राष्ट्रीय
संतोष कुमार पाठक
नई दिल्ली, 26 जून | राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बना कर भाजपा ने जो बड़ा राजनीतिक दांव खेला था,उसका असर अब साफ-साफ नजर आ रहा है। नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी सहयोगी दल भाजपा उम्मीदवार के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
वहीं एनडीए के खेमे से बाहर के दो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल ( जो अपने-अपने राज्य में सरकार चला रहे हैं) - बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने एनडीए उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर कर उनकी जीत की राह को शुक्रवार को ही आसान कर दिया है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा के इस दांव ने अब विपक्षी खेमें में भी सेंध लगा दी है। शनिवार को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी अपनी पार्टी के मूवमेंट का हवाला देते हुए और आदिवासी समाज की कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने की बात कहते हुए द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी।
भाजपा के इस दांव ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन में भी खलबली मचा दी है। झारखंड में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के नाम पर दबाव में है। झारखंड मुक्ति मोर्चा यह फैसला ही नहीं कर पा रहा है कि पहले की गई घोषणा के मुताबिक विरोधी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन किया जाए या पार्टी की विचारधारा और पहचान के मद्देनजर एक आदिवासी महिला (द्रौपदी मुर्मू) का समर्थन किया जाए।
यूपीए गठबंधन में शामिल झामुमो पर दबाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को इस संबंध में फैसला करने के लिए पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की बैठक में इसे लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया जा सका।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव में निर्णय लेने के लिए शिबू सोरेन को अधिकृत कर दिया गया है और इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि दिल्ली जाकर सीएम हेमंत सोरेन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और इसके बाद ही पार्टी यह फैसला करेगी कि राष्ट्रपति चुनाव में किसे समर्थन दिया जाए।
एक आदिवासी महिला, पहली बार देश की राष्ट्रपति बनने जा रही है भाजपा के इस दांव ने कई विरोधी दलों को दबाव में ला दिया है। देशभर के अन्य राज्यों से जुड़े विरोधी दलों के आदिवासी विधायक और सांसद भी भाजपा के इस दांव से मनोवैज्ञानिक तौर पर दबाव में आ गए हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तो प्रदेश के सभी विधायकों (कांग्रेस समेत) से खुलकर ओडिशा की बेटी को राष्ट्रपति बनाने के लिए वोट देने की अपील भी कर दी है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एच. डी. देवेगौड़ा द्वारा एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की तारीफ करने भी भाजपा का पक्ष और ज्यादा मजबूत हो गया है।
शुक्रवार को नामांकन के दौरान भाजपा द्वारा किए गए शक्ति प्रदर्शन से यह तो साबित हो गया है कि द्रौपदी मुर्मू आसानी से राष्ट्रपति चुनाव जीतने जा रही है । उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती के समर्थन ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के जीत के अंतर को और ज्यादा बढ़ा दिया है। देश के राजनीतिक माहौल, आगामी चुनावों और विपक्षी राजनीतिक दलों की सधी प्रतिक्रिया से यह साफ-साफ नजर आ रहा है कि आने वाले दिनों में कई विपक्षी दल अपनी-अपनी राजनीतिक मजबूरियों के कारण एनडीए उममीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर यह कहा जा सकता है कि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना कर भाजपा ने जो बड़ा राजनीतिक दांव खेला था, वो पूरी तरह से कामयाब होता नजर आ रहा है। (आईएएनएस)
जोशीमठ, 26 जून | बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिरही के पास चट्टान टूटने से बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया है। सुबह करीब 7:30 बजे भारी बारिश के बीच चट्टान का एक हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गया। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे तीर्थयात्रियों के वाहनों के पहिए रविवार सुबह थम गए। बदरीनाथ हाईवे पर अचानक चट्टान का एक हिस्सा टूटकर गिर गया, जिस कारण यहां हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
तीर्थयात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। एनएचआईडीसीएल की ओर से हाईवे को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई है।
हाईवे खोलने के प्रयास जारी है, लेकिन फिलहाल यहां यात्रियों को हाईवे खुलने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। उत्तराखंड में मौसम को देखते हुए पहले ही मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जून | यूक्रेन से करीब 3 महीने पहले लौटे भारतीय छात्र अपनी आगे कि पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित हैं, उनके साथ उनके माता-पिता भी बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। स्वदेश लौटे भारतीय छात्र रविवार को अपनी मांगों और परेशानियों पर प्रधानमंत्री की नजर पड़े, इस मकसद से अनशन शुरू किया है। दिल्ली के जंतर मंतर पर यह छात्र अपने परिजनों के साथ अनशन पर बैठे। हालांकि पुलिस की तरफ से इजाजत न मिलने के कारण यह प्रदर्शन एक दिन का होगा और पुलिस की तरफ से 300 लोगों की इजाजत दी गई है।
पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट्स की ओर से कहा गया है कि रविवार को छात्र और परिजन अनशन पर रहेंगे। संगठन ने कहा, "सरकार अब हमें आंदोलन करने पर मजबूर कर रही है। हम शांतिपूर्ण तरह से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आए हैं, लेकिन सरकार अगर हमारी तरफ गौर नहीं करती है तो पेरेंट्स को आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ेगा।"
यूक्रेन के वेनिसिया से स्वदेश लौटीं तृषा सागर दूसरे वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन गंगा के तहत हमें स्वदेश लाया गया, हम प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करते हैं। लेकिन हम वापस आने के बाद ऐसी ही हमें छोड़ दिया है तो हमें वापस बुलाना ही नहीं चाहिए था। यदि हम अपनी मांगो को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के वरिष्ठ लोगों के पास जाते हैं तो वे लोग बदतमीजी से बात करते हैं, हमें नीचा दिखाया जाता है।"
उन्होंने कहा, "हमें यह कहकर शर्मिदा किया जाता है कि 'आप यहां पढ़ने लायक नहीं हो, आप यहां डॉक्टर नहीं बन सकते। आप हमसे पूछकर यूक्रेन नहीं गए थे।' हम उनसे यह पूछना चाहेंगे कि क्या विदेश जाने के दौरान इनकी इजाजत नहीं चाहिए होती है? क्या इन्हें पता नहीं होता कि हम उधर पढ़ाई के लिए जा रहे हैं? तब ये हमसे क्यों बदतमीजी करते हैं?"
