अंतरराष्ट्रीय
-डेनियल सैंडफ़ोर्ड
पुतिन ने अपने सहयोगियों को कई सालों से ऐसी किसी स्थिति के लिए आगाह किया हुआ था, ख़ास तौर पर क्राइमिया के विलय के बाद जब अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ रूस के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी.
मगर जहाँ, उनके कुछ क़रीबी लोगों ने उनकी सलाह मानी और अपना निवेश रूस में ही रखा, वहीं कई अन्य ने विदेशों में आलीशान इमारतें और फ़ुटबॉल क्लब ख़रीद लिए, और उनकी कंपनियाँ विदेशी शेयर बाज़ारों में सूचीबद्ध रहीं.
अब ऐसे ही रूसी अरबपति अपनी संपत्तियों को लेकर चिंता में पड़ सकते हैं.
आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ रूसी अरबपतियों के बारे में.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अमेरिका की सरकारों ने रूस के कई अरबपति कारोबारियों के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों का एलान किया जिन्हें राष्ट्रपति पुतिन का क़रीबी माना जाता है और सत्ता पर उनकी ख़ासी पकड़ है.
अलीशेर उस्मानोव, व्लादिमीर पुतिन के ना केवल क़रीबी लोगों में से एक हैं बल्कि उनकी गिनती वहाँ के सबसे अमीर लोगों में भी होती है. फ़ोर्ब्स पत्रिका के अनुसार उनकी अनुमानित संपत्ति 17.6 अरब डॉलर है.
वे एक प्रोफ़ेशनल तलवारबाज़ रहे हैं, जिन्हें यूरोपीय संघ एक "बिज़नेसमैन अधिकारी" बताता है जो राष्ट्रपति को उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद करते हैं.
उनका जन्म उज़्बेकिस्तान में हुआ था जो तब सोवियत संघ का हिस्सा था. वो यूएसएम होल्डिंग्स नाम का एक कंपनियों का समूह चलाते हैं जिनमें खनन और टेलिकॉम कंपनियाँ शामिल हैं, और जिनमें रूस का सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क मेगाफ़ोन शामिल है.
यूरोपीय संघ ने उनके ख़िलाफ़ 28 फ़रवरी को प्रतिबंधों का एलान किया, उसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने भी ऐसी ही घोषणाएँ कीं. उन्होंने प्रतिबंधों को नाजायज़ बताते हुए कहा कि उनपर लगाए गए सारे आरोप ग़लत थे.
यूक्रेन से बचकर पोलैंड आए भारतीय किस हाल में हैं?- ग्राउंड रिपोर्ट
यूक्रेन पर रूस के हमले का असर क्या भारत पर भी अब दिखने लगा?
ब्रिटेन में, उनका निवेशक प्रॉपर्टी में दिखाई देता है. लंदन के बीचों-बीच बीचवुड हाउस नाम का उनका एक घर है जिसकी कीमत साढ़े छह करोड़ पाउंड है, और लंदन से ठीक बाहर सरे में, उनके पास एक हवेली है जिसनका नाम है सटन प्लेस.
ब्रिटेन सरकार ने दोनों को ज़ब्त कर लिया है.
उनके बिज़नेस पार्टनर फ़रहाद मोशिरी एक जानी-मानी फ़ुटबॉल कंपनी एवर्टन के मालिक हैं.
और उनकी कंपनियाँ यूएसएम, मेगाफ़न और योटा इस क्लब के मुख्य स्पॉन्सर हैं, और कई लोगों का ये भी मानना है कि उनकी इसमें और ज़्यादा भूमिका हो सकती है.
एवर्टन ने उनके साथ स्पॉन्सरशिप को बुधवार को रोक दिया, और मोशिरी ने यूएसएम के बोर्ड की सदस्यता छोड़ दी.
किसी ने नहीं लगाया प्रतिबंध
रोमन अब्रामोविच रूस के एक जाने-माने अरबपति हैं जो इंग्लैंड के जाने-माने फ़ुटबॉल क्लब चेल्सी के मालिक हैं. मगर उनके ऊपर अभी तक पाबंदी नहीं लगाई गई है, शायद इसलिए क्योंकि समझा जाता है कि पुतिन के दूसरे दोस्तों की अपेक्षा उनका रसूख कम है.
