राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 5 सितंबर (वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए शनिवार को कहा कि उसने अपनी नीति बदल दी है और वह अब ‘न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण’ की सोच के साथ काम कर रही है।
श्री गांधी ने कहा मोदी सरकार की सोच-न्यूनतम शासन अधिकतम निजीकरण ‘कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ्तरों को स्थायी ‘स्टाफ-मुक्त’ बनाना है, युवा का भविष्य चुराना है और ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा मोदी जी,अब नई नौकरियों व नए पदों पर बैन। युवाओं के लिए शिक्षा नहीं, युवाओं के लिए रो•ागार नहीं, युवाओं की परीक्षा का नतीजा नहीं, अब..युवाओं के लिए भविष्य में भी नौकरी नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के लिए अवसर पैदा नहीं करती है और इस दिशा में कोई प्रयास भी नहीं किये जा रहे है। उन्होंने कहा युवाओं के भविष्य पर कुंडली मारे बैठी भाजपा! कब देंगे न्याय, अब नहीं चलेगा अन्याय!
अहमदाबाद, 5 सितंबर (वार्ता)। पश्चिम रेलवे में गुजरात के राजकोट मंडल में ववानिया माल शेड में औद्योगिक नमक के लदान से 60 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने शनिवार को बताया कि चार सितम्बर को राजकोट मंडल में ववानिया माल शेड में औद्योगिक नमक की खुले वैगनों में लोडिंग की गई। यह नया ट्रैफिक राजकोट डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) की उल्लेखनीय कोशिशों के कारण सम्भव हुआ है। रेलवे बोर्ड द्वारा औद्योगिक उपयोग के लिए नमक के वर्गीकरण में कमी और इसकी श्रेणी में 120 से 100 ए में संशोधन करने जैसी नीतिगत पहल ने इसे सम्भव बनाया है इसलिए औद्योगिक उपयोग के लिए नमक को खुले वैगनों में लूज स्थिति के रूप में लोड करने की अनुमति दी गई है। लूज लोडिंग को इस शर्त के साथ अनुमति दी गई है कि वैगनों के फर्श को तिरपाल द्वारा कवर किया जायेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नमक के कारण वैगनों का कोई नुकसान, क्षरण न हो। ऐसी क्षति, क्षरण के मामले में ग्राहक इस तरह के नुकसान का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
यह रेक पीकेसीआई ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड हेतु धनबाद डिवीजन के रेणुकूट स्टेशन के लिए बुक किया गया है, जिसके अंतर्गत बीओएक्सएन वैगन रेक द्वारा औद्योगिक नमक का परिवहन किया जा रहा है। जो कि 3882 टन के भार के साथ 1588 किलोमीटर की दूरी तय करेगा और इसके फलस्वरूप लगभग 60 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस महीने में ऐसे पांच से छह और रेक लोड होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (वार्ता)। कविता और कहानी से गणित पढ़ाने वाले सिक्किम के शिक्षक लोमस धुंगेल और 300 वीडियो बनाकर छात्रों को गणित समझाने वाले छिंदवाड़ा के मोहम्मद शाहिद समेत 47 शिक्षकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
श्री कोविंद ने आज सुबह 11:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन शिक्षकों को सम्मानित किया। इनमें दो शिक्षक दिव्यांग श्रेणी के है। इनमें अहमदाबाद के नेत्रहीन स्कूल की शिक्षिका जोशी सुधा गौतम भाई और बिहार के बेगूसराय के ²ष्टिहीन शिक्षक संत कुमार साहनी हैं। ये शिक्षक 36 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के अलावा 7 संगठनों के भी हैं। इनमें केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एटॉमिक शिक्षा सोसाइटी आदि के भी शिक्षक शामिल है।
राष्ट्रपति कोविंद ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इन शिक्षकों को समानित किया।इन शिक्षकों ने अपने स्कूलों में नवाचार का प्रयोग किया है और लड़कियों के लिए स्कूल बनाने, पर्यावरण को सुंदर बनाने तथा सूचना प्रौद्योगिकी का रचनात्मक इस्तेमाल स्कूलों में किया है।
इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे। इससे पूर्व श्री कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्णिया, 5 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार के पूर्णिया जिले के जानकीनगर थाना क्षेत्र के एक महादलित टोले पर अपराधियों ने हमला कर दिया। इस दौरान दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार की रात चांदपुर भंगहा गांव में कुछ हथियारबंद लोगों ने महादलित टोले में एक परिवार के घर पहुंचे और लाठी डंडे से पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद हमलावरों ने जाने के क्रम में दो लोगों की गोली मार दी, जिससे घटनास्थल पर ही दोनों की मौत हो गई।
अनुमंडल पुलिस अधिकारी विभाष कुमार ने बताया कि मृतकों की पहचान अनमोल ऋषि और सुबोध ऋषि के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में दो अन्य लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया इस हमले के पीछे भूमि विवाद बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में आगामी चुनावों में 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को प्रदेश कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि इस बात को लेकर संतोष है कि आज एक लंबी लड़ाई के बाद विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में हम आये हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को यहां राष्ट्रीय मुख्यालय से ओडिशा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, "2014 के विधानसभा चुनाव में हमें वहां 18 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं 2019 के चुनाव में हमें 32 प्रतिशत मत मिले। अब हम 50 प्रतिशत से ज्यादा मत लेकर प्रदेश में लोगों का विश्वास जीतेंगे, इसका हमें संकल्प लेना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमें खुशी है कि लोकसभा चुनाव में हमें यहां लगभग 1 करोड़ मत मिले। उसी तरीके से आज अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की 33 सीटों में हमने अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ाया है। कोरोना काल में भाजपा ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से खुद को आगे बढ़ाया है। पार्टी ने विपरित परिस्थिति में भी खुद को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इसके लिए मैं सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं।"
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कोरोना काल में अन्य सभी दल लॉकडाउन हो गए, लेकिन भाजपा चलायमान रही और वर्चुअल रैली के माध्यम से पार्टी आगे बढ़ती रही। ओडिशा की जनता को हमें यह बताने का प्रयास करना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे देश में कोविड टेस्टिंग कैपेसिटी को प्रतिदिन 1,500 से बढ़ाकर 10.10 लाख तक पहुंचाया है।