यूक्रेन में छह सालों में मेडिकल की पढ़ाई पूरी होती है। इसके बाद छात्रों को एक साल के लिए अनिवार्य इंटर्नशिप करनी पड़ती है। फिर भारत में प्रैक्टिस करने और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एफएमजीई यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम की पात्रता के लिए एक साल की सुपरवाइज्ड इंटर्नशिप भी करनी पड़ती है। इनके बाद एफएमजी एग्जाम क्वालीफाई करना पड़ता है।
यूक्रेन के खार्किव में चौथे वर्ष की मेडिकल पढ़ाई कर रहे ऋत्विक वाष्र्णेय ने आईएएनएस को बताया, "अनशन पर बैठने को हमें अब मजबूर होना पड़ रहा है पिछले 3 महीने से हम भारत लौटे हुए हैं, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई भी फैसला हमारी पढ़ाई को लेकर नहीं हुआ है। सरकार के जो मंत्री हमें लेने पहुंचे थे, उन्होंने हमसे वहां वादा किया था कि हम आपका भविष्य भी देखेंगे।"
"अभी तक हमारे पास किसी तरह की हमारे भविष्य को लेकर खबर नहीं आई है। सरकार यदि हमें एक निर्धारित समय दे दे तो हम थोड़ा संतुष्ट महसूस करें। लेकिन ऐसा सरकार की तरफ से नहीं हुआ है। हमारा एक डेलिगेशन एनएमसी भी गया, वहाँ भी संतुष्ट जवाब नहीं मिला।"
उन्होंने आगे कहा, "जिन छात्रों का आखिरी कुछ महीनों की पढ़ाई बची हो और अचानक उन्हें स्वदेश लौटना पड़े तो वे छात्र डिप्रेशन में चले जाते हैं। हमने अपनी मांगों को विधायकों सांसदों व अन्य अधिकारियों को पहले ही सौंप चुके हैं, वहीं हम धरना भी दे चुके हैं, लेकिन मजबूरन अब हमें अनशन पर बैठना पड़ रहा है।"
इससे पहले छात्रों और परिजनों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय के गेट के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शन किया था। पीएयूएमएस के राष्ट्रीय महासचिव पंकज धीरज ने बताया, "हम सब शांतिपूर्वक ढंग से देश के मेडिकल सेवा भविष्य को स्वदेश में ही अगली शिक्षा दिलवाने के लिए विगत ढाई माह से पीएम से मांग करते आ रहे हैं, अब सरकार को हमारी शांतिपूर्ण प्रक्रिया को गंभीरता से लेना चाहिए।"
"रविवार को देशभर के मेडिकल विद्यार्थी, दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर 'अनशन' शुरू करने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी उस संबंधित पीआईएल में केंद्र सरकार को सकारात्मक व मानवीय दृष्टिकोण वाला जबाव भी 29 जून को दाखिल करना है।"
उन्होंने आगे कहा, "यूक्रेन-रूस युद्ध आपदा के बीच करीब तीन माह पहले छात्र जान बचाकर स्वदेश लौटे, उनको यहां तक लाने में सरकार ने मदद की, लेकिन अब उनकी आगे की पढ़ाई के बारे में सरकार को सोचना होगा। उन्हें भारत में ही मेडिकल की पढ़ाई करानी होगी।"
देश के अलग-अलग राज्यों में छात्रों की संख्या अलग है। दिल्ली में 150 मेडिकल के छात्र हैं, जो यूक्रेन युद्ध के कारण स्वदेश लौटे, हरियाणा 1400, हिमाचल प्रदेश के 482, ओड़िशा 570, केरल 3697, महाराष्ट्र 1200, कर्नाटक 760, उत्तर प्रदेश 2400, उत्तराखंड 280, बिहार 1050, गुजरात 1300, पंजाब 549, झारखंड 184 और पश्चिम बंगाल के 392 छात्र हैं। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 26 जून | कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सोमवार से शुरू हो रहे केरल विधानसभा सत्र के दौरान वायनाड में राहुल गांधी के क्षेत्रीय कार्यालय पर हुए हमले का मुद्दा उठाएगी। संगठन के वायनाड जिला सचिव जिष्णु शसी के नेतृत्व में एसएफआई कार्यकर्ताओं के एक समूह ने राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। यह घटना गुरुवार को हुई थी।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के एक कर्मचारी, केआर अविशिथ की हमलावर टीम में मौजूदगी के कारण कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के कार्यालय पर हमले के पीछे माकपा राज्य नेतृत्व और केरल सरकार का हाथ है।
जहां वीना जॉर्ज ने दावा किया कि अविशीत को 15 जून से स्टाफ पद से हटा दिया गया है, वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह घटना मंत्री और माकपा राज्य नेतृत्व की पूरी जानकारी के साथ हुई थी।
कांग्रेस ने राज्यस्तरीय विरोध मार्च भी आयोजित किए हैं, जो राज्य के कई स्थानों पर हिंसक हो गए, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के खिलाफ कोट्टायम में आयोजित काला झंडा प्रदर्शन भी शामिल है।
इस बीच, सीपीआई केरल के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन ने एसएफआई के स्टूडेंट विंग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और कहा कि राहुल गांधी के कार्यालय पर हमला एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में पूरी तरह से अनुचित था।
भाकपा के सहायक सचिव प्रकाश बाबू ने कहा, "अगर एसएफआई पर लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में सत्तारूढ़ वाम मोर्चे को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जून | कई राज्यों में 23 जून को तीन लोकसभा और सात विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव की मतगणना रविवार को चल रही है। लोकसभा उपचुनाव उत्तर प्रदेश की दो सीटों - रामपुर व आजमगढ़ और पंजाब की संगरूर एक सीट पर हुए थे।
शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि सुबह 10 बजे आम आदमी पार्टी (आप) संगरूर में और समाजवादी पार्टी (सपा) आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर आगे चल रही थी।
दिल्ली के राजिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा पीछे चल रही है।
सुबह आठ बजे बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच और पोस्टल बैलेट के तहत बताए गए मतों की गिनती पहले हुई।
इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी नेता आजम खां के इस्तीफे के बाद उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव जरूरी हो गए थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के विधायक चुने जाने के बाद और लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद संगरूर में उपचुनाव कराना पड़ा है। मान ने पिछले दो संसदीय चुनावों 2014 और 2019 में संगरूर सीट जीती थी।
