ताजा खबर

राज्यों की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र ने जीएसटी राजस्व का बड़ा हिस्सा छोड़ा: पूर्व सीईए
05-Jul-2024 9:54 AM
राज्यों की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र ने जीएसटी राजस्व का बड़ा हिस्सा छोड़ा: पूर्व सीईए

नयी दिल्ली, 4 जुलाई। केंद्र ने नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने के बाद हर साल राज्यों को दी जाने वाली 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति की गारंटी के लिए जीएसटी राजस्व का एक बड़ा हिस्सा छोड़ा है। यह सकल घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत तक है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

जीएसटी व्यवस्था के क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल रहे सुब्रमण्यम ने यह भी कहा कि इस समय पेट्रोल और शराब को जीएसटी के तहत लाना उचित नहीं होगा।

जीएसटी एक जुलाई, 2017 को अमल में आया। इसमें 17 करों और 13 उपकरों को समाहित किया गया। इससे कुल मिलाकर कर व्यवस्था सरल हुई।

सेंटर फॉर सोशल एंड इकनॉमिक प्रोग्रेस (सीएसईपी) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि जीएसटी सहकारी संघवाद और राजकोषीय केंद्रीकरण के विपरीत एक उल्लेखनीय उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी ने गरीब राज्यों को लाभ पहुंचाने के लिए अपेक्षा के अनुरूप व्यापक रूप से काम किया है।

वर्तमान में पीटरसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकनॉमिक्स के वरिष्ठ फेलो सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘केंद्र को पिछले सात साल में हर साल राजस्व में सकल घरेलू उत्पाद का आधा से एक प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि उपकर को दर के तर्कसंगत ढांचे में लाने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि भविष्य में क्षतिपूर्ति की आवश्यकता नहीं हो।

जाने-माने अर्थशास्त्री ने कहा कि दरों में कटौती के बावजूद जीएसटी राजस्व जीएसटी-पूर्व स्तर पर वापस आ गया है। इससे पता चलता है कि संग्रह में सुधार हुआ है और अप्रत्यक्ष कराधान अधिक प्रगतिशील हुआ है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी ढांचे में सुधार बेहद जरूरी है लेकिन ऐसा होने की संभावना बहुत कम है।

शराब और पेट्रोलियम को जीएसटी व्यवस्था के तहत लाने के बारे में सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अब राज्यों पर अधिक राजकोषीय संप्रभुता छोड़ने के लिए दबाव डालना राजनीतिक रूप से उचित है।’’

वित्त वर्ष 2021-22 के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर बंद कर दिया गया था।

सकल जीएसटी संग्रह जून में आठ प्रतिशत बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा है। (भाषा)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news