रूस में उनका कितना प्रभाव है, ये भी बहस का विषय रहा है. कुछ का मानना है कि पुतिन उन्हें बस झेल रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि उनका रिश्ता कहीं ज़्यादा क़रीबी है.
अब्रामोविच पुतिन या उनकी क्रेमलिन सरकार से क़रीबी संबंध की बात का पुरज़ोर तरीक़े से खंडन करते हैं, मगर यदि प्रतिबंध लगे तो उनकी 12.4 अरब डॉलर की संपत्ति पर ख़तरा हो सकता है.
पिछले सप्ताह उन्होंने घोषणा की कि वो चेल्सी क्लब को 3 अरब पाउंड (लगभग 300 अरब रुपये) में बेचना चाहते हैं, और बताया जाता है कि लंदन के केन्सिंग्टन पैलेस गार्डेन्स में 15 करोड़ पाउंड यानी लगभग 15 अरब रुपये का उनका घर भी बिक्री के लिए उपलब्ध है.
अब्रामोविच ने अपनी संपत्ति 1990 के दशक में बनाई और उनकी गिनती बोरिस येल्तसिन के दौर के असल ओलिगार्कों में होती है.
उन्हें सबसे बड़ा मौक़ा मिला जब उन्होंने सिबनेफ़्ट नाम की तेल कंपनी को कौड़ी की कीमतों में ख़रीदा.
उनकी संपत्तियों में एक्लिप्स शामि है, जो दुनिया की तीसरी सबसे लंबी यॉट है, जो पिछले सप्ताह ब्रिटिश वर्जिन आइल्स में सैर कर रही थी. साथ ही उनकी संपत्ति में सोलैरिस नाम की एक दूसरी यॉट भी आती है जो बार्सिलोना में तट पर टिकी थी.
उन्होंने हाल के कुछ सालों में ब्रिटेन से अपने आप को समेटना शुरू कर दिया है. 2018 में उन्होंने फ़ैसला किया कि वो ब्रिटिश वीज़ा को रिन्यू नहीं करवाएँगे. उन्होंने हाल में इसराइल का पासपोर्ट हासिल किया और अब वो उसी पासपोर्ट पर लंदन आवाजाही करते हैं.
और पहले वो इंग्लैंड में चेल्सी के अपने मैदान स्टैमफ़ोर्ड ब्रिज में होनेवाले टीम के हर मैच में मौजूद होते थे, वहाँ अब वो बहुत कम ही दिखाई देते हैं.
अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
राष्ट्रपति पुतिन जब सत्ता में आए थे, तो ओलेग डेरिपाक्सा के पास पहले से ही अकूत संपत्ति थी, तब उनके पास 28 अरब डॉलर की संपत्ति थी. मगर अब समझा जाता है कि उनकी संपत्ति घट कर 3 अरब डॉलर रह गई है.
90 के दशक में वो अल्युमिनियम के कारोबार में संघर्ष करते हुए शिखर तक पहुँचे. अमेरिका ने कहा कि वो मनी लॉन्डरिंग, रिश्वतख़ोरी, उगाही और गुटबाज़ी में लिप्त थे.
अमेरिका ने साथ ही आरोप लगाए कि "उन्होंने एक बिज़नेसमैन की हत्या के आदेश दिए और उनके तार एक रूसी संगठित आपराधिक गुट से जुड़े थे". वो इन आरोपों से इनकार करते हैं.
साल 2008 के वित्तीय संकट में उन्हें भारी घाटा हुआ, और उन्हें इससे उबरने के लिए पुतिन की ज़रूरत महसूस हुई. राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें बेइज़्ज़त किया जब सबके सामने उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि उन्होंने एक पेन चुराया है.
उसके बाद से, ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी स्थिति बदली, और मुएलर रिपोर्ट में उनका नाम एक ऐसे शख्स के तौर पर लिया गया, जो राष्ट्रपति पुतिन के काफ़ी क़रीबी थे. मुएलर रिपोर्ट 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की रूसी कोशिशों की अमेरिकी जाँच के बाद आई थी.
