं पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता की हालत में सुधार के सकारात्मक संकेत हैं. अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘ श्री प्रणब मुखर्जी की हालत थोड़ी और बिगड़ गई है क्योंकि उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया है. वह अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं और विशेषज्ञों का एक दल उनका इलाज कर रहा है.’’
अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी ये जानकारी
वहीं अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया कि उनके पिता की हालत स्थिर है. उन्होंने कहा, ‘‘सभी शुभकामनाओं और डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद, मेरे पिता की हालत अब स्थिर है...सुधार के सकारात्म्क संकेत दिखे हैं. मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं, उनके जल्द ठीक होने की कामना करें.’’
मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे. प्रणब मुखर्जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
न्यूयॉर्क, 19 अगस्त(भाषा) । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में ओवल ऑफिस ‘कमान केंद्र’ बनने के बजाय अफरातफरी वाले ‘तूफान केंद्र’ में तब्दील हो गया है. उन्होंने कहा कि ट्रम्प के लिए राष्ट्रपति का मतलब घंटो टीवी के सामने बैठकर समय बिताना, लोगों को सोशल मीडिया पर गाली देना और अपने कृत्यों की जिम्मेदारी नहीं लेना है.
'हमारी बेरोजगारी दर तिगुनी है'
डेमोक्रेटिक पार्टी के चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं कि हम विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं. खैर हम दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिकीकरण वाली एकमात्र अर्थव्यवस्था हैं और हमारी बेरोजगारी दर तिगुनी है.’ उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में जो बाइडेन को औपचारिक रूप से पार्टी का राष्ट्रपति उम्मीदवार नामित किया गया.
'राष्ट्रपति चुनाव दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण काम है'
क्लिंटन ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण काम है और इस साल का चुनाव कोविड-19 महामारी की वजह से बहुत कठिन काम है जिसमें 1,70,00 लोगों की मौत हुई है और लाखों नौकरियां चली गई एवं छोटे कारोबार बर्बाद हो गए. कोविड-19 से निपटने के तरीके की आलोचना करते हुए क्लिंटन ने कहा, ‘पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वायरस नियंत्रण में है और जल्द ही यह खत्म हो जाएगा.’
'ट्रंप टीवी पर बताते हैं कि वह क्या शानदार काम कर रहे हैं'
उन्होंने कहा, ‘ जब यह नहीं हुआ तो वह रोजाना टेलीविजन पर आकर बताते कि वह क्या शानदार काम कर रहे हैं जबकि वैज्ञानिक हमें महत्वपूर्ण सूचनाएं देने का इंतजार करते रहे. जब उन्हें विशेषज्ञों की सलाह पसंद नहीं आई तो उन्होंने उसे नजरअंदाज किया.’
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका के लोग चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं और उन्हें फैसला करना है कि ट्रम्प की संविदा अवधि बढ़ानी है या किसी अन्य को नियुक्त करना है. उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि डोनाल्ट ट्रम्प अगले चार साल आरोप लगाने, धमकाने और अपमानित करने का काम करेंगे और आप यह भी जानते हैं कि दो बार के उपराष्ट्रपति जो बाइडेन दोबारा बेहतर के लिए काम करेंगे.’
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अगस्त। केन्द्र सरकार के संगठन आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में शाम 6 बजे 459 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 232 राजधानी रायपुर में हैं। इसके बाद बिलासपुर 45, दुर्ग 43, सुकमा 23, गरियाबंद 22, रायगढ़ 20, बलौदाबाजार 19, राजनांदगांव 14, बालोद 9, जशपुर 7, कांकेर 6, जांजगीर-चांपा, कबीरधाम और महासमुंद 4-4, कोरबा 2, बस्तर, कोरिया, मुंगेली, सूरजपुर, सरगुजा 1-1 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। राज्य शासन ने अभी अपनी लिस्ट जारी नहीं की है।
राज्य शासन आज के कोरोना पॉजिटिव आंकड़ों के बजाय जांचे हुए आंकड़े जारी करता है कि उनमें कोई पहले के पॉजिटिव मरीज की नई जांच रिपोर्ट का आंकड़ा तो नहीं जुड़ गया है। राज्य की लिस्ट अभी कुछ घंटों में आती होगी। देर रात तक ये दोनों आंकड़े करीब आसपास आ जाते हैं।
रायपुर, 19 अगस्त। बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की इस बार छत्तीसगढ़ की बेटी की मदद करने सामने आए हंै। दरअसल छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। जिससे पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। 15-16 अगस्त की दरम्यानी रात कोमला गांव निवासी अंजली का घर बारिश के कारण ढह गया था। घर तबाह होने पर उसे जितनी दुखी नहीं हुई, उससे कहीं ज्यादा दुखी उसे उसकी पुस्तकें भीग जाने पर हुई। छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने यह वीडियो पोस्ट किया था।
इस वीडियो पर आज सोनू सूद की नजर पड़ी और वो अपने आप को रोक नहीं पाए। किताबों के प्रति प्रेम और अंजली की आंखों आंसू देखकर वो मदद के लिए आगे आए है। सोनू ने ट्वीट कर कहा कि आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नयीं होंगी, घर भी नया होगा। इससे पहले भी सोनू सूद हजारों लोगों की मदद कर चुके है।
बेंगलुरू, 19 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीमों की 14 दिन की सेल्फ आइसोलेशन की अवधि पूरा होने के बाद टीमों ने अब फिर से यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता इस बात से बेहद खुश हैं कि ट्रेनिंग अब फिर से शुरू हो चुकी है और खिलाड़ियों ने इसमें भाग लेना शुरू कर दिया है।
सविता ने कहा, " यह हम सभी के लिए एक अच्छा क्षण है क्योंकि हम खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने में सक्षम हैं और आउटडोर दौड़ भी करते हैं।"
उन्होंने कहा, " हमारे कमरों में, हम केवल बॉडी वेट एक्सरसाइज और प्रतिरोध बैंड का उपयोग करने में सक्षम थे। इसलिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि हम सभी साई एसओपी के तहत बाहरी गतिविधियों में वापस आ सकते हैं।"
