अंतरराष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र, 3 अप्रैल। ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ की चार अरब लोगों को भोजन कराने की ऐतिहासिक उपलब्धि की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सराहना की गई और इस दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के सक्रिय कदमों का उल्लेख किया गया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने मंगलवार को एक विशेष कार्यक्रम - ‘खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की ओर भारत के कदम’ की मेजबानी की, जिसमें खाद्य सुरक्षा और पोषण के संबंध में देश की नवीन रणनीतियों, नीतियों एवं उपलब्धियों और उनके एसडीजी, विशेषकर शून्य भुखमरी के लक्ष्य के अनुकूल होने का जिक्र किया गया।
इस कार्यक्रम में इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन’ के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने भारतीय एनजीओ द्वारा अब तक चार अरब लोगों को भोजन कराने की उपलब्धि हासिल किए जाने का जश्न मनाया।
इस अवसर के लिए विशेष रूप से भेजे गए एक संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार अरब लोगों को भोजन परोसने की ‘‘उल्लेखनीय उपलब्धि’’ पर ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन’ की पूरी टीम को बधाई दी और इसे ‘‘अत्यंत गर्व और खुशी’’ की बात बताया।
यह संदेश संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने पढ़ा।
मोदी ने इस संदेश में कहा, ‘‘यह उपलब्धि भुखमरी मिटाने और मनुष्यों को पोषण प्रदान करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस उपलब्धि के महत्व को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भोजन परोसकर और उजागर किया गया है, जो वैश्विक कल्याण के प्रति जुनून को दर्शाता है।’’
मोदी ने कहा कि अक्षय पात्र ने बड़ी संख्या में बच्चों को भोजन परोसा है और यह सुनिश्चित किया है कि ‘‘दुनिया के भविष्य के निर्माताओं को अच्छा पोषण मिले।’’ उन्होंने उस अवसर को भी याद किया जब उन्होंने फरवरी 2019 में वृन्दावन में अक्षय पात्र की ओर से भोजन परोसा था और उस समय संगठन ने तीन अरब लोगों को भोजन परोसने की उपलब्धि प्राप्त की थी।
सत्यार्थी ने इस दौरान कहा कि चार अरब लोगों को भोजन कराए जाने की उपलब्धि का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जश्न मनाना ‘‘बहुत महत्व रखता’’ है और यह ‘‘बहुत मजबूत संदेश’’ भेजता है क्योंकि यह ‘‘वह स्थान है जो आठ अरब लोगों की आशाओं और प्रेरणाओं का प्रतिनिधित्व करता है।’’
सत्यार्थी ने 2030 के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विफलता पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम एसडीजी को हासिल करने में असफल रहते हैं, तो हम भविष्य में भी विफल हो जाएंगे।’’
मूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में अन्य देशों के नेताओं से अक्षय पात्र मॉडल का अनुसरण कर ‘‘अपने देश में गरीब बच्चों के लिए खुशी, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, आशा और सफलता लाने’’ की अपील की।
उन्होंने फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अक्षय पात्र ‘‘हमारा विश्वास बढ़ाता है कि भारत में वास्तव में अच्छी चीजें हो सकती है।’’
मूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की आर्थिक नीतियों की सफलता, उसके दृष्टिकोण और भारतीय उद्यमियों एवं नागरिकों की कड़ी मेहनत के साथ-साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कारण भारत अच्छी आर्थिक प्रगति कर रहा है।
इस मौके पर दास ने कहा कि यदि अन्य देश भी इस मॉडल को अपनाने के लिए अक्षय पात्र को आमंत्रित करते हैं तो संगठन इस ग्रह के हर नागरिक की भलाई के जुनून से प्रेरित होकर भारत की सीमाओं से परे जाकर काम करने का भी इच्छुक हैं
कंबोज ने कहा कि भारत विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन में ‘‘साहसिक कदम’’ उठा रहा है।
अक्षय पात्र की भारत में 72 रसोई हैं, जो पिछले 24 वर्ष से 24,000 स्कूल में हर दिन 21 लाख बच्चों को खाना खिलाती है। (भाषा)
वाशिंगटन, 3 अप्रैल। गाज़ा में जारी जंग के कारण अमेरिका में मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से आयोजित होने वाले रोज़ा इफ्तार (व्रत तोड़ने) के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
इसके बाद व्हाइट हाउस ने मंगलवार शाम को छोटी इफ्तार दावत का आयोजन करने का फैसला किया है जिसमें सिर्फ प्रशासन में काम करने वाले लोग ही शामिल होंगे।
मुस्लिम पैरोकार समूह ‘एमगैज’ की अगुवाई करने वाले वाइल अल ज़ायत ने पिछले साल व्हाइट हाउस में आयोजित इफ्तार में हिस्सा लिया था लेकिन उन्होंने इस बार बाइडन के साथ रोज़ा खोलने से यह कहते हुए इनकार कर दिया, “ जब गाज़ा में भुखमरी के हालात हों तो इस तरह से दावत में शिरकत करना अनुचित है।”
उन्होंने कहा कि कई लोगों द्वारा निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद व्हाइट हाउस ने सोमवार को अपनी योजना बदली और समुदाय के नेताओं से कहा कि वह प्रशासन की नीतियों पर केंद्रित एक बैठक का आयोजन करना चाहते हैं। अल ज़ायत ने इससे भी इनकार कर दिया।
कई अमेरिकी-मुस्लिम गाज़ा की घेराबंदी को लेकर इज़राइल का समर्थन करने के लिए बाइडन से खफा हैं।
राष्ट्रपति की डेमोक्रेटिक पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि बाइडन के लिए मुस्लिमों का कम होता समर्थन रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी का रास्ता प्रशस्त कर सकता है।
मंगलवार को होने वाली इफ्तार दावत में बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, सरकारी मुस्लिम अधिकारी, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारी और कई मुस्लिम नेता शामिल हो सकते हैं। हालांकि व्हाइट हाउस ने उनके नाम नहीं बताए हैं।
जिन कुछ लोगों को पिछले वर्षों में आयोजित कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया था, उन्हें इस बार निमंत्रण नहीं दिया गया है जिनमें डियरबॉर्न, मिशिगन के मेयर अब्दुल्ला हम्मूद शामिल हैं।
प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने कहा कि "समुदाय के नेताओं ने कार्य समूह की बैठक" करने के लिए कहा था। उन्होंने इस बैठक को "उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त करने" का अवसर बताया।
जहां तक निजी इफ्तार की बात है, ज्यां-पियरे ने कहा "राष्ट्रपति रमज़ान के दौरान मुस्लिम समुदाय की मेज़बानी करने की अपनी परंपरा को जारी रखने जा रहे हैं।"(एपी)
ग़ज़ा में खाने-पीने के ज़रिए लोगों की मदद करने वाली संस्था 'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' के सात कर्मचारी इसराइली हमले में मारे गए हैं.
