राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 26 सितंबर | भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,129 नए मामले दर्ज हुए हैं, जो पिछले दिन रविवार को सामने आए 4,777 से मामूली गिरावट पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को ये जानकारी दी। इसी अवधि में, कोविड-19 से 20 लोगों की मौत हुई। जिसके चलते कुल मौतों का आंकड़ा 5,28,530 तक पहुंच गया। वहीं, 4,688 मरीज महामारी से ठीक भी हुए है।
देशभर में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या 4,40,00,298 हो गई है।
इस बीच, भारत का डेली पॉजिटिविटी रेट 2.51 प्रतिशत है, जबकि वीकली पॉजिटिविटी रेट वर्तमान में 1.61 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में, देश भर में कुल 1,64,377 कोरोना टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.38 करोड़ से अधिक हो गई। आईएएनएस)|
शिमला, 26 सितंबर | देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों को समर्पित नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के पहले दिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में क्षेत्रभर से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बिलासपुर जिले में नैना देवी के लोकप्रिय मंदिर, ऊना जिले में चिंतपूर्णी, कांगड़ा जिले में ब्रजेश्वरी देवी, ज्वालाजी और चामुंडा देवी, शिमला जिले में भीमाकाली और हटेश्वरी, हमीरपुर जिले में बाबा बालक नाथ में भारी भीड़ देखी गई।
अधिकांश तीर्थयात्री पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से आए थे।
संभावना जताई जा रही है कि मंदिरों में प्रतिदिन 20,000 से अधिक भक्त आएंगे।
खास बात यह कि भक्त मंदिरों के ऑनलाइन लाइव दर्शन कर सकते हैं और प्रसाद भी चढ़वा सकेंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाए गए हैं।
नवरात्रि महोत्सव का समापन 5 अक्टूबर को होगा। (आईएएनएस)|
जयपुर, 25 सितंबर | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सीएम चेहरे पर बने सस्पेंस के बीच चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि, नई पीढ़ी को नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए। जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया। इस बीच, गहलोत रविवार को जैसलमेर में हैं, उनके खेमे के कुछ विधायक कथित तौर पर राज्य मंत्री शांति धारीवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग ले रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि, बैठक यह तय करने के लिए बुलाई गई है कि पायलट के मुख्यमंत्री बनने पर गहलोत खेमे की क्या राय है।
धारीवाल के आवास पर मौजूद लोगों में राज्य के मंत्री महेश जोशी, शकुंतला रावत और विधायक दानिश अबरार, महेंद्र चौधरी, आलोक बेनीवाल शामिल हैं। हालांकि गहलोत ने अपने बयान से साबित कर दिया है कि, वह युवा नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहते हैं।
अशोक गहलोत रविवार शाम को जयपुर लौटेंगे। जहां वो अपने आवास पर शाम 7 बजे सीएलपी की बैठक करेंगे। इस बीच एक अन्य नेता सीपी जोशी ने पूरे मामले में चुप्पी साधी हुई है। (आईएएनएस)|
अक्षय आचार्य
मुंबई, 25 सितंबर । घोटालों ने हमेशा कहानीकारों, फिल्म निर्माताओं और कंटेंट क्रिएटर्स को आकर्षित किया है, जो अतीत की घटनाओं को सम्मोहक तरीके से पेश करने के लिए एक सूत्र ढूंढते हैं। 'स्कैम 1992 : द हर्षद मेहता स्टोरी' और 'जामताड़ा' ने लंबे समय तक दर्शकों का मनोरंजन करते हुए उन्हें बड़े पैमाने पर इन घोटालों के नतीजों से रूबरू कराया है।
मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से प्रेरित बताई जा रही हाल ही में रिलीज हुई एमएक्स प्लेयर सीरीज 'शिक्षा मंडल' मेडिकल प्रवेश परीक्षा घोटाले की कहानी बयां करती है।
यह घोटाला, जो 1990 के दशक से चल रहा था, 2013 में सामने आया। व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भारी अनियमितताएं पाई गईं। व्यापम को मेडिकल छात्रों के चयन और मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड के रूप में जाना जाता है। सरकारी कर्मचारी (खाद्य निरीक्षक, परिवहन कांस्टेबल, पुलिसकर्मी, स्कूल शिक्षक, डेयरी आपूर्ति अधिकारी और वन रक्षक सहित) पद के लिए चयन इसी के माध्यम से किया जाता था। इसके परीक्षा परिणामों में धांधली हुई थी।
घोटाले में शामिल लगभग 40 व्यक्तियों की अप्राकृतिक कारणों से मौत हो गई, हालांकि अनौपचारिक आंकड़ा 100 से अधिक मौतों का है जैसा कि मीडिया ने बताया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी इसमें आरोपी बनाया गया था। शर्मा का 2021 में 60 वर्ष की आयु में कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण निधन हो गया।
आईएएनएस ने हाल ही में एमएक्स प्लेयर के मुख्य कंटेंट अधिकारी गौतम तलवार से घोटाले की प्रकृति, अनुसंधान, प्रलेखन, निष्कर्ष और घोटाले की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की।
तलवार ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा : "इस तरह के घोटाले की बौलत जो छात्र भविष्य के डॉक्टर बनेंगे, वे लोगों के जीवन और समग्र रूप से समाज को प्रभावित करेंगे। निश्चित रूप से यह कहने लायक कहानी है।"
वह पूरी मशीनरी के काम करने के तरीके और इसे हकीकत बनाने में शामिल लोगों की संख्या से भी हैरान थे।
शोध के एक भाग के रूप में, लेखन टीम ने विभिन्न समाचार लेखों, चल रहे अदालती मामलों की कार्यवाही का अध्ययन किया और पीड़ितों के रिश्तेदारों और सहयोगियों से भी मुलाकात की।
तलवार ने आगे कहा : "उन्होंने कोचिंग सेंटरों का दौरा किया और समझा कि छात्रों के दृष्टिकोण से परीक्षा प्रक्रिया कैसे होती है। कुछ मामलों में टीम ने पीड़ितों से भी मुलाकात की, जिनका नकली डॉक्टरों द्वारा गलत तरीके से निदान किया गया था।"
शोध के प्रमुख निष्कर्षो और परिणामों के बारे में और जांच किए जाने पर तलवार ने कहा, "ऐसी कई कहानियां और घटनाएं हैं जो व्यक्तिगत रूप से बहुत ही अजीब और अनोखी हैं, लेकिन एक समेकित कहानी के रूप में वर्णित करना मुश्किल है। शिक्षा घोटाला न तो हालिया है और न ही खत्म होने वाला है, यह शायद अभी भी कई राज्यों में कई धाराओं में चल रहा है।"
चूंकि, घोटाले से उत्पन्न होने वाली कई अलग-अलग कहानियां थीं, इसलिए रचनाकारों ने मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट और समाज पर इसके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया।
मीडिया एजेंसियों द्वारा पुराने तौर-तरीकों का पदार्फाश किए जाने के बाद घोटालेबाज नए-नए तरीके अपनाते हैं। घोटाले लगातार विकसित हो रहे हैं।
तलवार ने आईएएनएस से कहा, "अभी तक विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा घोटालों का खुलासा किया जा रहा है, लेकिन कार्यप्रणाली का पता चलने के बाद घोटालेबाजों ने इसी तरह के घोटाले करने के नए तरीके खोजे हैं। यह बहुत बड़ा उद्योग है, मगर इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है।"
आखिरकार तार कहां जुड़ते हैं? इसके पीछे कोई शक्तिशाली राजनेता होता है, नौकरशाह होते हैं या अपराधी या इन सबकी मिलीभगत होती है?