गोलकीपर ने कहा, " जब हम अपने कमरे में थे तब फिट रहना और अपनी देखभाल करने पर अधिक ध्यान देते थे। लेकिन वापस ट्रेनिंग शुरू करके अब अच्छा महसूस हो रहा है।"
सविता ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण ब्रेक ने स्वयं का विश्लेषण और मैदान के अंदर और बाहर जीवन का आकलन करने का शानदार मौका दिया।
उन्होंने कहा, " जब आप पेशेवर खिलाड़ी होते हो तो कभी कभी समय काफी व्यस्त हो जाता है। आपको स्वयं का विश्लेषण करने का मौका नहीं मिलता लेकिन ये कुछ महीने, विशेषकर पिछले 14 दिनों में मुझे चीजों को देखने और अपने आप को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिली।"
उन्होंने आगे कहा, " मैंने महसूस किया कि जीवन में शायद यही समय होगा जहां मैं निजी और पेशेवर चीजों का काफी विश्लेषण कर सकती हूं और उन्हें बेहतर करने की दिशा में काम कर सकती हूं। मेरा मानना है कि यह मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरण में से एक है।"
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अगस्त। तेलीबांधा के पंचशील नगर में आज एक झुग्गी पर बुलडोजर चला दिया गया। यहां एक गरीब महिला अपने तीन छोटे बच्चों के साथ रहती थीं। एक-एक पैसे जोडक़र तैयार हो रही झुग्गी को गिरते देखकर महिला और उसके तीनों बच्चे दहाड़ मारकर रोते-बिलखते रहे। निगम अफसरों के सामने हाथ जोडक़र उसे ना तोडऩे के लिए गिड़गिड़ाते रहे, पर कार्रवाई नहीं थमी और देखते ही देखते उसकी झुग्गी गिरा दी गई।
पीडि़त महिला का कहना है कि निगम अधिकारी उसे शहर से दूर आवास देने का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन उसके सामने रोजी-रोटी की समस्या सामने आएगी। तीनों बच्चों की परवरिश में भी दिक्कत होगी। ऐसे में उसे इसी क्षेत्र में कहीं आसपास आवास उपलब्ध कराया जाए। तोडफ़ोड़ का विरोध करते हुए इस महिला का कहना था कि बारिश के दिनों में तोडफ़ोड़ से वह अब बेघर होकर सडक़ पर आ गई है। उसकी गरीबी को देखते हुए भी निगम अफसरों उसकी झुग्गी पर बुलडोजर चला दिया।
विरोध पर पुलिस ने एक ठेले वाले पर घुमाए डंडे
निगम जोन तीन की टीम आज दलबल के साथ तेलीबांधा स्थित पंचशील नगर पहुंची। इस दौरान लोगों की शिकायत पर यहां सडक़ किनारे की एक झुग्गी और आधा दर्जन ठेले हटा दिए गए। इस बीच यहां विवाद की स्थिति भी बनी रही। ठेले वालों ने तोडफ़ोड़ का विरोध किया, तो पुलिस ने एक ठेले वाले पर जमकर डंडे घुमा दिए। बाद में इन सभी को समझाईश देते हुए सडक़ घेरकर कारोबार न करने की हिदायत दी गई।
आवास आबंटित है-निगम
निगम अधिकारियों का कहना है कि जिस महिला की झुग्गी हटाई गई है, उसे बीएसयूपी कालोनी में एक आवास आबंटित किया गया है, जहां वह शिफ्ट हो सकती है। लेकिन वह वहां शिफ्ट न होकर यहीं आसपास रहने की जिद कर रही है। उसे बाद में समझा-बुझाकर तैयार कर लिया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अगस्त। रायपुर में कोरोना संक्रमण में बढ़ोत्तरी के बावजूद लॉकडाउन नहीं लगेगा। अलबत्ता, बाजारों को पूरे समय खोलने पर गंभीरता से विचार हो रहा है। यह जानकारी प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे ने दी।
श्री चौबे ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक ली थी। इसमें कलेक्टर के अलावा स्वास्थ्य और नगर निगम के अफसर भी थे। बैठक में उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कोरोना रोकथाम के लिए सुझाव भी लिए।
उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि लॉकडाउन लगाने का विचार नहीं है। बाजारों को पूरे समय खोलने पर विचार हो रहा है। इसको लेकर जल्द ही गाइडलाइन जारी की जाएगी।
रामकृष्ण अस्पताल 11, समता कॉलोनी 10, मौदहापारा 6, सदर में एक ही परिवार से 7, एमएमआई 2, रायपुर और आसपास-289
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अगस्त। रायपुर और आसपास बीती रात में 289 नए पॉजिटिव मिले हैं। इसमें रामकृष्ण अस्पताल से 11, समता कॉलोनी से 10, मौदहापारा 6 एवं सदर बाजार में एक ही परिवार से 6 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा एमएमआई से 2 और बीएसएफ पालूद से 2 जवान संक्रमित पाए गए हैं।
जिन बस्तियों और कॉलोनियों में कोरोना मरीज मिले हैं, उसकी सूची निम्नानुसार है-अभिलाषा आनंद नगर मेन पोस्ट ऑफिस रायपुर, रामसागरपारा, रायपुर 2, कैलाश नगर बिरगांव, बंसल निवास, आदर्श नगर, वॉल्फोर्ड इनक्लेव पचपेड़ी नाका रायपुर 2, ओम सोसायटी, एनएचएमएमआई रायपुर, तिल्दा नेवरा रायपुर, लोडिस जक्शन शांति नगर रायपुर, एमएमआई हॉस्पिटल लालपुर, सदर बाजार, बूढ़ापारा रायपुर, ब्राम्हण पारा रायपुर 2, विकास नगर केनरा बैंक गुढिय़ारी 2, त्रिमूर्ति नगर रायपुर, रोटरी नगर बी-ब्लॉक 19 छोटा गुरूद्वारा रायपुर, स्टेडियम के पीछे कोटा 3, उत्कल नगर रायपुर, आशीर्वाद हॉस्टल कैंपस डंगनिया रायपुर, अभनपुर 2, पेंशनबाड़ा रायपुर, आकृति विहार अमलीडीह 2, कुशालपुर शिव नगर, मॉलश्री विहार 5, मौदहापारा 6, लोधीपारा के पास मित्तल हॉस्पिटल, महादेवघाट 2, शांति नगर 2, पारस भवन फाफाडीह, सेक्टर 3 एस देवेंद्र नगर वार्ड 32, तात्यापारा, गांधी नगर कालीबाड़ी 2, सेक्टर 3 देवेंद्र नगर वार्ड 22 रायपुर, आरबीएच कॉलोनी जागृति नगर, पटेल चौक लालपुर, देवेंद्र नगर ऑफिसर कॉलोनी रायपुर 2, संतोषी नगर, विधायक कॉलोनी बंगला नं. 