रायगढ़

रायगढ़ : हंगामे के बीच 10 करोड़ 70 लाख बचत का बजट
27-Mar-2021 5:31 PM
रायगढ़ : हंगामे के बीच 10 करोड़ 70 लाख बचत का बजट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 मार्च।
नगर निगम के बजट अधिवेशन में शुक्रवार को उस समय अजीब स्थिति तब उत्पन्न हो गई जब एमआईसी सदस्य एवं वित्त प्रभारी ने बजट पढऩे से ही इनकार कर दिया। महापौर ने जब अपने अभिभाषण के बाद प्रभात साहू को बजट प्रस्तुत करने कहा तब प्रभात ने बजट पेश करने से ही इंकार कर दिया। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में बैठक के दौरान निगम के पटल पर 10 करोड़ 70 लाख रुपए बचत का बजट प्रस्तुत किया गया।

शुक्रवार को निगम के बजट का विशेष सम्मेलन रखा गया था।  बजट प्रस्तुत करने को लेकर चले इस ड्रामे के बाद भाजपा पार्षदों ने इसे महापौर और सदन का अपमान करार दिया। भाजपा पार्षद सीनू राव, महेश कंकरवाल, अशोक यादव ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए इसे सदन और महापौर का अपमान बता दिया। 

नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी ने कहा जब बजट पढऩे में इस तरह का मतभेद है तो विकास कार्यों में कितना मतभेद होगा? सभापति ने महापौर से सदन के पदेन सचिव निगम आयुक्त से बजट पेश करवाने को कहा।  महापौर के कहने पर आयुक्त ने अपने एक मातहत से बजट पेश करवाया। इसको लेकर भाजपा सदस्यों ने सदन के बाहर भी इस मुद्दे को उठाए जाने का संकेत दिया है।  

नगर निगम के बजट अधिवेशन में हंगामा विरोध और बॉयकॉट के केंद्र में रहे निगम आयुक्त ने अंतत: यह कहकर इस विवाद से पीछा छुड़ाने की कोशिश की कि यह कोई लिखित आदेश नहीं बल्कि अपने मातहतों को दिए गए सामान्य निर्देश थे जो व्हाट्सएप्प के एक अधिकारिक ग्रुप में जारी किए गए थे। इस संबंध में महापौर से निर्देश मिले हैं उसका पालन किया जाएगा।

एमआईसी सदस्य प्रभात साहू ने बताया कि उन्होंने बजट पेश करने से इनकार करके आयुक्त के उस आदेश के प्रति विरोध जताया है जिसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों को फ़ाइल दिखाने से मना किया था। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध आयुक्त से ही है। 
प्रभात साहू ने कहा कि सबका विरोध दर्ज कर्ज करने का अपना तरीका होता है हमने इसी तरीके से आयुक्त के आदेश का विरोध किया है। इससे पहले एमआईसी सदस्यों ने मेयर के साथ बैठने से भी इंकार कर अघोषित रूप से मेयर का बायकाट किया। 

सम्मेलन के दौरान एमआईसी सदस्यों ने सभापति को एक लिखित ज्ञापन भी दिया। जिसमें निगम आयुक्त के द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया गया है। सभापति ने एमआईसी सदस्यों के चुभते सवालों का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है। एमआईसी सदस्यों के बैठने की व्यवस्था महापौर व आयुक्त के करीब रखा गया था लेकिन एमआईसी सदस्य वहां बैठने के बजाय पार्षदों के लिए बनाई गई बैठक व्यवस्था में बैठे। 

संपत्ति कर को लेकर फिर खींचतान
निगम के सम्मेलन में बजट पर चर्चा के दौरान संपत्ति कर को लेकर भाजपा और एमआईसी व कांग्रेस सदस्यों के बीच फिर खींचतान की स्थिति देखी गई। नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी ने कांग्रेस के संकल्प पत्र का हवाला देते हुए संपत्ति कर आधा करने और इस संबंध में पूर्व में भाजपा की ओर से सभापति व आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग करने का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को भेजने में ही विलंब किया गया है। जो कहीं न कहीं शहर सरकार की लापरवाही को प्रदर्शित करता है। इस दौरान पार्षद महेश कंकरवाल ने राजस्व आय और अन्य मदो की जानकारी मांगी। जिसे महापौर सही ढंग से बता ही नही पाईं तब श्री कंकरवाल ने निगम में वास्वित बजट पेश करने का सुझाव रखते हुए कोरोना काल में निगम प्रशासन के द्वारा दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी करने का हवाला देते हुए इस अवधि का किराया माफ करने की मांग उठाई। तो जिंदल ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र के पार्षद नारायण पटेल ने गत वर्ष शामिल हुए नए वार्डो की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ी में कहा कि सुघ्घर रईगढ़ के परिकल्पना पूरे 48 वार्ड बर हे, मात्र शहर बर नई, एखर बर बाहरी वार्ड मन के सौंदर्यीकरण बर भी शहर सरकार ध्यान देवें जेखर से पूरे निगम क्षेत्र के सुघ्घर रईगढ़ के परिकल्पना साकार हो सके। 

