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रायपुर, 26 जनवरी। कोल और शराब घोटाले पर पूर्व सीएम बघेल के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि सत्ता का दुरूपयोग करने वाले कांग्रेसियों पर अब कार्रवाई होकर रहेगी। प्रदेश के पैसों को लूटा गया है। अब कार्रवाई हो रही है तो खलबली मची है। जनता के पैसे को लूटने वालों पर कार्रवाई होगी, जनता को न्याय मिलेगा ।
रायपुर, 26 जनवरी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से बातचीत के दौरान शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कांग्रेस नेताओं के नाम पर कहा कि ईडी अपनी जांच कर रही है और एसीबी और ईडी स्वतंत्र जांच एजेंसी है सभी अपना काम कर रहे है।
प्रदेश में हो रहा है बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा कि किसी के प्रति अन्याय नहीं हो रहा है. जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करेगा उन पर जरूर कार्यवाही होगी।वहीं बस्तर में नक्सलवाद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ और केंद्र में डबल इंजन की सरकार है ऐसे में क्षेत्र का विकास भी करेंगे और नक्सलियों के खिलाफ मजबूती से लड़ाई भी लड़ेंगे।
राज्यपाल श्री हरिचंदन, मुख्यमंत्री श्री साय ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएं
रायपुर, 26 जनवरी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज शाम यहां राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने सभी अतिथियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंटकर गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
स्वागत समारोह में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रायपुर श्री सुनील सोनी, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोतीलाल साहू, पूर्व मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू, श्री अमितेष शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, सेना के प्रमुख अधिकारी सराहनीय सेवाओं के लिए पदक प्राप्त पुलिस के अधिकारी, पद्मश्री से सम्मानित व्यक्ति, राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चे, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण एवं विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सामारोह में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव द्वय श्रीमती रेणु जी पिल्ले, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, विशेष पुलिस महानिदेशक श्री संजय पिल्ले, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद सिन्हा, छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग के सदस्य श्री नीलम चंद सांखला, प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक, सचिव श्रीमती शहला निगार, छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसायटी के सीईओ श्री एम. के. राउत, सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी, राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, रेडक्रॉस के चेयरमेन श्री अशोक अग्रवाल, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री राजीव श्रीवास्तव उपस्थित थे। साथ ही समारोह में पद्मश्री पुरस्कृत सर्वश्री डॉ. भारती बंधु, श्री मदन चौहान, श्रीमती शमशाद बेगम, श्रीमती उषा बारले, श्री अनुज शर्मा, शहीदों के परिजन, पुरस्कृत खिलाड़ी, मीडिया प्रतिनिधि, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बहनें सहित गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
गणतंत्र दिवस समारोह पुलिस परेड ग्राउण्ड में विभिन्न विभागों द्वारा झांकियों का प्रदर्शन किया गया था। जिसमें प्रथम स्थान पर ग्रामोद्योग विभाग, द्वितीय स्थान पर जेल विभाग और तृतीय स्थान पर समाज कल्याण विभाग की झांकिया रही। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने इन विभागों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये।
नक़ली होलोग्राम से दो नंबर के सरकारी धंधे की पूरी कहानी
रायपुर, 26 जनवरी ("छत्तीसगढ़")। ईडी ने कोयला उगाही केस के बाद छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में शराब घोटाले में एक दूसरी एफआईआर दर्ज की है, जिसमें 70 से अधिक लोगों के नाम है।
शराब घोटाले की एफआईआर में पिछले एक मुख्य सचिव विवेक ढांढ का नाम भी है।
एक रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और अखिल भारतीय सेवा के अन्य अफसर अरुण पति त्रिपाठी के अलावा अनवर ढेबर का नाम है।
राज्य सरकार के पिछले कांग्रेसी आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम है।
एक अन्य पिछले आबकारी कमिश्नर निरंजन दास का भी नाम इस एफआईआर में है. इसके अलावा रायपुर के रतन प्रिया मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी इस एफआईआर में है।
इसके बाद आबकारी विभाग के दर्जनों अधिकारियों के नाम इसमें हैं।
अफसरों से परे भिलाई के विजय भाटिया, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, यश टुटेजा, नितेश पुरोहित, यश पुरोहित जैसे कारोबारी के नाम भी इसमें है।
प्रदेश की तीन बड़ी डिस्टलरी के नाम भी इसमें आरोपी लिखे गए हैं।
कुछ ऐसी फर्मों के नाम भी हैं जो कि प्रदेश के बाहर की शराब खरीद कर राज्य सरकार को बेचने का काम करती थी।
ढेबर परिवार की और कई फर्मों के नाम इसमें हैं, और परिवार के सदस्यों के नाम भी हैं।
कांग्रेस पार्टी के कई पदाधिकारी के नाम है। 13 पेज लंबी इस एफआईआर में राज्य में कैसे शराब घोटाला किया गया, कैसे नकली होलोग्राम लगाकर सरकार ने ही दो नंबर की शराब बनवाई और बेची, इसका पूरा किस्सा एफआईआर में लिखा गया है।
रायपुर, 26 जनवरी। पॉवर कंपनी के चेयनमेन पी.दयानंद ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर बिजली कर्मियों व पेंशनरों को महंगाई भत्ता देने की घोषणा की। सभी अधिकारी-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2023 से 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 46 प्रतिशत किया गया है। साथ ही उन्होंने एक्सग्रेसिया/बोनस 11 हजार रूपये तथा वाहन भत्तें में वृद्धि की भी घोषणा की।
इसके साथ ही राज्य सरकार के पांच लाख कर्मचारियों में भी हलचल बढ़ गई है। वे सभी अपने अपने वाट्सएप ग्रुप में अपने नेताओं पर दबाव बनाने की मांग कर रहे हैं। जो जुलाई से लंबित है । कर्मचारी अपने नेताओं से आंदोलन के लिए भी दबाव बना रहे हैं। नए सीएम साय, मंत्रियों से सौजन्य भेंट के दौरान भी ये लोग मांग कर चुके हैं।
नयी दिल्ली, 26 जनवरी। जनता दल (यूनाइटेड) के ‘इंडिया’ गठबंधन से नाता तोड़ने और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने के संकेतों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता संतोष कुमार सुमन ने शुक्रवार को कहा कि बिहार सरकार एक या दो दिन में गिर सकती है।
