राष्ट्रीय
मुंबई, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| सुब्रमण्यम स्वामी का मानना है कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सबूतों को व्यवस्थित तरीके से मिटाया गया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद ने गुरुवार को अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सबूतों को व्यवस्थित तरीके से मिटाया गया। इसके लिए मेहनत से सबूतों के पुननिर्माण की जरूरत है। एसएसआर का अगले दिन ही दाह-संस्कार कर दिया गया था, सबसे मुश्किल कूपर अस्पताल की ऑटोप्सी रिपोर्ट का दोबारा मूल्यांकन करना है। इसलिए सीबीआई द्वारा एकत्रित परिस्थितिजन्य सबूत और कबूलनामे के बीच इस अंतर को भरना होगा।"
उन्होंने इससे पहले बुधवार को ट्वीट कर कहा था, "कुछ पुलिस अधिकारी मीडिया में यह बता रहे हैं कि एम्स के पोस्टमार्टम से यह पता चलेगा कि यह हत्या थी या आत्महत्या। वे ऐसा कैसा कर सकते हैं, जब सुनंदा केस की तरह ही उनके पास एसएसआर का शव नहीं है? ज्यादा से ज्यादा, एम्स की रिपोर्ट यही बता सकती है कि डॉ. कूपर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा क्या किया गया और क्या नहीं किया गया। "
हाल ही में स्वामी ने सुशांत की ओटॉप्सी करने वाले पांच डॉक्टरों पर भी निशाना साधा था।
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर दिल्ली में रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी बस्तियों (स्लम) को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस मामले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। दिल्ली में रेलवे पटरियों के किनारे पड़े कचरे, प्लास्टिक की थैलियों और कचरे के ढेर के मामले से निपटने के दौरान शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने कहा, सुरक्षा क्षेत्रों में जो अतिक्रमण हैं, उन्हें तीन महीने की अवधि के भीतर हटा दिया जाना चाहिए और इस मामले में कोई हस्तक्षेप, राजनीतिक या अन्यथा नहीं होना चाहिए। कोई भी अदालत विचाराधीन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के संबंध में कोई स्टे नहीं देगी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण के संबंध में यदि कोई अदालत अंतरिम आदेश जारी करती है तो यह प्रभावी नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ईपीसीए की रिपोर्ट में सामने आई तस्वीर के साथ ही रेलवे द्वारा दायर जवाब दिखाता है कि अब तक कुछ नहीं किया गया है और कूड़े का ढेर लग गया है और उसी वक्त, उस इलाके में मानव आबादी अनधिकृत ढंग से बस गई, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।
पीठ ने तीन माह के भीतर प्लास्टिक के थैले, कूड़े आदि को हटाने के संबंध में योजना के क्रियान्वयन का और सभी हितधारकों यानि रेलवे, दिल्ली सरकार और संबंधित नगर पालिकाओं के साथ ही दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूआईएसबी) की अगली हफ्ते बैठक बुलाने और उसके बाद काम शुरू किए जाने का निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने कहा, अपेक्षित राशि का 70 प्रतिशत रेलवे और 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को जारी आदेश में कहा था कि हितधारकों को इन झुग्गियों को हटाने के लिए एक व्यापक योजना विकसित करनी चाहिए और इसे चरणबद्ध तरीके से निष्पादित किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने फरवरी में पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए), दिल्ली सरकार और विभिन्न नगर निगमों से रेलवे लाइनों के पास अपशिष्ट पदार्थों के निपाटन के लिए एक मजबूत संयंत्र विकसित करने के लिए कहा था, जिसमें प्लास्टिक की थैलियों को हटाना शामिल है।
पीठ ने उत्तर रेलवे के डीआरएम कार्यालय में अतिरिक्त संभागीय रेलवे प्रबंधक अश्विनी कुमार यादव द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के इलाके में 140 किलोमीटर तक रेल पटरियों के किनारे झुग्गियां बहुत अधिक संख्या में मौजूद हैं।
हलफनामें कहा गया है कि कुल 140 किलोमीटर में से 70 किलोमीटर लाइन के साथ बहुत ज्यादा झुग्गियां है और रेलवे लाइनों से सटी इन झुग्गियों की संख्या करीब 48,000 है।
मुंबई, 3 सितंबर (आईएएनएस)| दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के हाई प्रोफाइल मामले और इससे जुड़े 'मीडिया ट्रायल' और जांच में अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए मुंबई पुलिस की ओर से आठ सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों ने एक साथ रैली की। महाराष्ट्र पुलिस में शीर्ष पदों पर रह चुके आठ पूर्व अधिकारियों ने इस मामले में मुंबई पुलिस के खिलाफ 'अनुचित, दुर्भावनापूर्ण और झूठे मीडिया ट्रायल' को रोकने के निर्देश के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और जनहित याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ताओं में एम.एन. सिंह, पी.एस. पसरीचा, डी.एन. जाधव, डी. शिवनंदन, संजीव दयाल, के. सुब्रमण्यम, एस.सी. माथुर और के.पी. रघुवंशी शामिल हैं। ये सभी सेवानिवृत्ति के वक्त डायरेक्टर-जनरल स्तर पर रहे हैं।
वहीं गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों के इस कदम की सराहना की।
देशमुख ने संवाददाताओं से कहा, "महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस की भी प्रतिष्ठा है। उनकी तुलना स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती है .. जिस तरह से (सुशांत) मामले में मुंबई पुलिस को निशाना बनाया गया, मैं पीआईएल का स्वागत करता हूं।"
यह याचिका एक प्रमुख कानूनी फर्म क्रॉफोर्ड, बेले एंड कंपनी के माध्यम से दायर की गई है। उसके वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने पीआईएल में यूनियन और राज्य सरकारों, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन का नाम दिया है। याचिका पर जल्द ही सुनवाई होने की उम्मीद है।