कोरोना काल में मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि आज देश में लगभग 1,500 से ज्यादा कोविड समर्पित अस्पताल हैं। करीब 2.50 लाख से ज्यादा समर्पित बैड हैं और 50 हजार से ज्यादा वेंटिलेटर हैं। प्रधानमंत्री ने प्रवासी श्रमिकों के लिए भी रोजगार की व्यवस्था की है। ओडिशा के कई क्षेत्रों में भी गरीब कल्याण रोजगार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे प्रशासन से बात करके जरूरतमंदों को इसका लाभ पहुंचाने की कोशिश करें।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओडिशा के लिए किए गए मोदी सरकार के कई कार्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि 451 किमी का दीघा-गोपालपुर तटीय राजमार्ग लगभग 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। जबकि पहले केंद्र से राज्य को कोई बड़ी परियोजना नहीं मिलती थी। उन्होंने कहा कि ऐसे कई अन्य कार्यों में भी केंद्र सरकार धनराशि खर्च कर रही है।
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान बंद रही निजामुद्दीन दरगाह 6 सितंबर से सभी लोगों के लिए खुलने जा रही है। दरगाह में नियमों का पालन हो सके, इसलिए जगह-जगह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर निशान बनाये गए हैं। लोगों के लिए सेनिटाइजेशन मशीन की व्यवस्था की गई है। दरअसल, कमेटी ने पहले भी दरगाह खोलने का फैसला लिया था लेकिन उस वक्त फैसले को वापस ले लिया गया।
दरगाह के इंचार्ज सईद अदीब निजामी ने आईएएनएस को बताया कि, "सरकार की गाइडलान्स के मुताबिक ही दरगाह के अंदर इंतजाम किए गए हैं। दरगाह में आने वाले हर शख्श को नियमों का पालन करना होगा। हमने इस वजह से लोगों के लिए जगह-जगह पर निशान भी बनाये हैं। दरगाह में आने वाले हर व्यक्ति को मास्क लगाना जरूरी होगा।"
ऐसे में दरगाह जाने वाले लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा, वरना उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। दरगाह में जगह-जगह सेनिटाइज करने के लिए मशीन लगाई गई है, उनका इस्तेमाल करना आवश्यक होगा।
दरगाह के मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी, टेम्परेचर सही होने पर ही अंदर जाने की अनुमति होगी। साथ ही श्रद्धालुओं को दूरी बनानी होगी। दरगाह में कैमरे से लोगों पर निगरानी रखी जाएगी।
श्रद्धालुओं को दरगाह में अंदर रुकने की इजाजत नहीं होगी। ना ही मजार को छू सकेंगे और ना ही फूल चढ़ा सकेंगे। दरगाह के अंदर वुजू ( हाथ मुंह धोने) की अनुमति नहीं होगी।
दरगाह में अगले आदेश तक कव्वाली नहीं होगी, वहीं 10 वर्ष से कम उम्र और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दरगाह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
पटना, 5 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार की राजधानी पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में शनिवार को शराब माफियाओं और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में एक सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) के पैर में गोली लगी है। इसके अलावा तीन से चार लोगों के घायल होने की खबर है। इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि शराब की एक बड़ी खेप ट्रेन से पहुंचने वाली है, इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने आर ब्लॉक के पास पहुंचकर एक व्यक्ति को पकड़ा, जिसे बचाने के लिए उसके परिजन और आसपास के लोगों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
पुलिस के मुताबिक स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की और मारपीट हुई। इसके बाद दोनों ओर से गोली चलाई गई।
जक्कनपुर के थाना प्रभारी मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि इस घटना में एक एएसआई के पैर में गोली लगी है, जिन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के भी गोली लगने की खबर है। उन्होंने कहा कि इस घटना में कुल तीन पुलिसकर्मियों को चोट लगी है।
वर्मा ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है तथा पूरे मामले की पुलिस छानबीन कर रही है।
चेन्नई, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन (आईओसी) ने उस टैंकर को श्रीलंकाई तट से 35 नॉटिकल मील दूर कर दिया है, जिस पर गुरुवार से आग लगी हुई है। 'न्यू डायमंड' नाम के इस विशाल टैंकर में कुवैत का करीब 3 लाख टन कच्चा तेल लदा हुआ था। भारतीय तटरक्षक बल ने शनिवार को यह जानकारी दी।
तटरक्षक के अनुसार, श्रीलंकाई जहाजों और विमान के समन्वित प्रयासों से एएलपी विंगर पोत ने न्यू डायमंड को सफलतापूर्वक इस द्वीपीय देश के तट से 35 नॉटिकल मील से अधिक दूर कर दिया।
भारतीय तटीय सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि वेरी लॉर्ज क्रूड कैरियर (वीएलसीसी) न्यू डायमंड में आग अभी भी लगी हुई है लेकिन अब इसमें काफी कमी आई है। इसके अलावा समुद्र के तल पर तेल की परत भी नहीं है। शुक्रवार शाम को आग पर काबू पा लिया गया था।
बता दें कि गुरुवार सुबह 20 वर्षीय वीएलसीसी न्यू डायमंड में श्रीलंका के तट और श्रीलंकाई विशेष आर्थिक क्षेत्र से लगभग 37 समुद्री मील दूर आग लग गई थी।
शुक्रवार को न्यू डायमंड के कैप्टन, एक तटरक्षक अधिकारी और एक नाविक के साथ धधकते तेल टैंकर में सवार हुए और आग से धधक रहे इस विशालकाय जहाज के रस्सों और लंगर का आंकलन किया।
कोस्ट गार्ड के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "ऐसी स्थिति में टोइंग और एंकरिंग करना ही बेहतर होता है। हालांकि जहाज को कहां टो किया जाएगा, उसका फैसला केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि कार्गो पंपिंग सुविधा जारी है और कार्गो क्षेत्र इससे प्रभावित नहीं हुआ है। पोत में आग बंदरगाह की तरफ है और डेक पर ज्यादा गर्मी नहीं है।
भारत सरकार ने न्यू डायमंड को टो करने के लिए दो आपातकालीन टोइंग जहाजों को तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा तटरक्षक पोत से तेल के रिसाव को रोकने के लिए बहु-आयामी रणनीति पर काम कर रहा है क्योंकि यदि तेल रिसाव हुआ तो यह एक बड़ी पर्यावरणीय आपदा होगी।
तटरक्षक ने यह भी कहा कि जलमार्ग से 10 मीटर ऊपर न्यू डायमंड के एक हिस्से में दो मीटर की दरार देखी गई है।
रिवेरा मैरीटाइम मीडिया के तकनीकी संपादक एम. कल्याणरमन ने आईएएनएस को बताया, "यदि दरार फैलती है (जैसी की आशंका है) तो जहाज की स्थिरता प्रभावित हो सकती है। जहाज अभी भी जबरदस्त दबाव में है, ऐसे में यह टूट सकता है और ढह भी सकता है।"
कल्याणरमन ने यह भी कहा कि अगर आग अभी भी भड़क रही है, तो इसका मतलब है कि विस्फोट के लिए ईंधन की उपलब्धता है, जो कि बंकर ऑयल हो सकता है।
एक तटरक्षक अधिकारी ने कहा कि हालांकि दरार आगे नहीं बढ़ी है।
मरीनट्रैफिक डॉट कॉम के अनुसार, यह तेल टैंकर 23 अगस्त को मीना अल अहमदी से रवाना हुआ था और भारत के पारादीप बंदरगाह की ओर चला गया था। इसके 5 सितंबर को ओडिशा के पारादीप पहुंचने की उम्मीद थी जहां आईओसी की बड़ी रिफाइनरी है।
