दुर्ग

ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश से फसल चौपट 2 माह बाद भी किसानों को नहीं मिली राहत
06-May-2024 10:23 PM
ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश से फसल चौपट 2 माह बाद भी किसानों को नहीं मिली राहत

राहत राशि देने में विलंब को लेकर किसानों में निराशा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 6 मई। ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश से फसल चौपट होने के 2 माह बाद भी किसानों को शासन-प्रशासन से राहत नहीं मिली है राहत राशि देने में विलंब को लेकर प्रभावित किसानों में निराशा की स्थिति में है। फसल चौपट होने से कर्ज में कर्ज में डूबे किसान आगामी खरीफ की तैयारी को लेकर असमंजस में है

जानकारी के अनुसार जिले में लगभग आठ हजार किसानों ने फसल बीमा राशि के लिए बीमा कंपनी को आनलाइन सूचना देकर  दावा किया है प्राकृतिक आपदा व फसल कटाई उपरांत ओलावृष्टि एवं बेमौसम बारिश से इन किसानों के फसलो को  क्षति हुई है किसानों की सूचना के आधार पर बीमा कंपनी, राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम द्वारा फसलों को हुए नुकसान का सत्यापन भी किया जा चुका है।

गौरतलब है पिछले माह हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि ने जिले में रबी फसलो पर जबरदस्त कहर बरपा था। जिले में किसानों ने 42253 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल का बीमा कराया है। सबसे ज्यादा दुर्ग जिले में 7937 किसानों ने चना एवं गेहूं की रबी फसल को नुकसान होने की जानकारी  दी है, इनमें 6986 किसानों के खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है, वहीं 951 किसानों फसल कटाई उपरांत खुले आसमान के नीचे खेत एवं खलिहानों में रखे फसल को नुकसान होने की बात कही गई है।

ओला वृष्टि उपरांत किए गए नजरी आंकलन के अनुसार जिले में के धमधा क्षेत्र में 8330 हेक्टेयर के चना एवं 8204 हेक्टेयर के गेहूं की फसल को भारी नुकसान होना बताया गया था इसी प्रकार पाटन विकास खंड में लगभग 300 हेक्टेयर के चना, गेहूं एवं सरसो तथा दुर्ग में470 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र लगे चने एवं गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने का अनुमान लगाया गया था।

महिनों बाद मंगाया दावा-आपत्ति

 फसल क्षति होने से प्रभावित किसान परसबोड़ निवासी दानेश्वर साहू का कहना है कि 26 अप्रैल को फसल क्षति से प्रभावित किसानों की सूची जारी कर दावा आपत्ति मंगाया, जबकि सर्वे के रिपोर्ट के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी पहले से दस्तावेज ले चुके हैं। उनका कहना है कि पहली बार ऐसा हो रहा है दो माह में प्रभावित किसानों को एक भी रूपए की राहत नहीं मिली है। किसान कर्ज में डूब गया है, उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है अनेक किसानों के पास खरीफ की नई फसल की तैयारी के लिए खाद बीज लेने पैसे नहीं हैं।

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