84, टिकरापारा 2, बोरिया सिद्धी विनायक कॉलोनी, डीडी नगर रायपुर, बीएसयूपी कॉलोनी भाठागांव 2, चंगोराभाठा करण नगर, भाठागांव, चंगोराभाठा, राम नगर चौबे कॉलोनी 4, संतोषी नगर रायपुर, अमलीडीह, मठपारा दुर्गा चौक, कोटा मस्जिद के पास 3, मोती नगर बोरियाखुर्द 2, झंडा चौक बोरियाखुर्द, देवेंद्र नगर 2, राजातालाब रानी सत्ती मंदिर रायपुर, भवानी नगर कोटा, कटोरा तालाब अरविंद नगर, होटल गुरू कचहरी चौक रायपुर, सड्डू खालाबाड़ा, उरला रोड बजरंग अंजोरा 3, पचपेड़ी नाका, राजेंद्र नगर, पुलिस लाइन 12 बटालियन रायपुर, रामनगर रायपुर, विनोवा भावे नगर शांति नगर, दुर्गा चौक लालपुर, सुनीता लॉज, शीतल विहार रायपुर प्रोफेसर कॉलोनी, राजिम, अशोक नगर गुढिय़ारी, टाटीबंध, आरबीएस कॉलोनी खमतराई जागृति नगर, मोवा 2, गंजपारा रायपुर, धोबी मोहल्ला रायपुर, परशु राम नगर, हनुमान मंदिर मठपारा रायपुर, श्रीनगर डब्ल्यूआरएस कॉलोनी, तेलीबांधा, अशोक नगर गुढिय़ारी, दुर्गा चौक, समता कॉलोनी 10, राम दरबार कोटा रायपुर, नया रायपुर, गोगांव शीतला नगर, कुंदरापारा शांति नगर रायपुर 2, इंद्रप्रस्थ रायपुर 2, राम नगर करमा चौक, श्रीराम चौक टिकरापारा, कुशालपुर 2, विकास नगर गुढिय़ारी, काशी रामनगर, तेलीबांधा सृष्टि गार्डन, एसबीआई न्यू शांति नगर, दुर्गा नगर पंडरी, होटल क्र्लाक इन 5, आदर्श नगर मोवा, सत्यम विहार कॉलोनी, गोल्डन होम वीआईपी स्टेट कचना 4, वार्ड 12 कोटा रायपुर 2, लाखे नगर गौतम नगर, ब्रम्हपुरी बूढ़ेश्वर मंदिर रायपुर, धन लक्ष्मी नगर वार्ड 5 भनपुरी, संतोष नगर खमतराई, वीर शिवाजी, शीतला मंदिर महावेद नगर, आरडीए रायपुरा, डीडी नगर एचआईजी 2, जय लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स फाफाडीह, कोटा इन टावर राम जानकी मंदिर, ज्ञान भारती स्कूल रायपुर, कैलाश नगर, लालपुर, डोलपीन एक्सप्रेस कॉम्प्लेक्स मोवा, टिकरापारा पटेल चौक, सांई विहार कॉलोनी देवेंद्र नगर 2, पांडुरंगा कॉलोनी स्टेशन पारा राजनांदगांव, विकास नगर गुढिय़ारी, बजरंग एलाईन्स अंजोरा 2, उरला पुरानी बस्ती, तिल्दा 5, न्यू चंगोराभाठा, प्रोफेसर कॉलोनी आपर्टमेंट, पारस नगर देवेंद्र नगर 2, सड्डू, अमीन पारा पुरानी बस्ती शीतला मंदिर, लोधीपारा रायपुर, लाखे नगर, पुराना काशी राम नगर, सिलतरा अब्दुल कलाम चौक, बीएसएफ पालूद 2, बॉयज हॉस्टल रायपुर, पार्थिव पेसिफिक टाटीबंध, नंदी चौक टिकरापारा 3, मोवा थाना रायपुर, सन्यासी पारा खमतराई, नया मंगल बाजार महादेव साहू गुढिय़ारी, गीता नगर चौबे कॉलोनी, रामकुंड, इतवारी बाजार बिरगांव, जागृति नगर बिरगांव, गांधी नगर पानी टंकी बंगाली मोहल्ला बिरगांव, सेंट्रल जेल, विवेकानंद आश्रम, कृष्णा नगर, इंजीनियरिंग कॉलोनी फाफाडीह, सिविल लाइन, अंवति विहार बबीता नगर, सुनीता लॉज 4, चौरसिया कॉलोनी, आर एस स्कूल के पास महादेव नगर न्यू चंगोराभाठा, गोगांव, पीजी बॉयज हॉस्टल पीटी जेएनएमसी, कुशालपुर, आमापारा, पंडरी, बढ़ई पारा, एम्स, ब्रम्हपुरी बूढ़ातालाब, आकृति विहार अमलीडीह 2, कुशालपुर, सुंदर नगर, कबीर नगर, गोल्डन ग्लोरी, संजय नगर, बजाज कॉलोनी सेक्टर 1 न्यू राजेंद्र नगर, श्रीनगर गुढिय़ारी, राखी नगर समता कॉलोनी, मुजगहन, कबीर नगर, सीएम रेसिडेंसी सिविल लाइन, रामकृष्ण हॉस्पिटल 11, हनुमान नगर मठपारा, छोटा अशोक नगर गुढिय़ारी, सत्यम विहार रायपुर, चंगोराभाठा, चौरसिया कॉलोनी, पीजी बॉयस हॉस्टल 2, विवेकानंद स्टेडियम कोटा, सदरबाजार 7।
कांग्रेस ने घोषणापत्र में किया था केस वापिस लेने का वादा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 अगस्त। अरबों रुपये के चिटफंड घोटाले में निवेशकों के लिये काम करने वाले प्रदेश के पांच हजार से अधिक एजेंटों को हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट प्रशासन ने प्रदेश के सभी जिला एवं सत्र न्यायालयों को निर्देश दिया है कि इन्हें अभियोजन में सहायक बनाने के लिये आवश्यक राहत दी जाये।
चिटफंड कम्पनियों के एजेंटों ने अपने विरुद्ध दर्ज मामलों से राहत देने के लिये हाईकोर्ट में अपील की थी। राज्य शासन का भी अभिमत था कि एजेंटों से साक्ष्य प्राप्त होने पर चिटफंड कम्पनियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी और उनसे राशि और सम्पत्ति वसूल की जा सकेगी।
जिला अदालतों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष को मजबूत करने में यदि सहायता मिलती हो तो ऐसे प्रकरणों में एजेंटों को विधि अनुरूप राहत दें। इसी तरह का आदेश गृह विभाग ने भी सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों तथा लोक अभियोजन अधिकारियों को जारी किया है।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में चिटफंड कम्पनियों के विरुद्ध कार्रवाई और निवेशकों को पैसे लौटाने का वादा किया गया था। प्रदेश में 200 से अधिक चिटफंड कम्पनियों ने करीब तीन लाख निवेशकों से 11 अरब रुपये से अधिक रकम जुटाई और अधिकांश कम्पनियों के संचालक फरार हो गये। प्रदेशभर में इनके 5000 से अधिक एजेंट थे, जिसमें स्थानीय युवा शामिल थे। ये निवेशकों से पैसे लेकर कम्पनियों के पास जमा कराते रहे। पुलिस में शिकायत आने पर चिटफंड कम्पनियों के मालिकों के अलावा एजेंटों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया गया था। इन एजेंटों को राहत दिलाने का आश्वासन छत्तीसगढ़ सरकार ने दिया था।
फातिमा खान
नई दिल्ली, 19 अगस्त। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि वो अपने भाई राहुल गांधी से पूरी तरह सहमत हैं कि किसी ग़ैर-गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।
प्रियंका ने कहा है, ‘शायद (त्याग) पत्र में तो नहीं लेकिन कहीं और उन्होंने कहा है कि हममें से किसी को पार्टी का अध्यक्ष नहीं होना चाहिए और मैं उनके साथ पूरी तरह सहमत हूं’। उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे विचार में पार्टी को अपना रास्ता भी ख़ुद तलाशना चाहिए’।
प्रियंका का सब कुछ बताने वाला ये इंटरव्यू, इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन्स विद द नेक्स्ट जेनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स, नामक किताब में छपा है। 13 अगस्त को प्रकाशित हुई इस किताब के लेखक, प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह हैं।
उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि पार्टी अध्यक्ष, भले ही वो गांधी परिवार से न हो, उनका बॉस होगा। उनका हवाला देते हुए कहा गया है कि ‘अगर वो (पार्टी अध्यक्ष) कल मुझे कहते हैं कि मुझे तुम्हारी ज़रूरत उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि अंडमान व निकोबार में है, तो मैं ख़ुशी से अंडमान व निकोबार चली जाऊंगी’।
2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद, राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर, पार्टी की अंदरूनी बैठक में कथित रूप से ज़ोर देकर कहा था कि अगला अध्यक्ष किसी ग़ैर-गांधी को बनाया जाना चाहिए।
लेकिन कुछ ही समय बाद, पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को अंतरिम पार्टी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के अंदर मांग उठ रही है कि कांग्रेस को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने चाहिए।
