राष्ट्रीय
आगरा (उप्र), 25 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुष्टीकरण की राजनीति को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन का आधार बताते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ये दोनों दल पिछले दरवाजे से अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) का हक छीनकर अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं।
मोदी ने आगरा से भाजपा प्रत्याशी एस.पी. सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी से पार्टी उम्मीदवार राजकुमार चाहर के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा, "देश ने तुष्टिकरण की राजनीति बहुत देखी है। इस राजनीति ने देश को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटकर रख दिया है। सपा और कांग्रेस का गठबंधन घोर तुष्टीकरण में जुटा है। इस चुनाव में कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उस पर शत प्रतिशत मुस्लिम लीग की छाप है।"
उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा, ''यहां उत्तर प्रदेश में जो दो लड़कों में दोस्ती है इसका भी आधार तुष्टीकरण की राजनीति ही है। दोनों मिलकर भाषण में तो ओबीसी-ओबीसी करते हैं मगर पिछले दरवाजे से ओबीसी का हक छीन कर अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए देना चाहते हैं।’’
मोदी ने दावा किया कि सपा और कांग्रेस जहां तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं, वहीं भाजपा 'संतुष्टीकरण' पर जोर देते हुए बिना किसी भेदभाव के सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ दे रही है।
उन्होंने कहा, ''आजादी के बाद से ही यह स्पष्ट हो गया है कि भारत में धर्म के आधार पर कभी आरक्षण नहीं दिया जाएगा। मगर कांग्रेस ने कभी कर्नाटक में तो कभी आंध्र प्रदेश में और कभी अपने घोषणा पत्र में बार-बार धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत की। देश का संविधान और देश की अदालतें कांग्रेस को ऐसा करने से बार-बार मना कर चुकी हैं। उनकी हर बात को देश की न्यायपालिका ने ठुकरा दिया है और इसलिए अब कांग्रेस ने पिछले दरवाजे से खेल खेलना शुरू किया है।''
मोदी ने कहा, ''अब कांग्रेस ने ठान लिया है कि वह धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था लाकर रहेगी और इसके लिए कांग्रेस ने तरीका निकाला है कि ओबीसी (अन्य पिछड़े वर्ग) का 27 प्रतिशत कोटा है उसमें से कुछ चोरी कर लिया जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए। समाजवादी पार्टी अपनी वोट बैंक की खातिर यादव और पिछड़ों से ही सबसे बड़ा विश्वास घात कर रही है। तुष्टिकरण में डूबी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों की एक ही प्रकार की सोच है।''
उन्होंने दावा किया, ''कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने रातों-रात वहां जितनी भी मुस्लिम जातियां हैं सभी को एक कागज पर ठप्पा मारकर उन्हें ओबीसी बना दिया और उनसे कह दिया कि जो यह 27 प्रतिशत है, अब आप उसके मालिक हो। जाओ लूट लो। कांग्रेस का इरादा उत्तर प्रदेश में भी यही खेल खेलने का है। इसमें उसे समाजवादी पार्टी का पूरा साथ मिल रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया, ''अब कांग्रेस और इंडी गठबंधन (इंडिया गठबंधन) वालों का नया प्लान सामने आया है। कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी। कांग्रेस के लोग बार-बार कह रहे हैं कि अब आप सबकी संपत्ति की जांच होगी।''
उन्होंने कहा, ''अब इंडी गठबंधन वालों का यह भी कहना है कि वह आपकी विरासत पर भी लूट करेंगे यानी आपके पिता ने मेहनत करके कुछ बचा कर आपके लिए रखा है जिस दिन वह नहीं रहेंगे तो फिर कांग्रेस गठबंधन ने घोषणा की है कि वह आपके परिवार के लोगों को मिलने से पहले 55 प्रतशित यानी आधे से ज्यादा सरकार उसे पर कब्जा कर लेगी। बाकी बचा हुआ आपके नसीब में आएगा।''
मोदी ने सपा और कांग्रेस पर हमले जारी रखते हुए कहा, "वे माताओं और बहनों की बचत पर नजर गड़ाये हुए हैं लेकिन माताओं बहनों को संपत्ति का हकदार बनाने के लिए मैं आपका चौकीदार बनकर खड़ा हूं।"
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में हुए कथित पेपर लीक मामले का जिक्र करते हुए कहा, "राजस्थान में जब कांग्रेस की सरकार थी तब वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहे एक सज्जन ने कल एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है। वह कह रहे हैं कि राजस्थान में जो पेपर लीक हुआ था उसमें कांग्रेस की गहलोत सरकार खुद शामिल थी।’’
मोदी ने दावा किया कि अयोध्या और काशी में दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के आगमन से आगरा में भी पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल वकील जय अनंत देहाद्रई ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी पूर्व साथी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ मानहानि का अपना मुकदमा ‘‘सुलह समझौते’’ के रूप में वापस ले लिया।
देहाद्रई ने पिछले साल मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए कारोबारी और हीरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्हें आठ दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।
विवाद के बाद महुआ ने देहाद्रई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे पर उनके खिलाफ कोई भी ‘‘फर्जी’’ और ‘‘अपमानजनक’’ सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने के लिए मामला दर्ज कराया।
इस साल की शुरुआत में, देहाद्रई ने पूर्व सांसद से दो करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए वर्तमान मुकदमा भी दायर किया था। इसमें दावा किया गया था कि मोइत्रा द्वारा अनधिकृत रूप से किसी तीसरे पक्ष को लोकसभा की अपनी ‘लॉगिन संबंधी जानकारी’ प्रदान करने के लिए अवैध लाभ हासिल करने के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में शिकायत के बाद पूर्व सांसद ने उनके खिलाफ ‘‘झूठे, आधारहीन और अपमानजनक बयान’’ देने का अभियान शुरू किया।
बृहस्पतिवार को, देहाद्रई के वकील ने कहा कि वर्तमान मामले को समाप्त किया जा सकता है अगर मोइत्रा यह वचन देकर ‘‘तनाव कम करने’’ को तैयार हों कि वह झूठा बयान नहीं देंगी।
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा कि पक्षों के बीच सुलझाए जा सकने वाले विवादों पर न्यायिक समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्ष इसे मानते हैं तो यह एक स्वागत योग्य कदम है।
अदालत में मौजूद देहाद्रई ने कहा कि वह बिना शर्त मुकदमा वापस ले लेंगे। उनके वकील राघव अवस्थी ने कहा, ‘‘मैं पीछे हटने को तैयार हूं। मैं सुलह समझौते के रूप में पीछे हटूंगा।’’
अदालत ने देहाद्रई को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
