राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 10 फरवरी | सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 के गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के प्रसारण पर बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली हिंदू सेना की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत सेंसरशिप नहीं लगा सकती है, याचिका गलत है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश ने याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद से पूछा, आप चाहते हैं कि हम पूरी तरह से सेंसरशिप लगा दें।
वकील ने पीठ से याचिकाकर्ता को सुनने का आग्रह किया। पीठ ने कहा, ''यह (याचिका) क्या है?'' अधिवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि मामले की सुनवाई की जानी चाहिए।
अदालत ने याचिका को पत्रकार एन. राम, वकील प्रशांत भूषण और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और वकील मनोहर लाल शर्मा की एक अन्य लंबित संयुक्त याचिका के साथ टैग करने के आनंद के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया।
इस महीने की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने एन.राम और अन्य की दलीलों पर कार्रवाई करते हुए केंद्र से पीएम मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के अपने फैसले से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा था।
याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, हमें और समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, रिट पूरी तरह गलत है। इसमें कोई योग्यता नहीं है।
आनंद ने पीठ से उस पृष्ठभूमि की जांच करने का आग्रह किया, जिसमें भारत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर शक्तिशाली हुआ है और भारतीय मूल का व्यक्ति ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना है।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने पूछा कि वह बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की अपनी याचिका के समर्थन में इन सब पर बहस कैसे कर सकती हैं।
केंद्र ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैनलों पर डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि इसे देश भर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शित किया गया है।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और अन्य द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने के लिए जनवरी में केंद्र को एक अभ्यावेदन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
याचिका में कहा गया है कि बीबीसी उन लोगों का मुखपत्र है, जिन्होंने भारत की छवि खराब करने के लिए उसे निशाना बनाया। (आईएएनएस)|
नयी दिल्ली, 10 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) कराने की भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीई) की शक्तियों की पुष्टि की।
अदालतों में वकालत पेशा करने के लिए इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा, “इस तरह के मानदंडों और नियमों के लिए अधिवक्ता अधिनियम के तहत भारतीय विधिज्ञ परिषद को पर्याप्त शक्तियां मौजूद हैं। इसका प्रभाव ऐसा है कि यह बीसीआई पर छोड़ दिया जाता है कि एआईबीई को किस चरण में आयोजित किया जाना है - नामांकन से पहले या बाद के चरण में।
शीर्ष अदालत का यह आदेश उस याचिका पर आया है, जिसमें एआईबीई से संबंधित कई मुद्दों की पड़ताल की गई थी। इनमें यह मुद्दा भी शामिल था कि अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत बीसीआई द्वारा किस स्तर पर परीक्षा निर्धारित की जा सकती है।
संविधान पीठ ने मामले में दलीलें सुनने के बाद पिछले साल सितंबर में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी शामिल थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपीय संघ की तर्ज पर भारत में भी ऐसा कानून बनाए जाने की मांग की ताकि फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों को विज्ञापन से मिलने वाले राजस्व का हिस्सा, खबरों के विषय वस्तु प्रदाता स्थानीय प्रकाशकों को मिल सके।
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया संकट के दौर से गुजर रहा है क्योंकि विषय वस्तु तैयार करने के लिए संसाधनों पर वह करोड़ों रुपये खर्च करते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे मीडिया की आय का सबसे बड़ा स्रोत विज्ञापन है लेकिन विज्ञापनों का 75 से अधिक हिस्सा बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के हिस्से में जा रहा है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने कानून बनाकर पारंपरिक मीडिया के हितों को सुरक्षित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि इसी तर्ज पर भारत में कानून बनाया जाए ताकि गूगल आदि को विज्ञापन के राजस्व में हिस्सेदारी के लिए बाध्य किया जा सके और भारत के प्रिंट और न्यूज़ टीवी चैनलों को आर्थिक संकट से उबारा जा सके।’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वी. शिवदासन ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया और सेना, रेलवे सहित केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में रिक्त पड़े पदों को तत्काल भरने की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी के विजय पाल सिंह तोमर ने मेरठ में उड़ान योजना के तहत घरेलू विमान सेवा आरंभ करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि मेरठ क्रिकेट उपकरणों के निर्माण का बड़ा केंद्र है और इसका ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व भी है।
उन्होंने कहा कि मेरठ के लोगों को राजधानी लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी या गोरखपुर जाने के लिए घंटों सफर करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरठ में हवाई पट्टी है। यहां से हवाई सेवा शुरु कर दी जाए तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा। इसलिए उड़ान योजना के तहत यहां से घरेलू विमान सेवा आरंभ की जाए।’’
भाजपा के ही आदित्य प्रसाद ने झारखंड में जमीनों पर माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा किए जाने का मुद्दा उठाया और इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।
बीजू जनता दल के सुजीत कुमार ने एकलव्य मॉडल स्कूलों की स्थापना के लिए आबादी के अनुपात की अनिवार्यता का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे बड़ी संख्या में जनजातीय वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने ओडिशा के ऐसे स्कूलों की जर्जर स्थिति पर भी चिंता जताई और इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की मांग की।
भाकपा के संदोष कुमार पी ने रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा निजी कंपनियों को जमीन दिए जाने की जांच कराने की मांग की।
भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी ने मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल के दिव्यांगों को आधार कार्ड बनााने में आ रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया और कहा कि आधार कार्ड ना बनने से वह कई सरकारी लाभों से वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने महानगरों की तर्ज पर ऐसे दिव्यांगों के लिए निमाड़ अंचल में भी फेस रीडिंग सुविधा के तहत आधार कार्ड बनाए जाने की व्यवस्था किए जाने की मांग की। (भाषा)
मुंबई, 10 फरवरी शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के मौके पर 'काउ हग डे' मनाने की पहल का शुक्रवार को मखौल उड़ाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी प्रधानमंत्री के लिए ‘पवित्र गाय’ हैं।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने लोगों से "सकारात्मक ऊर्जा" फैलाने और "सामूहिक खुशी" को प्रोत्साहित करने के लिए वेलेंटाइन डे को 'काउ हग डे' (गाय को गले लगाने के दिवस) के रूप में मनाने का आग्रह करते हुए एक परामर्श जारी किया है। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने इस कदम का समर्थन किया है, जबकि इसका उपहास उड़ाने वाले कई ‘मीम्स’ भी सामने आये हैं।
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में पिछले कुछ सप्ताह में भारी गिरावट आई है। वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में शिवसेना के उद्धव गुट ने कहा कि अडाणी के खिलाफ संसद में विरोध के बावजूद, प्रधानमंत्री ने "घोटाले" पर एक भी शब्द नहीं बोला।
