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इमेज स्रोत, BETTMANN इमेज कैप्शन, जॉर्डन के क्राउन प्रिंस हुसैन (दाएं) के साथ मुकर्रम जाह (तस्वीर साल 1952 की है)
-मुकर्रम जाह
हैदराबाद रियासत के आख़िरी निज़ाम रहे मीर उस्मान अली ख़ान के पोते मुकर्रम जाह का शनिवार को तुर्की के इस्तांबुल शहर में निधन हो गया. वो 89 साल के थे.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार, मुकर्रम जाह के निधन के साथ भले ही अनौपचारिक ही सही, लेकिन हैदराबाद रियासत का अंत हो गया.
मुकर्रम जाह का पार्थिव शरीर 17 जनवरी को तुर्की से हैदराबाद लाया जाएगा. मुकर्रम जाह के शव को चारमिनार के पास ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में उनके पूर्वजों की क़ब्र के साथ दफ़नाया जाएगा.
साल 1933 में पैदा हुए मुकर्रम जाह तुर्की चले गए थे और वहीं रह रहे थे.
मुकर्रम जाह के परिवार ने कहा है कि उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी जानकारी जल्द ही बताई जाएंगी.
शिक्षा और गरीबों को दवाइयां उपलब्ध कराने के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के मद्देनजर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चेंद्रशेखर राव ने जाह को राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-ख़ाक करने का निर्देश दिया.
मुकर्रम जाह का जन्म मीर हिमायत अली ख़ान उर्फ आज़म जाह बहादुर के घर हुआ था, जो हैदराबाद रियासत के सातवें निज़ाम मीर उस्मान अली खान के पुत्र थे. हैदराबाद रियासत का वर्ष 1948 में भारतीय संघ में विलय हो गया था. (bbc.com/hindi)