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चंडीगढ़, 28 जनवरी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि उनकी आम आदमी पार्टी (आप) हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन लोकसभा चुनाव विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के साथ मिलकर लड़ेगी।
लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं जबकि विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होंगे।
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने जींद में पार्टी की ‘बदलाव जनसभा’ में कहा, ‘‘आज लोगों को केवल एक ही पार्टी पर भरोसा है, और वो आम आदमी पार्टी है। एक तरफ उन्हें पंजाब, तो दूसरी तरफ दिल्ली में हमारी सरकार दिखती है। आज हरियाणा एक बड़ा बदलाव चाहता है। इसके पहले दिल्ली और पंजाब के लोगों ने यह बड़ा बदलाव किया था और अब वहां के लोग खुश हैं।’’
केजरीवाल ने कहा कि आप हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन लोकसभा चुनाव विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के हिस्से के रूप में लड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि केवल आम आदमी पार्टी ही लोगों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति और अन्य सुविधाएं प्रदान कर सकती है जैसा कि उसने दिल्ली और पंजाब में किया है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘क्या कांग्रेस, भाजपा और जजपा ऐसा कर सकती है? वे नहीं कर सकते। केवल आम आदमी पार्टी ही ऐसा कर सकती है।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियां कहती थीं कि अगर लोगों को बिल नहीं देना पड़ेगा तो उन्हें बिजली आपूर्ति नहीं की जाएगी। केजरीवाल ने कहा, ‘‘पहले दिल्ली और पंजाब में रोजाना सात से आठ घंटे बिजली कटौती होती थी, लेकिन अब लोगों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। हरियाणा में भी हम बिजली कटौती खत्म करेंगे।’’
केजरीवाल ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मैं एक इंजीनियर हूं, शिक्षित हूं, समझदार हूं, मैं अनपढ़ नहीं हूं, मेरी डिग्री भी असली है। मेरी डिग्री ‘फर्जी’ नहीं है। मुझे पता है कि काम कैसे करना है, मैं 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराऊंगा।’’
हरियाणा में भाजपा-जजपा (जननायक जनता पार्टी) गठबंधन सत्ता में है और मनोहर लाल खट्टर राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाने का आरोप लगाया और कहा कि वह जेल जाने से नहीं डरते।
केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (केंद्र सरकार)मुझे गिरफ्तार करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। मेरे पीछे आयकर विभाग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस को लगा दिया ।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं जेल जाने से नहीं डरता। मैं हरियाणा का हूं और मैं उनसे कहना चाहता हूं कि किसी ‘हरियाणावाले’ को डराने की कोशिश मत कीजिए। मैं हरियाणा का बेटा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भगवान राम और भगवान हनुमान का अनुयायी हूं। ‘राम राज्य’ से प्रेरणा लेकर हम दिल्ली और पंजाब में अपना प्रशासन चला रहे हैं। हम यहां सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए आए हैं।’’ आप के राष्ट्रीय संयोजक ने रेखांकित किया कि पंजाब में 42,000 युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
हाल ही में राज्य के कुछ जिलों के युवाओं के कथित तौर पर इजराइल में नौकरियों के लिए कतार में लगने को लेकर केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर तीखा हमला किया। केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमने उन्हें इजराइल जाने के लिए नहीं कहा था।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘नौकरियों के लिए युवा खट्टर साहब के पास गए थे, लेकिन उन्हें नौकरियों के लिए इजराइल भेजा जा रहा है। वे उन्हें युद्धग्रस्त इजराइल में भेज रहे हैं। युवाओं को युद्धग्रस्त जगह पर कौन भेजता है जहां जीवन की कोई गारंटी नहीं है? खट्टर साहब, क्या आप ऐसी स्थिति में हमारे युवाओं को मरने के लिए भेज रहे हैं?’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘यदि आप नौकरी नहीं दे सकते, तो इस्तीफा दे दें। हम आपको दिखाएंगे कि नौकरी कैसे देनी है, हम जानते हैं कि नौकरी कैसे देनी है। मान साहब, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी नौकरी देना जानते हैं, लेकिन हमारे बच्चों को मरने के लिए इजराइल मत भेजें।’’
इस बदलाव जनसभा को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली में स्कूल बनवाने पर मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया गया। मान ने कहा, ‘‘भाजपा को यह डर सताता है कि जहां भी केजरीवाल जाते हैं वहां भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाता है। इसलिए केजरीवाल को ईडी का नोटिस भेज दो ताकि वे डर जाएं, लेकिन भाजपा को कौन समझाए कि वे डरने वाले नहीं हैं।’’
मान ने कहा, ‘‘हम वे पत्ते नहीं कि जो शाख से टूटकर गिर जाएं, भाजपा की आंधियों को बोल दो, औकात में रहें।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 28 जनवरी। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को ‘स्थगन की संस्कृति’ और लंबी छुट्टियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने की न्यायपालिका की क्षमता के लिए जरूरी है कि वह चुनौतियों को पहचाने और ‘कठिन संवाद’शुरू करे।
उन्होंने हाशिए पर मौजूद वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने और पहली पीढ़ी के वकीलों को समान अवसर प्रदान करने पर भी जोर दिया।
प्रधान न्यायाधीश शीर्ष अदालत की स्थापना के हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन के अवसर पर उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि थे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने भारत में हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कानूनी पेशे में पारंपरिक रूप से महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम रहता था, लेकिन अब जिला न्यायपालिका के कार्यबल में उनकी हिस्सेदारी 36.3 प्रतिशत है।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने समाज के विभिन्न वर्गों को कानूनी पेशे में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने रेखांकित किया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व ‘‘बार और पीठ दोनों में काफी कम है।’’
प्रधान न्यायाधीश(सीजेआई) ने इसे देश के इतिहास में एक ‘महत्वपूर्ण अवसर’ करार देते हुए कहा कि अब भारत में महिलाओं को महत्वपूर्ण पदों पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘समाज में हाशिये पर मौजूद वर्गों के व्यापक समावेश पर ध्यान केंद्रित किया गया है। युवा आबादी का अपने पेशेवर जीवन में सफल होने का आत्मविश्वास भी उतना ही प्रेरणादायक है।’’
उच्चतम न्यायालय 28 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया। वर्तमान भवन में स्थानांतरित होने से पहले यह संसद भवन से कार्य करता था।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘परंपरागत रूप से कानूनी पेशा कुलीन पुरुषों का माना जाता था। समय बदल गया है। पेशे में परंपरागत रूप से कम प्रतिनिधित्व वाली महिलाएं, अब जिला न्यायपालिका की कामकाजी ताकत का 36.3 प्रतिशत हैं।’’
प्रधान न्यायाधीश ने न्यायपालिका को प्रभावित करने वाले संरचनात्मक मुद्दों, जैसे लंबित मामलों, पुरानी प्रक्रियाओं और स्थगन की संस्कृति को भी रेखांकित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि निकट भविष्य में इन मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीशों और प्रशासकों के रूप में हमारा प्रयास जिला न्यायपालिका की गरिमा सुनिश्चित करना होना चाहिए, जो नागरिकों के लिए संपर्क का पहला बिंदु है। एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने की हमारी क्षमता के लिए जरूरी है कि हम चुनौतियों को पहचानें और कठिन संवाद शुरू करें।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि स्थगन संस्कृति से पेशेवर संस्कृति की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लंबी मौखिक दलीलों के कारण न्यायिक परिणामों में असीम देरी न हो। तीसरा, कानूनी पेशे में आए पहली पीढ़ी के वकीलों चाहे पुरुष हो या महिलाएं या हाशिए पर रहने वाले अन्य लोग को समान अवसर प्रदान करना चाहिए, जिनके पास इच्छाशक्ति और सफल होने की क्षमता है।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘चौथा, लंबी छुट्टियों पर बातचीत शुरू करें और इसपर चर्चा करें कि क्या वकीलों और न्यायाधीशों के लिए लचीले समय जैसे विकल्प संभव हैं।’’
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में आयोजित जूनियर सिविल जजों की भर्ती परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों में से 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं थीं।