इसके बाद 'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' ने ग़ज़ा में अपना कामकाज रोक दिया है.
'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' ने बतााया कि जो लोग मारे गए, वो ज़रूरतमंदों के लिए खाना लेकर जा रहे थे.
'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' की राहत सामग्री टीम में तीन गाड़ियों का काफिला था जिनमें दो बख़्तरबंद गाड़ियां थीं. बीबीसी को ये जानकारी मिली है कि इसराइली हमले का असर तीनों गाड़ियां पर हुआ है.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, ''इसराइली सेना के 'ग़ैर- इरादतन' हमले में ग़ज़ा में मासूम लोग मारे गए हैं. ऐसा युद्ध के दौरान होता है. हम सरकारों के संपर्क में है. ऐसा दोबारा न हो ये सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव क़दम उठाएंगे." (bbc.com/hindi)
बुधवार को ताइवान में 7.4 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान ने ओकिनावा प्रान्त में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. आशंका जताई जा रही है कि सुनामी की लहरें तीन मीटर ऊंची हो सकती हैं.
ताइवान में पिछले 25 सालों में इतना तेज़ भूकंप नहीं आया था.
जापान ने ओकिनावा के तटीय इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की एडवाइज़री जारी की है.
जापान के सरकारी प्रसारण एनएचके अनुसार, सुनामी सुबह 9:30 बजे के आसपास इरिओमोटे और इशिगाकी द्वीपों पर टकराएगी और सुबह 10:00 बजे के आसपास मियाकोजिमा और ओकिनावा के मुख्य द्वीप तक पहुँच सकती हैं.
यहां रहने वाल लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है क्योंकि मार्च 2011 में जब तोहोकू में भूकंप आया और फिर सुनामी आई तो शुरुआत में लहरें केवल कुछ सेंटीमीटर ही थीं लेकिन ये भयानक सुनामी में तब्दील हो गया.
11 मार्च 2011 में जापान के पूर्वोत्तर तट पर 9 तीव्रता का भूकंप आया था जो जापान के रिकॉर्ड का सबसे तगड़ा भूकंप माना जाता है. इसके बाद वहां भयावह सुनामी आयी, इसके कारण दुनिया ने हालिया समय का सबसे बुरा परमाणु संकट देखा.
सुनामी के कारण फुकुशिमा में न्यूक्लियर रिएक्टर के ठंडे होने से पहले ही बिजली चली गई और रिएक्टर से रेडियोएक्टिव तत्वों का रिसाव हो गया. इसके कारण जापान सरकार को इस इलाके को नो-फ्लाई ज़ोन बनाना बड़ा और आसपास की बसावट खाली बनानी पड़ी.
रूस के चर्नोबिल के बाद इसे सबसे बुरा न्यूक्लियर संकट माना जाता है.
जापान में भूकंप आना आम बात है. ये दुनिया के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है. (bbc.com/hindi)
जापान के बाद अब फिलीपींस ने भी अपने यहां सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, प्रशासन ने ताइवान में आए भूकंप के बाद तटीय इलाकों को ख़ाली करने के आदेश जारी किए हैं.
बुधवार की सुबह ताइवान में 7.4 की तीव्रता का भूकंप आया है. बीते 25 साल में ये ताइवान में आया सबसे तेज़ भूकंप है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र ताइवान के हुलिएन शहर से लगभग 18 किमी (11 मील) दक्षिण में स्थित है.
चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि चीन के दक्षिण-पूर्वी फ़ुज़ियान प्रांत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है.
थोड़ी देर पहले जापान ने भी सुनामी की चेतावनी जारी की है.
