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भोपाल, 30 सितंबर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि नक्सलवाद मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के दो या तीन जिलों तक सीमित है और यह वामपंथी उग्रवाद अगले डेढ़ साल में इतिहास बन जाएगा।
माओवादी विरोधी अभियानों में शामिल सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अमित कुमार ने कहा कि नक्सल आंदोलन अपने अंतिम चरण में है।
एडीजी कुमार ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, "नक्सली आंदोलन अपने अंतिम चरण से गुजर रहा है। राष्ट्रीय परिदृश्य में छत्तीसगढ़ के दो या तीन जिलों को छोड़कर, अन्य सभी क्षेत्रों में यह पूरी तरह नियंत्रण में है।"
एडीजी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 400 किलोमीटर दूर नीमच शहर में सीआरपीएफ के भर्ती प्रशिक्षण केंद्र में उप-निरीक्षकों के एक नए बैच की पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि थे।
उन्होंने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल जैसे कुछ अन्य राज्य जो पहले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, अब नक्सल मुक्त हो गए हैं।
एडीजी कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दो से तीन जिलों के अलावा झारखंड के एक जिले के हिस्से में एक नक्सली समूह सक्रिय है।
सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि एक समय था जब देश भर में 120 जिले सशस्त्र माओवादी आंदोलन से प्रभावित थे।
उन्होंने कहा कि अब नक्सलवाद के निशान कुछ ही जिलों तक सीमित रह गए हैं और वह भी इन जिलों के कुछ हिस्सों तक ही सीमित हैं।
कुमार ने कहा, "यह (नक्सलवाद) एक से डेढ़ साल में इतिहास का हिस्सा बन जाएगा।" (भाषा)