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मेटा की कार्यप्रणाली सरकारी विभाग से भी बदतर: दिल्ली उच्च न्यायालय
30-Apr-2024 10:32 PM
मेटा की कार्यप्रणाली सरकारी विभाग से भी बदतर: दिल्ली उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा की कार्यप्रणाली सरकारी विभाग से भी बदतर है क्योंकि वह मीडिया समूह टीवी टुडे नेटवर्क को उसकी शिकायत पर ठीक से जवाब देने में विफल रही।

अदालत ने इंस्टाग्राम पर मीडिया समूह के पेज हार्पर बाजार इंडिया को ‘ब्लॉक’ करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा की पीठ ने प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा की खिंचाई करते हुए कहा कि अगर मीडिया संस्थान की शिकायत पर फैसला नहीं किया जाता है, तो अदालत प्रथम दृष्टया टिप्पणी करेगी कि सोशल मीडिया मंच टीवी टुडे के वकील को चक्कर लगवा रहा है।

पीठ ने कहा, ‘‘आप सरकारी विभाग से भी बदतर हैं। आपको सावधान रहना चाहिए। आपको स्थिति के प्रति सचेत रहना होगा। आपकी प्रणाली काम नहीं कर रही है। इसे ठीक करना होगा।’’ पीठ ने कहा कि मेटा को चीजें दुरुस्त करनी चाहिए अन्यथा अदालत आदेश पारित कर सकती है।

अदालत टीवी टुडे नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मीडिया संस्थान ने तीसरे पक्ष द्वारा उसके कॉपीराइट के उल्लंघन को लेकर शिकायत पर उसके इंस्टाग्राम पेज को ब्लॉक करने के खिलाफ अदालत का रुख किया है।

इसने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 के नियम 3(1)(सी) की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है।

मीडिया संस्थान के वकील ने कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत के बारे में मेटा और शिकायत निवारण अधिकारी से भी संपर्क किया, लेकिन उन्हें केवल यही जवाब मिला कि उन्होंने सही जगह पत्र नहीं लिखा है। उन्होंने अदालत को ईमेल भी दिखाया।

मेटा के वकील ने कहा कि इंस्टाग्राम पेज को कॉपीराइट के संबंध में तीन शिकायतों के बाद ‘ब्लॉक’ कर दिया गया था और मीडिया संस्थान द्वारा दिखाया गया ईमेल शिकायत को अस्वीकार करने का निर्णय नहीं बल्कि स्वत: आने वाला उत्तर था।

सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को मेटा के वकील की मौजूदगी में जरूरी फॉर्म भरकर वापस आने को कहा। कुछ देर बाद याचिकाकर्ता के वकील लौटे और कहा कि शिकायत फिर से खारिज कर दी गई है।

इस पर अप्रसन्नता जताते हुए पीठ ने मेटा के वकील से कहा, ‘‘आप अड़ियल रवैया नहीं अपना सकते। हम जो कह रहे हैं उसका पालन करें। आप समझ नहीं पा रहे हैं कि हम क्या कह रहे हैं...हम आपके प्रति नरमी दिखा रहे हैं। हमने आपको चीजें ठीक करने के लिए पर्याप्त समय दिया है...आपके पास अरबों उपयोगकर्ता हो सकते हैं लेकिन आपके यहां सुचारू व्यवस्था नहीं है।’’

पीठ ने वकील से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मीडिया संस्थान की शिकायत पर विचार किया जाए और उचित निर्णय लिया जाए। अदालत ने मेटा के वकील को बेहतर जवाब के साथ आने के लिए कहते हुए मामले को बुधवार को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। (भाषा)

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