रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 जुलाई। सरकार ने लारा पुसौर में एनटीपीसी का 4000 मेगावाट का प्लांट स्थापित किया। कोयले की आपूर्ति के लिए तलाईपाली माइंस आवंटित की। खदान का एमडीओ दो बार निरस्त हो चुका है जिसकी वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ। दो सालों के उत्पादन नहीं ठीक से नहीं होने के कारण कोयला मंत्रालय ने पेनाल्टी की अनुशंसा की है।
केप्टिव यूज के लिए आवंटित कोयला खदानों की समीक्षा कोयला मंत्रालय ने की। एनटीपीसी के तलाईपाली माइंस से उत्पादन नहीं होने की वजह एमडीओ निरस्त होना है। एनटीपीसी ने पहले बीजीआर और फिर त्रिवेणी अर्थमूवर्स को एमडीओ दिया था।
लेकिन दोनों बार एमडीओ निरस्त हो गया। यही वजह है कि पीक कैपेसिटी हासिल नहीं की जा सकी। मंत्रालय ने एनटीपीसी को नोटिस दिया।
स्क्रूटनी कमेटी ने माना कि एमडीओ का मामला कंपनी की समस्या है। इसमें कोई और संस्था इन्वॉल्व नहीं है। इसलिए एनटीपीसी पर ही जवाबदेही है। आवंटन के बाद पांचवें साल में पीक रेटेड कैपेसिटी हासिल की जानी थी जो अब आठवें साल में पहुंच गई है। कमेटी ने एनटीपीसी पर पेनाल्टी की अनुशंसा की है जो परफॉरमेंस बैंक गारंटी के जरिए लगाई जाएगी।