तलवार के पास एक दिलचस्प जवाब था। उन्होंने कहा, "इसका कोई अंत नहीं है, शिक्षा प्रणाली के भीतर व्यक्तियों से लेकर कोचिंग सेंटरों तक स्कूलों से विश्वविद्यालयों तक विभिन्न स्तरों पर घोटाला अभी भी हो रहा है। यह बहुत अधिक नापाक संबंधों के साथ बहुआयामी है जो समय के साथ बदलता रहता है। इसे सुलझाना आसान तार नहीं है।" (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 25 सितंबर | वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की नेता वाई.एस. शर्मिला ने तेलंगाना के मंत्री के.टी. रामा राव के इस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार सभी किसानों को बीमा देती है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी ने रामा राव के दावों को 'स्पष्ट झूठ' करार दिया।
रामा राव, जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे हैं, ने पहले ट्विटर पर दावा किया था कि टीआरएस सरकार देश की एकमात्र राज्य सरकार है जिसने सभी किसानों का बीमा किया है। उन्होंने दावा किया कि रायथु भीम ने 85,000 से अधिक किसानों को 5 लाख रुपये की सहायता प्रदान की है।
केटीआर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 34 लाख से अधिक किसान परिवारों को कवर करने के लिए इस वर्ष फिर से प्रीमियम के रूप में 1,450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
शर्मिला, जो इस समय राज्य में पदयात्रा पर हैं, ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 8 लाख काश्तकार किसानों की अनदेखी की है। राज्य सरकार रायथु बंधु के तहत 67 लाख किसानों को सहायता प्रदान करने का दावा करती है, लेकिन केवल 34 लाख किसानों का ही बीमा क्यों किया गया है, उन्होंने पूछा।
उन्होंने पिछले आठ वर्षों में तेलंगाना में 8,000 किसानों की आत्महत्या पर केटीआर को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने ट्वीट किया, आश्चर्य है कि यह झूठ है, जिस पर आपको गर्व है। आपके 8 साल के शासन में 8 हजार किसानों की आत्महत्याएं हैं।
शर्मिला वर्तमान में 'प्रजा प्रस्थानम' पदयात्रा कर रही हैं और अब तक 2,250 किलोमीटर चल चुकी हैं, जो पूरे तेलंगाना में 40 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को कवर करती है।
अपनी पदयात्रा के दौरान, शर्मिला केसीआर के शासन और प्रत्येक स्थानीय विधायक या मंत्री की अक्षमता पर निशाना साध रही हैं। वह अपने दिवंगत पिता की विरासत को भुनाते हुए तेलंगाना के लोगों से समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है, जिन्हें अभी भी संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में इस क्षेत्र में वाई.एस. राजशेखर रेड्डी को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए याद किया जाता है।
उनकी पदयात्रा शनिवार को संगारेड्डी जिले में प्रवेश कर गई, जब जनता की प्रतिक्रिया ने उन्हें विकाराबाद जिले से गुजरते हुए देखा। यहां उन्होंने अपने वादों को लागू करने और ज्वलंत समस्याओं को दूर करने में विफलता के लिए टीआरएस सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर ने सभी मोचरें पर लोगों की उम्मीदों को धोखा दिया और किसानों की कठिनाइयों से लेकर बेरोजगार युवाओं के बढ़ते संकट तक सभी समस्याओं के लिए उन्हें दोषी ठहराया। इस संबंध में, उन्होंने लोगों को उनके उत्थान और कल्याण के प्रति अपनी अडिग प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया और पलामुरु रंगारेड्डी परियोजना के लिए लड़ने की कसम खाई।
वाईएसआरटीपी नेताओं ने तेलंगाना में बार-बार फूड पॉइजनिंग की घटनाओं का मुद्दा भी उठाया। पार्टी नेताओं ने तेलंगाना राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यालय तक मार्च किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वाईएसआरटीपी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अकेले 2022 में 18 जिलों से 1,184 फूड प्वाइजनिंग के मामले सामने आए, और आरोप लगाया कि केसीआर के नेतृत्व वाली सरकार इसे रोकने के लिए उपाय करने में विफल रही है।
--आईएएनएस
लखनऊ, 25 सितंबर | उत्तर प्रदेश में जल्द ही स्कूली छात्रों के लिए योग अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस नीति के जल्द ही जारी होने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य राज्य के सबसे दूरदराज के हिस्सों में भी एक मजबूत खेल संस्कृति, खेल बुनियादी ढांचे का विकास और खिलाड़ियों को बढ़ावा देना है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (खेल) नवनीत सहगल ने कहा, "इस नीति का उद्देश्य 5 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में प्रतिभा की पहचान करके छोटे बच्चों की भागीदारी बढ़ाना और सार्वजनिक निजी भागीदारी, सार्वजनिक संघ भागीदारी और खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।"
उन्होंने कहा कि केंद्र ने गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ को तीन खेलों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के रूप में विकसित करने की सहमति दी है। इसमें युवाओं के लिए खेल प्रबंधन, खेल पत्रकारिता, खेल कानून, खेल डेटा विश्लेषण सहित अन्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। उच्च प्रदर्शन केंद्र राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए प्रत्येक खेल से 20 सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के विकास का समर्थन करेंगे।
सहगल ने आगे कहा कि होनहार युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रत्येक जिले में एक जिला खेल केंद्र होगा। बुनियादी खेल और फिटनेस प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डीएससी में एक जिला खेल कोचिंग केंद्र (डीएससीसी) भी शामिल होगा।
नई नीति के तहत खेल संघों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अकादमियों की स्थापना के लिए पट्टे पर जमीन दी जाएगी। खेल का मैदान के लिए निर्धारित ग्राम सभा की भूमि ग्रामीण अकादमियों को लीज पर दी जाएगी। अकादमी में कम से कम 50 फीसदी खिलाड़ी यूपी से होंगे।
इस कार्यक्रम में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य चैनलों का उपयोग प्रवेश आदि के बारे में जानकारी फैलाने के लिए किया जाएगा। राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ उत्तर प्रदेश खेल विकास कोष बनाने का भी प्रस्ताव रखा है।
नीति के तहत खिलाड़ियों और स्कूली छात्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी योग अनिवार्य होगा। सभी जिला मुख्यालयों के खेल स्टेडियमों में योग के प्रशिक्षण एवं अभ्यास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
यूपी स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एंड प्रमोशन कमेटी समाज के सभी वर्गो जैसे महिलाओं, विकलांगों आदि के बीच खेलों को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी।
यह प्रतिभा की पहचान करेगा और उनके कौशल का विकास करेगा। यह खेल संघों और विभागों जैसे युवा कल्याण, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, महिला कल्याण, स्वास्थ्य, शहरी विकास, उद्योग, सेना, रेलवे, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वैच्छिक संगठनों के बीच समन्वय भी करेगा। (आईएएनएस)|
हुबली (कर्नाटक), 25 सितंबर | हुबली शहर में एक हिंदू युवक का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, मांड्या जिले के मद्दुर तालुक के यादवनहल्ली निवासी 26 वर्षीय श्रीधर गंगाधारा का जबरन धर्म परिवर्तन कराके उसका नाम मोहम्मद सलमान रखा गया है।