इंटरव्यू में प्रियंका ने ये भी कहा कि 2013 में जब बीजेपी ने, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू किए, तो उसके बाद उन्होंने अपना हर लेन-देन अपने बेटे रेहान को दिखाया था, जो उस वक़्त महज़ 13 साल का था।
प्रियंका को ये कहते हुए बताया गया है, ‘जब मेरे पति पर सारे आरोप लगाए गए तो सबसे पहले मैंने ये किया कि अपने बेटे के पास गई और एक एक लेन-देन उसे दिखाया’।
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने इस बारे में अपनी बेटी को भी समझा दिया। मैं अपने बच्चों से कुछ नहीं छिपाती, चाहे वो मेरी ग़लतियां हों, या कमियां हों। मैं उनके साथ बहुत खुली हुई हूं’।
कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय में उनके पति से होने वाली पूछताछ, जो ‘घंटों चलती थी’, और इस मामले में तमाम टीवी बहसों का, उनके बच्चों पर असर पडऩे लगा था।
किताब में वो कहती हैं, ‘मेरा बेटा लडक़ों के बोर्डिंग स्कूल में था और इन चीज़ों की वजह से उसे बहुत परेशानियां पेश आतीं थीं’।
प्रियंका इस बारे में भी बात करती हैं कि जब उनके बच्चे छोटे थे, तभी से वो उनके साथ मीडिया रिपोर्ट्स पर बात करतीं थीं, जो उनके परिवार के बारे में चर्चा करतीं थीं। वो कहती हैं कि ऐसे ही एक लेख में आरोप लगाया गया था कि उनकी इतालवी नानी, सोनिया गांधी की मां, रूसी ख़ुफिया एजेंसी केजीबी की एजेंट थीं और प्राचीन वस्तुएं भारत से बाहर ले जाया करतीं थीं’।
प्रियंका कहती हैं, ‘ज्लेकिन मेरी नानी एक ठेठ इतालवी नानी हैं’। प्रियंका आगे कहती हैं, ‘वो अपना सारा समय किचन में पास्ता सॉस बनाने, घर साफ करने, कपड़े इस्त्री करने में गुज़ारती हैं और मेरे बच्चे ये जानते थे ज्हमें ख़ूब हंसी आई ये सोचकर, कि वो एंटीक्स की तस्करी करतीं थीं, रूसी भाषा में बात करतीं थीं और केजीबी के लोगों से कहीं छिपकर मिला करतीं थीं’।
उन्होंने आगे कहा, ‘इस सच्चाई से ये उनका पहला परिचय था कि अपने परिवार के बारे में, वो जो कुछ देखते या पढ़ते हैं, उस सब पर यक़ीन नहीं करना चाहिए’।
प्रियंका का इंटरव्यू किताब में छपने वाले, नई पीढ़ी के ऐसे बहुत से राजनीतिज्ञों के सिलसिलेवार इंटरव्यूज़ का एक हिस्सा है।
परिवार में हत्याएं
इंटरव्यू में, प्रियंका अपने परिवार में हुई दो हत्याओं की भी बात करती हैं- 1984 में उनकी दादी इंदिरा गांधी की और 1991 में उनके पिता राजीव गांधी की- जिन्होंने उनके बचपन को ज़बर्दस्त तरीक़े से प्रभावित किया।
प्रियंका का ये कहते हुए हवाला दिया गया है, ‘तो दो हत्याओं के बीच सात सालों में, हम दरअसल अपने पिता की हत्या के ख़तरे के साए में जीए’। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं तब तक सोती नहीं थी, जब तक उन्हें घर में वापस आते हुए सुन नहीं लेती थी। जब भी वो घर से बाहर जाते थे, मुझे लगता था कि वो वापस नहीं आएंगे’।
वो कहती हैं कि इसके नतीजे में, उन्होंने बहुत प्रयास किए हैं ये सुनिश्चित करने में कि उनके बच्चों को एक ‘सामान्य स्कूल’ मिले।
ये पूछे जाने पर कि उनके पिता के बारे में जो कुछ कहा जा रहा है, उसका बोझ उनके बच्चों को ढोना पड़ेगा, प्रियंका कहती हैं, ‘वो इस तरह की इंसान नहीं हैं, जो यहां बैठकर कहेंगी कि कितनी दुखी जि़ंदगी है’।
‘मुझे भी हत्या का बोझ उठाकर चलना पड़ा, उन्हें भी अपने परिवार के खिलाफ राजनीतिक प्रचार का बोझ उठाकर चलना होगा, जैसे गांव में कोई बच्चा गऱीबी का बोझ उठाकर चलता है’।
प्रियंका ने आगे चलकर ये भी बताया कि वो, ‘स्कूल में बेहद मिलनसार और प्रतियोगी बच्ची थीं’, लेकिन अपने बच्चों की निजता बनाए रखने के लिए, जीवन में आगे चलकर एकांतप्रिय हो गईं।
जब उनकी दादी प्रधानमंत्री थीं, तब वो जिन दबावों को झेलतीं थीं, उनके बारे में बोलते हुए प्रियंका कहती हैं कि स्कूल में उन्हें ‘हर चीज़ में डाल दिया जाता था’, क्योंकि ये माना जाता था कि उनकी दादी आकर देखेंगी।
वो कहती हैं, ‘तो इस तरह की दुनिया में पलकर बड़े होने में, एक चीज़ तो ये होती है कि आपके लिए ख़ुद का आंकलन करना मुश्किल हो जाता है’। उन्होंने आगे कहा, ‘आपको नहीं पता कि आप जिम्नास्टिक्स की टीम में इसलिए हैं कि आप एक अच्छे जिम्नास्ट हैं, या फिर इसलिए कि आपकी दादी आकर आपके जिम्नास्टिक्स मुक़ाबले देखेंगी’।
प्रियंका और चुनाव
प्रियंका ने इस बारे में भी बात की है कि कैसे 1999 में एक विपासना केंद्र में कुछ समय बिताने के बाद उन्होंने राजनीति में नहीं आने का फैसला किया था।
वो याद करती हैं, ‘1999 में, एक सवाल था कि क्या मुझे चुनाव में खड़ा होना चाहिए और मैंने सोचा कि यहां रहकर मैं अपना मन नहीं बना पाऊंगी, क्योंकि हर कोई मुझे बताएगा कि उनके खय़ाल में, मुझे क्या करना चाहिए’।
प्रियंका कहती हैं कि पिता की हत्या पर वो अभी भी, पीड़ा और ग़ुस्से में थीं, और इसी रिट्रीट में उन्होंने अपनी भावनाओं को, प्रॉसेस करना शुरू किया।
लेकिन, उसके दो दशक बाद, 2019 के लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले, प्रियंका आधिकारिक रूप से राजनीति में शामिल हो गईं- और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर, कांग्रेस महासचिव का पद संभाल लिया।
प्रियंका कहती हैं, ‘हर चीज़ को तबाह होते देखकर, जो हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने लड़ाई लडक़र बनाईं थीं’, उन्होंने आखऱिकार राजनीति में आने का फैसला किया।
किताब में उनके हवाले से कहा गया है, ‘अपने आसपास ये सब होते देखकर, ऐसा करना नामुमकिन हो गया कि आप अपने बच्चों की देखभाल करते हुए ये ढोंग करते रहें कि आपका इससे कोई वास्ता नहीं है। मैं अब ये और नहीं कर सकती थी’।
अपनी दादी से की जाने वाली तुलना, ख़ासकर उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स और शख्सियत पर बात करते हुए, प्रियंका कहती हैं कि उनके अंदर, अपने परिवार के सभी सदस्यों की ख़ासियतें मौजूद हैं।
वो आगे कहती हैं, ‘अगर आप मुझे किसी पार्टी में ले जाएं, तो मैं किसी कोने में बैठी होंगी, और किसी से बात नहीं कर रही होंगी। अगर आप मुझे किसी गांव में ले जाएं, तो मैं हर किसी से बात कर रही होंगी’।
राहुल गांधी, उनके ‘सबसे अच्छे दोस्त’
