राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा है कि महाराष्ट्र ने महामारी को नियंत्रित करने में अच्छा काम किया है और कोई भी पापड़ खाने से ठीक नहीं हुआ है। जुलाई में मेघवाल ने कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए 'भाभीजी पापड़' को प्रमोट किया था और दावा किया था कि यह ऐसी सामग्री से बनाया गया है जो कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है।
राउत ने मेघवाल पर हमला करते हुए कहा, "महाराष्ट्र ने संक्रमण को सक्रिय रूप से नियंत्रित किया है और देश का सबसे बड़ा स्लम धारावी इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। कई मंत्री संक्रमित हुए हैं, एक पूर्व क्रिकेटर-मंत्री चेतन चौहान की मौत हो गई है। इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप न करें। इस महामारी से हमें मिलकर लड़ना चाहिए।"
देश में कोविड -19 की स्थिति पर हो रही बहस में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि राज्य को अवांछित रूप से निशाना बनाया जा रहा है जबकि यह एक साथ लड़ने का समय है।
सरकार पर विपक्ष का ये हमला उस टिप्पणी के बाद शुरू हुआ है जो भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोविड मामले होने को लेकर की थी।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के उस बयान पर चर्चा शुरू की थी। जिसमें कहा गया था कि देश में किए गए लॉकडाउन ने 14 से 29 लाख मामले और 37 से 78 हजार मौतें रोकी हैं। शर्मा ने इन आंकड़ों के पीछे का वैज्ञानिक आधार पूछा था।
इस पर सांसद सहस्त्रबुद्धे ने महाराष्ट्र को लेकर टिप्पणी की थी।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा कश्मीर में इस समुदाय के लोगों के नरसंहार की जांच करने के लिए न्यायिक आयोग की मांग का गुरुवार को वैश्विक कश्मीरी पंडित प्रवासी (जेकेपीडी) ने समर्थन किया। स्वामी ने ये मांग बुधवार को की थी। जीकेपीडी ने कश्मीरी पंडितों को पूर्ण मुआवजा देने, क्रूर हत्याओं, दुष्कर्मों और जबरन धर्म परिवर्तन के अपराधियों को मृत्युदंड देने की अपील का भी समर्थन किया है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को ट्वीट किया, "सरकार को 1989 से हो रही कश्मीरी पंडितों की निर्मम हत्याओं, दुष्कर्मों और जबरन धर्म परिवर्तन पर एक नरसंहार आयोग का गठन करना चाहिए। इस आयोग को अपराधियों को मृत्युदंड देने की सिफारिश करने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही कश्मीरी पंडितों को पूरा मुआवजा भी मिलना चाहिए।"
इस मसले पर आवाज उठाने के लिए जेकेडीपी ने स्वामी को धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि यह समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। पीड़ित समुदाय को न्याय दिलाने के लिए कंगना रनौत, विवेक अग्निहोत्री जैसे लोगों ने भी आवाज उठाई थी।
नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसी राजनीतिक दल से कोई मुकाबला नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे बढ़ते हैं। देश के लिए उनके पास विशाल ²ष्टि है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर पार्टी मुख्यालय पर एक वेबसाइट और ई-बुक का विमोचन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का प्यार और विश्वास बढ़ रहा है, कम नहीं हो रहा है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना काल में दुनिया के मुकाबले भारत में बहुत बेहतर तरीके से लड़ाई लड़ी गई। कोरोना काल में जो भी सर्वे हुए उसमें प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बढ़ती रही। उन्होंने हर कार्य को अलग ढंग से किया। वह दूसरों से तुलना कर कोई कार्य नहीं करते। प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति में एक लंबी लाइन खींच दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पार्टी की ओर से मिस्ड कॉल के जरिए जिस तरह से पहले 11 करोड़ और बाद में 7 करोड़ और सदस्य बने, यह प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का प्रमाण है।
विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन की ओर से तैयार प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर नरेंद्र 70 डॉटइन नामक वेबसाइट के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व भाजपा और भारत तक सीमित नहीं है। पूरे विश्व के लोग प्रशंसा कर रहे हैं। केवल बैनर, होर्डिग से जन्मदिन नहीं मनाया जा रहा है, बल्कि सेवा कार्यो के जरिए किया जा रहा है। गरीबों तक पहुंचने के माध्यम के रूप में मोदी का जन्मदिन मनाया जा रहा है।
नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)| सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट को इस बात की सूचना दी गई कि अगर वे मीडिया के संचालन में इच्छुक हैं, तो उन्हें मुख्यधारा मीडिया के बजाय डिजिटल मीडिया पर गौर करना चाहिए, क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुंचने की क्षमता है। इसमें चीजें तेजी से वायरल होती हैं। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने एक हलफनामे में मंत्रालय ने कहा है कि मेनस्ट्रीम मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट) की बात करें, तो इसमें पब्लिकेशन या टेलीकास्ट करना एक बार का काम होता है, दूसरी ओर डिजिटल मीडिया में अधिक संख्या में लोगों तक पहुंचने की क्षमता होती है और इसमें व्हाट्सअप, ट्विटर और फेसबुक जैसे ऐप के माध्यम से वायरल होने का भी गुण है।
सुदर्शन टीवी के मामले में दायर इस हलफनामे में कहा गया, "गंभीर प्रभाव और क्षमता को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट अगर इस पर फैसला करने के इच्छुक है, तो उन्हें पहले डिजिटल मीडिया पर गौर फरमाना चाहिए क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के संबंध में पहले से ही पर्याप्त रूपरेखा और न्यायिक घोषणाएं मौजूद हैं।"
इसमें आगे कहा गया, "मीडिया में मुख्यधारा के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, मुख्यधारा के प्रिंट मीडिया के अलावा एक समानांतर मीडिया भी है, जिनमें डिजिटल प्रिंट मीडिया, डिजिटल वेब बेस्ड न्यूज पोर्टल, यूट्यूब चैनल सहित 'ओवर द टॉप' प्लेटफॉर्म (ओटीटी) शामिल हैं।"
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, के. एम. जोसेफ और इंदु मल्होत्रा ने अगले आदेश तक सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम यूपीएससी जिहाद के प्रसारण पर रोक लगा दी है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मानक प्रदान करने के उद्देश्य से शीर्ष अदालत ने एक पांच-सदस्यीय समिति की स्थापना का संकेत दिया है, जिनकी नीतियां राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावित नहीं होंगी।