आगे पुलिस ने बताया कि श्रीधर एक निजी कंपनी का कर्मचारी है और आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उसने इसे एक अताउर रहमान के साथ साझा किया था जो उसे मई में बेंगलुरु की एक मस्जिद में ले गया था।
श्रीधर को मस्जिद में बंद कर दिया गया और जबरदस्ती 'खतना' किया गया और उसे गाय का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने धर्म परिवर्तन को लेकर खाली कागजों पर उनके हस्ताक्षर भी ले लिए।
इसके बाद उसको श्रीधर को आंध्र प्रदेश के तिरुपति, पुत्तूर, भुवनगर मस्जिदों में ले जाया गया और उसको इस्लाम का प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने उसे हर साल कम से कम तीन व्यक्तियों को इस्लाम में परिवर्तित करने की धमकी दी। इसके साथ ही उसको एक पिस्टल दी गई और तस्वीरें ली गईं।
पुलिस ने कहा कि आरोपी ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उनकी बात नहीं मानी तो उसे आतंकवादी के रूप में पेश किया जाएगा। उन्होंने उसके खाते में 35,000 रुपये ट्रांसफर किए और उसे उनके आदेश का पालन करने को कहा।
घटना का पता तब चला जब वह हाल ही में हुबली के भैरीदेवरकोप्पा में अज्ञात व्यक्तियों के एक गिरोह द्वारा हमला किए जाने के बाद थाने गया था।
पुलिस ने कहा कि वह यहां आया था, क्योंकि उसकी फेसबुक महिला मित्र ने उसे मिलने के लिए बुलाया था।
आगे की जांच जारी है। (आईएएनएस)|
शंभु नाथ चौधरी
रांची, 25 सितंबर | झारखंड में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष का सिलसिला थम नहीं रहा। केवल इस साल के बीते आठ महीने की बात करें तो हाथियों के हमले में जहां 55 लोगों ने जान गंवाई है, वहीं अलग-अलग वजहों से 10 हाथियों की मौत हुई है।
हाल की घटनाएं बताती हैं कि इस संघर्ष के चलते कितना नुकसान हो रहा है। झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के लाटू जंगल से बीते 21 सितंबर को वन विभाग की टीम ने हाथी का कटा हुआ दांत बरामद किया।
फॉरेस्टर परमजीत तिवारी के मुताबिक टीम को देखते ही तस्कर हाथी दांत फेंककर भागने में सफल रहा। इसी तरह रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड के डूमरडीह जंगल में बीते 15 सितंबर को एक हाथी मरा पाया गया। वन विभाग के अफसरों तक जब यह खबर पहुंची, तब तक अपराधी हाथी के दोनों दांत काटकर ले गये थे।
हालांकि तीन दिन बाद वन विभाग ने जंगल से हाथी के दांत बरामद कर लिये, लेकिन इस मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। अगस्त के पहले हफ्ते में पलामू टाइगर रिजर्व एरिया के फुलहर जंगल में एक हाथी मरा पाया गया। बीते 31 जुलाई को लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के रेची जंगल में एक हाथी की लाश मिली। कुछ लोग मृत हाथी का दांत काटकर ले गये थे।
इसके पहले 17 जुलाई को खूंटी जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत बोंगतेल जंगल में एक हाथी मृत पाया गया। आशंका है कि कोई जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हुई। जुलाई महीने में रांची केइटकी के केवदबेड़ा जंगल में एक हाथी मरा पाया गया था। वन विभाग इन सभी घटनाओं की जांच कर रहा है। मौत के कारणों के बारे में अब तक कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आयी है।
मई के तीसरे हफ्ते में चक्रधरपुर रेलमंडल अंतर्गत बांसपानी-जुरुली रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी की चपेट में आकर तीन हाथियों की मौत हो गयी थी। इनकी मौत से गमजदा डेढ़ दर्जन हाथी लगभग 12 घंटे तक ट्रैक पर जमे रहे थे। बताया गया था कि करीब 20 हाथियों का झुंड बांसपानी-जुरूली के बीच बेहेरा हटिंग के पास रेल लाइन पार कर रहा था, तभी तेज गति से आ रही एक मालगाड़ी ने इन्हें टक्कर मार दी थी। इसके पहले के पहले हफ्ते में गिरिडीह जिले में चिचाकी और गरिया बिहार स्टेशन के बीच ट्रेन की टक्कर में एक हाथी की मौत हो गयी थी।
गुस्साए गजराज भी राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में जमकर आतंक मचा रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में हजारीबाग जिले में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है। यहां इस साल अब तक हाथी 15 लोगों की जान ले चुके हैं। इसी तरह गिरिडीह में नौ, लातेहार में आठ, खूंटी में छह, चतरा, बोकारो और जामताड़ा में तीन-तीन लोग हाथियों के हमले में मारे गये हैं। हाल की घटनाओं की बात करें तो सितंबर के दूसरे हफ्ते में गुमला बड़ातुरिअम्बा गांव निवासी 30 वर्षीय बाइक सवार कृष्णा हजाम को अमलिया जंगल के समीप हाथी ने कुचलकर मार डाला था। रामगढ़ जिले के गोला के सरला गांव में 9 सितंबर को किसान सावन महतो को दो हाथियों ने कुचल डाला। 28 जुलाई को हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड के मोरांगी नोवकी टांड़ निवासी जितेंद्र राम को हाथियों के झुंड ने कुचल कर मार डाला था। इसके एक दिन पहले 27 जुलाई को खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के कमला पोढो टोली गांव में हरसिंह गुड़िया नामक एक दिव्यांग को झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला। 22 जुलाई को इसी जिले के कर्रा में जंगली हाथियों को भगाने के लिए पहुंची वन विभाग की टीम पर ही हाथियों ने हमला बोल दिया, जिसमें एक वनरक्षी जसबीन सालगर आईंद की मौत हो गई।
वन विभाग के दावे चाहे जो भी हों, लेकिन लगातार हो रहीं घटनाएं इस बात की तस्दीक करती हैं कि विभाग के अफसरों की भूमिका हाथियों की मौत के बाद उनके शवों का पंचनामा करने और हाथियों के हमले में मारे गये इंसानों के लिए मुआवजे की फाइल तैयार करने तक सीमित रह गयी है।
झारखंड हाईकोर्ट ने इस साल मार्च महीने में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वन विभाग की उदासीनता और लापरवाही पर सख्त टिप्पणियां की थीं। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने यहां तक कहा था कि जंगलों में वन्य प्राणियों की संख्या लगातार घटती गई, लेकिन इसके बदले वन विभाग में अफसरों की तादाद लगातार बढ़ती गई। कोर्ट ने पिछले साल अगस्त-सितंबर में लातेहार में दो हाथियों की मौत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था और वन विभाग के सचिव और राज्य के मुख्य वन संरक्षक को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देने को कहा था। अफसरों ने कोर्ट में जो जवाब दिया था, उसपर भी कोर्ट ने गहरा असंतोष जताया था।
झारखंड विधानसभा के बीते बजट सत्र में वन विभाग के प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने हाथियों के उत्पात से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया था कि वर्ष 2021-22 में हाथियों द्वारा राज्य में जानमाल को नुकसान पहुंचाये जाने से जुड़े मामलों में वन विभाग ने एक करोड़ 19 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है। उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि हाथियों और इंसानों के बीच द्वंद्व बढ़ने के कई कारण हैं। जनसंख्या बढ़ने के कारण वन्यजीव का प्रवास क्षेत्र प्रभावित हुआ है। गांवों में मादक पेय पदार्थ बनाए जाते हैं, जिसकी महक हाथियों को आकर्षित करती है। इस कारण भी हाथियों की आदतों और भ्रमण के मार्ग में बदलाव आया है।
