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उत्तराखंड, 8 जनवरी । उत्तराखंड के जोशीमठ में ज़मीन धंसने के ख़तरे के बीच शंकराचार्य मठ में भी दरारें आ गई हैं.
पिछले 15 दिनों में धार्मिक संस्था शंकराचार्य मठ में कई जगहों पर गहरी दरारें देखी गई हैं.
जोशीमठ प्रशासन के मुताबिक 15 दिनों में दरारें बढ़ गई हैं.
मठ प्रमुख स्वामी विश्वप्रियनंदा ने इसके पीछे जलवायु को वजह बताते हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''इस इलाक़े में विकास तबाही की वजह बन गया है. यहां बन रहे हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट्स और सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है. पहले कोई दरारें नहीं थीं पर अब मठ में दरारें बढ़ रही हैं.''
जोशीमठ को हिंदुओं का पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है.
यहां सर्दियों में भगवान बद्रीनाथ को मुख्य बद्रीनाथ मंदिर से जोशीमठ में वासुदेव मंदिर में लाया जाता है.
लेकिन, इस इलाक़े में घरों में दरारें आने के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
लोग घरों के बाहर सो रहे थे और कई दिनों से प्रशासन से गुहार लगा रहे थे.
फिलहाल प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन रिहैब सेंटर पहुंचा रहा है और इलाक़े में पावर प्रोजेक्ट्स रोक दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले पर आज दोपहर उच्च-स्तरीय बैठक करने वाला है.
ये बैठक पीएम के प्रधान सचिव डॉक्टर पीके मिश्रा लेंगे.
इस बैठक में कैबिनेट सचिव, वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य शामिल होंगे. (bbc.com/hindi)