वकील मुकेश शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में देहाद्रई ने कहा था कि मोइत्रा के बयानों ने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों की नजर में उनके सम्मान को चोट पहुंचाई है क्योंकि पूर्व सांसद ने उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दर्शाया है जो असफल निजी रिश्ते के कारण कड़वाहट से भर गया है और अब बदला लेने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज करा रहा है।
बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद पिनाकी मिश्रा ने भी देहाद्रई के खिलाफ ‘‘धन लेकर सवाल पूछने’’ के विवाद के संबंध में उनके कथित अपमानजनक पोस्ट और बयानों को लेकर मुकदमा दायर किया है। (भाषा)
रांची, 25 अप्रैल । झारखंड की 14 में से पांच लोकसभा सीटों पर इस बार निर्दलीय प्रत्याशी बड़ा फैक्टर हैं। मैदान में उनकी मौजूदगी से मुकाबले में दिलचस्प कोण बनते दिख रहे हैं। ये सीटें हैं- लोहरदगा, चतरा, राजमहल, गिरिडीह और कोडरमा। इन सीटों पर कद्दावर निर्दलीय नेता इंडिया गठबंधन के वोटों में सीधे तौर पर सेंध लगा सकते हैं।
अनुसूचित जनजाति यानी आदिवासी के लिए आरक्षित लोहरदगा सीट पर इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस के सुखदेव भगत को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। लेकिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा ने बतौर निर्दलीय पर्चा दाखिल कर सियासी हलचल मचा दी।
इस सीट पर वह 2004, 2009 और 2014 में भी चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार मुकाबले की महत्वपूर्ण धुरी रहे। 2004 में वह 58947 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अपने इस पहले चुनाव में ही सबको चौंका दिया था। इसके बाद 2009 के चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें 136345 वोट मिले। यहां विजयी हुए भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत से वह मात्र 8283 मतों के अंतर से पिछड़ गए थे।
इसके बाद वह 2014 में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे और इस बार 118355 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे। 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन, इसके पहले के तीन चुनावों में मिले वोट बताते हैं कि उनका निजी तौर पर यहां एक बड़ा जनाधार है। जाहिर है, उनके मैदान में आने के पहले भाजपा और कांग्रेस में दिख रही सीधी फाइट ने अब त्रिकोणीय शक्ल ले लिया है।
इस बार वह इंडिया गठबंधन में झामुमो की तरफ से उम्मीदवारी का दावा कर रहे थे, लेकिन समझौते में लोहरदगा सीट कांग्रेस के हिस्से आई। चमरा लिंडा का कहना है कि उन्होंने दो साल पहले ही पार्टी को बता दिया था कि वह यहां चुनाव लड़ेंगे। इसके बावजूद सीट कांग्रेस को दे दी गई। ऐसे में उन्हें निर्दलीय चुनाव में उतरना पड़ा है।
उनका दावा है कि यहां उनकी फाइट सीधे भाजपा के प्रत्याशी समीर उरांव से होगी। कांग्रेस मुकाबले में कहीं नहीं है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि चमरा लिंडा को नाम वापस ले लेना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
इसी तरह आदिवासी के लिए आरक्षित राजमहल सीट पर भी झामुमो के बागी विधायक लोबिन हेंब्रम ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। लोबिन हेंब्रम यहां से प्रत्याशी बनाए गए मौजूदा सांसद विजय हांसदा का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में हांसदा के खिलाफ जनाक्रोश है। उन्होंने पार्टी को पहले ही इससे अवगत करा दिया था। इसके बावजूद तीसरी बार उन्हें टिकट दे दिया। इसलिए वह यहां निर्दलीय मैदान में उतर रहे हैं।
लोबिन हेंब्रम राजमहल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बोरियो विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। लोबिन हेंब्रम गंवई अंदाज की राजनीति और बेबाक बात रखने के लिए जाने जाते हैं। 1995 में झामुमो ने विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया था तो वह निर्दलीय उतर आए थे और जीत भी हासिल की थी। ऐसे में इस बार राजमहल सीट पर उनके उतर आने से मुकाबले का समीकरण बदलता दिख रहा है। भाजपा ने यहां पूर्व विधायक ताला मरांडी को उम्मीदवार बनाया है।
चतरा सीट इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग में कांग्रेस के हिस्से आई है। पार्टी ने यहां डाल्टनगंज के रहने वाले केएन त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर राजद की भी मजबूत दावेदारी थी। सीट न मिलने से राजद नेता-कार्यकर्ता नाराज हैं। अब पूर्व मंत्री और कई बार विधायक रहे गिरिनाथ सिंह ने यहां निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। गिरिनाथ सिंह पिछले चुनाव के पहले राजद छोड़कर भाजपा में चले गए थे।
करीब एक माह पहले उन्होंने फिर से राजद ज्वाइन किया। इसके पहले उनकी मुलाकात राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से हुई। वह आश्वस्त थे कि चतरा सीट राजद को मिलेगी और वे यहां से उम्मीदवार होंगे। गिरिनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बैठक की। सबकी राय से वह निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं। गिरिनाथ सिंह की गिनती राज्य के कद्दावर नेताओं में होती रही है। उनके मैदान में आने से यहां भाजपा के कालीचरण सिंह, कांग्रेस के केएन त्रिपाठी के बीच सीधी फाइट के बजाय मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
गिरिडीह में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति नामक संगठन के चर्चित युवा नेता जयराम महतो बतौर निर्दलीय मैदान में हैं। झारखंड की भाषा, खतियान और युवाओं की नौकरी के सवाल पर जोरदार आंदोलन की बदौलत वह पिछले चार सालों में राज्य में सबसे बड़े 'क्राउड पुलर' नेता के तौर पर उभरे हैं। जयराम कुर्मी जाति से आते हैं और इस सीट पर यह जाति संख्या बल की वजह से निर्णायक मानी जाती है। यहां एनडीए के घटक दल आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी, झामुमो के मथुरा महतो के अलावा जयराम चुनावी मुकाबले की तीसरी मजबूत धुरी हैं। उनकी वजह से इस बार यहां चुनाव परिणाम में बड़े उलटफेर की संभावना है।
कोडरमा सीट पर गांडेय क्षेत्र के पूर्व विधायक और झामुमो नेता प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोंक दी है। उनका कहना है कि पार्टी ने उन्हें आश्वस्त किया था कि यहां उन्हें इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार बनाया जाएगा। यह सीट गठबंधन में सीपीआई एमएल के पास गई है, जिसने विधायक विनोद सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जयप्रकाश वर्मा कोयरी जाति से आते हैं, जिसकी इस लोकसभा क्षेत्र में बड़ी आबादी है। उनके पिता स्व. रीतलाल वर्मा यहां से पांच बार सांसद रहे थे। ऐसे में यहां भाजपा की अन्नपूर्णा देवी, सीपीआई एमएल के विनोद सिंह और निर्दलीय जयप्रकाश वर्मा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं।