हाथियों के व्यवहार पर शोध करने वाले डॉ तनवीर बताते हैं कि जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और सेटेलाइट सर्वे के आधार पर यह तथ्य स्थापित हुआ कि हाथी अपने पूर्वजों के मार्ग पर सैकड़ों साल बाद भी दोबारा अनुकूल वातावरण मिलने पर लौटते हैं। अगर मार्ग में आवासीय कॉलोनी या दूसरी मानवीय गतिविधियां मिलती हैं तो उनका झुंड उसे तहस-नहस करके ही आगे बढ़ता है। हाथियों के उग्र होने का मुख्य कारण अपने रास्ते के लिए उनका बेहद संवेदनशील होना भी है। जुलाई से सितंबर के दौरान हाथी प्रजनन करते हैं। इस समय हाथियों के हार्मोन में भी बदलाव आता है जिससे वो आक्रामक हो जाते हैं। (आईएएनएस)|
संतोष कुमार पाठक
नई दिल्ली, 25 सितंबर | कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर तस्वीर अब लगभग साफ होती नजर आ रही है। जिस जिद और एजेंडे को लेकर राहुल गांधी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, उनका वह एजेंडा अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो राजनीति के जादूगर माने जाने वाले अशोक गहलोत चुनाव के जरिए कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं।
लगभग 24 साल बाद गांधी परिवार से इतर कोई व्यक्ति कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहा है। पिछले 24 वर्षों से कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी या राहुल गांधी के हाथों में ही रही है। ऐसे में कांग्रेस के कई बड़े और दिग्गज नेता यह कह रहे हैं कि एक गैर गांधी परिवार से जुड़े व्यक्ति के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद परिवारवाद का मुद्दा खत्म हो जाएगा।
कांग्रेस को यह लग रहा है कि भाजपा जिस परिवारवाद के नाम पर कांग्रेस को घेरती आ रही है वो मुद्दा राहुल गांधी के अध्यक्ष नहीं बनने के फैसले से पूरी तरह खत्म हो जाएगा। लेकिन क्या वाकई ऐसा होने जा रहा है?
परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के जिस मुद्दे को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उठाकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा हो, देश के गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत जिस भाजपा के तमाम नेता, केंद्रीय मंत्री, तमाम मुख्यमंत्री और कार्यकर्ता तक परिवारवाद के जिस मुद्दे के सहारे कांग्रेस को घेरते आ रहे हो, गांधी परिवार पर निशाना साधते आ रहे हों, क्या उनके लिए यह मुद्दा खत्म होने जा रहा है? क्या गांधी परिवार से अलग हटकर किसी व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का दांव खेलकर राहुल गांधी ने कोई बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है।
भाजपा की मानें तो ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा का यह स्पष्ट तौर पर मानना है कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना कर सोनिया गांधी ने जो दांव सरकार के मोर्चे पर खेला था उसी तरह का राजनीतिक दांव राहुल गांधी कांग्रेस संगठन के मोर्चे पर खेलने जा रहे हैं लेकिन इससे कुछ बदलाव होने वाला नहीं है।
भाजपा तो अशोक गहलोत के बयान के सहारे ही यह साबित करने की कोशिश भी कर रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव तो सिर्फ दिखावा है। भाजपा के मुताबिक परिवारवाद कांग्रेस का चरित्र बन चुका है और इस बीमारी को लेकर भाजपा लगातार देश की जनता को आगाह और सतर्क करने का काम करती रहेगी।
शुक्रवार को बिहार के पूर्णिया में रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के लोक सभा चुनाव को नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी की लड़ाई बताते हुए रैली में मौजूद जनता से ही पूछ लिया कि 2024 में देश का प्रधानमंत्री किसे बनना चाहिए - मोदी, नीतीश या राहुल बाबा?
हालांकि भाजपा ने राहुल गांधी के इस दांव पर राजनीतिक हमला करने के लिए सबसे पहले अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन को आगे किया जो भाजपा में आने से पहले लंबे समय तक कांग्रेस में रह चुके हैं।
वडक्कन ने 21 सितंबर, बुधवार को ही भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करने के दौरान राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोलते हुए साफ तौर पर यह कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष चाहे अशोक गहलोत बने या शशि थरूर, राहुल गांधी के हाथों की कठपुतली ही होंगे और कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथ में ही रहेगी।
ऐसे में साफ जाहिर है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर भले ही अशोक गहलोत काम करते नजर आएं लेकिन भाजपा कांग्रेस के हर फैसले पर देश की आम जनता को यह बताती नजर आएगी कि वो फैसला गहलोत ने लिया या गांधी परिवार ने निर्देश दिया।
भाजपा के तेवरों से यह साफ है कि उसके लिए गैर गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद परिवारवाद का मुद्दा समाप्त नहीं होने वाला है और कांग्रेस को, खासतौर से राहुल गांधी को बार-बार और लगातार भाजपा के आरोपों का सामना करना ही पड़ेगा। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 25 सितंबर | उत्तर प्रदेश में 15-49 आयु वर्ग का हर पांचवां व्यक्ति अधिक वजन या मोटापे का शिकार है। लिंग के आधार पर मूल्यांकन से पता चलता है कि 21.3 प्रतिशत महिलाएं और 18.5 प्रतिशत पुरुष अधिक वजन/मोटापे की श्रेणी में आते हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़े मोटापे के शिकार लोगों की संख्या में पांच प्रतिशत की वृद्धि का संकेत देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एनएफएचएस-4 की श्रेणी में आने वाले 16.5 फीसदी लोगों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 19 फीसदी और एनएफएचएस-5 में पुरुषों की संख्या 6 फीसदी हो गई है।
लगभग 23 प्रतिशत पुरुषों और 24 प्रतिशत महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे अधिक पाया गया, जो 2015-16 के दौरान दोनों लिंगों के लिए 4 प्रतिशत की वृद्धि है।
स्वस्थ शरीर के वजन की गणना बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सूत्र के आधार पर की जाती है। 30 से अधिक बीएमआई वाले किसी भी व्यक्ति को मोटा माना जाता है और 25 से 29.9 के बीच बीएमआई वाले व्यक्ति को अधिक वजन माना जाता है।
यह कहते हुए कि एक बार मोटापे को धनी देशों की समस्या माना जाता था, विशेषज्ञों ने स्वीकार किया कि यह उन देशों की ओर बढ़ रहा है, जहां अधिकांश आबादी निम्न और मध्यम आय वर्ग में आती है।
कुल मिलाकर, दुनियाभर में मोटापे का प्रसार पिछले चार दशकों में लगभग तीन गुना हो गया है।
डॉक्टरों ने इसे बढ़ती पोषण संबंधी चिंता बताते हुए कहा कि शरीर का अत्यधिक वजन बीमारियों के लिए एक खुला निमंत्रण है।
चिकित्सा वैज्ञानिक और टिप्पणीकार डॉ. राम उपाध्याय ने कहा, "मोटापा बीमारियों का कारण बनता है और साधारण परिस्थितियों के प्रबंधन को भी मुश्किल बना देता है। वास्तव में, महामारी के दौरान खोए गए कई जीवन शरीर के अत्यधिक वजन से जुड़े थे।"
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत अधिक शरीर में वसा से गैर-संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें 13 प्रकार के कैंसर, टाइप-2 मधुमेह, हृदय की समस्याएं और फेफड़ों की स्थिति शामिल हैं।
इस प्रवृत्ति के लिए अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों, खराब तनाव प्रबंधन और व्यायाम की कमी को दोष देते हुए विशेषज्ञों ने लोगों से अपने स्वास्थ्य के लिए जोखिमों से सावधान रहने का आग्रह किया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह कहते हुए नीति और कार्रवाई का आह्वान किया कि "किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का आकार यूपी के साथ उसके विशाल जनसंख्या आकार के कारण बड़ा हो जाता है।" (आईएएनएस)|