याचिकाकर्ताओं ने अन्य बातों के साथ ही मीडिया हाउस, चाहे वह प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो, इंटरनेट या टेलीविजन या किसी भी अन्य रूप में, किसी भी झूठे, अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणियों को प्रकाशित करने और प्रसारित करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट, समाचार कहानियां आदि, जो पुलिस की प्रतिष्ठा को खतरे में डाल सकती हैं और लोगों का सिस्टम और पुलिस प्रशासन से विश्वास हटा सकती हैं, या न्याय- प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं, उसके लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
उन्होंने 'नैतिक रिपोर्टिग' और जिम्मेदार पत्रकारिता के संबंध में निर्देश जारी करने और अधिकारियों द्वारा लगातार उसकी निगरानी करने और किसी भी मीडिया हाउस द्वारा इसका उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाई के लिए निर्देश देने का भी आग्रह किया है।
पीआईएल में कुछ टीवी चैनलों को नामित किया गया है, जो अपनी बायस्ड रिपोर्टिग और झूठे प्रचार के माध्यम से केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसकी वजह से (सुशांत) मामले के तथ्यों और मुंबई पुलिस, स्वास्थ्य सेवाओं और राज्य में अन्य सहायता सेवाओं के बारे में लोगों के दिमाग में 'संदेह' उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस भारत के सबसे पुराने बलों में से एक है, जिसने हमेशा 'पेशेवर क्षमता और सार्वजनिक सेवा' के लिए अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की है और इसे नीचा दिखाने के लिए कोई भी दुर्भावनापूर्ण या गैर-जिम्मेदाराना प्रयास जनहित में नहीं है।
हालांकि पीआईएल में प्रेस, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भूमिका का पूरी तरह से समर्थन किया गया है। उन्होंने मीडिया रिपोर्टिग, विशेष रूप से टीवी चैनलों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)| जॉन वीक के नाम का इस्तेमाल करने वाले साइबर अपराधी समूह ने गुरुवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि उसने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है, हालांकि इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट से लिंक्ड ट्विटर अकाउंट को हैक करने की जिम्मेदारी ली है। जॉन विक की तरफ से अपने ट्विटर अकांउट पर पोस्ट किया गया, "यह अकांउट (एचसीकेइंडिया एट टूटनोटा डॉट कॉम) जॉन विक के द्वारा हैक किया गया है। हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है।"
हालांकि इस दावे की प्रामाणिकता को तुरंत ही वेरिफाइड नहीं किया जा सका है।
30 अगस्त को साइबर-रिस्क इंटेलिजेंस फर्म साइबल ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा था कि जॉन विक पेटीएम मॉल एप्लिकेशन/वेबसाइट पर एक बैकडोर/एडमिनर को अपलोड करने में सक्षम था।
साइबल ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, समूह ने पेटीएम मॉल के पूरे डेटाबेस में अप्रतिबंधित पहुंच प्राप्त कर ली है।
साइबल ने कहा, "सोर्स द्वारा हमें भेजे गए संदेशों के मुताबिक, अपराधी ने दावा किया कि पेटीएम मॉल के ही किसी इंसाइडर के चलते हैक संभव हो पाया है। हालांकि ये दावे असत्यापित है, लेकिन ऐसा होना संभव है।"
पेटीएम मॉल ने इधर इन दावों को झुठला दिया है।
पेटीएम मॉल के प्रवक्ता ने अपने एक बयान में कहा, "हम यह आश्वस्त करना चाहेंगे कि सभी यूजर्स सहित कंपनी के डेटा पूरी तरह तरह से सुरक्षित हैं। आपकी उम्मीदों के अनुसार हमने अपने डेटी की सुरक्षा पर भारी निवेश किए हैं। हम संभावित हैक और डेटा उल्लंघन के दावों की जांच कर रहे हैं और अभी तक हमें सुरक्षा में कोई सेंध नहीं मिली है।"
बयान में आगे कहा गया, "हमारे यहां एक बग बाउंटी प्रोग्राम भी है जिसके तहत सुरक्षा से संबंधित किसी भी जोखिम का खुलासा करने वाले को हम पुरस्कृत करते हैं। हम बड़े पैमाने पर सुरक्षा अनुसंधान समुदाय के साथ काम करते हैं और इसकी विसंगतियों को सुरक्षित तरीके से हल करते हैं।"
नई दिल्ली, 3 सितंबर। दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत के एक ढाबे में कोरोना संक्रमण का मामला सामने से हडक़ंप मच गया है। मिली जानकारी के अनुसार, मुरथल में सुखदेव ढाबे के 65 कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। सोनीपत के डीसी श्यामलाल पुनिया ने इसकी जानकारी दी है।
बताया जा रहा है कि सुखदेव ढाबे के 350 कर्मचारियों के टेस्ट हुए थे। ये कर्मचारी दूसरे प्रदेशों से यहां काम करने के लिए आए हैं। काम शुरू करने से पहले सभी का एंटीजन टेस्ट कराया गया था, जिसमें 65 पॉजिटिव आए हैं। टेस्ट करने वाली उप सिविल सर्जन व ग्रामीण क्षेत्र की नोडल अधिकारी डॉ. गीता दहिया ने यह जानकारी दी है।
जिले में कोरोना के संक्रमित मरीजों की रफ्तार एक बार फिर से तेजी से बढ़ रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता बढ़ गई हैं। बुधवार को पहलवान विनेश फौगाट के पति सोमबीर राठी सहित 191 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, जबकि 80 लोग संक्रमण से ठीक होकर घर लौटे। विनेश फौगाट व कुश्ती कोच ओपी दहिया 28 अगस्त को कोरोना संक्रमित मिले थे। हालांकि अब उनकी दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। (jagran)
लखनऊ, 3 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें लखनऊ एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया है। प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने आईएएनएस को बताया कि उनके गले में दिक्कत और हल्का बुखार होंने के चलते अपना कोरोना टेस्ट करवाया था, जिसकी रिपोर्ट पजिटिव आई है। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती किया गया है।
गौरतलब है कि योगी सरकार के कई मंत्री भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। कैबिनेट मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह, सतीश महाना, भूपेन्द्र चौधरी, डा़ धर्मेश, मंत्री मोहसिन रजा की भी कोरोना रिपोर्ट पजिटिव आ चुकी है। वहीं वायरस के कारण सरकार के दो मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन चौहान अपनी जान गंवा चुके हैं।
जांच एजेंसी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा...