सुमन बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अब तक उनकी पार्टी को जद (यू) के साथ किसी भी आसन्न गठबंधन के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जद (यू) के अध्यक्ष हैं।
सुमन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि यह (नीतीश) सरकार एक या दो दिन में गिर जाएगी।’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ जद (यू) प्रमुख के संबंधों में गहराती खाई के बीच, भाजपा नेताओं ने संकेत दिया है कि वे कुमार के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले दिन में, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक कुमार या जद (यू) का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं। बंद दरवाजे समय आने पर खुलते भी हैं, लेकिन वे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है।"
राज्य में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा बिहार में अपने सहयोगियों के साथ संपर्क बनाए हुए है, जिनमें मांझी, चिराग पासवान, उपेन्द्र कुशवाहा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस शामिल हैं।
मांझी की पार्टी के चार विधायक हैं, जो राज्य में सत्ता संतुलन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मांझी भी पहले विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा थे और सुमन बिहार सरकार में मंत्री थे। उनकी पार्टी ने पिछले साल भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन छोड़ दिया था।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि जद (यू) के उनके गठबंधन में शामिल होने से यह सुनिश्चित होगा कि राजग लोकसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करेगा।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग ने बिहार की 40 में से 39 सीट जीती थीं। (भाषा)
रायपुर, 26 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की लंबी बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि प्रमुख नेताओं से खुले माहौल में चर्चा की यह चुनाव जीतना बहुत जरूरी है ।मत प्रतिशत हमारा बराबर रहा है।नए और अनुभवी चहरों पर पार्टी दांव खेलेगी।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चुनाव लड़ने पर कहा कि निर्णय सीईसी लेगा।सबसे बेहतर और सबसे टिकाऊ प्रत्याशी निकल कर आए।चुनाव हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं और चुनाव में हार जीत चलती रहती है।
इससे पहले स्क्रीनिंग कमेटी ने प्रत्याशी के मापदंड, लड़ने के पैटर्न और तैयारी पर चर्चा हुई। बैठक में लोकसभा के लिए बनाई गई अलग-अलग टीमों से सुझाव लिए गए। बैठक से यह बात भी निकली है कि सभी 11 सीटों से 11 पूर्व मंत्रियों को उतारा जा सके।
इसके मुताबिक दुर्ग से ताम्रध्वज पर ज्यादा तर सहमत नजर आए।राजनांदगाव से भूपेश बघेल का नाम लिया गया। खबर है कि इसका प्रस्ताव पूर्व मंत्री मो.अकबर ने रखा। बिलासपुर से महंत या टीएस को उतारने पर भी बाते आई है। यह उनसे मतभेद रखने वाले दूसरे खेमे की मांग बताई गई है। जांजगीर के दावेदार के फैसले की जिम्मेदारी डॉ. महंत पर छोड़ दी गई । बस्तर, कांकेर - दीपक बैज, मोहन मरकाम / फूलो देवी नेताम के नाम सामने आए ।वैसे बस्तर से बैज अपनी पत्नी को उतारना चाहते हैं।
राजनांदगांव - भूपेश बघेल
दुर्ग - ताम्रध्वज साहू
बिलासपुर - टीएस सिंहदेव
महासमुंद- धनेंद्र साहू/भवानी शुक्ला
कोरबा- चरण दास महंत
बस्तर- दीपक बैज/ श्रीमती बैज
कांकेर - वीरेश ठाकुर/ मोहन मरकाम।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने राज्य की जनता से जो वादे किए हैं, उसे वो पूरा करेंगे.
तेजस्वी ने बेरोज़गारी को सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा, "हमारी सरकार ने इसे दूर करने के लिए ऐतिहासिक काम किया. हमने 4.5 लाख से ज़्यादा नौकरियां दीं. किसी राज्य सरकार ने ऐसा काम नहीं किया है. ये रुकेगा नहीं. हम सभी वादे पूरे करेंगे और बिहार, देश को आगे ले जाएंगे."
पटना में तेजस्वी यादव ने गणतंत्र दिवस उत्सव में हिस्सा लिया. बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल चल रहा है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए वंशवादी राजनीति पर निशाना साधा था.
नीतीश कुमार की टिप्पणी को लालू परिवार पर निशाने के रूप में देखा गया.
इसके बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर जो लिखा, उसे नीतीश कुमार पर निशाना बताया गया. हालांकि, उन्होंने ये ट्वीट बाद में डिलीट कर दिए.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं की दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई.
अमित शाह के साथ मुलाक़ात के बाद बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, "2024 का लोकसभा चुनाव कैसे लड़ेंगे, उसकी समीक्षा हुई है."
योग गुरु और कारोबारी रामदेव ने बिहार में चल रही सियासी हलचल और नीतीश कुमार के दोबारा एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच कहा है कि नीतीश कुमार को भी 'देश की मूल भावना के साथ आ जाना चाहिए.'
हरिद्वार में गणतंत्र दिवस से एक समारोह के दौरान मीडिया के सवाल पर रामदेव ने कहा, “देश की मूल धारा के साथ बहेंगे तो उनका भी राजनीतिक भविष्य सुरक्षित होगा. देश की सुचिता के लिए मुझे लगता है कि देश के सभी राष्ट्रभक्त नेता, जिनती भी राष्ट्रवादी पार्टियां हैं जो हमारे सनातन को गौरव देती हैं, हमारे संस्कृति मूलक समृद्धि के लिए काम करती हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए.”
ऐसी ख़बरें हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन और बिहार में महागठबंधन से अलग हो कर फिर एनडीए में जा सकते हैं. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.
नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए वंशवादी राजनीति पर निशाना साधा था.
हालांकि नीतीश कुमार ने किसी का नाम नहीं लिया था. उन्होंने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर अपने परिवार का पक्ष नहीं लेते थे लेकिन आज लोग परिवार को आगे बढ़ाने में लगे हैं.
ख़बर है कि नीतीश कुमार 30 जनवरी को बिहार के पूर्णिया में राहुल गांधी की रैली में शामिल नहीं होंगे.
-विष्णु नारायण
आरजेडी के राज्य सभा सांसद मनोज झा के 'असमंजस' वाले बयान पर अब जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान आया है.
नीरज कुमार ने कहा, "नीतीश कुमार असमंजस की राजनीति नहीं करते. नीतीश कुमार राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे."
उन्होंने कहा, "हमारे नेता के बारे में ये टिप्पणी की जा रही है कि आप असमंजस दूर करिए. माननीय नीतीश कुमार जी असमंजस की राजनीति नहीं करते. नीतीश कुमार जी सीधे तौर पर राजनीति करते हैं. हम न असमंजस में नेता को रखते हैं, न अपने दल के कार्यकर्ताओं को रखते हैं और न किसी और को रखते हैं. अल्टीमेटम हमको कौन देगा, अल्टीमेटम वाले हमलोग हैं? हम जनता की सेवा करने वाले लोग हैं.''
