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चीन की इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीता लेकिन इस तस्वीर पर भारी नाराज़गी
25-Jul-2021 10:23 PM
चीन की इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीता लेकिन इस तस्वीर पर भारी नाराज़गी

24 वर्षीय हो जीहोए ने शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग की 49 किलो वर्ग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था.

इसी प्रतियोगिता में भारतीय वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू को सिल्वर मेडल मिला था.

हो इस जीत के बाद पूरी दुनिया भर में छा गईं लेकिन चीन के लोग और वहाँ के अधिकारी उनकी एक तस्वीर को लेकर नाराज़ हो गए. ऊपर जो आप तस्वीर देख रहें हैं उसका इस्तेमाल समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपने ट्विवटर अकाउंट पर किया.

इसमें हो की एक स्वाभाविक भंगिमा है. वो वजन उठा रही हैं और इसमें ये भंगिमा आना कोई अप्रत्याशित नहीं है लेकिन चीन के लोगों को इस भंगिमा के साथ यह तस्वीर रास नहीं आई. चीन के लोग इस तस्वीर के लिए पश्चिम के मीडिया पर भड़क गए और जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं.

चीनी लोग कह रहे हैं कि पश्चिमी देशों का 'मेनस्ट्रीम मीडिया' चीन के खिलाड़ियों को ग़लत तरीक़े से निशाना बना रहा है.

चीनी सोशल मीडिया यूज़र्स के अलावा चीन के कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भी यह आरोप लगाया है कि 'पश्चिमी देशों का मीडिया टोक्यो ओलंपिक खेलों को निष्पक्ष ढंग से कवर नहीं कर रहा.'

चीन के लोगों ने सीएनएन और रॉयटर्स जैसे मीडिया संस्थानों की कुछ रिपोर्टों पर आपत्ति जताई है.

श्रीलंका में चीनी दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिये भी रॉयटर्स की आलोचना की गई है.

दूतावास ने इस ट्वीट में सवाल उठाया है कि 'समाचार एजेंसी रॉयटर्स को चीनी विजेता खिलाड़ी की यह ख़राब तस्वीर ही क्यों दिखाई दी?'

दूतावास ने रॉयटर्स की वो ख़बर भी शेयर की है जिसमें वेटलिफ़्टिंग की 49 किलो वर्ग प्रतियोगिता में चीन की गोल्ड मेडल विजेता खिलाड़ी हो जीहोए की तस्वीर है.

चीनी दूतावास ने ट्वीटर पर लिखा, "खेल की तमाम तस्वीरों में से रॉयटर्स ने जीहोए की इस तस्वीर को चुना, जो दिखाता है कि ये कितने बुरे लोग हैं. राजनीति को खेल में मत लाइये. खेल को विचारधाराओं से ऊपर रखिये."

इस ट्वीट में रॉयटर्स के लिए यह भी लिखा गया कि "आप ये कर रहे हैं, जो ख़ुद को निष्पक्ष मीडिया संस्थान कहते हैं. शर्म आनी चाहिए. ओलंपिक की मूल भावना का सम्मान करिये."

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इन बातों पर कोई टिप्पणी नहीं की है. लेकिन कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने एजेंसी का बचाव करते हुए लिखा है कि "शायद इस तस्वीर के ज़रिये यह दर्शाने की कोशिश की गई कि लाइफ़ में आसानी से कुछ नहीं मिलता."

लेकिन चीनी दूतावास ने उस दिन की अन्य ख़बरों में इस्तेमाल की गईं तस्वीरों से इसकी तुलना की और लिखा, "शायद पश्चिमी देशों के लोगों को लाइफ़ में सब कुछ आसानी से मिल जाता है."

एजेंसी द्वारा तस्वीरों के चयन को लेकर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वीबो पर भी काफ़ी चर्चा हो रही है.

बहुत से लोगों ने लिखा है कि 'ये घटना पश्चिमी मीडिया का असल चेहरा दिखाती है.' लोगों ने लिखा है कि पश्चिमी मीडिया ने जीहोए को बिल्कुल सम्मान नहीं दिया.

चीन के सरकारी अख़बार द ग्लोबल टाइम्स ने भी रविवार को इस ख़बर को कवर किया, जिसे शेयर करते हुए बहुत से चीनी लोगों ने लिखा है कि "वो चीनी खिलाड़ियों को सम्मान ना देकर, उन्हें मेडल जीतने से नहीं रोक सकते."

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से पहले चीन में अमेरिकी मीडिया संस्थान सीएनएन की एक रिपोर्ट की आलोचना हो रही थी, जिसका शीर्षक था, "चीन के लिए गोल्ड... और कोविड-19 के और मामले भी."

चीनी पाठकों ने इस रिपोर्ट को लेकर सीएनएन पर आरोप लगाया था कि "संस्थान ने जानबूझकर दो अलग विषयों को मिलाने की कोशिश की, जबकि ऐसा करने की कोई ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि इससे कहीं ना कहीं यह संदेश गया कि पहला गोल्ड तो चीन को मिला, साथ ही चीनी खेमें में कुछ लोग कोरोना से संक्रमित पाये गए, जबकि ये सच नहीं है. ये दोनों अलग ख़बरें थीं."

चीन की शूटर यांग कियान ने शनिवार सुबह महिलाओं के 10 मीटर एयर रायफ़ल इवेंट में चीन के लिए पहला गोल्ड जीता था. इस इवेंट के बाद ही सीएनएन ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

चीनी सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि सीएनएन ने आलोचना होने पर हैडिंग में थोड़ा बदलाव किया, जिसे बाद में कर दिया गया: "ओलंपिक-2020 के पहले दिन की शुरुआत चीन को गोल्ड मिलने से हुई और कोविड-19 के कुछ और मामले भी आये."

द ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में चीन के कुछ लोगों से बातचीत के आधार पर लिखा है कि चीन के लोग पश्चिमी देशों के अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों द्वारा की जा रही न्यूज़ कवरेज से निराश हैं. उन्हें लग रहा है कि पश्चिमी मीडिया उनके खिलाड़ियों का सम्मान नहीं कर रहा और उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं दे रहा.

इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान अमेरिकी टीवी नेटवर्क - एनबीसी न्यूज़ द्वारा कथित तौर पर चीन का अधूरा नक्शा दिखाये जाने पर भी चीनी सोशल मीडिया यूज़र काफ़ी नाराज़ हुए थे.

इस मुद्दे पर न्यूयॉर्क स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास ने भी शनिवार को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, "चीन के ग़लत मानचित्र का उपयोग करना सामान्य ज्ञान की कमी को दर्शाता है. खेलों के राजनीतिकरण और ओलंपिक चार्टर के सिद्धांतों की अवहेलना करने से सिर्फ़ ओलंपिक का नहीं, बल्कि चीन और अमेरिका के संबंधों का भी नुकसान होगा."  (bbc.com)

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