बेमेतरा
किसान नेता, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 9 अप्रैल। जिला अस्पताल में अव्यवस्था और अनियमितता की शिकायत को लेकर किसान नेताओं ने स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों से चर्चा की। उन्हें अस्पताल दवा और उपकरण की खरीदी में अनियमितता से जुड़े दस्तावेज सौंपे है और कार्रवाई की मांग की है।
गुरुवार को कायाकल्प योजना के अंतर्गत निरीक्षण के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को किसान नेता योगेश तिवारी की अगुवाई में किसानों ने जिला अस्पताल की अव्यवस्था से अवगत कराया। उन्होंने टीम के सदस्यों को बताया कि बेमेतरा जिला अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है। हालात काफी खराब है।
टीम में डॉ. अलका गुप्ता संयुक्त संचालक, डॉ. एसके बिझवार उपसंचालक, प्रेम वर्मा ओएसडी संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं, वरुण साहू राज्य सलाहकार एनएचएम, ऋषिकेश रात्रेे संभागीय सलाहकार क्वालिटी, डॉ. कविता बघेल सीनियर प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर शामिल थे।
दस्तावेज गायब
किसान नेता श्री तिवारी ने बताया कि शासन से प्राप्त फंड, जेडीएस फंड, दवाइयों की खरीदी का भौतिक सत्यापन और दस्तावेजों की जांच में बड़े खुलासे होंगे। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में वर्ष 2021-22 में हुए लेन देन सम्बंधी सारे दस्तावेज गायब है।
अस्पताल से नदारद रहती हैं सिविल सर्जन
किसान नेता ने आरोप लगाया कि बीते एक महीने से सिविल सर्जन जिला अस्पताल से नदारद रहती है। अस्पताल में कुछ क्षण के लिए आती है, वो भी उपस्थिति दर्ज करने, इसके बाद अस्पताल से चली जाती है।
निजी अस्पताल भेज रहे
किसान नेता का आरोप है कि दो दिन पहले ग्राम फरी की महिला को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया, करीब 6 घण्टे बाद महिला को जिला मुख्यालय स्थित प्राइवेट अस्पताल में भेजा गया। जहां प्रसव के लिए महिला के परिजनों से 35 हजार रुपए लिए गए। इसी प्रकार ग्राम ओटेबंद के एक युवक का हाथ फ्रेक्चर होने पर जिला अस्पताल लाया गया, करोड़ो की दवाई खरीदी करने वाले अस्पताल प्रबंधन के पास पट्टी नहीं मिली। जिसे बाहर से मंगाया गया।