बीजेपी से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, "हमको कोई औपचारिक जानकारी नहीं है. न ही हम ऐसे सवालों पर जवाब देने के लिए अधिकृत हैं. न ऐसे फैसले में हमारी कोई भूमिका होती है."
नीरज कुमार ने कहा, "जो कंफ्यूज हैं, वो जानें. जनता के बीच में कोई कंफ्यूजन नहीं है. नीतीश कुमार जी राज्य के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे."
आरजेडी सांसद मनोज झा ने ये कहा
आरजेडी के राज्य सभा सांसद मनोज झा से जब पत्रकारों ने बिहार में सियासी हलचल के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "जो चल रहा है और आप लोग जो चला रहे हैं, वो तो सब लोग देख रहे हैं. हम तो इतना कहना चाहते हैं कि नौ अगस्त 2022 को जब इस गठबंधन की बुनियाद पड़ी तो इसमें नीतीश जी, लालू जी और तेजस्वी जी ने बुनियाद की एक-एक ईंट इस पर रखी कि ये मोदी जी की तानाशाही, नफ़रत और घृणा के ख़िलाफ़ है."
मनोज झा ने कहा, ''अगर गठबंधन को लेकर कोई कंफ़्यूजन है तो इस गठबंधन के मुखिया माननीय नीतीश कुमार से आग्रह कर सकते हैं कि वो शाम तक ये कंफ़्यूजन दूर कर दें. ये जो गठबंधन को लेकर संशय बना हुआ है, जिससे आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. हमारी तरफ़ से तो स्पष्ट है. मैं हाथ जोड़कर आग्रह करूंगा कि शाम तक वो कंफ्यूजन दूर कर दें, ताकि बिहार के युवाओं के हित के लिए ये सब ख़ारिज हो."
जब उनसे रिपोर्टर ने पूछा कि खेल आरजेडी से भी तो हो सकता है तो उन्होंने कहा, " देखिए, आरजेडी ने इस तरह का खेला कभी नहीं किया. सब कुछ सुचारू चल रहा है. ये जो संशय बना है, मेरी टिप्पणी इस बारे में है." (bbc.com/hindi)
बिहार में सियासी हलचलें तेज़ हुई हैं.
ख़बरों में कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर सियासी पाला बदल सकते हैं. हालांकि इस बारे में स्पष्ट या औपचारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
शुक्रवार को राजभवन में गणतंत्र दिवस के समारोह में भी नीतीश कुमार समेत कई राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे.
इस मौक़े पर तेजस्वी यादव राजभवन नहीं पहुंचे थे.
इस बारे में जब नीतीश कुमार से पूछा गया तो वो बोले- जो नहीं आए हैं, उन्हीं से पूछिए.
नीतीश कुमार से पत्रकारों ने बीजेपी के साथ जाने से जुड़े भी सवाल पूछे.
मगर नीतीश कुमार ने इन सवालों को अनसुना कर दिया.
आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने मीडिया से कहा, ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि गठबंधन के बारे में जो कयास लगाए जा रहे हैं, वो उसको शाम तक दूर कर दें क्योंकि वही गठबंधन के मुखिया हैं.''
इसके जवाब में जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बोले, "नीतीश कुमार असमंजस की राजनीति नहीं करते. नीतीश कुमार राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे." (bbc.com/hindi)
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजनीति में कोई दरवाज़ा परमानेंट बंद नहीं होता है.
सुशील कुमार मोदी से पत्रकारों ने बिहार में बढ़ी सियासी हलचलों पर सवाल पूछा था.
ख़बरों में दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार अपना सियासी पाला बदल सकते हैं. हालांकि इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
शुक्रवार को राजभवन के कार्यक्रम में नीतीश कुमार तो नज़र आए मगर तेजस्वी यादव नहीं दिखे.
नीतीश के पाला बदलने की ख़बरों पर सुशील कुमार मोदी बोले- इंतज़ार करना चाहिए, मुझे नहीं पता कि समय आ चुका है या नहीं. ये सब फ़ैसले केंद्रीय नेतृत्व करता है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा, ''राजनीति में कोई दरवाज़ा बंद नहीं होता है. आवश्यकता अनुसार दरवाजा बंद होता रहता है, खुलता रहता है.''
वो बोले, ''नेतृत्व जो निर्णय लेगा, हम लोग उनका समर्थन करेंगे. बिहार बीजेपी उस फ़ैसले के साथ खड़ी रहेगी.'' (bbc.com/hindi)
बिहार में सीएम नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के कयास अब भी जारी हैं. हालांकि इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
इन सबके बीच शुक्रवार का दिन काफी अहम रहा. आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी नेताओं की तरफ से बयानबाज़ी हुई.
हालांकि स्पष्ट तौर पर किसी नेता ने अपना रुख़ साफ़ नहीं किया.
नीतीश कुमार भी गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में बिना तेजस्वी यादव के पहुंचे. जब इस बारे में नीतीश कुमार से पूछा गया तो वो बोले- जो नहीं आए हैं, उन्हीं से पूछिए.
नीतीश कुमार की जेडीयू, तेजस्वी यादव की आरजेडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं.
इसी गठबंधन का हिस्सा अखिलेश यादव की सपा भी है.
बिहार में हो रही सियासी हलचल के बारे में जब अखिलेश यादव से पूछा गया तो वो बोले- कोई सुगबुगाहट नहीं है, हमें उम्मीद है कि नीतीश जी एनडीए में नहीं जाएंगे. नीतीश जी इंडिया गठबंधन को मज़बूत करेंगे.
इससे पहले आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने मीडिया से कहा, ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि गठबंधन के बारे में जो कयास लगाए जा रहे हैं, वो उसको शाम तक दूर कर दें क्योंकि वही गठबंधन के मुखिया हैं.''
