रायपुर

अब डाकिया और डाकघर में पार्सल-चिट्टी
24-Dec-2023 4:11 PM
अब डाकिया और डाकघर में पार्सल-चिट्टी

चैक किए जा सकेंगे, अफसरों को कई छूट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 23 दिसंबर। नए विधेयक को लाने का मकसद भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करना और भारत में पोस्ट ऑफिस या डाकघर से जुड़े कानून में संशोधन लाना है।

लोकसभा ने 18 दिसंबर को डाकघर विधेयक, 2023 पारित कर दिया।यह विधेयक भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 की जगह लेगा। सबसे पहले इस बिल को 10 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था, जिसे 4 दिसंबर को ऊपरी सदन से पहली बार मंजूरी मिली और इसके बाद संसद के दोनों सदनों में इसे सफलतापूर्वक पारित कर दिया गया।

इस विधेयक को लाने का मकसद भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करना और भारत में पोस्ट ऑफिस या डाकघर से जुड़े कानून में संशोधन लाना है। केंद्र सरकार ने इस कानून के जरिए पोस्ट ऑफिस के कई प्रक्रियाओं को सरल बनाने की कोशिश भी की है।

इतना ही नहीं पुराने कानून की तुलना में नए कानून में केंद्र सरकार की भूमिका को विस्तार से परिभाषित किया गया है और डाक सर्विस के महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल)  को और भी ज्यादा सशक्त बनाने की कोशिश की गई है।यह विधेयक डाक सामग्री के अवरोधन, दायित्व छूट और कुछ अपराधों और दंडों को हटाने जैसे प्रमुख पहलुओं को संबोधित करता है। डाकघर विधेयक 2023, इसी भारत के 125 साल पुराने डाकघर कानून में संशोधन किया गया है । इस विधेयक के बाद डाक घर के सर्विस में अलग-अलग तरह की नागरिक-केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी को शामिल किया जाएगा।

द्य विधेयक का प्रावधान केंद्र सरकार को अधिसूचना के माध्यम से अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, आपातकाल या प्रचलित कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कारणों से वस्तुओं को रोकने, खोलने या हिरासत में लेने का अधिकार देने की अनुमति देता है।

द्य नए विधेयक में डाक विभाग के कर्मचारियों को भी कुछ लाभ या रियायतें दी गई है. अभी जो नियम है उसके अनुसार डाक सर्विस से पार्सल भेजने वाले कस्टमर अपने पार्सल के खोने, टूट जाने या फिर देर से पहुंचने पर डाक अधिकारी के खिलाफ केस कर सकते हैं. लेकिन, डाकघर विधेयक 2023 में ऐसी स्थिति में डाक अधिकारी को सुरक्षा दी गई है. इस विधेयक में ऐसा प्रावधान बनाया गया कि काम के दौरान अगर ऐसा कुछ होता है तो कस्टमर डाक अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह का केस नहीं किया जा सकेगा।

द्य यह विधेयक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी  घरेलू कुरियर सेक्टर में अपनी सर्विस की कीमतें तय करने में डाक विभाग को फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है।

द्य इस नए विधेयक में एक और जरूरी बात ये है कि अब से पोस्ट ऑफिस को डाक टिकट जारी करने का अधिकार मिलेगा. नए विधेयक के तहत डाक अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। भारत में डाकघरों के विस्तार पर नजर डालें तो साल 2004 से लेकर साल 2014 के बीच अलग- अलग राज्यों में 660 डाकघर बंद किए जा चुके थे. लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद साल 2014 से 2023 के बीच यानी 9 सालों के अंदर 5,000 नए डाकघर खोले गए और लगभग 5746 डाकघर खुलने की प्रक्रिया में हैं।

इन 9 सालों में डाकघरों में तीन करोड़ से ज्यादा सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं. इन खातों में 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये भी जमा किए जा चुके हैं।

वहीं छत्तीसगढ़ में 4299 शाखा डाकघर, 347 मुख्य और उप डाकघर। जहां 37 लाख से अधिक बचत खाते संचालित हैं। इनमें 25 हजार करोड़ की राशि जमा है। 1 हजार से अधिक रेगुलर स्टाफ, 28 सौ से अधिक ग्रामीण डाकघरों में 75 सौ अनियमित डाकसेवक कार्यरत है।

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