शिवराज सरकार के लिए प्रदेश की जनता बकरी, घोड़े, भेड़, गाय, भैंस और मुर्गी के समान है! कोरोना त्रासदी के दौर में प्रदेश में जानवरों के खाने लायक अनाज गरीबों को बांटा गया। क्या प्रदेश की शिवराज ने गरीबों, दलितों, आदिवासियों को पशु ही समझ लिया है ? क्या विधायक तोडक़र सरकार बनाने के फॉर्मूले के बाद जनता की जरुरत नहीं भाजपा को ?
पंकज मुकाती
(राजनीतिक विश्लेषक)
इंदौर, 3 सितंबर। धर्मवीर भारती के उपन्यास का शीर्षक ‘गुनाहों का देवता’ आज शिवराज सरकार पर भी एक दम फिट बैठ रहा है। मध्यप्रदेश में हजारों परिवारों को जानवरों के खाने से भी बदतर राशन बांटने का मामला सामने आया है। कोरोना संक्रमण के दौर में मध्यप्रदेश के बालाघाट, सिवनी, मंडला में गरीब परिवारों को जो अनाज बांटा गया वो जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। कुत्ते और बकरी भी ऐसे गेंहू से बनी रोटियां नहीं खा रहे। पुराने, खराब अनाज को ठिकाने लगाकर सरकार ने आपदा को अवसर में बदल लिया। खराब अनाज की आपूर्ति अप्रैल से जुलाई के बीच हुई।
केंद्रीय जांच टीम की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ। टीम ने 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच बालाघाट और मंडला के गोदामों से 32 सैंपल लिए। दिल्ली की लैब में इन सैंपलों की जांच में जो सामने आया वो मानवता के लिए शर्मनाक है। जो गेंहू और चावल गरीबों को बांटा गया, वो पशुओं के खाने लायक था। रिपोर्ट के मुताबिक ये अनाज बकरी, भेड़, घोड़े, गाय, भैंस और मुर्गियों के खाने लायक है। तो क्या प्रदेश सरकार गरीबों को पशु मानती है ?
जिन इलाकों में ये अनाज बांटा गया उसमें बड़ी आबादी दलित और आदिवासी समुदाय की है। क्या सरकार ने दलित और आदिवासी समुदाय पर ध्यान देना बिलकुल छोड़ दिया है। प्रदेश में हाल के कुछ महीनो में दलितों के साथ सरकारी कू्ररता के कई मामले सामने आये हैं। प्रदेश के बड़े राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब आप विधायक तोडक़र सरकार बनाने का फॉर्मूला अपना लेते हैं, तो शायद आपको जनता की जरूरत महसूस नहीं होती। दूसरा शिवराज सरकार सिंधिया और भाजपा में ही इतनी उलझ चुकी है कि जनता के मुद्दों के लिए उसके पास वक्त नहीं है।
जांच एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी गोदामों में जो अनाज है वो करीब 6200 परिवारों को बांटा जाना था। बालाघाट के लोगों का कहना है कि इस अनाज में से बदबू आ रही है। केरोसिन मिला अनाज मिलने की भी जानकारी सामने आई है। लोगों ने बताया कि बदबू इतनी थी कि जानवरों ने भी इसे देखकर मुंह मोड़ लिया।
आखिर इस तरह के भ्रष्टाचार प्रदेश में कैसे बिना सरकार की सरपरस्ती के चल सकते हैं। या तो सरकार के मंत्री तक इसका हिस्सा है, या शिवराज और उनके मंत्रियों की अफसरशाही पर पकड़ नहीं रह गई।
रिपोर्ट के मुताबिक कुल 34 लाख 80 हजार किलो चावल ऐसा है जो बकरी, भेड़ और घोड़े को खिलाने लायक है। इसी तरह एक लाख 13 हजार किलो अनाज ऐसा है जो सिर्फ गाय और भैंस को खिलाया जा सकता है। 28 हजार किलो अनाज ऐसा है जो मुर्गियों को दाना खिलाने के काम आ सकता है।
ये सिर्फ दो गोदामों के सैंपल की कहानी है पता नहीं पूरे प्रदेश में इस कोरोना के संक्रमण के दौर में जनता को कितना घटिया अनाज ये सरकार बांट चुकी होगी।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ इस तरह की पशुता वाली हरकत के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। साथ ही खाद्य और आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह से इस्तीफा भी लेना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार सिर्फ अपने खरीदे विधायकों के सौदे की वसूली में लगी है उसे जनता की कोई फिक्र नहीं। (politicswala.com)
पटना, 3 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार के रहने वाले बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में न्याय को लेकर बिहार के अलावे देश के कई अन्य क्षेत्रों में मांग उठ रही है। इसी को लेकर सुशांत के गृहराज्य बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर भी गुरुवार को पोस्टर और बैनर लगे हैं, जिसमें न्याय की मांग की गई है। पटना के अतिव्यस्तम इलाके एग्जीबिशन रोड पर लगे एक बड़े पोस्टर में एक कविता लिखकर सुशांत के लिए न्याय की मांग की गई है।
पोस्टर में लिखी कविता में कहा गया है, वो गुलशन है। दिल में प्यार का शमां बांधे। वो दिलों का तरंग है। वो गुलशन है।"
13 पंक्ति वाले इस कविता में सुशांत के जीवन का चित्रण किया गया है।
दरअसल, सुशांत के घर (पुकारू) का नाम गुलशन था और यहां राजीवनगर के अधिकांश लोग उसे गुलशन कह कर ही पुकारते थे।
पोस्टर के सबसे नीचे 'जस्टिस फ ॉर सुशांत सिंह राजपूत' लिखा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि पटना के रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके मंबई स्थित फ्लैट में 14 जून को बरामद किया गया था। इसके बाद इस मामले की जांच मुंबई पुलिस ने शुरू की। जुलाई महीने में सुशांत के पिता के. के. सिंह ने पटना के राजीवनगर में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
बाद में बिहार सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से अनुशंसा कर दी थी। फि लहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
बरेली (उप्र), 3 सितंबर (आईएएनएस)| सीबी गंज थानाक्षेत्र में पड़ने वाले सर्वोदय नगर में फोटो स्टूडियो के लिए घर से निकली एक नाबालिग लड़की का बुधवार को कथित रूप से अपहरण कर चार युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना सामने आई है। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी दो की तलाश पुलिस कर रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, किशोरी एक फोटो स्टूडियो में अपने स्कूल के फॉर्म के लिए तस्वीर खिंचवाने जा रही थी, तभी उसे चार लड़कों ने उठा लिया और एकांत जगह पर ले गए जहां उन्होंने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया।
11वीं कक्षा की छात्रा पीड़ित किशोरी ने चारों आरोपियों की पहचान अपने पड़ोसियों के रूप में की है।
किशोरी की आरोपियों ने लोहे की रॉड से पिटाई भी की और फोन में अपनी घटना को कैद भी किया।