शीर्ष अदालत मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस वैक्सीन अगले साल की शुरूआत तक देश में उपलब्ध हो जाएगी। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत में मामलों की संख्या 50 लाख के पार हो चुकी है और देशवासी बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा, "अन्य देशों की तरह भारत भी वैक्सीन के लिए प्रयास कर रहा है। 3 वैक्सीन कैंडिडेट का परीक्षण अलग-अलग चरणों में है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विशेषज्ञों का एक समूह इसे देख रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरूआत तक भारत में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।"
जायडस केडिला और भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए जा रहे दो टीके परीक्षण का पहला चरण पूरा कर चुके हैं। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने के बाद फिर से परीक्षण शुरू कर दिया है।
कोविशिल्ड वैक्सीन उम्मीदवार की मैन्यूफेक्चरिंग में भारत भागीदार है, जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। पुणे की फर्म एसआईआई देश में 17 परीक्षण स्थलों पर परीक्षण कर रही है।
इसके अलावा रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड ने भारत में स्पुतनिक-5 वैक्सीन के वितरण पर सहयोग करने पर सहमति जताई है।
स्पुतनिक को रूस के गेमेल्या साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआईएफ द्वारा विकसित किया गया था, जिसका 11 अगस्त को रजिस्ट्रेशन किया गया था।
आरडीआईएफ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "आरडीआईएफ डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा।"
लखनऊ, 17 सितम्बर (आईएएनएस)| लखनऊ कस्टम विभाग की टीम ने सऊदी अरब से आने वाले एक यात्री से चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीसीएसआई) पर करीब 3.8 किलोग्राम सोने के बिस्कुट जब्त किए हैं। उसकी कीमत 2 करोड़ रुपये से अधिक है। मात्र दो दिनों की अवधि में दूसरी बार इस तरह की जब्ती की गई है। इसके साथ ही मध्य पूर्व से सोने की तस्करी के कार्टेल का स्पष्ट लिंक पता चलता है।
विभाग के एक बयान में कहा गया, "लखनऊ कस्टम्स टीम ने 16.09.2020-17.09.2020 की रात में सीसीएसआई एयरपोर्ट पर फ्लाइट नंबर जी8 6451 में रियाद से लखनऊ यात्रा करने वाले एक यात्री से 33 सोने की बिस्कुट (प्रत्येक बिस्कुट का वजन 116.64 ग्राम) जब्त किया, जिसका कुल वजन 3,849.12 ग्राम था और इसका मूल्य 2,09,77,704 रुपये है।"
सोने के बिस्कुट को सेलोटेप में लपेटा गया था और एक काले रंग की थैली में रखा गया, जो उनके अंडरगारमेंट में था।
संदेह के आधार पर कस्टम अधिकारियों ने यात्री की पूरी तरह से जांच की, जिसके बाद 33 सोने के बिस्कुट का पता चला। व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इससे पहले मंगलवार को इसी हवाई अड्डे पर लखनऊ कस्टम्स ने दुबई से लखनऊ आने वाली फ्लाइट नं. एफजेड 8325 के एक यात्री के पास से 583.2 ग्राम वजन के सोने के बिस्कुट की एक और जब्ती की थी। उसकी कीमत 31,78,440 रुपए थी।
एक बयान में कहा गया, इन सोने के बिस्कुट को कार्बन पेपर और सेलोटेप की कई परतों में लपेटा गया था और बेलनाकार आकार के रबर मटेरियल में रखा गया था जिसे पुन: सेलोटेप में लपेटा गया था और हैंड बैगेज में रखा गया था। यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने गुरुवार को राज्यसभा में एशियाई शेरों की मौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग की कि शावकों को रेडियो कॉलर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे उनकी वृद्धि बाधित होती है और कई बार इससे उनकी असामयिक मौत भी हो जाती है। गोहिल ने कहा, "कॉलर 2.5 किग्रा का होता है जिसका इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। इसकी बजाय किसी अन्य वैज्ञानिक तरीके का उपयोग करना चाहिए।"
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन समिति की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अब तक गुजरात में 92 एशियाई शेरों की मौत हो गई है।
वहीं 10 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर 2015 से 2020 के बीच एशियाई शेरों की आबादी में 29 फीसदी की ऐतिहासिक वृद्धि बताते हुए ट्वीट किया था।
गुजरात का मशहूर गिर नेशनल पार्क राज्य के 8 जिलों जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, पोरबंदर, राजकोट, गिर-सोमनाथ, बोटाद और जामनगर में फैला है।
नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनकी जांच रिपोर्ट बुधवार की देर रात आई। जिसके बाद मंत्री आइसोलेशन में चले गए हैं। उन्होंने संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। मध्य प्रदेश के दमोह से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा, कल रात्रि में मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जो लोग मुझे मंगलवार को मिले थे उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। मंत्री के संपर्क में आने वाले स्टाफ और अन्य लोग भी अब कोरोना की जांच कराने की तैयारी में हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार के कई मंत्री कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत आदि कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह स्वस्थ होकर कोरोना वायरस की चपेट से बाहर आ चुके हैं। हालांकि अमित शाह का पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट चल रहा है।
नयी दिल्ली,17 सितंबर (वार्ता) वैश्विक महामारी कोविड-19 के देश में लगातार बढ़ते भयावह प्रसार को रोकने के लिए इसकी अधिक से अधिक जांच की मुहिम में 16 सितंबर को कुल जांच का आंकड़ा छह करोड़ को पार कर गया।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों में बताया गया कि देश में 16 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 6,05,65,728 नमूनों की जांच की जा चुकी है। परिषद के अनुसार 16 सितंबर को लगातार दूसरे दिन एक दिन में 11 लाख से अधिक 11,36,613 वायरस नमूनों की जांच की जा चुकी है। पंद्रह सितंबर को 11,16,842 नमूनों की जांच की गई थी।
देश में तीन सितंबर को आये आंकड़ों में रिकार्ड 11 लाख 72 हजार 179 नमूनों की जांच की गई थी। यह देश में ही नहीं विश्व में भी एक दिन में सर्वाधिक जांच का रिकार्ड है।