तटरक्षक ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना ने न्यू डायमंड में आग और विस्फोट से लड़ने के लिए सहायता मांगी थी।
खबरों के मुताबिक, एक अन्य तेल टैंकर हेलेन एम बचाव के लिए न्यू डायमंड के स्थान पर पहुंच गया था।
आईओसी के अधिकारी चुप हैं और उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है।
मनोज पाठक
पटना, 5 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार में कोरोना काल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों का जोर ऑनलाइन प्रचार पर है। इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी करीब-करीब पूरी कर ली है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसके लिए एक पूरी टीम उतार दी है।
भाजपा ने ऑनलाइन प्रचार के तहत सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा जोर लगाया है। भाजपा की योजना केंद्र और राज्य की विकास योजनाओं की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाने की है।
भाजपा के प्रवक्ता डॉ़ निखिल आनंद आईएएनएस से कहते हैं कि पार्टी फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम के माध्यम से चुनाव में प्रचार-प्रसार करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा इस चुनाव में विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी, जिसके तहत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की 15 साल की सरकार की तुलना पिछले 15 साल की राजद सरकार से की जाएगी।
इधर, भाजपा के सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यालय में आईटी सेल में दो दर्जन से अधिक प्रोफेशनल सोशल मीडिया के लिए काम में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य के प्रखंड तक आईटी सेल के लोग मौजूद हैं। राज्य के पंचायत और मतदान केंद्र स्तर तक के नेताओं का वाट्सअप ग्रुप बना दिया गया है, जिस पर नेता अपना संदेश कार्यकर्ताओं तक पहुंचा रहे हैं।
इधर, भाजपा के एक नेता का दावा है कि भाजपा इस चुनाव में ना केवल ऑनलाइन प्रचार करेगी बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गांव-गांव तक भी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के जरिए प्रचार करेगी। पार्टी अन्य चुनावों की तरह प्रचार रथ का भी इस्तेमाल करने की योजना बनाई है, जिसके तहत भाजपा अपने नारों को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश करेगी।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी झारखंड चुनाव के तर्ज पर साइकिल भी चुनाव प्रचार में उतार सकती है, जिससे कार्यकर्ता गांव-गांव और घर-घर तक पहुंच सके। भाजपा के एक नेता ने बताया कि चुनाव प्रचार में पार्टी ने मोटर साइकिल भी उतारने का मन बनाया है। मोटर साइकिल भगवा रंग को होगा, जिस पर कार्यकर्ता शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचेंगे और क्षेत्र में राजग के पक्ष में प्रचार करेंगे।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि मोटरसाइकिल सभी क्षेत्रों में पहुंच भी गए हैं, पार्टी द्वारा आदेश मिलने के बाद कार्यकर्ता प्रचार अभियान में जुट जाएंगें।
भाजपा के प्रवक्ता आनंद कहते हैं कि पार्टी प्रचार में किसी भी अन्य दलों से पीछे नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की तैयारी सभी 243 सीटों पर है। जिन सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी नहीं होंगे वहां पार्टी के कार्यकर्ता सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव में आक्रामक डिजिटल कैंपेनिंग शुरू की है। इसके दम पर विपक्ष के आरोपों का काउंटर करने में पार्टी जुटी है। मकसद, हर तरह की बहस का रुख अपने पक्ष में मोड़ने का है। भाजपा ने अब तक छह प्रमुख डिजिटल मीडिया कैंपेन लांच कर हलचल मचाई है।
उसकी इस पहल से सोशल मीडिया पर पार्टी के आउटरीच यानी पहुंच में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। यह पूरा कैंपेन सोशल मीडिया और मीडिया में तालमेल के जरिए चलाकर भाजपा नेरेटिव सेट कर रही है। जिससे कोरोना काल की शुरुआत में विपक्ष के ताबड़तोड़ हमलों से खिलाफ जाती हवा का रुख भी अब पार्टी अपनी तरफ करने में सफल हुई है।
यह पहली बार है जब बिहार चुनाव में, भाजपा जंगलराज को मुद्दा बनाने की जगह तथ्यों से अपनी बात रखकर राज्य में नई रणनीति से चुनाव लड़ने में जुटी है। भाजपा का कहना है कि विपक्ष भले नेगेटिव कैंपेनिंग करे, लेकिन हम इलेक्शन को पॉजिटिव ट्रैक पर ले जा रहे हैं।
बिहार भाजपा के प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से कहा, "जिस कोरोना को विपक्ष मुद्दा बनाए हुए थे, हमने तथ्यों से जवाब देकर उन्हें मैदान छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाने में सफल साबित हुई है। पार्टी के पॉजिटिव कैंपेनिंग को बिहार के कोने-कोने से अभूतपूर्व समर्थन हासिल हुआ है।"
पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राष्ट्रीय मुख्यालय की निगरानी में बिहार भाजपा की ओर से लांच कैंपेन को एक खास टीम चला रही है। इसमे दिल्ली से आए एक एक्सपर्ट भी शामिल हैं। जो सोशल मीडिया और मीडिया के बीच कोऑर्डिनेशन कर कैंपेन को धार दे रहे। जानिए, वो कौन से कैंपेन हैं, जिससे भाजपा चुनाव का माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी है।
हारेगा कोरोना जीतेगा बिहार
भाजपा ने 'हारेगा कोरोना, जीतेगा बिहार' कैंपेनिंग के जरिए बिहार की जनता को सकारात्मकता से भरने की कोशिश की है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने जब कोरोना के मोर्चे पर एनडीए सरकार पर लगातार हमलावर हुए तो बीजेपी ने यह काउंटर कैंपेन शुरू किया। इस कैंपेन के जरिए भाजपा कोरोना से लड़ाई में बिहार मे स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम के बारे में जनता को जानकारी दे रही है। किस तरह से बिहार में रिकवरी रेट ज्यादा है, मृत्यु दर कम है, कितने अस्पतालों में बेड खाली हैं, ये सब बातें इस कैंपेन के जरिए जनता को बताई जा रहीं हैं।
सेवा में तत्पर, भाजपा निरंतर
'सेवा में तत्पर, भाजपा निरंतर' भी एक पॉजिटिव कैंपेन है। कोरोना काल में भाजपा की ओर से शहर से लेकर गांव तक जरूरतमंदों के लिए किए गए राहत इंतजामों के बारे में इस कैंपेन के जरिए बताया जाता है। इस कैंपेन के जरिए जनता को पार्टी संदेश दे रही है कि उनके सुख-दुख में भाजपा भागीदार है।
फर्क साफ है
इस कैंपेन के जरिए पार्टी राजद और एनडीए की सरकार का फर्क बता रही है। आंकड़ों के जरिए पूर्ववर्ती लालू और राबड़ी यादव की सरकार और बाद की एनडीए की सरकार के बीच के अंतर को बताने की कोशिश कर रही है। 2005 से पहले शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, परिवहन आदि क्षेत्रों में कितनी धनराशि खर्च होती थी और 2005 के बाद कितनी धनराशि खर्च हो रही है, इसका जनता के बीच पार्टी आंकड़े रखकर बता रही है कि कैसे बिहार बदल रहा है?
