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नई दिल्ली, 12 दिसंबर । हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. इसके साथ ही विपक्ष के नेता रहे मुकेश अग्निहोत्री ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
इस शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आदि शामिल हुए. लेकिन इन दोनों नेताओं का नाम सामने आने से पहले प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह का नाम चल रहा था. लेकिन आख़िर में सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बन गए.
अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, सुख्खू और अग्निहोत्री का नाम सामने आने के बाद से सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा तो उनके परिवार में से किसी को मुख्यमंत्री या उप-मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया.
इसे समझने के लिए हमने हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण गोपाल ठाकुर से बात की.
उन्होंने कहा, 'प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री न बनाना काफ़ी हद तक लोगों को समझ में आता है, लेकिन विक्रमादित्य का नाम डिप्टी सीएम से भी बाहर होना एक बड़ा सियासी संदेश है. इसके कई मायने निकाले जा सकते हैं.'
कांग्रेस आला कमान किसी भी हालत में अभी उपचुनाव नहीं चाहती है. सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक चुने जा चुके हैं, जबकि प्रतिभा सिंह अभी सांसद हैं. अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो कांग्रेस को दो उपचुनाव कराने पड़ते. पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा सीट पर. इस बार हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव में मंडी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई है. मतलब अगर उपचुनाव होते तो कांग्रेस को ये सीट हारने का डर था. वहीं, विधानसभा के अन्य सीटों पर भी जो जीत मिली है, वो बहुत कम मार्जिन से मिली है. ऐसे में उपचुनाव में भी हार का डर था.
कांग्रेस पर हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता रहा है. प्रतिभा सिंह के पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे. उनके बेटे भी विधायक हैं और खुद प्रतिभा सिंह सांसद हैं. ऐसे में अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री या विक्रमादित्य को उप मुख्यमंत्री बनाया जाता तो एक बार फिर से कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगता.
कांग्रेस ने हिमाचल के चार में से तीन लोकसभा क्षेत्रों में पड़ने वाली विधानसभाओं में बेहतर प्रदर्शन किया. वह भी तब जब इन तीनों लोकसभा पर भाजपा का कब्जा है. लेकिन जहां से कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सांसद हैं, वहां काफी खराब रिजल्ट गया. मंडी लोकसभा की 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को हार मिली. (bbc.com/hindi)