इसके साथ ही घटना की सूचना किसी को भी देने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
हालांकि, जब लड़की घर लौटी तो उसने अपने पिता को घटना की जानकारी दी और वह किशोरी को पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराने के लिए ले गए।
एसपी (सिटी) ने कहा कि आईपीसी की संबंधित धाराओं और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और बाकी दो आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लड़की को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों के बढ़ने पर केंद्र सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें चार माह से बंद चल रहीं सभी मंत्रालयों की कैंटीनों को फिर से खोलने का निर्देश दिया गया था। 28 अगस्त को जारी आदेश को वापस लेते हुए केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों को अग्रिम आदेशों तक कैंटीनों को बंद रखने का आदेश दिया है। कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि दिल्ली में कोरोना का खतरा बरकरार है। मामले फिर से बढ़ने शुरू हुए हैं। ऐसे में एहतियातन सभी कैंटीन को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। 28 अगस्त के आदेश को वापस ले लिया गया है। दरअसल, कोरोना के खतरे को देखते हुए 20 अप्रैल से केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों की कैंटीनें बंद चल रहीं हैं। दिल्ली में कोरोना को काबू में होता देखकर चार महीने बाद इन कैंटीनों को फिर से खोलने की योजना बनाई गई थी। कार्मिक मंत्रालय ने बीते 28 अगस्त को सभी मंत्रालयों को इन कैंटीनों को खोले जाने की अनुमति वाला एक आर्डर भी जारी किया था।
28 अगस्त के आदेश में कहा गया था, प्रतिबंधित गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करने की अनुमति मिल रही है। ऐसे में दिल्ली में मंत्रालयों की कैंटीनों को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है। लेकिन, इसके लिए गृहमंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा। सभी कर्मचारियों को डिस्ट्रिब्यूशन और सेल काउंटर पर सोशल डिस्टैंसिंग के साथ सभी प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। 28 अगस्त को जारी इस आदेश के तहत सोमवार यानी 31 अगस्त से डिपार्टमेंटल कैंटीनों को खोलने की तैयारी थी।
लेकिन, पिछले दो महीने में दिल्ली में काबू में दिख रहे कोरोना के मामले अचानक बढ़ने लगे। 30 अगस्त को जहां 2024 केस आए तो एक सितंबर को कोरोना संक्रमण के 2312 मामले आए। कार्मिक मंत्रालय ने इसे देखते हुए कैंटीनों को खोलने के संबंध में एक सितंबर को नया आदेश जारी करते हुए 28 अगस्त के पुराने आदेश को वापस लिया। आईएएनएस के पास मौजूद कार्मिक मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी उमेश कुमार भाटिया की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, यह कहने का निर्देश प्राप्त हुआ है कि 28 अगस्त को कैंटीनों को फिर से खोलने का आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जााता है। कैंटीनें अग्रिम आदेशों तक बंद रहेंगी।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (वार्ता)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुखों के साथ एक मंथन बैठक करेंगी।
सुश्री सीतारमण की इस बैठक का उद्देश्य कोविड-19 से जुड़े वित्तीय दबाव के समाधान के लिए एक बार ऋण पुनर्गठन योजना का सुचारू तरीके से और तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
बैठक में 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी।
यह बैठक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि 31 अगस्त को मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो रही है। उम्मीद है बैठक में इसे और कई अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा हो सकती है।
लॉकडाउन लगाने के बाद सरकार ने कोरोना संकट काल के दौरान कारोबारियों से लेकर आम आदमी तक के लिए कई राहतों का ऐलान किया था।
सिंगरौली, 3 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और शव को जमीन में मिटटी से दबा दिया। आशंका बलि दिए जाने की जताई जा रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बैढ़न थाना क्षेत्र के बसौड़ा गांव में बृजेश जाटव ने बुधवार रात पत्नी बिटटी बाई की पिटाई की और गर्दन काटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को मिटटी में दबा दिया। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी बृजेश को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ जारी है।
बैढ़न के थाना प्रभारी अरुण पांडे ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि प्रारंभिक तौर पर यह मामला अंधविश्वास से जुड़ा हुआ लग रहा है। फि र भी जांच के बाद ही वास्तविकता का पता चल सकेगा, क्योंकि आरोपी पत्नी के चरित्र से जुड़ी बात कह रहा है।
वहीं बृजेश के बेटे सुरेश का कहना है कि रात को वह सो रहा था और मां की आवाज सुनकर आया, उसने देखा कि पिता मां की पिटाई कर रहा है। उसने पिता को रोकने की कोशिश की जिस पर उसे भी जान से मारने की धमकी दी गई। इससे घबराकर वह घर से बाहर निकला और चिल्लाने लगा, पड़ोसी आए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
बताया जा रहा है कि बृजेश पिछले कुछ दिनों से पूजा अर्चना कर रहा था। आशंका इस बात की जताई जा रही है कि बृजेश ने कुलदेवता को प्रसन्न करने के लिए कथित तौर पर बलि दी है।
राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था और हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर पीएम मोदी और उनकी सरकार को घेरा है। उन्होंने देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था पर दूसरा वीडियो जारी करते हुए कहा, “नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। 8 नवंबर 8:00 बजे 2016, प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी का निर्णय लिया। 500, 1000 का नोट रद्दी कर दिया। पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हुआ। आपने अपना पैसा अपनी आमदनी बैंक के अंदर डाली।”
राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा, “पहला सवाल- काला धन मिटा? नहीं। दूसरा सवाल- हिंदुस्तान के गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा मिला? जवाब- कुछ नहीं। तो फायदा किसको मिला? फायदा हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों को मिला। कैसे? आपका जो पैसा था आपके जेब में से आपके घरों में से निकाल कर उसका प्रयोग सरकार ने इन लोगों का कर्जा माफ करने के लिए किया। मगर वह सिर्फ एक लक्ष्य था दूसरा लक्ष्य भी था छुपा हुआ- जमीन साफ करने का, जो हमारा इनफॉरमल सेक्टर है असंगठित अर्थव्यवस्था का सेक्टर है वो कैश पर चलता है। छोटा दुकानदार हो, किसान हो, मजदूर हो वो कैश से काम करता है।”
Demonetisation was a disaster that the Modi government would never accept. Till date, it’s unclear why the PM came up with the most hare brained idea that only destroyed Indian economy... https://t.co/BYNhYhZHoB
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 3, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा, “नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य जो जमीन साफ करने का लक्ष्य असंगठित अर्थव्यवस्था के सिस्टम से नगद कैश को निकालने का। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा कि वह कैशलेस इंडिया चाहते हैं। कैशलेस हिंदुस्तान चाहते हैं। अगर कैशलेस हिंदुस्तान होगा तो असंगठित अर्थव्यवस्था तो खत्म हो जाएगी। नुकसान किसको हुआ? किसानों को, मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस वालों को, जो कैश का प्रयोग करते हैं, जो बिना कैश जी हीं नहीं सकते।”
राहुल गांधी ने कहा, “नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था और हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा।” (navjivanindia.com)
राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा में अगस्त में बेरोजगारी दर 33.5 फीसदी रही, जिसका साफ अर्थ है कि राज्य का हर तीसरा आदमी बेरोजगार है। वहीं देश भर में अगस्त में बेरोजगारी दर 8.35 फीसदी पहुंच गई। यह बढ़ोतरी ग्रामीण क्षेत्र में काम में कमी आने की वजह से हुआ है।
देश में बेरोजगारी का संकट लगातार गहराता जा रहा है। बीते अगस्त महीने में संगठित क्षेत्र में नौकरियों में कटौती और ग्रामीण क्षेत्र में खेती के काम में कमी आने की वजह से बेरोजगारी दर में और तेजी से इजाफा हुआ और अगस्त में देश में बेरोजगारी दर 8.35 फीसदी पहुंच गई, जो कि जुलाई में 7.43 फीसद थी। कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में छूट के बाद भी अर्थव्यस्था नहीं संभल पा रही है और मंदी जारी है, जिसके चलते बेरोजगारी में इजाफा हो रहा है।
यह दावा सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने 1 सितंबर को जारी आंकड़ों के आधार पर किया है। आंकड़ों के अनुसार देश के शहरों में बेरोजगारी का आंकड़ा 9.83% प्रतिशत पहुंच चुका है, जिससे साफ है कि शहरों में लगभग हर 10वें आदमी के पास नौकरी नहीं है। वहीं इन आंकड़ों में गांवों की बेरोजगारी दर 7.65 प्रतिशत दर्ज की गई है। जबकि इससे पहले जुलाई में शहरों में बेरोजगारी दर 9.15 फीसद और गांवों में 6.66 फीसद थी। साफ है दोनों ही क्षेत्रों में अगस्त महीने में बेरोजगारों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
देश में जारी आर्थिक बदहाली के कारण बेरोजगारी का सबसे ज्यादा असर हरियाणा पर पड़ा है, जहां अगस्त में बेरोजगारी दर 33.5 फीसदी रही। इसका अर्थ हुआ कि राज्य का हर तीसरा आदमी बेरोजगार है। खास बात ये है कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है और ऐसे में बेरोजगारी दर में इतनी बढ़ोतरी गांवों में बढ़ती बेरोजगारी की ओर इशारा कर रही है। हरियाणा के बाद सबसे बुरा असर त्रिपुरा पर पड़ा है, जहां 27.9 फीसदी लोग बेरोजगार है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में सबसे कम बेरोजगारी है, जहां सिर्फ 0.5% लोग बेरोजगार हैं।
गौरतलब है कि अगस्त की बेरोजगारी का यह आंकड़ा मार्च के मुकाबले थोड़ा ही कम है, जब कोरोना संकट से निपटने के नाम पर मोदी सरकार ने देश भऱ में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया था। उस समय देश में बेरोजगारी की दर 8.75 फीसद थी, जबकि शहरों में यह आंकड़ा 9.41 फीसदी और गांवों में 8.44 फीसदी दर्ज किया गया था। साफ है कि इस समय शहरी बेरोजगारी पूर्ण लॉकडाउन के दौर से भी कहीं ज्यादा हो गई है।
इतना ही नहीं अगस्त की बेरोजगारी दर देश में कोरोना संकट आने के पहले के महीनों यानी जनवरी और फरवरी से भी बहुत ज्यादा है। जनवरी में देश में बेरोजगारी 7.76 फीसदी और फरवरी में 7.22 फीसदी रही थी। हालांकि, राहत की बात है कि कुल बेरोजगारी दर में पिछले कुछ महीनों के मुकाबले कमी आई है। देश में लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में बेरोजगारी दर 23.52 फीसदी पहुंच गई थी।
ऐसे में सीएमआईई के ताजा आंकड़ों को अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ चिंताजनक बता रहे हैं। उनका कहना है कि बेरोजगारी के ये आंकड़े उस समय आए हैं, जब लॉकडाउन की बंदी के बाद लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हो चुकी हैं। कमजोर आर्थिक माहौल में नौकरियों में लगातार कटौती देश में बेरोजगारी को गंभीर रूप से बढ़ा रहा है। (navjivanindia)
पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे तीन विवादित क्षेत्रों को लेकर जारी तनाव कम करने के लिए दोनों देश वार्ता कर रहे हैं। भारत ने ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के आस-पास के इलाकों में चीनी तैनाती पर चिंता जताई है। साथ ही थाकुंग अड्डे के करीब तैनाती को हटाने को कहा है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो (झील) पर तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच बुधवार को हुई सैन्य वार्ता में कोई समाधान नहीं निकल सका है। सूत्रों ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत जारी रहेगी। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में हालिया घुसपैठ के प्रयासों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है, जिसे खत्म करने के लिए सैन्य वार्ता की जा रही है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो (झील) में यथास्थिति को बदलने की कोशिशों में चीन द्वारा भड़काऊ सैन्य हरकतों के बाद, दोनों देश पिछले तीन दिनों से बातचीत में लगे हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने चुशुल में मुलाकात की। यह बातचीत आगे भी जारी रहेगी।"
पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर तीन विवादास्पद क्षेत्रों में ताजा घटनाक्रम के बाद दोनों देश विचार-विमर्श कर रहे हैं। भारत ने ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के आस-पास के इलाकों में बढ़ी चीनी तैनाती को लेकर चिंता जताई है। भारत ने चीन से भारतीय क्षेत्र में थाकुंग अड्डे के करीब सेना की तैनाती को पूरी तरह से वापस लेने को भी कहा है। चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर रेजांग ला से लगभग 2.5 से 3 किलोमीटर की दूरी पर रेचिन ला पर पकड़ मजबूत कर ली है।
इससे पहले 31 अगस्त को चीनी सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई की थी, क्योंकि भारतीय सैनिकों ने इससे पहले पीएलए द्वारा जमीन पर कब्जा जमाने के मंसूबों को विफल करने के लिए वहां के ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर पहुंच स्थापित कर ली थी। 29 और 30 अगस्त की रात को पीएलए के सैनिकों ने पहले हुई सहमति का उल्लंघन किया। इससे पहले पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान हुई सैन्य वार्ता में सहमति व्यक्त की गई थी कि किसी भी देश की सेना दूसरे के क्षेत्र में नहीं जाएगी और उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करेगी।
लद्दाख के पैंगॉन्ग झील इलाके में 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद से चीन बिलबिला रहा है। चीनी सेना ने भारत से आग्रह किया है कि वह सीमा पर तनाव कम करने के लिए अपनी सेना को तुरंत कम करे। इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने पैंगॉन्ग झील के पास यथास्थिति को बदलने के भारतीय सेना के आरोप को खारिज कर दिया था। वहीं भारत ने चीन से पैंगॉन्ग त्सो से अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटाने के लिए कहा है। लेकिन चीन ने हिलने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि 15 जून को गालवान घाटी में चीनी अतिक्रमण रोकने के दौरान हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस झड़प में चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई थीं। तभी से दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब चार महीने से आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो सका है। कई स्तर के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है। (ians)
बैंगलुरू, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| बैंगलुरू में एक ऐसे पूर्व बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है जिसने कृषि उपज के लिए रखे गए सरकारी फंड का दुरुपयोग कर दूसरे मद में स्थानांतरित कर दिया। पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी पूर्व बैंक कर्मचारी विजय आकाश को सरकारी फंड के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वो नौ महीनों से फरार चल रहा था।
संयुक्त कमिश्नर (क्राइम) संदीप पाटिल के मुताबिक, विजय आकाश ने फंड को पहले बैंक के ही एक दूसरे करंट अकाउंट में ट्रांसफर किया और फिर वहां से चेन्नई में कई बैंक खातों में भेज दिया।
पुलिस ने विजय आकाश के अलावा 15 और लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है जिसमें उसका बेटा प्रेम राज भी शामिल है।
इस मामले की जांच जारी है।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा है कि उसने कुख्यात हवाला ऑपरेटर नरेश जैन को गिरफ्तार किया है। जैन पर 600 खातों का उपयोग करके भारत में 96,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेनदेन कराने का संदेह है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एजेंसी ने जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है और दिल्ली की एक अदालत ने उसे 9 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
अधिकारी ने बताया कि जैन ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 600 से अधिक बैंक खातों के जरिए भारत में 96 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेनदेन की सुविधा दी। इस दौरान 11,800 करोड़ रुपये 114 विदेशी बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए। जैन को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज एक मामले के बाद गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी ने दावा किया कि जैन ने कथित तौर पर शेल कंपनियों, टूर-एंड-ट्रैवल फर्मों और औपचारिक बैंकिंग नेटवर्क के जरिए हवाला चैनलों के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने का एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट चलाया। इसके लिए तमाम जाली दस्तावेजों का उपयोग किया गया।
जांच में पता चला है कि 970 से अधिक लाभार्थियों को 18,680 करोड़ रुपये की एकोमोडेशन एंट्रीज देने के लिए 96 हजार करोड़ रुपये के फंड को घुमाने के लिए 450 शेल कंपनियों का उपयोग किया है।
दिल्ली का यह बिजनेसमैन पिछले कुछ समय से जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में है। 2016 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए वित्तीय जांच एजेंसी ने उस पर 1,204 करोड़ रुपये का दंड लगाया था।
अधिकारी ने कहा कि जैन ने प्रतिबंधित चीजों के नेटवर्क को भी वित्तपोषित किया था और 6 दिसंबर 2009 को उसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद उसे ईडी ने गिरफ्तार किया है। वह एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रह चुका है।
यह भी बताया गया है कि इटली और यूएई की कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी उसका पीछा कर चुकी हैं। वह अमेरिका और ब्रिटेन में भी अधिकारियों के संदेह के घेरे में आ चुका है।