इन पांचों सीटों पर उतर रहे या उतर चुके इन निर्दलीय उम्मीदवारों का ताल्लुक इंडिया गठबंधन की पार्टियों से है। ऐसे में वे सीधे तौर पर इंडिया गठबंधन के वोटों में सेंधमारी करेंगे।
(आईएएनएस)
कानपुर, 25 अप्रैल । कानपुर से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्रा के खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। दरअसल, पुलिस ने बीते बुधवार को एंबुलेंस से चुनाव से संबंधित सामग्री बरामद की थी। एंबुलेंस को जब्त कर लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, एंबुलेंस से विपक्षी नेताओं के पोस्टर और बैनर बरामद किए गए हैं। उनके खिलाफ एंबुलेंस का गलत उपयोग किए जाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। महीने भर में आलोक के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हो गए हैं।
डीसीपी सेंट्रल रामसेवक गौतम ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया, “कल आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग के दौरान एक एंबुलेंस को चेक किया गया, तो उसमें चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री पाई गई। एंबुलेंस में दो व्यक्ति बैठे हुए थे, जिसमें एक चालक और दूसरा उसका सहायक था। उन्होंने बताया कि यह चुनाव प्रचार सामग्री कांग्रेस प्रत्याशी से संबंधित है।"
पुलिस ने बताया कि एंबुलेंस में चुनाव प्रचार की सामग्री ले जाना अनुचित है। एंबुलेंस का उपयोग मरीजों को आने ले जाने के लिए किया जाता है। इस संबंध में विवेचना की जा रही है।
इससे पहले नामांकन दाखिल करते समय आलोक मिश्रा की पुलिस से बहस हो गई थी। पुलिस ने उन्हें नामांकन कक्ष के अंदर जाने से यह कहकर रोक दिया था कि पांच से अधिक प्रस्तावक के साथ नहीं जा सकते। इस पर उन्होंने कहा कि मैं प्रस्तावक नहीं हूं, मैं प्रत्याशी हूं। इसके बाद उन्होंने अपने प्रस्तावक को फोन कर जल्दी आने को कहा। इस बीच, पुलिस द्वारा रोके जाने से खफा हुए आलोक मिश्रा सड़क पर विरोध करने बैठ गए।
(आईएएनएस)
पटना, 25 अप्रैल । बिहार की राजधानी पटना के रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार को एक बहुमंजिला होटल में आग लगने की घटना में 6 लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने बताया कि पीएमसीएच में 20 लोगों को भर्ती किया गया था, जिसमें से 6 की मौत हो गई है।
मौतों की पुष्टि करते हुए पुलिस ने बताया कि दो लोग पीएमसीएच में गंभीर हालत में हैं, उनका इलाज चल रहा है। मरने वालों में तीन पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। मृतकों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
पुलिस ने कहा कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है, फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है।
गुरुवार सुबह होटल में आग लगने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और अग्निशमन दस्ते की कई गाड़ियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
बताया जा रहा है कि सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों को भी आग से नुकसान पहुंचा है।
भीषण गर्मी और तेज पछुआ हवा के कारण बिहार में लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
(आईएएनएस)
पुणे (महाराष्ट्र), 25 अप्रैल । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को गरीबों, महिलाओं, किसानों, बेरोजगारों, समाज के दबे हुए वर्गों और अन्य पिछड़े समूहों को लुभाने वाले कई वादों के साथ पार्टी का 2024 चुनाव का घोषणापत्र जारी किया।
शरद पवार ने प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ घोषणापत्र के मुख्य पहलुओं का खुलासा किया। इसमें महालक्ष्मी योजना के तहत देश के सभी गरीब परिवारों की एक महिला को प्रति वर्ष 1 लाख रुपये की सहायता शामिल है जो करोड़ों महिलाओं को 'लखपति' बनाएगी।
इतने ही पैसे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को वजीफे के रूप में दिए जाएंगे, जिन्हें एक वर्ष के लिए सरकारी या निजी क्षेत्र में मुफ्त प्रशिक्षण और कौशल प्रदान किया जाएगा और उन्हें अपनी पसंद की नौकरियां लेने के लिए तैयार किया जाएगा।
पवार ने कहा कि इंडिया गठबंधन प्रस्ताव के समान, एनसीपी (एसपी) आरक्षण की सीमा बढ़ाने और अधिक श्रेणियों को आरक्षण प्रदान करने के लिए कानून में संशोधन करेगी। अन्य बातों के अलावा, किसानों को सलाह देने, व्यवस्थित करने और ऋण माफी की सिफारिश करने के लिए एक विशेष किसान आयोग का गठन करेगी।
इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर एनसीपी-एसपी ने असंगठित दैनिक श्रमिकों की आय को दोगुना कर कम से कम 400 रुपये प्रतिदिन करने, आंगनवाड़ी महिला श्रमिकों के लिए बेहतर रियायत देने, सरकारी क्षेत्र में वर्तमान में खाली पड़ी 30 लाख नौकरियों को बेरोजगार युवाओं के लिए खोलने का भी प्रस्ताव रखा है।
एनसीपी-एसपी राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 10 पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से कई कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) जैसे महा विकास अघाड़ी सहयोगियों के समर्थन के साथ 'टफ फाइट' में हैं।
पिछले हफ्ते, कांग्रेस और एसएस-यूबीटी नेताओं ने संकेत दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो वे आने वाले दिनों में एमवीए का संयुक्त घोषणापत्र जारी कर सकते हैं।
(आईएएनएस)
भोपाल, 25 अप्रैल । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को जनता की आवाज बताया है।
कमलनाथ ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कांग्रेस के मेनिफेस्टो में जनता की जरूरतों और सही मुद्दों को जगह दी गई है। यह मेनिफेस्टो देश की असली आवाज है, जिसे राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान सुना, समझा और महसूस किया है।"
कमल नाथ का कहना है, "कांग्रेस के पांच न्याय युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों और भागीदारी न्याय के माध्यम से हर कमजोर वर्ग को संबल और शक्ति देने का अभिनव प्रयास है। कांग्रेस के साथ आईये और सभी को न्याय दिलाने के महाअभियान को मजबूत करिये। हम युवाओं को रोजगार, किसानों को कर्जमाफी, एमएसपी, महिलाओं को 8,500 रुपए महीने, श्रमिकों को 400 रुपए प्रतिदिन का पारिश्रमिक, जातिगत जनगणना जैसी अनेकों जनहितैषी योजनाओं के साथ आपके बीच हैं।"
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 अप्रैल । केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और गुना लोकसभा सीट के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए वह लगातार जनता के बीच जा रहे हैं और रोड शो भी कर रहे हैं।