संकेत पाठक
नई दिल्ली, 25 सितंबर | 22 सितंबर को एनआईए और ईडी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के देश भर में मौजूद ठिकानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों द्वारा जो सबूत इकट्ठा किए गए हैं, उनके आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय पीएफआई पर बैन लगाने की तैयारी कर रहा है।
हालांकि बैन लगाने के पहले गृह मंत्रालय के अधिकारी पूरी तैयारी कर लेना चाहते हैं, ताकि अगर बैन को चुनौती दी जाए, तो उनका पक्ष कमजोर ना पड़े।
गुरुवार को देश के 15 राज्यों में हुई छापेमारी में जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। इसी को आधार बनाकर जल्द ही इसे बैन के दायरे में लाया जा सकता है।
इसी को लेकर छापेमारी के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और एनआईए चीफ से मीटिंग भी की थी। इसमें पीएफआई के खिलाफ जुटाए गए तथ्यों की समीक्षा और आगे की कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीएफआई को बैन करने से पहले गृह मंत्रालय कानूनी सलाह भी ले रहा है, ताकि जब इस मामले में संबंधित पक्ष अदालत में जाए तो सरकार की तैयारी पूरी हो। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि साल 2008 में सिमी पर लगे प्रतिबंध को केंद्र सरकार को हटाना पड़ा था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के जरिए उसे फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया।
दरअसल जब भी पीएफआई का नाम किसी मामले में आता है, तो इस बात पर चर्चा जरूरी होती है कि अगर इस पर कई आरोप हैं, तो फिर इस संगठन पर बैन लगाने में इतना वक्त क्यों लग रहा है? आखिर वो कौन सी रुकावटें हैं, जो अभी तक केंद्र सरकार को बैन की कार्यवाही करने से रोक रही है।
जानकारी के मुताबिक अलग अलग एजेंसियां कई सालों से पीएफआई के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में लगी थी। गृह मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए गए थे, कि पीएफआई संगठन की कोई भी कड़ी को ना छोड़ा जाए। एनआईए की जांच आपराधिक संगठन की गैरकानूनी गतिविधियों पर केंद्रित थी, तो वहीं ईडी उनके वित्त के स्रोत का पता लगाने में अब पूरी तरह सफल रहा है।
ईडी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जांच में पीएफआई के बैंक खातों में करीब 60 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। यह जानकारी भी मिली है कि पीएफआई को हवाला के जरिए भी रकम पहुंचाई जा रही थी। इसके लिए भारत में पैसे भेजने के लिए खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था।
वहीं एनआईए ने पीएफआई सदस्यों द्वारा चलाये जा रहे आतंकी शिविर के अलावा 5 अलग अलग दर्ज मामलों में विस्फोटक बनाने से लेकर युवाओं को बरगलाकर आईएसआईएस जैसे संगठन में भेजने तक के पुख्ता सबूत इकट्ठा कर लिए हैं।
गौरतलब है कि 2017 में एनआईए ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी विस्तृत रिपोर्ट में पीएफआई के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते बैन लगाने की मांग की थी। कई और राज्य समय समय पर बैन लगाने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में अब तक देरी क्यों हो रही है, इस बारे में आईएएनएस से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कई बातें विस्तार से बताई।
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि पीएफआई को 5 साल पहले ही बैन हो जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होना, विस्फोटक तैयार करना, निर्वाचित प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचना और करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग कर देशविरोधी गतिविधियों में पैसा लगाना -- ये वो आधार हैं, जिसके हिसाब से पीएफआई पर अब बैन लगाया जा सकता है। इन सब मामलों में पुख्ता सबूत जुटाने में लंबा वक्त लगता है।
विक्रम सिंह ने बताया कि पीएफआई पर अब तक बैन ना लगने के पीछे की एक वजह इन्हें मिलने वाला राजनीतिक सपोर्ट भी है। कुछ पार्टियों के नेता यहां तक कि सांसद भी पीएफआई को समाजसेवा करने वाला संगठन बता चुके हैं। इसके समर्थक कई राज्यों में मौजूद हैं। यही नहीं पीएफआई की सहयोगी एसडीपीआई कई राज्यों में चुनाव भी लड़ चुकी है। यही वजह है कि पीएफआई के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए इतनी तैयारी करनी पड़ रही है।
विक्रम सिंह ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार पीएफआई का टर्की की एजेंसी और पाकिस्तान की आईएसआई से फंडिंग का भी लिंक मिला है। लड़कों को बरगलाकर आईएसआईएस में भी भेजा गया। इन्ही लिंक की कड़ियां जोड़ने के लिए ईडी और एनआईए ने पूरी तैयारी की, ताकि कड़ी कार्यवाही की जा सके।
फिलहाल पीएफआई पर झारखंड सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। वहीं गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट 1967 के सेक्शन 35 के तहत करीब 39 संगठनों पर सरकार ने बैन लगाया हुआ है।
इनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांड फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, लश्कर-ए-तैयबा/पासबन-ए-अहले हदीस, जैश-ए-मोहम्मद / तहरीक-ए-फुरकान, हरकत-उल-मुजाहिदीन/ हरकत-उल-अंसार, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन, अल-उमर अल-मुजाहिदीन, जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक, कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), कंगलेई याओल कानबा लुप, मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (एमपीएलएफ), ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया, दीनदर अंजुमन,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनिस्ट) पीपुल्स वॉर, माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी), अल बद्र, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, अल-कायदा, दुख्तारन-ए-मिल्लत (डीईएम), तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी, तमिल नेशनल र्रिटीवल ट्रूप्स, अखिल भारत नेपाली एकता समाज, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(माओइस्ट), इंडियन मुजाहिदीन,गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी, कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन, इस्लामिक स्टेट/आईएसआईएस, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के), इसके अलावा यूएन में लिस्टेड आतंकी संगठन भी शामिल हैं। (आईएएनएस)|
तिरुपति, 25 सितंबर | आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के रेनिगुंटा में रविवार को एक निजी अस्पताल में आग लगने से एक डॉक्टर और उसके दो बच्चों की मौत हो गई। आग अस्पताल की इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल में लगी, जहां डॉक्टर अपने परिवार के साथ रह रहे थे। डॉ रविशंकर रेड्डी, उनके बेटे और बेटी की जान चली गई।
स्थानीय लोगों ने उनकी पत्नी डॉक्टर अनंत लक्ष्मी और मां को बचा लिया।
यह घटना तिरुपति के मंदिर शहर के पास रेनीगुंटा में भगत सिंह नगर में बच्चों के लिए कार्तिका अस्पताल में सुबह करीब 4.30 बजे हुई। हाल ही में खोले गए अस्पताल में एक भी मरीज नहीं था।