'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘लोग अडाणी घोटाले पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण चाहते हैं, लेकिन मोदी सरकार ने फिर से लोगों को चुप रहने के लिए धर्म की एक खुराक दी है। मोदी ने संसद में अडाणी के बारे में बात नहीं की, लेकिन उनकी सरकार ने गायों पर बात की।’’
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अडाणी शेयर बाजार के ‘बिग बुल’ हैं, लेकिन मोदी के लिए वह एक ‘होली काऊ’ (पवित्र गाय) हैं।’’
शिवसेना के संपादकीय में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव सिर्फ एक साल दूर हैं। ऐसे में मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पास विकास को लेकर दिखाने के लिए बहुत कुछ नहीं है, इसलिए वह राम मंदिर और गायों जैसे मुद्दों के नाम पर वोट मांग रही है।
संयोग से, अडाणी ने पिछले साल सितंबर में शिवसेना के यूबीटी गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 फरवरी चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से भारत आने वाले आगंतुकों को 13 फरवरी से ‘एयर सुविधा’ मंच पर प्रस्थान-पूर्व ‘कोविड जांच रिपोर्ट’ डालने और अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार ने देशों में पिछले चार हफ्तों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के लगातर कम होने के मद्देनजर यह फैसला किया है।
नागर विमानन मंत्रालय में अपने समकक्ष राजीव बंसल को बृहस्पतिवार को भेजे एक पत्र में भूषण ने कहा कि उनका मंत्रालय कोरोनो वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी के मद्देनजर अपनी ‘गाइडलाइन्स फॉर इंटरनेशनल अराइवल्स’ में बदलाव कर रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 की स्थिति से जुड़ी अद्यतन जानकारी के अनुसार, पिछले 28 दिन में (उससे पहले के 28 दिन की तुलना में) वैश्विक स्तर पर नए मामलों की संख्या में 89 प्रतिशत गिरावट आई है।
भारत में कोरोनो वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट जारी है, एक दिन में 100 से कम नए मामले सामने आ रहे हैं।
पत्र में कहा गया, ‘‘ उपरोक्त स्थिति के मद्देनजर मंत्रालय अपने अंतरराष्ट्रीय आगमन से जुड़े दिशानिर्देश में बदलाव कर रहा है और नागर विमानन मंत्रालय के मंच ‘हवाई सुविधा’ पर चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, थाईलैंड और जापान से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए प्रस्थान पूर्व ‘कोविड जांच रिपोर्ट’ डालने और अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने की अनिवार्यता समाप्त कर रहा है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 के जामिया नगर हिंसा मामले में छात्र नेता शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा सहित 11 लोगों को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की तत्काल सुनवाई की अर्जी शुक्रवार को स्वीकार कर ली।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस की याचिका का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष किया, जिसने इसे 13 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की अनुमति दी।
मेहता ने कहा कि अदालत की रजिस्ट्री ने याचिका में कुछ आपत्तियां उठाई हैं।
निचली अदालत के चार फरवरी के आदेश को चुनौती देते हुए पुलिस की ओर से सात फरवरी को याचिका दायर की गई थी। निचली अदालत ने 11 लोगों को आरोप मुक्त करने का आदेश दिया था और कहा था कि आरोपियों को पुलिस द्वारा ‘बलि का बकरा’ बनाया गया था। निचली अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी कि असहमति की आवाज को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, न कि दबाया जाना चाहिए।
निचली अदालत ने, हालांकि, एक आरोपी मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।
जामिया नगर थाना पुलिस ने इमाम आसिफ इकबाल तन्हा, सफूरा जरगर, मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा खान, मोहम्मद अबुजार, मोहम्मद शोएब, उमैर अहमद, बिलाल नदीम, चंदा यादव और मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किये थे। (भाषा)
अगरतला, 10 जनवरी त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस-वाम गठबंधन का मानना है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ ‘‘वोटों की सुनामी’’ आएगी क्योंकि लोग सीमावर्ती राज्य में पांच साल से जारी ‘‘राजनीतिक हिंसा’’ से ‘‘निराश’’ हैं।
कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के नेता सुदीप राय बर्मन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए वीडियो साक्षात्कार में कहा कि गठबंधन प्रस्तावित ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य की मांग का समर्थन नहीं करता।
उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि चुनाव के बाद के परिदृश्य में टिपरा मोथा का एक ‘‘व्यावहारिक दृष्टिकोण’’ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा के खिलाफ वोटों की सुनामी आएगी। लोग निरंतर हिंसा से तंग आ चुके हैं, जिसकी आड़ में सत्ताधारी पार्टी द्वारा किए गए कोई भी विकास कार्य नजर नहीं आते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार ने हमें जंगलराज की तरह पेश किया, विपक्ष की आवाज का गला घोंटा, कानून का कोई शासन नहीं है... मेरी भविष्यवाणी है कि कांग्रेस-वाम गठबंधन चुनाव में जीत हासिल करेगा।’’
पांच बार के विधायक एवं राज्य के एक लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे बर्मन 2016 में छह कांग्रेस विधायकों के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि ममत बनर्जी नीत पार्टी के राज्य पर अधिक ध्यान न देने का हवाला देते हुए वह एक साल बाद ही भाजपा में शामिल हो गए। ऐसा माना जाता है कि उनके समर्थकों के साथ उनके दलबदल ने 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
राय राज्य में भाजपा नीत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। पिछले साल फरवरी में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि इतनी अधिक संख्या में वोट हमारे पक्ष में पड़ेंगे कि अगर चुनाव में धांधली की कोशिश भी की जाए, तो भी कोई फायदा नहीं होगा। यहां तक कि अगर वे (भाजपा) किसी पार्टी (के विधायकों को) को तोड़ने में कामयाब भी हो जाते हैं, तो भी कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि उनके पास संख्याबल होने की संभावना नहीं है... खरीद-फरोख्त यहां मुश्किल होगी, यहां के लोग राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक हैं। ’’
त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वारिस द्वारा एक साल पहले शुरू की गई टिपरा मोथा पार्टी की ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग पर बर्मन ने कहा, ‘‘ यह एक व्यावहारिक मांग नहीं है क्योंकि त्रिपुरा की सीमा तीन ओर से बांग्लादेश से लगती हैं, हम इस मांग का समर्थन नहीं करते हैं।’’
प्रस्तावित ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य में विभिन्न राज्यों के हिस्से और यहां तक कि बांग्लादेश का एक हिस्सा भी शामिल है।
बर्मन ने कहा कि स्वदेशी समुदाय के नेतृत्व को मांग करने का अधिकार है, हालांकि आदिवासी क्षेत्रों में अधिक विकास की मांग पूरी करने के कई तरीके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे स्वदेशी लोगों में उन क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को लेकर नाराजगी है जहां वे रहते हैं ... हमें लगता है कि संवैधानिक परिवर्तनों की जरूरत है।’’
बर्मन ने कहा कि संसद में लंबित 125वें संशोधन विधेयक के पारित होने से इस दिशा में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसके पारित होने का मतलब त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को अधिक धन मिलेगा, त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली, अधिक कार्यकारी शक्तियां सुनिश्चित होंगी और हम उन उपायों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।’’
राय प्रतिष्ठित अगरतला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना दो मार्च को होगी। राज्य में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। (भाषा)
लखनऊ, 10 फरवरी । यूपी इन्वेस्टर समिट के उद्घाटन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया और यूपी में निवेश की संभावनाओं पर बात की.
पीएम मोदी ने कहा, "एक तरफ़ डबल इंजन सरकार का इरादा और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश, इससे बेहतर साझेदारी हो ही नहीं सकती. सरकार आज बुनियादी ढांचे पर रिकॉर्ड खर्च कर रही है और हर वर्ष इसको हम बढ़ा रहे हैं. आपके लिए बुनियादी ढांचे में निवेश के नए मौके बन रहे हैं. स्वास्थ्य, शिक्षा में भी निवेश के अनेक अवसर हैं.''
