अंतरराष्ट्रीय
चीन ने बहुत लंबी गगनचुंबी इमारतें बनाने पर कई तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इसे स्थानीय सरकारों की उन परियोजनाओं पर कम्युनिस्ट पार्टी का अंकुश माना जा रहा है जिन्हें वो अनावश्यक और दिखावे से भरा मानती है.
आवास और शहरी-ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा है कि अब से बिना विशेष अनुमति लिए 30 लाख से कम आबादी के शहरों को 150 मीटर से लंबी और इससे ज्यादा आबादी वाले शहरों को 250 मीटर से लंबी इमारतें बनाने से मना कर दिया गया है.
देश में पहले से 500 मीटर से ज्यादा ऊंची इमारतें बनाने की मनाही है लेकिन नए नियम और ज्यादा कड़े हैं. नए नियमों के हिसाब से प्रतिबंधित इमारतों के निर्माण की इजाजत देने वाले अधिकारियों को इसके लिए "जिंदगी भर के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा."
अंधाधुंध निर्माण
इसका मतलब है अधिकारियों को भविष्य में तय होने वाली कोई भी सजा दी जा सकती है. चीन में दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में से कई हैं. इनमें 632 मीटर ऊंचा शंघाई टावर और शेनजेन का 599.1 मीटर पिंग आन फाइनेंस सेंटर शामिल हैं.
चीन यह मानता तो है कि उसकी ऊंची इमारतें जमीन के और ज्यादा वृद्धिकर इस्तेमाल को बढ़ावा देती हैं, लेकिन अब इस बात की चिंताएं बढ़ रही हैं कि स्थानीय अधिकारी अंधाधुंध निर्माण करवाते जा रहे हैं और व्यावहारिकता और सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
कुछ महीनों पहले शेनजेन में 356 मीटर ऊंची 71 मंजिला इमारत बार बार हिल गई थी जिसकी वजह से सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा हो गई थीं. जांच के बाद पता चला था कि इसका कारण इमारत के ऊपर लगा हुआ 50 मीटर से भी ऊंचा एक खंभा था जो तेज हवा से हिलने लगा था.
कड़े नियम
उस हादसे के बाद ही पूरे देश में 500 मीटर से ज्यादा लंबी इमारतें बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. शेनजेन वाली इमारत से खंभे को हटाने के बाद उसे सितंबर में फिर से खोला गया.