रायगढ़
समिति प्रबंधक हो रहे परेशान
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायगढ़, 29 जनवरी। जिले में धान खरीदी का कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। जिले में राईस मिल और संग्रहण केंद्रों में भेजे जाने वाले धान की मात्रा खरीदी के अनुपात में काफी कम होने से समितियों में धान की बोरियों के पहाड़ खड़े गए हैं।
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष मौसम ने किसानों सहित समितियों को राहत प्रदान की हुई है वर्ना जिस हिसाब से धान का उठाव हो रहा है लगभग शतप्रतिशत समितियों को नुकसान उठाना पड़ जाता। जिले में 134 धान उपार्जन केन्द्रों में 25 जनवरी तक 514433.08 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका था। वहीं 291015.92 मीट्रिक टन धान विभिन्न राईस मिलों और संग्रहण केन्द्रों को भेजा गया है। कुछ उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव अन्य केन्द्रों की तुलना में कम होने से धान की बोरियों के पहाड़ खड़े हो गए हैं। छाल, कापू, खम्हार, जोबी, सिसरिंगा इत्यादि ऐसे केंद्र हैं। जिनमें धान की मात्रा बफर लिमिट से चार से पांच गुना अधिक तक पहुंच गई है। अकेले कापू में ही 9000 क्विंटल धान की बफर लिमिट से अधिक 5 1/2 गुना लगभग 50 हजार क्विंटल धान का स्टॉक जमा हो गया है। वहीं अन्य केंद्रों की हालत भी कुछ अलग नहीं है।
क्या कहते हैं समिति प्रबंधक
जिले के दुर्गम पहुंच वाले क्षेत्र में गिने जाने वालों में से एक कापू के धान उपार्जन केंद्र के समिति प्रबंधक श्याम नारायण दुबे ने जानकारी देते हुए कहा कि धान का उठाव खरीदी के अनुपात में काफी कम होने से फड़ में उपार्जित धान के रख रखाव में काफी दिक्कतें आ रही है। जगह कम होने कारण धान की बोरियों को काफी ऊँचाई तक स्टैकिंग करवाना पड़ रहा है तथा बारिश होने की स्थिति में इन स्टैकिंग की हुई बोरियों को ढांकने के लिए तिरपाल आदि की अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ सकती है। वहीं सिसरिंगा के प्रबंधक सहदेव राय को भी उपार्जित धान के रखरखाव की चिन्ता सताने जा रही है।