प्रधान न्यायाधीश ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा रिकॉर्ड संख्या में महिलाओं को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ का दर्जा दिए जाने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘हम, न्यायाधीश और प्रशासन के रूप में, बढ़ती आकांक्षाओं से अनभिज्ञ नहीं रह सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2024 की शुरुआत से पहले उच्चतम न्यायालय के पिछले 74 साल के इतिहास में केवल 12 महिलाओं को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ के रूप में नामित किया गया था। पिछले हफ्ते, उच्चतम न्यायालय ने देश के विभिन्न हिस्सों से 11 महिलाओं को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ के रूप में नामित किया।’’
अपने संबोधन में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,‘‘ हमारी व्यवस्था में आबादी के विभिन्न वर्गों का समावेश करने से हमारी वैधता कायम रहेगी। इसलिए, हमें समाज के विभिन्न वर्गों को कानूनी पेशे में लाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरण के लिए, बार और पीठ दोनों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व काफी कम है।’’
सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवारत और सेवानिवृत्त न्यायाधीश और वकील और कानून के छात्र भी शामिल हुए।
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने भी सभा को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम में बांग्लादेश, भूटान, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के प्रधान न्यायाधीश भी शामिल हुए। (भाषा)
(अरुणव सिन्हा और गुंजन शर्मा)
अयोध्या (उप्र), 28 जनवरी। नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां बड़ी देवकाली मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है।
बड़ी देवकाली मंदिर, भगवान राम की कुलदेवी को समर्पित है।
मान्यता है कि भगवान राम के जन्म के बाद उनकी मां कौशल्या अपने पूरे परिवार के साथ इस मंदिर में आई थीं। मौजूदा ढांचा कई दशक पुराना है और मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा, राम नवमी और नवरात्र पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुटती थी लेकिन हनुमान गढ़ी मंदिर की तरह यह श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय नहीं था।
बड़ी देवकाली मंदिर के मुख्य पुजारी सुनिल पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। पहले बड़ी देवकाली मंदिर में रोजाना औसतन 50-60 श्रद्धालु आते थे लेकिन नौ नवंबर, 2019 को उच्चतम न्यायालय द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किए जाने के बाद यह संख्या रोजाना 500 तक पहुंच गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गयी है। बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।’’
मंदिर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पाठक ने बताया, ‘‘बड़ी देवकाली मंदिर में तीन देवियों - महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का संयुक्त विग्रह स्थापित है। देवी, भगवान राम के पूर्वज राजा रघु के सपने में प्रकट हुईं और युद्ध में विजयी होने के लिए उन्हें एक ‘यज्ञ’ अनुष्ठान करने का निर्देश दिया। राजा रघु ने ‘यज्ञ’ किया और युद्ध में विजयी हुए। फिर उन्होंने बड़ी देवकाली’ के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कराई।’’
मान्यता है कि भगवान राम के जन्म के बाद उनकी मां कौशल्या अपने पूरे परिवार के साथ मंदिर में आई थीं।
अयोध्या स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘बड़ी देवकाली मंदिर का महत्व यह है कि इसकी स्थापना भगवान राम से पहले की गई थी। वह भगवान राम की ‘कुल देवी’ हैं। देवी माता की पूजा के बिना कोई भी काम संभव नहीं है।’’
गोंडा जिले के निवासी मिट्ठू लाल ने कहा, ‘‘जब भी मैं अयोध्या आता हूं, मैं इस मंदिर के दर्शन करने की पूरी कोशिश करता हूं। इससे मुझे आंतरिक शांति मिलती है। इससे मुझे जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।’’ (भाषा)
देहरादून, 28 जनवरी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खऱगे ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब भगवान विष्णु का 11 वां अवतार बनना चाहते हैं ।
यहां कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने संबोधन में खऱगे ने कहा कि सुबह उठते ही लोग अपने भगवान या गुरूओं का चेहरा देखते हैं लेकिन अब हर जगह मोदी दिखाई देते हैं । उन्होंने कहा, ‘मोदी अब 11 वां अवतार बनने निकले हैं ।’
मोदी पर धर्म और राजनीति को मिलाने का आरोप लगाते हुए खऱगे ने कहा कि जब ये दोनों चीजें मिल जाती हैं तो अच्छे और बुरे में फर्क करना मुश्किल हो जाता है । उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर वोट लेना देश के साथ गद्दारी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा आजकल केवल कांग्रेस को गालियां देती रहती हैं और उसके नेताओं के सपने में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी आती हैं । उन्होंने कहा, ‘‘आजकल तो उनके सपने में राहुल गांधी आ रहे हैं जो उन्हें सोने ही नहीं दे रहे हैं ।’’
खऱगे ने कहा कि इसी डर के कारण असम में कांग्रेस की यात्रा में अड़चन डाली गयी। उन्होंने कहा कि वहां पत्थर फेंके गए, पोस्टर फाड़े गए और झंडे निकाल दिए गए ।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश भर में कहीं कांग्रेेस की यात्रा में विघ्न नहीं डाला गया और केवल असम में, जहां भाजपा का शासन है, यह गड़बड़ी हुई ।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन उनकी पार्टी इससे डरने वाली नहीं है । उन्होंने कहा कि जब तक आप हैं, कांग्रेस को कोई हिला नहीं सकता ।
दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा कि कांग्रेस जान देने वाले नेताओं की पार्टी है । उन्होंने महात्मा गांधी और नेहरू का नाम लेते हुए कहा कि आजादी के लिए कांग्रेस के नेता अनेक दिन जेल में रहे । उन्होंने भाजपा से पूछा कि आजादी के लिए उसके कितने नेता कितने दिन जेल में रहे । उन्होंने सवाल किया, ‘‘ आपके कितने लोग मरे और कितने घर आजादी के लिए बर्बाद हुए। ’’
उन्होंने कहा कि गांधीजी ने जब ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन छेड़ा तो इनके लोग ब्रिटिश से नौकरी मांग रहे थे ।
उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने देश में बड़े-बड़े कारखाने और बांध बनाए । उन्होंने भेल, बीइएल, सेल, ओएनजीसी जैसी कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सब मोदी ने नहीं, नेहरू जी ने बनाए हैं।
खरगे ने कहा कि गरीबों के लिए जितना कांग्रेस ने किया, उतना किसी ने नहीं किया । इस संबंध में उन्होंने मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून का जिक्र किया । उन्होंने आरोप लगाया कि जिस पार्टी ने देश के लिए इतना किया, ये उसे कमजोर करना चाहते हैं, सत्ता से दूर रखना चाहते हैं ।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये छल की राजनीति करते हैं और अपने वादे पूरे नहीं करते हैं । उन्होंने कहा कि मोदी ने हर व्यक्ति को 15 लाख रुपये देने, दो करोड़ लोगों को नौकरी देने और किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया लेकिन पूरा नहीं किया । उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यही मोदी की गारंटी है ।
उन्होंने कहा , ‘‘भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया तो इसका जवाब यही है कि अगर हमने 70 साल में देश की आजादी और संविधान को न बचाया होता तो मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन पाते और चाय बेचते रह जाते ।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड तथा जोशीमठ भूधंसाव की समस्या पर ध्यान न देने के लिए भी सरकार की आलोचना की और ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने को कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपानीत राज्य सरकारें पार्टी की यात्रा और रैलियों में अड़चनें पैदा कर रही हैं जिससे जनता उससे दूर हो जाए।
खऱगे ने कहा कि उन्हें देहरादून आने में देरी इसलिए हुई क्योंकि हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर में उड़ने और उतरने के लिए चार-चार मंजूरियां लेनी पड़ीं । उन्होंने कहा कि केंद्र और भाजपा की राज्य सरकारें चाहती हैं कि रैलियों में कांग्रेस के नेताओं का भाषण सुनने के लिए आए लोग थककर लौट जाएं ।