वहीं, चुनाव प्रचार के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुरुवार को अनोखा अंदाज देखने को मिला। वह जनता और कार्यकर्ताओं के बीच जोश भरने के लिए मंच पर थिरकते हुए नजर आए। उनके इस अलग अंदाज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वीडियो में नजर आ रहा है कि सिंधिया मंच पर 'सिंधिया... ओ सिंधिया' गाना बजते ही खुद को डांस करने से रोक नहीं पाते हैं और जोर-जोर से तालियां बजाने लगते हैं।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना में चुनाव प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए 'सिंधिया... ओ सिंधिया... ओ सिंधिया दिल से, सोचना अब क्या है... चुने मोदी फिर से' सॉन्ग पर डांस करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं वहां मौजूद लोगों और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें भी थिरकने के लिए कहते हैं।
मंच के सामने मौजूद बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग उनका साथ देते हैं और गाने पर थिरकने लगते हैं। यह पहली बार नहीं है, जब वह चुनाव प्रचार के बीच मंच पर थिरकते नजर आए हों। इससे पहले भी सिंधिया गुना, शिवपुरी में कार्यकर्ता सम्मेलन में लोगों के बीच डांस करते नजर आ चुके हैं।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री सिंधिया अपने बेटे आर्यमन के साथ दिलचस्प अंदाज में चुनाव प्रचार करते दिखे, जिसमें उनके पुत्र बैलगाड़ी पर अपने पिता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आए थे।
(आईएएनएस)
ईटानगर, 25 अप्रैल अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और राष्ट्रीय राजमार्ग-313 का एक हिस्सा धंस गया जिससे यातायात बाधित हो गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
निचली दिबांग घाटी में रोइंग को एनीनी से जोड़ने वाले अहम राजमार्ग के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से दिबांग घाटी जिले से जमीनी संपर्क टूट गया है।
अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात भूस्खलन के कारण हुनली और एनीनी के बीच सड़क क्षतिग्रस्त हो गई।
एनीनी के अतिरिक्त उपायुक्त धूर्बाज्योति बोरा ने कहा,‘‘ जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर सड़क की मरम्मत के लिए श्रमिकों और पर्याप्त मशीनरी को तैनात किया है। यातायात बहाल होने में कुछ दिन लगेंगे।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं कि बृहस्पतिवार की शाम तक सड़क से छोटे वाहन गुजर सकें। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल प्रधानमंत्री के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के आरोपों का पहली बार संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से विपक्षी दलों द्वारा दर्ज कराई शिकायतों पर जवाब देने को कहा है जिनमें नरेन्द्र मोदी पर राजस्थान के बांसवाड़ा में विभाजनकारी व मानहानिजनक भाषण देने का आरोप लगाया गया है।
साथ ही आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर भाजपा द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर भी विपक्षी दल से जवाब देने को कहा है।
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को लिखे पत्र में आयोग ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भाकपा (एमएल) की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों पर नड्डा से सोमवार तक जवाब देने को कहा।
आयोग ने नड्डा से यह भी कहा कि वह पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों से राजनीतिक विमर्श के उच्च मानक तय करने और आदर्श आचार संहिता का अक्षरत: पालन करने के लिए कहें।
अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार है कि आयोग ने किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लिया हो। निर्वाचन आयोग ने स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के पहले कदम के तहत पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल किया है।
आयोग ने इसी तरह का एक पत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भी लिखा है जो उनके और गांधी के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है।
दोनों दलों के अध्यक्षों को लिखे गए पत्रों में आयोग ने मोदी, गांधी या खरगे का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया है, लेकिन चिट्ठियों में उसे मिली शिकायतों को संलग्न किया गया है जिनमें तीनों नेताओं के खिलाफ आरोपों का ब्यौरा है।
आयोग को की गई अपनी शिकायत में कांग्रेस ने कहा था कि मोदी ने अपने भाषण में आरोप लगाया है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति मुसलमानों को बांटना चाहती है और विपक्षी दल महिलाओं के मंगलसूत्र को भी नहीं छोड़ेगा।
दूसरी ओर, भाजपा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में गांधी ने अपने भाषण के दौरान मोदी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से भयावह आरोप लगाए।
भाजपा ने खरगे पर यह दावा करने के लिए आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है कि उन्हें अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ भेदभाव के कारण राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। (भाषा)
मुरैना (मप्र), 25 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर आदिवासियों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि वह लोगों और उन्हें लूटने की कांग्रेस की योजनाओं के बीच दीवार बनकर खड़े हैं।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो ‘विरासत कर’ के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला हक गरीबों का है।''
प्रधानमंत्री ने कहा, '' आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा है।''
उन्होंने कांग्रेस को बहुत बड़ी विकास विरोधी पार्टी करार देते हुए कहा कि इसने मध्य प्रदेश को देश के अन्य 'बीमारू' राज्यों की कतार में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वर्षों तक कांग्रेस ने सशस्त्र बलों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' योजना की अनुमति नहीं दी, लेकिन "हमने यह किया"।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस कई वर्षों से आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश रच रही है।
उन्होंने लोगों से सवाल किया,‘‘क्या आप पिछड़े वर्गों के अधिकारों को छीनने वालों का सफाया सुनिश्चित करेंगे?"
मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने बिना किसी धार्मिक भेदभाव के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया। प्रधानमंत्री ने कहा, "क्या आपने कभी सुना है कि किसी को सिर्फ इसलिए मुफ्त राशन नहीं मिल रहा है क्योंकि वह मुस्लिम है?"