''बहुत जल्द यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर जाना जाएगा जहां पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र के रास्ते से गुजरात से जुड़ेगा.''
उन्होंने कहा, "भारत ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर चल पड़ा है उसमें मैं आपको विशेष तौर पर आमंत्रित करता हूं. इस बार बजट में हमने 35,000 करोड़ रुपये सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन (नियोजित-ऊर्जा-संक्रमण) के लिए रखे हैं."
"आज उत्तर प्रदेश की पहचान बेहतर क़ानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता से है. उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल के परिणाम नज़र आ रहे हैं."
वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि राज्य ने निवेशकों की सुविधा के लिए क्या इंतज़ाम किए हैं.
उन्होंने बताया, ''प्रदेश में निवेशकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो पोर्टल 'निवेश मित्र' बनाया गया है जो 33 विभागों की 406 सेवाएं उपलब्ध करा रहा है. निवेशकों की जिज्ञासाओं के समाधान के लिए इन्वेस्टर्स रिलेशनशिप मैनेजमेंट पोर्टल 'निवेश सारथी' बनाया गया है और हर निवेशक के साथ उद्यमी मित्र की तैनाती करने का काम किया गया है.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समिट में यूपी सरकार के कामकाज की तारीफ़ की.
उन्होंने कहा, ''पिछले कुछ समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी ने अपने नाम यानी 'अप' को सार्थक किया है. यूपी मतलब स्वास्थ्य अप, शिक्षा अप, कौशल अप, निवेश अप ओर यूपी मतलब निवेश पर रिटर्न अप बन गया है.''
यूपी की राजधानी लखनऊ में में तीन दिनों का इंवेस्टर समिट चल रहा है. इसमें कई उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया है और पीएम मोदी इसमें मुख्य अतिथि हैं. (bbc.com/hindi)
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 10 फरवरी लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) एलवी डी2 ने शुक्रवार को यहां से उड़ान भरने के बाद ईओएस-07 उपग्रह एवं दो अन्य उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया और इसी के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एसएसएलवी क्षेत्र में शुक्रवार को अपनी पहली सफलता हासिल कर ली।
इसरो को कुछ महीनों पहले अपने पहले मिशन में अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए थे।
इसरो के इस साल के पहले मिशन और एसएसएलवी की दूसरी ‘विकास उड़ान’ के दौरान अद्भुत संयोग देखने को मिला। इसे सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर प्रक्षेपित किया था और सात अगस्त 2022 को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एसएसएलवी ने ठीक इसी समय पहली विकास उड़ान भरी थी। पहली विकास उड़ान कक्षा संबंधी विसंगति और रॉकेट के उड़ान पथ से भटक जाने के कारण अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं कर सकी थी।
एसएसएलवी के पहले अपेक्षा पर खरे नहीं उतर पाने के कारण दूसरी विकास उड़ान में ‘‘सुधारात्मक कदम’’ उठाए गए थे।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि एसएसएलवी ने अपनी दूसरी उड़ान में तीन उपग्रहों को उनकी सटीक कक्षा में स्थापित किया।
उन्होंने सभी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले सफल प्रक्षेपण के तुरंत बाद ‘मिशन कंट्रोल सेंट्रल’ (एमसीसी) से कहा, ‘‘ भारत के अंतरिक्ष समुदाय को बधाई... हमारे पास एक नया प्रक्षेपण यान है, लघु उपग्रह एसएसएलवी। एसएलएलवी डी2 ने अपनी दूसरी कोशिश में उपग्रहों को उनकी अपेक्षित कक्षा में सटीकता से स्थापित कर दिया। तीनों उपग्रह दलों को बधाई।’’
सोमनाथ ने कहा कि पिछले एसएसएलवी प्रक्षेपण से संबंधित सभी समस्याओं की पहचान की गई है, सुधारात्मक कदम उठाए गए और उचित समय पर उन्हें लागू किया गया।
मिशन निदेशक एस विनोद ने कहा कि इसरो टीम ने सात अगस्त, 2022 की विफलता के तुरंत बाद ‘‘वापसी’’ की।
उन्होंने कहा कि इसरो के पास प्रक्षेपण वाहन समुदाय के लिए अब एक ‘‘नया प्रक्षेपण यान’’ है।
इससे पहले, 34 मीटर लंबे एसएसएलवी ने साढ़े छह घंटे की उल्टी गिनती के बाद सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर साफ आसमान में पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह ईओएस-07 और दो अन्य उपग्रहों- अमेरिका के अंतारिस द्वारा निर्मित जानुस-1 और चेन्नई स्थित ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ के आजादीसैट-2 के साथ उड़ान भरी।
रॉकेट ने करीब 15 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रहों को 450 किलोमीटर की अपेक्षित वृत्ताकार कक्षा में स्थापित कर दिया।
ईओएस-07 156.3 किलोग्राम वजनी उपग्रह है, जिसे इसरो ने बनाया और विकसित किया है। नए प्रयोगों में ‘एमएम-वेव ह्यूमिडिटी साउंडर’ और ‘स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पेलोड’ शामिल हैं।
इसरो ने बताया कि अमेरिका द्वारा निर्मित जानुस-1 10.2 किलोग्राम वजनी है। यह स्मार्ट उपग्रह मिशन है।
उसने कहा कि आजादीसैट-2 8.2 किलोग्राम वजनी उपग्रह है। आजादीसैट को ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ के मार्गदर्शन में भारत की करीब 750 छात्राओं के प्रयास से बनाया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसका उद्देश्य रेडियो संचार क्षमताओं का प्रदर्शन करना, विकिरण को मापना आदि है।
इसरो ने बताया कि एसएसएलवी लघु, सूक्ष्म या नैनो उपग्रहों (10 से 500 किग्रा द्रव्यमान) को 500 किलोमीटर की समतलीय कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है। यह मांग के आधार पर पृथ्वी की निचली कक्षाओं में उपग्रहों का प्रक्षेपण करता है। यह अंतरिक्ष कम लागत वाली पहुंच प्रदान करता है। प्रक्रिया का कम समय और कई उपग्रहों को समायोजित करने का लचीलापन इसकी खासियत है और इसे प्रक्षेपण के लिए न्यूनतम अवसंचना की आवश्यता होती है।
इसमें तीन ठोस प्रणोदन चरण और एक वेग टर्मिनल मॉड्यूल है। (भाषा)
बलिया (उत्तर प्रदेश), 10 फरवरी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिकंदरपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में 19 वर्ष की एक लड़की के साथ कथित रूप से बलात्कार करने का मामला सामने आया है। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सिकंदरपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में 19 वर्ष की लड़की के साथ गत आठ फरवरी को एक युवक ने कथित तौर पर बलात्कार किया गया तथा दूसरे युवक द्वारा इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई। सूत्रों के अनुसार इसके बाद युवती को जान से मारने की धमकी दी गई।
सिकंदरपुर थाने के प्रभारी दिनेश पाठक ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में युवती की तहरीर पर बृहस्पतिवार को मंजेश पाल व राहुल राजभर के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की बलात्कार, जान से मारने की धमकी देने व अपराधिक षड्यंत्र संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों मंजेश पाल व राहुल राजभर को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लड़की को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। (भाषा)
पिछले कुछ सालों में भारत की नागरिकता छोड़ने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. 2021 में 1.63 लाख और 2022 में 2.25 लाख लोगों ने नागरिकता छोड़ी.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2011 के बाद से 16 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है, जिसमें पिछले साल 2,25,620 लोग शामिल थे. जबकि भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोगों की संख्या सबसे कम साल 2020 में 85,256 थी.
