रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 12 जुलाई। रोजगार और ब्लास्टिंग से हो रहे नुकसान के मुआवजे को लेकर ग्रामीणों ने हल्ला बोल दिया है। गारे पेलमा 4-1 कोल माइंस में टपरंगा और जांजगीर के सैकड़ों महिला-पुरुष हाथों में छतरी लिए सुबह से धरने पर बैठ गए हैं। कोल माइंस से प्रभावित गांव के युवाओं को रोजगार देने की मांग की जा रही है, वही माइंस में ब्लास्टिंग की वजह से घरों की दरकती दीवारें और छत से गिरते खप्पर को संजोने के लिए मुआवजे की मांग कंपनी से की जा रही है। तमनार तहसीलदार और थाना प्रभारी मौके पर मौजूद है।
प्रदर्शन से गाडिय़ों की लंबी कतार
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण मंगलवार सुबह 5 बजे से ही कोल माइंस के अंदर कूच कर चुके हैं। ग्रामीणों ने माइंस के अंदर कोयला उत्खनन का कार्य बंद करवा दिया है। कोयला लोड गाड़ी और खाली गाडिय़ां भी सडक़ों पर सैकड़ों की संख्या में खड़ी है। पुलिस प्रशासन, कंपनी प्रबंधन और प्रदर्शनकारी ग्रामीणों के बीच समझाइश का दौर चल रहा है।
ठगे जा रहे हैं ग्रामीण
रोजगार के मुद्दे को लेकर पिछले कई बार ग्रामीणों ने आवाज उठाई है। कोल माइंस और जिंदल कंपनी के गेट के सामने ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया है। लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है। क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि कोल माइंस में ब्लास्टिंग होने के कारण उनके घर की दीवारें फटने लगी है। खप्पर भी गिरने लगे हैं। लेकिन जिंदल कंपनी द्वारा उन्हें मुआवजा राशि नहीं दिया जा रहा है। जिस वजह से वे बाध्य होकर धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर हो रहे हैं।