अयोध्या, 17 सितंबर (आईएएनएस) बाबरी मस्जिद के वादी इकबाल अंसारी ने विध्वंस मामले में सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष कोर्ट में आग्रह किया कि मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया जाए। सीबीआई की विशेष कोर्ट 30 सितंबर को मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है और आरोपियों में लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह और विनय कटियार जैसे दिग्गज शामिल हैं।
अंसारी ने एक समाचार चैनल को बताया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही विवाद पर अपना फैसला दे चुका है और मंदिर निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा, "बाबरी विध्वंस मामले में कई आरोपी व्यक्ति अब जीवित नहीं रहे और जो लोग मौजूद हैं, वे बहुत बुजुर्ग हो गए हैं। मैं चाहता हूं कि इस मामले को अब खत्म कर दिया जाए और इसे अब बंद करना चाहिए। किसी भी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई विवाद नहीं बचा है।"
अंसारी ने आगे कहा कि हिंदू और मुसलमानों को एक साथ सौहार्द से रहने और देश के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
विध्वंस मामले में सारी बहस अब खत्म हो गई है और फैसला 30 सितंबर को सुनाया जाएगा।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में तृतीय वर्ष के छात्र की रहस्यमय मौत के करीब तीन साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को दो महीने के भीतर नए सिरे से मामले की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं। राज्य पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका पर आदेश सुनाते हुए पुलिस को नए सिरे से मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
पीड़ित विक्रांत नगाइच की मां नीतू कुमार नगाइच ने वकील सुनील फर्नांडिस के माध्यम से याचिका दायर की है। मामले की तीन साल बाद भी इसकी जांच में कोई प्रगति नहीं हो रही थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
जुलाई में शीर्ष अदालत ने कहा था कि जांच दो महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए और इसके पहले एक अंतिम रिपोर्ट दायर की जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने राजस्थान पुलिस द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को रद्द कर दिया है।
पीठ ने कहा कि इस मामले में काफी समय बीत चुका है और निस्संदेह अब इस मामले को तत्काल निपटाया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि नए सिरे से जांच आज (बुधवार) से अधिकतम दो महीने के भीतर समाप्त हो जानी चाहिए।
पीठ ने क्लोजर रिपोर्ट में लापरवाही बरतने और तय समय पर रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर राजस्थान पुलिस को फटकार भी लगाई।
पीठ ने कहा कि उनके सामने अचानक एक बहुत लंबी जांच रिपोर्ट तो दर्ज कर दी गई, मगर इसमें मौत को लेकर कोई सुराग नहीं है।
पीड़ित 13 अगस्त, 2017 की शाम को अपने दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय परिसर से लगभग 300 मीटर दूर एक रेस्तरां में गया था। उसका शव अगली सुबह एक रेलवे ट्रैक के पास मिला। पीड़िता की मां ने दलील दी है कि पुलिस की ओर से घटना की रात उनके बेटे के ठिकाने का पता लगाने के लिए उसके मोबाइल फोन का डेटा हासिल करना बाकी है।
याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि वह अपने बेटे की मौत की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने एकमात्र बच्चे की मौत के बाद पूरी तरह से टूट गई हैं।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| देश में झूठ और नफरत फैलाने वाले 7819 वेबसाइट लिंक और सोशल मीडिया अकाउंट पर केंद्र सरकार ने कार्रवाई की है। लोकसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षो में ब्लॉक कराए गए अकाउंट्स के बारे में जानकारी दी है।
दरअसल, कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह ने सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री से पूछा था कि फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समाज में हिंसा और घृणा को बढ़ावा दे रहे हैं, पिछले तीन वर्षों में ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है? इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्यौगिकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने इस सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंसा भड़काने वाली सूचनाओं की रिपोर्टिग बढ़ी है। इस कारण कार्रवाई भी तेज हुई है।
मंत्री ने बताया कि आईटी अधिनियम-2000 की धारा 69 क के फ्रेमवर्क के तहत एक प्रणाली मौजूद है। अधिनियम की धारा 69क सरकार को देश की संप्रभुता, राष्ट्र की सुरक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध से संबंधित किसी अपराध को करने के लिए भड़काने से रोकने के लिए संबंधित सूचना को ब्लॉक करने का अधिकार देती है।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में कई वेबसाइट, वेबपेज और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किए गए। केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि 2017 में 1385, 2018 में 2799 और 2019 में 3635 वेबसाइट, वेबपेज और सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कराया गया। इस प्रकार पिछले तीन साल में 7819 अकाउंट और वेबसाइट लिंक के खिलाफ कार्रवाई हुई।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पुलिस थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों पर सही सूचना उपलब्ध कराना चाहिए, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सही सूचना पाना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, नवीन सिन्हा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा, "2017 के एसएलपी (सीआरएल) 2302 मामले में 3 अप्रैल, 2018 को पारित हमारे आदेश के आलोक में हम थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों और निगरानी समितियों की वास्तविक स्थिति जानना चाहते हैं।"
नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)| महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। राज्य में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के राज्यसभा सदस्यों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू को शिकायत दी। शिकायत पत्र में भाजपा सांसदों ने करीब आठ घटनाओं का हवाला दिया है। राज्यसभा सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में राज्यसभा सांसद भागवत कराड और डॉ. विकास महात्मे ने आयोग से कहा कि राज्य में दिसंबर 2019 के बाद से मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने वालों पर अत्याचार किया जाता है।