प्रियंका ने अपने भाई, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अपने रिश्तों और दोनों के बीच ‘बुनियादी अंतर’ पर भी बात की है।
प्रियंका कहती हैं, ‘मेरे मुक़ाबले, वो ज़्यादा दूर की सोचते हैं। मैं वर्तमान में जीती हूं’। वो आगे कहती हैं, ‘वो 15 साल आगे की सोचते हैं, लेकिन अगर आप मुझसे 15 साल आगे का पूछेंगे, तो मैं तो अगले पांच दिन का ही सोचती रह जाऊंगी, और इतनी दूर की सोच ही नहीं पाऊंगी’।
वो आगे कहती हैं, ‘अगर मेरे अंदर ग़ुस्से के कोई अवशेष बचे हैं तो उनमें उससे भी कम हैं। वो यक़ीनन मुझसे ज़्यादा समझदार हैं’।
प्रियंका कहती हैं कि बड़े होते हुए, वो दोनों ‘घर तक सीमित’ थे, और कई बार ‘ऐसा लम्बा अकेलापन होता था, जिसमें बस हम दो एक ख़ाली घर में घूम रहे होते थे और पैरेंट्स काम के सिलसिले में अक्सर बाहर घूमते रहते थे’।
प्रियंका ये भी कहती हैं कि बड़े होते हुए, वो दोनों बहुत लड़ते थे। ‘अब, मैं कहूंगी कि वो मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं’।
‘सच कहूं, तो मुझे याद किए जाने की ज़रूरत नहीं है’
प्रियंका कहती हैं कि वो ‘विरासत के बहुत खिलाफ’ हैं, और वो सियासत में इसलिए नहीं हैं कि उन्हें किसी विरासत को बनाए रखना है।
वो कहती हैं, ‘मैं समझती हूं कि बच्चों के पास विरासत नहीं होनी चाहिए। हमें उनके लिए कोई विरासत नहीं छोडऩी चाहिए, अच्छी या बुरी। उन्हें आज़ाद होना चाहिए’।
‘और इसलिए, सच कहूं, तो मुझे याद किए जाने की ज़रूरत नहीं है’।
कांग्रेस ने नए मीडिया को देर से समझा
किताब में प्रियंका का ये कहते हुए हवाला दिया गया है कि कांग्रेस पार्टी को ‘कुछ समय लगा, ये समझने में कि नया मीडिया कैसा है’।
वो कहती हैं, ‘1980 के दशक में, अख़बार में कोई लेख छप जाता था, जिससे एक सम्मानित दूरी बनाकर आप अपना काम करते रहते थे। वो फॉर्मूला काम करता था’। वो आगे कहती हैं, ‘आज, ये काम नहीं करता, आज, जब तक आप न बोलें, आपकी बात वहां नहीं पहुंचती’।
प्रियंका कहती हैं कि कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी का प्रचार ‘अंदर तक घुसा हुआ’ रहा है।
वो कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि बीजेपी के प्रचार का प्रभाव इतना मज़बूत रहा है, और इतना अंदर तक घुसा है कि जो लोग हमारे कऱीब हैं, जो हमारे जीने के तरीक़े को देखते हैं, उन्होंने भी शायद चीज़ों पर सवाल उठाए हैं’।
‘ये प्रचार इतने अच्छे से आयोजित था, और इतने लंबे समय तक चला कि जब तक हमें समझ में आया कि हमें भी अपना पक्ष रखना चाहिए, तब तक नुक़सान पहुंच चुका था’। (hindi.theprint.in)
सत्र से पहले सदस्यों की कोरोना-ऑक्सीजन की जांच
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अगस्त। विधानसभा के मानसून सत्र में पौने छह सौ से अधिक सवाल लगे हैं। कोरोना फैलाव रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट होगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत बुधवार को पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने सत्र की तैयारियों की जानकारी भी ली। डॉ. महंत ने बताया कि इस सत्र के लिए कुल 579 प्रश्न लगे हैं, इसमें 304 तारांकित और 275 अतारांकित प्रश्न हैं। अभी तक चार स्थगन, 98 ध्यानाकर्षण, 3 अशासकीय संकल्प और 7 शून्यकाल की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। इस सत्र में अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा।
सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी, पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे, पूर्व मंत्री बलिहार सिंह, पूर्व सांसद रंजनीगंधा देवी और भारत-चीन सीमा पर हुई हिसंक झड़प में शहीद जवानों के साथ-साथ सुकमा नक्सल मुठभेड़ में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। डॉ. महंत ने बताया कि विधानसभा का सत्र सुचारू रूप से बिना किसी व्यवधान के चल सके, इसके लिए कई व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा में उपलब्ध बैठक क्षमता में वृद्धि करते हुए 11 अतिरिक्त कुर्सियां लगाई गई हैं और प्रत्येक सदस्य के बीच कांच का पार्टिशन किया जा रहा है। ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि मंत्री-संसदीय सचिव, सदस्यों और शासन ने जिन अफसरों को सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराए हैं, उन सुरक्षा कर्मियों का विधानसभा में प्रवेश वर्जित रहेगा।
उन्होंने बताया कि विधानसभा में मंत्रियों के साथ केवल एक स्टॉफ को परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी, लेकिन मुख्य भवन के ए-ब्लॉक में उनका भी प्रवेश वर्जित रहेगा। कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए मुख्य सभा भवन और मुख्य समिति कक्ष में एंटी बैक्टिरियल सरफेस कोटिंग कराई जा रही है, ताकि संक्रमण की संभावना को समाप्त किया जा सके। विधानसभा परिसर में सत्रकाल में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया जाता है, इस सत्र में जिन पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी, वे पूरे सत्रभर अन्य व्यक्तियों के संपर्क में न आए, इसलिए उनके रूकने की व्यवस्था विधानसभा परिसर में ही की गई है।
कोरोना से निपटने आत्मबल जरूरी
डॉ. महंत ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए आत्मबल का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भय और आतंक का वातावरण बना है, इसकी जरूरत नहीं है। कोरोना संक्रमण से बेहतर ढंग से निपटा जा सकता है।
मौतें-158, एक्टिव-5828, डिस्चार्ज-10847
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अगस्त। प्रदेश में कोरोना मरीज 17 हजार के आसपास पहुंच गए हैं। बीती रात मिले 808 नए पॉजिटिव के साथ इनकी संख्या बढक़र 16 हजार 833 हो गई है। इसमें से 158 मरीजों की मौत हो गई है। 5 हजार 828 एक्टिव हैं और उनका एम्स समेत अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। 10 हजार 847 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। सैंपलों की जांच जारी है।