पूर्व सभापति और निगम के वरिष्ठ पार्षद सुभाष पाण्डेय ने कांग्रेस के संकल्प पत्र का हवाला देते हुए संपत्ति कर आधा करने के प्रस्ताव को बजट में शामिल करने युवको व महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के सभी जोन में महिला समृद्धि बाजार, हाट बाजार, पौनी पसरा योजना लागू करने की बात कहते हुए कहा कि इस बजट में उसका कोई प्रावधान नही किया गया है। उन्होंने सामुदायिक भवन, तालाबों का जीर्णोद्धार, खेल मैदान आदि के लिए किसी विशेष स्थल के नाम का उल्लेख न करते हुए बजट प्रावधानों में राशि बढ़ाने की जरूरत बताई।

कई पार्षदों ने अपने वार्ड का रोया दुखड़ा
वैसे तो निगम का यह विशेष सम्मेलन बजट पर चर्चा के लिए रखा गया था। मगर इसके बावजूद कुछ पार्षदगण बजट पर चर्चा करने की जगह अपने-अपने वार्डो की समस्याएं गिनाने लगे और अपने-अपने ढंग से अपने-अपने वार्ड का दुखड़ा रोया। इस दौरान वार्ड क्र. 10 के पार्षद नवाब खान उर्फ नब्बू के द्वारा राजापारा समलाई मंदिर के पास से केलो नदी पर बेलादुला को जोड़ते हुए पुल निर्माण तथा राजापारा पुरानी बस्ती क्षेत्र में मंगल भवन निर्माण की मांग रखी। वार्ड क्र. 34 सरईभद्दर नवापारा की पार्षद पुष्पा साहू ने अपने वार्ड में निराश्रित पेंशन नही मिलने का आरोप लगाया तो वार्ड क्र. 33 अंबेडकर नगर वार्ड की पार्षद नीलम रंजु संजय का कहना था कि उनके वार्ड में पिछले एक महीने से पेयजल की विकट समस्या है। अमृत मिशन के लिए पाईप नही खोदा गया है। बोर पंप बिगड़ा पड़ा है, जिसके कारण गर्मी के शुरूआत से ही वार्डवासी परेशान हैं। उन्होंने अपने वार्ड की पानी की समस्या का तत्काल निराकरण करने की भी मांग उठाई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सोलंकी ने यह भी आरोप लगाया कि तत्काल जरूरत को देखते हुए निगम के विभिन्न वार्डो में 12 बोर स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से मात्र एक बोर भाजपा पार्षद का है। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर सरकार पेयजल जैसी अनिवार्य सेवाओं पर भी राजनीति कर रही है। सभापति जयंत ठेठवार ने इन सभी पार्षदों की मांगों को नोट कराकर तत्काल इसका समाधान कराने की बात कही है। चर्चा के दौरान अंतिम चरण में संपत्ति कर आधा करने को लेकर भाजपा पार्षद सीनू राव व कांग्रेस की पार्षद संजय शर्मा के बीच तीखी नोकझोंक हुई तो कांग्रेस पार्षद संजय देवांगन ने पूर्व के भाजपा कार्यकाल को लेकर चुटकी भी ली। अंत में निगम महापौर ने पार्षद सुभाष पाण्डेय की मांग का हवाला देते हुए श्रद्धांजलि योजना के तहत निगम से स्वीकृत दो हजार रुपए की राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए करने तथा लोगों की सुविधा के लिए निगम की ओर से शव वाहन मुहैया कराने की बात कही। कुल मिलाकर आज की बैठक के दौरान एमआईसी सदस्यों का बायकाट और संपत्तिकर आधा करने का मुद्दा छाया रहा।
 

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