23 दिसंबर 2019 को हीरामन तिवारी नामक एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कमेंट किया तो सत्ताधारी शिवसेना के नेताओं ने हमला करते हुए बाल ही मुड़वा दिए थे। भाजपा सांसदों ने बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में हुई दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग का मामला भी उठाया। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार में मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सभी मामलों को संज्ञान में लेते हुए जांच करते हुए, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
चंडीगढ़, 16 सितंबर (आईएएनएस)| कृषि संबंधी तीन विधेयकों से नाराज सैकड़ों किसानों ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में प्रमुख राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, ताकि संसद में इन्हें कानून न बनाया जा सके। प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर पंजाब के किसी भी सांसद ने संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन किया तो उन्हें गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, "जो सांसद संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन करेंगे, उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि उनके संगठन के सदस्यों ने पंजाब के कई स्थानों पर मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। हरियाणा में भी किसानों के राजमार्ग अवरुद्ध करने की खबरें हैं।
पंजाब के पटियाला शहर में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर और पूर्व मुख्यमंत्री एवं अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल के मुक्तसर जिले के उनके पैतृक बादल गांव में स्थित आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने धरना शुरू कर दिया।
दोनों राज्यों के किसानों ने विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जंतर मंतर पर भी धरना दिया। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
किसानों के विरोध को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब के विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस की मौजूदगी देखी गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे कृषि विधयकों को लेकर राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन न करें। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, क्योंकि वे अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 144 का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ पहले से दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाएंगी।
वह पंजाब कांग्रेस की ओर से किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के बाद गवर्नर हाउस के बाहर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो पंजाब के लिए मुसीबत पैदा करेगा और वास्तव में पूरे देश पर इसका असर पड़ेगा।
अमरिंदर सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार के द्वार पर यानी दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन करें। उन्होंने किसानों को उनकी लड़ाई में कांग्रेस के समर्थन का आश्वासन भी दिया।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर | दिल्ली में अगस्त के पहले हफ्ते में किए गए सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण से पता चला कि कोरोना से ठीक हो चुके 257 लोगों में से 79 लोगों के शरीर में एंटीबॉडी नहीं मिली.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए गए दूसरे दौर के सर्वे की रिपोर्ट से इसका पता चला है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में रह रहे या रह चुके लोगों में कंटेनमेंट जोन में नहीं रहने वाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक सीरो प्रेवीलेंस था.
दरअसल सीरो सर्वेक्षण अध्ययन में लोगों के ब्लड सीरम की जांच करके किसी आबादी या समुदाय में ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिनमें किसी संक्रामक रोग के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि दूसरे दौर का यह सर्वेक्षण लगभग 15,000 लोगों पर किया गया.
सूत्रों का कहना है कि पहले कोरोना संक्रमित पाए गए और कोरोना से ठीक हो चुके 257 लोगों के खून के सैंपल को भी यह जानने के लिए सर्वे में शामिल किया कि उनके शरीर में एंटीबॉडी था या नहीं.
विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन उनके शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी नहीं हैं, वे शायद कई महीने पहले महामारी के शुरुआती चरण में ही इससे ग्रसित हो गए हो, इसलिए उनके शरीर में एंटीबॉडी खत्म हो गए हों.
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन अधिकतर मामलों में शरीर के मेमोरी सेल वायरस को याद रखेंगे और कोरोना से उबर चुका कोई शख्स दोबारा इसकी चपेट में आएगा तो वे प्रतिरोधक क्षमता को दोबारा सक्रिय कर देंगे.’
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री सत्येंद्र जैन ने पिछले महीने सीरो सर्वेक्षण के पहले दौर के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा था कि अगस्त के सीरो सर्वेक्षण में 29.1 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी. (thewire)
नई दिल्ली, 16 सितंबर ( आईएएनएस)। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चार साल बाद फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ समय से चीन सीमा विवाद सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर जब-जब स्वामी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की तो उन्हें बीजेपी समर्थकों ने ट्रोल किया। जिससे नाराज हुए स्वामी ने बीते दिनों बीजेपी आईटी सेल हेड के पद से अमित मालवीय को 24 घंटे के अंदर हटाने की मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने रख दी। उनकी मांग को पार्टी ने संज्ञान में ही नहीं लिया। इससे पहले 2016 में भी स्वामी के तेवर इसी तरह तल्ख थे।
सूत्रों का कहना है कि स्वामी के पार्टी लाइन से हटकर किए जा रहे हमलों को बीजेपी में पसंद नहीं किया जा रहा। पार्टी ने अब स्वामी की बातों को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है। पार्टी उनकी बातों को नजरअंदाज करने के फॉर्मूले पर चल रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी के करना राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर फिर स्वामी को आगे मौका देने से पार्टी बच सकती है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, "स्वामी जी पार्टी लाइन के अनुरूप चलना नहीं चाहते। ऐसे में उनकी बातों को नजरअंदाज करने के सिवा किया ही क्या जा सकता है?"