विदेश मंत्रालय ने दिया साल दर साल का आंकड़ा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को राज्यसभा को बताया- मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अपनी भारतीय नागरिकता त्यागने वाले भारतीयों की संख्या 2015 में 1,31,48, 2016 में 1,41,603, 2017 में 1,33,049, 2018 में 1,34,561, 2019 में 1,44,017, 2020 में 85,256, 2021 में 1,63,370 और 2022 में 2,25,620 है.
जवाब में कहा गया उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पिछले तीन साल के दौरान 5 भारतीय नागरिकों ने यूएई की नागरिकता हासिल की है. 2011 के बाद से भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 16,63,440 है.
कोविड वाले साल में कम लोगों ने छोड़ी नागरिकता
संख्या पर एक नजर डालने से पता चलता है कि 2015 के बाद से नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में केवल वृद्धि हुई है, जबकि 2020 में अचानक गिरावट आई है, यही वह साल है जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था. उसके बाद 2021 में यह संख्या 1.63 लाख के पार पहुंच गई.
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कोविड लॉकडाउन के बाद अपनी सीमाएं खोलने के बाद वर्क वीजा और स्थायी निवास हासिल करने का चलन बढ़ रहा है. जयशंकर ने उन 135 देशों की सूची भी जिनकी नागरिकता भारतीयों ने हासिल की थी.
एक अन्य सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि सरकार हाल के महीनों में अमेरिकी कंपनियों द्वारा पेशेवरों की छंटनी के मुद्दे से अवगत है. उन्होंने कहा, "इनमें से एक निश्चित प्रतिशत एच-1बी और एल1 वीजा पर भारतीय नागरिक होने की संभावना है. भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार के साथ आईटी पेशेवरों समेत उच्च कुशल श्रमिकों की आवाजाही से संबंधित मुद्दों को लगातार उठाया है."
धनी लोग छोड़ रहे देश
पिछले साल आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारत के धनी लोग देश छोड़ने के इच्छुक हैं. लोगों को दूसरे देशों की नागरिकता और वीजा दिलाने वाली ब्रिटेन स्थित अंतरराष्ट्रीय कंपनी हेनली ऐंड पार्टनर्स का कहना है कि गोल्डन वीजा यानी निवेश के जरिए किसी देश की नागरिकता चाहने वालों में भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
हेनली ग्लोबल सिटिजंस रिपोर्ट के मुताबिक नागरिकता नियमों के बारे में पूछताछ करने वालों में 2020 के मुकाबले 2021 में भारतीयों की संख्या 54 प्रतिशत बढ़ गई. 2020 में भी उससे पिछले साल के मुकाबले यह संख्या 63 प्रतिशत बढ़ी थी. (dw.com)
दशकों तक चले एक अध्ययन से पता चला है कि किलर व्हेल मछलियां बेटे पैदा करने के लिए बहुत बड़ा बलिदान करती हैं. एक बेटा पैदा करने के बाद वे अक्सर और बच्चे पैदा करने लायक नहीं रहतीं.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
उत्तरी प्रशांत महासागर में हुए एक अध्ययन में किलर व्हेल मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया के बारे में कई हैरतअंगेज जानकारियां मिली हैं. करीब दस साल तक वैज्ञानिकोंने इन अद्भुत समुद्री जीवों के जीवन का अध्ययन किया और पाया कि उनके लिए नर बच्चे पैदा करना बेहद मुश्किल होता है, जिसके लिए उन्हें आजीवन बलिदान करना पड़ता है.
वैज्ञानिक कहते हैं कि एक नर संतान पैदा करने से किलर व्हेल मछलियों के भविष्य में मां बनने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं. इसकी वजह है कि उन्हें नर संतान को पैदा करने और पालने में बहुत ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. शोध से पता चला है कि नर संतानों को दूध पिलाने से उनकी सेहत पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है और वे अन्य बच्चों को पैदा करने और पालने लायक नहीं रहतीं.
एक्सटर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डैरेन क्रॉफ्ट इस अध्ययन में शामिल रहे हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया, "मांएं अपना खाना और ऊर्जा खर्च कर देती हैं.”
किलर व्हेल मछलियों के लिए परिवार बहुत अहम होता है. वे ताउम्र परिवार में बंधी रहती हैं. लेकिन युवा मादाएं बड़े होने पर स्वतंत्र हो जाती हैं जबकि नर अपनी मांओं पर निर्भर रहते हैं. यहां तक कि वे अपनी मां द्वारा पकड़े गए शिकार तक में से हिस्सा मांगते हैं.
करंट बायोलॉजी नामक पत्रिका में यह शोध प्रकाशित हुआ है. दशकों से जारी यह शोध सेंटर फॉर व्हेल रिसर्च (CWR) द्वारा किलर व्हेल मछलियों के जीवन पर किये जा रहे एक विस्तृत अध्ययन का हिस्सा है जिसके तहत 40 साल से भी ज्यादा समय से एक समूह की जिंदगियों को देखा-परखा जा रहा है. इस समूह को सदर्न रेजिडेंट्स नाम दिया गया है. प्रोफेसर क्रॉफ्ट कहते हैं कि इस शोध से "इन अद्भुत जानवरों के जटिल सामाजिक और पारिवारिक जीवन के बारे में नई जानकारियां मिली हैं.”
1976 से जारी अध्ययन
1976 से सीडब्ल्यूआर ने सदर्न रेजिडेंट की पूरी आबादी की गणना की है, जिससे जीवविज्ञानी कई पीढ़ियों का अध्ययन कर पाए हैं. इसी में इन प्राणियों के सामाजिक और पारिवारिक व्यवहार का अध्ययन भी शामिल है, जो इन जीवों के जिंदा रहने में अहम भूमिका निभाता है.
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने 1982 से 2021 के बीच 40 व्हेल मछलियों का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि हरेक बेटा पैदा करने के बाद मछलियों की अन्य बच्चे पैदा करने की संभावना आधी रह गई थी.
एक्सटर यूनिवर्सिटी के डॉ. माइकल वाइस कहते हैं, "हमारे पुराने शोध में पता चला था कि अगर मां आसपास रहे तो बेटों के जिंदा रहने की संभावना ज्यादा होती है. हम जानना चाहते थे कि क्या मांओं को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है, और जवाब है, हां. किलर व्हेल मछलियां भविष्य में मां बनने की संभावनाओं के रूप में भारी कीमत चुकाती हैं.”
किलर व्हेल मछलियां उन प्रजातियों में से एक हैं जिनका वजूद खतरे में हैं. वैंकूवर और सिएटल के तटीय इलाकों में रहने वालीं इन मछलियों पर अध्ययन डॉ. केन बालकोम ने शुरू किया था. तब वह जानना चाहते थे कि इनके वजूद को क्या क्या खतरे हो सकते हैं.