त्रिपुरा की चार विधानसभा सीटों अगरतला, जुबराजनगर, सूरमा और टाउन बारदोवाली में उपचुनाव हुए। मुख्यमंत्री माणिक साहा टाउन बारदोवाली से चुनाव लड़ रहे हैं।
अन्य तीन विधानसभा क्षेत्र दिल्ली में राजेंद्र नगर, झारखंड में मंदार और आंध्र प्रदेश में आत्मकुरु हैं। (आईएएनएस)
गणेश भट्ट
नई दिल्ली, 26 जून | केंद्रीय विश्वविद्यालय बीएचयू के वैज्ञानिकों ने तीन दशकों की मेहनत के उपरांत मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। यहां वैज्ञानिकों ने बिना लक्षण वाले कालाजार (लीशमैनियासिस) रोगियों की पहचान का एक नया तरीका खोज निकाला है, जो विश्वसनीय और किफायती है।
आंत का लीशमैनियासिस घातक है और मृत्यु का कारण बन सकता है। यह गंभीर रक्तस्राव, संक्रमण और चेहरे को विकृत (कुरूप) भी कर सकता है। भारत, इथियोपिया, ब्राजील, सूडान और बांग्लादेश में रहने वाले लोग इसके शिकार हो जाते हैं। शुरुआत में इसके एसिम्प्टोमैटिक होने से यह बीमारी सभी लोगों में फैल जाती है। इसका पता लगाना अब तक महंगा और बहुत जटिल रहा है। हालांकि नई रिसर्च से यह काफी सरल हो सकेगा।
भारत में हुआ यह शोध इस विषय पर विश्वभर में अब तक की अनोखी व नई रिसर्च है। भारत के वैज्ञानिकों का यह शोध कार्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है व यह प्रतिष्ठित शोध पत्रिका क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल इम्यूनोलॉजी के नवीनतम अंक में प्रकाशित हुआ है।
भारत में कालाजार फैलाने वाली रोगवाहक एक मक्खी 'फ्लैबोटामस अर्जेटाइप्स' है। अधिकांश मामलों में रोगियों में शुरुआती लक्षण नहीं दिखाई देते। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला है, जिसके कारण यह रोग कई लोगों में फैल जाता है। इससे आंतरिक रक्तस्राव और चेहरा भी कुरूप हो सकता है। यह मक्खी छोटे कीड़े के आकार की होती है। इसका आकार मच्छर का एक चौथाई होता है। इस मक्खी के शरीर की लंबाई 1.5 से 3.5 मिमी होती है।
वयस्क मक्खी रोएंदार होती हैं, जिसके सीधे पंख आयु के अनुपात में छोटे-बड़े होते हैं। इसका जीवन अंडे से शुरू होता है तथा लार्वा, प्यूपा के स्तर से होते हुए व्यस्क के रूप में पनपते हैं। इस पूरे चक्र में लगभग एक महीना लग जाता है, तथापि तापमान तथा अन्य भौगोलिक परिस्थितियों पर इसका विकास निर्भर करता है। इन मक्खियों के लिए आपेक्षिक उमस, गरम तापमान, उच्च अवमृदा पानी, घने पेड़ पौधे लाभकारी होते हैं।
बीएचयू के वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि शोध दल ने कालाजार के प्रभाव के क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों के तीन समूहों (अकैलक्षणिक कालाजार व्यक्तियों, काला-जार रोगियों और स्वस्थ व्यक्तियों) से एकत्र किए गए रक्त के नमूनों पर ट्रांसक्रिप्टोमिक अध्ययन किया और एम्फिरेगुलिन नामक एक बायोमार्कर की पहचान की, जो अलक्षणिक व्यक्तियों की पहचान में मदद करेगा। अलक्षणिक कालाजार संक्रमण वाले व्यक्ति नैदानिक लक्षण नहीं दिखाते हैं। यह अणु एम्फायरगुलिन न केवल सूजन और ऊतक क्षति को रोकता है, बल्कि उन्हें सक्रिय रोग वाले व्यक्तियों से भी अलग कर सकता है।
डॉ. सिद्धार्थ शंकर के मुताबिक, कालाजार में अनियमित बुखार, वजन कम होना, प्लीहा और यकृत का बढ़ना और एनीमिया शामिल हैं। ज्यादातर मामले ब्राजील, पूर्वी अफ्रीका और भारत में होते हैं। दुनियाभर में सालाना अनुमानित 50,000 से 90,000 नए मामले सामने आते हैं, जिनमें से केवल 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट किए जाते हैं। अलैक्षणिक व्यक्ति बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिखाते, लेकिन परजीवी को अपने शरीर में संयोजित किए रहते हैं, जो कालाजार के फैलाव में मदद कर सकता है। इसिलिए यह शोध कालाजार अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष रूप से भारत सरकार के उन्मूलन कार्यक्रम के आलोक में बहुत दिलचस्प खोज है।
अपनी इस नई व महत्वपूर्ण रिसर्च के बारे में आईएएनएस को बताते हुए बीएचयू ने कहा कि बिना लक्षण वाले कालाजार रोगियों की पहचान करने का एक नया तरीका खोजा गया है। बीएचयू के वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया यह नया तरीका वैश्विक स्तर पर भी स्वीकार्य, विश्वसनीय और किफायती हो सकता है।
इस अध्ययन का नेतृत्व सीनियर रिसर्च फेलो सिद्धार्थ शंकर सिंह ने प्रो. श्याम सुंदर विशिष्ट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, चिकित्सा विज्ञान संस्थान और डॉ. राजीव कुमार, सीईएमएस, आईएमएस-बीएचयू के मार्गदर्शन में किया।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मुताबिक, यह नई रिसर्च स्थानिक क्षेत्र में रोग का बेहतर प्रबंधन करने में मदद करेगी। पिछले तीन दशकों से कालाजार अनुसंधान के क्षेत्र में कार्यरत देश के अग्रणी वैज्ञानिक प्रो. श्याम सुंदर ने कहा कि हम भारत सरकार के कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने शोध कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं और यह खोज उस दिशा में एक बड़ा कदम है। (आईएएनएस)
वाराणसी, 26 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर की रविवार को वाराणसी के पुलिस लाइन में इमरजेंसी लैंडिंग की गई। सूत्रों ने कहा कि पक्षी से हेलीकॉप्टर के टकराने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग की गई है।
फिलहाल, मुख्यमंत्री वाराणसी में हैं। वह सड़क मार्ग से एयरपोर्ट जाएंगे और स्टेट प्लेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे।
नई दिल्ली, 26 जून | भारत में रविवार को सामने आए। पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 11,739 नए मामले दर्ज किए गए। बीते 24 घंटे में यह शनिवार को सामने आए कोरोना वायरस के 15,940 मामलों की तुलना में काफी कम है। इसी अवधि में, देश में महामारी से 25 मरीजों की मौत हुई, जिससे देशभर में मरने वालों की संख्या 5,24,999 हो गई। वहीं 10,917 मरीज ठीक भी हुए। इस संख्या से कोरोना को मात देने वालों का आंकड़ा बढ़कर 4,27,72,498 हो गया।