न भूला है बिहार, न भूलेगा बिहार
बारिश के दौरान बिहार में पुल, पुलियां और सड़कों के टूटने की घटनाओं पर विपक्ष सोशल मीडिया पर मुखर हुआ तो भाजपा ने यह काउंटर कैंपेन चलाना शुरू किया। इसके जरिए लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में बिहार की हुई दुर्गति के बारे में पार्टी तस्वीरों, आंकड़ों आदि के जरिए बात रखकर जनता को उस दौर की घटनाओं को याद करा रही है।
मददगार एनडीए सरकार
भाजपा 'मददगार एनडीए सरकार' कैंपेन के जरिए एनडीए सरकार की उपलब्धियों को सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से जनता के बीच ले जाने में जुटी है। कैसे बिहार में बेटियों की पढ़ाई पर बल दिया गया, किस तरह से सामाजिक सहायता की योजनाओं को निचले तबके तक पहुंचाया गया, इन सब बातों को इस कैंपेन के जरिए जनता तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
क्या आप जानते हैं?
बिहार में गुड गवर्नेंस के मोर्चे पर एनडीए सरकार क्या कुछ कर रही है। 'क्या आप जानते हैं?'
कैंपेन के जरिए जनता तक जानकारियां पहुंचाईं जा रहीं हैं। बिहार की कला और संस्कृति के बारे में भी सोशल मीडिया के जरिए स्थानीय और बाहर के लोगों को जानकारियां दीं जा रहीं हैं।
बिहार भाजपा के प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से कहा, "बिहार के सभी गांवों में सरकार ने बिजली पहुंचाई है। 83 लाख महिलाओं को गैस सिलिंडर दिए गए हैं। 2.38 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 15-15 सौ रुपये की आर्थिक सहायता कोरोना काल में सरकार ने भेजी है। और भी बहुत से कार्य हुए हैं। जिससे जनता एनडीए की सरकार फिर से बनाने के लिए मुखर है।"
नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)| देश को 1947 में आजादी मिलने से 46 साल पहले महात्मा गांधी 18 दिनों के लिए मॉरीशस गए थे और अपनी इस यात्रा में उन्होंने इस द्वीपीय देश में प्रवासी भारतीय श्रमिकों के अधिकारों के लिए पहला आंदोलन शुरू किया था। भारतीय कामगारों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए उस वक्त महज 38 साल की उम्र में उन्होंने मीडिया को अपना अहम जरिया बनाया था। इसके लिए उन्होंने एक अनूठा प्रयोग करते हुए मॉरीशस में हिन्दी समाचार-पत्र 'हिन्दुस्तानी' शुरू कराया, जो कि शायद भारत के बाहर हिन्दी में प्रकाशित होने वाला पहला हिन्दी अखबार था। इस काम की जिम्मेदारी गांधी ने अपने मित्र मणिलाल डॉक्टर को दी और उन्हें 11 अक्टूबर, 1907 को मॉरिशस भेजा।
मॉरीशस के स्वतंत्रता आंदोलन में मीडिया, विशेष रूप से हिंदी पत्रकारिता की प्रमुख भूमिका को बताती हुई एक किताब वरिष्ठ टीवी पत्रकार सर्वेश तिवारी ने लिखी है। इस किताब का नाम 'मॉरिशस : इंडियन कल्चर एंड मीडिया' है। इस किताब में मॉरीशस में चलाए गए आंदोलन को बखूबी दर्शाया गया है, जिसका नेतृत्व भारतीय मूल के प्रवासी सेवूसागुर रामगुलाम ने किया था।
रोचक बात है कि तीन दशक के बाद जब मॉरीशस ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ तो यही प्रवासी मजदूर रामगुलाम मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री बने थे।
वैसे हिंदुस्तानी अखबार को लॉन्च करने वाले गांधी के दूत मणिलाल डॉक्टर ने बैरिस्टर होने के नाते वहां भारतीय प्रवासी श्रमिकों के नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई भी लड़ी।
नागरिक अधिकारों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए मणिलाल ने 'हिंदुस्तानी' अखबार निकालने की शुरुआत पहले अंग्रेजी और गुजराती भाषा से की और बाद में इसे हिन्दी में निकाला। दरअसल, वहां बड़ी संख्या में भोजपुरी बोलने वाले भारतीय लोग थे। हिन्दी के इस अखबार का प्रभाव ऐसा पड़ा कि इसने तत्काल लोगों के दिलो-दिमाग पर कब्जा कर लिया।
जबकि 1900 की शुरूआत में जब यह हिन्दुस्तानी अखबार प्रेस से बाहर निकला था, उस वक्त मॉरीशस की मीडिया में फ्रेंच अखबार हावी थे। लेकिन हिन्दुस्तानी अखबार ने ऐसी ज्योत जलाई कि इसके प्रकाशन के कुछ ही सालों के अंदर मॉरीशस में दर्जन भर से ज्यादा हिंदी अखबार प्रकाशित होने लगे।
एक ओर जहां मॉरीशस में 'हिंदुस्तानी' के कारण हिन्दी अखबारों का दबदबा बढ़ रहा था, वहीं दूसरी ओर इस अखबार से मिल रही प्रेरणा ने प्रवासी श्रमिकों के मन में स्वतंत्रता की भावना को जगाया था। कागज और इसकी सामग्री ने भारतीय प्रवासियों को एकजुट किया और उनमें स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने का साहस जगाया।
गांधी के सिद्धांतों और भारतीय संस्कृति का असर इस देश पर ऐसा पड़ा कि अपनी स्वतंत्रता के इतने साल बाद आज भी मॉरीशस में हर क्षेत्र में भारतीयता की भावना नजर आती है।
लिहाजा इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन ने कहा है, "अगर हम भारत को 'मां' कहते हैं, तो मॉरीशस 'बेटा' है ..यही कारण है कि जो लोग सदियों से यहां रह रहे हैं वे अपनी जड़ों का पता लगाने के लिए उप्र और बिहार की यात्रा करना चाहते हैं।"
जाहिर है अब मन में सवाल आएगा कि उप्र और बिहार ही क्यों? दरअसल, मॉरीशस में गन्ने की फसल लगाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर वहां गए थे। इनमें से ज्यादातर मजदूर उत्तर भारत के भोजपुरी भाषी बेल्ट के थे।
जो आंकड़े मिले हैं उनके मुताबिक 1834 और 1923 के बीच करीब 4.50 लाख भारतीय मजदूरों को अनुबंधित श्रमिकों के रूप में मॉरीशस लाया गया था। इनमें से 1.5 लाख अपना अनुबंध खत्म होने पर भारत लौट गए, जबकि बाकी मजदूर यहीं बस गए। आज भी इस देश में इनकी करीब 12 लाख की आबादी रहती है।
इस किताब के लेखक सर्वेश तिवारी ने मॉरीशस के इतिहास और महत्वपूर्ण घटनाओं का भी जिक्र किया है। इसके साथ वहां की स्थानीय आबादी के साथ उनके संवाद और 30 सालों के दौरान मॉरीशस की ढेरों यात्राओं के अनुभव भी इस किताब में है।
बता दें कि लेखक सर्वेश तिवारी ने शीर्ष भारतीय समाचार चैनलों के साथ काम किया है और वर्तमान में वे मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के साथ जुड़े हुए हैं।
जम्मू, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने एक बार फिर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के तीन सेक्टरों में हथियारों और मोर्टारों का इस्तेमाल कर जमकर गोलाबारी की।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, "आज सुबह करीब 9.15 बजे पाकिस्तान ने पुंछ जिले के शाहपुर, किरनी और देगवार सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार और छोटे हथियारों से गोलाबारी और गोलीबारी की। पाकिस्तान ने अकारण संघर्ष विराम का उल्लंघन शुरू किया। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की है।"
पाकिस्तान इस साल नियंत्रण रेखा पर बार-बार द्विपक्षीय संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है।
इस साल में अब तक हुए 2,730 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघन में 24 नागरिक मारे गए हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
