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'सोशल मीडिया ट्रायल न्याय व्यवस्था में हस्तक्षेप'
04-Jul-2022 1:41 PM
'सोशल मीडिया ट्रायल न्याय व्यवस्था में हस्तक्षेप'

 

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, "ट्रायल अदालतों में होने वाली एक अनिवार्य प्रक्रिया है. हालांकि, आजकल के संदर्भ में डिज़िटल मीडिया की ओर से होने वाला ट्रायल न्याय व्यवस्था में अनुचित हस्तक्षेप है, जो उस लक्ष्मण रेखा को कई बार पार करता है."

डिज़िटल और सोशल मीडिया के बारे में उन्होंने कहा, "इन वर्गों के पास केवल आधा सच होता है और वे इसके आधार पर ही न्यायिक प्रक्रिया की समीक्षा शुरू कर देते हैं." उन्होंने कहा कि वे न्यायिक अनुशासन की अवधारणा, बाध्यकारी मिसालों और न्यायिक विवेक की अंतर्निहित सीमाओं से भी अवगत नहीं हैं.

जस्टिस पारदीवाला ने कहा, "जजों पर उनके दिए फ़ैसलों को लेकर किए गए हमले एक ख़तरनाक स्थिति की ओर ले जाते हैं, जहाँ न्यायाधीश क़ानून क्या कहता है पर ध्यान देने से अधिक ये सोचेंगे कि मीडिया क्या सोचता है. ये अदालतों के पवित्रता और सम्मान की अनदेखी करते हुए क़ानून के शासन को आग के हवाले कर देगा."

जस्टिस पारदीवाला ने कहा, सोशल और डिज़िटल मीडिया का पूरी तरह से क़ानूनी और संवैधानिक मुद्दों के राजनीतिकरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद इसका एक उदाहरण है. "ये एक भूमि और उस पर मालिकाना हक़ का विवाद था, जो एक ईश्वर से जुड़ा था. हालांकि, जब तक आख़िरी फ़ैसला सुनाया गया, तब तक ये मुद्दा राजनीतिक रूप ले चुका था."

उन्होंने कहा, "ख़ासतौर पर संवेदनशील मामलों के संदर्भ में, जो विचाराधीन हैं, डिज़िटल और सोशल मीडिया का नियमन संसद को करना चाहिए."

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को बताया कि उन्होंने चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर तालिब हुसैन को गिरफ़्तार किया है. पुलिस के अनुसार हुसैन को गाँव वालों ने पकड़कर सुरक्षाबलों को सौंपा था.

हालाँकि, अब तालिब हुसैन को लेकर नया विवाद गहरा गया है. अंग्रेज़ी अख़बार द टेलिग्राफ़ के अनुसार, हुसैन कम-से-कम इस साल मई महीने तक बीजेपी में एक अहम पद को संभाल रहे थे.

अख़बार ने ऐसी कई तस्वीरों का भी ज़िक्र किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना के साथ हुसैन की शक्ल से मिलता-जुलता शख्स दिख रहा है.

टेलिग्राफ़ ने सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे एक बीजेपी की कथित चिट्ठी का भी ज़िक्र किया है जिसमें हुसैन को पार्टी के माइनॉरिटी सेल के आईटी डिपार्टमेंट का प्रमुख बनाने की जानकारी दी गई है.

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इस कथित आदेश में लिखा है, "राजौरी ज़िले के तालिब हुसैन शाह तत्काल प्रभाव से जम्मू प्रांत के बीजेपी माइनॉरिटी मोर्चा के नए आईटी और सोशल मीडिया इनचार्ज होंगे." ये आदेश कथित तौर पर 9 मई को जारी किया गया था.

इससे पहले ऐसी भी ख़बरे आ चुकी हैं कि राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या करने वालों में से एक रियाज़ अत्तारी का भी बीजेपी से कनेक्शन था. हालाँकि, पार्टी ने इन दावों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है.

रविवार को जम्मू के रियासी में तुकसोन ढोक गांव के लोगों ने बहादुरी दिखाते हुए तालिब हुसैन सहित दो चरमपंथियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था.

अधिकारियों ने गाँव वालों के साहस के लिए 7 लाख रुपये इनाम के तौर पर देने की घोषणा की थी.

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस कमिश्नर दिलबाग़ सिंह ने भी गाँव वालों को 2 लाख़ रुपये इनाम देने का एलान किया था.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया, "मैं तुकसोन ढोक गांव के लोगों की बहादुरी को सलाम करता हूं, जिन्होंने दो वांछित आतंकवादियों को पकड़ा. आम आदमी की इस प्रतिबद्धता से दिखता है कि आतंकवाद का अंत दूर नहीं है. आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस बहादुरी के लिए केंद्र शासित प्रदेश की सरकार गाँव वालों को 5 लाख़ रुपये इनाम के तौर पर देने का एलान करती है."

वहीं, एडिशनल डायरेक्टर-जनरल ऑफ़ पुलिस मुकेश सिंह ने कहा कि हाल ही में उधमपुर और पीर पांचाल ज़िलों में सीरियल धमाके करने वाले जिन मॉड्यूलों का भांडाफ़ोड़ हुआ, हुसैन उनके मास्टरमाइंड्स में शामिल रहा है. (bbc.com)

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