इसके जवाब में जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बोले, "नीतीश कुमार असमंजस की राजनीति नहीं करते. नीतीश कुमार राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे." (bbc.com/hindi)
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 26 जनवरी। शराब घोटाला केस में ईडी ने 71 अफसर, कारोबारियों, और नेताओं के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कराई है। इन सभी के खिलाफ धारा 420,467,468,471और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसमें आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, पूर्व आबकारी सचिव निरंजन दास , पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, सहायक आयुक्त अनिमेष नेताम के साथ 20 जिला आबकारी अधिकारियो समेत 70 अन्य के नाम है। यह पूरी एफआईआर यहां पढ़े---
रायपुर, 26 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की लंबी बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि प्रमुख नेताओं से खुले माहौल में चर्चा की यह चुनाव जीतना बहुत जरूरी है ।मत प्रतिशत हमारा बराबर रहा है।नए और अनुभवी चहरों पर पार्टी दांव खेलेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चुनाव लड़ने पर कहा कि निर्णय सीईसी लेगा।सबसे बेहतर और सबसे टिकाऊ प्रत्याशी निकल कर आए।चुनाव हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं और चुनाव में हार जीत चलती रहती है।
तिरुवनंतपुरम, 26 जनवरी। केरल के तिरुवनंतपुरम में वेल्लाराडा के पास शुक्रवार को एक महिला को उसके बड़े बेटे ने कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया। इस घटना में महिला की मौत हो गई।
पुलिस ने यह जानकारी दी।
वेल्लाराडा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि महिला के छोटे बेटे ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला के बेटे के मुताबिक, जब वह सुबह अपनी मां को खाना देने गया तो उसने वहां अपनी मां का जला हुआ शव देखा।
पुलिस ने कहा कि महिला के बड़े बेटे को हिरासत में ले लिया गया है और उसके बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ जांच के बाद ही पूरी जानकारी सामने आएगी।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जनवरी। भारत ने शुक्रवार को अपने 75वें गणतंत्र दिवस की शुरुआत अपनी महिला शक्ति और सैन्य शक्ति के भव्य प्रदर्शन के साथ की, जिसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें, युद्धक विमान, निगरानी उपकरण और घातक हथियार प्रणालियां शामिल थीं।
समारोह के मुख्य अतिथि और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत पूरी दुनिया भारत की शक्ति का साक्षी बनी।
पहली बार, सेना की तीनों सेवाओं की संपूर्ण महिला टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया, जो देश की बढ़ती ‘नारी शक्ति’ को दर्शाता है।
परेड की शुरुआत पारंपरिक सैन्य बैंड के बजाय 100 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा शंख, नादस्वरम और नगाड़ा जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए की गई। यह भी अपने आप में पहली बार था।
परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सलामी लेने के साथ हुई। वह और मैक्रों, भारतीय राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के साथ, ‘पारंपरिक बग्गी’ में कर्तव्य पथ पर पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी, विदेशी राजनयिक और वरिष्ठ अधिकारी राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में स्थित कर्तव्य पथ पर आयोजित सबसे बड़े कार्यक्रम में दर्शकों में शामिल थे।
सेना टुकड़ी 61 कैवलरी नेतृत्व कर रही थी जिसे 1953 में स्थापित किया गया था। इसके बाद 11 मशीनीकृत टुकड़ियां, 12 मार्चिंग टुकड़ियां और आर्मी एविएशन कोर के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों द्वारा फ्लाई-पास्ट किया गया।
टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल सिस्टम, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली 'स्वाति', ड्रोन जैमर प्रणाली और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें परेड का हिस्सा बनीं।
कैप्टन संध्या के नेतृत्व में तीन सेवाओं की महिला टुकड़ी ने मार्च किया। इनमें कैप्टन शरण्या राव, सब लेफ्टिनेंट अंशू यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रृष्टि राव के साथ पूर महिला दल ने खूब तालियां बटोरीं।
मेजर सृष्टि खुल्लर के नेतृत्व में सेना के डेंटल कोर की कैप्टन अंबा सामंत, भारतीय नौसेना की सर्जन लेफ्टिनेंट कंचना और भारतीय वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिव्या प्रिया के साथ एक अन्य महिला सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा दल ने भी मार्च किया।
सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में मद्रास रेजिमेंट, ग्रेनेडियर्स, राजपूताना राइफल्स, सिख रेजिमेंट और कुमाऊं रेजिमेंट शामिल थीं।
भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 पुरुष और महिला अग्निवीर शामिल थे, जिनका नेतृत्व ‘कंटिजेंट कमांडर’ के रूप में लेफ्टिनेंट प्रज्ज्वल एम और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट मुदिता गोयल, लेफ्टिनेंट शरवानी सुप्रिया और लेफ्टिनेंट देविका एच ने किया।
इसके बाद नौसेना की एक झांकी प्रदर्शित की गई, जिसमें ‘नारी शक्ति’ और 'स्वदेशीकरण के माध्यम से महासागरों में समुद्री शक्ति' विषयों को दर्शाया गया।
झांकी के पहले भाग में भारतीय नौसेना में सभी भूमिकाओं और रैंकों में महिलाओं की शक्ति को प्रदर्शित किया गया, जबकि दूसरे भाग में पहले स्वदेशी कैरियर बैटल ग्रुप को दर्शाया गया, जिसमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, अत्यधिक क्षमता वाले एस्कॉर्ट जहाज दिल्ली, कोलकाता और शिवालिक और शामिल थे। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी और रुक्मणि उपग्रह को भी प्रदर्शित किया गया।
भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल थे और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर ने किया । स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव और प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल अतिरिक्त अधिकारी उनके साथ थे।
वायुसेना की झांकी की थीम ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ थी।
झांकी में एलसीए तेजस और एसयू-30 को हिंद महासागर क्षेत्र में उड़ान भरते हुए और एक सी-295 परिवहन विमान को कॉकपिट में महिला एयरक्रू द्वारा उड़ाते हुए दिखाया गया।
झांकी में बताया गया कि भारतीय वायुसेना सीमाओं के भीतर और बाहर दोनों जगह मानवीय सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रही है।
परेड का एक अन्य आकर्षण ‘राष्ट्र निर्माण: पहले भी, अब भी, आगे भी और हमेशा’ थीम पर आधारित झांकी थी। इसमें राष्ट्र के प्रति पूर्व सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को प्रदर्शित किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी झांकी में अपने द्वारा विकसित कई घरेलू महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया।