मोदी ने स्पष्ट रूप से वंशवाद की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के लिए देश से बड़ा कुछ नहीं है, जबकि कांग्रेस के लिए उसका अपना परिवार ही प्रमुख मानदंड है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उसने कर्नाटक में कई मुसलमानों को अवैध रूप से ओबीसी सूची में डाल दिया। (भाषा)
कन्नौज (उप्र), 25 अप्रैल समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कन्नौज लोकसभा सीट के लिये अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कचहरी पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव एवं अन्य नेता भी मौजूद थे।
सपा ने इससे पहले मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।
अखिलेश ने नामांकन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कन्नौज में सपा के सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम जनता की यह ख्वाहिश थी कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें। उम्मीद है कि जनता एक बार फिर उन्हें आशीर्वाद देगी।
उन्होंने कहा, ''कन्नौज का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नकारात्मक राजनीति को खत्म करेगा। हम कन्नौज की पहचान को आगे बढ़ाएंगे। हम कन्नौज के लोगों के सम्मान और विकास के लिये काम करेंगे। भाजपा ने कन्नौज का विकास रोक कर नकारात्मक राजनीति की।''
अखिलेश ने आरोप लगाया, ''भाजपा की जो नकारात्मक राजनीति है, वह खत्म होगी। भाईचारे का एक दौर शुरू होगा जो कन्नौज में विकास और खुशहाली लाएगा।''
नामांकन से पहले अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन की 24 साल पुरानी एक तस्वीर 'एक्स' पर साझा की और लिखा, ''फिर इतिहास दोहराया जाएगा। अब नया भविष्य बनाया जाएगा।''
इस पर अखिलेश के चाचा सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने लिखा, ''विजय भव: सर्वदा।''
अखिलेश यादव पूर्व में तीन बार कन्नौज से ही सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में वह पहली बार सांसद चुने गये थे। उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गयी थीं।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से पराजित हो गयी थीं।
अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक और प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह करहल सीट से पहली बार विधायक बने थे।
कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत आगामी 13 मई को मतदान होगा। (भाषा)
कुंदापुर (कर्नाटक), 25 अप्रैल अपनी मखमली आवाज के लिए 'भगवत श्रेष्ठ' के नाम से चर्चित यक्षगान कलाकार सुब्रह्मण्य धारेश्वर का 67 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में निधन हो गया।
परिवार के सूत्रों ने बताया कि वह बीमार थे और आज सुबह बेंगलुरु में बेटे के घर पर उन्होंने अंतिम श्वांस ली।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं।
बडगुथिट्टू संस्करण में यक्षगान को अनोखे रूप में पेश कर इसकी लहर पैदा करने वाले कलिंग नवादा के निधन के बाद सुब्रह्मण्य धारेश्वर ने इस कला को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
तटीय कर्नाटक की एक अनूठी नृत्य कला यक्षगान के लिए धारेश्वर ने अपने जीवन के 46 वर्ष समर्पित किए। यक्षगान पारंपरिक लोक नृत्य का एक रूप है जो कर्नाटक के तटीय जिलों और केरल के कासरगोड जिले में लोकप्रिय है। नृत्य, गायन और नाट्य कला की यह संयुक्त शैली केरल की थेय्यम कला से मिलती-जुलती है।
धारेश्वर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि यक्षगान कला के क्षेत्र में 'भगवत श्रेष्ठ' का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। (भाषा)
दिल्ली, 25 अप्रैल । राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने गुरुवार को नई दिल्ली में राज्यसभा सदस्यता की शपथ ली।
राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने उन्हें सदस्यता दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा में काम करने का मौका दिया है।
राज्यसभा सदस्य के रूप में वे उत्तराखंड के विकास के लिए काम करते रहेंगे।
आपको बता दे महेंद्र भट्ट उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली के निवासी हैं। वह बद्रीनाथ विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं।
2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बद्रीनाथ विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था। वह वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्य कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उसके घोषणापत्र को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें यह बताने की चुनौती दी कि घोषणापत्र के किस पन्ने पर 'धन पुनर्वितरण' का उल्लेख किया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस के 'न्याय पत्र' (घोषणापत्र) में विरासत कर का भी कोई उल्लेख नहीं है और यह विषय उसके एजेंडे में ही नहीं है।
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि विरासत कर भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में रहा है।
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना नहीं करवाई क्योंकि वह आरक्षण खत्म करना चाहती है।
रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री 'असत्यमेव जयते' के प्रतीक हैं और इसी में विश्वास करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस लोगों का धन छीनकर उन लोगों में वितरित करना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं और जो घुसपैठिये हैं।
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "कुछ राज्यों में भाजपा का सफाया होने रहा है, कुछ राज्यों में उनकी सीटों में भारी कमी होने जा रही है। भाजपा परेशान है, प्रधानमंत्री बौखलाए हुए हैं।"
उन्होंने दावा किया, "प्रधानमंत्री ने पहले चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और अब वो ऐसी बातें कर रहे हैं जो कांग्रेस के "न्याय पत्र'' में है ही नहीं।’’
कांग्रेस महासचिव का कहना था,‘‘ हमारा का एक सकारात्मक एजेंडा है। हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों से 400 पार का नारा छेड़ दिया और मोदी की गारंटी की बात छोड़ दी। प्रधानमंत्री सरेआम ध्रुवीकरण कर रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं। कांग्रेस, हमारे न्याय पत्र और नेताओं को बदनाम करने में लगे हैं।"
रमेश ने कहा, "इस न्याय पत्र में विरासत कर का कोई जिक्र नहीं है। विरासत कर हमारा एजेंडा नहीं है। राजीव गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) ने 1985 में विरासत कर को हटाया था।"
उन्होंने दावा किया कि विरासत कर भाजपा का एजेंडा है तथा पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और भाजपा से जुड़े बुद्धिजीवियों ने इसकी पैरवी की थी।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को चुनौती देता हूं कि वह बताएं कि कांग्रेस के 50 पन्ने वाले घोषणापत्र के किस पन्ने पर धन पुनर्वितरण की बात की गई है।"
रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "जिस व्यक्ति ने खुद मंगलसूत्र का सम्मान नहीं किया, वह मंगलसूत्र के बारे में बात कर रहे हैं।"
कांग्रेस नेता का कहना है कि उनकी पार्टी समावेशी आर्थिक विकास चाहती है। (भाषा)
जयपुर, 25 अप्रैल राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 सीट पर शुक्रवार को मतदान होगा। अधिकारियों ने बताया कि सुबह सात बजे प्रारंभ होने वाले मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि आम चुनाव के साथ ही बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होगा।
