रायगढ़

कई उद्योग जंगलों में फेक रहे हैं गर्म राखड़, लगातार फैल रहा है प्रदूषण
01-Apr-2021 5:01 PM
कई उद्योग जंगलों में फेक रहे हैं गर्म राखड़, लगातार फैल रहा है प्रदूषण

नरेश शर्मा  

रायगढ़, 1 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।  छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला कहने को तो बड़ी उद्योग नगरी के नाम से जाना जाता है और यहां धीरे-धीरे और भी नए उद्योगों के स्थापना के साथ-साथ पुराने उद्योगों के विस्तार की भी प्रक्रिया जारी है, लेकिन नियमों की अनदेखी के चलते प्रदूषण से फैल रही बीमारियां, खत्म होते जंगल तथा उड़ती राख का खामियाजा जिले के लोग उठा रहे हैं। साथ ही साथ हरे भरे जंगल भी खत्म हो रहे हैं।

रायगढ़ जिले के लैलूंगा विधानसभा स्थित जेपीएल के राखड़ बांध के खिलाफ एक बार फिर से क्षेत्र के ग्रामीण सडक़ पर उतरने के लिए तैयार हैं। चंूकि राखड़ बांध के आसपास प्रबंधन द्वारा सही ढंग से पहल नहीं किए जाने के चलते वहां फेके जाने वाली राखड़ बांध से निकलकर आसपास के खेतों में फैल रही है इतना ही नही गर्मी के चलते हवा में उड़ती राख से घरों के लोग भी खासे परेशान हैं इतना ही नहीं करीब 5 से 6 किलोमीटर क्षेत्र में इस राखड़ का यह प्रभाव देखने को मिलता है जिससे लोग सडक़ व घरों को नहीं देख पाते। यही हाल घरघोड़ा ब्लॉक स्थित टीआरएन एनर्जी उद्योग का भी है, प्रबंधन की लापरवाही से गर्म राख आसपास के जंगलों में बिना रोक टोक के फेंकी जाती है और उसके राखड़ बांध में भी भारी अव्यवस्था देखी जा रही है। जिले के पर्यावरण प्रेमियों ने इस मामले में पर्यावरण अधिकारी को लिखित शिकायत दर्ज कराई है। 

जिले के पर्यावरण अधिकारी को शिकायत में यह बताया गया है कि बंजारी रोड़ स्थित जंगलों के अलावा घरघोड़ा, लाखा तथा आसपास के इलाकों में वहां स्थित सिंघल, टीआरएन, डीबी पावर, सराईपाली स्थित जंगलों में वहां लगे उद्योगों द्वारा राखड़ फेंकी जा रही है जबकि इनके पास राखड़ प्रबंधन के लिए कोई व्यवस्था नही की गई है।

जिले में पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले जन चेतना मंच के वरिष्ठ पदाधिकारी राजेश त्रिपाठी बताते हैं कि वर्तमान में रायगढ़ जिले में लगे उद्योगों द्वारा 85 लाख मेट्रिक टन राखड़ निकासी की जाती है  और इसमें से कुछ ही उद्योगों के पास राखड़ बांध बनाए गए हैं। जबकि 80 प्रतिशत से अधिक छोटे बड़े उद्योगों के पास उनके उद्योगों से निकलने वाली राखड़ के रख रखाव की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें लापरवाही पूर्वक आसपास के जंगलों में फेक दिया जाता है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। राखड़ के जंगलों में फेंकने के चलते जंगलों का भी सफाया हुआ है और इस मामले में वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता।

इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ ने जिले के पर्यावरण अधिकारी एस के वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में पतरापाली में स्थित जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड, तमनार के जिंदल पावर लिमिटेड, घरघोड़ा क्षेत्र के ग्राम भेंगारी में स्थित टीआरएन एनर्जी, खरसिया क्षेत्र के ग्राम बिंजकोट, दर्रामुडा में स्थित एसकेएस पॉवर जनरेशन लिमिटेड  पुसौर क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्टर एवं ग्राम छोटे भंडार में स्थित रायगढ़ इनर्जी जनरेशन लिमिटेड के पास अनुमति है। इसके अलावा अन्य स्पंज आयरन उद्योगों के पास राखड़ प्रबंधन के लिए कोई व्यवस्था नही है। 

उनका कहना है कि जंगलों तथा आसपास के इलाकों में अगर लापरवाही पूर्वक उद्योग से निकलने वाली राख कोई भी उद्योग डंप कर रहा है तो उसकी जांच करके कार्रवाई की जाएगी।  
 

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news