दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 27 जुलाई। केस वापस लेने के एवज में रुपए का डिमांड करने वाले तीन महिलाओं के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 384 के तहत कार्रवाई किया है।
नेवई पुलिस ने बताया कि उमरपोटी उतई निवासी राकेश तिवारी ने दुर्ग न्यायाधीश प्रथम श्रेणी में परिवाद दायर किया था। 2016 से लेकर 2018 तक गर्व इंजीनियरींग महाविद्यालय में सहायक प्रोफोसर के पद पर पीडि़त कार्यरत था। मरोदा में रसायन,जे.आई. नेट के छात्र-छात्राओं और गरीब विद्यार्थियों के मामूली फीस लेकर प्रायवेट कोचिंग कराया करता था।
इस दौरान पड़ोसी उर्वशी धारने पीडि़त के कोचिंग में पढऩे जाया करती थी। उर्वशी पीडि़त को मोबाइल वाट्सअप पर लगातार अश्लील मैसेज भेजा करता थी। कई बार उसे पीडि़त ने समझाया लेकिन उल्टा उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दे डाली। वर्ष 2020 में महिलाओं ने झूठे केस में पीडि़त को फंसाया। इस दौरान पीडि़त का केस वापस लेने के एवज में पांच लाख रुपए का डिमांड कर रहे थे। जिसकी शिकायत नेवई पुलिस में वर्ष 2022 को किया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं करने पर परेशान होकर पीडि़त ने न्यायालय में परिवाद दायर किया। न्यायालय ने उर्वशी धारने, डाली धारने, तारकेश्वरी धारने के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश नेवई पुलिस को दिया। पीडि़त ने आरोपियों के द्वारा दिए गए धमकी समेत दस्तावेज को न्यायालय में भी पेश किया था।