आशंका जताई जा रही है कि सुनामी की लहरें तीन मीटर ऊंची हो सकती हैं. जापान में भी प्रशासन ने ओकिनावा के तटीय इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की एडवाइज़री जारी की है. (bbc.com/hindi)
इस्तांबुल, 2 अप्रैल। इस्तांबुल में एक नाइटक्लब में मरम्मत कार्य के दौरान मंगलवार को आग लगने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह जल गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सरकारी अनादोलू एजेंसी ने बताया कि आग की घटना में कम से आठ लोग घायल हो गये, जिनमें से सात को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नाइटक्लब नवीनीकरण के काम के लिए बंद था। यह बेसिकतास जिले में 16 मंजिल की एक इमारत के भूतल पर है।
अधिकारियों के अनुसार, आग पर काबू पा लिया गया है।
गवर्नर दावुत गुल ने मौके पर संवाददाताओं से कहा कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है और माना जा रहा है कि घटना के शिकार लोग नवीनीकरण कार्य में शामिल थे। (एपी)
हेलसिंकी, 2 अप्रैल फिनलैंड के हेलसिंकी में एक स्कूल में मंगलवार को हुई गोलीबारी में कई लोग घायल हो गए और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
गोलीबारी की घटना राजधानी के बाहर वंता शहर के ‘विएर्टोला’ स्कूल में हुई।
फिलहाल इस बारे में और ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। (एपी)
गाजा, 2 अप्रैल । फिलिस्तीनी सुरक्षा चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि दो सप्ताह के सैन्य अभियान के बाद इजराइली सेना गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल से हट गई है। सेना के अभियान के दौरान दर्जनों लोग मारे गए।
सुरक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ बताया कि अस्पताल की अधिकांश इमारतों को इजराइली सेना ने नष्ट कर दिया। इससे यहां मरीजों का इलाज थम गया है।
समाचार एजेंसी ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा कि अस्पताल के प्रांगण से बच्चों, महिलाओं और चिकित्सा कर्मचारियों सहित दर्जनों क्षत-विक्षत शवों को बाहर निकाला गया।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया, "अस्पताल के जल्द चालू होने की संभावना कम है। क्योंकि इजराइली सेना ने यहां के चिकित्सा उपकरणों को नष्ट कर दिया है।"
इजराइली सेना ने 18 मार्च को गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया था। सेना का आरोप था कि हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) के सदस्यों ने अस्पताल में शरण ले रखी है।
इज़रायली सेना के प्रवक्ता अविचाई अद्राई ने एक प्रेस बयान में कहा कि सेना ने शिफ़ा में अपना सैन्य अभियान समाप्त कर दिया। इस दौरान हमास और पीआईजे के कई नेताओं सहित दर्जनों को मार डाला गया और गिरफ्तार किया गया।
अद्राई ने कहा, "सेना को अस्ताल के प्रसूति वार्ड में राइफलें, पिस्तौल, विस्फोटक सामग्री और दर्जनों मोर्टार के गोले मिले।"
हमास द्वारा संचालित मीडिया कार्यालय ने एक प्रेस बयान में कहा कि "इजराइली सेना ने शिफा अस्पताल में अपने सैन्य अभियान के दौरान कम से कम 400 फिलिस्तीनियों को मार डाला और 900 से अधिक को गिरफ्तार कर लिया।"
(आईएएनएस)
दमिश्क, 2 अप्रैल। इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर में स्थित वाणिज्य दूतावास की इमारत पर मिसाइलों से हमला किया। हमले में इमारत जमींदोज हो गई और कई लोग हताहत हुए। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
सोमवार को हमले के बाद दमिश्क के पश्चिम में माज़ेह राजमार्ग पर स्थित इमारत से धुएं का गुबार उठते देखा गया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ रिपोर्ट के अनुसार, ध्वस्त इमारत ईरानी दूतावास का हिस्सा है। इसके मलबे के बीच एक ईरानी झंडा लगा हुआ है।
सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमला सोमवार शाम करीब पांच बजे हुआ। इज़राइल ने कब्जे वाले सीरियाई गोलान हाइट्स की दिशा से हमला किया।
इसमें कहा गया है कि सीरिया की वायु सेना ने कुछ मिसाइलों को रोक दिया। हमले में अनेक लोग मारे गए और घायल हो गए।
मौके पर पहुंचे सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने हमले की निंदा की।
उन्होंने कहा कि इजराइली हमले से सीरियाई-ईरानी संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
(आईएएनएस)
दमिश्क, 2 अप्रैल। सीरिया में ईरानी राजदूत हुसैन अकबरी ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजराइली हमले का जवाब देने की बात कही है।
ईरानी दूतावास के वाणिज्य दूतावास भवन पर इजराइली मिसाइल हमले के बाद, अकबरी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि हमले में उनके पांच सहयोगियों की जान चली गई, जबकि दूतावास के दो गार्ड घायल हो गए।
उन्होंने कहा, इज़राइल ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी राजदूत ने चेतावनी दी है कि ईरान इजराइल के हमले का समुचित जवाब देगा।
अकबरी ने कहा, "इजराइल को अपने कार्यों के परिणाम भुगतने होंगे।"
मिसाइल हमले के बाद घटनास्थल पर पहुंचे सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने घटना निंदा की।
(आईएएनएस)
दमिश्क (सीरिया), 2 अप्रैल। सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इज़राइली हमले में ईरान के दो जनरल और पांच अधिकारी मारे गए हैं। ईरानी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इज़राइल द्वारा ईरान के सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। दरअसल, ईरान गाज़ा और लेबनान में इज़राइल से लड़ने वाले चरमपंथी समूहों का समर्थन करता है।
गाज़ा में करीब छह महीने पहले युद्ध शुरू होने के बाद से लेबनान में ईरान समर्थित हिज़्बुल्ला के चरमंपथियों तथा इज़राइल के बीच संघर्ष बढ़े हैं। गाज़ा पर शासन करने वाले हमास ने सात अक्टूबर को इज़राइल पर हमला किया था। इस समूह को भी ईरान का समर्थन हासिल है।
इज़राइल ईरानी ठिकानों पर हमले को बमुश्किल ही स्वीकार करता है। उसने सीरिया में हुए इस हमले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि सेना के एक प्रवक्ता ने दक्षिण इज़राइल में एक नौसेना अड्डे पर सोमवार तड़के हुए ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया।
यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोही भी इज़राइल की ओर लंबी दूरी की मिसाइलें दाग रहे हैं।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के मुताबिक, सोमवार को सीरिया में किए गए हवाई हमले में जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी की मौत हो गई, जिन्होंने 2016 तक लेबनान और सीरिया में विशिष्ट कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया था। इस हमले में जनरल मोहम्मद हादी हजरियाहिमी तथा पांच अन्य अधिकारियों की भी मौत हुई है।
हिज़्बुल्ला के एक प्रवक्ता ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि चरमपंथी समूह का सदस्य हुसैन युसूफ भी हमले में मारा गया।
ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यमून राइट्स’ ने बताया कि हमले में दो सीरियाई भी मारे गए हैं।
वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में तैनात दो पुलिस अधिकारी हमले में जख्मी हो गए हैं तथा मलबे में अब भी शवों की तलाश की जा रही है।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास की इमारत पूरी तरह से नष्ट हो गई है जबकि इसका मुख्य दूतावास भवन सही सलामत है।
ईरानी राजदूत हुसैन अकबरी ने हमले का बदला "इसी तीव्रता और कठोरता से" लेने का संकल्प लिया।
फलस्तीन के हमास और इस्लामिक जिहाद ने इज़राइल पर गाज़ा के संघर्ष को व्यापक करने की कोशिश का आरोप लगाया।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने अन्य देशों से हमले की निंदा करने का आह्वान किया।
इज़राइली सेना ने कहा कि मंगलवार तड़के सीरिया की ओर से इज़राइल पर दागे गए कुछ गोले लक्ष्य पर पहुंचने से पहले ही नष्ट हो गए। (एपी)
-जेरेमी बोवेन, इंटरनेशनल एडिटर और डेविड ग्रिटन
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने कहा है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क में उनके वाणिज्य दूतावास पर हुए इसराइली हमले में सात अधिकारियों की मौत हो गई है.