भारत में रिकवरी रेट 98.58 प्रतिशत है। जहां डेली पॉजिटिविटी रेट भी घटकर 2.59 प्रतिशत रह गई, वहीं वीकली पॉजिटिविटी रेट 3.25 प्रतिशत रही।
साथ ही इसी अवधि में, देशभर में कुल 4,53,940 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक 86.07 करोड़ से अधिक टेस्ट किए गए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जून | सरकार ने बहुचर्चित अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना में भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। 14 जून को घोषित होने के बाद से देश में सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। टीवी स्क्रीन और समाचार पत्रों में हिंसक प्रदर्शनकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त गाड़ियों, पथराव और वाहनों को तोड़े जाने की तस्वीरों की बाढ़ आ गई।
हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई जगहों पर पुलिस को फायरिंग और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। जून के मध्य में जैसे ही हिंसक विरोध कई राज्यों में फैल गया, सत्तारूढ़ एनडीए-भाजपा सरकार और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
जबकि विपक्ष ने केंद्र सरकार पर बिना किसी वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा के युवाओं को नौकरी की योजना देने का आरोप लगाया।
भाजपा ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और युवाओं को योजना के खिलाफ भड़काने के लिए विपक्ष पर हमला बोला।
हालांकि, विपक्ष के विरोध और आरोपों से बेपरवाह सरकार ने अग्निपथ योजना को लागू करने और भर्ती शुरू करने का फैसला किया है। योजना के तहत भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इस योजना के खिलाफ विरोध लगभग गायब हो गया है।
सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने विरोध प्रदर्शनों के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस के लिए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया।
सर्वे के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वाकई विरोध प्रदर्शन धीमा हो गया है या मीडिया ने उन्हें दिखाना बंद कर दिया है, लोगों की राय बंटी हुई थी।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि सैन्य भर्ती के खिलाफ विरोध कम हो गया है, वहीं 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि विरोध अभी भी जारी है, हालांकि, मीडिया ने उन्हें दिखाना बंद कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि एनडीए के अधिकांश मतदाताओं, 65 प्रतिशत ने कहा कि आंदोलन कम हो गया है, इस मुद्दे पर विपक्षी समर्थकों के विचार विभाजित थे।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 55 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं का मानना है कि मीडिया ने प्रदर्शन दिखाना बंद कर दिया है, वहीं 45 प्रतिशत ने कहा कि वे घट गए हैं।
सर्वे के दौरान इस मुद्दे पर शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के मतदाताओं की राय भी बंटी हुई थी।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, 56 फीसदी शहरी मतदाताओं ने कहा कि आंदोलन कम हो गया है, उनमें से 44 फीसदी ने जोर देकर कहा कि विरोध अभी भी जारी है लेकिन मीडिया उन्हें रिपोर्ट नहीं कर रहा है।
इसी तरह, जहां 52 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने कहा कि विरोध प्रदर्शन कम हुआ है, वहीं 48 प्रतिशत इस भावना से सहमत नहीं हैं और मानते हैं कि वास्तव में मीडिया ने उन्हें दिखाना बंद कर दिया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जून | कांग्रेस पार्टी में संचार विभाग में बदलाव के बाद लगातार अलग-अलग बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस ने विनीत पुनिया को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पार्टी में आंतरिक संचार मामलों का प्रभारी बनाया है। पुनिया अब तक कांग्रेस के मीडिया विभाग में सचिव की भूमिका निभा रहे थे। इसके साथ ही वैभव वालिया को संचार विभाग में सचिव की जिम्मेदारी मिली है। वह कांग्रेस महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश के साथ संबद्ध होंगे।
वहीं अमिताभ दुबे को संचार विभाग में शोध मामलों का प्रभारी नियुक्त किया गया है। कांग्रेस संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन नियुक्तियों को स्वीकृति दी।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने रणदीप सुरजेवाला की जगह जयराम रमेश को संचार विभाग का प्रभारी बनाया है। वह मीडिया, सोशल मीडिया और हर तरह के कम्युनिकेशन के प्रभारी बने हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जून | विपक्षी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्षी खेमे में फिलहाल मतभेद दिखाई दे रहे हैं क्योंकि झामुमो का झुकाव राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की ओर है। इस बात की जानकारी सुत्रो के मुतबिक सामने आई है। जेडीएस नेता एच.डी. देवेगौड़ा ने एनडीए उम्मीदवार की प्रशंसा की और उन्हें 'उपयुक्त' और 'गैर-विवादास्पद' करार दिया।
इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए शनिवार को झामुमो की बैठक हो रही है।
सिन्हा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालयों को फोन कर चुनाव के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने विपक्षी दलों के सभी नेताओं को एक पत्र भी लिखा।
सिन्हा ने ट्वीट किया, "राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मुझे अपने आम उम्मीदवार के रूप में चुनने के लिए उनका धन्यवाद। मैं वास्तव में सम्मानित हूं। संविधान की रक्षा करना हमारा गंभीर वादा, प्रतिज्ञा और प्रतिबद्धता है।"
