रायगढ़

खदानों को नीलामी से बाहर करने की मांग
06-Jul-2023 4:50 PM
खदानों को नीलामी से बाहर करने की मांग

छग सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र रायगढ़ के भी दो कोल ब्लॉक, मांड नदी कैचमेंट एरिया में हैं माइंस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 6 जुलाई। कोल ब्लॉक नीलामी में एक बार केंद्र और छग शासन के बीच टकराव की नौबत आ सकती है। छग सरकार ने 23 में से नौ कोल ब्लॉक को नीलामी सूची से हटाने को कहा है। कहा गया है कि इन खदानों की नीलामी से पर्यावरण को बहुत अधिक क्षति होगी, साथ ही 24 गांव बर्बाद हो जाएंगे। इसमें रायगढ़ जिले के भी दो खदानें होने की संभावना है।

हाल ही में कोयला मंत्रालय ने देश के 106 कोल ब्लॉक्स की नीलामी प्रारंभ की है। इसमें छग से 23 कोल ब्लॉक हैं। खनिज साधन विभाग छग की ओर केंद्रीय कोयला मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। इसमें नौ कोल ब्लॉक्स को सूची से हटाने की मांग की गई है।

दरअसल, इसमें से तीन खदानें हसदेव नदी के कैचमेंट एरिया में आते हैं, जहां घना जंगल है, वहीं छह कोल ब्लॉक मांड नदी के कैचमेंट एरिया में हैं। इस क्षेत्र में भी सघन वन है। कोल ब्लॉक शुरू होने से पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होगी। इसमें रायगढ़ के दो कोल ब्लॉक हैं जो धरमजयगढ़ इलाके में आ रहे हैं।

 विशेष सचिव खनिज विभाग जेपी मौर्य ने इस बारे में पत्राचार किया है। 26 जुलाई 2022 को छग विधानसभा में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है।

किस कीमत पर चाहिए कोयला

कोल ब्लॉक नीलामी के पूर्व प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास की कोई कार्ययोजना नहीं होती है। न ही काटे जाने वाले जंगलों की भरपाई करने का कोई उपाय सुझाया जाता है। वन भूमि के बदले दी जाने वाली जमीन में भी फर्जीवाड़ा किया जाता है। यही वजह है कोयला खदानों के लिए अब ग्रामीण अपनी भूमि देने से कतराने लगे हैं। अब छग सरकार ने आदिवासियों के पक्ष में अपनी बात रखी है।

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