प्रदेश में पिछले सभी दिनों की तुलना में कल सबसे ज्यादा मरीज सामने आए और एक तरह से हालात बिगडऩे लगे हैं। खासकर राजधानी रायपुर एवं आसपास इनकी संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। बुलेटिन के मुताबिक बीती रात 8.15 बजे 701 नए पॉजिटिव सामने आए। इसमें रायपुर जिले रायपुर से सबसे अधिक 205 मरीज पाए गए। दुर्ग जिले से 92, रायगढ़ से 63, बस्तर व राजनांदगांव से 48-48, बिलासपुर से 44, बालोद से 34, कोरबा से 21, नारायणपुर से 20, जशपुर से 19, कांकेर से 18, सुकमा से 16, जांजगीर-चांपा से 15, बीजापुर से 12, सरगुजा से 11, सूरजपुर से 9, कोरिया, दंतेवाड़ा व गरियाबंद से 4-4, कबीरधाम से 3 एवं बेमेतरा, बलौदाबाजार, महासमुंद, बलरामपुर, कोण्डागांव से 2-2 व मुंगेली से 1 मरीज शामिल रहे।
इसके बाद रात 10.45 बजे 107 और नए कोरोना से पीडि़त पॉजिटिव की पहचान की गई। इसमें रायपुर जिले से 62, कांकेर से 13, रायगढ़ से 11, राजनांदगांव से 10, धमतरी व कोरिया से 5-5, गरियाबंद से 1 मरीज शामिल रहे। ये सभी मरीज आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं। दूसरी तरफ 8 मरीजों की मौत हो गई। इसमें एक महासमुंद और 7 रायपुर के मरीज शामिल हैं। इनके संपर्क में आने वालों की जांच-पहचान जारी है।
स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि प्रदेश में कोरोना जांच लगातार बढ़ाते हुए ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने का प्रयास किया जा रहा है। बीती रात 4 लाख 36 हजार के आसपास सैंपलों की जांच पूरी कर ली गई है। बाकी सैंपलों की तेजी के साथ जांच जारी है। जांच-सैंपल का दायरा बढ़ाने से अब मरीज भी बढऩे लगे हैं। बीती रात में सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सबसे अधिक पॉजिटिवि मिले हैं। उनका कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए नियमों का लगातार पालन जरूरी है। तब कहीं जाकर हम कोरोना को हराने में सफल होंगे। बीती रात में 249 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं और उनका मानना है कि आगे भी कई मरीज ठीक हो सकते हैं।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| मॉडलिंग का मौका देने के नाम पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति और उसकी कंपनी को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद, निर्देशक महेश भट्ट समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए। आईएमजी वेंचर्स नाम की कंपनी कथित रूप से यौन उत्पीड़न कर महिलाओं को ब्लैकमेल करती थी। आयोग ने अभिनेता उर्वशी रौतेला और मौनी रॉय के न आने पर नाराजगी जताई। आयोग ने एक ट्वीट में कहा, "मौनी रॉय और उर्वशी रौतेला हमारी ओर से भेजे गए कई निर्देशों के बावजूद निर्धारित सुनवाई में शामिल नहीं हुईं।"
आयोग ने भारत में पीपुल्स अगेंस्ट रेप्स (परी) की संस्थापक योगिता भयाना द्वारा दायर एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद महेश भट्ट, सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, मौनी रॉय, रणविजय सिंह, प्रिंस नरूला और ईशा गुप्ता को समन जारी किया था।
फिल्मकार महेश भट्ट ऑनलाइन सुनवाई के लिए उपस्थित हुए। भट्ट ने आयोग को इस मामले के संबंध में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, "तीन लड़कियों के पिता के रूप में मैं योगिता और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा उठाए गए इस कदम का सम्मान करता हूं और इसके लिए पूरा सहयोग दूंगा।"
उन्होंने आईएमजी वेंचर्स या सनी वर्मा के साथ किसी भी संबंध से इनकार किया और कहा, "मैंने ना तो कोई समझौता किया ना ही इस काम के लिए पैसा लिया। दुर्भाग्य से मेरे नाम और सोशल मीडिया से लिए गए फोटो का इस घटना के संबंध में दुरुपयोग किया गया।"
एनसीडब्ल्यू ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान दर्ज किए और अब अपने निष्कर्षों के आधार पर वह एक रिपोर्ट तैयार करेगा।
शिकायत के अनुसार, आईएमजी वेंचर्स के प्रमोटर सनी वर्मा ने मॉडलिंग के अवसर देने के बहाने कथित रूप से कई महिलाओं को ब्लैकमेल किया और उनका यौन शोषण किया।
भयाना ने अपनी शिकायत में कहा था, "कई टीवी और फिल्म अभिनेता एक वीडियो विज्ञापन के जरिए उसकी कंपनी को प्रमोट कर रहे हैं।"
कंपनी खुद को वास्तविक दिखाने के लिए 2950 रुपये का प्रवेश शुल्क भी ले रही थी। लड़कियों द्वारा आवेदन किए जाने के बाद सनी वर्मा की महिला सहयोगियों ने कथित रूप से उनसे प्रतियोगिता में बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए अपनी नग्न तस्वीरों को पेश करने का सुझाव दिया था।
शिकायत में कहा गया, "नग्न तस्वीरें लेने के बाद सनी लड़कियों से नग्न वीडियो देने के लिए कहता था। वह मॉडलिंग में करियर बनाने और प्रतियोगिता में जिताने के नाम पर उनका यौन उत्पीड़न करता था।"
अपनी शिकायत में भयाना ने आगे कहा, "मुझे सनी वर्मा और आईएमजी के खिलाफ कई लड़कियों से कई पत्र, मैसेज और ऑडियो क्लिप सुबूत के तौर पर मिले हैं। लड़कियों ने कहा है कि उनके नाम और पहचान का खुलासा नहीं किया जाए। उन्होंने सनी वर्मा के साथ अपने चैट के स्क्रीन शॉट्स और ऑडियो कॉल रिकॉर्ड भी साझा किए हैं। यह चैट सनी वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों को सच साबित करती हैं।"
नई दिल्ली, 19 अगस्त। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस में आज अपना फैसला सुना दिया है, जिसका हर किसी को बेसब्री से इंतजार था। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दे दिया है कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई को ही सौंपी जाएगी। सुशांत के लिए लगातार सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे उनके फैन्स और परिवार वालों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बेसब्री से इंतजार था और इस फैसले से उनमें न्याय को लेकर एक उम्मीद जगी है। कोर्ट की पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी थीं, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इस वक्त सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे देश को इंतजार था और कोर्ट के इस फैसले से लोगों में खुशी नजर आ रही है।