झांकी भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष के सभी पांच क्षेत्रों में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की रक्षा करने में महिला शक्ति की थीम पर आधारित थी।
उत्कृष्ट वैज्ञानिक सुनीता देवी जेना कंटिंजेट कमांडर थीं। उनके साथ पी लक्ष्मी माधवी, जे सुजाना चौधरी और ए भुवनेश्वरी भी मौजूद थीं।
परेड में पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, अग्नि -5, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, नौसेना एंटी-शिप मिसाइल, और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'हेलिना' का भी प्रदर्शन किया गया।
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (क्यूआरएसएएम), हल्के लड़ाकू विमान 'तेजस', उत्तम सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैन किए गए ऐरे रडार (एईएसएआर), उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और शक्ति साइबर सुरक्षा प्रणाली भी परेड में प्रदर्शित की गईं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा)। मनपंसद होटल से खाना मंगाने का ऑनलाइन मंच स्विगी अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश की तैयारी के तहत संभवत: विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 400 नौकरियों में कटौती करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों ने कहा कि चूंकि कंपनी संरचना को सरल बनाने और परिचालन दक्षता लाने के लिए काम कर रही है। इसीलिए लगभग 350 से 400 नौकरियों में कटौती की आशंका है।
नौकरियों में यह कटौती प्रौद्योगिकी, कॉल सेंटर और कॉरपॉरेट भूमिकाओं में काम कर रहे कर्मचारियों की होगी। आने वाले दिनों में नौकरी में कटौती धीरे-धीरे शुरू होने की आशंका है।
स्विगी ने संपर्क करने पर इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब स्विगी अपने आईपीओ की तैयारी कर रही है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "स्विगी कार्य प्रक्रियाओं को सरल बनाने और परिचालन दक्षता बढ़ाने पर काम कर रही है।"
वर्तमान में स्विगी के कर्मचारियों की संख्या लगभग 6,000 है।
सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 26 जनवरी। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी को राज्य में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के हिस्से के रूप में कुछ जनसभाओं के आयोजन को मंजूरी प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां सिलीगुड़ी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि पार्टी कुछ स्थानों पर जनसभाएं करना चाहती है लेकिन स्कूल की परीक्षाओं की वजह से मंजूरी नहीं दी गयी।
उन्होंने कहा, 'कुछ स्थानों पर परीक्षाओं का हवाला देते हुए हमें जनसभाएं करने की मंजूरी नहीं मिल रही है और हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारत जोड़ों न्याय यात्रा को असम सहित पूर्वोत्तर में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और अब हम पश्चिम बंगाल में भी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।'
बृहस्पतिवार रात को इस मुद्दों पर चौधरी ने कहा कि हमने सोचा था कि पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर हमें जनसभाएं करने के लिए रियायत मिलेगी लेकिन प्रशासन कह रहा है कि वे मंजूरी नहीं दे सकते।
मणिपुर में 14 जनवरी से शुरू हुई राहुल गांधी की अगुवाई वाली यह यात्रा बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल पहुंची और दो दिनों तक राज्य में रुकी रहेगी। यात्रा 28 जनवरी से शुरू होगी।
वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हालांकि दावा किया कि पश्चिम बंगाल में प्रशासन राजनीतिक प्रभाव से मुक्त है।
टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा, 'विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के पश्चिम बंगाल में टूटने की वजह अधीर चौधरी ही हैं। दूसरी बात, सभी विपक्षी दल राज्य में कार्यक्रम करते हैं, किसी को कोई परेशानी नहीं होती। स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं होने के कारण प्रशासन ने यह फैसला लिया होगा।' (भाषा)
हैदराबाद, 26 जनवरी। भारत ने केएल राहुल (86 रन) के शानदार प्रयास और रविंद्र जडेजा की आक्रामक बल्लेबाजी से शुक्रवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन चाय तक पहली पारी में पांच विकेट पर 309 रन बनाकर 63 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।
जडेजा 45 और श्रीकर भरत नौ रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।
सुबह एक विकेट पर 119 रन से खेलने उतरी भारतीय टीम ने पहले और दूसरे सत्र में दो दो विकेट गंवाये।
इस बढ़त के बावजूद भारतीय टीम इस बात से निराश होगी कि क्रीज पर टिकने के बावजूद उसका कोई भी बल्लेबाज शतक नहीं जड़ सका।
राहुल ने 123 गेंद की पारी के दौरान बेहतरीन ‘टाइमिंग’ दिखायी और अपने शॉट का चयन सतर्कता से किया। ऐसा लग रहा है कि इस महीने के शुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में शतक से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है।
उन्होंने जिस तरह रेहान अहमद की लेग स्पिन का सामना किया, वह शानदार रहा जिसमें उन्होंने चार गेंद के अंदर दो छक्के जड़ दिये।
राहुल ने पहला छक्का ‘साइटस्क्रीन’ के ऊपर जड़ा और फिर दूसरा मिड विकेट के ऊपर जमाया।
इस बल्लेबाज ने मुश्किल होती पिच के असर को नकारने के लिए बिलकुल सही तकनीक दिखाकर दबदबा बनाया।
लेकिन इस खिलाड़ी की सारी मेहनत तब बेकार हो गयी जब बायें हाथ के स्पिनर टॉम हार्टले की ‘हाफ ट्रैकर’ को पुल करने के प्रयास में वह डीप मिडविकेट पर खड़े एकमात्र क्षेत्ररक्षक अहमद को कैच दे बैठे।
इससे वह 50वें टेस्ट में शतक जड़ने की उपलब्धि हासिल करने का मौका भी चूक गये। लेकिन जडेजा की सही समय पर जोखिम लेकर रन जुटाने की काबिलियत से टीम ने रन जोड़ना जारी रखा।
ऐसा लग रहा था कि श्रेयस अय्यर (35 रन) ने 63 गेंद की पारी के दौरान बड़ी मुश्किलों का सामना किया, विशेषकर तेज गेंदबाज मार्क वुड के खिलाफ जिन्होंने अपनी शॉर्ट पिच गेंदों से उन्हें परेशान किया।
अय्यर ने अहमद की गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलकर डीप मिडविकेट पर हार्टले को आसान कैच थमा दिया।
भारत ने दूसरे सत्र में दो विकेट गंवाकर 87 रन जोड़े। अगर इंग्लैंड के गेंदबाज इस दौरान अपनी लाइन एवं लेंथ में और अधिक निरंतर होते तो भारत के लिए मुश्किल बढ़ जाती।
पिच धीमी थी लेकिन फायदा उठाने के लिए इस पर काफी स्पिन मौजूद थी।
कामचलाऊ जो रूट के अलावा तीन स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों को रन जोड़ने से रोकने में सफल नहीं हो सके।
भारत के लिए दिन की शुरुआत अच्छी नहीं रही। दिन के पहले ओवर में ही टीम ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (80 रन) का विकेट गंवा दिया।
जायसवाल ने ओवर की दूसरी गेंद पर चौका लगाया लेकिन अगली दो गेंद पर फिर से शॉट लगाने की कोशिश की जिससे वह चौथी गेंद पर रूट को आसान रिटर्न कैच देकर पवेलियन पहुंच गये।
इंग्लैंड का जायसवाल का विकेट लेकर खुश होना स्वाभाविक था क्योंकि अगर यह बल्लेबाज क्रीज पर डटा रहता तो वे बैकफुट पर आ जाते।