राज्य में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं जिनमें से 12 पर मतदान 19 अप्रैल को हुआ। प्रदेश की जिन 13 सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होगा, उनमें बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, उदयपुर, राजसमंद, और झालावाड़-बारां सीट शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इन क्षेत्रों में 1.72 लाख से अधिक मतदान कर्मी मतदान कराएंगे। शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए कुल 82,487 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें राजस्थान पुलिस के साथ-साथ, होमगार्ड, फॉरेस्ट गार्ड एवं आरएसी जवान शामिल हैं। केंद्रीय पुलिस बलों की 175 कंपनियां भी मतदान के दौरान कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा में सहयोग करेंगी।
इन 13 लोकसभा सीट में 28,758 बूथ पर मतदान होगा और 2.80 करोड़ मतदाता 152 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे।
राज्य की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में अपेक्षाकृत कम मतदान के बाद दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी का प्रचार अभियान तेज रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में अपनी सभाओं में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
राज्य में पहले चरण में 12 सीटों पर 58.28 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 में 64.02 फीसद था। कम मतदान प्रतिशत से चिंतित दोनों दलों के नेताओं ने लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली कांग्रेस इस बार भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में है। दूसरे चरण की 13 सीटों में से छह 'हॉट सीट' मानी जा रही हैं।
इनमें भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम और भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जालोर सीट से चुनाव मैदान में हैं और प्रचार अभियान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री का ज्यादातर ध्यान जालोर पर ही रहा, जिससे भाजपा उम्मीदवार लुंबाराम के लिए मामला 'कठिन' होता नजर आ रहा है।
वैभव गहलोत 2019 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जोधपुर में भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए थे।
दूसरे चरण में सबकी नजरें जोधपुर पर होंगी जहां भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह उचियारड़ा से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस नेता का यह पहला लोकसभा चुनाव है जबकि शेखावत 2014 और 2019 में लगातार दो जीत के बाद तीसरी बार मैदान में है।
उचियारड़ा ने गजेंद्र सिंह को 'बाहरी' बताते हुए 'स्थानीय' और 'बाहरी' का मुद्दा बनाया है।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर अपना चुनाव प्रचार केंद्रित रखा। उनके बेटे और मौजूदा सांसद दुष्यंत सिंह इस सीट से फिर से चुनाव मैदान में हैं और उसनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला जैन से हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल से कड़ी चुनौती मिल रही है। गुंजल पहले भाजपा में थे और उनकी तभी से बिरला से अदावत रही है।
आदिवासी बहुल बांसवाड़ा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारने के बावजूद भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवार राजकुमार रोत को समर्थन दिया। कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया और मैदान में बने रहे। इस सीट पर भाजपा ने महेंद्रजीत सिंह मालवीय को उम्मीदवार बनाया है।
मालवीय बागीदौरा से कांग्रेस विधायक थे लेकिन हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे से खाली हुई बागीदौरा विधानसभा सीट के लिए मतदान भी 26 अप्रैल को होगा।
राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. सीपी जोशी भीलवाड़ा सीट पर भाजपा के दामोदर अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी भी चित्तौड़गढ़ से तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। चित्तौड़गढ़ में पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना कांग्रेस प्रत्याशी हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से अधिवक्ताओं को वाद सूची और मामलों को दाखिल करने और सूचीबद्ध करने से संबंधित जानकारी साझा करना शुरू करेगा।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाओं से उत्पन्न एक जटिल कानूनी सवाल पर सुनवाई शुरू करने से पहले न्यायमूर्ति चंड्रचूड़ ने यह घोषणा की।
याचिकाओं से यह सवाल निकलकर सामने आया कि क्या निजी संपत्तियों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत 'समुदाय के भौतिक संसाधन' माना जा सकता है, जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (डीपीएसपी) का एक हिस्सा है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ''75वें वर्ष में उच्चतम न्यायालय ने एक पहल की है, जिसमें न्यायालय की आईटी सेवाओं के साथ व्हाट्स ऐप संदेशों को एकीकृत कर न्याय तक पहुंच को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।''
उन्होंने कहा कि अब अधिवक्ताओं को मुकदमा दाखिल करने के बारे में ऑटोमेटेड संदेश प्राप्त होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि वाद सूची के प्रकाशित होने के बाद बार सदस्यों को उनके मोबाइल फोन पर सूची प्राप्त होगी।
वाद सूची का मतलब एक तय तिथि पर अदालत द्वारा मुकदमे पर होनी वाली सुनवाई।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ''यह एक क्रांतिकारी कदम है।''
प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ''इससे हमारी कामकाजी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और कागजात बचाने में काफी मदद मिलेगी।''
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत न्यायपालिका के कामकाज को डिजिटल बनाने के लिए कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। (भाषा)
वाराणसी, 25 अप्रैल । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।
बुधवार को पीएम मोदी के चुनाव कार्यालय उद्घाटन के लिए अमित शाह काशी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया था।
एयरपोर्ट निकलने से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन किए। शाह तकरीबन दो मिनट तक मंदिर में रहे और फिर बाहर निकले।
इस दौरान जय श्रीराम, मोदी-योगी जिंदाबाद, अमित शाह जिंदाबाद के नारे भी लगे।
बाहर निकलने पर केंद्रीय मंत्री ने हाथ उठाकर स्थानीय लोगों का अभिवादन किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का काशी विश्वनाथ धाम जाने का कार्यक्रम तय था, लेकिन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि उनकी कोई जनसभा थी, इस कारण उन्होंने अपना दर्शन कार्यक्रम रद्द कर दिया।
इसके पहले अमित शाह ने गुरुवार सुबह ताज होटल में काशी के कुछ प्रबुद्धजनों से मुलाकात की, चुनाव में बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए सुझाव मांगे, काशी के विकास कार्यों पर उनकी राय जानी।
समीक्षा के दौरान उन्होंने चुनाव में कोई कमी न रह जाए इसके संदेश भी दिया।
-- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 अप्रैल । बिहार के चर्चित यूटूबर मनीष कश्यप ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा में शामिल होने के लिए मनीष कश्यप गुरुवार को भाजपा सांसद मनोज तिवारी और अपनी माताजी के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पार्टी सांसद मनोज तिवारी, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख और अपनी मां की मौजूदगी में मनीष कश्यप ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा में शामिल होने के बाद मनीष कश्यप ने कहा कि जब वह जेल में थे तो उनकी मां लड़ रही थी ,उन्हें पता है कि किसने मेरा साथ दिया।
उनकी मां ने ही कहा कि मनोज भैया (मनोज तिवारी) की बात नहीं काटनी है, इसलिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि वह कभी भाजपा के खिलाफ नहीं लड़े, बल्कि वह बिहार में परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं।
मनीष कश्यप को भाजपा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप ने हमेशा जनता के सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाया है, हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बात की है, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने उनको बहुत दुख दिया है।
