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Ranchi: आगामी आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का मेंटोर बनाए जाने के साथ ही हर क्रिकेट फैन के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बीसीसीआई ने पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान धोनी को ही मेंटोर क्यों चुना?
क्या यह उस भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक अल्पकालिक टॉनिक है जो अक्सर आईसीसी आयोजनों में लड़खड़ाती है या भविष्य में धोनी की बड़ी भूमिका का इंतजार है? इससे एक और सवाल उठता है कि मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री का भविष्य अब कितना सुरक्षित है?
सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कुछ समय पहले ही धोनी को भारतीय टीम में मेंटोर के तौर पर लाने की पहल शुरू कर दी थी. बहुत कम लोग, यहां तक कि बीसीसीआई के बड़े से बड़े अधिकारी भी इस कदम के बारे में नहीं जानते थे.
जानें किस वजह से टीम की घोषणा के समय धोनी नहीं थे मौजूद
दिलचस्प बात यह है कि बुधवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़े फैसले की घोषणा के समय बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति को कई क्रिकेट प्रेमी लोगों ने भी महसूस किया था. हालांकि, बीसीसीआई प्रमुख के पास घोषणा के समय मौजूद नहीं रहने के अपने कारण थे क्योंकि वह वर्तमान में इंग्लैंड में टीम के साथ दौरा कर रहे हैं.
अगर रवि शास्त्री का अनुबंध नहीं बढ़ाया गया तो..
उम्मीद की जा रही है कि धोनी कप्तान विराट कोहली के साथ मिलकर काम करेंगे और उन्हें अपने फैसलों में सबसे ऊपर रखेंगे. धोनी अपने तेज निर्णय लेने के कौशल के लिए जाने जाते हैं और कोहली और शास्त्री दोनों के साथ उनके संबंध भारतीय ड्रेसिंग रूम में सकारात्मक रही है. इसके साथ ही ऐसी भी चर्चा है कि अगर शास्त्री का अनुबंध नहीं बढ़ाया गया तो बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. हालांकि, यह प्रयोग कितना अच्छा साबित होगा यह अगले महीने देखा जाएगा जब यूएई और ओमान में टी20 विश्व कप का मेगा इवेंट शुरू होगा.
धोनी की नई भूमिका पर सुनील गावस्कर ने एक समस्या के बारे में किया आगाह
इस बीच, अधिकांश पूर्व क्रिकेटरों ने इस महान कदम का स्वागत किया है, भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एक समस्या के बारे में आगाह किया है जो टीम इंडिया अब टी20 विश्व कप में सामना कर सकती है. उनकी चिंता यह है कि जब दो दिग्गज, शास्त्री और धोनी-एक साथ बैठेंगे तो रणनीति और टीम चयन पर किस तरह चर्चा करेंगे. एक समाचार चैनल से बात करते हुए, गावस्कर ने 2004 की एक घटना को याद किया जब वह एक सलाहकार के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए थे, लेकिन तत्कालीन मुख्य कोच जॉन राइट को अपनी भूमिका के बारे में चिंता होने लगी थी.
'शास्त्री और धोनी में अगर साझेदारी अच्छी रही तो...'
इस अनुभव का हवाला देते हुए गावस्कर ने चिंता जताई कि रणनीति और टीम चयन पर इस तरह की किसी भी तरह की असहमति का टीम पर कुछ असर पड़ सकता है. गावस्कर ने कहा कि शास्त्री और धोनी में अगर साझेदारी अच्छी रही तो भारत को इससे काफी फायदा होगा, लेकिन अगर रणनीति और टीम चयन को लेकर असहमति है तो टीम पर थोड़ा असर हो सकता है.
(इनपुट-आईएएनएस)