वहीं बीती रात के बल्लेबाज शुभमन गिल (23 रन) भी पारी को नहीं बढ़ा सके और वह टॉम हार्टले की गेंद को उठाने के प्रयास में मिड विकेट पर खड़े बेन डकेट को कैच देकर आउट हुए। इस बायें हाथ के स्पिनर का यह पहला टेस्ट विकेट रहा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जनवरी। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स के साथ विलय समझौता समाप्त होने के बाद जी एंटरटेनमेंट क्रिकेट मैचों के टीवी प्रसारण अधिकार के लिए डिज्नी स्टार के साथ 1.4 अरब डॉलर के लाइसेंसिंग समझौते से हट गयी है।
उद्योग सूत्रों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जील) पहले ही लगभग 20 करोड़ डॉलर की पहली किस्त नहीं दे पायी है। वह अब इस मामले में आगे नहीं बढ़ेगी।
एक अन्य सूत्र ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि डिज्नी स्टार को भुगतान की जाने वाली किस्त सोनी समूह के जील में विलय के साथ 1.5 अरब डॉलर के निवेश का हिस्सा थी।
सोनी कॉरपोरेशन ने सोमवार को जील के साथ 10 अरब डॉलर के विलय समझौते को समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही शर्तों के उल्लंघन के लिए नौ करोड़ डॉलर की मांग के साथ मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की है।
जील और सोनी के बीच विलय समझौते के अनुसार, जापान की कंपनी को विलय की गई इकाई में 1.56 अरब डॉलर का निवेश करना था। इस निवेश के साथ विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली कंपनी में उसकी बहुसंख्यक हिस्सेदारी होती।
इस मामले में फिलहाल जील की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
सोनी के समझौता रद्द करने के तीन दिन बाद, जील के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पुनीत गोयनका ने दुनिया भर के लगभग 3,000 कर्मचारियों की एक बैठक की। बैठक में उन्होंने कर्मचारियों से आगे बढ़ने और नये अवसरों के अनुसार स्वयं को ढालने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे उद्योग में तेजी से बदलाव हो रहा है। बदलाव की ये बयार हमें एक नया रूप दे रही है। हमें अपने रास्ते में आने वाले अवसरों को भुनाने के लिए खुद को अच्छी स्थिति में ढालना होगा। हम पिछले तीन दशकों से अग्रणी रहे हैं और साल-दर-साल हमसे जुड़े लोगों को मूल्य प्रदान किया है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जनवरी। विशिष्ट अवसरों पर चमकीला और रंग-बिरंगा साफा पहनने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बहुरंगी ‘बांधनी’ प्रिंट का साफा पहना।
बांधनी एक प्रकार का टाई-डाई कपड़ा होता है जो गुजरात और राजस्थान में लोकप्रिय है। यह एक ऐसी विधि है, जिसमें कपड़े को बांधकर व गांठ लगाकर रंगाई की जाती है। जार्जेट, शिफान, रेशमी व सूती कपड़े को रंग के कुंड में डालने से पहले धागे से कसकर बांधा जाता है और जब इस धागे को खोला जाता है तो बंधा हुआ हिस्सा रंगीन हो जाता है। फिर हाथ से कपड़े पर धागे के प्रयोग से डिजाइन तैयार किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने भूरे रंग की वी-नेक जैकेट के साथ सफेद कुर्ता-पायजामा पहना था। उनका साफा पीला, केसरिया, गुलाबी और लाल रंग का था।
राजस्थानी साफा या पगड़ी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के लिए प्रधानमंत्री की पसंद रहे हैं।
पिछले साल भी मोदी ने कुर्ते और चूड़ीदार पायजामे के साथ बहुरंगी राजस्थानी साफा पहना था। उस वर्ष बाद में 77 वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने कई रंगों वाला राजस्थानी शैली का साफा चुना था जिसका अन्तिम छोर (छेला) कमर के नीचे तक लंबा था।
प्रचंड बहुमत के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटने के बाद 2019 में मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपना छठा स्वतंत्रता दिवस भाषण देते हुए बहुरंगी साफा पहना था।
वर्ष 2014 में अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण के अवसर पर उन्होंने चमकीले लाल रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहना। साल 2015 में, प्रधानमंत्री मोदी ने बहुरंगी लहरिया पीला साफा और 2016 में गुलाबी और पीले रंग का टाई-एंड-डाई साफा पहना था।
वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री का साफा चमकीले लाल और पीले रंग का मिश्रण था। इसमें चारों ओर सुनहरी रेखाएं थीं। उन्होंने 2018 में लाल किले पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए केसरिया साफा पहना था।
कच्छ के चमकीले लाल रंग के बांधनी साफे से लेकर पीले रंग का राजस्थानी साफा, गणतंत्र दिवस पर मोदी के पहनावे के प्रमुख आकर्षण रहे हैं।
वर्ष 2022 में मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए उत्तराखंड की एक अद्वितीय पारंपरिक टोपी चुनी थी। इस टोपी में ब्रह्मकमल बना हुआ था। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय फूल है, जिसे प्रधानमंत्री केदारनाथ की हर यात्रा पर इस्तेमाल करते रहे हैं।
साल 2021 में मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पीले बिन्दुओं वाली ‘हालारी’ पगड़ी पहनी थी। इसे जामनगर के शाही परिवार के जामसाहब की ओर से प्रधानमंत्री को भेंट किया गया था। (भाषा)
सुमन मजूमदार, ब्रेंडन क्रैब और एम्मा पाकुला, बर्नेट इंस्टीट्यूट, स्टुअर्ट टर्विले, यूएनएसडब्ल्यू विश्वविद्यालय)
सिडनी, 26 जनवरी। अगस्त 2023 में पता चलने के बाद से, कोविड का जेएन.1 वैरिएंट व्यापक रूप से फैल गया है। यह ऑस्ट्रेलिया और दुनिया भर में प्रभावी हो गया है, जिससे कम से कम पिछले वर्ष कई क्षेत्रों में सबसे बड़ी कोविड लहर देखी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दिसंबर 2023 में जेएन.1 को "ध्यान दिए जाने योग्य प्रकार" के रूप में वर्गीकृत किया और जनवरी में दृढ़ता से कहा कि कोविड एक निरंतर बना रहने वाला वैश्विक स्वास्थ्य खतरा है जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों की चिंताजनक क्षमता के साथ बीमारी का कारण बन रहा है।
जेएन.1 महत्वपूर्ण है। सबसे पहले एक रोगज़नक़ के रूप में - यह सार्स-कोव-2 (वायरस जो कोविड का कारण बनता है) का आश्चर्यजनक रूप से नया संस्करण है और तेजी से अन्य परिसंचारी उपभेदों (ओमिक्रोन एक्सबीबी) की जगह ले रहा है।
यह कोविड के विकास के बारे में जो कहता है, उसकी वजह से भी महत्वपूर्ण है। आम तौर पर, सार्स-कोव-2 वेरिएंट काफी हद तक पहले के समान दिखते हैं, एक समय में केवल कुछ उत्परिवर्तन जमा करते हैं जो वायरस को अपने मूल वायरस पर सार्थक लाभ देते हैं।
हालाँकि, कभी-कभी, जैसा कि तब हुआ था जब दो साल पहले ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) सामने आया था, ऐसे वेरिएंट अचानक सामने आते हैं जिनकी पहले की तुलना में स्पष्ट रूप से भिन्न विशेषताएं होती हैं। इसका रोग और संचरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
अब तक, यह स्पष्ट नहीं था कि यह "चरण-परिवर्तन" विकास फिर से होगा, विशेष रूप से लगातार विकसित हो रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट की चल रही सफलता को देखते हुए।
जेएन.1 इतना अलग है और नए संक्रमणों की ऐसी लहर पैदा कर रहा है कि कई लोग सोच रहे हैं कि क्या डब्ल्यूएचओ को जेएन.1 को चिंता के अगले संस्करण के रूप में मान्यता देनी पड़ेगी। किसी भी स्थिति में, जेएन.1 के साथ हम महामारी के एक नए चरण में प्रवेश कर चुके हैं।
जेएन.1 कहाँ से आया?