दरअसल, हाल में चीन से विवाद, जेईई-नीट परीक्षा और उत्तराखंड के एक मामले को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। नीट और जेईई परीक्षा टालने के लिए स्वामी ने लगातार मुहिम चलाई, लेकिन सरकार ने मांग अनसुनी कर दी।
जीडीपी को लेकर भी हाल में सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी सरकार पर तंज कसा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना वायरस संकट को 'एक्ट ऑफ गॉड' बताने पर स्वामी ने कटाक्ष करते हुए पूछा था कि कोरोना के पहले ही जीडीपी गिरकर 3.1 प्रतिशत पर आ चुकी थी, क्या वो भी 'एक्ट ऑफ गॉड' था?
स्वामी के पार्टी विरोधी तेवर भाजपा के समर्थकों को रास नहीं आए। जिस पर उन्हें ट्रोल होना पड़ा। ट्रोल होने से नाराज स्वामी ने बीते सात सितंबर को कहा , "बीजेपी आईटी सेल दुष्ट हो गया है। इसके कुछ सदस्य फर्जी आईडी से मुझ पर निजी हमले कर रहे हैं। यदि नाराज हुए मेरे समर्थकों ने व्यक्तिगत हमले किए तो ठीक उसी तरह से मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगा जैसे आईटी सेल की करतूत पर भाजपा जिम्मेदार नहीं होती।"
उन्होंने 9 सितंबर को किए अपने ट्वीट में कहा, "कल तक अगर मालवीय को बीजेपी आईटी सेल से नहीं हटाया जाता है, तो इसका मतलब है कि पार्टी मेरा बचाव नहीं करना चाहती। चूंकि पार्टी में कोई मंच नहीं है, जहां मैं राय रख सकता हूं, इसलिए मुझे अपना बचाव करना होगा।"
भाजपा ने अमित मालवीय को हटाने की स्वामी की मांग अनसुनी कर दी। इस बीच भाजपा के कुछ समर्थकों ने एक विशेष हैशटैग के साथ सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ ट्रेंडिंग शुरू कर दी। इसमें 1999 में सोनिया गांधी के साथ मिलकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिराने की कोशिश और संघ और बीजेपी के खिलाफ उनके कुछ बयानों से जुड़े ट्वीट किए जाने लगे। इससे पूर्व जुलाई में स्वामी ने ट्वीट कर भाजपा के नैतिक पतन की बातें कहीं थी। उन्होंने कहा था, "वास्तव में भाजपा के नैतिक पतन को देखकर बहुत दुख होता है। कुछ लोगों ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में मेरे मंदिर मामले के खिलाफ तर्क दायर करने के लिए एक बैपटिस्ट ईसाई संगठन से वित्तीय मदद ली है।"
2016 में पीएम मोदी ने दी थी स्वामी को नसीहत
यह पहला मौका नहीं है, जब स्वामी बागी दिख रहे हैं। वर्ष 2016 में सुब्रमण्यम स्वामी के पार्टी के खिलाफ तेवर तल्ख हो चले थे। वह तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के बहाने केंद्र सरकार पर तीखे हमले करने लगे थे। उस वक्त के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रह्मण्यम पर हमले के बाद जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वामी को अनुशासन में रहने और सोच-समझकर बयान देने की सलाह दी थी तो उन्होंने पलटवार किया था। कहा था कि 'बिना मांगे मुझे अनुशासन और नियंत्रण की सलाह देने वाले लोग यह नहीं समझ रहे कि यदि मैंने अनुशासन की उपेक्षा की तो तूफान आ जाएगा।'
मामला बढ़ता देख तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में दखल देना पड़ा था। प्रधानमंत्री मोदी ने बगैर नाम लिए सुब्रमण्यम स्वामी को संदेश देते हुए कहा था-अगर कोई पब्लिसिटी के लिए बयान दे रहा है तो ये गलत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा घटनाओं पर भी पार्टी या सरकार की स्तर से उन्हें नसीहत दी जा सकती है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा)| केन्द्र ने पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निस्तारण पर जोर देते हुये बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि इन मामलों को एक निश्चित समय के भीतर उनके नतीजों तक पहुंचाना जरूरी है.
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ के समक्ष केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन मामलों के तेजी से निस्तारण के बारे में न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया के सुझावों पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
मेहता ने कहा कि अगर विधि निर्माताओं के खिलाफ लंबित मामलों में उच्च न्यायालय ने कार्यवाही पर रोक लगाई है तो शीर्ष अदालत को ऐसे मामले पर एक निश्चित समय के भीतर निर्णय करने का उसे निर्देश देना चाहिए.
उन्होंने पीठ से कहा कि ये मुकदमे समयबद्ध तरीके से अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने चाहिए और अगर कोई केन्द्रीय एजेन्सी (सीबीआई या ईडी) स्थगन आदेश नहीं होने के बावजूद आगे कार्यवाही नहीं कर रही हैं तो वह इसे दूसरे स्तर पर उठायेंगे.