तिवारी ने यह भी कहा कि भाजपा ने हमेशा मनीष कश्यप का साथ दिया है।
(आईएएनएस)
मुंबई, 25 अप्रैल । बॉलीवुड एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने करोड़ों रुपये के महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की चल रही जांच में पूछताछ के लिए तलब किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि तमन्ना भाटिया ने कथित तौर पर महादेव के ग्रुप ऐप में से एक, फेयरप्ले ऐप पर आईपीएल देखने के लिए प्रचार किया था।
एक्ट्रेस को अपना बयान दर्ज करने के लिए सोमवार, 29 अप्रैल को साइबर पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
कई अंतरराज्यीय और केंद्रीय एजेंसियां भी महादेव ऐप घोटाले की जांच कर रही हैं, जो अनुमानित 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जा रहा है।
2021 में घोटाला सामने आने के बाद मनोरंजन जगत की कई हस्तियों, बिजनेसमैन और राजनीतिक संरक्षण वाले अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई।
इस मामले में पूरे भारत में छह दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं और जैसे ही मनी-लॉन्ड्रिंग का पहलू सामने आया, प्रवर्तन निदेशालय भी जांच में कूद गया।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 25 अप्रैल । तेलंगाना के वारंगल जिले में एक सड़क हादसे में इंटरमीडिएट के चार छात्रों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये सभी छात्र परीक्षा में सफलता का जश्न मना कर लौट रहे थे।
यह दुर्घटना वारंगल-खम्मम राजमार्ग पर वर्धन्नापेट शहर के बाहरी इलाके में आधी रात के आसपास हुई। जानकारी के मुताबिक जिस बाइक पर यह चारों युवक सवार थे, वह विपरीत दिशा से आ रही एक निजी बस से टकरा गई।
इस हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चौथे ने वारंगल के एमजीएम अस्पताल में दम तोड़ा।
हादसे का शिकार हुए सभी मृतकों की उम्र 17 साल के आसपास थी। उनकी पहचान एम. सिद्दू, पी. गणेश, वरुण तेज और पी. रानिल कुमार के रूप में हुई है।
गणेश वर्धन्नापेट के रहने वाले थे, जबकि तीन अन्य शहर के पास येलांडा गांव के निवासी थे। उन्होंने इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जिसका परिणाम बुधवार को घोषित किया गया।
जानकारी के मुताबिक परीक्षा की सफलता का जश्न मनाने के लिए वह सभी डिनर के लिए बाहर गए थे। हालांकि, घर लौटते वक्त वे हादसे का शिकार हो गए। बाइक ने नियंत्रण खो दिया और वह विपरीत दिशा से आ रही बस से टकरा गई।
(आईएएनएस)
होशियारपुर, 25 अप्रैल । होशियारपुर में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो दिनदहाड़े लूटपाट की वारदात को अंजाम दे जा रहे हैं। ताजा मामला दाना मंडी इलाके का है जहां बदमाशों ने बेखौफ मोबाइल की दुकान में जबरन घुसकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया।
इस दौरान बदमाश लाखों का सामान लेकर मौके से फरार हो गए। मामले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे बदमाश दुकान में घुसकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
वहीं, दुकान के मालिक संजीव कुमार ने बताया, “वो हर रोज की तरह दुकान पर आए, लेकिन आज उनकी दुकान का ताला टूटा हुआ मिला। इसके बाद अंदर दाखिल हुए तो अंदर का नजारा देख उनके होश फाख्ता हो गए। बदमाश सभी सामान लेकर फरार हो चुके थे।"
उधर, पड़ोस के दुकानदार ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि सारी रात जीटी रोड चलता है, लेकिन इसके बावजूद भी चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि शटर तोड़ कर अंदर से सारा कीमती सामान लेकर चोर फरार हो गए।
स्थानीय दुकानदार ने बताया कि रात में पुलिसकर्मियों की गश्त बढ़ाई जाए, ताकि चोरी की वारदात पर अंकुश लग सके।
हालांकि, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती है, लेकिन इसके बावजूद भी जिस तरह से चोर चोरी की वारदात को अंजाम दे जा रहे हैं, वो चिंता का विषय है।
(आईएएनएस)
पटना, 25 अप्रैल । बिहार की राजधानी पटना के रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार को एक बहुमंजिला होटल में आग लग गई। चल रही पछुआ हवा के कारण आग तुरंत पूरे होटल में फैल गई।
पुलिस के मुताबिक, पटना जंक्शन के पास एक बहुमंजिला इमारत में आग लग गई। आग लगने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और अग्निशमन दस्ते की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया गया।
कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई इस दुर्घटना में कुछ लोगों के फंसे होने की भी आशंका जताई गई है। फंसे लोगों को निकाला जा रहा है।
आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। आग से बड़ी क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है।
उल्लेखनीय है कि भीषण गर्मी और तेज पछुआ हवा के कारण बिहार में लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
(आईएएनएस)
नईमा खातून को पांच सालों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है. यूनिवर्सिटी की स्थापना के 123 सालों बाद पहली बार एक महिला को वीसी की जिम्मेदारी दी गई है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नई वाइस चांसलर के तौर पर नईमा खातून को नियुक्त किया गया है. यूनिवर्सिटी के 123 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक महिला को वीसी बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद नाइमा खातून को शिक्षा मंत्रालय ने पांच सालों के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी है.
चूंकि यह नियुक्ति लोकसभा चुनाव के दौरान हुई है और फिलहाल अचार संहिता लागू है इसलिए चुनाव आयोग से भी इसकी मंजूरी ली गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने कहा कि अचार संहिता को ध्यान में रखते हुए आयोग को नाइमा खातून की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है.
नईमा खातून का अकादमिक सफर
नईमा ने साल 1988 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी डिपार्टमेंट में बतौर लेक्चरर अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने इसी विषय में अपनी पीएचडी भी की है. वह 2013 से 2014 तक इस विभाग की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं. अपने अकादमिक योगदानों के बलबूते उन्हें 2014 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेंस कॉलेज का प्रिसिंपल बना दिया गया.
प्रिसिंपल के साथ साथ वह यूनिवर्सिटी के कई अहम प्रशासनिक पदों पर भी रही हैं जैसे डिप्यूटी प्रॉक्टर और रेसिडेंशियल कोचिंग की डेप्यूटी डायरेक्टर. इसके अलावा एक साल के लिए वह यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी पढ़ाने गई थीं.
रिसर्च के अलावा नईमा खातून अब तक अपनी छह किताबें प्रकाशित कर चुकी हैं. उनके रिसर्च पेपर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किए जा चुके हैं.
क्यों खास है नईमा खातून की नियुक्ति
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है. लेकिन सौ साल से भी अधिक बीत जाने के बाद अब तक किसी भी महिला ने इस यूनिवर्सिटी की वीसी का पद नहीं संभाला था. इसलिए नईमा खातून की नियुक्ति एक मिसाल के तौर पर देखी जा रही है. इससे पहले साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां इस यूनिवर्सिटी की पहली चांसलर बनाई गई थीं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा भारत में केवल दो और केंद्रीय विश्वविद्यालय ही हैं जिनकी वाइस चांसलर महिलाएं रही हैं. शांतिश्री जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की वीसी बनीं और नजमा अख्तर जामिया मिलिया इस्लामिया की, जिसका कार्यकाल 2023 में पूरा हुआ.
ई-बुक को बाजार में आए दशकों हो चुके हैं और तब से छपी हुई किताबों के मर्सिये पढ़े जा रहे हैं, लेकिन आज भी छपी हुई किताबें ज्यादा बिकती हैं. ऐसा क्यों?