खरगे के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति न दिए जाने पर शनिवार रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा तथा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कार्यकर्ताओं के साथ यहां पुलिस मुख्यालय में धरना दिया था । हांलांकि, बाद में प्रशासन ने उनका हेलीकॉप्टर उतरने की अनुमति दे दी। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जनवरी। भारत जोड़ो यात्रा के कांग्रेस ने 11 समिति बनाई है, और वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जनवरी। गणतंत्र दिवस में कर्तव्य पथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद, मुरिया दरबार“ में शामिल छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाक़ात की।
रायपुर, 28 जनवरी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर कंवर समाज द्वारा श्री साय को ‘‘कंवर गौरव’’ सम्मान दिया गया।
विगत 7 वर्षों से आकाशवाणी के ‘हमर हाथी-हमर गोठ’ कार्यक्रम में दी जा रही हाथियों के विचरण की सूचनाएं
रायपुर 28 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी रेडियो वार्ता मन की बात में छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों के विचरण की सूचनाओं पर आधारित आकाशवाणी कार्यक्रम 'हमर हाथी-हमर गोठ' की सराहना की।उन्होंने कहा कि रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है। बीते करीब 7 वर्षों से यहाँ रेडियो पर एक लोकप्रिय कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है, जिसका नाम है ‘हमर हाथी-हमर गोठ’। नाम सुनकर आपको लग सकता है कि रेडियो और हाथी का भला क्या कनेक्शन हो सकता है। लेकिन यही तो रेडियो की खूबी है। छत्तीसगढ़ में आकाशवाणी के चार केन्द्रों अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से हर शाम इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है और आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के जंगल और उसके आसपास के इलाके में रहने वाले बड़े ध्यान से इस कार्यक्रम को सुनते हैं।
मोदी ने कहा कि ‘हमर हाथी - हमर गोठ’ कार्यक्रम में बताया जाता है कि हाथियों का झुण्ड जंगल के किस इलाके से गुजर रहा है। ये जानकारी यहाँ के लोगों के बहुत काम आती है। लोगों को जैसे ही रेडियो से हाथियों के झुण्ड के आने की जानकारी मिलती है, वो सावधान हो जाते हैं। जिन रास्तों से हाथी गुजरते हैं, उधर जाने का ख़तरा टल जाता है। इससे जहाँ एक ओर हाथियों के झुण्ड से नुकसान की संभावना कम हो रही है, वहीँ हाथियों के बारे में डेटा जुटाने में मदद मिलती है। इस डेटा के उपयोग से भविष्य में हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ की इस अनूठी पहल और इसके अनुभवों का लाभ देश के दूसरे वन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं।
'हमर हाथी-हमर गोठ' कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता श्री अमलेन्दु मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य के चार आकाशवाणी केंद्रों अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ केंद्रो से शाम 5:00 बजे प्रसारित किया जाता है। यह कार्यक्रम एंड्राइड मोबाइल के न्यूज on AIR और एफएम चैनल में भी उपलब्ध है जिसे गाड़ियों में भी आसानी से सुना जा सकता है।
नयी दिल्ली, 28 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश कुमार को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार में मंत्री पद के रूप में शपथ लेने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को भी बधाई दी तथा विश्वास जताया कि बिहार सरकार की नयी टीम पूरे समर्पण भाव से राज्य के लोगों की सेवा करेगी।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बिहार में बनी राजग सरकार राज्य के विकास और यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री और सम्राट चौधरी जी एवं विजय सिन्हा जी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर मेरी बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि यह टीम पूरे समर्पण भाव से राज्य के मेरे परिवारजनों की सेवा करेगी।’’
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें पटना स्थित राजभवन में पद की शपथ दिलाई।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी ने नई सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
कुमार ने इससे पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि ‘महागठबंधन’ और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में उनके लिए चीजें ठीक नहीं चल रही थी। बाद में उन्होंने भाजपा के साथ नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया। (भाषा)
कोलकाता, 28 जनवरी। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने ‘बार-बार पाला बदलने’ के लिए जनता दल यूनाइटेड (जद यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार की आलोचना की है। पार्टी ने यह आलोचना नीतीश के बिहार में ‘महागठबंधन’ से अलग होने पर की है।
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि लोग ऐसी ‘अवसरवादिता’ का माकूल जवाब देंगे।
नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्हें ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) और ‘महागठबंधन’ में ‘‘चीजें ठीक नहीं लग रही थीं’’ इसलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नया गठबंधन और नई सरकार बनाने का निर्णय लिया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार नियमित अंतराल पर पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को छोड़ने का फैसला किया है और उनके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने की संभावना है। जनता ऐसी राजनीतिक अवसरवादिता का करारा जवाब देगी।’’
भाजपा से अलग होने और राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस के साथ गठबंधन के 18 महीने से भी कम समय के भीतर नीतीश कुमार ने दूसरी बार पाला बदला है। इससे पहले 2013 में नीतीश कुमार ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग से नाता तोड़ लिया था और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
जद (यू) के गठबंधन से बाहर होने के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर रॉय ने कहा कि यह गठबंधन के लिए कोई झटका नहीं है।
एक अन्य तृणमूल नेता ने नीतीश कुमार की राजनीतिक विश्वसनीयता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘पाला बदलने के उनके इतिहास के कारण ही तृणमूल हमेशा उनकी विश्वसनीयता को लेकर आशंकित रहती थी, लेकिन कांग्रेस ने कुमार को बहुत विश्वसनीय साझेदार माना।’’
इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए तृणमूल सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम ने भरोसा जताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने में विपक्षी गठबंधन सफल होगा।
हकीम ने कहा, ‘‘जनता सब देख रही है। यदि आप अपनी राजनीतिक अवसरवादिता के कारण जनादेश की अवहेलना करने का प्रयास करेंगे तो लोकतंत्र में आपको करारा जवाब मिलेगा। ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन के रचनाकारों में से एक हैं और यह (गठबंधन) संसदीय चुनावों में भाजपा को हरा देगा।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 28 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार वर्तमान संदर्भ को ध्यान में रखते हुए कानूनों का आधुनिकीकरण कर रही है और ये कानून भारत को भविष्य में और मजबूत करेंगे।
उच्चतम न्यायालय की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक न्याय कानून बनने से भारत की कानूनी, पुलिस और जांच प्रणाली ने एक नए युग में प्रवेश कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सैकड़ों साल पुराने कानूनों से नए कानूनों की ओर प्रवेश सुचारू हो। इस संबंध में, हमने सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्य पहले ही शुरू कर दिया है।’’
मोदी ने उच्चतम न्यायालय से अन्य हितधारकों के क्षमता निर्माण की दिशा में काम करने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘सशक्त न्यायिक प्रणाली विकसित भारत का हिस्सा है। सरकार लगातार काम कर रही है और भरोसेमंद न्यायिक प्रणाली बनाने के लिए कई फैसले ले रही है। जन विश्वास विधेयक इसी दिशा में उठाया गया कदम है। भविष्य में इससे न्यायिक प्रणाली पर अनावश्यक बोझ कम होगा।’’
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता संबंधी कानून से अदालतों पर बोझ कम होगा क्योंकि इससे वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को मजबूत किया है और व्यक्तिगत अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं जिससे देश के सामाजिक-राजनीतिक परिवेश को नई दिशा मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आज की आर्थिक नीतियां कल के उज्ज्वल भारत का आधार बनेंगी और आज भारत में जो कानून बन रहे हैं, वे कल के उज्ज्वल भारत को और मजबूती प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आज बनाए गए कानून भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाएंगे। वैश्विक स्तर पर हो रहे परिवर्तनों के साथ, दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं, क्योंकि भारत में दुनिया का विश्वास मजबूत हो रहा है। ऐसे समय में भारत के लिए जरूरी है कि वह हर अवसर का लाभ उठाए।
उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि पिछले सप्ताह सरकार ने उच्चतम न्यायालय की इमारत के विस्तार के लिए 800 करोड़ रूपये की मंजूरी दी।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘बस अब आप लोगों के पास कोई संसद भवन (निर्माण) की तरह याचिका लेकर ना आ जाए कि फिजूल खर्ची हो रही है।’’
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नई संसद भवन परियोजना को अदालतों में चुनौती दी गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि जीवन की सुगमता, व्यापार करने में आसानी, यात्रा और संचार और न्याय में आसानी राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘न्याय में सुगमता हर भारतीय नागरिक का अधिकार है और भारत का उच्चतम न्यायालय, इसका माध्यम है।’’
डिजिटल प्रारूप में निर्णयों की उपलब्धता और स्थानीय भाषाओं में उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनुवाद करने की परियोजना की शुरुआत पर खुशी व्यक्त करते हुए, मोदी ने देश की अन्य अदालतों में भी इसी तरह की व्यवस्था की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से शुरुआत में दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन यह न्याय वितरण में सुधार के लिए क्षितिज का विस्तार करती है।
मोदी ने इस बात का भी जिक्र किया कि उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी को हाल ही में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, शीर्ष विधि अधिकारी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इस मौके पर मौजूद थे।
मोदी ने नागरिक-केंद्रित सूचना और प्रौद्योगिकी पहल भी शुरू की जिसमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की एक नई वेबसाइट शामिल है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 28 जनवरी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नये मसौदा दिशानिर्देशों में सुझाव दिया गया है कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्तियां इन श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार नहीं आने की स्थिति में अनारक्षित घोषित की जा सकती हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नये मसौदा दिशानिर्देशों में यह जानकारी दी गई है।
‘उच्च शिक्षा संस्थानों में भारत सरकार की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश’ हितधारकों की आपत्ति और सुझाव के खातिर सार्वजनिक किये गये हैं।
मसौदा दिशा-निर्देश में कहा गया, ‘‘अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रिक्तियां संबंधित उम्मीदवार के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार द्वारा नहीं भरी जा सकती।’’
यह भी कहा गया, ‘‘हालांकि, एक आरक्षित रिक्ति को अनारक्षण की प्रक्रिया का पालन करके अनारक्षित घोषित किया जा सकता है, जिसके बाद इसे अनारक्षित रिक्ति के रूप में भरा जा सकता है।’’
लेकिन साथ ही कहा गया है कि सीधी भर्ती के मामले में आरक्षित रिक्तियों को अनारक्षित घोषित करने पर प्रतिबंध है।
मसौदे के अनुसार, ‘‘ चूंकि समूह ‘ए’ सेवा में कोई रिक्ति सार्वजनिक हित में खाली नहीं छोड़ी जा सकती, ऐसे में इस तरह के दुर्लभ और असाधारण मामलों में संबंधित विश्वविद्यालय रिक्ति के आरक्षण को रद्द करने का प्रस्ताव तैयार कर सकता है। अपने प्रस्ताव में उसे बताना होगा कि पद भरने के लिए कितनी बार प्रयास किये गये, रिक्ति को क्यों खाली नहीं रखा जा सकता और आरक्षण रद्द करने का औचित्य क्या है।’’
यह भी सुझाव है, ‘‘ग्रुप सी या डी के मामले में आरक्षण रद्द करने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद को भेजा जाना चाहिए और समूह ‘ए’ या ‘बी’ के मामले में प्रस्ताव आवश्यक अनुमोदन के लिए पूर्ण विवरण के साथ शिक्षा मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मंजूरी मिलने के बाद पद भरा जा सकता है और आरक्षण को आगे बढ़ाया जा सकता है।’’
इन दिशानिर्देशों पर कई जगहों से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार का पुतला जलाने का ऐलान किया है।
दिशानिर्देशों की आलोचना पर कुमार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। (भाषा)
सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 28 जनवरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देशभर में नफरत और हिंसा फैलाने तथा गरीबों और युवाओं के हितों को नजरअंदाज करके बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम करने का आरोप लगाया।
गांधी उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए एक अल्पकालिक भर्ती योजना ‘अग्निवीर’ को शुरू करके उन युवाओं का मखौल उड़ाया है जो सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते थे।’’
उन्होंने कहा, "देशभर में नफरत और हिंसा फैलायी जा रही है। इससे कोई फायदा नहीं होगा। नफरत फैलाने के बजाय, हमें प्यार का प्रसार करने और अपने युवाओं को न्याय दिलाने की दिशा में काम करना होगा। केंद्र सरकार केवल बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है, गरीबों और युवाओं के लिए नहीं।’’
गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपने स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, "बंगाल एक विशेष स्थान रखता है। इसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वैचारिक लड़ाई का नेतृत्व किया था। यह बंगाल और बंगालियों का कर्तव्य है कि वे नफरत के खिलाफ लड़ने का एक रास्ता दिखाएं और वर्तमान परिस्थितियों में देश को एकसाथ बांधकर रखें।”
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप मौके पर नहीं खड़े हुए तो लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 28 जनवरी। राहत फतेह अली खान उस समय विवादों के केंद्र में आ गये, जब उनका एक व्यक्ति को कथित तौर पर थप्पड़ मारने का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हुआ। इसके बाद प्रसिद्ध पाकिस्तानी गायक ने कहा कि यह उनकी छवि खराब करने का प्रयास है।
कथित वीडियो में, खान को उस व्यक्ति के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है, जिसे बाद में राहत फतेह अली खान ने अपना शिष्य नावेद हसनैन बताया। वीडियो में वह (राहत फतेह अली खान) पूछते दिख रहे हैं, "मेरी बोतल कहाँ है?"
एक मिनट से अधिक की वीडियो क्लिप वायरल होने के कुछ घंटों बाद ही खान का नाम सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ट्रेंड करने लगा। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने गायक की उनके दुर्व्यवहार के लिए आलोचना की। हालांकि, यह पता नहीं चल सका कि उक्त वीडियो को कब और कहां रिकॉर्ड किया गया।
"मन की लगन" और "जिया धड़क धड़क--" जैसे हिंदी फिल्मी गानों के लिए प्रसिद्ध गायक ने बाद में स्पष्टीकरण के रूप में इंस्टाग्राम पर एक के बाद एक कई वीडियो साझा किये।
उनचास वर्षीय खान ने वायरल वीडियो को एक गुरु और उनके शिष्य के बीच का "आंतरिक मामला" बताया।
लोकप्रिय गायक राहत फ़तेह अली खान ने वीडियो में कहा "आपने इन वीडियो में जो कुछ भी देखा है, वह एक उस्ताद और एक शागिर्द (शिष्य) के बीच का आंतरिक मामला है। जब कोई शिष्य अच्छा काम करता है, तो हम उसकी काफी प्रशंसा करते हैं और जब वे गलती करते हैं, तो हम उन्हें दंडित करते हैं। साथ ही... मैंने उसी समय उनसे माफी मांगी थी...'
एक अन्य वीडियो में, खान ने कहा कि वीडियो रिकॉर्ड करने वाला व्यक्ति उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, "ये मुझे बदनाम करने और मुझे एक अत्याचारी के रूप में चित्रित करने की कोशिशें हैं, लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि वे पहले खुद पर नजर डालें।"
सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कई उपयोगकर्ताओं ने खान की आलोचना की और दावा किया कि यह बवाल "शराब की एक खोई हुई बोतल" को लेकर था।
हसनैन के अनुसार, उन्होंने एक बोतल खो दी थी, जिसमें "पवित्र जल" था। उन्होंने कहा, "मैं भूल गया था कि मैंने वह बोतल कहाँ रखी थी, जिसमें 'पीर साहब का दम का पानी' (पवित्र जल) था।
उन्होंने कहा "अल्लाह जानता है कि हमारे उस्ताद हमसे बहुत प्यार करते हैं। जिसने भी वह वीडियो रिकॉर्ड किया है, वह ब्लैकमेलर है। यह व्यक्ति मेरे उस्ताद जी को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।"
हसनैन ने यह भी कहा कि उनके परिवार और खान का रिश्ता 40 साल पुराना है। वायरल वीडियो में जो कुछ भी दिखा, वह "झूठ" है।
उन्होंने एक अन्य वीडियो में कहा, "वह मुझे मार सकते हैं, डांट सकते हैं, वह मेरे उस्ताद हैं। वह वीडियो झूठ है और मेरे उस्ताद की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।"
Trigger warning ⚠️
— Dia AZ (@drdia_a) January 27, 2024
Video of Rahat fateh ali khan comes out where he is beating his househelp for a mere bottle while they are seen begging for help!