दमकल कर्मियों ने 12 वर्षीय भरत और 15 वर्षिय कार्तिका को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टर की पत्नी और मां की हालत स्थिर बताई जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि, उन्हें सुबह करीब 4.50 बजे आग लगने की सूचना मिली। दमकल की दो गाड़ियां अस्पताल पहुंचीं और आग पर काबू पाया।
पुलिस को शक है कि शार्ट सर्किट से आग लगी है। पुलिस ने कहा कि विस्तृत जांच के बाद आग लगने के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। (आईएएनएस)|
मेहसाणा (गुजरात), 24 सितंबर | आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आप उचित समय पर अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगी। मनीष सिसोदिया उत्तरी गुजरात में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। शुक्रवार रात उंझा कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद सिसोदिया ने मीडियाकर्मियों से कहा कि पार्टी उचित समय पर सीएम उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
उत्तराखंड के अनुभवों से सीख लेते हुए जहां उसके सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल भाजपा में शामिल हो गए थे, पार्टी अब गुजरात के सीएम उम्मीदवार का नाम तय करने में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।
जनता को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा, हमें गुजरात के लोगों की सेवा करने के लिए नेता होने की जरूरत नहीं है। हम सरकारी स्कूलों के मानक और गुणवत्ता में सुधार करेंगे, जो निजी स्कूलों के बराबर होगा। आप दिल्ली में अपने काम के लिए जानी जाती है।
सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आप की नीति बिल्कुल स्पष्ट है कि जनता के धन का इस्तेमाल लोगों के उत्थान के लिए किया जाना चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा दोस्तों के लिए।
इस बीच, आप के सांसद राघव चड्ढा शनिवार सुबह राजकोट पहुंचे और पार्टी के लिए प्रचार किया। उन्हें गुजरात चुनाव का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य का दौरा करेंगे और पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 सितंबर | मुरादाबाद और उत्तराखंड में हुई युवतियों के साथ घटनाओं पर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नें चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि, इन घटनाओं से दिल दहल गया है और भारत तभी आगे बढ़ेगा, जब देश की महिलाएं सुरक्षित होंगी। राहुल गांधी नें कहा, "मुरादाबाद और उत्तराखंड में युवतियों के साथ जो घटनाएं हुई हैं, उसने सबका दिल दहला दिया है। भारत जोड़ो यात्रा में मैं कई प्रतिभाशाली बच्चियों और युवतियों से मिल रहा हूं, उन्हें सुन रहा हूं। एक बात साफ है, हमारा भारत तभी आगे बढ़ेगा, जब देश की महिलाएं सुरक्षित होंगी।"
दरअसल, उत्तराखंड के रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्याकांड में 3 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, इन पर अंकिता पर गलत काम करने का दबाव बनाने का आरोप है, वहीं आज पुलिस को अंकिता का शव भी मिल गया है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक युवती बिना कपड़ों के सड़क पर घूमती नजर आईं। उसके फूफा ने उसके साथ दुष्कर्म का मुकदमा भोजपुर थाने में दर्ज कराया है।(आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 सितंबर | देश में शनिवार को पिछले 24 घंटों में 4,912 नए मामले दर्ज किए गए, जो शुक्रवार को सामने आए 5,383 मामलों से मामूली गिरावट पर है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। इसी अवधि में, कोरोना वायरस से 38 लोगों की मौत हुई, जिसके चलते देशभर में महामारी से मरने वालों का आकंड़ा 5,28,487 तक पहुंच गया। वहीं 5,719 संक्रमित मरीज ठीक भी हुए।
कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों की संख्या 4,39,90,414 हो गई, जिसके चलते रिकवरी रेट 98.71 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
इस बीच डेली पॉजिटिविटी रेट 1.62 प्रतिशत और वीकली पॉजिटिविटी रेट 1.69 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में देशभर में कुल 3,03,888 कोरोना टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.33 करोड़ से अधिक हो गई। (आईएएनएस)|
मुंबई, 24 सितंबर | मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ ने हाल ही में डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक के फेमस गाने 'मैंने पायल है छनकाई' का रीमिक्स बनाया। इसके चलते वह सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं। फाल्गुनी पाठक ने इस गाने पर प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जाहिर की है। 53 वर्षीय फाल्गुनी पाठक ने पिंकविला को बताया कि वह ओरिजनल गाने के प्रति अपने प्रशंसकों के प्यार को देखकर खुश हैं, जो 1999 में रिलीज हुआ था।
फाल्गुनी ने कहा, "मैं इस गाने के लिए हर तरफ से इतना प्यार पाकर काफी खुशी महसूस कर रही हूं, इसलिए मुझे अपने फैंस की ओर से भावनाओं को साझा करना पड़ा।"
फाल्गुनी ने कहा कि नेहा कक्कड़ और 'ओ सजना' के निर्माताओं ने उनसे संपर्क नहीं किया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कानूनी रास्ता अपनाने की योजना बना रही हैं, इस पर फाल्गुनी ने कहा, "काश मैं कर पाती, लेकिन मेरे पास अधिकार नहीं है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या निर्माताओं या नेहा कक्कड़ ने उनकी इंस्टाग्राम स्टोरीज को देखकर उनसे संपर्क करने की कोशिश की, फाल्गुनी ने कहा, "नहीं।"
बता दें, फाल्गुनी ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ यूजर्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे, जिनमें यूजर्स नेहा कक्कड़ को रीमिक्स की वजह से ट्रोल कर रहे हैं। (आईएएनएस)|
शिवमोग्गा, (कर्नाटक) 24 सितंबर | कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में गिरफ्तार किए गए आईएस के दो संदिग्ध आतंकवादियों में से एक को शनिवार को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई। माज मुनीर के पिता मुनीर अहमद दिल के मरीज थे। बेटे की गिरफ्तारी के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। शुक्रवार की शाम उनका निधन हो गया। उनकी मौत के बाद सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शिवमोग्गा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, माज के पिता का अंतिम संस्कार तीर्थहल्ली में किया जाएगा। मामले में माज को अधिकारियों ने एक स्थानीय अदालत में पेश किया।
इस बीच पुलिस को दो संदिग्ध आतंकियों की जांच के दौरान कई सबूत हाथ लगे हैं। उनका मानना है कि गिरफ्तार संदिग्ध आईएस आतंकवादी माज मुनीर और सैयद यासीन के साथ शारिक, जो अभी भी फरार है, प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया था।
तीनों ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान की सीमा में घुसने में कामयाब रहे थे। शिवमोग्गा के एसपी लक्ष्मी प्रसाद ने कहा है कि वे मामले की आगे की जांच कर रहे हैं।
जांच अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने आईएसआईएस नेताओं के साथ फरार संदिग्ध आतंकवादी शारिक की ऑडियो रिकॉर्ड एकत्र की है। उन्होंने कहा कि शारिक ने आईएस आतंकवादियों से सीधा संपर्क कर उनके निर्देशों का पालन किया था।
उन्होंने बताया कि शारिक को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है।