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
दिल्ली में रहने वाले 34 साल के संकेत शर्मा बताते हैं कि वह महीने की चार-पांच किताबें तो खरीद ही लेते हैं. ए़डवर्टाइजिंग प्रोफेशनल शर्मा ने डीडब्ल्यू से कहा कि कोविड महामारी के दौरान उन्होंने काफी किताबें खरीदीं और महामारी के बाद भी इस संख्या में कमी नहीं आई है. 34 साल के संकेत उस पीढ़ी के पाठक हैं जिन्होंने किंडल पर ई-बुक पढ़ना शुरू किया. लेकिनई-बुकऔर उसके बाद ऑडियो बुक्स आने के बावजूद किताबों का खरीदना कम से कम उनके लिए तो कम नहीं हुआ.
स्टैटिस्टा मार्केट इनसाइट के आंकड़े बताते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक किताबें यानी ई-बुक आज भी छपी हुई किताबों से जीत नहीं पाई हैं. अधिकतर देशों में आज भी छपी हुई किताबों की बिक्री ई-बुक से ज्यादा है. उदाहरण के लिए अमेरिका में पिछले साल लगभग 20 फीसदी आबादी ने कम से कम एक ई-बुक खरीदी. हालांकि छपी हुई किताब खरीदने वालों की संख्या 30 फीसदी रही.
इलेक्ट्रॉनिक किताबों की अवधारणा 1970 के दशक से ही मौजूद रही है, लेकिन 1990 और 2000 के दशक में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. जो ई-बुक रीडर सबसे पहले बाजार में आए थे, उनमें 1992 में आया सोनी डेटा डिस्कमैन शामिल है. हालांकि इसे बहुत ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली. ई-बुक की लोकप्रियता का नया दौर 2007 में शुरू हुआ जब एमेजॉन ने किंडल बाजार में उतारा.
छपी हुईं किताबें ज्यादा बिकीं
चीन ही एक ऐसा देश है जहां ई-बुक, छपी हुई किताबों से ज्यादा बिक रही हैं. स्टैटिस्टा के मुताबिक वहां पिछले साल 24 फीसदी लोगों ने छपी हुई किताब खरीदी जबकि 27 फीसदी लोगों ने ई-बुक खरीदी.
अपनी रिपोर्ट में स्टैटिस्टा ने लिखा है, "पूरी दुनिया में किताबों के बाजार के विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि भले ही ई-बुक्स की लोकप्रियता बढ़ी है लेकिन वे छपी हुई किताबों को खत्म नहीं कर पाएंगी बल्कि उनके पूरक के रूप में मौजूद रहेंगी, जिससे प्रकाशन उद्योग को लाभ पहुंचेगा.”
छपी हुई किताबें खरीदने के मामले में ब्रिटेन के लोग बाकी दुनिया में आगे हैं. वहां लगभग 50 फीसदी आबादी ने पिछले साल कोई ना कोई किताब खरीदी है. इसके मुकाबले ई-बुक खरीदने वालों की संख्या 15 फीसदी रही. स्पेन और जापान में भी 40 फीसदी से ज्यादा लोगों ने छपी हुई किताब खरीदी जबकि ई-बुक खरीदने वालों की संख्या 20 फीसदी से कम रही.
भारत में किताबों का हाल
भारत में छपी हुई किताबें खरीदने वालों की संख्या 25 फीसदी से कुछ ही ज्यादा रही जबकि 10 फीसदी से कम लोगों ने ई-बुक खरीदी. जानकार कहते हैं कि भारत में पढ़ने की आदत दूसरे समाजों के मुकाबले कम है इसलिए बिक्री बहुत ज्यादा नहीं है.
जाने-माने लेखक सुंधाशु गुप्त कहते हैं, "लोग छपी हुई किताबें खरीदते हैं या ई बुक्स, इससे पहले ये सवाल भी जरूरी है कि क्या लोग किताबें खरीदते हैं, और किस समाज में, किस उम्र के लोग?" डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में आज भी शिक्षित लोगों की संख्या बहुत कम है, बावजूद इसके किताबें तो बिकती ही हैं. प्रकाशकों की प्रगति और पुस्तक मेलों में आने वाली भीड़ उनकी इस बात की गवाह है.
गुप्त का कहना है कि जब हम पूरी तरह से शिक्षित समाज की बात करेंगे, जहां लोग (और खासकर युवा) ई बुक्स का सही अर्थ और उपयोग जानते हैं, वे निश्चित रूप से ई बुक्स के प्रति अधिक आकर्षित होंगे. उन्होंने यह भी कहा, "भारतीय समाज में जहां किताबों के प्रति ही आकर्षण खत्म हो रहा है, वहां ई बुक्स यदि कोई खरीद भी रहा है तो वह युवा पीढ़ी ही है. अधेड़ या वृद्ध आज भी छपी हुई किताब के प्रति ही झुकाव रखते हैं. ई बुक्स और छपी हुई किताबों के बीच की दूरी कम करने का कहीं भी कोई जरिया दिखाई नहीं देता."
पढ़ने का वैज्ञानिक आधार
2023 में एल. एल्टामुरा, सी. वर्गास और एल सैल्मेरोन ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि छपी हुई किताब से किसी बात को समझने की दर ई-बुक के मुकाबले छह से आठ फीसदी ज्यादा होती है. हालांकि बहुत से लोगों ने कहा कि वे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर ज्यादा तेजी से पढ़ पाते हैं लेकिन उन्होंने यह भी माना कि इस तरह पढ़ते हुए सोशल मीडिया, विज्ञापन, नोटिफिकेशन जैसी चीजों के कारण ध्यान ज्यादा बंटता है.
इस अध्ययन में कहा गया कि छपी हुई किताब को पढ़ना डूब जाने वाला अनुभव होता है जिसके कारण पाठकों को सामग्री ज्यादा समझ आती है और वे ज्यादा प्रभावशाली रूप से उसे याद कर पाते हैं.
किताब उठाकर पढ़ने के फायदों पर पहले भी कई अध्ययन हो चुके हैं. एक शोध के मुताबिक किताब को पकड़ने, उसे पढ़ते वक्त बैठने और पढ़ते हुए सिर व आंखों की गति के रूप में शरीर और मस्तिष्क के लिए पढ़ना एक अलग अनुभव होता है.
2016 में प्रकाशित ‘द इवॉल्यूशन ऑफ रीडिंग' नाम के अपने शोधपत्र में ए. मैंगन और ए. वान डेर वील लिखते हैं, "छपी हुईं किताबें और कागज के कारण पठन सामग्री को एक तरह का ठोस भौतिक स्वरूप मिलता है. ई-बुक को अलग तरह से छुआ जाता है और उन्हें पकड़ने और उनके पन्ने पलटने का अनुभव अलग होता है. टच-स्क्रीन का असर कागज के असर से अलग होता है. न्यूरोसाइंस और मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं कि किसी भी चीज को छूने का अनुभव मस्तिष्क में उसकी छवि बनाने पर असर डालता है." (dw.com)