Clearly, he is drunk! He has completely lost it. ???????? pic.twitter.com/SIH8nmkakM
खान द्वारा स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश करने के बाद भी सोशल मीडिया पर आलोचना नहीं रुकी, कई लोगों ने अपने शिष्य को मारने के बारे में उनके स्पष्टीकरण को "शर्मनाक" बताया।
वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते हुए, गायिका चिन्मयी श्रीपदा ने कहा कि किसी ने कभी नहीं सोचा होगा कि जो लोग "सार्वजनिक रूप से मृदुभाषी" की तरह व्यवहार करते हैं, वे इस तरह के अमानवीय व्यवहार भी कर सकते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 28 जनवरी। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि 140 करोड़ भारतीय लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा थोपे गये ‘अन्याय काल’ में जी रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि वह सुनिश्चित करेगी कि देश के लोगों को उसकी ओर से प्रस्तावित ‘न्याय’ के पांच स्तंभों के आधार पर न्याय मिले।
कांग्रेस प्रवक्ता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा सरकार ने किसी कार्यक्रम की चकाचौंध के पीछे वास्तविकता को छिपाने की कला में महारत हासिल कर ली है और उनके अधीन देश और इसकी अर्थव्यवस्था के साथ यही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के युवा इजराइल में लड़ने के लिए नौकरी पाने की चाहत में कतार में खड़े हैं, यह दिल को दहला देने वाला है।
खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा,‘‘कोई भी व्यक्ति युद्धरत देश में जाकर मजदूर क्यों बनना चाहेगा? इसका उत्तर यह है कि उनकी औसत मासिक आय सिर्फ 10,000 रुपये (न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम) है, जबकि इजराइल इससे लगभग 13-14 गुना अधिक वेतन दे रहा है।’’
खेड़ा ने कहा कि यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की केवल 60,000 रिक्तियों के लिए 51 लाख आवेदक थे। उन्होंने कहा, ‘‘140 करोड़ भारतीय भाजपा के कुशासन द्वारा थोपे गए ‘अन्याय काल’ में जी रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार अगले कुछ दिनों में अपना अंतिम बजट पेश करेगी और पूरी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल ‘विकसित भारत’ के खोखले नारे का प्रचार करने के लिए किया जा रहा है।
अपने दावे के समर्थन में आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविकता अनुमान से बहुत अलग है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आधे भारतीय लोगों (71 करोड़) की आय प्रति वर्ष 3,87,000 रुपये या इससे कम है, या लगभग 32,000 रुपये प्रति माह या इससे कम है।
खेड़ा ने कहा, ‘‘सरकार को इस आंकड़े पर शर्म आना चाहिए कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पर निर्भर रहना पड़ता है। यह शर्मनाक है और इस सरकार का एक रिपोर्ट कार्ड है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी न्याय का एक सकारात्मक एजेंडा पेश करेगी, जिसके बारे में हमारे नेता राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में बात की है। न्याय के पांच स्तंभ: युवा न्याय, भागीदारी न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय और श्रम न्याय हैं।’’ (भाषा)
कलबुर्गी (कर्नाटक), 28 जनवरी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर उनकी पार्टी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सभी घटक दलों से बातचीत की है और उनमें से कुछ के साथ सहमति बन गई है जबकि अन्य के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।
खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ और देशभर में विभिन्न स्थानों की अपनी यात्रा के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
उन्होंने यहां कहा, ‘‘हमारी पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ जारी है। मैं तेलंगाना गया था और देहरादून, ओडिशा, बिहार, दिल्ली, केरल और अन्य स्थानों पर भी जाऊंगा। मेरी यात्राओं की तारीखें तय हो गई हैं और राहुल गांधी भी कुछ जगहों पर जाएंगे। हमने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह हमारी पार्टी का काम और कार्यक्रम है, हम करेंगे.. इसकी तुलना अन्य पार्टियों से नहीं की जानी चाहिए।’’
गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर खरगे ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया है।
खरगे ने कहा, ‘‘इस समिति ने बिहार में सहयोगियों, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और गठबंधन के सभी सहयोगियों से बात की है। कुछ के साथ सहमति बनी है तो वहीं कुछ के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।’’ (भाषा)
हैदराबाद, 28 जनवरी । इंग्लैंड ने रविवार को यहां पहले टेस्ट के चौथे दिन भारत को 28 रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनायी।
इंग्लैंड ने भारत को जीत के लिए 231 रन का लक्ष्य दिया। इसका पीछा करते हुए भारतीय टीम चौथे दिन दूसरी पारी में 69.2 ओवर में 202 रन पर सिमट गयी।
ओली पोप के 196 रन की मदद से इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 420 रन बनाकर भारत के सामने जीत के लिये 231 रन का लक्ष्य रखा ।
भारत ने चाय तक तीन विकेट गंवाकर 95 रन बनाये थे। लेकिन अंतिम सत्र में बाकी बचे सभी विकेट गंवा दिये।
भारत दूसरी पारी :
रोहित शर्मा पगबाधा बो हार्टले 39
यशस्वी जायसवाल का पोप बो हार्टले 15
शुभमन गिल का पोप बो हार्टले 00
केएल राहुल पगबाधा बो रूट 22
अक्षर पटेल का एवं बो हार्टले 17
श्रेयस अय्यर का रूट बो लीच 13
रविंद्र जडेजा रन आउट 02
श्रीकर भरत बो हार्टले 28
रविचंद्रन अश्विन स्ट फोक्स बो हार्टले 28
जसप्रीत बुमराह नाबाद 06
मोहम्मद सिराज स्ट फोक्स बो हार्टले 12
अतिरिक्त : (बो 4, लेग बाई 14, नोबॉल 1, वाइड 1) 20
कुल : 69.2 ओवर में 202 रन पर सभी आउट
विकेट पतन : : 1-42, 2-42, 3-63, 4-95, 5-107, 6-119, 7-119, 8-176, 9-177
गेंदबाजी :
जो रूट 19-3-41-1
मार्क वुड 8-1-15-0
टॉम हार्टले 26.2-5-62-7
जैक लीच 10-1-33-1
रेहान अहमद 6-0-33-0
(भाषा)
रायपुर, 28 जनवरी। कंवर समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम विष्णु साय ने कहा कि आज मोर बर बड़े खुशी के दिन हे कि आज कंवर समाज यहां कंवर महोत्सव में मोला बुलाइन और कंवर रत्न से सम्मानित करिन, मैं बहुत बहुत आभारी हों और धन्यवाद ज्ञापित करत हों। विष्णुदेव का सम्मान नहीं है बल्कि पूरे कंवर समाज का है। इसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी है। आज एक बहुत बडा विश्वास देश के प्रधानमंत्री ने किया है।