मरने वालों में ईरान की एलीट कुद्स फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी और उनके डिप्टी ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी का नाम शामिल है.
ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी ईरान के शीर्ष कमांडरों में से एक हैं.
ईरान और इसराइल के बीच इस तरह की टार्गेटेड हत्याओं का इतिहास है. हालांकि इसराइल ने अब तक हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
ईरान और सीरिया की सरकारों ने इस हमले की निंदा की है. हमला इतना ज़ोरदार था कि ईरानी दूतावास के पास की इमारत भी क्षतिग्रस्त हो गई.
इसराइल की सेना ने कहा है कि वह विदेशी मीडिया की रिपोर्ट्स पर कमेंट नहीं करेगी.
हालांकि इसराइल ने बीते कुछ सालों में सीरिया में सैकड़ों टार्गेटेड हमलों की ज़िम्मेदारी ली है. ये हमले ईरान और उससे जुड़े हथियारबंद समूहों पर किये गए जिन्हें रिवॉल्यूशनरी गार्ड ट्रेनिंग देते हैं.
पिछले साल अक्टूबर में ग़ज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित समूह हिज़्बुल्लाह ने लेबनान और सीरिया से लगी उत्तरी इसराइली सीमा पर हमले किए जिसके जवाब में इसराइली स्ट्राइक बढ़ी है.
लेकिन सोमवार को जो हमला हुआ है उसके बाद इन दोनों देशो के बीच गंभीर तनाव है और इससे ये संघर्ष आगे बढ़ सकता है.
ऐसा लग रहा है कि इसराइल ईरानियों की परीक्षा ले रहा है. और ऐसा संकेत दे रहे हैं कि वह अपने दुश्मन पर दबाव बनाना चाहते हैं.
इसराइल ये भी देख रहा है कि हिज़्बुल्लाह और ईरान दोनों की ही तरफ़ से उस तरह की जवाबी प्रतिक्रिया नहीं आ रही जिसकी उम्मीद आमतौर पर उनसे की जाती है. अब ये देखना होगा कि क्या इस हमले के बाद ईरान या हिज़्बुल्लाह पलटवार करेंगे.
सीरिया के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसराइली एयरक्राफ्ट ने गोलान हाइट्स से ईरान के वाणिज्य दूतावास को लक्ष्य बनाया जो दमिश्क के पश्चिमी मेज़ा स्थित एक हाइवे पर स्थित है. ये हमला स्थानीय समयानुसार सोमवार को शाम 5 बजे हुआ.
सीरिया ने कहा है कि सीरियाई एयर डिफेंस ने इसराइल की कुछ मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन कुछ मिसाइलें नहीं रोकी जा सकीं और इसने "पूरी इमारत को नष्ट कर दिया, जिससे इसके भीतर मौजूद सभी लोग मारे गए और घायल हो गए."
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि शवों को और घायलों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है.
घटनास्थल की तस्वीरों और वीडियो में ढही हुई बहुमंज़िला इमारत से धुआं और धूल का गुबार उठता दिख रहा है.
ईरानी राजदूत होसैन अकबरी ने कहा है कि इसराइली एफ़-35 लड़ाकू जेट विमानों ने "मेरे निवास स्थान, कांसुलर सेक्शन और साथ ही साथ ईरान के मिलिट्री अटैचमेंट को निशाना बनाया."
उन्होंने ईरान के सरकारी मीडिया को बताया कि पांच से सात लोगों की हमले में मौत हो गई है जिसमें कुछ राजनयिक भी शामिल हैं.
बाद में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके सात अधिकारी मारे गए, जिनमें ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी और ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी भी शामिल थे, जिन्हें उसने कमांडर और "वरिष्ठ सैन्य सलाहकार" बताया.
ईरानी मीडिया के अनुसार 63 साल के ज़ाहेदी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी ऑपरेशन ब्रांच- कुद्स फोर्स में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उन्होंने 2008 और 2016 के बीच लेबनान और सीरिया में कमांडर के रूप में काम किया था. वहीं हाजी-रहीमी की पहचान ज़ाहेदी के डिप्टी के रूप में की गई है.
ज़ाहेदी सबसे हाई-प्रोफ़ाइल ईरानी कमांडर हैं जिन्हें सीरिया में इसराइल के टार्गेटेड हमलों में मारा गया है. इससे पहले सीरिया में इसराइल के हमलों में इसके शीर्ष स्तर का ईरानी कमांडर नहीं मारा गया.
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, जो सीरिया में ज़मीनी सोर्स के नेटवर्क पर निर्भर है, उसने बताया कि आठ लोग मारे गए हैं जिसमें कुद्स फोर्स के एक शीर्ष नेता, दो ईरानी सलाहकार और रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पांच सदस्य शामिल हैं.
सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने कहा कि वह "इस जघन्य आतंकवादी हमले" की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें "कई निर्दोष लोग" मारे गए हैं.
ईरानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मेकदाद के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने हमले को "सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन" बताया और " इसके लिए यहूदी शासन को ज़िम्मेदार ठहराया है."
उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदायों से भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया आनी चाहिए.
व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन को हमले से जुड़ी रिपोर्ट्स की जानकारी है.
सोमवार को पत्रकारों को एक ब्रीफिंग में इसराइली सेना आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि दक्षिणी इसराइली शहर इलियत में एक नेवल बेस पर एक ड्रोन हमला "एक बहुत गंभीर घटना" थी. उन्होंने कहा कि ड्रोन "ईरान ने बनाया और उसकी ओर से छोड़ा गया था."
