बेमेतरा
बेमेतरा, 14 अप्रैल। प्रमुख सचिव, छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में बीते दिनों समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देश के पालन में जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द मिश्रा के द्वारा जिले के जिला मिशन समन्वयक, राजीव गांधी शिक्षा मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, समस्त विकासखण्ड स्रोत व्यक्ति, समस्त सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं समस्त संकुल शैक्षिक समन्वयकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रमुख सचिव द्वारा 15 मई तक कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के बच्चों में कक्षावार निर्धारित न्यूनतम दक्षता के लक्ष्य को हासिल करने पर चर्चा की गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के पालकों ने अपने बच्चों को हमें सौंपा है ताकि हम उन बच्चों में उनकी कक्षा के अनुरूप दक्षता विकसित कर पाएँ।
यह हम सब की जिम्मेदारी है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें सभी उचित प्रयास करने चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थी विकास सूचकांक प्रदर्शित हो यह सुनिश्चित किया जाए। डीईओ मिश्रा ने कहा कि 19 अप्रैल से जिले के सभी स्कूलों में सघन निरीक्षण किया जाएगा। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बी.आर.सी. ए.बी.ई.ओ., सी.ए.सी. द्वारा प्रस्तावित निरीक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा 19 अप्रैल के पूर्व जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं। संकुल शैक्षिक समन्वयक एक दिन में अपने संकुल के केवल एक ही विद्यालय में उपस्थित रहकर निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी निर्देश इस बैठक के माध्यम से दिए गए हैं उसका पालन विद्यालय स्तर पर दिखना चाहिए, इसके लिए आवश्यकता हो तो संकुल स्तर पर शिक्षकों की बैठक लेकर भी निर्देशों से अवगत कराया जा सकता है।
डीईओ मिश्रा ने समस्त शिक्षकों से अपील की कि इस वे निर्धारित विद्यालयीन समय पर विद्यालयों में उपस्थित रहें। संकुल शैक्षिक समन्यकों की बैठक में अनुपस्थिति को गम्भीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द मिश्रा ने अनुपस्थित संकुल शैक्षिक समन्वयक होरीलाल मिर्झा सी.ए.सी. बीजा, राजेश कुमार जायसवाल सी.ए.सी. केहका, मयंक राजपूत सी.ए.सी. पतोरा एवं अशोक बांधे सी.ए.सी.टेमरी का 12 अप्रैल का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए। बैठक को सुनील तिवारी सहायक सांख्यिकी अधिकारी , खिरामन वर्मा , प्राचार्य एच.के.भुवाल, कमोद ठाकुर, कमलनारायण शर्मा ने भी विद्यार्थियों में न्यूनतम अधिगम को प्राप्त करने में के उपायों पर प्रकाश डाला।
कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों का 15 अप्रैल के बाद स्कूल जाना ऐच्छिक
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 31 मार्च के स्थान पर 30 अप्रैल तक वृद्धि की गई है। आगामी शैक्षणिक सत्र 1 मई से 15 दिन के अतिरिक्त शैक्षणिक कार्य के लिए प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में संचालित सभी शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों की उपस्थिति 15 अप्रैल के बाद अनिवार्य नहीं होगी, पालक चाहें तो अपने पाल्यों को अध्यापन के लिए विद्यालय भेज सकते हैं, परन्तु शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
स्कूल संचालन और बच्चों तथा शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा सभी संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में पहले से ही यह नीति है कि कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों को परीक्षा के आधार पर पिछली कक्षा में नहीं रोका जाता है। कक्षा पहली से 8वीं तक के समस्त बच्चों को सामान्य रूप से वर्तमान शिक्षा सत्र में अगले कक्षा में प्रवेश दिया जाता है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों की अकादमिक उपलब्धियों का सतत् मूल्यांकन किया जाता है। इसके आधार सभी बच्चों को आवश्यक शिक्षण देने की व्यवस्था की जाती है। इस वर्ष भी राज्य में कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों के लिए यह नीति लागू रहेगी।