पत्र में सिन्हा ने लिखा, "भारत बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है, मैं आम लोगों के लिए आवाज उठाऊंगा।"
नामांकन दाखिल करने के बाद सिन्हा ने कहा कि वह सांसदों और विधायकों से मिलने के लिए अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।
सिन्हा ने बुधवार को कहा कि दूसरी विचारधारा के नेता संविधान का गला घोंटने और चुनावों में जनादेश का मजाक बनाने पर आमादा हैं।
उन्होंने कहा, "निर्वाचित होने पर मैं राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और अखंडता को हथियार बनाने की अनुमति नहीं दूंगा, जैसा कि अभी हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "संविधान के संघीय ढांचे पर चल रहे हमलों, जिससे सरकार राज्य सरकारों को उनके वैध अधिकारों और शक्तियों को लूटने का प्रयास कर रही है, को पूरी तरह से अस्वीकार्य माना जाएगा।"
"मैं अपने कार्यालय के अधिकार का उपयोग खतरनाक शक्ति की जांच के लिए भी करूंगा। गलत तरीके से कमाया गया धन भारतीय लोकतंत्र की आत्मा की हत्या कर रहा है और चुनावों में जनादेश का मजाक बना रहा है।"
एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने मंगलवार को सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित किया, उसी दिन भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया।
इसके लिए चुनाव 18 जुलाई को होने हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जून | ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोवोवैक्स वैक्सीन के लिए 7-11 साल के बच्चों के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (ईयूए) की सिफारिश की। एक सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा, भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की विषय विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के वैक्सीन कोवोवैक्स की सिफारिश 7-11 साल के बच्चों के लिए की है।
विशेषज्ञ पैनल की सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए डीसीजीआई को भेज दिया गया है।
हालांकि, अंतिम मंजूरी के लिए मंजूरी देने से पहले डीजीसीआई सिफारिश की समीक्षा करेगा। विशेषज्ञ पैनल ने अप्रैल में अपनी पिछली बैठक में स्रोत के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट से आवेदन पर अधिक जानकारी मांगी थी।
भारत के दवा नियामक ने 28 दिसंबर, 2021 को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को और 9 मार्च को कुछ शर्तों के साथ 12-17 आयु वर्ग में अनुमोदित किया था। (आईएएनएस)
पणजी, 24 जून | गोवा के कलंगुट में दो लोगों को कथित तौर पर नारकोटिक पुलिस अधिकारियों का रूप धारण करने और फिर एक महिला से छेड़छाड़ करने और उसका सामान चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि एक पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, कलंगुट पुलिस ने स्थानीय निवासी दीपक अरोंडेकर और पश्चिम बंगाल के मूल निवासी प्रसेनजीत दास को दो मोबाइल फोन और शिकायतकर्ता के 3,000 रुपये की लूट के आरोप में गिरफ्तार किया है।
आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जून | भारत में शनिवार को पिछले 24 घंटों में 15,940 संक्रमणों के मामले में गिरावट देखी गई, जबकि पिछले दिन यह 17,336 थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इसी अवधि में 20 लोगों की मौत के साथ देश भर में मरने वालों की संख्या 5,24,974 हो गई।
इस बीच, सक्रिय मामले भी 91,779 मामलों तक पहुंच गया है, जो कुल मामलों का 0.21 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटों में 12,425 मरीजों के ठीक होने के बाद कुल संख्या 4,27,61,481 हो गई। नतीजतन, देश में कोविड से उबरने की दर अब 98.58 प्रतिशत है।
इस बीच, दैनिक संक्रमण दर 4.39 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 3.30 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में, कुल 3,63,103 परीक्षण किए गए, जो कुल मिलाकर 86.02 करोड़ से अधिक हो गए।
शनिवार की सुबह तक भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 196.94 करोड़ से अधिक हो गया, जो 2,55,36,802 सत्रों के माध्यम से हासिल किया गया।
इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद से 3.62 करोड़ से अधिक किशोरों को कोविड-19 जैब की पहली खुराक दी गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जून | भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) ने देशभर के सात आईआईटी में 'मेडटेक नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए आईसीएमआर-डीएचआर-उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) शुरू किया है। आईसीएमआर-डीएचआर- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का अनावरण आईआईटी- बंबई, आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-गुवाहाटी, आईआईटी-हैदराबाद, आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-खड़गपुर और आईआईटी-मद्रास में किया गया। इन केंद्रों को उनके संभावित तैनाती के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान भारत और सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जरूरतों के साथ तालमेल में उत्पादों, प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए स्थापित किया गया है।
इस समय देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की चिकित्सा उपकरणों की जरूरतों के लिए आयात पर 80 प्रतिशत निर्भरता है।
आईसीएमआर-डीएचआर आईसीएमआर ने एक बयान में कहा, "क्लिनिकल परीक्षण, सत्यापन और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन (एचटीए) आयोजित करने में आईसीएमआर की ताकत के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रोटोटाइप विकास में अग्रणी होने के नाते आईआईटी देश में मेक-इन-इंडिया उत्पाद विकास में एक नया प्रतिमान स्थापित करेगा। आईआईटी के सीओई बदले में चिकित्सा संस्थानों के साथ सहयोग करेंगे, ताकि उन्हें व्यापक रूप से अपनाने के लिए जरूरत से प्रेरित, किफायती और समावेशी स्वास्थ्य समाधान विकसित किया जा सके।"
