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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाषा विवाद से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है, “उर्दू देश की भाषा है. उर्दू ने आज़ादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण निभाई है, लेकिन जाने क्यों प्रधानमंत्री की पार्टी उर्दू से इतनी नफ़रत करती है?”
ओवैसी ने अपने बयान में कहा,“हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि आपकी पार्टी उर्दू से इतनी नफ़रत क्यों करती है? उर्दू भी तो इस देश की ज़ुबान है. भारत की जंग-ए-आज़ादी में एक महत्वपूर्ण रोल निभाया है. तो उर्दू से आख़िर इतनी तक़लीफ़ क्यों हो जाती है, बीजेपी को, प्रधानमंत्री को.”
ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को जब पार्लियामेंट में शेर पढ़ना होता है तो उर्दू का शेर पढ़ते हैं लेकिन उर्दू को पसंद नहीं करते हैं. ये क्या बात है.
उन्होंने कहा कि उर्दू सिर्फ़ मुसलमानों की ज़ुबान नहीं है, उर्दू इस देश की ज़ुबान है.
ओवैसी की यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि इससे महज़ दो दिन पहलेजयपुर में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पीएम मोदी ने हाल के दिनों में राष्ट्र भाषा पर छिड़ी बहस पर अपनी राय दी थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देना, हर क्षेत्रीय भाषा के प्रति हमारे कमिटमेंट को दिखाता है. भाजपा, भारतीय भाषाओं को भारतीयता की आत्मा मानती है और राष्ट्र के बेहतर भविष्य की कड़ी मानती है.” (bbc.com)