कोर्ट ने इस सुनवाई में 35 पन्नों का जजमेंट दिया है और पटना कोर्ट की एफआईआर को स्ष्ट ने सही पाया है। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार जांच की सिफारिश करने में सक्षम है। पटना कोर्ट की एफआईआर को कोर्ट ने सही पाया है। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार जांच की सिफारिश करने में सक्षम है। कोर्ट ने माना है कि मुंबई पुलिस ने जांच नहीं की। कोर्ट ने कहा है कि मुंबई पुलिस ने सुशांत केस में जांच नहीं की है, बल्कि इस मामले में बस इन्क्वायरी की। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि आगे कोई भी एफआईआर इस मामले में दर्ज हुई तो सीबीआई देखेगी।
इस फैसले के आते ही सुशांत की बहन श्वेता कार्ति सिंह ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की है और लिखा- फाइनली सुशांत केस की सीबीआई करेगी जांच। (navbharattimes.indiatimes.com)
नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)| पुरानी दिल्ली में हुई पतंगबाजी ने इस बार भी सैकड़ों परिंदों से उनके उड़ने का हक छीन लिया। हर साल की तरह इस साल भी लोगों ने बेपरवाह होकर पतंगबाजी की, जिसके कारण 1000 से अधिक पक्षी घायल हुए। वहीं 150 से अधिक पक्षियों की मांझे से कट कर जान चली गई। चांदनी चौक स्थित बर्ड हॉस्पिटल में सैंकड़ों की तादाद में वो पक्षी है जो की पतंगबाजों के शौक के चलते अस्पताल में भर्ती हुये हैं। भलेहि ही इस बार चाइनीज मांझे पर रोक लगी हो, लेकिन हिंदुस्तानी मांझों की वजह से भी पक्षियों के जीवन पर उतना ही असर पड़ा।
1 अगस्त से 15 अगस्त तक करीब 1500 पक्षी अस्पताल में भर्ती हुये हैं। जिसमें से करीब 80 फीसदी पतंगबाजी का शिकार हुए हैं। अन्य पंखे से कट कर घायल हुए हैं। इन पक्षियों में ज्यादातर कबूतर, तोते और चील हैं। हालांकि इस बार मोर भी मांझों से कट कर घायल हुये हैं।
पक्षियों के अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार 1 अगस्त से 15 अगस्त तक रोजाना करीब 10 पंक्षियों की मृत्यु हुई है। वहीं कुछ ऐसे परिंदे भी हैं जो की जिंदगी भर अब उड़ नहीं सकते।
चांदनी चौक स्थित जैन मंदिर में चल रहे दुनिया के पहले चैरिटी पक्षी अस्पताल के सचिव सुनील जैन ने आईएएनएस को बताया, 1 अगस्त से 15 अगस्त तक हमारे पास करीब 1500 पक्षी आये हैं। जिसमें से कुछ के पंख कटे हुए थे, तो वहीं कुछ पंक्षियों के गले मे गहरा घाव भी थे।
जमुना पार, वेलकम कॉलोनी और शाहदरा इलाके में ज्यादा पक्षी घायल हुए हैं। 1 अगस्त से 15 अगस्त तक 70 से 80 पक्षी अस्पताल में रोजाना भर्ती हो रहे थे।
सुनील ने बताया, मांझों की वजह से पंक्षी इतनी बुरी तरह जख्मी होते हैं कि कई पक्षियों की गर्दन तक अलग हो जाती हैं। इस बार करीब 150 से अधिक पक्षियों की मृत्यु भी हुई है। हमारे पास 1 तरीक से 15 तरीक तक 10 से 11 पक्षियों की मृत्यु हुई।
हमारे अस्पताल में पूरी कोशिश होती है कि इन पक्षियों की जान बच जाए, लेकिन पक्षी इतनी बुरी तरह घायल होते हैं कि बचाना असंभव हो जाता है।
साओ पाउलो, 19 अगस्त (आईएएनएस) ब्राजील में कोविड-19 से और 1,352 मौतें दर्ज की गई हैं, जिसके बाद संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या यहां 109,888 के करीब पहुंच गई। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में मंगलवार को कोविड-19 के 47,784 नए मामले सामने आए, जिससे संक्रमण की कुल संख्या 3,407,354 हो गई।
देश में साओ पाउलो इस बीमारी का केंद्र बना हुआ है, जहां अब तक 711,530 मामले और 27,315 मौतें दर्ज हुईं हैं, इसके बाद रियो डी जनेरियो में 14,728 मौतें हुईं और सीआरा में 8,196 मौतें दर्ज की गई हैं।
अमेरिका के बाद ब्राजील विश्व में कोविड -19 से सबसे अधिक प्रभावित दूसरा देश है।
नयी दिल्ली 18 अगस्त (वार्ता) देश में मंगलवार देर रात तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के 58 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 27.60 लाख के करीब पहुंच गयी तथा 1060 और मरीजों की मौत होने से मृतकाें की तादाद 53 हजार के करीब पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 73 फीसदी के पार पहुंच गयी है।
विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 55,870 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 27,59,937 हो गयी तथा मृतकों की संख्या 52,985 हो गयी है। स्वस्थ होने वालों की अपेक्षा नये मामलों की दर में निरंतर हो रही वृद्धि के कारण सक्रिय मामलों में फिर से आज 1,159 की वृद्धि दर्ज की गयी जिससे इनकी संख्या बढ़कर 6,74,325 हो गयी।
राहत की बात यह है कि इस दौरान 55,870 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों की संख्या भी 20,32,118 पर पहुंच गयी। इस प्रकार स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर बढ़कर आज 73.62 प्रतिशत पहुंच गयी जो सोमवार को 73.07 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर घटकर 1.91 फीसदी रह गयी।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 11,119 मामले सामने आये। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 9652, कर्नाटक में 7665, तमिलनाडु में 5,709, उत्तर प्रदेश में 4218, बिहार में 3257, पश्चिम बंगाल में 3175, ओडिशा में 2239, केरल में 1758, पंजाब में 1705 तथा गुजरात में 1126 नये मामले सामने आये।
कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 11,119 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 6,15,477 हो गयी लेकिन राहत की बात यह है कि इस दौरान 9,356 मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या भी 4,37,870 लाख के करीब आ गयी, यानी मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71.14 फीसदी हो गयी है। इस दौरान रिकॉर्ड 422 मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 20,687 हो गयी है।
राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक वृद्धि के साथ बढ़कर 71.14 प्रतिशत हो गयी जो सोमवार को 70.90 फीसदी थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर आंशिक बढ़कर 3.36 प्रतिशत पर आ गई। चिंता की एक और बात यह है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 1,340 की वृद्धि दर्ज की गयी। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,56,608 रही जो सोमवार को 1,55,268 थी।
कोरोना का बड़ा भाई कैंसर भी कहर ढहाने वाला है..!