आईसीएमआर के महानिदेशक, डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, "आईआईटी में सीओई की स्थापना एक नया पारिस्थितिकी तंत्र संचालित दृष्टिकोण है, जो कम सेवा वाले समुदाय के लिए उच्च अंत स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों को लाने के मिशन के साथ है।"
कउटफ-ऊफ ने महामारी विज्ञान की तैयारियों के लिए निदान और चिकित्सा तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएमए) योजना के तहत आईआईटी-दिल्ली में मेडिकल प्रोडक्ट गेटवे ऑफ इंडिया की स्थापना की है। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 25 जून | कांग्रेस केरल इकाई ने शनिवार को आरोप लगाया कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और इसे माकपा के शीर्ष नेताओं की पूरी जानकारी के साथ अंजाम दिया गया। एआईसीसी महासचिव और अब गांधी के करीबी के.सी.वेणुगोपाल ने कहा कि यह शीर्ष माकपा नेतृत्व की पूरी जानकारी में हुआ, यदि नहीं, तो क्या मौके पर मौजूद जिला पुलिस का शीर्ष अधिकारी महज तमाशा बना रहेगा?
वेणुगोपाल ने कहा, "आरएसएस की तरह माकपा गांधी को पसंद नहीं करती है और इसलिए महात्मा गांधी की तस्वीर को एसएफआई कार्यकर्ताओं ने हटा दिया।"
विपक्ष के नेता वी.डी.सतीसन ने इसे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय द्वारा तैयार की गई 'गेम प्लान' करार दिया, क्योंकि वे उनके और उनके परिवार के खिलाफ 'विस्फोटक खुलासे' के बाद सोने की तस्करी के मामले से लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ लोकसभा सांसद के. मुरलीधरन ने कहा कि हाल ही में स्पष्ट कारणों से सीपीआई-एम भाजपा को खुश रखना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया, "वायनाड में एसएफआई के पास इसका कोई कारण नहीं है, लेकिन उन्हें माकपा के शीर्ष नेताओं ने ऐसा करने के लिए मजबूर किया, क्योंकि वे दिल्ली में भाजपा को खुश रखना चाहते हैं।"
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनकी पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार देर रात एसएफआई हमले की निंदा की। वायनाड के पुलिस उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया गया और तोड़फोड़ के आरोप में 19 एसएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
आज सुबह, इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी.सानू और राज्य अध्यक्ष के.अनुश्री सहित एसएफआई के शीर्ष नेताओं को माकपा के राज्य पार्टी मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, जहां माकपा की दो दिवसीय राज्य समिति की बैठक निर्धारित है।
एसएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष सानू, जिन्हें सुबह यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय में देखा गया, ने कहा कि विरोध अनियोजित था।
सानू ने कहा, "इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह कोई विरोध प्रदर्शन नहीं था, जिसमें एसएफआई की राज्य समिति की सहमति थी।"
इस बीच, विजयन ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनोज अब्राहम से एक सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी 30 जून को निर्वाचन क्षेत्र में आ रहे हैं और उनके तीन दिनों तक रुकने की उम्मीद है।
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता वायनाड पहुंच रहे हैं और बाद में दिन में एक विरोध बैठक की भी योजना है। (आईएएनएस)
कोच्चि, 24 जून | वरिष्ठ फिल्म, टीवी धारावाहिक अभिनेता वी.पी. का शूटिंग लोकेशन पर निधन हो गया। उद्योग के सूत्रों ने बताया कि खालिद का शुक्रवार को यहां के पास वैकोम में हार्ट अटैक से निधन हुआ।
70 वर्षीय खालिद जूड एंटनी के नवीनतम निर्देशन उद्यम की शूटिंग कर रहे थे।
शूटिंग लोकेशन पर नाश्ता करने के बाद खालिद शौचालय चले गए।
कुछ देर तक जब वह नहीं लौटे तो अन्य लोग उनकी तलाश में गए और वहां उन्हें बेहोशी की अवस्था में पाया।
नजदीकी अस्पताल ले जाने के बावजूद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
खालिद एक बेहद लोकप्रिय मंच अभिनेता थे और उन्होंने लंबे समय तक एलेप्पी थियेटर्स के साथ काम किया।
बाद में, उन्होंने फिल्मों में छोटी भूमिकाएं करना शुरू कर दिया और टीवी धारावाहिकों में अभिनय करने के बाद एक प्रसिद्ध अभिनेता बन गए।
उनके तीन बेटे- शाइजू, जिम्शी और निर्देशक खालिद रहमान भी फिल्म उद्योग में अच्छा काम कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 24 जून । शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बीच पार्टी के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी का संख्याबल कम हुआ है, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई की बागी विधायक सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को समर्थन देंगे ।
राउत ने कहा ‘‘संख्या किसी भी वक्त बदल सकती है।’’ उन्होंने कहा कि मुंबई लौटने के बाद ही बागी विधायकों की पार्टी के प्रति वफादारी की असली परीक्षा होगी।
शिवसेना नेता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार को ‘‘धमकाने’’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नारायण राणे पर भी निशाना साधा। हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
शिवसेना से बगावत करने वाले शिंदे पार्टी के 37 विधायकों तथा नौ निर्दलीय विधायकों के साथ फिलहाल गुवाहाटी के एक होटल में हैं।
राउत ने पत्रकारों से बातचीत में स्वीकार किया कि बगावत के कारण विधानसभा में पार्टी का संख्याबल कम हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ बागी गुट ने पर्याप्त संख्याबल होने का दावा किया है और लोकतंत्र संख्याबल पर चलता है। लेकिन नंबर किसी भी वक्त बदल सकते हैं। जब बागी विधायक लौटेंगे, तो बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना के प्रति उनकी वफादारी की परीक्षा होगी।’’