इंसानों जैसा स्वभाव
उसके बाद यह अध्ययन लगातार जारी रहा और किलर व्हेल मछलियों के बारे में अद्भुत जानकारियां सामने आईं. मसलन, दादी के रूप में किलर व्हेल मछलियों की भूमिका बहुत अहम होती है. इंसानों की तरह ही इन जीवों में भी मादाएं एक उम्र के बाद बच्चे पैदा करना बंद कर देती हैं.
इन जीवों में बेटे अपनी मांओं के काफी करीब होते हैं और वे उन्हीं के साथ रहना, घूमना-फिरना पसंद करते हैं. प्रोफेसर क्रॉफ्ट समझाते हैं, "यहां तक कि जो मछलियां मांएं पकड़ती हैं, वे भी अपने बेटों को खिला देती हैं.” इसके उलट युवा मादाएं स्वतंत्र रूप से घूमना पसंद करती हैं.
यह बात हैरान करती है कि इतने ताकतवर और समझदार जीव ताउम्र अपनी मांओं पर निर्भर रहते हैं लेकिन शोधकर्ता कहते हैं कि शायद नर मछलियां इसलिए स्वतंत्र नहीं हो पातीं क्योंकि मांएं हर वक्त उनके साथ रहती हैं.
अब दुनिया में ऐसी मात्र 73 व्हेल मछलियां बची हैं. इसलिए वैज्ञानिक इन जीवों के बारे में वैसी तमाम जानकारियां जुटाने की कोशिश कर रहे हैं जो इनकी आबादी को विलुप्त होने से बचा सकें. (dw.com)
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक रिफाइनरी प्रोजेक्ट की आलोचना करने वाले पत्रकार की मौत के पीछे साजिश के आरोप लग रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि पुलिस ने जिस संदिग्ध को गिरफ्तार किया है वो बीजेपी का सदस्य है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
48 साल के शशिकांत वारिशे की मंगलवार सात फरवरी को रत्नागिरी में एक गाड़ी से टक्कर के बाद मौत हो गई. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्कूटर चला रहे वारिशे को उस गाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी और फिर उन्हें रौंद दिया.
पुलिस ने उस समय गाड़ी चला रहे पंधारिनाथ आंबेरकर नाम के व्यक्ति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. वारिशे ने इस घटना के एक ही दिन पहले एक स्थानीय अखबार में एक रिफाइनरी प्रोजेक्ट के खिलाफ इलाके में हो रहे विरोध के बारे में एक लेख लिखा था और लेख में आंबेरकर का नाम भी लिया था.
क्या है रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना
दरअसल 'रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल' प्रोजेक्ट एक पुरानी परियोजना है जिसे रत्नागिरी जिले के नाणर गांव में शुरू किया जाना था. स्थानीय लोग शुरू से इस परियोजना के खिलाफ थे क्योंकि उन्हें आशंका थी कि उससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा और लोगों की आजीविका भी छिन जाएगी.
2019 में लोक सभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की राज्य सरकार ने लोगों के विरोध को स्वीकार करते हुए परियोजना को रद्द कर दिया था. लेकिन बीते एक साल से केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को रत्नागिरी के ही किसी दूसरे हिस्से में फिर से शुरू करने की कोशिशों की चर्चा चल रही थी.
वारिशे ने इस मुद्दे पर स्थानीय अखबार 'महानगरी टाइम्स' में कई लेख लिखे थे जिसमें उन्होंने इसकी वजह से स्थानीय लोगों को होने वाली समस्याओं पर रोशनी डाली थी.
आंबेरकर इस परियोजना के समर्थक थे. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में उन्हें एक रियल एस्टेट व्यापारी बताया गया है और यह भी कहा गया है कि उन पर जबरन जमीन हड़पने और इस परियोजना का विरोध करने वाले एक्टिविस्टों को धमकाने के आरोप लगे थे.
प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर
सोमवार को छपे ताजा लेख में वारिशे ने लिखा था कि रत्नागिरी में ऐसे बैनर लगाए गए हैं जिनमें आंबेरकर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ तस्वीरें हैं.
वारिशे के लेख में आंबेरकर के आपराधिक रिकॉर्ड, कई अवैध भूमि सौदों और रिफाइनरी को बनाए जाने के प्रबल समर्थन के बारे में जानकारी दी गई थी. वारिशे के गाड़ी के नीचे आ जाने के बाद आंबेरकर वहां से फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाद में ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया.
मुंबई प्रेस क्लब ने इसे एक "क्रूर, सार्वजनिक हत्या" का मामला कहा है और वारिशे के हत्यारों के खिलाफ तुरंत और गंभीर कार्रवाई की मांग की है. क्लब ने यह भी कहा है कि वारिशे की हत्या की साजिश में और लोगों के भी शामिल होने की संभावना है और पुलिस को उनके खिलाफ की कार्रवाई करनी चाहिए.
भारत में आए दिन पत्रकारोंपर हमले होते रहते हैं. कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने भारत में पत्रकारों द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिमों के बारे में आगाह किया है.
2008 में अंतरराष्ट्रीय संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने पत्रकारों के हत्यारों को सजा दिलवाने में नाकामी को लेकर 'ग्लोबल इम्प्यूनिटी इंडेक्स" की शुरुआत की थी और तब से इस सूचकांक में भारत का नाम हर साल आता है. संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस समय भारत में कम से कम 20 पत्रकारों की हत्या के मामले अनसुलझे हैं. (dw.com)
एक रिपोर्ट के मुताबिक व्हॉट्सऐप को आसान डिजिटल उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों के लिए भारत में सबसे सुलभ ऐप पाया गया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
थिक टैंक द विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी द्वारा जारी रिपोर्ट में आई-स्टेम और मिशन एक्सेसिबिलिटी के साथ ऑडिट किए गए अन्य ऐप्स में फोन पे, पेटीएम, स्विगी, जोमैटो, अमेजन, फ्लिपकार्ट, टेलीग्राम, उबर और ओला शामिल हैं. मैसेजिंग, ऑनलाइन पेमेंट, कैब सर्विस, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी जैसी श्रेणियों में 10 ऐप्स का मूल्यांकन किया गया.
एप्लिकेशन को वेब कंटेंट एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइंस (डब्ल्यूसीएजी) के आधार पर 'हाई एक्सेसिबिलिटी', 'मॉडरेट एक्सेसिबिलिटी' और 'लो एक्सेसिबिलिटी' वाले ऐप्स के रूप में रेट किया गया था.
व्हॉट्सऐप 'हाई एक्सेसिबिलिटी' वाला ऐप
लेवल ए अनुपालन स्तर पर डब्ल्यूसीएजी सफलता मानदंड की संख्या के आधार पर व्हॉट्सऐप को 'हाई एक्सेसिबिलिटी' वाले एकमात्र ऐप के रूप में रेट किया गया.
विधि के सीनियर एसोसिएट फेलो और मिशन एक्सेसिबिलिटी के सह-संस्थापक राहुल बजाज ने कहा, "ऐप्स और वेबसाइटों में विकलांगों को सशक्त बनाने की अपार संभावनाएं हैं. हालांकि, अगर उन्हें उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन नहीं किया गया है, तो वे उन बाधाओं को दोहरा सकते हैं, जिनका विकलांग लोग सामना करते हैं."