पाकिस्तान की ओर से अकारण होने वाली इस गोलीबारी से दर्जनों घर और अन्य नागरिक सुविधाओं को नुकसान हुआ है। साथ ही कई मवेशी भी मारे गए हैं।
नयी दिल्ली 05 सितंबर (वार्ता) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच जब दुनिया भर में स्कूल और कॉलेज बंद है, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पांच सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर सर्च इंजन गूगल ने शिक्षकों के सम्मान में शनिवार को डूडल बनाया है।
गूगल ने आज अपने डूडल में किताब, लेपटॉप, स्केल, फल, बल्ब, स्कूल की घंटी, पेंसिल, मुखौटे, तितली, कलर करने वाले बोर्ड, पृथ्वी और बच्चों को रेखांकित कर शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया है।
प्रति वर्ष पांच सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्री राधाकृष्णन का जन्म पांच सितंबर 1888 को हुआ था। उन्होंने देश के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) और देेश के दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) के रूप में सेवा की थी। इसके साथ ही वे महान दार्शनिक, बेहतरीन शिक्षक, स्कॉलर और राजनेता थे।
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| देशभर में चालू मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने से खरीफ फसलों की बुवाई का आंकड़ा फिर एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। देशभर में चालू खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 1095.38 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जबकि बुवाई का अंतिम आंकड़ा आना अभी बाकी है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस साल खरीफ फसलों का रकबा 6.32 फीसदी ज्यादा हो चुका है।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसी लागत सामग्री की समय पर उपलब्धता से महामारी के कारण लॉकडाउन की स्थिति के बावजूद रिकॉर्ड बुवाई संभव हो पाई है।
धान की बुवाई 396.18 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 365.92 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी। इस प्रकार बुवाई क्षेत्र में 8.27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
दलहनों की बुवाई 136.79 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष 130.68 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी।
इस प्रकार, दलहनों का रकबा पिछले साल 4.67 फीसदी बढ़ा है। मोटे अनाजों की बुवाई 179.36 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष 176.25 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी।
तिलहनों की बुवाई 194.75 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष 174.00 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी। इस प्रकार तिलहनों रकबे में 11.93 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
गóो की बुवाई 52.38 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष 51.71 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी।
कपास की बुवाई 128.95 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष 124.90 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी। कपास का रकबा पिछले साल से 3.24 फीसदी बढ़ा है। जूट और मेस्टा की बुवाई 6.97 लाख हेक्टेयर में की गई है, जबकि पिछले वर्ष 6.86 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी।
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| कोरोना काल में गावों के दिहाड़ी मजदूरों को बीते पांच महीने के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) के तहत पिछले साल के मुकाबले 47 फीसदी ज्यादा काम मिला है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि मनरेगा के तहत पुरुषों से ज्यादा काम महिलाओं को मिला है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के आरंभिक पांच महीनों यानी एक अप्रैल से लेकर 31 अगस्त तक मनरेगा के तहत कुल 192.99 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है जबकि पिछले साल (2019-20) में इस अवधि के दौरान कुल 131.21 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ था।
इस प्रकार, पिछले साल की तुलना में इस वर्ष पिछले पांच महीनों के दौरान में 61.78 करोड़ यानी 47 फीसदी मानव दिवस ज्यादा रोजगार सृजित हुआ।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक कुल सृजित मानव दिवस में महिलाओं की भागीदारी 52.43 फीसदी है जबकि अनुसूचित जाति वर्ग की हिस्सेदारी 20.56 फीसदी और अनुसूचित जनजाति वर्ग की हिस्सेदारी 17.96 फीसदी है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मनरेगा और गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत देशभर में किए जा रहे कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते एक बयान में कहा कि कोरोना महामारी के संकट काल में इन योजनओं से गांवों के श्रमिकों को बड़ा सहारा मिला है ।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष अब तक 9.93 करोड़ लोगों को मनरेगा के तहत जॉब ऑफर किया गया है।
कोरोना काल में महानगरों से प्रवासी मजदूरों के पलायन के बाद गांवों में उनके लिए रोजी-रोटी का साधन मुहैया करवाने के मकसद से सरकार ने भी मनरेगा पर विशेष जोर दिया और पहले इस योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरी की दर 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये रोजाना कर दी और बाद में इसका बजट भी 40,000 करोड़ रुपये बढ़ा दिया।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा का बजटीय आवंटन 61,500 करोड़ रुपये था और कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया।
वहीं, कोरोना काल में शहरों से गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए शुरू किए गए देश के छह राज्यों के 116 जिलों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत अब तक लगभग 25.93 करोड़ मानव दिवस का सृजन हुआ है।
मुंबई, 5 सितंबर (आईएएनएस)| किफायती सेवाएं देने वाली एयरलाइन गोएयर ने शुक्रवार को कहा कि वह शनिवार (5 सितंबर) से शुरू होने वाले अपने घरेलू नेटवर्क में 100 से अधिक नई उड़ानें जोड़ेगा। इन उड़ानों में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, लखनऊ, नागपुर, वाराणसी, जयपुर, पटना, रांची, गुवाहाटी, चंडीगढ़, श्रीनगर, लेह और जम्मू से नए कनेक्शन शामिल होंगे।
गोएयर को उम्मीद है कि 21 सितंबर तक उसकी परिचालन क्षमता कोविड-19 से पूर्व के 45 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। वहीं 15 अक्टूबर तक परिचालन क्षमता बढ़कर 60 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
गोएयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने एक बयान में कहा, "घरेलू विमानन उद्योग की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। कई राज्यों द्वारा यात्रा पर अंकुश हटाए जाने के बाद इसमें और सुधार की उम्मीद है। ये नई उड़ानें हमारे घरेलू नेटवर्क को और मजबूत करेंगी, जिससे हमारे ग्राहकों को अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेगा।"
