ताजा खबर

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने राज्यपाल से बलौदाबाजार आगजनी की सीबीआई जांच की मांग की
05-Jul-2024 9:49 AM
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने राज्यपाल से बलौदाबाजार आगजनी की सीबीआई जांच की मांग की

रायपुर, चार जुलाई। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पिछले महीने छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में हुई आगजनी की घटना को लेकर सतनामी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने हिंसा की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की।

आजाद ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को राजभवन में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को ज्ञापन सौंपा।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के मुख्यालय बलौदाबाजार शहर में 10 जून को भीड़ ने एक सरकारी इमारत और 150 से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी थी। इस सरकारी इमारत में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कार्यालय हैं।

यह घटना इस साल मई में एक धार्मिक ढांचे में कथित तोड़फोड़ के खिलाफ सतनामी समुदाय द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी।

पंद्रह-16 मई की रात को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के करीब अज्ञात लोगों ने सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' या 'विजय स्तंभ' को तोड़ दिया था।

मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। घटना के विरोध में समाज ने 10 जून को दशहरा मैदान बलौदाबाजार में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव होने के बाद जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके तहत बलौदाबाजार शहर में चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई थी।

पुलिस के मुताबिक, आगजनी के सिलसिले में अब तक 151 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ भीम आर्मी से जुड़े हैं।

आजाद आज सुबह रायपुर पहुंचे और राजभवन में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा तथा उनसे घटना का संज्ञान लेने और इसकी सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया।

आजाद ने यह भी दावा किया कि मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया गया और गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की है।

राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा कि बलौदाबाजार में आगजनी की घटना निंदनीय है और इसमें कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों के खिलाफ नहीं।

उन्होंने कहा, "घटना की न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं और जांच समिति ने तफ्तीश के लिए तीन महीने का समय मांगा है, लेकिन सतनामी समाज के लोगों के खिलाफ चुनिंदा तरीके से कार्रवाई की जा रही है। उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, प्रताड़ित किया जा रहा है और परेशान किया जा रहा है।"

आजाद ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने 'मनखे मनखे एक समान' और अहिंसा का संदेश दिया है तथा यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कि सरकार, प्रशासन और पुलिस सतनामी समाज को हिंसक बताने में लगी हुई है।

उन्होंने कहा कि यदि जांच के नाम पर भीम आर्मी, सतनामी समाज और अन्य संगठनों के सदस्यों को परेशान किया जाएगा तो “हम इस मुद्दे को दिल्ली में उठाएंगे और गृह मंत्री का घेराव करेंगे।”

सांसद ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से समाज के कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षा की मांग की है।

आजाद ने मांग की कि आगजनी की घटना की जांच सीबीआई से कराई जाए।

जिले में आगजनी की घटना के बाद राज्य सरकार ने बलौदाबाजार-भाटापारा कलेक्टर केएल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार को स्थानांतरित कर दिया था और जिले में सतनामी समुदाय के ‘जैतखाम’ को नुकसान पहुंचाने के बाद उचित कार्रवाई नहीं करने के आरोप में दोनों को निलंबित कर दिया था।

राज्य के खाद्य विभाग के मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कांग्रेस नेताओं पर 10 जून को विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था।

उनके आरोपों का खंडन करते हुए कांग्रेस ने दावा किया था कि मंत्रियों ने अपनी सरकार की विफलता और अक्षमता को छिपाने के लिए कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस ने यह भी दावा किया था कि बलौदाबाजार में 10 जून के विरोध प्रदर्शन के लिए सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं ने प्रदर्शनकारियों की व्यवस्था की थी। (भाषा)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news