उन्होंने कहा, "व्हॉट्सऐप एकमात्र ऐसा ऐप है जिसे अत्यधिक सुलभ होने के रूप में रैंक किया गया. यह दर्शाता है कि पहुंच स्वचालित रूप से नहीं होती है, यह सक्रिय और विचारशील होना चाहिए."
सालों से व्हॉट्सऐप ने निजी मैसेज को आसान और सभी के लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने और ऐप को अधिक समावेशी और सरल बनाने के लिए लगातार प्रोडक्ट इनोवेशन में निवेश किया है.
भारत में 48 करोड़ व्हॉट्सऐप यूजर्स
वॉयस नोट्स, रिएक्शन और वीडियो-कॉलिंग जैसी विशेषताएं व्हॉट्सऐप को एक पसंदीदा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म बनाती हैं और इसका इस्तेमाल में आसान इंटरफेस भी इसे लाखों भारतीयों के लिए पहले डिजिटल गेटवे में से एक बनाता है, जो आवश्यक डिजिटल सेवाओं तक पहुंच की सुविधा और समाधान प्रदान करता है.
देश में व्हॉट्सऐप भी पेमेंट सेवा दे रहा है और उसे उम्मीद है कि इसके इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या आने वाले समय में और बढ़ेगी. देश में तमाम बड़े पेमेंट भुगतान करने वाले खिलाड़ी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करते हैं. इसको एनपीसीआई ने तैयार किया है. यूपीआई के जरिए रियल टाइम में एक बैंक से दूसरे बैंक खाते में मोबाइल के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं.
एक अनुमान के मुताबिक व्हॉट्सऐप के भारत में 48.7 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं, जबकि व्हॉट्सऐप के स्माल बिजनेस ऐप पर 1.5 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हॉट्सऐप बिजनेस का भारत में रिवेन्यू अगले साल एक अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. (dw.com)
लखनऊ, 10 फरवरी | नई अयोध्या और निर्माणाधीन राम मंदिर को देखने के इच्छुक पर्यटक जल्द ही इस पवित्र नगरी के ऊपर हेलीकॉप्टर की सवारी का लाभ उठा सकेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड ने पायलट आधार पर अयोध्या में हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करने वाली कंपनियों/एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे हैं।
प्रधान सचिव (पर्यटन) मुकेश मेश्राम ने कहा, "हमारे पास लखनऊ के साथ-साथ अयोध्या में भी राज्य के स्वामित्व वाला हेलीपैड है। हम विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। हवाई टैक्सी की सुविधा प्रदान करने से लेकर उन लोगों के लिए जो लखनऊ से अयोध्या के लिए एक हेलिकॉप्टर लेना चाहते हैं या जो लोग अयोध्या की एक त्वरित आनंदमय यात्रा करना चाहते हैं।"
पर्यटन विभाग के विशेष सचिव शैलेश मिश्रा ने कहा कि जॉयराइड के लिए एजेंसी की व्यवस्था पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर होगी और तीन महीने की शुरुआती अवधि के लिए होगी।
सरकार के प्रस्ताव में दिलचस्पी रखने वाली एजेंसियों को 21 फरवरी को लखनऊ में प्री-बिड मीट में शामिल होना है।
दिसंबर 2022 में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या पर्यटन 2024 तक दस गुना बढ़ जाएगा, जो कि राम मंदिर निर्माण पूरा होने के लिए निर्धारित तिथि के साथ मेल खाता है।
पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा, एक बार राम मंदिर भक्तों के लिए तैयार हो जाए, तो हम अयोध्या-प्रयागराज राजमार्ग पर भारी भीड़ की उम्मीद करते हैं।
उन्होंने कहा कि अयोध्या आने-जाने के लिए हेलिकॉप्टर की सुविधा से उन पर्यटकों को भी मदद मिलेगी, जो यात्रा का समय बचाना चाहते हैं।
केंद्र और यूपी में डबल इंजन सरकारें अयोध्या के विकास पर 30,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रही हैं।
राज्य सरकार अपने बेड़े का रखरखाव करती है, जिसमें तीन विमान और तीन हेलिकॉप्टर शामिल हैं।
2024 की शुरुआत में राम मंदिर बनने से पहले, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डे के निर्माण का पहला चरण पूरा होने की उम्मीद है।
हवाई अड्डे का पहला चरण घरेलू परिचालन के लिए होगा, दूसरा वैश्विक यात्रियों के लिए होगा। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 10 फरवरी | अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-प्रथम (एडीजे-प्रथम) प्रफुल्ल कमल की अदालत ने हिंदू पक्षकारों को लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए निचली अदालत में अपील करने की अनुमति दी है। एडीजे कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों के इस तर्क को खारिज कर दिया कि मामला सुनवाई योग्य नहीं है।
हिंदू पक्षकारों ने दावा किया था कि टीले वाली मस्जिद भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण द्वारा निर्मित 'लक्ष्मण टीला' थी।
अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की अदालत मामले की सुनवाई 17 फरवरी को करेगी।
वकील हरि शंकर जैन ने 2013 में लखनऊ के सिविल कोर्ट में यह केस दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी। तब से मामला लंबित है।
मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि यह सुनवाई योग्य नहीं है।
एक अन्य वकील शेखर निगम के साथ हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मधु सेन ने कहा, अतिरिक्त जिला जज की अदालत ने हिंदू वादियों को तीसरी वाली मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए निचली अदालत में अपील करने की अनुमति दी है।
मामले की सुनवाई के दौरान, हिंदू पक्षकारों ने अदालत से मस्जिद परिसर, विशेष रूप से उस क्षेत्र के सर्वेक्षण की अनुमति देने का आग्रह किया, जिसे कथित रूप से 2013 में मस्जिद समिति द्वारा चारदीवारी बनाकर कब्जा कर लिया गया था। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 10 फरवरी | अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-प्रथम (एडीजे-प्रथम) प्रफुल्ल कमल की अदालत ने हिंदू पक्षकारों को लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए निचली अदालत में अपील करने की अनुमति दी है। एडीजे कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों के इस तर्क को खारिज कर दिया कि मामला सुनवाई योग्य नहीं है।
हिंदू पक्षकारों ने दावा किया था कि टीले वाली मस्जिद भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण द्वारा निर्मित 'लक्ष्मण टीला' थी।
अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की अदालत मामले की सुनवाई 17 फरवरी को करेगी।
वकील हरि शंकर जैन ने 2013 में लखनऊ के सिविल कोर्ट में यह केस दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी। तब से मामला लंबित है।
मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि यह सुनवाई योग्य नहीं है।
एक अन्य वकील शेखर निगम के साथ हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मधु सेन ने कहा, अतिरिक्त जिला जज की अदालत ने हिंदू वादियों को तीसरी वाली मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए निचली अदालत में अपील करने की अनुमति दी है।