यह हमला पिछले शुक्रवार को दमिश्क और उत्तरी शहर अलेप्पो पर संदिग्ध इसराइली हमलों के बाद हुआ था.
उस समय सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना था कि इसराइल के इस हमले में 53 लोग मारे गए, जिनमें 38 सीरियाई सैनिक और ईरान समर्थित लेबनानी समूह हिज़्बुल्लाह के सात सदस्य शामिल थे.
इससे पहले जनवरी में मेज़ा में एक और हमला किया गया था और आरोप है कि ये हमला भी इसराइल ने किया था जिसमें पांच लोग मारे गए थे.
इसराइल पहले कई मौकों पर सीरिया में ‘ईरानी सैन्य अड्डों’ पर हमले की ज़िम्मेदारी ले चुका है.
ईरान कहता है कि सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना को "सलाह" देने के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को सीरिया भेजा गया है. लेकिन ईरान ये नहीं मानता कि वह युद्ध में शामिल है या उन्होंने सैन्य बेस स्थापित किए हैं. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में इसराइल के हवाई हमले में तीन विदेशी सहायता कर्मियों और उनके ड्राइवर की मौत हो गई है.
हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि मारे गए सहायता कर्मियों में एक ब्रिटेन का नागरिक था जबकि दूसरा पोलैंड और तीसरा ऑस्ट्रेलिया का नागरिक था. उनके साथ उनके फ़लस्तीनी ड्राइवर की भी मौत हो गई है.
फ़लस्तीन के एक सूत्र ने बीबीसी को बताया है कि ये सहायता कर्मी बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे. इस पर वर्ल्ड सेंट्रल किचन (डब्ल्यूसीके) का लोगो लगा हुआ था.
वर्ल्ड सेंट्रल किचन एक अमेरिकी एनजीओ है, जो ग़ज़ा में लोगों को खाना मुहैया करा रहा था. इसराइली सेना ने कहा है कि वह इस घटना की जांच करा रहा है.
अल-अक्सा अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि अस्पताल में इन चारों सहायता कर्मियों के शव लाए गए थे.
दरअसल ये सहायता कर्मी दैर-अल-बलाह में अपनी कार में सफर कर रहे थे. जिस समय वो तटीय इलाकों से गुज़र रहे थे उसी वक्त उन पर हवाई हमला हुआ. (bbc.com/hindi)
इसराइल में एक बार फिर सरकार विरोधी हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर पड़े हैं.
7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से इसराइल को सदमा लगा था और इसके बाद जनता के बीच एकता देखने को मिली थी.
लेकिन छह महीने बाद इसराइल में एक बार फिर बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. हजारों लोग इसराइल में सड़कों पर उतरे हैं.
रविवार की रात यरुशलम में हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-दक्षिण में शहर के सबसे बड़े हाइवे को रोक दिया था.
इस दौरान सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन से बदबूदार पानी छोड़ा.
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि नेतन्याहू तुरंत इस्तीफ़ा देकर हुए चुनाव कराएं. साथ ही कइयों की मांग थी कि ग़ज़ा में बंधक 130 इसराइलियों की रिहाई के लिए जल्द से जल्द डील की जाए.
बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि बिना सौदे के अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो अधिक बंधक मारे जाएंगे.
साल 2023 में इसराइल में ऐसे प्रदर्शन हुए थे जिसने सरकार को हिला दिया था. उस समय प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूहों ने ही इस बार लोगों से देश की संसद के बाहर जुटने की अपील की.
नेतन्याहू सरकार ग़ज़ा में युद्ध को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना झेल रही है. ग़ज़ा में चल रहे युद्ध में अब तक इसराइल के 600 सैनिक मारे जा चुके हैं.
हमास के सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बनाया गया था.
इसके बाद से इसराइल के हमले में 32 हज़ार लोग मारे गए हैं और 75 हज़ार लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़ा ग़ज़ा के हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का है. (bbc.com/hindi)
जेरेमी बोवेन, अंतरराष्ट्रीय मामलों के संपादक और डेविड ग्रिटेन
ईरान के राजदूत ने कहा है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इसराइली हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए हैं.
ईरान के सरकारी टीवी चैनल के मुताबिक़, सीनियर रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़हेदी भी मारे गए हैं.
मेज़्ज़ेह ज़िले में स्थित ईरानी दूतावास के पास स्थित बहुमंजिली इमारत मलबे में तब्दील हो गई है.
ईरान और सीरिया के विदेश मंत्रियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है.
हालांकि इसराइल की सेना ने कहा है कि वो विदेशी मीडिया की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया नहीं देता.
लेकिन इस घटना को उकसावे के रूप में ही देखा जा सकता है. मुझे लगता है कि इसराइल ईरानी और उनके सहयोगी हिज़्बुल्लाह के धैर्य की परीक्षा ले रहा है, जो पहले से ही यहां उत्तरी इसराइल और लेबनान में जंग लड़ रहे हैं.
यह इसराइल की ओर से संकेत है कि वे दुश्मन पर दबाव बढ़ाने को लेकर गंभीर हैं और इस सच्चाई से वाक़िफ़ हैं कि कुछ लोग जैसा उम्मीद कर रहे थे, ईरान हिज़्बुल्लाह दोनों को वैसा जवाब नहीं दिया गया.
इसे वे चुनौती की तरह देख रहे हैं कि क्या ईरान और हिज़्बुल्लाह पीछे हट रहे हैं.
इसकी प्रतिक्रिया होगी, लेकिन वैसी नहीं जैसी लोग उम्मीद करते हैं, मिसाइल हमले की बजाय यह साइबर हमले जैसा कुछ हो सकता है. निश्चित तौर पर यह एक संभावना है.
सीरियाई सेना के अनुसार, इसराइली विमानों ने गोलान हाइट की ओर से सोमवार को स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे) यह हमला किया.
घटना स्थल से सामने आईं तस्वीरें और वीडियो में ध्वस्त बिल्डिंग से धुआं और धूल का गुबार उठता दिख रहा था और आपातकालीन सेवाओं के कर्मचारी मौजूद थे.
