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लखनऊ, 8 मई| मॉस्को ओलंपिक 1980 के स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य रविंदर पाल सिंह का कोरोना संक्रमण बीमारी के कारण यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक खेलने वाले सिंह 24 अप्रैल से ही एक अस्पताल में भर्ती थे। उनकी तबीयत में सुधार होने और कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
मॉस्को और लॉस एंजेलिस ओलंपिक के अलावा, सिंह कराची में चैंपियंस ट्रॉफी (1980 और 1983), सिल्वर जुबली 10-नेशन कप (हांगकांग 1983), विश्व कप (मुंबई, 1982), एशिया सहित कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भी खेले थे। सिंह ने उस समय अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत की थी, जब 1979 में उन्हें जूनियर विश्व कप टीम में शामिल किया गया था।
सिंह की भतीजी प्रज्ञा यादव ने बुधवार को, पूर्व खिलाड़ी के लिए हॉकी इंडिया से वित्तीय सहायता का अनुरोध किया था और महासंघ के अध्यक्ष ने उनके इलाज और अस्पताल में रहने के लिए पांच लाख रुपये की राशि मंजूर की थी।
हालांकि, टेस्ला वाहन अभी भी अपने दम पर नहीं चला रहे हैं और "स्वायत्तता के उस स्तर तक पहुंचने से दूर हैं।"
जनवरी में आई कॉल में, मस्क ने निवेशकों को बताया कि उन्हें "बहुत विश्वास था कि कार इस साल इंसान से अधिक विश्वसनीयता के साथ खुद को चलाने में सक्षम होगी।"
टेस्ला, हालांकि, लेवल 5 (एल5) स्वायत्तता को प्राप्त करने की संभावना नहीं है, जिसमें 2021 के अंत तक इसकी कारें बिना किसी इंसानी पर्यवेक्षण के खुद को चला सकती हैं।
डीएमवी मेमो के अनुसार "ड्राइवर इंटरैक्शन का अनुपात ऑटोमेशन के उच्च स्तरों में जाने के लिए ड्राइवर इंटरैक्शन के प्रति 1 या 2 मिलियन मील के परिमाण में होना चाहिए। टेस्ला ने संकेत दिया कि एल 5 क्षमताओं के बारे में बोलते समय एलन सुधार की दरों पर एक्सट्रपलेशन कर रहा है। टेस्ला अभी ये नहीं बता पाए है कि सुधार की दर एल5 को कैलेंडर वर्ष के आखिर तक ले जाएगी या नहीं। " (आईएएनएस)