मामले की सुनवाई के दौरान, हिंदू पक्षकारों ने अदालत से मस्जिद परिसर, विशेष रूप से उस क्षेत्र के सर्वेक्षण की अनुमति देने का आग्रह किया, जिसे कथित रूप से 2013 में मस्जिद समिति द्वारा चारदीवारी बनाकर कब्जा कर लिया गया था। (आईएएनएस)|
गोपालगंज, 10 फरवरी | बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवरिया प्रखंड में गुरुवार की रात एक पिकअप वैन ने पहले साइकिल को ठोकर मारी और फिर पलट गई। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक, मीरगंज थाना क्षेत्र के कालोपट्टी गांव से रमेश पांडेय की बेटी का तिलक गुरुवार को उत्तर प्रदेश में गया था। रात में ही तिलक समारोह से पिकअप वाहन लौट रहा था।
मिश्र बतरहां गांव के पास पहुंचते ही, पिकअप वैन ने एक साइकिल सवाल को ठोकर मार दी। इसके बाद वैन पर से चालक का नियंत्रण खो गया और वैन पलट गई।
इस दुर्घटना में साइकिल सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पिकअप पलट जाने से उसपर सवार दो लोगों की भी जान चली गई।
हथुआ के अनुमंडल पुलिस अधिकारी नरेश प्रसाद ने बताया कि मृतकों की पहचान मीरगंज थाने के कालोपट्टी गांव के विश्वनाथ चौहान, अमरजीत चौहान, फुलवरिया के मिश्र बतरहा निवासी रवि कुमार और ओम प्रकाश कुमार के रूप में की गई है।
हादसे के बाद पुलिस ने पिकअप वैन को जब्त कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। (आईएएनएस)|
गाजियाबाद, 10 फरवरी | गाजियाबाद में दुपहिया वाहन चलाने वाले नाबालिगों पर ट्रैफिक पुलिस सख्त एक्शन लेकर उनके वाहन सीज कर रही है। एक हफ्ते में 91 वाहन सीज करते हुए इन नाबालिगों के पैरेंट्स और वाहन मालिकों पर एफआईआर दर्ज की गई है। कविनगर थाने में 12, नंदग्राम में 8, कोतवाली में 10, विजयनगर में 4, साहिबाबाद में 13, टीला मोड़ में 5, लोनी में 4, मधुबन बापूधाम में 5, मोदीनगर में 3, मसूरी में 5, इंदिरापुरम में 7, कौशांबी में 2, मुरादनगर में 4, क्रॉसिंग रिपब्लिक में 3, सिहानी गेट में 3, लिंक रोड में 1 और वेव सिटी थाने में इस तरह की 2 एफआईआर दर्ज हुई है।
एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने इस ड्राइव को शुरू करने से पहले स्टाफ के साथ एक बैठक लेकर रूपरेखा बनाई थी। कुशवाहा ने बताया कि 18 साल के कम आयु वाले वाहन नहीं चला सकते।
इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस उन पर भी एक्शन ले रही है, जिन्होंने 18 की उम्र पार होने के बावजूद लाइसेंस नहीं बनवाया और वाहन चला रहे हैं। इस तरह के मामलों में 149 वाहनों का पुलिस ने चालान काटे। ट्रैफिक पुलिस स्कूल-कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर रही है।
एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने कहा कि स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चे 18 साल की उम्र होने से पहले ही बाइक-स्कूटी से चल रहे हैं। सड़क हादसों की स्टडी करने पर ये बात सामने आती है कि हादसों में एक बड़ी हिस्सेदारी नाबालिगों द्वारा वाहन चलाया जाना है। (आईएएनएस)|
कानपुर, 10 फरवरी | कानपुर चिड़ियाघर के एक क्लर्कऔर एक गार्ड को चिड़ियाघर से तिजोरी चोरी के मामले में निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि बदमाश कैश रूम से 2.5 क्विंटल की तिजोरी लेकर चंपत हो गए थे। इसे तोड़ने में नाकाम रहने पर चोरों ने चिड़ियाघर परिसर में लकड़ी के पुल के नीचे भूसे में तिजोरी को छिपा दिया और फरार हो गए।
मामले सामने आने के बाद पुलिस ने तलाशी के दौरान तिजोरी बरामद कर ली।
चिड़ियाघर के निदेशक के.के. सिंह ने कहा कि दोनों कर्मचारियों टिकट बुकिंग क्लर्क बृजेश और सुरक्षा गार्ड भरत सिंह को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया है।
सिंह ने कहा कि क्लर्क ने बताया था कि 26 जनवरी को टिकट बिक्री से 5.92 लाख रुपये आए थे, लेकिन जब तिजोरी मिली, तो उसमें सिर्फ 5.62 लाख रुपये नकद मिले।
उन्होंने कहा कि चौकीदार को परिसर की ठीक से निगरानी नहीं करने के लिए निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि बदमाशों ने 26 जनवरी की रात कानपुर चिड़ियाघर के कैश रूम से ढाई क्विंटल वजनी तिजोरी चोरी कर ली थी।
27 जनवरी की सुबह जब अधिकारी कैश रूम पहुंचे, तो बाहर से ताला लगा मिला, लेकिन तिजोरी गायब थी। बाद में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने 28 जनवरी को चिड़ियाघर परिसर से तिजोरी बरामद की थी। (आईएएनएस)|
सैन फ्रांसिस्को, 10 फरवरी | याहू अपने 1,600 कर्मचारियों को निकालेगा, जिससे कंपनी के विज्ञापन टेक कारोबार का आधा हिस्सा प्रभावित होगा। एक्सियोस के साथ एक बातचीत में याहू के सीईओ जिम लैनजोन ने कहा कि ये बदलाव याहू की समग्र लाभप्रदता के लिए जबरदस्त फायदेमंद साबित होगा।
छंटनी कंपनी को लाभदायक व्यवसायों में अधिक निवेश करने में मदद करेगी।
कंपनी के मुताबिक शुक्रवार को 12 फीसदी कर्मचारियों (करीब 1,000 कर्मचारियों) की छंटनी की जाएगी।
कंपनी ने कहा कि अगले छह महीनों में और 8 फीसदी (600 लोगों) को कंपनी से कार्यमुक्त किया जाएगा।
लैनजोन ने कहा कि छंटनी की कुल संख्या विज्ञापन टेक इकाई के मौजूदा कर्मचारियों के 50 प्रतिशत से अधिक और याहू के वर्तमान कर्मचारियों के 20 प्रतिशत से अधिक होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, याहू अपने एसएसपी या सप्लाई-साइड प्लेटफॉर्म नामक अपने विज्ञापन व्यवसाय का एक हिस्सा बंद कर देगा, जो डिजिटल प्रकाशकों को उनकी सामग्री के खिलाफ स्वचालित विज्ञापन बेचने में मदद करता है।
कंपनी जेमिनी नामक अपने मूल विज्ञापन प्लेटफॉर्म को भी बंद कर देगी।
यह देशी विज्ञापन बेचने के लिए एड टेक जायंट टाबूला के साथ अपनी नवगठित साझेदारी का लाभ उठाएगा।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, "कई वर्षों से हमारे विज्ञापन व्यवसाय की रणनीति विज्ञापन तकनीक उद्योग में हमारे डिमांड साइड प्लेटफॉर्म (डीएसपी), सप्लाई साइड प्लेटफॉर्म (एसएसपी) और नेटिव प्लेटफॉर्म से मिलकर 'एकीकृत स्टैक' की पेशकश कर प्रतिस्पर्धा करना था।"
बयान में कहा गया है, कई वर्षों के प्रयास और निवेश के बावजूद यह रणनीति लाभदायक नहीं थी और पूरे स्टैक में हमारे उच्च मानकों पर खरा उतरने के लिए संघर्षरत थी।
याहू टेक कंपनियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने वैश्विक व्यापक आर्थिक परिस्थितियों के बीच हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया है। (आईएएनएस)|
वेंकटचारी जगन्नाथन
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 10 फरवरी | भारत के नए रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी-डी2) ने शुक्रवार सुबह 156.3 किलोग्राम वजनी अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-07 (ईओएस-07) के साथ उड़ान भरी।