राउत ने कहा कि यह कानूनी लड़ाई है, कुछ नियम हैं और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देश हैं। उन्होंने कहा,‘‘ एमवीए एकजुट है....हमें उम्मीद है कि सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान बागी एमवीए को समर्थन देंगे।’’
इससे पहले उन्होंने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत में कहा था कि पार्टी बागी विधायकों के मुंबई लौटने का इंतजार कर रही है।’’
उन्होंने कहा था,‘‘ मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे को उम्मीद है कि अधिकतर बागी विधायक पार्टी मे लौट आएंगे। बागियों को मुंबई लौटना होगा और राज्यपाल से मिलना होगा, इसके बाद विधायकों की गिनती होगी और विश्वास मत होगा।’’
राउत ने ट्वीट करके शरद पवार को ‘‘धमकी’’ देने के लिए केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे पर भी निशाना साधा।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘क्या भाजपा इस प्रकार की भाषा की इजाजत देती है? सरकारें आएंगी और जाएंगी लेकिन महाराष्ट्र शरद पवार के खिलाफ इस प्रकार की भाषा को बर्दाश्त नहीं करेगा।’’
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को राणे ने पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह शिवसेना के बागी विधायकों को धमका रहे हैं और अगर महाराष्ट्र विधानसभा में उन्हें कुछ होता है तो उसके परिणाम भुगतने होंगे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 जून । केन्द्र सरकार ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कमांडो की ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा को सिन्हा (84) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश मिलने के बाद दस्ते ने सिन्हा की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है।
अधिकारियों ने कहा कि सिन्हा जब भी देश में कहीं आएंगे-जाएंगे, आठ से दस सशस्त्र जवान उनकी सुरक्षा करेंगे।
गौरतलब है कि राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को भी जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
समझा जाता है कि सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे जिसके बाद वह अपने लिए वोट मांगने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे।
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा तथा मतगणना 21 जुलाई को होगी।
वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है। (भाषा)
कोच्चि, 24 जून | गो फर्स्ट (पूर्व में गोएयर) 28 जून से कोच्चि से अबू धाबी के लिए त्रि-साप्ताहिक उड़ानें शुरू करने के लिए तैयार है। एयरलाइन अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। उड़ानें प्रत्येक मंगलवार, शुक्रवार और रविवार को संचालित होंगी।
उद्घाटन उड़ान कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 20:05 घंटे (स्थानीय समय) पर प्रस्थान करेगी और 22:40 बजे (स्थानीय समय) अबू धाबी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगी।
वापसी पर, एफ्लाइट जी8 064 अबू धाबी से 23:40 बजे (स्थानीय समयानुसार) प्रस्थान करेगी और 05:10 बजे (स्थानीय समय) कोच्चि पहुंचेगी।
इस एयरलाइन को उम्मीद है कि इसके माध्यम से वे मध्य पूर्व में अपने अंतरराष्ट्रीय पदचिह्न् को मजबूत करेंगे।
एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने कहा कि इसके माध्यम से वे मध्य पूर्व में अपनी कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगे। (आईएएनएस)
मुंबई, 24 जून | महाराष्ट्र राजनीतिक संकट चौथे दिन भी जारी रहा। बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा स्पीकर नरहरि जिरवाल को अपने 37 विधायकों की लिस्ट सौंपी है। गुरुवार को देर से सौंपी गई लिस्ट में दो प्रस्तावों को भी जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि शिंदे शिवसेना विधायक दल के प्रमुख बने रहेंगे और विधायक भरत गोगावले को नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है।
शिंदे ने शुक्रवार (24 जून) को 40 विधायकों और एक दर्जन निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन का दावा किया।
शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
पार्टी और विधायकों के बीच दरारें तब और गहरी हो गई, जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को चीफ व्हिप पद से पार्टी ने हटा दिया और उनकी जगह पर अजय चौधरी को नया चीफ व्हिप बनाया गया।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अब 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की डिप्टी स्पीकर जिरवाल की याचिका के साथ कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है, क्योंकि लोकतंत्र बहुमत के आंकड़ों पर चलता है जो कभी भी बदल सकता है।
राउत ने आगाह किया, "अब तक, बागियों द्वारा किया जा रहा दावा सिर्फ कागजों पर है। वे अभी तक मुंबई नहीं आए हैं और उनके लौटने के बाद संख्या बदल जाएगी। जो चले गए हैं उन्हें पछताना होगा।"
शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए एकनाथ शिंदे ने 'अयोग्य' की मांग को लेकर कहा, "हम इस तरह की धमकियों से डरते नहीं हैं, हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह बिल्कुल कानूनी है। हमारे पास सभी विधायकों के हलफनामे हैं कि वे स्वेच्छा से हमारे साथ शामिल हुए हैं। बहुमत संख्या हमारे पास है। 40 से अधिक शिवसेना विधायक और 12 निर्दलीय और अन्य का हमें सर्मथन प्राप्त है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 24 जून | सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। यह याचिका गुजरात दंगे मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी की फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ दायर की गई थी, जिसे शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार वाली पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि जकिया जाफरी की ओर से दायर अपील में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