वाराणसी, 3 सितम्बर (आईएएनएस)|बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने एक बार फिर दरियादिली दिखाते हुए जरूरतमंदों की मदद की है। उन्होंने वाराणसी के नाविकों को मदद भेजी है। उनके पास बाढ़ के कारण खाने के लिए भोजन तक नहीं था। एक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा सोनू सूद का ध्यान इस तरफ खींचा गया था। सामाजिक कार्यकर्ता दिव्यांशु उपाध्याय ने मंगलवार को अभिनेता सोनू सूद को नाविकों के 350 परिवारों के बारे में ट्वीट किया था, जो वाराणसी में गंगा नदी पर नाव चलाकर अपना जीवनयापन करते हैं। लेकिन बाढ़ के कारण उनका काम बंद है और उनके पास खाने तक के पैसे नहीं हैं।
एक घंटे के भीतर ही सोनू सूद ने ट्वीट का जवाब दिया और लिखा, "वाराणसी घाट के इन 350 परिवारों का कोई भी सदस्य आज के बाद भूखा नहीं सोएगा।"
इसके बाद सूद की सहयोगी नीती गोयल ने उपाध्याय को बुलाया और उन्हें आश्वासन दिया कि एक घंटे के भीतर उन्हें वाराणसी में राशन की किट उपलब्ध करा दी जाएगी।
उपाध्याय की टीम के एक सदस्य ने बताया, "हमें कुछ ही समय में अभिनेता की ओर से 350 राशन के किट मिल गए। प्रत्येक किट में 5 किलो आटा, 5 किलो चावल, 2 किलो चना, एक पैकेट मसाले और अन्य चीजें थीं। 350 में से 100 किट तुरंत परिवारों को वितरित कर दिए गए।"
दिव्यांशु उपाध्याय होप नामक एक गैर-लाभकारी संगठन चलाते हैं, उन्होंने बताया कि इन किट के लिए स्थानीय विक्रेता को सूद ने भुगतान किया।
उपाध्याय ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 'होप' नाविकों के लिए राहत वस्तुएं बांट रहा था लेकिन बाद में उनके पास सामग्री कम पड़ गई, तब उन्होंने सूद को ट्वीट किया।
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार ने नर्सिग होम संचालकों को बड़ी राहत देते हुए उनके लाइसेंस नवीनीकरण को एक साल के लिए एक्सटेंशन देने का फैसला किया है। बुधवार शाम नर्सिग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को यह आदेश पारित करने के निर्देश दिए। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि ऐसा सिस्टम तैयार करें, जिससे नर्सिग होम संचालकों को लाइसेंस का ऑटो एक्सटेंशन मिल जाए और उनको परेशान न होना पड़े।"
उल्लेखनीय है कि नर्सिग होम संचालक लॉकडाउन की वजह से लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करा पाए हैं और उनके लाइसेंस की वैधता 31 मार्च 2020 को खत्म हो गई है। अब नए आदेश जारी होने के बाद उन्हें 31 मार्च 2021 तक एक्सटेंशन मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बुधवार शाम दिल्ली के नर्सिग होम मालिकों और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सदस्यों के साथ नर्सिग होम के रिन्युअल संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बैठक की। इस बैठक में नसिर्ंग होम संचालकों ने कहा, "उन्हें हर साल नर्सिग होम का रिन्युअल कराना पड़ता है।"
इस दौरान दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के प्रेसिडेंट डॉक्टर अरुण गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद उनका आभार जताया और कहा, "मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी समस्या समझी और इस पर तुरंत आदेश दिए। इससे लोगों को बहुत राहत मिलेगी।"
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. आर के गुप्ता ने कहा, "दिल्ली सरकार ने सभी प्राइवेट और सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों का काफी सम्मान किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ नर्सिग होम संचालकों की हुई बैठक सफल रही और मुख्यमंत्री ने संचालकों को इस कोरोना महामारी में बड़ी राहत प्रदान की है।"
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)| सोशल मीडिया के बड़े प्लेटफॉर्म फेसबुक को लेकर चल रहे विवाद के बीच फेसबुक के भारत प्रमुख अजित मोहन सवालों के जवाब देने के लिए बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए। समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने ट्वीट कर बताया, "मीडिया के हित को ध्यान में रखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मामले की संसदीय स्थायी समिति की बुलाई गई बैठक अभी तुरंत समाप्त हुई है। हमने साढ़े तीन घंटे बैठक की और सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति बनी कि फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ बाद में चर्चा करेंगे।"
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, बैठक के तीन एजेंडों में से एक था "नागरिकों के हित की रक्षा के मसले पर फेसबुक के प्रतिनिधियों के विचार सुने जाएं। खासकर, सोशल मीडिया/ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग और डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा के अधिकार और निवारण के संदर्भ में।"
बैठक में भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर भी शामिल हुए।
आगरा, 3 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के वृंदावन में एक पाकिस्तानी म्यूजिक टीचर द्वारा कथित रूप से यूक्रेन की एक नाबालिग लड़की से लगातार तीन दिन तक दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। पाकिस्तानी नागरिक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "आरोपी आनंद कुमार करांची का रहने वाला है और वह बीते कई सालों से टूरिस्ट वीजा पर इस शहर में रह रहा है।"
वृंदावन कोतवाली प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और आरोपी को परिक्रमा मार्ग में इमली ताला के पास गिरफ्तार किया गया। एफआईआर पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी और उसे जेल भेज दिया गया है।
पुलिस ने कहा कि पीड़िता यूक्रेन की नागरिक है और पास के ही चैतन्य विहार में रहती है। उसे माता-पिता कृष्ण के भक्त हैं, हालांकि दोनों के बीच तलाक हो चुका है और अलग रहते हैं।
मथुरा के एसपी उदय शंकर ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
लखनऊ, 2 सितंबर (आईएएनएस)| लखनऊ में हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है, एफआईआर में यह दर्ज किया गया है कि प्रदेश में योगी सरकार के जातिवादी होने को लेकर फोन सर्वेक्षण किया जा रहा है। खबरों के अनुसार, राज्य के कई लोगों को मंगलवार को एक कॉल आया, जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या योगी सरकार केवल विशेष जातियों के हितों में काम कर रही है।