आज ये जो सम्मान मिला है भाजपा की तरफ से या देश के प्रधानमंत्री की तरफ से कि एक छोटे से कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा है मैं समाज की तरफ से धन्यवाद देता हूं।मैं जीवन भर समाज का आभारी रहूंगा मुझे आज पूरा विश्वास है कि जिस तरह से आज यहां सम्मान हुआ है समाज की तरफ से आगे इस पद का दायित्व निभाने में मुझे समाज का सहयोग मिलेगा।आप सभी से मैं आशीर्वाद और सहयोग मांगने आया हूं कि हमारे प्रधानमंत्री, पार्टी और प्रदेश की जनता ने जो विश्वास किया है और मुझे जो दायित्व मिला है वो मैं अकेले नहीं निभा पाउंगा और आप सभी का सहयोग और समर्थन चाहिए, छोटे बेटा बेटी भाइ बहिनों का स्नेह चाहिए ताकि मैं इस पद की गरिमा, विश्वास और उम्मीद पर खरा उतर सकूं।परम पूज्य गहिरा गुरू जैसे संत हमारे समाज में हुए हैं जिनके लाखों अनुयाई पूरे देश में है। रामायण की शिक्षा देकर उन्होंने लोगों को मांस और मदिरा से दूर किया जिससे वनवासी समाज आर्थिक, शैक्षणिक,सामाजिक रूप से आगे बढ़ा है।लरंग साय काका की वजह से हमारा समाज राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ा है। उन्हें भी मैं प्रणाम करता हूं।प्यारेलाल कंवर जी मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम थे, वो मुझे अपने चैंबर में बुलाते थे और बातें करते थे।आज आप सभी का भाई मुख्यमंत्री के रूप में है, सरकार को सिर्फ डेढ़ महीने हुआ है। लेकिन इस कम समय में ही मोदी की गारंटी को पूरा करने में हमारी सरकार अपना प्रयास शुरू कर दी है। हमने कैबिनेट में निर्णय ले लिया कि पीएम आवास योजना से वंचित 18 लाख मकान बनाना है। दो साल का बोनस किसानों को नहीं मिला था। सुशासन दिवस के अवसर पर 12 लाख से ज्यादा किसानों को दो साल का बोनस 3716 करोड़ उनके खातों में भेज दिया गया । छत्तीसगढ़ के बेटा बेटी के साथ पीएससी में घोटाला हुआ था, मुख्यमंत्री ने नाते बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दिया गया है । छत्तीसगढ़ की जनता को सरकारी खर्च में रामलला के दर्शन कराएंगे जो मोदी की गारंटी में है। यह माता कौशल्या की धरती हैं और भगवान राम हमारे भांजे हैं।मुख्यमंत्री ने टाटीबंध मे कंवर समाज के भवन में अन्य निर्माण के लिए 50 लाख रूपए की घोषणा ।जो भी वादा है वो आने वाले पांच साल में छत्तीसगढ़ की सरकार पूरा करेगी।
रायपुर, 28 जनवरी। एसआई भर्ती के नतीजों को लेकर अभ्यर्थियों के दो खेमों के द्वंद्व के बीच गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है ।
बता दें कि एक खेमा कांग्रेस शासन काल में भर्ती में भ्रष्टाचार होने के आरोप लगा पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहा है। वहीं दूसरा खेमा चयन सूची जारी करने की। इसे लेकर करीब 400 से अधिक पिटिशन हाईकोर्ट में दायर है। भर्ती प्रक्रिया में सभी परीक्षाओं के बाद अब केवल चयन सूची जारी होना शेष है।
गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि भर्ती का फैसला अब हाईकोर्ट से ही होगा। मंत्री पद सम्हालने के बाद मैने शुरू में कोशिश की थी कि तुरंत निर्णय हो। लेकिन 400 से ज्यादा पिटिशन हैं। स्पष्ट है कि निर्णय कोर्ट से होगा।
नाड़ी वैद्य हैं और जड़ी बूटियों से पांच दशकों से कर रहे हजारों लोगों का इलाज
मुख्यमंत्री ने किया प्रोत्साहित, कहा कि आने वाली पीढ़ी को भी अपनी विद्या का लाभ दें ताकि यह अमूल्य विद्या अगली पीढ़ी को भी ठीक कर सके
रायपुर, 28 जनवरी। आयुर्वेद में एक कहानी बताई जाती है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में जब चरक और साथियों की गुरुकुल में शिक्षा पूरी हुई तो उनके गुरु ने अंतिम परीक्षा के लिए उन सभी को बुलाया। उनसे कहा कि ऐसे पौधे लाकर दें जिसमें औषधीय गुण हों और जिसके बारे में अब तक बताया न गया हो। सभी विद्यार्थी कुछ पौधे लेकर आये, केवल चरक कुछ नहीं लाये। जब चरक से गुरू ने पूछा कि पौधे क्यों नहीं लाए। चरक ने कहा कि मुझे सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण मिले, चूंकि सभी को लाना संभव नहीं था, इसलिए मैं खाली हाथ आया। गुरु जी ने कहा कि परीक्षा में केवल चरक उत्तीर्ण हुए। संसार में हर पौधे में कुछ न कुछ औषधीय गुण मौजूद हैं। यह कहानी बताती है कि जड़ी-बूटी के क्षेत्र में अनुसंधान की बड़ी गुंजाइश होती है।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में रहने वाले वैद्य श्री हेमराज मांझी ने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज की और लगभग पांच दशकों से हजारों लोगों को ठीक किया है। आम जनता की इस अहर्निश सेवा के चलते केंद्र सरकार ने इन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में श्री मांझी का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। आपने परंपरागत जड़ी-बूटियों के माध्यम से अनेक बीमारियों में लोगों का उपचार किया है। अमेरिका जैसे देशों से भी पेशेंट आपके पास आये हैं। यह ऐसी विद्या है जिसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है।
उल्लेखनीय है कि श्री मांझी ने छोटे डोंगर में ऐसे समय में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करने का निर्णय लिया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल नहीं थी। परिवार में किसी के वैद्य के पेशे में नहीं होने के बावजूद उन्होंने सेवाभाव के चलते यह निर्णय लिया। उनके अनुभव के चलते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर के अलावा दूसरे जिलों के मरीज भी उनके पास आने लगे।
वैद्य श्री मांझी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम तो सेवा का कार्य कर रहे थे। लोगों का उपचार कर रहे थे और खुश थे। जब पता चला कि मोदी जी ने पद्मश्री के लिए चुनने का निर्णय लिया है तो पहले तो आश्चर्य हुआ। हमें लगा कि दिल्ली में भी बैठकर मोदी जी की सरकार पूरे देश में हो रहे अच्छे कामों पर नजर बनाये हुए हैं और सेवा का काम करने वालों को सम्मानित करते जा रही है।
श्री मांझी ने बताया कि बस्तर की वनौषधियों में जादू है। हम जंगल से अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी इकट्ठी करते हैं। इन्हें उचित अनुपात में मिलाते हैं और अलग-अलग तरह की बीमारियों का इस तरह से उपचार करते हैं। नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाते हैं और इसके मुताबिक इलाज करते हैं। कई बार जब एलोपैथी से लोग कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के संबंध में हतोत्साहित हो जाते हैं तब वे यहां आते हैं और ईश्वर की अनुकंपा से हमारी औषधियों के कमाल से वो ठीक हो जाते हैं।