हालांकि इसके बगल में ही स्थित ईरानी दूतावास को कोई ख़ास नुकसान नहीं पहुंचा है.
ईरान के सरकारी टीवी चैनल के अनुसार, ब्रिगेडियर जनरल ज़हेदी की मौत हुई है जिनकी पहचान रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स के विदेशी ऑपरेशन विंग कुद्स फ़ोर्स के सीनियर कमांडर के रूप में की गई है.
ईरान की अर्द्ध सरकारी तस्नीम न्यूज़ एजेंसी ने कहा है कि 63 साल के ब्रिगेडियर जनरल ज़हेदी सीरिया और लेबनान में कुद्स फ़ोर्स के सीनियर कमांडर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं.
ब्रिटेन में स्थित मानवाधिकार मामलों की सीरियाई ऑब्ज़र्वेटरी के अनुसार, इस हमले में कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है, जिसमें कुद्स फ़ोर्स के शीर्ष के एक अधिकारी, दो ईरानी सलाहकार और रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स के पांच सदस्य शामिल हैं.
व्हाइट हाउस की एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को इस घटना के बारे में पता है और उनकी टीम "इस मामले पर क़रीबी नज़र" बनाए हुए है.
कॉन्सुलेट के बराबर में स्थित ईरानी दूतावास को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंची है
सीरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि एयर डिफ़ेंस सिस्टम ने इसराइल की कुछ मिसाइलों को मार गिराया लेकिन कुछ मिसाइलें पूरी बिल्डिंग को ध्वस्त करने और इसमें मौजूद सभी को मारने या घायल करने में कामयाब रहीं.
मंत्रालय ने कहा है कि शवों को मलबे से बाहर निकालने और नीचे दबे घायलों को बचाने की कोशिश हो रही है. हालांकि संख्या के बारे में कुछ नहीं बताया है.
सीरिया के विदेश मंत्री फ़ैसल मेकदाद ने इस हमले की "कड़ी निंदा"करते हुए इसे "घिनौना आतंकी हमला" क़रार दिया. उन्होंने कहा कि "इस हमले में कई निर्दोष लोग मारे गए हैं."
मेरदाद से फ़ोन पर बात करते हुए ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने इस हमले को "अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और संधियों का उल्लंघन" बताया और कहा कि "इसके परिणाम की ज़िम्मेदारी ज़ायनिस्ट सरकार (इसराइल) पर होगी."
उन्होंने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय जगत से गंभीर प्रतिक्रिया की ज़रूरत पर बल दिया.
इससे पहले पिछले हफ़्ते दमिश्क और उत्तरी शहर अलेप्पो पर संदिग्ध इसराइली हमला हुआ था. सीरियाई ऑब्ज़र्वेटरी के अनुसार, इन हमलों में 53 लोगों की मौत हुई जिसमें 38 सीरियाई सैनिक थे. इसके अलावा इसमें ईरान समर्थित हथियारबंद ग्रुप हिज़्बुल्लाह के सात सदस्य थे. (bbc.com/hindi)
कराची, 1 अप्रैल। अशांत बलूचिस्तान प्रांत में बंदरगाह शहर ग्वादर के पास अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तानी सेना के बम निरोधक दस्ते पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें दो सैनिकों की मौत हो गई तथा चार अन्य जख्मी हो गए।
‘डॉन’ अखबार ने सोमवार को खबर दी है कि पाकिस्तानी फौज की बम निरोधक टीम ग्वादर जिले के अंकारा डैम इलाके में बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में व्यस्त थी तभी बंदूकधारियों ने रविवार को उनपर गोलीबारी कर दी।
अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में दो सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई है और चार अन्य जख्मी हुए हैं।
ग्वादर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहसिन जोहेब ने बताया, “ गोलीबारी की घटना बंदरगाह शहर (ग्वादर) से लगभग 25 किमी दूर हुई, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और चार अन्य जख्मी हो गए।”
उन्होंने बताया कि घटना के बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया है।
सुरक्षा बलों ने हमलावरों का पता लगाने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
अलगाववादी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अतीत में ग्वादर में हुए ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी ली है।
बीएलए बलूचिस्तान में चीन के निवेश का विरोध करता है। वह चीन और पाकिस्तान पर संसाधन संपन्न प्रांत के शोषण का आरोप लगाता है। इस आरोप को अधिकारियों ने खारिज किया है।
बीएलए ने 24 मार्च को बंदरगाह प्राधिकरण परिसर पर हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में प्रतिबंधित अलगाववादी समूह के आठ आतंकवादियों को मार गिराया था। (भाषा)
क्विटो, 1 अप्रैल। इक्वाडोर के तटीय शहर गुआयाक्विल में बंदूकधारियों के एक समूह के हमले में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि आठ अन्य घायल हो गए। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात करीब सात बजे हथियारबंद व्यक्ति वाहन में सवार होकर आए और लोगों के समूह पर हमला कर दिया।
मंत्रालय ने बताया कि हमले में दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से घायल छह अन्य व्यक्तियों ने स्वास्थ्य केंद्र में दम तोड़ दिया।
किसी समूह ने हमले की अभी जिम्मेदारी नहीं ली है। (एपी)
इस्लामाबाद, 1 अप्रैल । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी को बड़ी राहत देते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने तोशाखाना मामले में उनकी 14 साल की सजा निलंबित कर दी है।
इमरान खान और बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया था। यह मामला पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्राप्त उपहारों के दुरुपयोग और अवैध तरीकों से उपहार प्राप्त करने से संबंधित था।
आम चुनाव से कुछ दिन पहले इस मामले में इमरान खान को सजा सुनाई गई थी, जिसे जल्दबाजी में की गई कार्रवाई और इमरान खान का सलाखों के पीछे रहना सुनिश्चित करने के लिए जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया जा रहा था।