2002 में हुए दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। इस एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दी थी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में जाफरी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान एसआईटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि शीर्ष अदालत को जाफरी की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले का समर्थन करना चाहिए।
अपनी दलील को समाप्त करते हुए रोहतगी ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों की जांच के खिलाफ किसी ने भी उंगली नहीं उठाई है। (आईएएनएस)
मुंबई, 24 जून । शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के अपनी पार्टी के खिलाफ बगावत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शामिल होने के आरोपों के बीच भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट में उनकी पार्टी की कोई भी भूमिका नहीं है।
हालांकि, उन्होंने बिना कोई ब्योरा दिए स्वीकार किया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस बृहस्पतिवार को ‘‘किसी काम के लिए’’ दिल्ली गए थे।
पाटिल की यह टिप्पणी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के मौजूदा संकट के पीछे भाजपा की भूमिका है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी में अपने साथ मौजूद विधायकों को संबोधन के दौरान भाजपा की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि एक ‘‘राष्ट्रीय पार्टी’’ ने उनके विद्रोह का समर्थन किया है और बागियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
पाटिल ने अपने गृहनगर कोल्हापुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘भाजपा का शिवसेना या महा विकास आघाड़ी (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए) में मौजूदा आंतरिक कलह से कोई लेना-देना नहीं है। बृहस्पतिवार को मुंबई में मैंने देवेंद्र फडणवीस के साथ दोपहर का भोजन किया और फिर वह (फडणवीस) किसी काम से नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत के दौरान फडणवीस ने मुझसे कहा कि कुछ चीजें हो रही हैं। लेकिन अगर कुछ भी महत्वपूर्ण (कोई भी विकास) होता, तो वह निश्चित रूप से मुझे विश्वास में लेते।’’ पाटिल ने कहा कि भाजपा फिलहाल 2024 के चुनावों की तैयारियों में लगी हुई है।
शिंदे फिलहाल शिवसेना के 37 बागी विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं।
शिंदे के विद्रोह के पीछे भाजपा की भूमिका के बारे में शरद पवार के बयान पर पाटिल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पवार और शिवसेना के संजय राउत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का अत्यधिक उपयोग करते हैं। मैं तो रोज समाचार भी नहीं देख पाता हूं, इसलिए मुझे पता नहीं है कि वास्तव में शिवसेना में क्या हो रहा है।’’
यह पूछे जाने पर कि मुंबई के भाजपा पदाधिकारी मोहित कम्बोज शिवसेना के बागी नेताओं के साथ गुवाहाटी में हैं, पाटिल ने कहा, ‘‘हर राजनीतिक दल में उनके मित्र हैं। वह किसी की मदद करने गए होंगे। कम्बोज कहां हैं, इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 जून । उच्चतम न्यायालय ने मानसिक रूप से अस्वस्थ एवं दिव्यांग साढ़े सात साल की बच्ची के बलात्कार और उसकी हत्या के दोषी को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखते हुए शुक्रवार को कहा कि यह अपराध अत्यंत निंदनीय है और अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की तीन सदस्यीय पीठ ने मृत्युदंड दिए जाने के राजस्थान उच्च न्यायालय के 29 मई, 2015 के आदेश को बरकरार रखा है।
पीठ ने कहा, ‘खासकर, जब पीड़िता (मानसिक रूप से अस्वस्थ और दिव्यांग साढ़े सात साल की बच्ची) को देखा जाए, जिस तरह से पीड़िता का सिर कुचल दिया गया, जिसके कारण उसके सिर की आगे की हड्डी टूट गई और उसे कई चोटें आईं, उसे देखते हुए यह अपराध अत्यंत निंदनीय और अंतरात्मा को झकझोर देता है।’’
उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह मामला अत्यंत दुर्लभ मामलों की श्रेणी में आता है और उसने सत्र अदालत द्वारा इस मामले में पारित आदेश को बरकरार रखा था। उसने कहा था कि सत्र अदालत के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है।
अपराधी ने 17 जनवरी, 2013 को बच्ची का अपहरण किया था, उसका बलात्कार किया था और उसकी हत्या कर दी थी। (भाषा)
पटना, 24 जून | बिहार भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने शुक्रवार को एक अज्ञात कॉलर से जान से मारने की धमकी के संबंध में पुलिस शिकायत दर्ज कराई। ठाकुर, जो वर्तमान में विधानसभा के मानसून सत्र के लिए राज्य की राजधानी में हैं, उन्होंने कहा कि गुरुवार रात 10.47 बजे, उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने उन्हें एक विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने से परहेज करने या मौत का सामना करने की चेतावनी दी।
ठाकुर ने कहा, "हमने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस थाने में दी है और प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।"
मधुबनी जिले के बिप्सी विधानसभा क्षेत्र के विधायक को एक हिंदूवादी कट्टरपंथी माना जाता है, जो अपने उग्र भाषणों और एक विशेष समुदाय के खिलाफ बयानों के लिए जाने जाते हैं।
ठाकुर ने कहा, "जान से मारने की धमकी देने वाले कायर हैं क्योंकि वे हिसाब चुकता करने के लिए हमसे भिड़ रहे हैं।"
उनकी हिंदू कट्टर छवि के कारण, भाजपा ने अग्निपथ विरोध के दौरान नौ अन्य नेताओं के साथ उन्हें वाई-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। (आईएएनएस)