भारत में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। अब मौतों के आंकड़े रेकॉर्ड बनाने लगे हैं। देश में मंगलवार को कोविड-19 महामारी से एक दिन से सबसे ज्यादा 1,099 लोगों की मौत हुई। यह तीसरी बार है जब रोजाना मौत की संख्या 1,000 के आंकड़े को पार कर गई। इससे पहले 13 अगस्त को सबसे ज्यादा 1008 लोगों की जान गई थी।
इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र ने कहा है कि इस साल भारत में कैंसर के मामले 13.9 लाख रहने का अनुमान है, जो 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकते हैं।
आईसीएमआर ने कहा कि राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम रिपोर्ट, 2020 में दिया गया यह अनुमान 28 जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री से मिली सूचना पर आधारित है। इसने कहा कि इसके अलावा 58 अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री ने भी आंकड़ा दिया।
बयान के अनुसार, तंबाकू जनित कैंसर के मामले 3.7 लाख रहने का अनुमान है, जो 2020 के कैंसर के कुल मामले का 27.1 फीसद हेागा। इसमें यह भी कहा गया है कि पूर्वोत्तर इलाकों में इस कैंसर का ज्यादा प्रभाव दिखेगा।
बयान में कहा गया है, 'महिलाओं में छाती के कैंसर के मामले दो लाख (यानी 14.8 फीसद), गर्भाशय के कैंसर के 0.75 लाख (यानी 5.4 फीसद), महिलाओं और पुरूषों में आंत के कैंसर के 2.7 लाख मामले (यानी 19.7 फीसद) रहने का अनुमान है। बता दें कि एक ओर जहां पुरुषों में, फेफड़े, मुंह, पेट और अन्नप्रणाली के कैंसर सबसे आम होते हैं, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के लिए स्तन और गर्भाशय के कैंसर सबसे आम हैं।
इधर कोरोना के मोर्चे पर
राज्य सरकारों से मिले आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को कोविड-19 के कुल मामले 27.6 लाख से ज्यादा केस हो गए। इससे पहले सोमवार को 53,230 नए मामले सामने आए थे। रविवार को कुल 7.3 लाख टेस्ट किए गए थे, जिसके कारण शायद अगले दिन मामले कम आए।
सोमवार को 9 लाख टेस्ट और मंगलवार को बढ़ गए केस
इससे उलट सोमवार को 9 लाख टेस्ट किए गए हैं और मंगलवार को केस बढ़ गए। केस और टेस्ट की संख्या के विश्लेषण से एक बात हाल के दिनों में स्पष्ट हो गई है कि दोनों के बीच एक सीधा सा संबंध है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को सबसे ज्यादा करीब 8.7 लाख टेस्ट किए गए थे। ऐसे में अगले दिन सबसे ज्यादा 67,000 कोरोना के नए मरीज सामने आए।
आंध्र में भी 3 लाख से ज्यादा
शनिवार को टेस्ट घटकर 7.5 लाख से कम हो गए, इसके चलते अगले दिन 57,799 केस आए। मंगलवार को आंध्र प्रदेश देश का तीसरा ऐसा राज्य बना, जहां कोरोना के कुल मामले 3 लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं। राज्य में 9,652 नए केस आए और टैली 3,06,261 पहुंच गई।
उधर, महाराष्ट्र में कोविड-19 से 422 मौतें हुई हैं, जो एक दिन में सबसे ज्यादा है। राज्य में 11,119 नए कोविड मरीज बढ़े हैं जिसमें से 8.3 प्रतिशत या 931 लोग मुंबई से हैं।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल यानी मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 के प्रतिदिन नए मामलों और बीमारी के कारण होने वाली मौत के मामलों में 13 अगस्त से गिरावट देखी गई है। हालांकि मंत्रालय ने कोई ढिलाई बरते जाने को लेकर चेतावनी दी और कहा कि पांच दिन की गिरावट महामारी के संदर्भ में एक छोटी अवधि है। स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रतिदिन सात से आठ लाख जांच के सतत स्तर के बावजूद कोविड-19 की संक्रमण दर 10.03 प्रतिशत से घटकर 7.72 प्रतिशत रह गई है।
उन्होंने कहा कि इस महामारी से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 20 लाख के करीब पहुंच गई है जो कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 2.93 गुना अधिक है। भूषण ने कहा, ‘इस बीमारी से अब तक 19,77,779 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। इस समय 6,73,166 मरीजों का इलाज चल रहा है और वे चिकित्सा देखरेख में हैं।’ उन्होंने कहा कि मृत्यु दर भी दो प्रतिशत से नीचे आ गई है। भूषण ने कहा, ‘प्रतिदन मृत्यु दर घटकर 1.92 प्रतिशत और साप्ताहिक औसत मृत्यु दर 1.94 प्रतिशत हो गई है। दोनों दो फीसदी से नीचे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘प्रतिदिन 9 लाख तक जांच हो रही है जो बड़ी बात है। बीमारी को नियंत्रित करने और मृत्यु दर को घटाने के लिए जांच महत्वपूर्ण है।’(एजेंसी)