इसी के साथ ही पिग्गीबैकिंग दो अन्य उपग्रह, 10.2 किलोग्राम जानूस -1, जो अमेरिका के एंटारिस से संबंधित है और 8.7 किलोग्राम आजादीसैट -2, जो स्पेस किड्ज इंडिया, चेन्नई से संबंधित है, प्रक्षेपित किया गया।
एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने छोटे उपग्रहों के लिए बाजार के रुझान के आधार पर लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) के लिए 500 किलोग्राम की वहन क्षमता के साथ एसएसएलवी विकसित किया है।
लगभग 56 करोड़ रुपये की लागत से 34 मीटर लंबा रॉकेट लगभग 9.18 बजे प्रक्षेपित किया गया।
मिशन के उद्देश्य के बारे में, इसरो ने कहा कि यह एलईओ में एसएसएलवी की डिजाइन की गई पेलोड क्षमता और तीन उपग्रहों - ईओएस-07, जनूस-1 और आजादीसैट -2 को 450 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना है।
इसरो ने कहा कि अपनी उड़ान के लगभग 13 मिनट बाद, एसएसएलवी रॉकेट ईओएस-07 को बाहर निकाल देगा और इसके तुरंत बाद अन्य दो उपग्रहों जनूस-1 और आजादीसैट-2 को 450 किमी की ऊंचाई पर बाहर निकाल दिया जाएगा।
अपने पोर्टफोलियो में नए रॉकेट के साथ, इसरो के पास तीन रॉकेट होंगे। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) और इसके वेरिएंट (कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये), जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी-एमके 2 की कीमत लगभग 272 करोड़ रुपये और एलवीएम-3, 434 करोड़ रुपये) और एसएसएलवी (प्रत्येक तीन रॉकेट की विकास लागत लगभग 56 करोड़ रुपये) और उत्पादन लागत बाद में कम हो सकती है।
गौरतलब है कि एसएसएलवी की पहली उड़ान एसएसएलवी-डी1- 7 अगस्त, 2022 को विफल हो गई थी। क्योंकि रॉकेट ने दो उपग्रहों - ईओएस-01 और आजादीसैट को गलत कक्षा में डाल दिया था।
इसरो के अनुसार, एसएसएलवी-डी1 के ऑनबोर्ड सेंसर इसके दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन के कारण प्रभावित हुए थे। जबकि रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को बाहर निकालने में सक्षम था, इजेक्शन गलत कक्षा में किए गए थे। उपग्रहों में एक स्थिर कक्षा में होने के लिए आवश्यक वेग का भी अभाव था। (आईएएनएस)|
वाराणसी (यूपी), 10 फरवरी | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एमएससी फाइनल ईयर के छात्र आशीष कुमार नामदेव ने डालमिया छात्रावास में अपने कमरे में कीटनाशक दवाई खा ली। उसे इलाज के लिए एसएसएल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। उसका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। इससे पहले उसने खुदकुशी का प्रयास किया था। तकरीबन 6 साल पहले राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान उसने आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
भेलूपुर के एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने कहा, कीटनाशक खाने के बाद आशीष कुमार नामदेव अपने छात्रावास के कमरे में अचेत अवस्था में पड़ा था। जिसके बाद उसे एसएसएल अस्पताल ले जाया गया। नामदेव की गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।
एसीपी ने कहा, शुरूआती जांच में यह बात सामने आई है कि नामदेव डिप्रेशन में था और पिछले छह महीने से बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज करा रहा था। जब वह 2017 में कोटा में पढ़ाई कर रहा था, तब उसने आत्महत्या का प्रयास किया था।
सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजन मध्य प्रदेश के रीवा से आ गए हैं और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
हॉस्टल में अन्य साथियों ने बताया कि आशीष डिप्रेशन में था, खासकर प्लेसमेंट ड्राइव में किसी कंपनी द्वारा उसका चयन नहीं किए जाने के बाद से वह डिप्रेस्ड रहता था। (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 10 फरवरी | तेलंगाना के नलगोंडा जिले में नागार्जुन सागर बांध में नहाने गए तीन लोग डूब गए। बचावकर्मियों ने गुरुवार देर रात मृतकों के शवों को बाहर निकाला।
उनकी पहचान नागराजू (39), उप्पला चंद्रकांत (26) और वचस्पति (25) के रूप में हुई है, जो हैदराबाद के निवासी हैं।
घटना गुरुवार शाम नालगोंडा जिले के पेड्डापुरम मंडल में हुई। तीनों एक शादी में शामिल होने के लिए नागार्जुन सागर स्थित अपने रिश्तेदारों के घर आए थे। अगले दिन वे शुक्रवार को निर्धारित नागाराजू के बेटे के उपनयन समारोह की व्यवस्था करने के लिए नागार्जुन सागर गए।
हाइडल पावर स्टेशन से पानी छोड़े जाने पर युवक पानी में बह गए। किनारे पर बैठे उनके रिश्तेदारों ने शोर मचाया। पुलिस ने स्थानीय मछुआरों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया। चार घंटे के लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद शवों को बाहर निकाला गया। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 10 फरवरी | उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2023 का शुभारंभ हो गया। आयोजन के लिए लखनऊ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान आदित्य बिरला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिरला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने ईज आफ डूइंग बिजनेस को लेकर कई शानदार कदम उठाए गए हैं जिसके कारण यह निवेशकों के लिए आकर्षक प्रदेश बन गया है। उन्होंने उद्योगपतियों से प्रदेश में निवेश की अपील की है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से हमारे 70 दशक पुराने संबंध हैं। रेणूकोट में हमारी फ्लैगशिप कंपनी हिंडाल्को की सीमेंट फैक्ट्री है। यूपी में आदित्य बिड़ला ग्रुप के 7 से अधिक बिजनेस हैं। 13000 लोग काम करते हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार और ईज आफ डूइंग बिजनेस में सुधार के कारण यूपी नए भारत के लिए आशा का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए उद्योग और सहयोग दोनों की आवश्यकता है जिसे यूपी पूरा कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंवेस्टर्स समिट के शुभारंभ के अवसर पर ट्वीट कर कहा कि "नए भारत के 'नए उत्तर प्रदेश' में आज से प्रारंभ हो रहे तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में निवेशकों, नीति-निर्धारकों, कॉरपोरेट जगत के प्रतिनिधिमंडलों, शिक्षाविदों एवं सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है।"
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के साथ ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा।
समिट के लिए डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 25 हजार वर्गमीटर में फाइव स्टार होटल की तर्ज पर 5 बड़े पंडाल और टेंट सिटी बसाई गई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर यूपी पुलिस अलर्ट पर है। नेपाल और पड़ोसी राज्यों की सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर खुफिया पुलिस तैनात की गई है। (आईएएनएस)|