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बिलासपुर, 5 अक्टूबर। दुर्घटना में घायल अपने तड़पते बेटे के इलाज में देरी से परेशान पिता के मामले में हाईकोर्ट ने आज राज्य शासन से शपथपत्र सहित जवाब पेश करने के निर्देश दिए। शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि घायल युवक को प्राथमिक चिकित्सा दी गई थी और एमआरआई जैसी जांच के लिए सिम्स रेफर किया गया था। इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए।
स्थानीय मीडिया में बताया गया था कि एक घायल युवक को उसके पिता बिलासपुर जिला अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण युवक को सिम्स रेफर कर दिया गया। इस बीच बेटा दर्द से तड़पता रहा और उसे तत्काल इलाज नहीं मिल सका। इस समाचार पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। राज्य की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत और उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर कोर्ट में उपस्थित हुए। कोर्ट ने शासन से सवाल किया कि सरकारी अस्पतालों में ऐसी स्थिति बार-बार क्यों उत्पन्न हो रही है। सुनवाई के दौरान शासन ने बताया कि घायल युवक को जिला अस्पताल में सिर्फ प्राथमिक चिकित्सा दी गई थी और आगे की जांच के लिए उसे सिम्स रेफर किया गया था।