शुरुआत में जवाबदेही अदालत ने 31 जनवरी को फैसला सुनाया था, जिसे बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में चुनौती दी गई, जिसने अब सजा को निलंबित कर दिया है और दंपति को जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी है।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में कार्यवाही के दौरान, अदालत ने जवाबदेही अदालत के 31 जनवरी 2024 के फैसले के खिलाफ इमरान खान के वकील की अपील पर सुनवाई की, जिसमें इमरान खान और उनकी पत्नी को देश के उपहार भंडार का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई थी। इमरान खान और उनकी पत्नी को 14 साल की कैद के अलावा प्रत्येक आरोपी पर 78.7 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
आईएचसी की खंडपीठ, जिसमें आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मियां गुल हसन औरंगजेब शामिल थे, ने सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई की।
बैरिस्टर अली जफर ने इमरान खान का प्रतिनिधित्व किया जबकि एनएबी अभियोजक अमजद परवेज़ ने राष्ट्रीय जवाबदेही बोर्ड (एनएबी) का प्रतिनिधित्व किया।
इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के लिए राहत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थकों और अनुयायियों के लिए एक बड़ी सफलता है, जो विरोध-प्रदर्शन और रैलियां कर रहे हैं और अपने नेता की रिहाई के लिए सोशल मीडिया अभियान चला रहे हैं। उनका कहना है कि खान को अमेरिका जैसी वैश्विक शक्तियों के खिलाफ खड़े होने के लिए दंडित किया जा रहा है और देश की राजनीति में उनके हस्तक्षेप के लिए देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान को दोषी ठहराने के इरादे से झूठे, फर्जी और मनगढ़ंत मामलों में सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।
रावलपिंडी की अदियाला जेल से पत्रकारों से बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनका संघर्ष दशकों से केवल कानून के शासन और जवाबदेही के लिए रहा है।
उन्होंने कहा कि यह शक्तिशाली प्रतिष्ठान है जो फैसले ले रहा है और उनकी आवाज बंद करने की कोशिश कर रहा है।
खान ने कहा कि न्यायाधीशों के पत्र की गहन जांच की जानी चाहिए और गंभीर आरोपों पर पक्षकार बनाए गए सभी पक्षों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
पीटीआई समर्थकों का कहना है कि आईएचसी के फैसले से साबित होता है कि इमरान खान के खिलाफ मामलों का कोई आधार या कानूनी औचित्य नहीं है। इमरान खान उनके नेता हैं और शक्तिशाली राजनीतिक विरोधियों, सैन्य प्रतिष्ठान तथा वैश्विक शक्तियों के खिलाफ अपनी सच्चाई और साहसिक रुख के लिए देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक रहे हैं।
(आईएएनएस)
गाजा, 1 अप्रैल । मध्य गाजा पट्टी में अल-अक्सा अस्पताल के अंदर इजराइली बमबारी में कम से कम चार फिलिस्तीनी मारे गए और 17 घायल हो गए।
फिलिस्तीनी प्रत्यक्षदर्शियों और सूत्रों ने रविवार को समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि दीर अल-बलाह शहर के अल-अक्सा अस्पताल के प्रांगण में विस्थापितों और पत्रकारों के आवास वाले तंबुओं पर मिसाइल से हमला किया गया।
इज़राइली रक्षा बलों ने अपने एक्स अकाउंट पर कहा कि "आईएएफ (इजरायली वायु सेना) के विमान ने ऑपरेशनल इस्लामिक जिहाद कमांड सेंटर और अल-अक्सा अस्पताल के प्रांगण में रह रहे आतंकवादियों पर हमला किया।"
फिलिस्तीनी चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि हमले में चार लोगों की मौत हो गई और 17 घायल हो गए, इनमें दो पत्रकार भी शामिल हैं।
फेसबुक पर एक वीडियो भी शेयर किया गया, इसमें तंबू में आग लगते हुए दिखाया गया है।
इस बीच, गाजा में हमास द्वारा संचालित मीडिया कार्यालय ने एक बयान में इजराइली सेना के इस हमले की निंदा की और इसे नरसंहार बताया।
(आईएएनएस)
अदन (यमन), 1 अप्रैल । यमन के दक्षिणी प्रांत अबयान में अल-कायदा आतंकवादियों के हमले में सरकार समर्थक सेना के चार सैनिक मारे गए और तीन घायल हो गए। एक सैन्य अधिकारी ने मीडिया को यह जानकारी दी।
स्थानीय सैन्य सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर रविवार को बताया कि अल-कायदा के आतंकवादियों ने अबियान के उत्तर-पूर्व में मुदियाह जिले में ओमरान घाटी से गुजर रहेे सरकार समर्थक सेना के एक गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र ने कहा, हमले में चार सैनिक मारे गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर है।
गौरतलब है कि यमनी सरकार समर्थक सेना ने हाल के हफ्तों में "एरो ऑफ द ईस्ट" नाम से अभियान तेज कर दिया। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इसका लक्ष्य यमन स्थित अल-कायदा के अवशेषों को समूल खत्म करना है। .
(आईएएनएस)
ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के मौके़ पर दिए गए अपने पारंपरिक संबोधन में ग़ज़ा पट्टी में तुरंत युद्धविराम लागू करने की अपील की है.
इस संबोधन में पोप ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए इसराइली नागरिकों को रिहा करने की भी अपील की है.
बढ़ती उम्र के कारण अपने स्वास्थ्य को लेकर जारी चिंता के बीच 87 साल के पोप ने कहा कि "शांति कभी भी हथियारों से कायम नहीं की जा सकती."
उन्होंने कहा, "फैली बाहों और खुले दिल से ही शांति लाई जा सकती है."
पोप को सुनने के लिए वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर पर कई हज़ार लोग मौजूद थे.
बच्चों से लेकर नागरिकों पर युद्ध के बुरे प्रभाव का ज़िक्र करते हुए पोप ने कहा, "हम उनकी आंखों में कितनी पीड़ा देखते हैं! उन आंखों से वे हमसे पूछ रहे हैं: क्यों? इतनी मौतें क्यों? इतना विनाश क्यों? युद्ध तो हमेशा बेतुका और अपने आप में हार होता है."
पोप फ्रांसिस ने यूक्रेन के ख़ालिफ़ रूस के हमलों पर भी बात की. उन्होंने इन दोनों देशों से अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का सम्मान करने की अपील की. (bbc.com/hindi)
तुर्की के स्थानीय चुनावों में विपक्ष को जीत मिली है. इसे राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है.
तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के एक साल से भी कम समय में उनकी पार्टी की इस हार से राजनीतिक विश्लेषक हैरान हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अर्दोआन शहरों के राजनीतिक नेतृत्व पर अपने वर्चस्व को लेकर निश्चिंत थे. लेकिन स्थानीय चुनावों में उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की हार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
इंस्ताबुल में अर्दोआन ने खुद प्रचार किया था लेकिन यहां सेक्युलर विपक्षी दल सीएचपी के एकरम इमामोगोलु चुनाव जीत गए.
अर्दोआन इंस्ताबुल के मेयर रह चुके हैं और यहीं से उनके राजनीतिक करियर को ऊंचाई मिली है.
अर्दोआन ने इंस्ताबुल में एक नए युग की शुरुआत का वादा किया था लेकिन एक करोड़ साठ लाख वाली आबादी के इस शहर में विरोधी दल ने चुनाव जीत लिया.
अंकारा समेत और भी 15 शहरों के मेयर चुनाव में विपक्षी पार्टी को जीत मिली है. (bbc.com/hindi)
बीजिंग, 31 मार्च। "अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस" के अवसर पर 30 मार्च को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक वीडियो संदेश देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपशिष्ट संकट को संयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हमारा ग्रह कचरे से भरता जा रहा है। हर साल 2 अरब टन से अधिक नगरपालिका ठोस कचरा उत्पन्न होता है, जिसके पृथ्वी की जलवायु, पारिस्थितिकी तंत्र और मानव स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी परिणाम होते हैं। कचरे के अपघटन से न केवल वातावरण में ग्रह को गर्म करने वाली ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, बल्कि पानी और मिट्टी भी प्रदूषित होती है, जिससे बीमारी और यहां तक कि मृत्यु भी होती है।
गुटेरेस ने कहा कि अत्यधिक उपभोग मानवता को मार रहा है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने उद्यमों और कंपनियों से टिकाऊ उत्पादन की ओर बढ़ने, उत्पादों का उत्पादन करते समय पैकेजिंग अपशिष्ट को कम करने और उत्पादों की सेवा जीवन को बढ़ाने का प्रयास करने का आग्रह किया।
उन्होंने उपभोक्ताओं से "खरीदने से पहले दो बार सोचने" और यथासंभव पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं का पुन: उपयोग करने का भी आह्वान किया। गुटेरेस ने चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सरकारी कार्रवाई के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
(आईएएनएस)
बीजिंग, 31 मार्च । 1 अप्रैल को प्रकाशित होने वाली 'छ्यो शी' पत्रिका के सातवें अंक में सीपीसी केंद्रीय कमेटी के महासचिव और राष्ट्रपति शी चिनफिंग का एक अहम आलेख जारी किया जाएगा, जिसका शीर्षक है कि जनता को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है।
इस आलेख में बल दिया गया कि जनता इतिहास की रचयिता है। जनता सच्ची वीर है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी जनता से आयी है और जनता की सेवा करती है। पार्टी का आधार और शक्ति जनता में है। बेहतर जीवन के प्रति जनता की आकांक्षा तो हमारे संघर्ष का लक्ष्य है। सीपीसी सदस्यों की प्रारंभिक आकांक्षा और कर्तव्य चीनी जनता को सुख दिलाना और चीनी राष्ट्र का पुनरोत्थान पूरा करना है। यही प्रारंभिक आकांक्षा और कर्तव्य सीपीसी सदस्यों के निरंतर बढ़ने की मूल प्रेरणा है।
इस आलेख में कहा गया कि सीपीसी के सभी कार्य जनता के मूल हितों की सुरक्षा और विकास करना है। इस आलेख में कहा गया कि शक्तिशाली आधुनिक समाजवादी देश का निर्माण पूरा करने के लिए जनता निर्णायक शक्ति है। हमें पूरी जनता को प्राथमिकता देने पर कायम रहना है।
(आईएएनएस)
तेल अवीव, 31 मार्च । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि उसने गाजा सिटी के अल-शिफा अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान हमास के चार वरिष्ठ नेताओं को मार डाला। वेे वहां छिपे हुए थे।
आईडीएफ के अनुसार मृतकों में से एक राड थाबेट, हमास की भर्ती टीम का प्रमुख था और एक अन्य महमूद खलील ज़कज़ुक गाजा शहर में हमास की रॉकेट यूनिट का डिप्टी कमांडर था।
अन्य दो मृतकों की पहचान हमास के वरिष्ठ कार्यकर्ता फादी ड्विक और जकारिया नजीब के रूप में की गई है।
आईडीएफ ने कहा कि ड्विक हमास का वरिष्ठ खुफिया अधिकारी था और 2002 में वेस्ट बैंक में हुई गोलीबारी की घटना में शामिल था। इसमें चार इजराइली नागरिकों की मौत हो गई थी।
आईडीएफ ने कहा कि ज़कारिया नजीब हमास के वेस्ट बैंक मुख्यालय में एक वरिष्ठ कार्यकर्ता था और वेस्ट बैंक में इज़राइल पर हमलों को अंजाम देने और साजिश रचने में शामिल था।
आईडीएफ ने शनिवार रात एक बयान में कहा कि अल-शिफा अस्पताल परिसर में गोलीबारी जारी है और उसके सैनिकों ने अस्पताल के अंदर लगभग 200 हमास कार्यकर्ताओं को मार डाला है।
बयान में यह भी कहा गया कि आईडीएफ ने शनिवार को दक्षिणी गाजा के खान यूनिस इलाके में हमास के कई बंदूकधारियों को मार डाला।
सेना ने कहा कि इज़राइली वायु सेना ने भी अल-अमल और अल-क़ुरारा क्षेत्र में हवाई हमले किए।
इजराइली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि आईडीएफ अल-शिफा और अल-नासिर अस्पतालों में तलाशी अभियान चला रहा है, जहां अब भी हमास के कई सदस्य छिपे हुए हैं।
(आईएएनएस)