दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अक्टूबर। भारती कॉलेज ऑफ नर्सिंग, दुर्ग के नर्सिंग विभाग के तत्वावधान में विद्यार्थियों की जागरूकता के लिए आहार एवं पोषण विज्ञान संबंधी प्रयोगात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत लिक्विड, सॉफ्ट एवं थैरेप्युटिक डाईट संबंधी प्रयोगात्मक गतिविधि को बी.एस.सी. नर्सिंग द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने आयोजित किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों में अलग-अलग डाईट का प्रयोग, महत्व, कैलोरी संतुलन व पोषक तत्वों का महत्व समझाना था। कार्यक्रम के आरंभ में आहार एवं पोषण विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष सपना पांडे ने लिक्विड, सॉफ्ट एवं थैरेप्युटिक डाईट के महत्व सिद्धांत एवं उसमें पाये जाने वाले विटामिन्स, पोषक तत्वों एवं कैलोरी की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
उन्होंने बताया कि मिक्स दालपानी, मिक्स वेजिटेबल सूप, साबूदाना का पानी एवं सूजी की खीर इत्यादि को छ: महीने के बाद के शिशुओं को विनिंगफूड के रूप में देने से शिशुओं में होने वाली प्रोटीन एनर्जी, मल न्युट्रीशियन (पी.ई.एम.) संबंधी गंभीर बिमारी नहीं होती है, इसके साथ ही उन्होंने सॉफ्ट डाईट एवं थैरेप्युटिक डाईट पर भी प्रकाश डाला।
इस गतिविधि के दौरान विश्वविद्यालय के ज्वाइंट डायरेक्टर शालिनी चंद्राकर, उप-कुलपति डॉ. आर. एन. सिंह, उपाध्यक्ष प्रभजोत सिंह भुई, कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकार, नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रतीक योनाथन और अन्य प्राध्यापक आदि उपस्थित हुए। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने आहार एवं पोषण संबंधी प्रश्न भी पूछे।