रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अक्टूबर। डाक कर्मियों के दो कैडर के विलीनिकरण (मर्जर) के आदेश को चंद घंटों में ही डाक महानिदेशालय और संचार सचिवालय को अनिर्णीत रखना पड़ा।
भारतीय डाक कर्मचारी महासंघ के लगातार विरोध के बाद भी डाक निदेशालय से पीए सीओ/आरओ के मर्जर के आदेश शुक्रवार को हो गए। इस संबंध में कई राउंड की उच्चस्तरीय बैठक भी सभी संगठन से हुई थी जिसमें वार्ता के दौरान सभी ने एक स्वर से इस मर्जर का विरोध किया था। यह महासंघ आश्चर्यचकित है कि सभी संगठनों के विरोध के बाद भी कैसे हो गया।
शायद डाक निदेशालय के इतिहास की यह पहली घटना होगी जब स्टाफ साइड की एकजुट आवाज को इस तरह नकारा गया। देश के 4 राज्य परिमंडलो में सीओ,आऱओ के सभी कर्मचारियों के इस संघ से जुड़ जाने के कारण अन्य संघ नाराज है किंतु यह अकल्पनीय होगा कि इस कारण से कोई मीटिंग में तो हमारे साथ इस मर्जर का विरोध कर रहा हो और अंदर से मर्जर की पैरवी कर रहा हो। बहरहाल,इस आदेश के निकलने के पीछे कोई ना कोई बड़ा कारण है। बी पी ई एफ के महासचिव अनंत पाल ने स्पष्ट किया कि भले ही हमारे साथ कोई मेंबर न हो किंतु हम अपना सिद्धांत नही छोड़ेंगे।
सौभाग्य से हम दिल्ली में ही थे।खबर मिलते ही संगठन मंत्री श्री संतोष के साथ डायरेक्टरेट गए। तुरंत केंद्रीय सचिव एवं डीजी को मेल के जरिए विरोध दर्ज कराया। सचिव ने अतिव्यस्तता एवम् रेड लाइट के बाद भी संघ के प्रतिनिधियों को बुलाया एवं मेंबर पोस्टल को भी बुलाकर पक्ष सुना।हमारे कड़े विरोध के बाद सचिव सर ने डी जी के पास भेजा किंतु वे घर चले गए थे। संघ के नेता पुन: सचिव के पास गए । उन्होंने फिर से पोस्टल बोर्ड मेंबर मंजू पांडे को बुलाया एवम् विषय को गंभीरता से सोमवार को देखने को कहा। हम आज ही इस कार्रवाई को अनिर्णीत रखने की मांग की। इस पर उन्होंने सहमति व्यक्त की है।