उन्होंने कहा, "इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि गोएयर 5 सितंबर से शुरू होने वाली किसी भी उड़ान को रद्द नहीं करेगा, जिससे ग्राहको को असुविधा का सामना करना पड़े, अगर भविष्य में ऐसा होता भी है, तो हम यह भी सुनिश्चित करेगें कि ग्राहक को उनका पैसा रिफंड किया जाए।
बयान के अनुसार, गोएयर मुंबई से दिल्ली के लिए दो दैनिक उड़ानें, और मुंबई से अहमदाबाद, चेन्नई, नागपुर, पटना, रांची, वाराणसी और जयपुर के लिए एक दैनिक सेवा संचालित करेगा।
इसी तरह, एयरलाइन मुंबई से लखनऊ के लिए सप्ताह में चार उड़ानें संचालित करेगा।
भोपाल, 5 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में बिहार के विधानसभा के चुनाव के साथ उप-चुनाव होना तय हो गया है। भाजपा उप-चुनाव में जीत के लिए सियासी बिसात पर संभलकर और सधी हुई चाल चलने की रणनीति पर अमल करने में लगी है। यही कारण है कि वह विधानसभा क्षेत्रवार प्रमुख कार्यकर्ताओं के जरिए जमीनी नब्ज टटोलने की कोशिश में लगी है।
राज्य में आगामी समय में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले है। इनमें से 25 वे क्षेत्र है जहां के कांग्रेस के तत्कालीन विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा है। इन क्षेत्रों में भाजपा की जमीनी स्थिति क्या है, पार्टी को किस रणनीति पर आगे बढ़ना चाहिए, यह जानने के मकसद से विधानसभा वार प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई जा रही है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रहे हैं। मुरैना, भिंड व ग्वालियर के कुछ विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं की पिछले दिनों ही बैठक हुई थी, जिसमें कार्यकर्ताओं ने अपनी बात कही थी। अब दोनों नेताओं ने शुक्रवार को गुना, अशोकनगर के विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से संवाद किया और जमीनी स्थिति को जाना।
सूत्रों का कहना है कि, कार्यकर्ताओं ने उन स्थितियों से अपने नेताओं को अवगत कराया है, जो चुनाव के समय मुसीबत बन सकता है।
दोनों नेताओं शर्मा व तोमर ने कार्यकर्ताओं की ताकत का जिक्र किया और कहा कि कार्यकर्ता की मेहनत और परिश्रम से ही पार्टी की ताकत लगातार बढ़ी है। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को भरेासा दिलाया कि पार्टी में उनका महत्व कभी कम नहीं हो सकता।
राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के लिए उप-चुनाव में जीत दर्ज करना है तो उसे कार्यकर्ताओं के असंतोष को कम तो करना ही होगा, क्योंकि कांग्रेस से आए नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने से पुराने कार्यकर्ताओं को अपना भविष्य अंधकार में नजर आने लगा है। भाजपा का कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर तो कम ही जाएगा, मगर चुनाव में शांत बैठ सकता है। ऐसे में संगठन और सरकार से जुड़े लोगों को प्रमुख कार्यकर्ताओंको भरेासा तो दिलाना ही होगा और पार्टी वही कर भी रही है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा और केंद्रीय मंत्री तोमर शनिवार को शिवपुरी के पोहरी व करैरा और दतिया के भांडेर विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं से संवाद करने वाले है। साथ ही दतिया मे पार्टी कार्यालय के भूमिपूजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को ही बिहार के विधानसभा चुनाव के साथ मध्य प्रदेश सहित अन्य क्षेत्रों में उप-चुनाव कराने का एलान किया है। यह चुनाव 29 नवंबर से पहले हो जाएंगे।
भोपाल, 4 सितंबर। मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला की राशन दुकानों से कोरोना काल में घटिया चावल (जानवरों के खाने लायक) बांटे जाने का खुलासा होने के बाद कई जिलों के गोदामों में हजारों मीट्रिक टन घटिया स्तर का चावल जमा होने की बात सामने आई है। कांग्रेस ने इससे जुड़े लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जिलाधिकारियों को जारी आदेश के साथ एक बयान में कहा है कि "राज्य में पहले दो जिलों में इंसानों के खाने योग्य चावल न होने का खुलासा केंद्रीय जांच एजेंसी ने किया था।"
जाफर का कहना है कि, "अभी तक जिन दो जिलों में इंसानों के खाने योग्य चावल न होने की जो बात सामने आई है वह सिर्फ पांच हजार मीट्रिक टन ही है। मगर अब जो दस्तावेज सामने आए हैं वह बता रहे है कि राज्य में 73 हजार मीट्रिक टन चावल इंसानों के खाने योग्य नहीं है। यह चावल लगभग डेढ सौ करोड़ रुपये का है। सरकार को घटिया चावल की आपूर्ति करने वाले राइस मिल संचालकों को अभयदान देने की बजाए, उन पर एफआईआर दर्ज करना चाहिए। "
भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद्य और जन वितरण विभाग के स्टोरेज एंड रिसर्च डिवीजन ने पिछले दिनों गोदाम और राशन दुकान से 32 नमूने लिए गए थे। चावल के नमूनों की जांच हुई और सेंट्रल ग्रेन्स एनालिसिस लैबोरेट्री की रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक यह खाद्यान्न इंसानों के खाने के लिए सही नहीं है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 30 जुलाई और दो अगस्त, 2020 के बीच बालाघाट और मंडला में चार गोदामों और एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से चावल के 32 नमूने लिए। इनकी जांच कराई गई। इस मामले से जुड़े अफसरों और राइस मिल संचालकों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की है।(IANS)
पटना, 4 सितंबर। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि "आप दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना डरे बेरोजगारी, पलायन और रोजगार सृजन जैसे सबसे अधिक प्रासंगिक और ज्वलंत मुद्दे पर ईमानदारी से बोलिए।"
तेजस्वी ने एक बयान जारी कर कहा, "बिहार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। बेरोजगारी का अर्थ है कि बिहार का हर दूसरा युवा बेरोजगार है। 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा में बेरोजगारी दर इससे भी अधिक है।"
राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि जिन मुट्ठीभर लोगों के पास संविदा के नाम पर रोजगार है, वह भी उसे नियमित किए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जिन्होंने परीक्षा दी वो नतीजों के लिए और जिनके नतीजे आ गए वो बहाली के लिए सड़कों पर आवाज उठा रहे हैं।"(IANS)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हैदराबाद में देश के युवा आईपीएस अधिकारियों को संबोधित किया। सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी के 'दीक्षांत परेड' में पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। इस दौरान प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से उनके करियर को लेकर महत्वूपूर्ण बातें कीं। इसी दौरान एक पल ऐसा भी आया, जब पीएम को अजय देवगन की फिल्म 'सिंघम' की याद आ गई।
पीएम बोले- जो सिंघम देखकर बड़े बनते हैं...
