कोरिया

बुजुर्ग की हत्या, 2 आरोपी को उम्रकैद
10-Aug-2024 10:33 PM
बुजुर्ग की हत्या, 2 आरोपी को उम्रकैद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुण्ठपुर (कोरिया), 10 अगस्त। अपर सत्र न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान द्वारा बैकुण्ठपुर के महल पारा में बुजुर्ग के अंधे कत्ल के मामले में एक महिला और एक पुरूष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

फैसले में कहा गया कि अभियुक्त विक्की पनिका एवं सुशीला को धारा 302/34, 201/34 भा.दं.सं. के आरोप में दोषसिद्ध किया जाता है। मामले में तत्कालीन टीआई अश्विनी सिंह के मार्गदर्शन में एएसआई बालकृष्ण राजवाड़े ने सूक्ष्म विवेचना की थी, उनका सहयोग आरक्षक इसलियास कुजूर ने दिया था, मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

अंधे कत्ल में न्यायधीश ने तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रकरण में अभियुक्त विक्की पनिका एवं सुशीला द्वारा ठाकुर प्रसाद की हत्या की गयी है। समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त विक्की पनिका एवं सुशीला को धारा 302/34 भा.दं.सं. के आरोप में आजीवन कारावास एवं 50-50/- (पचास-पचास रुपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है तथा धारा 201/34 भा.दं.सं. के आरोप में तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 50-50/- (पचास-पचास रूपये) के अर्थदण्ड से दंडित किया जाता है। अर्थदण्ड भुगतान के व्यतिक्रम में अभियुक्तगण को अपराध के लिए 15-15 दिन का सश्रम कारावास पृथक से भुगताया जावे। उपरोक्त दोनों कारावास से दंडनीय सजाएँ साथ-साथ भुगतायी जावें।

मृतक ठाकुर प्रसाद 60 वर्ष का व्यक्ति था। वह बैकुंठपुर में अकेले रहता था, उसका परिवार बिलासपुर में रहता था।

मृतक फारूक ढेबर के दुकान में काम करता था और शराब भी पीता था। वह सुशीला हरिजन के घर आना-जाना करता था। दिनाँक 1 जनवरी 2023 को वह घर से निकला था, 2 जनवरी 2023 को लगभग 11.30 बजे सुबह उसके भाई निर्मल कुमार सोनी को चचेरे भाई चंदू लाल सोनी ने बताया कि ठाकुर प्रसाद महलपारा खालपारा नहर के पास खेत के मेढ़ के गड्ढे में मरा पड़ा है।

 निर्मल प्रसाद सोनी जाकर देखा ठाकुर प्रसाद सोनी मृत अवस्था में पड़ा था। उसके सिर व दाहिने पैर में खून निकला हुआ था। उसने थाना बैकुंठपुर को सूचना दिया, जिसके आधार पर थाना बैकुंठपुर द्वारा  मर्ग इंटीमेशन दर्ज किया गया। मृतक का शव पंचनामा किये जाने के लिए गवाहों को नोटिस देकर नक्शा पंचायतनामा तैयार किया गया।

घटनास्थल का नजरी नक्शा तैयार किया गया। मृतक का शव परीक्षण जिला अस्पताल बैकुंठपुर में कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में  मृतक की मृत्यु मानव वध की प्रकृति का होना पाया था।

थाना बैकुंठपुर द्वारा सूरजपुर से पुलिस डॉग लाया गया जो शव को सुंघते हुए अभियुक्त महिला के घर तरफ गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी एस. के. सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तथा घटनास्थल के पास जो रक्त गिरे थे, सूखे हुए पत्तों में रक्त को जब्त किया। मृतक के जेकेट में एक गुलाबी नीले रंग का ब्लाउज फंसा हुआ था।

घटनास्थल सुशीला हरिजन के घर में दीवाल में रक्त लगे पाये गये स्टील बर्तन में रक्त लगा हुआ था। एक बोरी में रखा चादर, टोपी, चप्पल, चाबी का गुच्छा पाया गया था। अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध थाना बैकुंठपुर द्वारा धारा 302, 201 पंजीबद्ध किया गया था।

जिसके बाद पुलिस ने अभियुक्त सुशीला को अभिरक्षा में लेकर उसका मेमोरण्डम कथन  दर्ज किया गया। जिसमें उसके द्वारा बताया गया था कि अभियुक्त को मारने के बाद घर में लगे हुए खून को साफ किये। जिस चादर से खून को साफ किये थे और मृतक का जैकेट, टोपी उसके घर की चाबी को खाली बोरी में डालकर पुराने टूटे घर में छिपाकर रख दी है। इसी प्रकार से विक्की पनिका को अभिरक्षा में लेकर उसका मेमोरण्डम कथन  लिया गया, उसने बताया कि उसके पहने गये कपड़े में खून लगा है, उसे धोकर सूखा दिया है, जिस चादर से खून को पोछे थे वह चादर, सोनी का चप्पल, जैकेट का टोपी और चाबी पश्चात हत्या के अपराध के वैध दण्ड से स्वयं को प्रतिच्छादित करने के आशय से उसके शव को ले जाकर गड्ढे में डाल दिया तथा मृतक के चप्पल, जैकेट, टोपी, चाबी, खून लगा चादर को छप्पर के ऊपर छिपाकर साक्ष्य का विलोपन किया था।

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