पहले की जांच से पता चला था कि तीनों भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने और यहां शरिया कानून लाने की साजिश रच रहे थे। उन्होंने भारतीय झंडे जलाए थे और इस बात पर कायम रहे कि भारत को वर्तमान स्वरूप से एक इस्लामिक राज्य में मुक्त करना है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 23 सितंबर । पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया ने केरल में एनआईए और ईडी की कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया है।
केंद्रीय जांच संस्थाओं एनआईए और ईडी ने गुरुवार को देश भर में पीएफआई के दफ्तरों पर छापे मारकर कई लोगों को गिरफ़्तार किया था।
इसके बाद इस हड़ताल का आह्वान किया गया है क्योंकि केरल हाई कोर्ट ने बंद के आह्वान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
हड़ताल के दौरान बसों पर पत्थरबाजी होने से बस ड्राइवर और यात्री चोटिल हुए हैं जिसके बाद कई स्थानों पर बस सेवाएं बाधित हो गईं।
पुलिस ने कोट्टायम में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया है। इसके साथ ही कुछ दुकानों पर मोलोटोव कॉकटेल्स भी फेंके जाने की ख़बरें आ रही हैं। लेकिन अभी तक पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। (bbc.com/hindi)
सैन फ्रांसिस्को, 23 सितंबर | दुनिया भर में कई आईओएस और एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लॉगिन को प्रभावित करने के दो घंटे बाद, मेटा के स्वामित्व वाले फोटो और वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ने कहा है कि यह अब ऑनलाइन वापस आ गया है। आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट डाउनडेटेक्टर डॉट कॉम के मुताबिक, गुरुवार की देर रात करीब 34,000 यूजर्स ने प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में परेशानी की बात कही।
इंस्टाग्राम ने एक ट्वीट में कहा, "और हम वापस आ गए हैं! हमने आज की समस्या का समाधान कर दिया है और किसी भी असुविधा के लिए क्षमा चाहते हैं।"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने बताया कि उसे पता चला कि 'कुछ लोगों को इंस्टाग्राम तक पहुंचने में परेशानी हो रही है।'
इसने पहले कहा था, "हम चीजों को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए काम कर रहे हैं। किसी भी असुविधा के लिए खेद है, थोड़ा इंतजार करें।"
ऐप क्रैश के लिए इंस्टाग्राम आउटेज रिपोर्ट 65 प्रतिशत, सर्वर कनेक्शन के लिए 24 प्रतिशत और लॉगिन से संबंधित मुद्दों के लिए 11 प्रतिशत थी।
अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया और यूरोप के उपयोगकर्ता प्रमुख रूप से प्रभावित हुए।
इस बीच, कई उपयोगकर्ताओं ने हैशटैग इंस्टाग्राम डाउन के तहत घटना की शिकायत करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
एक यूजर ने ट्वीट किया, "मैं अपने अकाउंट में लॉग इन नहीं कर सकता, कृपया मदद करें।" (आईएएनएस)|
सैन फ्रांसिस्को, 23 सितंबर | एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने विंडोशील्ड में गड़बड़ी के चलते लगभग 11 लाख वाहनों को वापस बुला लिया है। इन टेस्ला कारों की खिड़कियां बंद करते समय कुछ वस्तुओं को नहीं पहचानती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 'गाड़ी में बैठने वाले को चोट लग सकती है।'
रिकॉल में 2017-2022 मॉडल 3, 2020-2021 मॉडल वाई और 2021-2022 मॉडल एस और मॉडल एक्स वाहन शामिल हैं।
इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने कहा कि यह प्रभावित वाहनों के लिए एक ओवर-द-एयर (ओटीए) फर्मवेयर अपडेट जारी करेगा जो वाहन के स्वचालित विंडो रिवर्सल सिस्टम व्यवहार में सुधार करेगा।
गुरुवार को नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (एनएचटीएसए) को सौंपी गई अपनी सेफ्टी रिकॉल रिपोर्ट में, टेस्ला ने कहा कि 12 सितंबर को, कंपनी ने निर्धारित किया कि परीक्षण के परिणामों में पिंच डिटेक्शन और र्रिटेक्शन परफॉर्मेंस 'स्प्रिंग फोर्स और रॉड कॉन्फिगरेशन के आधार पर एफएमवीएसएस 118, सेक्शन 5 (ऑटोमैटिक रिवर्सल सिस्टम) की आवश्यकताओं को पार कर गया।
"तदनुसार, टेस्ला ने स्वैच्छिक रिकॉल जारी करने का ²ढ़ संकल्प किया।"
टेस्ला ने कहा कि अगर एक खिड़की बंद होते समय बाधा पैदा करती है, तो 'स्थिति में रहने वाले को चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।'
मई में, इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने ओवरहीटिंग सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) के कारण टचस्क्रीन मुद्दों को ठीक करने के लिए 1,30,000 कारों को वापस बुलाया था।
एलन मस्क द्वारा संचालित कंपनी ने हाल ही में प्रभावित वाहनों पर समस्या को ठीक करने के लिए एक ओवर-द-एयर अपडेट (ओटीए) जारी किया, जिसमें 2022 मॉडल 3 और वाई और 2021 और 2022 मॉडल एक्स और एस शामिल हैं।
सीपीयू के अधिक गर्म होने के कारण कार का टचस्क्रीन भी पूरी तरह से ब्लैंक हो गया। (आईएएनएस)|
हावेरी (कर्नाटक), 23 सितम्बर | कर्नाटक में एक 75 वर्षीय महिला ने शुक्रवार को अत्यधिक शारीरिक और मानसिक पीड़ा के आधार पर जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति के समक्ष इच्छामृत्यु की याचिका दायर की है। जिला अधिकारियों के अनुसार, राणेबेन्नूर शहर के पास रंगनाथनगर निवासी पुत्तव्वा हनुमंतप्पा कोट्टुरा के पास 30 एकड़ जमीन है। उसके पास सात आवासीय घर और फ्लैट भी है। उसके 11 बच्चे है, इसके बावजूद महिला ने इच्छामृत्यु के लिए अर्जी दी है।
अपनी याचिका में बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसके सात बेटे और चार बेटियां है, लेकिन उनमें से कोई भी इस उम्र में उनकी देखभाल करने को तैयार नहीं है। पुत्तव्वा ने दावा किया कि उनके लिए बीमारियों के साथ जीवन जीना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
उन्हें हावेरी जिला आयुक्त कार्यालय की सीढ़ियों पर अकेले बैठे रोते हुए देखा गया।
बाद में, उन्होंने जिला आयुक्त संजय शेट्टान्नवरा के समक्ष इच्छामृत्यु के लिए याचिका दायर की। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 23 सितम्बर | उत्तर प्रदेश में किन्नरों (ट्रांसजेंडरों) को समान अधिकार दिलाने की कवायद जारी है। इसके तहत प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है, जिसमें 63 को पहचान पत्र जारी कर दिया गया है और 186 का पहचान पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश के हर जिले में ट्रांसजेंडर के दो प्रतिनिधियों को पहचान प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सम्मिलित कर समिति का गठन किया गया था, जिनके माध्यम से संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट पहचान प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ट्रांसजेडर के पहचान पत्र के लिए पोर्टल (https:transgender.dosje.gov.in) बनाया था, जिस पर उत्तर प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने आवेदन पत्र भरा है।
दरअसल, प्रदेश सरकार ने पहले ही ट्रांसजेंडर किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण कर रहे हैं। किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर हैं। साल 2020 में केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर नियम के प्रावधानों के अंर्तगत ट्रांसजेंडर के पहचान प्रमाण पत्र जारी किया था। इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसकी शुरुआत हुई। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अब यह मुहिम तेजी से शुरू की गई है। इसके लिए प्रत्येक जिले में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है।
किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने बताया कि जिला स्तर पर कैंप लगाकर पोर्टल पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जा रहा है। जो लोग पंजीकरण करवाने में असमर्थ हैं उनका भी पंजीकरण घर-घर जाकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों में रहने के स्थान को चिन्हित किया गया है। वहां रहने वाले बीपीएल श्रेणी के किन्नरों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। इस पहचान पत्र के जरिए ट्रांसजेंडरों को कई फायदे मिलेंगे। उन्हें शिक्षित करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा। इनकी सुरक्षा के लिए हर थाने में एक सुरक्षा सेल भी बनाया जाएगा। जहां पर उनकी शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा। इस पहचान पत्र से ट्रांसजेंडर बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी और प्रत्येक अस्पताल में ट्रांसजेंडरों के लिए 5 बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है। यहीं नहीं सार्वजनिक स्थानों पर उनके लिए शौचालय की व्यवस्था की जा रही है। (आईएएनएस)|
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 23 सितम्बर | उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छोटे भाई की हत्या के आरोप में 16 वर्षीय एक लड़की और उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया गया है। लड़के के एक दोस्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़की ने अपने प्रेमी और उसके साथी की मदद से अपने भाई की हत्या की साजिश रची। दरअसल, छोटे भाई ने उनके रिश्ते पर आपत्ति जताई थी और माता-पिता को बताने की धमकी दी थी।
पांचवीं पास आरोपी लड़की ने करीब तीन साल पहले पढ़ाई छोड़ दी थी और उसका 17 वर्षीय प्रेमी था, जो कक्षा 9 में पढ़ रहा है। मारे गए लड़के की पहचान 12 वर्षीय अनुराग यादव के रूप में हुई है, वह कक्षा 5 का छात्र था।
पुलिस अधीक्षक (ट्रांस-यमुना) सौरभ दीक्षित ने कहा, "पुलिस ने भाई की गला घोंटकर हत्या करने के आरोप में लड़की, उसके प्रेमी और उसके साथी समेत तीन किशोरों को गिरफ्तार किया है।"
पुलिस ने कहा, "मृतक के पिता ने उसे चल रहे पितृ पक्ष के दौरान मांसाहारी खाना खाने को लेकर फटकार लगाई थी। इस दौरान आरोपी बहन उसे अपने पिता के गुस्से से बचाने के बहाने अलग जगह ले गई, जहां उसका प्रेमी और उसका साथी पहले से ही वहां इंतजार कर रहे थे। सभी ने लड़के का गला घोंट दिया और फरार हो गए।"
जब उनके पिता ने दोनों भाई-बहनों को गायब पाया, तो उन्होंने और उनकी पत्नी ने उनकी तलाश शुरू कर दी। उन्होंने देखा कि उनका बेटा फर्श पर पड़ा है और घर के एक कोने में उनकी बेटी सहमी बैठी है। जब लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया तो, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजन और पुलिस ने लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि दो युवकों ने लड़के की पिटाई की और फरार हो गए।
बाद में लगातार पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उपयुक्त धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर तीनों को किशोर गृह भेज दिया गया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 23 सितम्बर | राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के शहरों नोएडा और गुरुग्राम में रात भर बारिश हुई, जिसके कारण शुक्रवार की सुबह प्रमुख सड़कों पर जलभराव और यातायात की गति धीमी हो गई। गुरुग्राम और नोएडा में प्रशासन ने मौसम को ध्यान में रखते हुए अपने क्षेत्र में स्पेशल एडवाइजरी जारी की। गुरुग्राम प्रशासन ने निजी संस्थानों और कॉरपोरेट कार्यालयों को अपने कर्मचारियों को सड़कों पर ट्रैफिक से बचने के लिए वर्क फ्रॉम होम कर की सलाह दी। नोएडा में आठवीं कक्षा तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे। लगातार बारिश के कारण शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गईं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली के लगभग सभी क्षेत्रों में सामान्य रूप से बादल छाए रहने और मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की भविष्यवाणी की है।
पिछले 24 घंटों में, शहर में 72 मिमी बारिश हुई। वहीं अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री कम 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शुक्रवार को भी अधिकतम तापमान गुरुवार के समान ही रहने की संभावना है।
सुबह 8.30 बजे आईएमडी अपडेट के अनुसार, शहर में ह्यूमिडिटी 100 प्रतिशत थी और हवा पूर्वी दिशा में 7.5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। शहर में सुबह 6.10 बजे सूर्योदय हुआ और शाम 6.17 बजे सूरज डूबने की संभावना है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार, शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पीएम10 के लिए 41 और पीएम 2.5 के लिए 23 था। चूंकि दोनों ही मामले 'अच्छे स्तर' पर थे, विभाग ने कहा कि 'कोई एहतियाती कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।'
विशेष रूप से, दिल्ली में 36 निगरानी केंद्र हैं, जो हवा की गुणवत्ता के स्तर को सटीक रूप से रिकॉर्ड करते हैं। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 23 सितम्बर | उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश पारित किया है, जिसमें खेतों की बाड़ लगाने के लिए कांटेदार या ब्लेड के तार का इस्तेमाल नहीं करने के पहले के फैसले को फिर से लागू किया गया है। कंटीले तारों की जगह आदेश में कहा गया है कि किसान अपने खेत को सुरक्षित करने के लिए सादे तार या रस्सी का इस्तेमाल करें।
यह फैसला गो सेवा आयोग की एक बैठक के बाद लिया गया था, जहां यह चर्चा की गई थी कि कांटेदार तार की बाड़ जानवरों को घायल कर रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (पशुपालन) रजनीश दुबे द्वारा सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा गया है कि 7 अगस्त, 2017 को गो सेवा आयोग की बैठक के बाद सभी जिलाधिकारियों को दो निर्देश जारी किए गए, पहला 16 मार्च 2018 को, और फिर 13 जुलाई, 2021 को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसान अपने खेतों में बाड़ लगाने के लिए ब्लेड के तारों या कांटेदार तारों का उपयोग न करें।
इसके बजाय, उन्हें इस उद्देश्य के लिए रस्सियों या साधारण तारों का उपयोग करने की सलाह दी गई। (आईएएनएस)|
नए आदेश में कहा गया, "मवेशियों की सुरक्षा के मद्देनजर किसानों द्वारा ब्लेड के तारों और कांटेदार तारों के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। इन्हें एक ऐसी प्रणाली से बदला जाना चाहिए जो जानवरों को नुकसान न पहुंचाए। जिलाधिकारियों को आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई करनी चाहिए।"
एक महीने पहले भाजपा सांसद और पशु कार्यकर्ता मेनका गांधी ने भी इस संबंध में एक पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा कि लगभग 3 लाख आवारा मवेशी अभी भी खुले में घूम रहे हैं और सरकार मार्च 2023 तक उन्हें पशु आश्रयों में लाने के लिए समानांतर अभियान चला रही है।
इन शेल्टरों में पहले से ही करीब आठ लाख आवारा मवेशी हैं।
नोटिस में आगे कहा गया है कि सभी जिला मुख्यालयों में 24 घंटे का पशु चिकित्सालय चालू होना चाहिए। इन अस्पतालों में बारी-बारी से पशु चिकित्सकों और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की जाए।