रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 नवंबर। एक दिसंबर को होने वाले क्रिकेट मैच के लिए मंगलवार को स्टूडेंट टिकिट बिक्री शुरू हो गई। इंडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में चार काउंटर खोले गए हैं। जहां आधी रात बाद से छात्रों की भीड़ लग गई। इनमें लडक़ों की संख्या अधिक है वहीं लड़कियाँ गिनी चुनी नजर आ रही है। छात्र अपना परिचय पत्र दिखा एक टिकिट प्राप्त कर सकते है। 60 हजार क्षमता वाले परसदा स्टेडियम में छात्रों के लिए केवल 1500 सीट्स रखी गई है। इसे लेकर भी नाराजगी देखी गई। एक टिकिट की कीमत 1000 रूपए तय की गई है।
वहीं आम दर्शकों के लिए जनरल टिकटों की कीमत 3500 रुपए से शुरू हो रही है और 7500 रुपए तक है। शुक्रवार से सुबह 11 बजे से क्रिकेटप्रेमी पेटीएम और पेटीएम इनसाडर ऐप के माध्यम से अपना टिकट ऑनलाइन बुक करा सकते हैं।
इस मैच के लिए भारत, आस्ट्रेलिया की टीमें कल रायपुर पहुंचेंगी। और शाम को परसदा स्टेडियम में प्रैक्टिस करेंगी। इसे देखते हुए स्टेडियम परसों से ही पुलिस की सुरक्षा के हवाले कर दिया जाएगा ।
जनरेटर के जरिए होगा मैच
स्टेडियम का करीब तीन करोड़ से अधिक का बिजली बिल नहीं भरने से वहां की बिजली कनेक्शन काट दी गई है?
छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के मीडिया सेल के पदाधिकारी तरुणेश परिहार ने बताया कि अस्थायी कनेक्शन और जनरेटर के भरोसे यह मैच होगा।
परिहार ने बताया, पिछले बार सुरक्षा में जो चूक हुई थी उससे सबक लिया गया है। पूरे ग्राउंड में तेज रनर की टीम तैनात रहेग।परिहार ने बताया, अगर कोई खिलाडिय़ों के बीच जाने की कोशिश करता है तो उन्हें तत्काल रोक दिया जाएगा। पिछले बार एक बच्चा ग्राउंड के बीच खिलाड़ी के पास पहुंच गया था।
आठ दिन बाद भी नहीं निकाले गए मधुमक्खी के 14 छत्ते
सरकारी कामकाज का ढर्रे की एक बानगी इन दिनों क्रिकेट मैच के आयोजन की तैयारी में देखी जा रही है। स्टेडियम के मेंटेनेंस में पीडब्लूडी की ढिलाई से स्टेडियम के चारों ओर जहां तहां मधुमक्खियों का झुंड है और उन्हें निकालने के लिए लिखे गए पत्र के आठ दिन बाद भी छत्ते टंगे हुए है। और टीमें कल शाम प्रैक्टिस करेंगी।
ईई लोनिवि डिवीजन-2 ने डीएफओ रायपुर को 20 नवंबर को पत्र भेजकर स्टेडियम में लटक रहे इन पत्तों को निकालने कहा था । स्टेडियम में कुल 14 छत्ते हैं जिनमें हजारों मधुमक्खियों का डेरा है। स्टेडियम, नया रायपुर के रेंजर के अधीन आता है । जो जंगल सफारी भी देखते हैं। पर्याप्त अमला होने के बाद भी आठ दिनों में ये छत्ते नहीं निकाले जा सके हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ईई का यह पत्र डीएफओ ने रेंजर को भेजा है या नहीं। ईई ने अपने पत्र में शीघ्र हटवाने या आग्रह किया था। इस पत्र को परस्यू करने की जिम्मेदारी एसडीओ लोनिवि आरंग की है। वह भी ढिलाई बरते हुए है। आदर्श परिस्थिति में इन्हें एक ही दिन में निकाला जा सकता है। यदि एक दिन में दो भी निकाले जीते तो सात दिन मेें सभी 14 निकाल लिए जाते।
इस बीच खबर है कि आज भी कार्रवाई नहीं की गई। और कल दोनों टीमें रायपुर पहुँच रहीं हैं। और शाम को खिलाड़ी नैट प्रैक्टिस करेंगे।