उन्होंने एक ग्रीन एनर्जी और मेटल्स कंपनी, एन+ ग्रुप की स्थापना की जो लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट की गई, मगर बाद में उन्होंने इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 50% से कम कर ली.
जब उनपर 2018 में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए. उस समय, उनकी एक बड़ी कंपनी बेसिक एलिमेंट ने एक बयान जारी किया था जिसमें इन प्रतिबंधों को "निराधार, हास्यास्पद और बकवास" बताया गया था.
उनके पास ब्रिटेन की सरे काउंटी के वेब्रिज में हैमस्टोन हाउस नाम की एक आर्ट डेको प्रॉपर्टी है जिसे वो ब्रिटेन में एक रूसी जासूस स्क्रिपाल को ज़हर देने की घटना के बाद ब्रिटेन और रूस के बीच गहराए विवाद के बाद से ही 1 करोड़ 80 लाख पाउंड यानी लगभग एक अरब 80 करोड़ रुपये में बेचना चाह रहे हैं.
उनके पास क्लियो नाम की एक यॉट भी है जो पिछले सप्ताह मॉलदीव में थी.
प्रतिबंधों का सामना करने वाले दूसरे ओलिगार्कों से अलग डेरिपास्का इस युद्ध को लेकर खुलकर राय जताते रहे हैं और सोशल मीडिया पर शांति की अपील करते रहे हैं. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा- "जितनी जल्दी हो सके बातचीत शुरू होनी चाहिए."
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने लगाए प्रतिबंध
व्लादिमीर पुतिन के साथ इगोर सेचिन के संबंध पुराने और गहरे हैं - ये कहते हुए यूरोपीय संघ ने 28 फ़रवरी को उनके ख़िलाफ़ प्रतिबंधों की घोषणा की. समझा जाता है कि वो पुतिन के सबसे वफ़ादार और क़रीबी सलाहकारों में से एक हैं, साथ ही वो उनके निजी मित्र भी हैं, और समझा जाता है कि दोनों में रोज़ाना बात होती है.
उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को निर्दयता से हटाते हुए तरक्की की, और इसलिए रूसी प्रेस में उनको डार्थ वेडर के नाम से पुकारा जाता है. 2008 के समय की अमेरिकी दूतावास के एक लीक दस्तावेज़ में उन्हें एक ऐसा शख़्स बताया गया था "जो इतना रहस्यमय है कि ये मज़ाक किया जाता है कि शायद उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है, बल्कि वो एक मिथक है, जिसे रूसी सत्ता ने भय पैदा करने के लिए गढ़ा है."
अमेरिका ने उनके ऊपर 2014 में प्रतिबंध लगाया था, जिसे उन्होंने पूरी तरह से "नाजायज़ और ग़ैर-क़ानूनी" बताया. अमेरिका ने 24 फ़रवरी को नए प्रतिबंधों का एलान किया.
सेचिन ने राजनीति और कारोबार दोनों में हाथ आज़माया, कई बार तो वो एक साथ दोनों ही क्षेत्रों में ऊँचे ओहदों पर रहे.
उन्होंने इसके पहले 90 के दशक में से पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में मेयर दफ़्तर में काम किया था, और ऐसा बहुत लोग मानते हैं कि वो सोवियत ज़माने में ख़तरनाक मानी जाने वाली ख़ुफ़िया एजेंसी केजीबी के साथ थे, हालाँकि उन्होंने खुलकर इसे कभी स्वीकार नहीं किया है.
वो रूस में ही बसे हैं, मगर किसी को नहीं पता उनके पास कितने पैसे हैं. फ़्रांस ने एक समय उनकी एक यॉट अमॉरे वेरो को सीज़ कर लिया था, जिसका संपर्क उनसे बताया गया था जब उनकी दूसरी पत्नी ओल्गा सेचिना इस यॉट से तस्वीरें पोस्ट करती रहीं. उसके बाद उनका तलाक़ हो गया है.
मगर इन बातों के बावजूद, इस बात के आसार बहुत कम ही हैं कि उनकी विदेशों में जमा संपत्ति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा, और इस यॉट के अलावा उनकी और संपत्तियों को ट्रैक कर उसे फ़्रीज़ किया जा सकेगा.
अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
अलेक्सी मिलर पुतिन के एक और पुराने दोस्त हैं. उन्होंने भी कामयाबी राष्ट्रपति पुतिन की वफ़ादारी के ज़रिए बनाई. इसकी शुरुआत तब हुई जब वो 90 के दशक में सेंट पीटर्सबर्ग के मेयर कार्यालय की विदेशी संबंध समिति में पुतिन के सहायक थे.
वो 2001 से रूस की सरकारी तेल कंपनी गैज़प्रॉम के ताक़तवर प्रमुख रहे हैं, मगर उनकी नियुक्ति चौंकाने वाली थी, और ये माना जाता रहा है कि वो बस अपने पुराने आका का हुक्म बजा रहे हैं.
2009 में रूस में अमेरिका के राजदूत ने गैज़प्रॉम को एक "अक्षम, राजनीतिक और भ्रष्ट" कंपनी बताया था.
मिलर पर 2014 में क्राइमिया के विलय के बाद उनपर प्रतिबंध नहीं लगा था, मगर 2018 में जब अमेरिका का नाम लिस्ट में शामिल किया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसपर गर्व है.
तब उन्होंने कहा था, पहली लिस्ट में नाम नहीं आने के बाद मुझे तो संदेह होने लगा - "शायद कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं? मगर आख़िरकार मेरा नाम जोड़ा गया. इसका मतलब है कि हम जो भी कर रहे हैं वो सही है."
ऐसा लगता नहीं कि रूस के बाहर उनकी संपत्ति का आसानी से पता लगाया जा सकता है, और इस बात की जानकारी नहीं है कि उनकी कुल संपत्ति कितनी है.
यूरोपीय संघ से प्रतिबंधित
यूरोपीय संघ ने प्योत्र एवन (तस्वीर में बाईं ओर) को राष्ट्रपति पुतिन के सबसे क़रीबी ओलिगार्कों में से एक बताया है. और वो मिखाइल फ़्रिडमैन को पुतिन के अंदरुनी कुनबे को चलानेवाला शख़्स मानता है.
दोनों ने मिलकर रूस का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक अल्फ़ा बैंक बनाया.
मुएलर रिपोर्ट में कहा गया है कि एवन ने साल में लगभग चार बार पुतिन से मुलाक़ात की, और वो बैठकों मे पुतिन जो भी सुझाव या आलोचनाएँ किया करते थे, उसे निर्देश माना करते थे, और अगर वो उनका पालन नहीं करते तो उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता था."
इन दोनों को पुतिन ने 2016 में भविष्य में लग सकने वाले प्रतिबंधों को लेकर आगाह कर दिया था.
पिछले सप्ताह इन दोनों लोगों ने लंदन स्थित लेटरवन इन्वेस्टमेंट ग्रुप से इस्तीफ़ा दे दिया जिसे उन्होंने 10 साल पहले गठित किया था. यूरोपीय संघ ने 28 फ़रवरी को उनके शेयर फ्रीज़ कर दिए थे.
एवन ने लंदन के प्रतिष्ठित संगठन रॉयल एकेडमी ऑफ़ आर्ट्स के ट्रस्टी पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया है.
दोनों व्यवसायियों ने कहा कि वो "उन फ़र्ज़ी आधारों को पुरज़ोर तरीके़ से और हर उपलब्ध तरीक़े से चुनौती देंगे जिनके नाम पर प्रतिबंध लगाए गए हैं".
समझा जाता है कि फ़्रिडमैन की संपत्ति लगभग 12 अरब डॉलर होगी, और वो लंदन में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंट से लगे एक घर में रहते हैं, और उनके पास लंदन में ऐथलॉन हाउस नाम की एक और विशाल प्रॉपर्टी है जो उन्होंने 2016 में साढ़े छह करोड़ पाउंड यानी लगभग साढ़े छह अरब रुपये में ख़रीदी थी.
पिछले सप्ताह लंदन में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने यूक्रेन युद्ध को एक बड़ी त्रासदी बताया, मगर कहा कि वो पुतिन सरकार की सीधी आलोचना नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा करने से सैकड़ों हज़ारों कर्मचारियों की नौकरियों पर ख़तरा हो सकता है. (bbc.com)