अंतरराष्ट्रीय
जंग अख़बार के अनुसार वाटर एंड पावर डेवेलपमेंट अथॉरिटी (वापडा) के प्रवक्ता का कहना है कि डासू बांध परियोजना पर काम करने वाली चीनी कंपनी ने पाकिस्तानी कर्मचारियों को निकालने का नोटिस वापस ले लिया है. प्रवक्ता के अनुसार डासू की घटना के बाद सिविल प्रशासन, वापडा और चीनी कंपनी ने आपस में विचार विमर्श करने के बाद यह फ़ैसला किया गया है. प्रवक्ता के अनुसार चीनी कंपनी इस परियोजना पर दोबारा काम शुरू कर देगी. प्रवक्ता का कहना है कि परियोजना पर काम रोकने का मक़सद सुरक्षा इंतज़ामों की नए सिरे से जाँच करनी है.
पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में 15 जुलाई को हुए एक 'बस हादसे' में कम से कम 13 लोग मारे गए थे जिनमें नौ चीनी नागरिक थे. ये डासू बांध परियोजना पर काम कर रहे थे. ये धमाका अपर कोहिस्तान ज़िले में हुआ था. इस हादसे में मारे गए नौ चीनी इंजीनियरों के अलावा, पाकिस्तान की फ्रंटियर कोर के दो जवान और दो आम नागरिक भी शामिल थे.
चीन ने इस हादसे को बम धमाका बताया था जबकि पाकिस्तान ने पहले तो इसे गैस लीकेज की वजह से हुआ धमाका कहा, लेकिन बाद में पाकिस्तान ने भी इस बात की आशंका जताई कि यह धमाका एक चरमपंथी कार्रवाई हो सकती है. चीनी कंपनी ने काम रोकने का फ़ैसला किया था और इसमें काम करने वाले पाकिस्तानी कर्मचारियों को निकालने का नोटिस जारी कर दिया था.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने चीनी समकक्ष से फ़ोन पर बात की थी और उन्हें विश्वास दिलाया था कि इस मामले की पूरी जाँच होगी. इमरान ख़ान ने कहा था, ''किसी भी शत्रु ताक़त को पाकिस्तान और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुक़सान पहुँचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.'' (bbc.com)