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 'सिंघम' का जिक्र करते हुए कहा, 'कुछ पुलिस के लोग जब पहले ड्यूटी पर जाते हैं तो उनको लगता है कि पहले मैं अपना रौब दिखा दूं, लोगों को मैं डरा दूं। मैं लोगों में अपना एक हुकुम छोड़ दूं और जो ऐंटी सोशल एलिमेंट हैं वो तो मेरे नाम से ही कांपने चाहिए। ये जो सिंघम वाली फिल्में देखकर बड़े बनते हैं, उनके दिमाग में ये भर जाता है और उसके कारण करने वाले काम छूट जाते हैं।'
In Delhi, I regularly interact with young IPS officers who have passed out from here. But this year due to Corona, I'm unable to meet you all. But I'm sure that during my tenure, I will surely meet you all at some point: PM Modi during his address to young IPS officers https://t.co/RFPptNe198 pic.twitter.com/cRbISeUgpl
— ANI (@ANI) September 4, 2020
'व्यवहार से लोगों के दिलों को जीतना जरूरी'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'सामान्य मानवीय पर प्रभाव पैदा करना है या सामान्य मानवीय में प्रेम का सेतु जोड़ना है, ये तय कर लीजिए। अगर आप प्रभाव पैदा करेंगे तो उसकी उम्र बहुत कम होती है, लेकिन प्रेम का सेतु जोड़ेंगे तो आप रिटायर हो जाएंगे तब भी जहां आपकी पहली ड्यूटी रही होगी वहां के लोग आपको याद करेंगे कि 20 साल पहले ऐसा एक नौजवान अफसर आया था जो हमारी भाषा तो नहीं जानता था। लेकिन अपने व्यवहार से लोगों के दिलों को जीत लिया था। आप एक बार जनसामान्य के दिलों को जीत लेंगे तो उनका नजरिया अपने आप बदल जाएगा।'
'मैं युवा अधिकारियों से अक्सर मिलता हूं'
पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि वह दिल्ली में नियमित तौर पर आईपीएस अधिकारियों से मिलते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली में नियमित रूप से उन युवा IPS अधिकारियों के साथ बातचीत करता हूं जो यहां से बाहर निकल चुके हैं। लेकिन इस साल कोरोना के कारण, मैं आप सभी से मिलने में असमर्थ हूं। लेकिन मुझे यकीन है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैं किसी न किसी बिंदु पर आप सभी से अवश्य मिलूंगा।'
It is very important that you should be proud of your uniform instead of flexing power of your uniform. Never lose the respect for your Khaki uniform PM Modi during his virtual address to young IPS officers at Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy, Hyderabad pic.twitter.com/QYIZ7eJNkb
— ANI (@ANI) September 4, 2020
'खाकी वर्दी का सम्मान कभी ना खोएं'
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में खाकी वर्दी का मानवीय पहलू जनमानस के सार्वजनिक स्मृति में बस गया है, क्योंकि पुलिस द्वारा विशेष रूप से इस COVID19 महामारी के दौरान बहुत अच्छे काम किए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आपको अपनी वर्दी गर्व हो, अपनी खाकी वर्दी का सम्मान कभी न खोएं।(NBTNEWS)
लेह, 4 सितम्बर। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवड़े ने शुक्रवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास स्थिति तनावपूर्ण है और सुरक्षा बल सभी प्रकार की आकस्मिक घटनाओं के लिए तैयार हैं। सैन्य प्रमुख ने कहा, "देश हम पर भरोसा कर सकता है।" जनरल नरवड़े दो दिवसीय लद्दाख के दौरे पर थे, जहां उन्होंने एलएसी के साथ आगे के स्थानों पर तैनात सैनिकों से भी मुलाकात की।
सेना प्रमुख ने कहा, "एलएसी पर स्थिति तनावपूर्ण है। हमने कुछ क्षेत्रों में एहतियातन तैनाती की है। सेना उन सभी आकस्मिकताओं के लिए तैयार है, जो उत्पन्न हो सकती हैं। इन सभी कार्रवाइयों को केवल एलएसी पर किया गया है।"
जनरल नरवड़े ने कहा कि वह गुरुवार सुबह लेह पहुंच गए, जिसके बाद उन्होंने कमांडरों और सैनिकों के साथ समय बिताया और सीमा स्थिति का आकलन किया। भारतीय सेना प्रमुख शुक्रवार दोपहर दिल्ली लौट आए।
जनरल नरवने ने कहा, "हमारे सैनिकों और स्थानीय कमांडरों को उच्च मनोबल और अच्छे स्वास्थ्य में देखना बहुत संतोषजनक है। इससे मुझे विश्वास होता है कि वे हमारे राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं।"
उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा, "सैन्य और राजनयिक चैनल काम कर रहे हैं। भारतीय पक्ष बातचीत के माध्यम से एलएसी के साथ वर्तमान स्थिति को हल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।"
जनरल नरवड़े ने कहा कि भारत तनाव को कम करने के लिए सभी मौजूदा तंत्रों का उपयोग करना जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि यथास्थिति एकतरफा नहीं बदली जाए।
चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए हाल में किए गए प्रयासों के बाद नरवड़े ने लद्दाख का दौरा किया है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने 29 अगस्त को फिर से पैंगॉन्ग त्सो (झील) के दक्षिण में और 31 अगस्त को भारतीय क्षेत्रों में नए सिरे से घुसपैठ के प्रयास किए थे।
31 अगस्त को चीनी सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई की थी, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने सप्ताहांत में पीएलए की भूमि हड़पने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया था।
29 अगस्त और 30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पहले बनी सहमति का उल्लंघन किया। दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि अब तनाव को कम करने के लिए बातचीत करने में लगे हुए हैं।(IANS)
नयी दिल्ली 04 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपनी वर्दी के प्रति सम्मान को हमेशा बनाये रखना चाहिए और कोरोना महामारी के दौरान अच्छे काम से पुलिस का मानवीय चेहरा लोगों के सामने आया है जो लंबे समय तक उनके जहन में रहेगा।
श्री मोदी ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं की दीक्षांत परेड में वीडियो कांफ्रेन्स से हिस्सा लिया और भविष्य के पुलिस अधिकारियों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस को हमेशा अपनी वर्दी पर गर्व होना चाहिए और इसका दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी वर्दी का सम्मान कम न होने दें। लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान खाकी वर्दी का मानवीय चेहरा देखा है जो कोरोना महामारी के दौरान अच्छे काम के कारण लंबे समय तक उनके जहन में रहेगा।
