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ब्रिटेन के आधे जीन हो सकता है फ्रांस से आए हों
25-Dec-2021 1:19 PM
ब्रिटेन के आधे जीन हो सकता है फ्रांस से आए हों

एक नए शोध में पता लगा है कि हो सकता है करीब 3,000 साल पहले बड़ी संख्या में लोग फ्रांस से जा कर ब्रिटेन में बस गए हों. यह प्रवासन ब्रिटेन के उत्तरी और दक्षिणी आबादी की वंशावली में अंतर का कारण हो सकता है.

  (dw.com) 

इस शोध के नतीजे वैज्ञानिक पत्रिका नेचर में छपे हैं. इसके तहत प्राचीन डीएनए का अभी तक का सबसे बड़ा विश्लेषण किया गया. हो सकता है यह शोध इस सवाल पर भी रौशनी डाल सके कि ब्रिटेन में सेल्टिक भाषाएं कैसे आईं.

पिछली रिसर्च के मुताबिक करीब 4,500 साल पहले पूरे ब्रिटेन में रहने वाले लोगों की वंशावली एक जैसी थी. लेकिन आज यह तस्वीर बदल गई है. देश के दक्षिण में रहने वाले लोगों में ऐसे प्राचीन लोगों से जेनेटिक समानताएं पाई गई हैं जिन्हें शुरुआती यूरोपीय किसान कहा जाता है.

व्यापक अध्ययन
यह कैसे हुआ यह जानने के लिए अमेरिका में हार्वर्ड के जेनेटिसिस्ट डेविड राइश और उनकी टीम ने पूरे इंग्लैंड और अधिकांश महाद्वीपीय यूरोप से 1500 ईसापूर्व से लेकर 43 ईसा पश्चात तक के प्राचीन डीएनए के सैंपलों को सीक्वेंस किया.

इसके बाद जो घटनाक्रम बना उसमें नजर आया कि 3,300 से 2,800 साल पहले तक ऐसे आप्रवासियों का इंग्लैंड आना हुआ जिनकी जेनेटिक सामग्री फ्रांस से लिए गए प्राचीन सैंपलों से सबसे ज्यादा मेल खाती है. राइश ने बताया कि इस अध्ययन के बारे में सबसे रोमांचक बात प्राचीन डीएनए की संख्या और भौगोलिक विविधता है.

इसमें लगभग 800 लोगों के जेनेटिक सैंपल लिए गए हैं. प्राचीन डीएनए का इतना बड़ा अध्ययन कभी नहीं किया गया है. 220 से भी ज्यादा तो इसके लेखक ही हैं.

आगे की राह
आप्रवसान वाली यह खोज हाल ही में दिए गए इस सिद्धांत का भी समर्थन कर सकती है कि ब्रिटेन में सेल्टिक भाषाएं भी लगभग उसी समय आईं. राइश ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि दक्षिणी इंग्लैंड और फ्रांस की भौगोलिक आकृतियों के नामों में समानताएं भी इस विस्तार के फ्रांस से ही शुरू होने की और इशारा करती हैं.

यॉर्क विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद ईएन आर्मिट ने सैंपलों को इकठ्ठा करने का नेतृत्व किया, जिनमें ब्रिटेन और यूरोप के पुरातत्व संबंधी स्थलों, संग्रहालयों और डीएनए प्रयोगशालाओं से ली गईं हड्डियां शामिल हैं. आर्मिट ने बताया, "डाटा इकठ्ठा करने में कई साल लग गए और इसमें कई लोगों ने मिल कर काम किया."

उन्होंने कहा कि प्राचीन डीएनए के विश्लेषण में हाल ही में की गई क्रांतिकारी तरक्की पुरातत्व विज्ञान के लिए एक वरदान हैं. इनसे ना सिर्फ आबादी से संबंधित बड़े बदलावों की बेहतर तस्वीर मिलती है बल्कि ये प्राचीन काल में पारिवारिक गतिविज्ञान पर भी रौशनी डालते हैं.

उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने कब्रिस्तानों के बीच पारिवारिक रिश्ते देखे हैं जिनसे अब वो यह जानने की कोशिश कर सकते हैं कि जिन लोगों को दफना दिया गया उनमें किस तरह के पारिवारिक रिश्ते हैं.

सीके/एए (एएफपी)

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