मेहता ने कहा, ‘शीर्ष अदालत जो भी निर्देश देगी, भारत सरकार उसका स्वागत करेगी.’ उन्होंने कहा कि अगर विशेष अदालतों में बुनियादी सुविधाओं से संबंधित कोई मसला है तो शीर्ष अदालत संबंधित राज्य सरकार को ऐसे मामले में ज्यादा से ज्यादा एक महीने के भीतर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दे सकती है.
इससे पहले, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई शुरू होते ही न्याय मित्र हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने अपनी रिपोर्ट से सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों के विवरण की ओर पीठ का ध्यान आकर्षित किया.
पीठ ने हंसारिया से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की तफ्तीश वाले मामलों की स्थिति के बारे में पूछा और कहा कि इनमें से कुछ मामले कई सालों से लंबित हैं.
हंसारिया ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अनेक मामलों पर कर्नाटक जैसे उच्च न्यायालयों ने रोक लगा रखी है और निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून तथा धन शोधन रोकथाम कानून के तहत अनेक मामलों में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है.
उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ मामलों में मुकदमों की सुनवाई तेज नहीं हुयी है और अधिकांश मामले आरोप निर्धारित करने के चरण में लंबित हैं.
पीठ ने कहा कि ऐसे भी मामले हो सकते हैं जिनमें केन्द्रीय एजेन्सियों ने प्राथमिकी दर्ज की हो, लेकिन बाद इनमें बहुत कुछ नहीं हुआ हो.
हंसारिया ने कहा कि ऐसे भी कई मामले हैं जिनमें आरोप भी निर्धारित नहीं हुये हैं.
पीठ ने इस पर टिप्पणी की कि लोक अभियोजक की नियुक्ति नहीं होना, आरोप पत्र दाखिल नहीं होना और गवाहों को नहीं बुलाने जैसे कई मुद्दे हैं.
न्यायालय ने कहा कि अगर राज्य में सिर्फ एक ही विशेष अदालत होगी तो समयबद्ध तरीके से सारे मुकदमों का निस्तारण संभव नहीं हो सकता है।
इस पर मेहता ने कहा कि न्यायालय एक विशेष अदालत में एक निश्चित संख्या में मुकदमें रखने पर विचार कर सकती है. उन्होंने राज्य विशेष के भौगोलिक पहलू का भी जिक्र किया ओर कहा कि उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश विशेष अदालतों के लिये मुकदमों की संख्या निर्धारित कर सकते हैं.
हंसारिया ने कहा कि कुछ राज्य बड़े हैं और उनमें गवाहों के लिये एक जगह से दूसरे स्थान जाना मुश्किल है.
मेहता ने कहा कि केन्द्र ने विशेष अदालतों के लिये राज्यों को धन मुहैया करा दिया है और कई राज्यों ने अभी तक धन के इस्तेमाल का प्रमाण पत्र केन्द्र को नहीं दिया है.
पीठ ने कहा कि वह सालिसीटर जनरल के सुझावों पर विचार करेगी और रिपोर्ट में उठाये गये मुद्दों पर भी आदेश पारित करेगी.
सुनवाई के अंतिम क्षणों मे मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि धन के मुद्दे पर अभी निर्देश नहीं दिया जाये क्योंकि उन्हें इस पहलू पर निर्देश लेने होंगे. मेहता ने इस सुझाव से सहमति व्यक्त की कि उम्र कैद की सजा वाले अपराधों और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
हंसारिया ने सुझाव दिया था कि मौत या उम्र कैद की सजा के अपराध वाले मामलों के बाद विशेष अदालत को एससी-एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) कानून और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून जैसे कानूनों के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करनी चाहिए. शीर्ष अदालत को न्याय मित्र ने सूचित किया था कि 4,442 मामलों में देश के नेता पर मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से 2,556 आरोपी तो वर्तमान सांसद-विधायक हैं.
उन्होंने अपनी पूरक रिपोर्ट में कहा कि सांसदों और विधायकेां के खिलाफ दो सौ से ज्यादा मामले भ्रष्टाचार निरोधक कानून, धनशोधन रोकथाम कानून और पोक्सो कानून के तहत विभिन्न राज्यों में लंबित हैं.
इसी तरह एक दर्जन से ज्यादा सांसदों और विधायकों (पूर्व और वर्तमान) के खिलाफ आयकर कानून, कंपनी कानून, एनडीपीएस कानून, आबकारी कानून तथा शस्त्र कानून के तहत मामले लंबित हैं.
-रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| सुन्नी जिहादियों के समूह इस्लामिक स्टेट ने हाल के वर्षों में 12 भारतीय राज्यों में अपना आधार स्थापित किया है।
ईरान और सीरिया स्थित आतंकवादी संगठन केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है।
इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने 2014 के बाद से सीरिया और इराक के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है और बांग्लादेश, माली, सोमालिया और मिस्र जैसे देशों में उसकी शाखाएं हैं। लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे अन्य आतंकी संगठनों के साथ उसके संबंध हैं। भारत में अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है।
समूह में शामिल होने वाले विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों के कई उदाहरण केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विनय पी. सहस्रबुद्धे के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्य सभा में भारत के विभिन्न राज्यों में आईएस के बढ़ते आधार पर जानकारी प्रदान की है।
रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच में पता चला है कि आईएस केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय है।
उन्होंने बताया कि भारत की आतंकवाद-रोधी एजेंसी एनआईए ने दक्षिणी राज्यों तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकी गुट की मौजूदगी के संबंध में 17 मामले दर्ज किए और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया, "इस्लामिक स्टेट, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स (आईएसकेपी), आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है।"
मंत्री ने बताया कि अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है। इसे देखते हुए संबद्ध एजेंसियां साइबर स्पेस की सतत निगरानी कर रही हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
मंत्री ने बताया, "सरकार के पास सूचना है कि इन लोगों को वित्त कैसे मुहैया कराया जा रहा है और अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए उन्हें विदेशों से कैसे मदद मिल रही है।"
हैदराबाद, 16 सितंबर (आईएएनएस)| तेलंगाना में बुधवार को नक्सल-रोधी अभियान के दौरान गलती से चली एके47 बंदूक से एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि यह घटना पुलिस टीम द्वारा नक्सली को पकड़ने के लिए चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान भद्राद्रि कोथागुडेम जिले के चेरला मंडल के चेनापुरम जंगल क्षेत्र में हुआ।
रिजर्व सब-इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस (आरएसआई) आदित्य साईं कुमार (25 वर्ष) की मौके पर मौत हो गई, उनका शव भद्राचलम क्षेत्र के अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है।
पुलिस अधीक्षक सुनील दत्त के अनुसार, यह घटना तब हुई, जब अधिकारी अन्य लोगों के साथ मिलकर तलाशी अभियान चला रहे थे।
इस बीच, छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे जिले में नक्सलियों की मौजूदगी की खबर के बाद पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जो अभी भी चल रहा है।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से थमी भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटेगी। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि देश अभी भी कोरोना वायरस के प्रभाव में है और विकास की रफ्तार धीरे-धीर लौटेगी। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में स्थितियां सुधरी हैं।
उन्होंने कहा, फिर भी, कृषि गतिविधियों और विनिर्माण और निजीकरण के लिए परचेिंजंग मैनेजिंग इंडेक्स (पीएमआई) से जो संकेत मिले हैं, उससे लगता है कि दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों का स्थिरीकरण हो सकता है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में संकुचन (कांट्रैक्शन) भी कम हो रहे हैं।
रिकवरी, हालांकि अभी तक पूरी तरह से नहीं है लेकिन कुछ क्षेत्रों में जून और जुलाई में सुधार हुआ है। सभी संकेतों से लगता है कि रिकवरी धीरे-धीरे होने की संभावना है क्योंकि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की दिशा में प्रयासों को बढ़ते संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है।
दास के अनुसार, भारत में वित्तीय बाजार की स्थितियों में भी काफी सुधार हुआ है और रेपो रेट में कटौती से फाइनेंसियल सिस्टम में पैसा आया है।
उन्होंने कहा कि सरकार खर्च करने के लिए बैंकों से या दूसरे तरीकों से कर्ज भी ले रही है जिससे सिस्टम में तरलता (लक्वीडिटी) बढ़े और संसाधनों को जुटाने में मदद मिले।
श्रीनगर, 16 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में निवासी प्रमाणपत्र जारी करने से कश्मीरियों को इससे जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन होने की आशंका है। बुधवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि केन्द्र शासित प्रशासन ने 17 लाख से अधिक डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किए हैं। इनमें से 12.44 लाख प्रमाण पत्र जम्मू में और 4.16 लाख प्रमाण पत्र कश्मीर में जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "जल्दबाजी में ये प्रमाण पत्र उन लोगों को जारी किए गए हैं जो इसके अधिकारी नहीं हैं। ऐसे में यह बड़ी लापरवाही का मामला है।"
उन्होंने कहा कि कश्मीरी कहते हैं कि यह कवायद कश्मीर के जनसांख्यिकीय प्रोफाइल को बदलने का एक स्पष्ट प्रयास है। ऐसे में कश्मीर के लोग इसका विरोध करेंगे, वे अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने कहा, "अगर जम्मू-कश्मीर की केंद्र शासित सरकार को कश्मीर की जनता की भावनाओं की कोई चिंता नहीं है तो उसे यह काम करना चाहिए।"
लखनऊ, 16 सितंबर (आईएएनएस)| महोबा के व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या से संबंधित पांच ऑडियो टेप सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद हलचल मच गई है। गौरतलब है कि व्यवसायी की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
त्रिपाठी की हत्या के बाद 24 घंटे से भी कम समय के अंदर महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। त्रिपाठी ने आईपीएस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं वह अपनी ही कार में मृत मिले थे, उनकी गर्दन पर गोली लगी थी।
चारों ऑडियो टेप कथित तौर पर मारे गए व्यवसायी के हैं, जिन्होंने मरने से पहले बुंदेलखंड में पत्थर खनन को लेकर राजनेताओं, पुलिस और जिला प्रशासन से जुड़े जबरन वसूली रैकेट का खुलासा किया था।
पहली बातचीत व्यापारी, स्थानीय विधायक और अज्ञात व्यक्तियों के बीच की है, जबकि पांचवीं बातचीत त्रिपाठी के चचेरे भाई बृजेश शुक्ला और अपराधी आशु भदौरिया के बीच की है।
इन ऑडियो टेप का सत्यापन अभी नहीं किया गया है। सामने आए एक ऑडियो त्रिपाठी को एक अनजान व्यक्ति से फोन पर बात करते और कहते सुना जाता है कि "जो डिमांड एसपी साहेब की वही डिमांड डीएम की है। पांच लाख एसपी, पांच लाख डीएम और बाकी सब के लिए पांच लाख। हम क्या खाएंगे?"