उन्होंने कहा कि अकादमी से बाहर निकलते ही आपकी जिम्मेदारी बढ जायेगी और लोगों का दृष्टिकोण भी आपके प्रति बदल जायेगा। व्यक्ति की आरंभिक छवि जीवन भर उसके साथ रहती है इसलिए अत्यधिक सावधानी के साथ काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बारीकी से काम करने पर ध्यान देना होगा इसके लिए काम की बातों पर ध्यान दें और अर्थहीन बातों को नजरंदाज कर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराध की जांच के समय प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो लेकिन इसके साथ ही जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्र करना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को मिशन कर्मयोगी के बारे में भी बताया और कहा कि यह सिविल सेवा में बहुत बड़ा सुधार है।(UNIVARTA)
मुंबई, 4 सितम्बर। महाराष्ट्र में शिवसेना फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान के बाद से हमलावर हो गई है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, 'मुंबई मराठी मानुष के बाप की ही है, जिन्हें यह मंजूर नहीं वह अपना बाप दिखाएं। शिवसेना महाराष्ट्र के दुश्मनों का श्राद्ध किए बगैर नहीं रहेगी, प्रॉमिस जय हिंद जय महाराष्ट्र'। शिवसेना ने कंगना को लेकर अपने तेवर और भी तीखे कर लिए हैं शिवसेना के ही विधायक प्रताप सरनाईक ने कंगना को धमकाते हुए कहा कि कंगना ने शहर की बुराई की है। जिसने उन्हें बड़ा किया मुंबई शहर का नाम मुंबा देवी माता के नाम पर रखा गया है कंगना ने मुंबई की बदनामी की है। कंगना जब भी मुंबई वापस लौटेंगी तब अगर शिवसेना की महिला अघाड़ी ने उनके साथ कुछ किया तो शिवसेना इसकी जिम्मेदारी लेने में पीछे नहीं हटेगी।
कंगना पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमेय खोपकर ने कंगना रनौत के बयान पर नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि कंगना के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार देशद्रोह का मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार करे। कंगना को शर्म आनी चाहिए कि जिस शहर ने उनको सब कुछ दिया उस शहर को और उस शहर की पुलिस को कंगना बदनाम कर रही है। अगर कंगना रनौत इस मुद्दे पर माफी नहीं मांगती हैं और इसी तरह के बयान देना जारी रखेंगी तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की महिला विंग उन्हें सबक जरूर सिखाएगी। कंगना मानसिक रोग की शिकार हैं इसलिए सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट लिखती रहती हैं।
कंगना को मुंबई में रहने का अधिकार नहीं
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कंगना के ऊपर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि जिस प्रकार से कंगना रनौत ने मुंबई पुलिस के ऊपर अविश्वास जताया है और उसकी बदनामी की है। उसके अनुसार कंगना को अब मुंबई में रहने का कोई अधिकार नहीं है(NBT NEWS)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही विभिन्न राज्यों में 64 विधानसभाओं और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव भी कराए जाएंगे। चुनाव की तारीखों का एलान बाद में किया जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा की भी 27 सीटें रिक्त है। इसका मतलब है कि राज्य के उपचुनाव भी बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही होंगे।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि विभिन्न राज्यों में उपचुनाव कराने के संबंध में शुक्रवार को एक बैठक आयोजित की गई थी। आयोग ने कहा कि विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 65 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से 64 विधानसभा की जबकि एक सीट लोकसभा की खाली है, जहां उपचुनाव कराए जाने हैं।
आयोग ने कहा कि इसने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों या मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से रिपोर्ट और इनपुट पर चर्चा की, जिसमें कुछ राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश और अन्य बाधाओं सहित कई कारकों के मद्देनजर अपने राज्यों में उप-चुनावों को स्थगित करने की मांग की गई।
आयोग ने कहा कि बिहार में आम विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जिसे 29 नवंबर से पहले कराए जाने की आवश्यकता है। इसे देखते हुए आयोग ने सभी 65 उपचुनावों को बिहार विधानसभा चुनावों के आसपास ही कराने का फैसला किया है।
चुनाव आयोग ने एक समय पर बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने के फैसले को लेकर एक ठोस वजह बताई है। आयोग के मुताबिक, उन्हें एक साथ जोड़ने के प्रमुख कारकों में से एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), अन्य कानून और व्यवस्था बलों और चुनाव से जुड़े अन्य लॉजिटिक्स के एक साथ काम करना शामिल है।
आयोग की ओर से कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ इन उपचुनावों की घोषणा भी आयोग द्वारा उचित समय पर की जाएगी।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए विधानसभा चुनाव इस साल होने वाले हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रोजगार के घटते आंकड़े को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि उसकी नीतियों के कारण देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और इस संकट को दूर करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
श्री गांधी ने ट्वीट कर कहा मोदी सरकार, रोजगार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो, देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो।
इसके साथ ही उन्होंने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमाअईई) का एक आंकड़ा भी दिया है जिसमें कहा गया है कि अगस्त माह में देश में बेरोजगारी 8.4 फीसदी बढ़ी है।
श्रीमती वाड्रा ने बेरोजगारी की वजह गिनाते हुए कहा 2017 के एसएससी-सीजीएल की भर्तियों में अभी तक नियुक्ति नहीं हुई। वर्ष 2018-सीजीएल परीक्षा का रिजल्ट तक नहीं आया। वर्ष 2019 के सीजीएल की परीक्षा ही नहीं हुई। वर्ष 2020-एसएससी सीजीएल की भर्तियां निकाली ही नहीं। भर्ती निकले तो परीक्षा नहीं, परीक्षा हो तो रिजल्ट नहीं,रिजल्ट आ जाये तो नियुक्ति नहीं।
उन्होंने आगे कहा प्राइवेट सेक्टर में छंटनी और सरकारी नौकरियों में भर्तियों पर ताला लगने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार सच पर पर्दा डालने के लिए विज्ञापनों और भाषणों में झूठ परोस रही है।