श्री मांझी के पास हर दिन अमूमन सौ से अधिक मरीज पहुँचते हैं। कल भी असम और आंध्रप्रदेश से कुछ मरीज पहुंचे थे। श्री मांझी यह सब मामूली शुल्क में करते हैं। जो खर्च वे लेते हैं वो दवाइयों के बनाने में लगता है। उन्होंने बताया कि वनौषधियों में उपयुक्त मात्रा में शहद, लौंग एवं अन्य मसाले डालने होते हैं। उनका खर्च हम मरीजों से लेते हैं। उन्होंने बताया कि जब तक साँसों में साँस हैं तब तक यह सेवा का काम करता रहूँगा।
मुख्यमंत्री ने श्री मांझी से कहा कि आप सेवा का काम कर रहे हैं। ये बहुत पुण्य का काम है। आपकी विद्या से बहुत सारे लोग ठीक हो रहे हैं। आपको पद्मश्री मिलने से आपकी ख्याति और भी फैलेगी। आप आने वाली पीढ़ी को इसकी शिक्षा दें। यह बहुत मूल्यवान विद्या है इसे आपकी पीढ़ी में ही समाप्त नहीं होना चाहिए। श्री मांझी ने कहा कि आपसे मिले सम्मान से मेरा उत्साह और बढ़ गया है। अभी नई पीढ़ी को नाड़ी से मर्ज जानना सिखा रहा हूँ अब जड़ी-बूटी के गुणों के बारे में भी बताऊंगा।
बिरहोर इनको अपना मसीहा मानते हैं
रायपुर, 28 जनवरी। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के बिरहोर कुछ सालों पहले तक इतने संकोची थे कि जूते-चप्पल पहने हुए किसी को आता देखकर भाग जाते थे। उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने श्री जागेश्वर यादव ने जीवन भर जूते-चप्पल नहीं पहनने का संकल्प किया ताकि वे मिलने से सकुचाये नहीं। धीरे-धीरे वे बड़ा बदलाव लाने में कामयाब हुए और अभी बिरहोरों की पहली पीढ़ी शिक्षित हो गई है। वे शासकीय योजनाओं का लाभ लेने आगे बढ़ रहे हैं। जब जागेश्वर यादव 21 वर्ष के थे तब उन्होंने बिरहोर जनजाति के लोगों की दुर्दशा देखी और उनकी सेवा का संकल्प लिया। आज चार दशक हो गये हैं और उनका सेवा कार्य अनवरत जारी है।
संकल्पित भाव से बिरहोर जनजाति की सेवा करने वाले और पिछड़े वर्ग से आने वाले इस जननायक और सेवाभावी कार्यकर्ता का सम्मान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किये जाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। श्री यादव ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पूरे रास्ते में आपका भरपूर सहयोग मिला जिसे मैं कभी नहीं भूलूँगा। आपने बिरहोर भाइयों के साथ बैठकर पतरी में चावल खाया। उनकी शिक्षा के लिए जो भी योजनाएं हम आपके पास लेकर गये। आपने कहा कि ये अच्छा काम है इसे आगे बढ़ाइये, मैं इसमें आपकी मदद करूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहली ही कैबिनेट में आवासीहीनों को आवास उपलब्ध कराने का जो निर्णय लिया है। उससे सभी बिरहोरों को पक्का मकान मिल पाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री जागेश्वर यादव को पद्मश्री के लिए सम्मानित किये जाने का केंद्र सरकार का निर्णय सेवा भाव से संकल्पित एक कार्यकर्ता का सम्मान है। जब प्रदेश में कोरोना फैला और मोदी जी ने वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराई तब बिरहोर लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर आशंकाएं थीं और प्रशासन के अनेक बार आग्रह करने पर भी उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। फिर श्री जागेश्वर यादव को इसके लिए बिरहोरों को तैयार करने भेजा गया। बिरहोर इनको अपना मसीहा मानते हैं। जब श्री जागेश्वर यादव ने आग्रह किया तो सब तैयार हो गये, ये उनकी बिरहोरों की बीच गहरी पैठ का प्रमाण है। पाली विकासखंड में उन्होंने 3 कार्यक्रम बिरहोरों के लिए कराए और हर बार मैं इन कार्यक्रमों में शामिल हुआ। इनके सम्मान की जब जानकारी मुझे मिली तो मुझे बहुत खुशी हुई।
जागेश्वर यादव के प्रयासों से न केवल बिरहोर लोग शिक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने खेती भी करना आरंभ कर दिया है। जो बिरहोर भिक्षावृत्ति से जुड़े थे वे आज धान बेच रहे हैं। धरमजयगढ़ के ग्राम खलबोरा के केंदा राम अब धान बेच रहे हैं। बिरहोरों के लिए श्री जागेश्वर यादव ने धरमजयगढ़ में आश्रम भी आरंभ किया है। उनको पद्मश्री मिलने पर बिरहोरों में भी काफी खुशी का माहौल है।
दो खबरें जिनका आपस में एक-दूसरे से कोई लेना-देना न हो, उनका किस तरह एक-दूसरे से लेना-देना हो सकता है, इसकी एक मिसाल अभी इसी पल सूझी है। दो अलग-अलग मामलों पर आज इस जगह लिखने की एक संभावना बन रही थी, इनमें से एक तो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की एक अदालती खबर है जिसमें एक नौजवान को उम्रकैद हुई है। इसने साल भर पहले घर पहुंचकर मां से पूछा था कि क्या सब्जी बनी है, और जब उसे पता लगा कि उसे नापसंद सब्जी बनी है, तो इस पर उसने फावड़ा उठाकर मां को मार डाला था। मां-बाप के साथ रहने वाला नौजवान किस तरह मां का कातिल हो सकता है, कितनी सी बात पर हो सकता है, इसकी यह एक भयानक मिसाल है, और बहुत से लोगों को अपने कलेजे के टुकड़ों से रिश्ते तय करते हुए, रखते हुए, निभाते हुए ऐसी कुछ मिसालों को याद रखना चाहिए। अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि पास की ही एक खबर थी कि एक नौजवान ने शराब पीने को पैसे मांगे, और न मिलने पर बाप को मार डाला। रिश्ते किस तरह खराब हो सकते हैं, बिना बात के भी खराब हो सकते हैं, इसकी मिसाल हम कुछ पारिवारिक मामलों से शुरू भर कर रहे हैं, इसके बाद यह मिसाल आज की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना तक चली जाती है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ दिनों से चली आ रही खबरों के मुताबिक राजभवन से इस्तीफा देकर निकले, और उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार खत्म हो गई है, और एक पिछला गठबंधन था, उसके लोग मिलकर अगर कुछ तय करते हैं, तो उस बारे में सोचा जाएगा। लोगों को याद होना चाहिए कि बिहार का पिछला विधानसभा चुनाव नीतीश ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था, और फिर लालू और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। अब ऐसा जाहिर है कि वे लालू और कांग्रेस का साथ छोडक़र एक बार फिर भाजपा के साथ मिलकर या तो आज सरकार बना लेंगे, या हो सकता है कि नया गठबंधन विधानसभा को भंग करके आने वाले लोकसभा चुनाव के साथ बिहार के विधानसभा चुनाव की सिफारिश भी कर दे। अभी हम ऐसी संभावनाओं पर कुछ कहना नहीं चाहते, लेकिन जिस तरह से नीतीश ने बिना किसी जाहिर या ठोस वजह के इस गठबंधन को तोड़ा, अपनी ही सरकार गिराई, और पहले की अपनी ऐसी ही कुछ बार की हरकत को दोहराया, उससे हमें लगा कि क्या इसकी तुलना किसी तरह मां के कत्ल की घटना से की जा सकती है?