कॉल्स को लेकर प्रदेश में राजनीतिक उथल पुथल हो गई, जिसके बाद आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अपने ट्विटर के माध्यम से बताया कि सर्वेक्षण का आयोजन उन्होंने ही करवाया है।
उन्होंने बुधवार को ट्वीट में कहा, "हम बस लोगों से यह पूछ रहे हैं कि ये सरकार जाति के आधार पर काम कर रही है या नहीं। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों और दलितों की हत्या करना अपराध नहीं, लेकिन योगी सरकार जातिवादी हैं या नहीं इसका सर्वे करना अपराध है। राज्य सरकार जांच में जनता का पैसा बर्बाद न करे, जो पूछना है मुझसे पूछे।"
हाल ही के हफ्तों संजय सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणियों के लिए लगभग 10 मामले दर्ज किए गए हैं
नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमेटेड (एनएचएसआरसीएल) 508 किलोमीटर लंबी अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) परियोजना के निर्माण पर काम कर रहा है। इस बीच एजेंसी अब देशभर में 5,000 किलोमीटर लंबे सात नए मार्गो पर ट्रेन संचालित करने के लिए भी अध्ययन कर रहा है।
एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित सात नए उच्च गति गलियारों का अध्ययन करने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा एजेंसी को काम सौंपा गया है।
अधिकारी ने कहा कि एनएचएसआरसीएल को रेल मंत्रालय द्वारा 865 किलोमीटर दिल्ली-वाराणसी, 753 किलोमीटर मुंबई-नागपुर, 886 किलोमीटर दिल्ली-अहमदाबाद, 435 किलोमीटर चेन्नई-मैसूर, 459 किलोमीटर दिल्ली-अमृतसर, 711 किलोमीटर मुंबई-हैदराबाद और 760 किलोमीटर वाराणसी-हावड़ा नए प्रस्तावित गलियारे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए कहा गया है।
अधिकारी ने कहा कि एनएचएसआरसीएल डीपीआर की तैयारी के लिए सात नए प्रस्तावित गलियारों पर डेटा एकत्र कर रहा है। एनएचएसआरसीएल वर्तमान में मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना का निर्माण कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की परियोजना की आधारशिला रखी थी।
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और केंद्रीय रेल मंत्रालय ने परियोजना को आंशिक रूप से फंड देने के लिए जापान के साथ 508 किलोमीटर के गलियारे के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एनएचएसआरसीएल के अनुसार, हाई स्पीड ट्रेन परियोजना के लिए कुल 1,380 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से रेलवे ने निजी व्यक्तियों से 479 हेक्टेयर और सरकारी भूमि से 119 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया है।
एनएचएसआरसीएल दिसंबर 2023 की अपनी समय-सीमा से पहले 508 किलोमीटर की कॉरिडोर परियोजना को पूरा करने के लिए तैयार है। एक अधिकारी के अनुसार, मुंबई में बोइसर और बीकेसी के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग खोदी जाएगी, जिसमें से सात किलोमीटर का क्षेत्र समुद्र के नीचे होगा।
नयी दिल्ली, 02 सितंबर (वार्ता)। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों के गायब होने के मामले में जागो पार्टी और सिख समुदाय के लाेगों ने बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष एवं सांसद सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ यहां प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने श्री बादल की पत्नी एवं केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के 12, सफदरजंग रोड स्थित निवास के पास शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करके अपना रोष व्यक्त किया।
इस दौरान 'जागो' पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने जपुजी साहिब, चौपई साहिब और वाहेगुरु गुरमंत्र का पाठ करने के बाद श्री बादल की जमीर जागने और उनके पश्चाताप के लिए अरदास की। पार्टी के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता परमिंदर पाल सिंह ने अरदास करवायी।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगी होने एवं कोरोना महामारी का हवाला देते हुए लाउडस्पीकर से चेतावनी देना शुरू कर दिया तो श्री जीके ने लोगों से नारेबाजी न करने और बेरिकेड्स के पास जाकर शांति से पाठ और अरदास करने को कहा। इस दौरान श्री जीके ने आरोप लगाया कि श्री बादल के कहने पर और उनकी जानकारी में यह सब कुछ हुआ है।
शिरोमणि कमेटी छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर बड़े लोगों को बचा रही है। श्री जीके ने मांग की कि उन्हें आधिकारिक तौर पर लापता किए गए स्वरूपों का पता बताया जाए ताकि सिख पंथ स्वरूपों की संभाल कर सकें ।
रांची, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| झारखंड में 31.7 प्रतिशत अभिभावक बाजार में कोरोनावायरस वैक्सीन आने के बाद ही स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं। झारखंड सरकार ने 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों के बीच ऑनलाइन परीक्षण करवाया। ऑनलाइन परीक्षण 31 अगस्त तक करवाया गया।
सर्वे के अनुसार, "करीब 31.7 प्रतिशत अभिभावक बाजार में कोरोनावायरस वैक्सीन आने के बाद ही स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं। 88 प्रतिशत अभिभावक सिलेबस कम करने के पक्ष में हैं। करीब 48 प्रतिशत अभिभावक 50 फीसदी तक सिलेबस कम करने के पक्ष में हैं। करीब 25 प्रतिशत अभिभावक सितंबर में स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं।"
करीब 12,320 अभिभावक सर्वे में शामिल हुए। सर्वे में सरकारी, निजी और सेंट्रल स्कूलों के अभिभावक शामिल हुए।
करीब 14.12 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि वे सरकार के दोबारा स्कूल खोले जाने के फैसले का साथ देंगे।
राज्य में बीते दो दिनों में, 5,000 से ज्यादा नए कोविड केस आए हैं। अबतक राज्य में 43,902 मामले सामने आए हैं और इस महामारी से 428 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटे में, 2300 से ज्यादा लोग कोरोना महामारी से संक्रमित हुए हैं।