दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग। बारिश के मौसम में डेंगू का प्रकोप बना रहता है। इस वजह से डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर रहता है। इस बार शिक्षा विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। स्कूल परिसर के आसपास जल भराव नहीं होने देने के उपायों पर फोकस करने कहा गया है। डेंगू को लेकर खालसा पब्लिक स्कूल दुर्ग में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें शासकीय तथा अशासकीय स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए। कार्यशाला में डॉ. सीबीएस बजारे, जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा डेंगू के फैलाव के कारण व उसके निदान की जानकारी दी गई। घरों तथा स्कूलों के आसपास जल भराव, कूलर एवं टंकी की सफाई के बारे में बताया गया।
कलेक्टर रिचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा के मार्गदर्शन में डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु शहरी क्षेत्र नगर निगम दुर्ग, भिलाई, रिसाली तथा चरोदा के शासकीय एवं अशासकीय स्कूल के प्राचार्यों को प्रशिक्षण दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के ट्रेनर लकी दुबे ने विस्तार से बताया कि डेंगू या मलेरिया सूक्ष्मदर्शी परजीवियों से फैलता है, जिसके पनपने से आसपास का वातावरण प्रभावित होता है। इसके रोकथाम के उपाय बताते हुए उन्होंने वातावरण को मच्छर मुक्त करने कहा। विशिष्ट प्रजाति जैसे तुलसी, ऑडोमोस, काली मिर्च, कैना, गेंदा सहित अन्य पौधों के रोपण पर जोर दिया। प्राचार्यों को डेंगू के रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा निर्देश देते हुए सीधे जिला कार्यालय में साप्ताहिक रिपोर्ट देने कहा गया। संस्था प्राचार्यों को प्रत्येक शासकीय योजनाओं के कार्य के लिए एक शिक्षक/व्याख्याता का प्रभारी नियुक्त कर प्रति माह पाक्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशित किया।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग से स्वास्थ्य नोडल अधिकारी गौरा शुक्ला एवं राजेश ओझा, तनवीर अकील कीडा अधिकारी तथा संजय वर्मा एमआईएस प्रशंसक मौजूद थे। राजेश ओझा ने आभार व्यक्त किया।
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने कहा कि डेंगू के रोकथाम के लिए कार्यालय में बुधवार व घरों में रविवार को शुष्क दिवस रखा जाएगा। जिसके तहत इन दोनों दिनों में कूलर, गमले, खुले बर्तन, कटे टायर में पानी के जमाव को साफ किया जाना है।