जेएन.1 (या बीए.2.86.1.1) की कहानी 2023 के मध्य में इसके मूल वंश बीए.2.86 के उद्भव के साथ शुरू होती है, जो बहुत पहले (2022) ओमिक्रॉन उप-संस्करण बीए.2 से उत्पन्न हुई थी।
लंबे चलने वाले संक्रमण जो महीनों तक (कुछ लोगों में वर्षों तक नहीं तो) अनसुलझे रह सकते हैं, संभवतः इन चरण-परिवर्तन वेरिएंट के उद्भव में भूमिका निभाते हैं।
लंबे समय से संक्रमित लोगों में, वायरस चुपचाप परीक्षण करता है और अंततः कई उत्परिवर्तन बनाए रखता है जो उसे प्रतिरक्षा से बचने और उस व्यक्ति में जीवित रहने में मदद करते हैं। बीए.2.86 के लिए, इसके परिणामस्वरूप स्पाइक प्रोटीन (सार्स-कोव-2 की सतह पर एक प्रोटीन जो इसे हमारी कोशिकाओं से जुड़ने में मदद देता है) में 30 से अधिक उत्परिवर्तन हुए।
विश्व स्तर पर होने वाले संक्रमणों की विशाल मात्रा प्रमुख वायरल विकास के लिए परिदृश्य तैयार करती है। सार्स-कोव-2 में उत्परिवर्तन की दर बहुत अधिक बनी हुई है। तदनुसार, जेएन.1 स्वयं पहले से ही परिवर्तनशील और तेजी से विकसित हो रहा है।
जेएन.1 अन्य वेरिएंट से किस प्रकार भिन्न है?
बीए.2.86 और अब जेएन.1 ऐसे तरीके से व्यवहार कर रहे हैं जो प्रयोगशाला अध्ययनों में दो तरह से अद्वितीय दिखता है।
पहला इस बात से संबंधित है कि वायरस प्रतिरक्षा से कैसे बचता है। जेएन.1 को अपने स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक उत्परिवर्तन विरासत में मिले हैं। इसने एक नया उत्परिवर्तन, एल455एस भी प्राप्त कर लिया है, जो वायरस से जुड़ने और संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबॉडी (प्रतिरक्षा प्रणाली की सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का एक हिस्सा) की क्षमता को और कम कर देता है।
दूसरे में जेएन.1 के हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करने और उसकी प्रतिकृति बनाने के तरीके में बदलाव शामिल है। आणविक विवरण में गए बिना, अमेरिका और यूरोप के हालिया हाई-प्रोफाइल लैब-आधारित शोध में बीए.2.86 को डेल्टा जैसे प्री-ओमिक्रोन वेरिएंट के समान फेफड़ों से कोशिकाओं में प्रवेश करते देखा गया। हालाँकि, इसके विपरीत, ऑस्ट्रेलिया के किर्बी इंस्टीट्यूट द्वारा विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके किए गए प्रारंभिक कार्य में प्रतिकृति विशेषताओं का पता चलता है जो ओमिक्रॉन वंशावली के साथ बेहतर ढंग से संरेखित होते हैं।
इन विभिन्न कोशिका प्रवेश निष्कर्षों को हल करने के लिए आगे का शोध महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें निहितार्थ हैं कि वायरस शरीर में कहाँ दोहराना पसंद कर सकता है, जो रोग की गंभीरता और संचरण को प्रभावित कर सकता है।
जो भी मामला हो, इन निष्कर्षों से पता चलता है कि जेएन.1 (और सामान्य तौर पर सार्स-कोव-2) न केवल हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के चारों ओर अपना रास्ता बना सकता है, बल्कि कोशिकाओं को संक्रमित करने और प्रभावी ढंग से संचारित करने के नए तरीके खोज रहा है। हमें आगे अध्ययन करने की आवश्यकता है कि यह लोगों में कैसे काम करता है और यह नैदानिक परिणामों को कैसे प्रभावित करता है।
क्या जेएन.1 अधिक गंभीर है?
बीए.2.86 के चरण-परिवर्तन विकास ने, जेएन.1 में प्रतिरक्षा-विरोधी विशेषताओं के साथ मिलकर, वायरस को 2023 में सामना किए गए एक्सबीबी.1-आधारित वंशावली से कहीं अधिक वैश्विक विकास लाभ दिया है।
इन विशेषताओं के बावजूद, सबूत बताते हैं कि हमारी अनुकूली प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी बीए.286 और जेएन.1 को प्रभावी ढंग से पहचान सकती है और प्रतिक्रिया दे सकती है। अद्यतन मोनोवैलेंट टीके, परीक्षण और उपचार जेएन.1 के विरुद्ध प्रभावी बने हुए हैं।
"गंभीरता" के दो तत्व हैं: पहला यदि यह "आंतरिक रूप से" अधिक गंभीर है (किसी भी प्रतिरक्षा के अभाव में संक्रमण के साथ बदतर बीमारी) और दूसरा यदि वायरस का संचरण अधिक है, जिससे अधिक बीमारी और मौतें होती हैं, सिर्फ इसलिए कि यह अधिक लोगों को संक्रमित करता है। दूसरा तत्व निश्चित रूप से जेएन.1 के मामले में है।
आगे क्या?