नीतीश ने 2020 में पिछला विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ मिलकर लड़ा था, जिसकी अगुवाई भाजपा करती है। और बाद में उन्होंने 2022 में एनडीए की सरकार गिराकर भाजपा से रिश्ता तोड़ दिया, और बिहार का महागठबंधन नाम के एक गठबंधन में शामिल हो गए, जिसमें लालू यादव की आरजेडी, और कांग्रेस पार्टी शामिल थे। अब डेढ़ बरस बाद इस गठबंधन की सरकार गिराकर नीतीश ने अब से कुछ घंटे बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के एक समीकरण को जन्म दिया है। इस तरह परस्पर विरोधी खेमों में जाकर, उनकी मदद से मुख्यमंत्री बने रहकर नीतीश अब बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हो गए हैं। उन्होंने डेढ़ बरस पहले जब भाजपा-एनडीए वाले गठबंधन की पीठ में छुरा भोंका था, तब बहुत से लोगों को नीतीश बहुत अच्छे लगे थे। अब उन्होंने आज सुबह तक के गठबंधन की पीठ में छुरा भोंका है तो वे लालू और कांग्रेस के विरोधियों को अच्छे लग रहे होंगे। लेकिन जिस तरह बिना किसी मुद्दे के, वे अपने साथियों को धोखा देते हैं, उनकी पीठ में छुरा भोंकते हैं, तो लगता है कि कोई बेटा मां की पीठ में इस तर्क के साथ छुरा भोंक दे रहा है कि मां ने बेटे की पसंद की सब्जी नहीं बनाई है। नीतीश की खूबी यही है कि वह बिना पिए, बिना नशे के भी अपने मातृ-गठबंधन की पीठ में छुरा भोंक सकते हैं, और पसंद की सब्जी की चाहत और संभावना में नई मां बना सकते हैं। यह बात हम आज उनके लालू छोडक़र भाजपा के साथ जाने की संभावना पर नहीं कह रहे हैं, पिछले कुछ बार जिस तरह से उन्होंने बार-बार सब्जी नापसंद होने की आड़ लेकर, उसके बहाने से अपनी उस वक्त की मां की पीठ में छुरा भोंका है, वह भारतीय लोकतंत्र में गजब की मिसाल है। कुछ और पार्टियों के कुछ नेताओं ने अलग-अलग प्रदेशों में कुछ हद तक ऐसा किया है, लेकिन नीतीश उन सबसे भी ऊपर एक अनोखी मिसाल हैं, और इस बार उन्होंने ऐसा लगता है कि बिहार के महागठबंधन के साथ-साथ इंडिया नाम के राष्ट्रीय गठबंधन की पीठ में भी सब्जी नापसंद होने की वजह से छुरा भोंक दिया है।
हम पहले भी बहुत बार यह बात लिखते आए हैं कि लोगों को अपनी अगली पीढ़ी के साथ अपने रिश्ते और लेन-देन तय करते हुए, उन्हें वारिस बनाते हुए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आज उनकी आंखों के तारे कल मां-बाप को अपनी आंखों की किरकिरी भी महसूस कर सकते हैं, और उस वक्त मां-बाप कहीं के नहीं रह जाते। इसलिए अपना सब कुछ अपनी अगली पीढ़ी को देने के पहले मां-बाप को इतना कुछ अपने लिए बचाकर रख लेना चाहिए कि बकाया लंबी जिंदगी लोगों के सामने हाथ न फैलाना पड़े, भूखों न मरना पड़े, किसी वृद्धाश्रम के रहमोकरम पर न रहना पड़े। नीतीश कुमार ने भारत की राजनीति को कुछ इसी तरह का साबित किया है कि साल-दो साल किसी मातृ-गठबंधन को चूसकर वे सीएम बने रहें, और फिर आगे की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए वे मां की पीठ में किसी बहाने से छुरा भोंककर नई मां बना लें, और फिर उस नई मां से बकाया तमाम जिंदगी निभाने के बारे में ऐसी जुबान में दावे करें जो कि लोगों को ईमानदार और सरलता की मिसाल लगे, और जिसका कि इन दोनों से कुछ भी लेना-देना न रहे।
राजनीति में किसी नैतिकता की हमें उम्मीद नहीं रहती, और नीतीश तो लोकतंत्र की एक ऐसी औलाद है जो कि कई बार अनैतिक हो चुके हैं। अब ऐसा लगता है कि वे अगले कुछ बरस नई मां के साथ रह भी सकते हैं, क्योंकि वहां पर पसंदीदा सब्जियों के बनने की संभावना अधिक दिखती है, वहां पर अगले चुनाव में जीतकर आने की संभावना अधिक दिखती है, वहां पर फायदे अधिक दिखते हैं। अगले कुछ घंटों में ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन जाएगी, और वह इंडिया नाम के गठबंधन की संभावनाओं का एक बड़ा नुकसान रहेगा। लेकिन नीतीश जैसे बेटे के लिए सब्जी बनाने के पहले हर मां को अपनी पीठ पर तवा बांधकर रखना चाहिए, उसे कब कौन सी सब्जी नापसंद हो जाए, और कब उसे किसी दूसरे चूल्हे पर बनी सब्जी अच्छी लगने लगे।
बड़ी अजीब सी बात है कि एक कत्ल और एक सत्तापलट के बीच ऐसी मिसाल सूझ रही है, लेकिन जिंदगी ऐसी ही है, जहां कहीं के निजी रिश्ते, कहीं की राजनीति से मिलते-जुलते दिखते हैं!
सिर्फ अवार्ड से बात नहीं बन रही
छत्तीसगढ़ के चार बच्चों मास्टर अर्णव सिंह, ओम उपाध्याय, प्रेमचंद साहू और लोकेश कुमार साहू को गणतंत्र दिवस पर उनकी अदम्य वीरता के लिए सम्मानित किया गया। इनमें कृपाल नगर, भिलाई के 16 वर्षीय ओम भी शामिल है, जिन्होंने छोटे-छोटे बच्चों को खौफनाक कुत्तों के हमले से बचाया था। खास बात यह है कि ओम विशेष श्रेणी का किशोर हैं। बचपन से ही वह बोल-सुन नहीं पाता। ओम को सन् 2011 में राज्य सरकार की बाल श्रवण योजना से एक को-क्लियर इंप्लांट किया गया था, जिससे उसकी श्रवण क्षमता काफी हद तक लौट आई थी। मगर बीते चार सालों से यह मशीन खराब हो गई है। ओम खूब पढऩा चाहता है। वह बड़ा होकर सेना में भर्ती होना और देश की सेवा करना चाहता है। मगर, गरीबी रेखा के नीचे आने वाले उसके पिता सुधीर के पास नई मशीन खरीदने के पैसे नहीं है। नई मशीन इंप्लांट करने का खर्च करीब 6 लाख रुपए है। सुधीर सीएम हाउस में बीते 5 सालों के भीतर कई बार आवेदन लगा चुके हैं। उसे एक बार और मदद की जरूरत है ताकि इस वीर ओम का हौसला ना टूटे।
सिंहदेव के लिए मौका
लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दौरान प्रस्ताव रखा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव से चुनाव लड़ाया जाए। मगर उन्होंने इससे मना कर दिया और कहा कि वे प्रदेश भर में घूम-घूम कर कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करना चाहते हैं। लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव में अनुभवी और कद्दावर नेताओं को उतारने से जीत की संभावना बढ़ जाती है। विधानसभा चुनाव में सांसदों को उतार कर भाजपा ने ऐसा सफल प्रयोग किया। इसी को ध्यान में रखते हुए संभवत: मोहम्मद अकबर ने बघेल का नाम सामने किया। विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और लोकसभा चुनाव की घोषणा के ठीक पहले राम मय माहौल भाजपा के पक्ष में है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस से चुनाव लडऩा भी एक बड़ी चुनौती को स्वीकार करना होगा।
राज्य की कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरा होते ही पूर्व उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने आपको प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पेश करना शुरू कर दिया था। इसमें कोई दो राय नहीं कि बघेल की तरह उनका भी कद बड़ा है और वे भी प्रदेश की किसी भी सीट पर चुनाव लडऩे की काबिलियत रखते हैं। मौजूदा हालत में कांग्रेस से जो भी प्रदेश स्तरीय नेता लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर लेगा, उसकी प्रदेश और केंद्रीय राजनीति में कद अपने आप बड़ा हो जाएगा। बघेल के बाद सिंहदेव ही ऐसे नेता हैं, जिनके लोकसभा लडऩे का फैसला प्रदेश के कांग्रेसियों का उत्साह बढ़ा सकता है। मगर अब तक उनका नाम किसी ने सुझाया नहीं है। देखना होगा कि क्या खुद सिंहदेव ऐसी किसी लड़ाई के लिए खुद को तैयार करेंगे?
इलेक्ट्रिक गाडिय़ों में सुरक्षा
इस समय इलेक्ट्रिक बाइक और कारों का क्रेज बढ़ रहा है। इसके बावजूद कि इसकी कीमत पेट्रोल गाडिय़ों से काफी अधिक है। इस समय दुपहिया वाहनों की इतने अधिक ब्रांड बाजार में उतर चुके हैं कि ग्राहक तय नहीं कर पाते कि किसे ले। कोई बाइक सुरक्षा के मापदंडों पर वह खरा है भी या नहीं, इसका भी पता नहीं चलता।
मगर, यह एक वोल्वो कार है जिसकी कीमत 60 लाख रुपए से अधिक है। महासमुंद जिले के बसना थाना क्षेत्र के जगदीशपुर ओवर ब्रिज के पास अचानक इसमें से धुआं उठने लगा और कुछ ही देर में पूरी की पूरी लपटों से घिरकर खाक हो गई। वजह क्या रही होगी? गाड़ी मालिक का कहना है कि वोल्वो जैसी विश्वसनीय कंपनी और उसकी इतनी महंगी गाड़ी का भी भरोसा नहीं। यह तो शुक्र है कि कार में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। ([email protected])