उसी ऑडियो में अज्ञात कॉलर को यह कहते हुए सुना जाता है कि उसने जून और जुलाई में एसपी को 6 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन जब प्रशासन द्वारा पत्थर को तोड़ने का काम बंद कर दिया गया, तो वह अधिक नहीं दे सका।
अन्य 4.26 मिनट के एक ऑडियो में त्रिपाठी एक सहयोगी से यह कहता है कि वह पहली बार एसपी महोबा से मिला था और उसे बताया था, "आपकी ही छत्रछाया में जी रहे हैं, आप जैसा बोलेंगे वैसा करेंगे।"
इसी ऑडियो में त्रिपाठी कहता है कि वह कभी भी रिश्वत देने के लिए एसपी के पास नहीं गया, लेकिन उसे एक अज्ञात जगह बताई जाएगी, जहां यह राशि उनके गुर्गे को सौंपना होगा।
इसी तरह 28 सेकंड के एक अन्य ऑडियो में त्रिपाठी को यह कहते सुना गया कि उन्होंने एसपी को 5 लाख रुपये और स्टेशन ऑफिसर को 1 लाख रुपये रिश्वत दिया है।
इसके बाद की बातचीत में त्रिपाठी को एक विधायक के साथ बातचीत करते हुए और शिकायत करते सुना जा सकता है कि कैसे महोबा के एसपी, मणिलाल पाटीदार द्वारा उसे 6 लाख रुपये तक की रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
वहीं एक अन्य 1.49 मिनट का ऑडियो 8 सितंबर को त्रिपाठी को गोली लगने से कुछ ही घंटे पहले की है। ऑडियो में स्थानीय गुंडा भदौरिया को व्यापारी के भतीजे से यह कहते सुना गया कि राजा साहब (एसपी महोबा) बहुत नाराज हैं।
अपराधी कह रहा है, "अपने चाचा इंद्रकांत पर नजर रखो। यदि तुम्हें उसका ठिकाना नहीं मिला, तो इसका परिणाम भुगतना होगा।"
महोबा एसपी के निलंबित होने के बाद उनकी जगह पदभार संभालने वाले अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि इन ऑडियो को सत्यापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "डीएसपी रैंक का एक अधिकारी मामले की जांच कर रहा है।"
इस बीच उप्र के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या और इसके पीछे की परिस्थितियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि 8 सितंबर को त्रिपाठी को अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मार दी थी। मरने के चंद घंटे पहले उसने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें आरोप लगाया था कि एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार ने उससे जबरन वसूली की और अगर उनके साथ कुछ भी हुआ, तो उसका जिम्मेदार पाटीदार होंगे।
त्रिपाठी ने कानपुर में इलाज के दौरान 13 सितंबर को दम तोड़ दिया था।
लखनऊ, 16 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 21 सितंबर से स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खुलने की संभावना 'बहुत कम' है। शर्मा ने कहा, "बहुत कम संभावना है कि स्कूलों को आंशिक रूप से कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है। इस महीने आंशिक रूप से या कम से कम स्कूलों को चलाना तो संभव नहीं है। छात्रों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है।"
केंद्र ने अनलॉक 4.0 दिशानिदेशरें में शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्वैच्छिक आधार पर कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी किए थे।
हालांकि सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर अंतिम फैसला लेंगे कि इस महीने स्कूल फिर से खुलेंगे या नहीं।
हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार के पास स्कूलों को आंशिक रूप से फिर से खोलने की अनुमति देने की कोई योजना नहीं है।
माता-पिता अपने बच्चों को महामारी के दौरान स्कूलों में भेजने के विचार का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| वैश्विक दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब, जिसका मुख्यालय भारत में स्थित है, उसने कोरोनावायरस की वैक्सीन 'स्पुतनिक 5' के क्लीनिकल ट्रायल और वितरण के लिए रूसी निर्माता रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) से करार किया है। रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। 'स्पुतनिक 5' को गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने रशियन डायरेक्ट इवनेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ मिलकर तैयार किया है। इसे 11 अगस्त को पंजीकृत किया गया था।
फंड से एक बयान में कहा गया है, "भारत में विनियामक अनुमोदन के साथ आरडीआईएफ डॉ. रेड्डी को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा। 'स्पुतनिक 5' वैक्सीन, जो पूर्ण एवं सिद्ध सुरक्षा के साथ अच्छी तरह से अध्ययन किए गए मानव एडेनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है, कोरोनावायरस महामारी के लिए क्लीनिकल (नैदानिक) परीक्षणों से गुजर रही है।"
रूसी फंड ने कहा कि डिलीवरी संभवत 2020 के अंत में शुरू हो सकती है, जो भारत में नियामक अधिकारियों द्वारा सफल परीक्षणों एवं वैक्सीन के पंजीकरण के पूरा होने के अधीन है।
आरडीआईएफ ने कहा, "आरडीआईएफ और डॉ. रेड्डी के बीच समझौता देशों और संगठनों की बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है कि उनकी आबादी की रक्षा के लिए एक विविध एंटी-कोविड वैक्सीन पोर्टफोलियो है।"
इस महीने की शुरूआत में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा था कि रूसी सरकार ने 'स्पुतनिक 5' वैक्सीन के निर्माण में भारत की मदद मांगी है और देश में तीसरे चरण के परीक्षण की मांग की है।
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा था, "रूस के पास वैक्सीन निर्माण का अच्छा इतिहास है, इसलिए हम मानते हैं कि यह वैक्सीन भी अच्छी है। भारत और रूस सरकार की उच्च-स्तरीय समितियों के बीच बातचीत चल रही है। हम इसके तंत्र पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं।"
बता दें कि हाल ही में आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि रूस विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है।
इस बीच, भारत में भी तीन वैक्सीन परीक्षण के उन्नत चरणों में हैं।