हम बस यह नहीं जानते हैं कि यह वायरस "अगली सामान्य खांसी सर्दी" बनने के विकासवादी पथ पर है या नहीं, और न ही हमें इस बात का कोई अंदाज़ा है कि वह समय सीमा क्या हो सकती है। जबकि चार ऐतिहासिक कोरोना वायरस के प्रक्षेप पथों की जांच से हमें एक झलक मिल सकती है कि हम कहाँ जा रहे हैं, इसे केवल एक संभावित पथ माना जाना चाहिए। जेएन.1 का उद्भव इस बात को रेखांकित करता है कि हम लगातार कोविड महामारी का सामना कर रहे हैं और यह निकट भविष्य के लिए आगे बढ़ने का रास्ता दिखता है।
हम अब एक नए महामारी चरण में हैं: आपातकाल के बाद। फिर भी, कोविड विश्व स्तर पर तीव्र संक्रमण और लंबे समय तक चलने वाले कोविड दोनों से नुकसान पहुंचाने वाली प्रमुख संक्रामक बीमारी बनी हुई है। सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर हमें संक्रमण की लहर दर लहर स्वीकार करने के जोखिमों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
कुल मिलाकर, यह कम से कम दबाव (जैसे स्वच्छ इनडोर वायु हस्तक्षेप) के साथ, कोविड संचरण और प्रभावों को कम करने के लिए व्यापक रणनीतियों के महत्व को रेखांकित करता है।
लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाते रहें।
उभरते खतरों के लिए बेहतर महामारी संबंधी तैयारियों और मौजूदा खतरों के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम वैश्विक निगरानी जारी रखें। निम्न और मध्यम आय वाले देशों का कम प्रतिनिधित्व एक चिंताजनक बिंदु है। गहन अनुसंधान भी महत्वपूर्ण है.
द कन्वरसेशन एकता एकता 2601 1330 सिडनी (द कन्वरसेशन)
नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा)। देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं ने ‘नारी शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ की विषय वस्तु पर आधारित अपनी झांकियों में अपनी संपत्तियों और भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
भारतीय नौसेना की झांकी में जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती शक्ति को उजागर करते हुए स्वदेशी रूप से निर्मित विमान वाहक आईएनएस विक्रांत और अत्यधिक सक्षम एस्कॉर्ट पोत आईएनएस दिल्ली, आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शिवालिक, एलसीए, एएलएच और कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी को दर्शाया गया।
नौसेना की झांकी की विषयवस्तु 'नारी शक्ति' और 'आत्मनिर्भरता' रही।
गणतंत्र दिवस समारोह की एक आधिकारिक पुस्तिका में झांकी के बारे में कहा गया कि नौसेना द्वारा सभी भूमिकाओं और रैंक में महिलाओं का स्वागत करने की हालिया घोषणा वास्तव में प्रगतिशील भारत का प्रतीक है।
नौसेना बैंड ने बल की ताकत और युद्ध की तैयारी का प्रतिनिधित्व करते हुए ‘हम तैयार हैं’ की धुन बजाई जिस पर 144 पुरुष एवं महिला अग्निवीर समेत युवा नौसैनिकों की टुकड़ी ने मार्च किया।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर के नेतृत्व में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल ने दल कमांडर के पीछे अतिरिक्त अधिकारियों के रूप में मार्च पास्ट किया। वायु सेना की झांकी ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ विषय वस्तु पर आधारित रही।
वायु सेना बैंड में तीन ड्रम प्रमुख और 72 संगीतकार शामिल हुए। उन्होंने ‘साउंड बैरियर क्विक मार्च’ बजाया।
झांकी के अग्रभाग में सी-295 परिवहन विमान को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया गया जिसके कॉकपिट में सवार दो महिला वायु सेना कर्मी उसे चलाती दिखीं।
झांकी के विवरण में कहा गया कि आईएएफ गरुड़ कमांडो की उपस्थिति हवा के साथ-साथ जमीन पर भी वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि का प्रतीक है।
झांकी के मध्य भाग में आईएएफ तेजस और एसयू-30 को हिंद महासागर क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया, जो वायु सेना की जमीन और समुद्र में भी बढ़ती पहुंच को दर्शाता है।
झांकी के पिछले हिस्से में भारतीय वायुसेना द्वारा देश ओर विदेश में प्रदान की गई मानवीय सहायता को दर्शाया गया।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों इस भव्य समारोह के मुख्य अतिथि हैं। इस समारोह का मकसद देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों को पेश करना है।
सशस्त्र बलों ने परेड में मिसाइलों, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-द्वितीय पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों की एक श्रृंखला का प्रदर्शन किया।
पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी आकर्षण का केंद्र बनी।
इतिहास में पहली बार, लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा ने कर्तव्य पथ पर परेड में हथियार का पता लगाने वाले 'स्वाति' रडार और पिनाका रॉकेट प्रणाली का नेतृत्व किया। लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा पिछले साल आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुई 10 महिला अधिकारियों में से हैं।
मैकेनाइज्ड कॉलम में टैंक टी-90 भीष्म, नाग (एनएजी) मिसाइल सिस्टम, पैदल सेना का लड़ाकू वाहन, सभी क्षेत्रों में संचालन योग्य वाहन, पिनाका, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली ‘स्वाति’, ड्रोन जैमर प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आदि मुख्य आकर्षण रहे।
मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व करने वाली पहली सेना टुकड़ी 61 कैवेलरी (घुड़सवार सेना) थी, जिसका नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत ने किया। वर्ष 1953 में स्थापित 61 घुड़सवार सेना दुनिया की एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार सेना है।
नयी दिल्ली, 26 जनवरी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित परेड में शुक्रवार को यहां छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के बस्तर क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर निर्णय लेने की 600 साल पुरानी आदिवासी परंपरा ‘मुरिया दरबार’ को दर्शाया गया।
‘मुरिया दरबार’ प्राचीन काल से आदिवासी समुदायों में मौजूद लोकतांत्रिक चेतना और पारंपरिक लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है और साथ ही भारत में लोकतंत्र की उत्पत्ति और विकास की कहानी भी प्रस्तुत करता है।
झांकी में बस्तर में संसद के प्राचीन आदिवासी स्वरूप को दर्शाया गया है जिसे ‘‘मुरिया दरबार’’ के नाम से जाना जाता है।
‘‘मुरिया दरबार’’ की परंपरा 600 वर्ष से अधिक पुरानी है और प्रसिद्ध ‘‘बस्तर दशहरा’’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है।
कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि ‘‘मुरिया दरबार’’ की परंपरा बहुत ही पुरानी है।
झांकी में बस्तर की प्राचीन राजधानी बड़े डोंगर में स्थित ‘‘लिमऊ राजा’’ नामक स्थान को दर्शाया गया है।
लोककथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में जहां राजा नहीं होते थे, वहां आदिवासी समुदाय पत्थरों से बने सिंहासन पर नींबू रखकर आपस में निर्णय लेते थे। इस परंपरा ने आगे चलकर ‘‘मुरिया दरबार’’ का रूप ले लिया। (भाषा)